आईफोरेक्स क्या है?

10 मिनट में समझे फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है?
आज इस पोस्ट में हम बाजार का एक प्रमुख अंग कहे जाने वाले फोरेक्स मार्किट के बारे में जानेंगे | हम में से अक्सर लोग शेयर बाजार से सुरुवात करते है और जब ओ फोरेक्स मार्किट में कदम रखते है तब उनका पहला ही सवाल होता है के forex trading kya hai ? तो अगले 10 मिनट में समझते है फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है?
विदेशी मुद्रा व्यापार क्या है और यह कैसे काम करता है: विदेशी मुद्रा, (Forex or FX ) विदेशी मुद्रा व्यापार एक प्रकार का व्यापार है जिसमें एक मुद्रा का दूसरे के लिए कारोबार किया जाता है। इसमें मुद्राओं की जोड़ी शामिल है जहां विदेशी मुद्रा व्यापारी विश्लेषण पर ट्रेड करता है यदि एक मुद्रा का मूल्य दूसरे की तुलना में बढ़ेगा या घटेगा|
तो Forex trading kya h? इसे और भी आसानी से ऐसे बोल सकते है के एक-दूसरे के साथ राष्ट्रीय मुद्राओं के आदान-प्रदान के लिए एक आंतरराष्ट्रीय बाजार है। व्यापार के सबसे लोकप्रिय रूपों में से एक है जो मुद्रा की कीमतों के बारे में वित्तीय अटकलों पर आधारित है।
विदेशी मुद्रा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से की जा सकती है, लेकिन आजकल इसका अधिकांश भाग इंटरनेट पर अन्य प्रकार के व्यापार के समान ही किया जाता है।
जैसा कि हम जानते हैं कि 'विदेशी मुद्रा' विदेशी मुद्रा का संक्षिप्त रूप है; विदेशी मुद्रा व्यापार में विदेशी मुद्राएं शामिल हैं। 200 से अधिक विभिन्न देशों के लिए, उनकी मुद्राएं समान संख्या में मौजूद हैं।
इसका मतलब यह है कि व्यापारियों के पास इस वित्तीय विनिमय को करने के लिए अमेरिकी डॉलर, यूरो, पाउंड स्टर्लिंग, या किसी अन्य विदेशी मुद्रा जैसी विभिन्न मुद्राओं का उपयोग करने का अवसर है।
"विदेशी मुद्रा व्यापार क्या है?" इसका सबसे आसान उत्तर यह होगा के कोई भी व्यापारी किसी देश की मुद्रा को कम दर पर खरीदता है और मुनाफे के साथ उसे उपरी कीमतों पर बेचता है|
यह तुलनात्मक रूप से होता है; जिसमे एक मुद्रा की तुलना दूसरे देश की मुद्रा के साथ की जाती है |
मुद्रा व्यापारी को हर समय सरकार की नीतियों की एवं विश्व में चल रही गतिविधियों की जानकारी अधिक मुनाफ़ा कमाने में मदद करती है | इन सभी चीजों से मुद्रा की कीमतों में बदलाव होते है; जिसमे एक छोटे से बदलाव से भी बहुत बड़ा मुनाफ़ा कमाया जा सकता है |
इसमें व्यापारी मुद्रा को कम कीमत में खरीदते है और जब उन्हें निश्चित मुनाफा मिल जाता है तब वे उन्हें बेच देते है |
विदेशी मुद्रा व्यापर इतना सरल भी नहीं है | इसमें किसी को भी वित्तीय जोखिम को ध्यान में रखकर ही ट्रेडिंग करनी चाहिये | किसी भी ट्रेडर को ट्रेडिंग करने से पहले बुनियादी बातो को सीखना चाहिए |
विदेशी मुद्रा व्यापार तकनीकी विश्लेषण का परिचय
10 मिनट में विदेशी मुद्रा व्यापार शुरू करें
ट्रेडिंग के बारे में जो कुछ भी आपने सीखा है उसे 1:777 लीवरेज, ऋणात्मक शेष सुरक्षा और बकाया समर्थन के साथ एक वास्तविक ट्रेडिंग खाते में लागू करें।
ट्रेडिंग फॉरेक्स क्या है?
किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग में आप कोई भी एसेट खरीदते और बेचते हैं। विदेशी मुद्रा व्यापार में, यह कार्य मुद्रा के आदान-प्रदान के रूप में किया जाता है।
- फॉरेक्स ट्रेडिंग को करेंसी ट्रेडिंग भी कहा जाता है।
मुद्रा व्यापार सबसे लोकप्रिय व्यवसायों में से एक है। इसे एफएक्स या फॉरेक्स भी कहा जाता है। मुद्रा व्यापार किसी भी देश के अंदर चल रहे शेयर बाजार से भी लोकप्रिय है। संयुक्त राज्य अमेरिका के अनुसार, दुनिया में 180 आधिकारिक मुद्राएं हैं जिन्हें विदेशी मुद्रा व्यापार में खरीदा और बेचा जा सकता है। और यही मुद्रा व्यापार संक्षेप में है।
तो आइए जानते हैं कि फॉरेक्स कैसे काम करता है। जैसा कि हम जानते हैं कि विदेशी मुद्रा सबसे लोकप्रिय वास्तविक व्यापार है। करेंसी का लेन-देन अब सिर्फ एक देश से दूसरे देश में जानने वाले लोगों तक ही सीमित नहीं रहा, अब विदेशी मुद्रा का लेन-देन बिना कहे भी किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए, यदि आप कोई वस्तु ऑनलाइन खरीद रहे हैं जिसकी कीमत पाउंड में दी गई है, तो आपको अपनी मुद्रा को पाउंड में बदलना होगा।
आइए अब समझते हैं कि ट्रेडर फॉरेक्स में कैसे ट्रेड करते हैं।
व्यापारी एक विशेष मुद्रा को चुनकर एक सामान्य दौरे पर अपना पैसा खरीदते हैं, जब उस मुद्रा की कीमत बाजार में काम करेगी। क्योंकि यह उस समय किफायती हो जाता है। उसके बाद, जब कीमत फिर से बढ़ जाती है, तो व्यापारी इसे सही समय पर बेचते हैं।
क्यों ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार क्षेत्र पर हावी है?
जैसा की हम विदेशी मुद्रा व्यापार का अर्थ जान चुके है ; इसमें हम ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों तरीको से ट्रेड कर सकते है |
अगर आप को ऑफलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार में ट्रेड करना है तो बैंक में जाना पड़ेगा | इसके विपरीत आप इसे बहोत ही आसानी से ऑनलाइन तरीके से भी कर सकते है|
ऑनलाइन से ट्रेडिंग बहोत ही सरल हो जाती है जिसके लिए आपको कही भी जाना नहीं पड़ेगा | केवल आप अपने मोबाइल फोन या फिर लैपटॉप के जरिये से फोरेक्स ट्रेडिंग कर सकते है और इसी वजह से फोरेक्स ट्रेडिंग ऑनलाइन तरीके से बहोत ज्यादा की जा रही है |
How Forex works?
