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ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं?

ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं?
6% प्रीमियम पर लिस्ट हुई ये कंपनी, कमजोर शुरुआत के बाद रॉकेट बना ये शेयर

भारत-22 ETF में निवेश का मौका ! क्या भारत-22 ETF में बनेगा पैसा

3 OCTOBER को Bharat 22 ETF का चौथा चरण लॉन्च किया जाएगा।

निवेश करने के कई तरीकें हैं, लेकिन आपके लक्ष्यों के मुताबिक, आपके जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार, आपको निवेश का विकल्प चुनना है। योर मनी के जरिए हम आपको आपके मतलब का निवेश बताते हैं। ताकि आपके आर्थिक लक्ष्यों को पाने में कोई देर ना हो जाए।

3 OCTOBER को Bharat 22 ETF का चौथा चरण लॉन्च किया जाएगा। सरकार की इस इश्यू से 8000 करोड़ जुटाने की योजना है। रिटेल इनवेस्टर 4 अक्टूबर से इसमें निवेश कर सकते हैं। इन्हे 3 प्रतिशत डिस्काउंट मिलेगा। Bharat 22 ETF में हर स्टॉक पर 15 प्रतिशत कैपिंग और सेक्टर पर 20 प्रतिशत एक्सपोजर कैपिंग है।

क्या है भारत 22 ETF

भारत 22 ETF एक पेसिव स्कीम है। भारत 22 इंडेक्स को ETF मेप करता है। फंड मैनेजर इंडेक्स के अनुसार रणनीति बनाता है। ETF में कुल 22 कंपनियों के शेयर शामिल हैं। केंद्र सरकार की कंपनियां, SUUTI, PSU बैंक शेयर शामिल हैं। निवेशकों को 3 प्रतिशत का डिस्काउंट मिलेगा। 6 कोर सेक्टर की 22 कंपनियां शामिल हैं।

सरकार इससे 8000 करोड़ जुटाएगी। भारत 22 BSE और NSE पर लिस्ट है। भारत 22 में निवेश करना म्युचुअल फंड जैसा ही है। NFO के लिए ब्रोकरों या AMC ICICI Pru से खरीदारी करनी होती है। ICICI Prudential फंड मैनेजर है।

भारत-22 ETF में पैसे लगाएं

Passive Scheme होने पर, रिटर्न इंडेक्स के प्रदर्शन पर निर्भर है। निवेशकों को ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नही है। चौथे चरण में एनर्जी सेक्टर में एलोकेशन 39 प्रतिशत है। एक सेक्टर में ज्यादा एक्सपोजर जोखिम भरा होता है।

Bharat-22 ETF का पोर्टफोलियो

ONGC
IOC
SBI
BPCL
Coal India
Nalco
Bharat Electronics
Engineers India
NBCC
NTPC
NHPC
SJVNL
GAIL
PGCIL
NLC India
Axis Bank
ITC
L&T
SBI
Indian Bank
Bank of Baroda

भारत-22 ETF डाइवर्सिफिकेशन

भारत-22 ETF में पब्लिक और प्राइवेट कंपनियां शामिल हैं। PSU में एक्सपोजर के लिए निवेश किया जा सकता है। इस चरण में टॉप-5 स्टॉक में 56 प्रतिशत एक्सपोजर मिलेगा। 82 प्रतिशत का एक्सपोजर टॉप-10 स्टॉक में होगा। MF में टॉप- 10 स्टॉक में 35-40 प्रतिशत निवेश किया जाएगा। MF की तुलना में डाइवर्सिफिकेशन की कमी और जोखिम ज्यादा है।

अब तक कितना रिटर्न?

स्कीम 1 साल
भारत- ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं? 22 ETF -1.66%
S&P भारत- 22 -1.61%
कैटेगरी 5.45%

भारत- 22 ETF में निवेश प्रक्रिया

निवेश के लिए Demat या MF अकाउंट होना जरूरी होती है। ICICI Pru MF की वेबसाइट पर जाकर निवेश कर सकते हैं।

धनतेरस पर सिर्फ ज्वैलरी ही नहीं, गोल्ड में निवेश के और भी हैं तरीके, 1 रुपये से कर सकते हैं शुरुआत

दिवाली (Diwali 2022) का त्योहार अब नजदीक है। लेकिन उससे पहले लोग धनतेरस (Dhanteras 2022) की तैयारियों में जुट गए हैं। धनतेरस (Dhanteras Dates 2022) के दिन सोना खरीदना काफी शुभ माना जाता है।

