क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं?

क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं?
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स्टॉक मार्केट सेंटिमेंट क्या होता है?
जब बाजार चढ़ता है तो मार्केट सेंटिमेंट में मजबूती आती है वहीं, बाजार के गिरने पर मार्केट सेंटिमेंट में कमजोरी आती है.
2. जब बाजार चढ़ता है तो मार्केट सेंटिमेंट में मजबूती आती है. दूसरे शब्दों में कहें तो लोग ज्यादा जोखिम लेने के लिए तैयार होते हैं. वहीं, बाजार के गिरने पर मार्केट सेंटिमेंट में कमजोरी आती है. ऐसी स्थितियों में निवेशक सतर्क रुख अपनाते हैं या फिर जोखिम लेने से कतराते हैं.
3. मार्केट सेंटिमेंट हमेशा बुनियादी बातों पर आधारित नहीं होते हैं. कई बार बाजार में भावनाओं में बहकर निवेशक दांव लगाते हैं. यही कारण है कि मार्केट सेंटिमेंट को देखकर दांव लगाने से नफा-नुकसान दोनों हो सकते हैं.
4. प्रतिभूतियों को लेकर निवेशकों की धारणा से उसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव आता है. इस उतार-चढ़ाव का डे-ट्रेडर्स और टेक्निकल एनालिस्ट्स फायदा उठाते हैं. वे छोटी अवधि में कीमतों में उठापटक से लाभ उठाने की कोशिश करते हैं.
5. मार्केट सेंटिमेंट को नापने के लिए विभिन्न तरह के इंडिकेटर्स हैं. इनमें वोलेटिलिटी इंडेक्स शामिल है. इसकी मदद से निवेशकों को पता लगता है कि मार्केट सेंटिमेंट किस तरह के हैं.
इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.
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'शेयर बाजार में निवेश'
Rakesh Jhunjhunwala News: राकेश झुनझुनवाला के दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बाद अब फोकस शेयर बाजार में उनकी शेयरों की हिस्सेदारी पर आ गया है. शेयर बाजार के निवेशक और विश्लेषक हमेशा उनके एक-एक दांव पर नजर क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं? रखते थे. अब स्पॉटलाइट शेयर बाजार में उनकी लगभग 4 बिलियन डॉलर या साढ़े तीन हजार करोड़ की स्टॉकहोल्डिंग पर है.
शेयर बाजार के दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का रविवार सुबह निधन हो गया. भारत के वारेन बफे कहे जाने झुनझुनवाला का ‘नेटवर्थ’ 5.8 अरब डॉलर (46,000 करोड़ रुपये) था. सूत्रों के मुताबिक, उन्हें सुबह दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया तो उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. वह अपने पीछे पत्नी और तीन बच्चों को छोड़कर गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झुनझुनवाला के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने आर्थिक जगत में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. जानें- कैसे उन्होंने 5000 रुपए के निवेश से शुरुआत करके अपनी नेटवर्थ को 46 हजार करोड़ के पार पहुंचाया.
निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने बताया कि बीमा नियामक की मंजूरी का इंतजार है. इसके बाद शेयर बिक्री के आकार का विवरण देने वाले दस्तावेजों का मसौदा दाखिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बॉर्ड (सेबी) की मंजूरी मिलने के बाद मार्च तक एलआईसी का आईपीओ बाजार में आ सकता है.
कंपनी के राजस्व में मुख्य योगदान आईटी सेवाओं का रहता है. कंपनी ने कहा कि आईटी सेवाओं से उसकी आमदनी मार्च, 2022 की तिमाही में 269.क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं? 2 करोड़ से 274.5 करोड़ डॉलर रहेगी. यह तिमाही आधार पर दो से चार प्रतिशत की वृद्धि होगी.
Sovereign Gold Bond 2021-22 Scheme : केंद्रीय रिजर्व बैंक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत ब्याज से लिंक्ड बॉन्ड जारी करता है, जिसकी कीमत बाजार में सोने के भाव से तय होती है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को पेपर गोल्ड भी कहते हैं क्योंकि यह एक तरह का दस्तावेज होता है, जिसमें आप निवेश करते हैं.
