डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं

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म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट कैसे करे | Mutual Fund in Hindi
दोस्तों, आज के लेख में हम आपको Mutual Funds kya hai in Hindi, Mutual Fund in Hindi के बारे मे पूरी जानकारी देंगे. इस म्यूच्यूअल फण्ड से भी मुनाफा कमाया जा सकता है. इस बजह से बहुत से निवेशक म्यूच्यूअल फाउंड में निवेश करने लगे है.
SIP फुल फॉर्म हिंदी में “सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान” है. जिसके जरिये निवेश करने वालों की जनसंख्या बढती जा रही है. जिन लोगों को शेयर मार्केट के बारे में पूरी जानकारी नही है और सीखना भी नहीं चाहते है तो उन लोगों के लिए म्यूच्यूअल फण्ड बेहतरीन तरीका है. इसमें कम रिस्क में कम मुनाफा और नुक्सान होता है.
इसके जरिये आप बल्कि डेट, गोल्ड और कमोडिटी में भी निवेश कर सकते है. म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने के बारे में अधिक जानकारी ना होने पर किसी अच्छे एक्सपर्ट की मदद ले सकते है. बेहतर मुनाफा कमाने के लिए बेहतर शेयर को चुनना होता है.
Mutual Fund क्या है | Mutual Funds Kya Hai in Hindi
म्यूच्यूअल फण्ड सामूहिक निवेश होता है. कई निवेशकों का एक समूह मिलकर स्टॉक में निवेश करते है. म्यूच्यूअल फण्ड में निवेशकों के फण्ड के फायदा और नुक्सान का हिसाब रखने के लिए एक फंड मैनेजर होता है. (1)
इस तरह से निवेश में जो भी नुक्सान या फायदा होता है वह निवेशकों में बांट दिया जाता है. म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी में उन सभी निवशकों के निवेश पैसों को इकट्ठे करती है. ऐसा करने पर कंपनी थोड़ा सर्विस चार्ज काटती है.
और म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के द्वारा इकट्ठा किया गया पैसा शेयर मार्किट में निवेश करती है. म्यूच्यूअल फण्ड में एक काफी बड़ा फायदा है की उसमे यह सोचने की जरूरत नहीं होती है की कब शेयर को खरीदना और बेचना होता है, क्योकि ये सारा काम फण्ड मैनेजर का होता है.
म्यूचुअल फण्ड में निवेश करने के फायदा यह है की आप इसमें 500, 1000 रूपए से निवेश करना सुरु कर सकते है. मासिक निवेश के लिए SIP लेना होता है. इसका मतलब होता है की आपके द्वारा तय की गई राशी अपने आप प्रतेक महीने खाते से से कटकर सीधे फण्ड में ट्रान्सफर होती रहगी. (2)
Mutual Fund कितने प्रकार के होते है?
अब हम mutual fund के प्रकार के बारे में समझेंगे कि mutual fund कितने प्रकार के होते है. ये एसेट्स (Asset Class) और संरचना यानी स्ट्रैक्चर (structure) 2 प्रकार के होते है. म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश किये गय पैसों को कई जगहों में निवेश किया जाता है. आप म्यूचु्अल फंड को और भी कई हिस्सों में बांट सकते है.
इक्विटी फण्ड काफी महसूर फण्ड है. इसमें बेहतरीन निवेशक अधिक रिस्क लेकर अधिक मुनाफा भी लेते है. ऐसा इसलिए होता है क्योकि इस इक्विटी म्यूचुअल फंड के मैनेजर सभी पैसा स्टॉक मार्किट में निवेश करता है.
इस इक्विटी म्यूचुअल फंड को मल्टी कैपिटल, लार्ज कैपिटल, स्मॉल कैपिटल, मिड कैपिटल में बांटा गया है.
लार्ज कैप फण्ड | Large Cap Funds
लार्ज कैप फण्ड mutual fund वह होते है जो आपकी राशी को बड़ी कैपिटल वाली कंपनी में निवेश करते है. लार्ज कैप कंपनी की काफी ग्रोथ है. इसलिए return तो कम मिलता है लेकिन लगातर मिलता है. लार्ज कैप फण्ड के मुकालबे स्माल और मिडकैप में अधिक रिस्क होता है.
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पोर्टफोलियो को 100% ऋण और मुद्रा बाजार की प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है। यह एक न्यून जोखिम है, उच्च गुणवत्ता (ए.ए.ए) संप्रभु और कॉर्पोरेट बॉन्ड पेपर के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम के साथ स्थिर रिटर्न पोर्टफोलियो
पोर्टफोलियो को 60% इक्विटी और 40% ऋण में निवेश किया जाता है। यह एक मध्यम जोखिम, बड़े कैप स्टॉक और उच्च गुणवत्ता वाले (एएए रेटेड) डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम के साथ मध्यम रिटर्न पोर्टफोलियो है।
पोर्टफोलियो को 100% इक्विटी में निवेश किया जाता है। इस पोर्टफोलियो में मल्टी-कैप शेयरों का प्रदर्शन है। यह एक उच्च जोखिम, छोटे और मिडकैप शेयरों के महत्वपूर्ण जोखिम के साथ उच्च रिटर्न पोर्टफोलियो है।
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Mutual Funds Investment : अच्छे रिटर्न हासिल करने के हैं ये बड़े फॉर्मूले, नहीं डूबेगा पैसा
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 02 Jul 2021 02:53 PM (IST)
Investment : म्युचुअल फंड को लेकर कॉमन जानकारी है कि मॉडरेट रिस्क के साथ 5-10 सालों तक किया गया इनवेस्टमेंट आपको 15 प्रतिशत तक रिटर्न देने में सक्षम है. हालांकि निवेश करने से पहले फंड के बारे में पूरी जानकारी लेना बेहद जरूरी है. दरअसल म्युचुअल फंड इक्विटी में इंवेस्ट करते हैं, इसलिए इनकी वोलेटीलिटी अधिक होती है, यानी इसका उतार चढ़ाव, यह वजह है कि फाइनेंस एक्सपर्ट इसमें लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट की सलाह देते हैं. म्युच्युअल फंड्स में 5 या 10 साल तक किया गया निवेश मुद्रास्फीति या महंगाई की दर के अनुपात में बहुत अच्छे रिटर्न देने वाले होते हैं.