धनतेरस पर सिर्फ ज्वैलरी ही नहीं, गोल्ड में निवेश के और भी हैं तरीके, 1 रुपये से कर सकते हैं शुरुआत

दिवाली (Diwali 2022) का त्योहार अब नजदीक है। लेकिन उससे पहले लोग धनतेरस (Dhanteras 2022) की तैयारियों में जुट गए हैं। धनतेरस (Dhanteras) के दिन सोना खरीदना काफी शुभ माना जाता है। यही वजह है कि लोग धनतेरस के दिन गोल्ड (Dhanteras 2022 Gold Price) की जमकर खरीदारी करते हैं। पहले के समय में सोना सिर्फ फिजिकल (ज्वैलरी, सिक्का आदि) रूप में ही मिलता था। लेकिन समय के साथ गोल्ड (Gold Price Today) खरीदने के नए-नए विकल्प आ गए हैं। अब आप एक रुपये में भी सोना खरीद सकते हैं। आइए जानते हैं की इस धनतेरस आपके पास गोल्ड (Types of Gold) के किन-किन विकल्पों में निवेश कर सकेंगे।

फिजिकल गोल्ड (ज्वैलरी, सिक्का) के फायदे?

सबसे पहले हमारे पुरखों के समय से मौजूद विकल्प पर चर्चा कर लेते हैं। हम बात कर रहे हैं फिजिकल गोल्ड (Physical Gold) की। कोई भी व्यक्ति इस धनतेरस (Dhanteras 2022 Dates), सिक्कों या फिर ज्वैलरी जैसे मौजूद फिजिकल गोल्ड (Gold Price) के विकल्पों में निवेश कर सकता है। लेकिन जब भी इस तरह का सोना खरीदें तो शुद्धता का जरूर ध्यान रखें। क्योंकि हल्की सी चूक आपका लाखों का नुकसान करवा सकती है। ध्यान रहे कि अगर आप इस धनतेरस ज्वैलरी खरीद रहे हैं तो 22 कैरट गोल्ड का विकल्प बेहतर रहेगा। क्योंकि यह काफी ठोस रहता है। वहीं, सोने का सिक्का अगर इस धनतेरस पर खरीद रहे हैं तो 24 कैरेट गोल्ड (24k Gold price) का विकल्प चुन सकते हैं। बता दें, फिजिकल गोल्ड में कस्टम ड्यूटी 15 प्रतिशत, जीएसटी 3 प्रतिशत और मेकिंग चार्ज 5 प्रतिशत का भुगतान करना पड़ता है।

डिजिटल गोल्ड के फायदे?

यह डिजिटल का युग है। ऐसे में अब गोल्ड भी डिजिटल रूप में खरीद सकते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि कोई भी व्यक्ति 1 रुपये में भी डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) खरीद सकता है। निवेशक फोन पे, गूगल पे जैसे मौजूद विकल्पों के जरिए ऑनलाइन डिजिटल गोल्ड खरीद सकते हैं। इसमें उतने पैसे का गोल्ड निवेशक के वॉलेट में जुड़ जाता है। हालांकि फिजिकल गोल्ड की तुलना में यह सस्ता होता है क्योंकि यहां मेकिंग चार्ज और कस्टम ड्यूटी का भुगतान नहीं करना होता है। बता दें, डिजिटल गोल्ड के साथ एक मात्र चुनौती थर्ड पार्टी सिस्टम है। क्योंकि हम डिजिटल गोल्ड (Digital Gold Price) जिस प्लेटफॉर्म के जरिए खरीदते हैं उसका भी हस्ताक्षेप पूरी प्रक्रिया में रहता है।

गोल्ड ईटीएफ के क्या हैं फायदे?

शेयर मार्केट (Stock Market) में निवेश करने वाले व्यक्ति अगर इस धनतेरस (2022 dhanteras date) गोल्ड खरीदने का प्लान अगर बना रहे हैं तो ऐसे लोगों के लिए गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) एक शानदार विकल्प है। ईटीएफ यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, जैसा की नाम स्पष्ट से है कि यहां पूरा मामला ट्रेडिंग (Trading) का है। ऐसे में जब बाजार ओपन रहेगा तो कब कोई निवेशक गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर सकता है,और इसी दौरान इसे बेच भी सकता है। शुद्धता यहा 99.5 या उससे ऊपर रहती है। एक ईटीएफ का मतलब एक ग्राम सोना होता है। निवेशक ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं? को यहां जीएसटी, मेकिंग चार्ज और कस्टम ड्यूटी नहीं देना होता है। लेकिन ब्रोकिंग चार्ज का भुगतान करना पड़ेगा। यहां समस्या बस इस बात की है कि ईटीएफ में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरी है।

गोल्ड फंड्स के फायदे?