Currencies in Forex explained for dummies
फोरेक्स मार्किट पूरी तरीके से मुद्रा के व्यापार का ही नाम है ; यह अलग अलग देशो के मुद्राओसे जुड़ा है| इसमें आपको तकरीबन २०० अलग अलग नामांकित मुद्राये मिल जायेगी |
🍁 करेंसी पेअर : 'मुद्रा जोड़े' यह एक विशिष्ट नाम है जो दो मुद्राओ और उनकी उस वक्त की कीमत के बिच के सम्बन्ध को दिखाता है| जैसे के करेन्सी पेअर USD / EUR इसमें युरो और डॉलर शामिल है|
यह जोड़ी दोनों करेंसी का विनिमय दर दिखाती है ; इसका यह मतलब होता है के 1USD में कितने यूरो ख़रीदे जा सकते है |
🍁 जैसे के विनिमय दर 2.0 का है तो 1usd में २ यूरो ख़रीदे जाएंगे | विदेशी मुद्रा व्यपार में विनिमय दरे ही व्यापार का मुलभुत आधार है | ये दरे फिक्स्ड , फ्लोटिंग, बढ़ने और घटने वाली आदि किसम की होती है |
इस बात से आप यह अंदाजा तो लगा सकते है के एक ट्रेडर मुद्रा व्यापार में क्या करना चाहिए? उत्तर विल्कुल साफ़ है |
आमतौर पर एक ट्रेडर किसी भी करेंसी पेअर की दरे घटने का इन्तजार करता है और फिर उसे कम दरों पर खरीदता है | जब उस करेंसी पेअर की कीमत बढ़ जाती है तब उसे बेचता है| और आईफोरेक्स क्या है? दोनों दरों के फर्क से उस ट्रेडर को मुनाफा होता है |
फॉरेक्स ट्रेडिंग
हेल्लो दोस्तों आज हम Currency Market पर विस्तार से चर्चा करने वाले है ‘करेंसी ट्रेडिंग’ जिसे दुसरे शब्दों में ‘फॉरेक्स ट्रेडिंग’ भी कहा जाता है – ‘करेंसी ट्रेडिंग’ क्या है, इसमें कैसे निवेश करें और इसकी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजि क्या है (फॉरेक्स ट्रेडिंग)
करेंसी मार्केट क्या हैं :-
‘करेंसी ट्रेडिंग’ स्टॉक मार्केट का ही एक भाग है जिसमे सभी अलग – अलग देशों की करेंसी (मुद्रा) में किसी दो देशों की करेंसी के कम्पेरिजन (तुलना) में स्टॉक मार्केट के जरिये कारोबार (ट्रेडिंग) होती है जिसे करेंसी मार्केट कहा जाता हैं
“Forex यानि Currency Trading में दुनिया भर के ट्रेडर्स शामिल होते हैं, फोरेक्स ट्रेडिंग का मुख्य सिद्धांत यह है की इसमें विभिन्न देशों की करेंसी के मूल्य दुनिया भर में हो रही रोजबरोज की घटनाओं के आधार पर बदलते रहते हैं”
Forex (Currency) Market की शुरुआत सन 1970 के पहले विदेशी मुद्रा विनिमय दरें स्थिर रहा करती थी जिसका प्रचलन आनेवाले दसको में परिवर्तन होने वाली विनिमय दरो के रूप में हुआ, फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में लगभग 5.3 ट्रिलियन डॉलर के दैनिक लेनदेन के साथ यह दुनिया का सबसे बड़ा वितीय मार्केट है
फॉरेक्स (करेंसी) ट्रेडिंग एक ग्लोबल मार्केट के लिए इस्तेमाल होने वाला टर्म है, इसमें चाहे यूरो को डॉलर से ट्रेडिंग करना हो या डॉलर को रुपये के साथ ट्रेड करना हो यह सभी प्रकार के ट्रेडिंग (कारोबार) फॉरेक्स यानि फॉरेन एक्सचेंज मार्केट के जरिये किया जाता हैं
फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या हैं :-
करेंसी ट्रेडिंग को दुसरे तरीके से समजते हैं, दुनिया के सभी देशों की अपनी एक करेंसी (मुद्रा) होती है जैसे की; भारत में रुपीस, अमेरिका में डॉलर, जापान में येन और ब्रिटेन में पाउंड आदि इन सभी की एक कीमत होती है जो मार्केट (बाजार) में Demand And Supply के आधार पर कम या ज्यादा होती हैं
