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विदेशी विनिमय बाजार

विदेशी विनिमय बाजार
पिछले 50 वर्षों में अंतरराष्ट्रीय लेन-देन की मात्र बहुत ज्यादा बढ़ गई है। विदेशी विनिमय करेंसी को खरीदने और बेचने की क्षमता के बिना अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश संभव नहीं हो पता है। करेंसियों का व्यापार विदेशी विनिमय बाजार में संपन्न होता है, जिसका विदेशी विनिमय बाजार प्राथमिक कार्य अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश को सुविधा प्रदान करना है, इसलिए बाजार के संचालन और मैकेनिज्म की जानकारी अंतरराष्ट्रीय प्रबंध की किसी भी बुनियादी समझ के लिए महत्वपूर्ण है।

एकल प्राथमिक डीलरों को विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार की सभी सुविधाओं की पेशकश की अनुमति पर विचार

नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) एकल प्राथमिक डीलर (एसपीडी) विदेशी मुद्रा बाजार में खरीद-बिक्री से संबंधित सभी सुविधाओं की पेशकश कर सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई ने) देश में वित्तीय बाजार के विकास को सुगम बनाने के लिये विदेशी विनिमय बाजार शुक्रवार को यह प्रस्ताव किया।

फिलहाल श्रेणी-1 के अंतर्गत आने वाले अधिकृत डीलरों को इसकी पेशकश की अनुमति है।

इस कदम से ग्राहकों को अपने विदेशी मुद्रा जोखिम का प्रबंधन करने के लिये विभिन्न इकाइयों (मार्केट मेकर्स) का विकल्प मिलेगा। साथ ही इससे भारत में विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार भी मजबूत होगा।

एसपीडी बैंक या अन्य वित्तीय विदेशी विनिमय बाजार संस्थान होते हैं, जिन्हें सरकारी प्रतिभूतियों में लेन-देन की अनुमति होती है।

मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद रिजर्व गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘एकल प्राथमिक डीलरों ने देश के वित्तीय बाजारों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसको देखते हुए उन्हें विदेशी मुद्रा बाजार में खरीद-बिक्री से संबंधित सभी सुविधाओं की पेशकश करने की अनुमति देने का प्रस्ताव है…।’’

विदेशी विनिमय बाजार

चीन में विदेशी मुद्रा बाजार अधिक लचीला है और आरएमबी की विनिमय दर अपेक्षाकृत स्थिर रही। चीन में सीमापार पूंजी का प्रवाह आम तौर पर स्थिर रहा। यह बात चीन राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा प्रबंध ब्यूरो के उप प्रभारी विदेशी विनिमय बाजार और प्रेस प्रवक्ता वांग छुनयिंग ने 22 जुलाई को पेइचिंग में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कही।

वांग ने कहा कि इस साल के पहले छह महीनों में चीन में बैंकों के विदेशी मुद्रा निपटान व बिक्री और विदेशी-संबंधित प्राप्तियों और भुगतानों दोनों ने अधिशेष दिखाया है। माल के व्यापार और प्रत्यक्ष निवेश जैसे मौलिक अधिशेषों ने अपेक्षाकृत उच्च स्तर बनाए रखा है।

आरएमबी की विनिमय दर की चर्चा में वांग ने कहा कि इस साल से अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर बढ़ाने और भू-राजनीति मुठभेड़ आदि कई तत्वों से प्रभावित होकर अंतर्राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा के बाजार में यूएस डॉलर का मूल्य निरंतर बढ़ता रहा, जबकि गैर यूएस डॉलर की मुद्राओं का मूल्य कम होता रहा। यूएस डॉलर के प्रति चीन की विनिमय दर में भी अवमूल्यन हुआ है, लेकिन अन्य प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मुद्राओं की तुलना में आरएमबी के मूल्य में स्थिरता अपेक्षाकृत मजबूत होती रही है।

विदेशी मुद्रा भंडार 5 अरब डॉलर घटा

आरबीआई द्वारा जारी ताजा आंकड़े के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में 5 अरब डॉलर घटकर 588.31 अरब डॉलर रह गया। आंकड़े से पता चलता है कि कुल भंडार में गिरावट मुख्य तौर पर विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में आई कमजोरी की वजह से आई है।

विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट संभवत: केंद्रीय बैंक द्वारा विदेशी विनिमय बाजार में हस्तक्षेप की वजह से भी दर्ज की गई है। आरबीआई ने विनिमय दर में अत्यधिक उतार-चढ़ाव नियंत्रित करने के लिए डॉलर की बिकवाली की है और रुपये में आ रही बड़ी गिरावट को रोकने का प्रयास किया है। 1 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह विदेशी विनिमय बाजार में, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 0.9 प्रतिशत कमजोर हुआ और पहली बार 79 के आंकड़े पर पहुंचा। 2022 में डॉलर की तुलना में रुपये में 6.2 प्रतिशत की गिरावट आई। 5 जुलाई को रुपया 79.विदेशी विनिमय बाजार 36 के नए निचले स्तर पर आ गया। आरबीआई का कुल भंडार 25 फरवरी को 631.53 अरब डॉलर पर था।

Forex Reserves: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में फिर आया ये बदलाव, जानें सात दिनों में कितना बदला खजाना, कितना पड़ा है सोना

Forex reserves India: इससे पहले खत्म सप्ताह के दौरान, विदेशी मुद्रा भंडार 7.541 अरब डॉलर घटकर 572.712 अरब डॉलर रह गया था. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के शुक्रवार को जारी किए गए आंकड़ों में यह बात सामने आई.

Forex reserves India: देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex reserves) 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 1.152 अरब डॉलर घटकर 571.56 अरब डॉलर रह गया. डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में निरंतर उतार चढ़ाव के बीच विदेशी मुद्रा भंडार घटा है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के मुताबिक, इससे पहले खत्म सप्ताह के दौरान, विदेशी मुद्रा भंडार 7.541 अरब डॉलर घटकर 572.712 अरब डॉलर रह गया था. विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का घटना है जो विदेशी विनिमय बाजार कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

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