यह एक तरह का म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) होता है। इसके लिए निवेशक को किसी प्रकार के डीमैट ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं? अकाउंट की जरूरत नहीं होती है। यानी अगर आप ऐसे डिजिटल गोल्ड में निवेश करने की योजना बना रहे हैं जो पूरी तरह से शेयर मार्केट पर निर्भर रहे तो ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं? गोल्ड फंड्स(Gold Finds) एक बेहतर विकल्पर रहेगा। यहां कस्टम ड्यूटी, मेकिंग चार्ज और जीएसटी नहीं लगता है। बता दें, गोल्ड फंड्स, गोल्ड ईटीएफ में ही निवेश करते हैं। यानी एक तरह से आप इसके जरिए गोल्ड ईटीएफ में ही पैसा लगा रहे हैं। लेकिन यह गोल्ड ईटीएफ की तुलना में महंगा होता है।

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सरकार भी बेचती है सोना

अगर आपको ये सभी तरीके पसंद नहीं हैं तो सरकार से भी सोना खरीद सकते हैं। सरकार साल में कई बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bonds) नाम से किस्त जारी करती है। इसमें निवेशक को फिजिटकल गोल्ड की जगह सरकार की तरफ से सिक्योरिटी जारी की जाती है। सलर शब्दों में कहें तो डिजिटल गोल्ड जिसमें सोने के ग्राम के हिसाब से सरकार गारंटी के रूप में एक कागज देती है। सरकार सालाना निवेशक 2.50 प्रतिशत का ब्याज देती है। इसमें मैच्योरिटी के वक्त सरकार सोने की मौजूदा कीमत के अलावा निवेशक को ब्याज का भुगतान भी करती है। अगर कोई व्यक्ति ऑनलाइन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करता है तो उसे प्रति ग्राम पर 50 रुपये की छूट भी मिलती है। यहां निवेशक को मेकिंग, जीएसटी, कस्टम ड्यूटी जैसा कोई चार्ज नहीं देना होता है। लेकिन एक निवेशक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में तभी पैसा लगा सकता है जब सरकार की तरफ से किस्त जारी की जाएगी। इस साल आखिरी बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की किस्त जून में जारी की गई थी।

भारत बॉण्ड ईटीएफ को मंजूरी, निवेश से पहले समझें बारीकियां

देश में शुरू हुए ये ईटीएफ निवेशकों के लिए कितने सुरक्षित हैं? और निवेश करते समय किन बातों का ख्याल एक निवेशक को रखना चाहिए? इन सवालों का जबाव दिया सर्टिफाइड फाइनेंनशियल प्लानर जितेंद्र सोलंकी.

फोटो साभारः इंडिया टुडे

शुभम शंखधर

  • 04 दिसंबर 2019,
  • (अपडेटेड 04 दिसंबर 2019, 8:24 PM IST)

इक्विटी और डेट आधारित म्युचुअल फंड में अंतर को आसान भाषा में ऐसे समझा जा सकता है कि इक्विटी ईटीएफ में आपका पैसा किसी कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने में जाता है, जबकि डेट में आप उस कंपनी को उधार देते हैं. ऐसे में डेट आधारित उत्पाद इक्विटी की तुलना में ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं.

बुधवार को कैबिनेट ने देश के पहले कॉर्पोरेट बॉण्ड आधारित ईटीएफ ‘’भारत बॉण्ड ईटीएफ’’ को मंजूरी दे दी है. भारत बॉण्ड देश का पहला बॉण्ड ईटीएफ होगा. इससे पहले देश में केवल इक्विटी आधारित ईटीएफ ही ट्रेड होते थे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक इससे सरकारी कंपनियों और संस्थाओं को फंड का अतिरिक्त स्रोत मिलेगा.

भारत बॉण्ड ईटीएफ के अंतर्गत सरकारी संस्थाओं की ओर से जारी बॉण्ड ट्रेड किए जा सकेंगे. ईटीएफ की यूनिट का मूल्य 1000 रुपए होगा, जिससे छोटे निवेशक इसमें ज्यादा से ज्यादा हिस्सेदारी ले सके. इस ईटीएफ के अंतर्गत मैच्योरिटी की दो समयावधि हैं पहली तीन वर्ष और दूसरी आठ वर्ष.