Cryptocurrency | Reported by: ख़बर न्यूज़ डेस्क, Edited by: तूलिका कुशवाहा |शुक्रवार सितम्बर 24, 2021 08:55 AM IST
Cryptocurrency Investment : स्टॉक, बॉन्ड, गोल्ड जैसे कई पारंपरिक विकल्प मौजूद हैं, लेकिन अब क्रिप्टोकरेंसी भारत में भी निवेशकों को अपनी ओर खींच रही है. लेकिन हम एक बार नजर डालते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी, पहले से मौजूद ट्रेडिशनल ऑप्शन्स से कितनी अलग है.
IPO Market News : बुधवार को तीन कंपनियों के आईपीओ खुले हैं. कृष्णा डायग्नोस्टिक्स, देवयानी इंटरनेशनल और विंडलास बायोटेक के आईपीओ आज से खुल गए हैं. सबसे ज्यादा चर्चा देवयानी इंटरनेशनल की है. यही कंपनी भारत में KFC और Pizza Hut जैसे आउटलेट्स का ऑपरेशन देखती है.
How to open a Demat Account : डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया बहुत आसान होती है. इसके लिए सबसे पहले आपको एर फॉर्म ऑनलाइन भरना होता है. जिसके बाद ई वेरिफिकेशन होता है. ये प्रोसेस पूरी होते ही आपका डीमैट खाता खुल जाता है.
IPO This Week : इस हफ्ते क्लीन साइंस एंड टेक्नोलॉजी तथा जीआर इन्फ्राप्रोजेक्ट्स के आईपीओ आएंगे. इनसे कुल मिलाकर 2,500 करोड़ रुपये से कुछ अधिक राशि जुटने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि इन कंपनियों को शेयर बाजार से फायदा होगा, क्योंकि वहां काफी लिक्विडिटी है.
शेयरखान बाई बीएनपी परिबा के निवेश समाधान प्रमुख गौतम कालिया ने कहा, ‘‘अप्रैल महीने में कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़े. इससे बाजार में कुछ सुधार देखने को मिला, लेकिन इसके तुरंत बाद तेजी से सुधार हुआ. म्यूचुअल फंड इकाइयों ने अप्रैल में इस गिरावट का उपयोग इक्विटी निवेश बढ़ाने में किये.’’
मजबूत फंडामेंटल और जीरो कर्ज वाले 3 इल्लिक्विड स्टॉक, निवेश के नजरिए से नजर आ रहे शानदार
मजबूत फंडामेंटल वाले इल्क्विड स्टॉक अच्छे निवेश विकल्प हो सकते हैं लेकिन आपके लिए इनके साथ जुड़े जोखिमों को भी समझना जरुरी है
ट्रेडरों और सट्टेबाजों के दूर रहने के चलते इल्लिक्विड स्टॉक (illiquid stocks) आम तौर पर ट्रेडिंग के लिए मुश्किल होते हैं। इस तरह के स्टॉक्स में आपको ऐसी काउंटर पार्टी ढूढंने में मुश्किल होती है जो सही ऑफर पर ट्रेड करने के लिए तैयार हो। इससे इस तरह के स्टॉक ज्यादा वोलेटाइल तो होते ही हैं साथ ही आप इन स्टॉक को अपने भाव पर बेचने या खरीदने में मुश्किल का सामना करते हैं। इसके अलावा इल्क्विड स्टॉक में ट्रेडिंग करने से आपका ट्रांजेक्शन लागत भी बढ़ जाता। इस तरह के निवेश में आम तौर पर हायर फिक्सड कॉस्ट चुकानी होती है। हालांकि इन परेशानियों के बावजूद इल्क्विड स्टॉक इस बीच काफी पॉपुलर होते नजर आए हैं।
मिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक बड़े पेशन फंडों से लेकर इंडिविजुअल रिटेल निवेशकों तक अब तमाम लोग इस तरह के शेयर में निवेश कर रहे हैं। इसकी कई वजहे हैं और इसमें सबसे बड़ी वजह यह है कि इनमें काफी ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है। इसके क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं? अलावा आप इनके संभावित डायवर्सीफिकेशन से भी फायदा हासिल कर सकते हैं। इन तथ्यों को ध्यान में रखते क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं? हुए हम आपके सामने 3 ऐसे इल्क्विड स्टॉक पेश कर रहे हैं जो कर्ज मुक्त हैं और फंडामेंटली काफी मजबूत हैं। आगे ये स्टॉक एक अच्छा निवेश साबित हो सकते हैं।