फीचर्स और टाइप
इसमें एक फंड मैनेजर होता है, जो आपके पैसे को अलग-अलग स्टॉक में लगाकर मुनाफा कमाता है और रिटर्न देकर एवज में अपने लिए कुछ अमाउंट कमीशन के तौर पर रख लेता है. फंड हाउस मैनेज करने के लिए ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी होती हैं, जैसे एचडीएफसी म्युचुअल फंड एसबीआई म्यूचुअल फंड, आदित्य बिरला म्युचुअल फंड आदि.
म्यूचुअल फंड सही है या गलत / निवेश के पहले समझ लें
म्यूचुअल फंड सही है या गलत, यह आपको अभी जानकारी हो जायेगी, लेकिन सबसे पहले आपको कुछ जरूरी बातें समझनी होगी जैसे म्यूचुअल फंड क्या होता है? इसके अलावा म्यूचुअल फंड लेना हमारे लिए कितना रिस्की हो सकता है और हमें किस फंड में निवेश करना चाहिए आदि।
इसके बाद ही हम इस बात का सही-सही निर्णय ले पायेगें कि, म्यूचुअल फंड सही है या गलत !
म्यूचुअल फंड क्या है ?
म्यूचुअल फंड निवेश करने का तरीका है जिसमें स्पर्ट अलग-अलग फंड में पैसा लगाते हैं।
बहुत आसान भाषा में कहें तो हर व्यक्ति के पास इतना फाइनेंशियल नॉलेज नहीं होता है कि, हर कोई बाजार में ठीक प्रकार से निवेश कर पाये। इसलिए वित्तीय कंपनियां म्यूचुअल फंड लाती हैं जिससे हर कोई अप्रत्यक्ष रूप से बाजार में निवेश कर पाता है।
इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो कि, यह निर्णय लेता है कि, कितना पैसा किस फंड में लगेगा।
म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते है ?
म्यूचुअल फंड 4 प्रकार के होते है।
1 – इक्विटी फंड
2 डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं – डेब्ट फंड
3 – बैलेंस फंड
4 – गिल्ट फंड
इसमें इक्विटी फंड में सबसे ज्यादा रिस्क होता है और गिल्ट फंड में सबसे कम रिस्क होता है।
म्यूचुअल फंड सही है या गलत
यह प्रश्न कि, म्यूचुअल फंड सही है या गलत इसका उत्तर इस पर टिका है कि, आपने निवेश के लिए कौन सी कंपनी को चुना है और उसमें कितना समझदार फंड मैनेजर है।
फंड मैनेजर का एक गलत फैसला आपका पैसा डुबा सकता है और एक अच्छा फैसला आपको सबसे अच्छा रिटर्न भी दिला सकता है।
अधिक जानें : म्यूचुअल फंड क्या है और कौन सा फंड बेस्ट है?
इसलिए इसका उत्तर कि म्यूचुअल फंड सही है या गलत यह आपके विवेक पर ही निर्भर करता है। मुझे इसकी सबसे अच्छी बात लगी कि आप बहुत आसानी से अपनी कम्पनी को बदल सकते हैं।
म्यूचुअल फंड क्या होता है और यह कितने प्रकार का होता है?
सामान्य भाषा में देखें डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं तो म्यूचुअल फंड एक प्रकार का निवेश कोष होता है जिसमें कई सारे व्यक्तियों का धन एक जगह एकत्रित किया जाता है और उस धन से प्रतिभूतियों जैसे कि शेयर, एफडी इत्यादि में निवेश किया जाता है। ये निवेशक रिटेल निवेशक हो सकते हैं या फिर संस्थागत निवेशक। यह शब्द मुख्य रूप से अमेरिका और अन्य देशों में इस्तेमाल किया जाता है जबकि यूरोप में इन्वेस्टमेंट कंपनी विद वेरिएबल कैपिटल और यूनाइटेड किंगडम में ओपन एंडेड इन्वेस्टमेंट कंपनी के रूप में जाना जाता है।
गौरतलब है कि सीधे शेयर मार्केट में निवेश करने पर ज्यादा जोखिम होता है जबकि म्यूचुअल फंड्स के जरिए निवेश पर अपेक्षाकृत कम जोखिम होता है। म्यूचुअल फंड निवेश की अपनी कमियां और खूबियां हैं। इसकी खूबियों में बड़े आकार का निवेश कोष होना, निवेश में विविधता, तरलता और दक्ष व्यक्तियों द्वारा प्रबंधन प्रमुख हैं। हालांकि यह म्यूचुअल फंड निशुल्क और खर्च पर निर्भर है।