देश में शुरू हुए ये ईटीएफ निवेशकों के लिए कितने सुरक्षित हैं? और निवेश करते समय किन बातों का ख्याल एक निवेशक को रखना चाहिए? इन सवालों का जबाव दे रहे हैं सर्टिफाइड फाइनेंनशियल प्लानर जितेंद्र सोलंकी.

फाइनेंनशियल प्लानर जितेंद्र सोलंकी कहते हैं, 'इस ईटीएफ में निवेश से पहले निवेशकों को यह भलिभांति समझ लेना चाहिए कि यह बॉण्ड बाजार से जुड़ा ईटीएफ है. यह पहला ऐसा मौका होगा जब आम जनता बॉण्ड मार्केट से जुड़ सकेगी ’’ अभी देश में बॉण्ड बाजार से जुड़े उत्पाद बहुत लोकप्रिय नहीं हैं. ऐसे में भारत बॉण्ड ईटीएफ निश्चित तौर पर छोटे निवेशकों को आकर्षित कर सकता है. गोल्ड और इक्विटी आधारित ईटीएफ बाजार में पहले से कारोबार कर रहे हैं, जिससे निवेशक ईटीएफ प्रोडक्ट से परिचित हैं.

बॉण्ड ईटीएफ में कैसे रिटर्न की उम्मीद?

परम्परागत निवेश माध्यम मसलन बैंक डिपॉजिट आदि की तुलना में बॉण्ड ईटीएफ अच्छे रिटर्न दे सकते हैं. हालांकि 3 साल की परिपक्वता वाले ईटीएफ महंगाई की दर को मात दे पाएंगे यह कहना मुश्किल है. सरकारी बॉण्ड की दर ही इन ईटीएफ के रिटर्न का आधार बनेगी.

निवेश में कोई जोखिम है?

भारत बॉण्ड ईटीएफ में नवरत्न कंपनियों के ट्रिपल ए रेटिंग वाले बॉण्ड ही ट्रेड करेंगे. यानी जोखिम सीमित है. लेकिन इस उत्पाद में तरलता एक मुश्किल हो सकती है. यानी लोग जब चाहें तब उन्हें ईटीएफ बेचने में मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है या उन्हें मौजूदा बाजार भाव से नीचे बिकवाली करनी पड़ सकती है. निवेशकों को चाहिए कि निवेश से पहले बॉण्ड ईटीएफ में तरलता की स्थिती का आकलन कर लें.

10 साल की अवधि वाले बॉण्ड निवेश के लिए कैसे?

लंबी अवधि में ये बॉण्ड महंगाई को मात देकर पूंजी को सुरक्षित रख सकते हैं. 7 से 8 फीसदी तक के रिटर्न इन बॉण्ड्स में अपेक्षित हैं. 10 साल की अवधि शेयर बाजार में निवेश के लिहाज से भी बेहतर है. वहां निवेश करके इसी अवधि में अच्छे रिटर्न पाए जा सकते हैं. हालांकि वहां जोखिम ज्यादा है.

ऐसे समय में जब जमा पर ब्याज की दर नीचे जा रही है तब डेट मार्केट के रास्ते छोटे निवेशकों के लिए खोलना निवेश विकल्पों की दृष्टि से बेहतर हो सकता है. लेकिन इनके प्रति जागरुकता बढ़ाने लिए सतत प्रयास जरूरी हैं.

Diwali 2022: इस दिवाली ज्वेलरी के बजाय Gold ETF व FoF में करें निवेश, जानिए बेनिफिट्स

Diwali 2022: निवेश विशेषज्ञों का मानना है कि जैसा यह समय दौर चल रहा है गोल्ड अच्छा प्रदर्शन कर सकता है. अगर आप अपने पोर्टफोलियो को जोखिम से बचाना चाहते हैं तो गोल्ड म्यूच्यूअल फंड में निवेश करें.

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वहीं एक दूसरा तरीका है एफओएफ म्युचुअल का. इसमें रिटेल निवेशक को म्युचुअल फंड हाउस निवेशकों के लिए सोने और चांदी दोनों में निवेश करने की सुविधा देता है. इन म्यूच्यूअल फंड हाउस का मानना है कि एफओएफ में दो मेटल (गोल्ड और सिल्वर ) पर निवेश किया जाता है. आपको बता दें ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं? एफओएफ म्युचुअल फंड में निवेशकों से पैसा लेकर दूसरे म्यूचुअल फंड योजनाओं में पैसा निवेश किया जाता है. यह म्यूच्यूअल फंड योजनाएं उस फंड हाउस की भी हो सकती हैं या फिर दूसरे फंड हाउस की.