आइए डालते हैं इन पर एक नजर
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3M India- यह अमेरिकी कंपनी 3M कंपनी की डायरेक्ट सब्सिडियरी है। यह एक टेक्नोसाइंस कंपनी है जो हेल्थकेयर, कंज्यूमर, ट्रांसपोर्टेशन , सेफ्टी, इलेक्ट्रॉनिक्स और एनर्जी सेक्टर से जुड़ी सेवाएं देती है। कंपनी के मुनाफे में काफी तेज बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले 7 साल के दौरान कंपनी के मुनाफे में सालाना आधार पर 28 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले 7 साल में इस स्टॉक ने अपने निवेशकों को जबरदस्त कमाई कराई है। इन 7 सालों में यह स्टॉक 5 बार मल्टीप्लाई हुआ है। इस स्टॉक में दिग्गज निवेशक राधाकिशन दमानी की भी होल्डिंग है।
Kirloskar Pneumatic Company- Kirloskar Pneumatic किर्लोस्कर ग्रुप का ही एक हिस्सा है। इसके उत्पाद की लिस्ट बहुत लंबी है। जिसमें एयर कम्प्रेशर, एयर कंडीशनर , रेफ्रिजरेशन सिस्टम, प्रोसेस गैस सिस्टम, वेपर एब्जॉर्बशन सिस्टम और इंडस्ट्रियल गियर बॉक्स जैसे सिस्टम भी शामिल हैं। कंपनी 60 साल से ज्यादा की अवधि से कारोबार कर रही है। अब यह ऑयल एंड गैस , स्टील, सीमेंट , डिफेंस और रेलवे सेक्टर में भी पांव पसार रही है। पिछले 10 साल में यह शेयर 4 गुना हो गया है। कंपनी का अपने शेयर धारकों को डिविडेंड देना का रिकॉर्ड भी काफी अच्छा है। पिछले 5 साल में इसका एवरेज डिविडेंड यील्ड करीब 0.9 फीसदी रहा है । कंपनी की बैलेंसशीट काफी मजबूत है।
Swaraj Engines- यह एमएंडएम एक कैप्टिव यूनिट है। कंपनी में एमएंडएम की 34 फीसदी हिस्सेदारी है। यह एमएंडएम के ट्रैक्टरों के लिए डीजल इंजन बनाती है। पिछले 10 साल के दौरान कंपनी के आय और मुनाफे में सालाना आधार पर 9 और 8 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
वर्तमान में यह स्टॉक 15.8 गुने के PE पर ट्रेड कर रहा है जो कि इसके 10 साल के 20.3 गुना के मेडन पीई और इंडस्ट्री के 44 गुना PE से काफी कम है। कंपनी स्वराज इंजन का पिछले 10 साल का औसत इक्विटी ओन रिटर्न करीब 10 फीसदी रहा है और पिछले 5 साल में इसका औसत डिविडेंड यील्ड 3.6 फीसदी रहा है। इन सब के साथ इसकी मजबूत बैलेंस शीट इस स्टॉक को निवेश का जोरदार विकल्प बनाता है।
क्या इल्लिक्विड स्टॉक्स में करना चाहिए निवेश
मजबूत फंडामेंटल वाले इल्क्विड स्टॉक अच्छे निवेश विकल्प हो सकते हैं लेकिन आपके लिए इनके साथ जुड़े जोखिमों को भी समझना जरुरी है। किसी भी निवेश के लिए पोर्टफोलियों की लिक्विडिटी एक अहम सिद्धांत है। अपने स्टॉक को आसानी से कैश में बदलने की सुविधा को कभी भी नकारा नहीं जा सकता है। ऐसे में हम हायर रिटर्न के क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं? नाम पर लिक्विडिटी की उपेक्षा नहीं कर सकते क्योंकि हमें यह नहीं पता कि कब हमें एका एक कैश की जरुरत पड़ जाएगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए ही इस तरह के शेयरों में निवेश करें।