आपने अक्सर न्यूज या अखबार में देखा होंगा की आज डॉलर के मुकाबले रुपिया 0.40 पैसे गिरा है या आज डॉलर के मुकाबले रुपिया 0.50 पैसे बढ़ा हैं इन वजहों से करेंसी (मुद्रा) में मूवमेंट होती है
इन मूवमेंट्स का फायदा उठाने के लिए करेंसी मार्केट के ट्रेडर्स इसे कम दाम पर खरीद लेते हैं और ज्यादा दाम पर बेच देते हैं इस कारोबारीक ट्रेडिंग को Forex या Currency Trading कहते हैं
मुद्रा व्यापार की पुरानी बातें
मुद्रा व्यापार और विनिमय बाजार के कार्य प्राचीन काल से चले आरहे है तब के समय में मनी – चेंजर जिसे पैसे बदलने के लिए दुसरों की मदद करने वाले और कमीशन या शुल्क (चार्ज) वसूलने वाले लोग जो इस प्रकार का कार्य करते थे
प्राचीन समय में लोगो को भुगतान के रूप में एक दुसरे के साथ वस्तु विनिमय और व्यापार माल के सिद्धांत के द्वारा संचालित करते थे और आज, पूरी दुनिया करेंसी की शक्ति पर चलती हैं साथ ही दुनिया भर में करेंसी का एक अलग ही महत्व है
मूल्यों का बढ़ना और गिरना और साथ ही इन करेंसीयों का आदान – प्रदान करना व्यापार के लिए एक अपार अवसर प्रदान करता है यही कारन है की आज करेंसी मार्केट निवेश का एक बड़ा केन्द्र बन चूका हैं
Currency Pairs Example :-
आमतौर पर आपने देखा होंगा की रूपये की कीमत डॉलर के मुकाबले इतनी है या डॉलर की कीमत यूरो के मुकाबले इतनी है इसे एक उदाहरण के माध्यम से बेहतर समजते है
इसके लिए Currency Market के 20 अप्रैल, 2021 के दिन के सभी अलग – अलग Country के Currencies को Rupee के साथ कॉम्पेर (तुलना) करके देखते हैं 1 US Dollar (USD) की कीमत 74.88 ₨. हैं, 1 Euro (EUR) की कीमत 90.74 ₨. हैं, 1 Pound Sterling (GBP) की कीमत 105.05 ₨. हैं, 1 Japanese Yen (JPY) की कीमत सिर्फ 0.69 ₨. हैं, 1 Renminbi की कीमत 11.52 Rs. हैं, 1 Australian Dollar (AUD) की कीमत 57.72 Rs. हैं, 1 Singapore Dollar (SGD) की कीमत 56.74 Rs. हैं और आखिर में 1 Taiwan Dollar की कीमत 2.67 Rs. हैं
इसे किसी अन्य मुद्रा के सबंध में एक देश की मुद्रा के मूल्य को किसी दुसरे देश की मुद्रा के मूल्य से तुलनात्मक रूप से इन दोनों में अपने – अपने करेंसी के हिसाबसे एक्सचेंज यानि ट्रेडिंग किया जाता है जिसे Forex Trading या Currency Trading के नाम से जाना जाता हैं
प्रत्येक देश अपने विनिमय दर को निर्धारित करता है जो उसकी मुद्रा पर लागु होंगा जैसे की; एक चल यानि फ्लोटिंग मुद्रा, फिक्स्ड या एक हाइब्रिड मुद्रा हो सकती है जिसमे अपने – अपने देश की सरकारे विनिमय दरों पर सीमा – नियंत्रण लागु कर सकती हैं, Forex Market 24/7 यानि 24 घंटे और साल के 365 दिन चालू रहती हैं
करेंसी एक्सचेंज रेट क्या हैं :-
जिस प्रकार एक देश का स्टॉक मार्केट उस देश की विकास श्रेणी को दर्शाता है उसी प्रकार फॉरेन एक्सचेंज मार्केट दुनिया के सभी देशो की अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिबिम्ब दिखता है