निवेश विशेषज्ञों का मानना है कि जैसा यह समय दौर चल रहा है गोल्ड अच्छा प्रदर्शन कर सकता है. अगर आप अपने पोर्टफोलियो को जोखिम से बचाना चाहते हैं तो गोल्ड म्यूच्यूअल फंड में निवेश करें. वही आपका मन सिल्वर में निवेश करने का है तो आप एक छोटा सा निवेश ईटीएफ या एफओएफ के रूप में पोजीशन ले सकते हैं. दरअसल निवेशकों का मानना है कि चांदी तेज मार्केट के समय बेहतर प्रदर्शन करती है. फिलहाल मार्केट उतनी तेजी से नहीं भाग रहा है. साथ ही भारत में सिल्वर फंड को लेकर उतना अच्छा रिकॉर्ड भी नहीं रहा है.

बाजार की अनिश्चितता से बचाएगी

फिलहाल भारत सहित पूरा विश्व इन्फ्लेशन, हाई इंटरेस्ट रेट और रूस यूक्रेन की वॉर से जूझ रहा है. जिसका असर स्टॉक मार्केट सहित निवेशकों के पोर्टफोलियो पर भी दिखाई दे रहा है. इसलिए निवेश विशेषज्ञों ने अपने पोर्टफोलियो को स्थिरता देने के लिए सोने और चांदी में निवेश को अच्छा और स्थिर विकल्प माना है. अक्सर यह देखा जाता है कि निवेशकों में भले ही सोने में निवेश को लेकर अधिक मांग होती है. वहीं चांदी को दोयम दर्जा दिया जाता है. वहीं कुछ निवेश विशेषज्ञों का मानना है कि सोने और चांदी में अलग-अलग निवेश करने के बजाय एक साथ ही निवेश करना चाहिए.

Investment Tips: गोल्ड ईटीएफ क्या है? इसमें निवेश करने की जानिए 5 वजहें

गोल्ड में निवेश करना अब वास्तविक रूप से गोल्ड खरीदने तक सीमित नहीं रहा है। गोल्ड ईटीएफ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है जो वास्तविक गोल्ड की घरेलू कीमत से जुड़ा है। होल्डिंग और शुद्धता के आश्वासन के संबंध में पूर्ण पारदर्शिता के साथ, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से गोल्ड में निवेश करने का यह एक आदर्श विकल्प है।

Updated Nov 19, 2022 | 09:05 AM IST

Gold etf

गोल्ड ईटीएफ में निवेश के टिप्स जानिए

यह सभी जानते हैं कि भारतीय लोग ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं? गोल्ड को पसंद करते हैं। इसके परम्परागत महत्व को देखते हुए, सदियों से विशेष रूप से विशेष अवसरों पर जैसे विवाह या त्योहारों पर गोल्ड एक पसंदीदा उपहार और निवेश रहा है। निवेश के तौर पर, यह मेटल पसंदीदा विकल्पों में आता है क्योंकि इसके साथ लिक्विडिटी की सुविधा के साथ-साथ जब मार्केट में उतार-चढ़ाव होता है, तो आपके पोर्टफोलियों को स्थिरता भी मिलती है। गोल्ड में निवेश करना अब वास्तविक रूप से गोल्ड खरीदने तक सीमित नहीं रहा है। अन्य विकल्प जो अब उपलब्ध हैं, उनसे शुद्धता के साथ समझौता किए बिना सुविधा भी प्राप्त होती है। एक प्रकार का विकल्प गोल्ड ईटीएफ है। ये क्या हैं और क्या ये आपके लिए सही विकल्प है, जानने के लिए पढ़िए।

गोल्ड ईटीएफ क्या है?

गोल्ड ईटीएफ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है जो वास्तविक गोल्ड की घरेलू कीमत से जुड़ा है। गोल्ड ईटीएफ के एक यूनिट की वैल्यू 1 ग्राम वास्तविक गोल्ड से जुड़ी है। स्टॉक की तरह, गोल्ड ईटीएफ को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया है, जहां पर उन्हें डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करके खरीदा और बेचा जा सकता है। होल्डिंग और शुद्धता के आश्वासन के संबंध में पूर्ण पारदर्शिता के साथ, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से गोल्ड में निवेश करने का यह एक आदर्श विकल्प है। अगर आप गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं, तो गोल्ड ईटीएफ के जरिए ऐसा करने के पांच कारणों पर आपको विचार करना चाहिए।

वास्तविक गोल्ड द्वारा समर्थित

गोल्ड ईटीएफ 99.5% शुद्धता से समर्थित होते हैं। गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट एक ग्राम वास्तविक गोल्ड की जारी कीमत के बराबर होती है। जब आप गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट को खरीदते हैं, तो कस्टोडियन द्वारा एक ग्राम वास्तविक गोल्ड खरीदा जाता है। भारत में गोल्ड ईटीएफ में कुल निवेश 20,000 करोड़ रूपये का है। जो कि पांच वर्ष पहले की तुलना में यह चार गुणा हो चुका है। यह अपवर्ड ट्रेंड इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड निवेश के तौर पर गोल्ड ईटीएफ के बढ़ते प्रचार-प्रसार को दिखाता है।

निम्न लागत- निम्न जोखिम निवेश

जोखिम और लागत के संदर्भ में, गोल्ड ईटीएफ वास्तविक गोल्ड से बढ़कर है। गोल्ड ईटीएफ डीमैट अकाउंट के माध्यम से बेचे और खरीदे जाने वाला डिजिटल निवेश है। क्योंकि इन्हें इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर किया जाता है, वास्तविक गोल्ड की तुलना में चोरी का जोखिम बहुत कम है। इसके अलावा, वास्तविक गोल्ड में निवेश करने की लागत उच्च है क्योंकि आभूषणों पर मेकिंग चार्ज लगाए जाते हैं। गोल्ड ईटीएफ के साथ इस प्रकार का कोई चार्ज नहीं जुड़ा है, इसलिए ये कम लागत पर निवेश का साधन हैं।

सरल ट्रेडिंग

क्योंकि गोल्ड ईटीएफ को ऑनलाइन खरीदा जाता है और उन्हें डीमैट अकाउंट में धारित किया जाता है, किसी भी निवेशक द्वारा कभी भी इसे खरीदा और बेचा जा सकता है। इनसे उच्च लिक्विडिटी भी मिलती है क्योंकि स्टॉक एक्सचेंज में शेयरों की तरह इनकी भी वर्तमान गोल्ड कीमत पर ट्रेडिंग की जा सकती है।

टैक्स-अनुकूल

ईटीएफ के ज़रिए गोल्ड में निवेश पर वास्तविक गोल्ड निवेश की तरह सम्पदा कर नहीं लगाया जाता है। लेकिन, गोल्ड ईटीएफ से मिलने वाले रिटर्न, ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं? इंडेक्सेशन लाभ के साथ दीर्घकालिक पूंजी लाभ के अंतर्गत आते हैं। गोल्ड ईटीएफ के लिए दीर्घकालिक पूंजी कर होल्डिंग के 36 महीनों के बाद बेचे गए यूनिट्स पर मिलने वाले लाभ पर लगाया जाता है, और इस प्रकार ये टैक्स-अनुकूल निवेश (साधन) बन जाते हैं। अल्पकालिक पूंजी लाभ- तीन वर्ष की धारिता अवधि से पहले अर्जित लाभ पर, आपकी आय में इस लाभ को जमा करने के बाद, लागू स्लैब दर के अनुसार कर लगाया जाएगा।

छोटे आकार के कारण स्वामित्व अफार्डेबल बन जाता है

गोल्ड ईटीएफ के कारण गोल्ड में निवेश करना अधिक आसान और अधिक अफॉर्डेबल बन गया है। निवेशक 1000 रूपये की निम्न राशि से एसआईपी के आधार पर गोल्ड ईटीएफ खरीद सकते हैं और समय के साथ एक बड़ा निवेश संचित कर सकते हैं। दूसरी तरफ, वास्तविक गोल्ड को केवल बड़े मौद्रिक निवेश के बाद ही खरीदा जा सकता है।

उनसे मिलने वाले अनेक लाभों के साथ, गोल्ड ईटीएफ गोल्ड में निवेश करने के लिए आदर्श विकल्प हैं। आप चाहे अनुभवी निवेशक हैं या अपने निवेश की यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं, तो हमेशा अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना याद रखें। अपने निवेश की नियमित आधार पर समीक्षा करें तथा अपने वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर अपने पोर्टफोलियो को संतुलित करें। यदि आप गोल्ड में निवेश करने में रुचि रखते हैं, तो इसे अपने पोर्टफोलियो के 5-10% तक सीमित रखें।

(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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