Forex Market में एक करेंसी को दूसरी करेंसी से बदला जाता हैं इस ट्रेडिंग में सबसे जरुरी बात एक्सचेंज रेट की होती है इसका यह मतलब है की अगर हमें एक करेंसी को दूसरी करेंसी से एक्सचेंज करना है यानि उन दो आईफोरेक्स क्या है? करेंसी में ट्रेडिंग करना है तो उन दोनों मार्केट दरो (रेट) को मिलाकर देखा जाता है
किसी एक करेंसी की तुलना में किसी दूसरी करेंसी की कीमत को उसकी एक्सचेंज रेट के जरिये जाना जाता है यह एक्सचेंज रेट उस देश के आर्थिक मुद्रा स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण संकेत दिखता है, किसी देश की करेंसी के लिए उसका मुद्रा का हाई एक्सचेंज रेट्स उस देश की आर्थिक स्थिति विकसित होने का संकेत देता हैं, इसी प्रकार किसी देश की करेंसी के लिए उसका कम एक्सचेंज रेट्स उसकी विपरीत स्थिति दर्शाता हैं
‘करेंसी मार्केट’ अनिवार्य रूप से मुद्रा के व्यापार के लिए एक वैश्वीक, विकेंद्रीकृत बाजार है, हर करेंसी के लिए फॉरेन एक्सचेंज रेट्स करेंसी ट्रेडिंग के लिए निर्धारित की जाती है इसमें करेंसी व्यापार (ट्रेडिंग) के सभी पहलु शामिल होते हैं जैसे की; फॉरेन (मुद्रा) के जोड़े की खरीद – बिक्री करना, करेंसी के वर्तमान मूल्य पर करेंसीस का आदान – प्रदान आईफोरेक्स क्या है? करना या एक निश्चित मूल्य नक्की करना
करेंसी मार्केट कोई एक जगह या स्थान नहीं बल्कि इसका प्रयोग सिस्टम को संदर्भित करने के लिए किया जाता है यह कई वितीय केन्द्रों से बना हैं जहा पर फॉरेन एक्सचेंज में लेनदेन (कारोबार) चोबीसो घंटे चलता हैं
करेंसी ट्रेडिंग में इन बातोँ का ध्यान रखें :-
भारत में ‘करेंसी ट्रेडिंग’ शुरू करने से पहले इन बातो का अवश्य ध्यान रखे, सबसे पहले हम किन – किन करेंसी सेक्सन में ट्रेडिंग कर सकते है तो भारत में ज्यादा वोल्यूम के साथ 4 Currency Trading of Pairs में ट्रेडिंग की जाती है और यह चार करेंसी ट्रेडिंग के जोड़े है – USD/INR, EUR/INR, GBP/INR And JPY/INR
इसमें भारत की मुद्रा को दुसरे देशों की मुद्राओ के साथ Trade किया जाता है, इनके अलावा और 3 Cross Currency Trading of Pairs है जिसमे हाल फ़िलहाल में ही ट्रेडिंग की शुरुआत हुई है और यह तिन क्रॉस करेंसी ट्रेडिंग के जोड़े है – EUR/USD, GBP/USD And USD/JPY लेकिन इन Pairs में ज्यादा Volume नहीं होता है, इसमें भारत की मुद्रा के अलावा दुसरे देशों की मुद्राओ में Trade किया जाता हैं
फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए एक खाता
Forex Trading में करेंसी पेयर्स, डेरिवेटिव्स और F&O ट्रेडिंग (Future Trading / Option Trading) भी शामिल हैं करेंसी ट्रेडिंग को शुरू करने के लिए एक फॉरेक्स ट्रेडिंग खाता खुलवाना जरुरी हैं
कई ब्रोकर्स अपने क्लाइंट को करेंसी ट्रेडिंग सरलता से करने के लिए प्लेटफार्म भी प्रदान करते है, आप यदि करेंसी ट्रेडिंग में रिसर्च और सलाह में किसी प्रकार की सहायता चाहते हो तो आपको (Full-Service Stock Brokers And Discount Stock Brokers) फुल – सर्विस स्टॉक ब्रोकर को चुनना होंगा दूसरी तरफ डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर है जो आपको कम ब्रोकरेज और चार्जिस में न्यूनतम सेवाएँ प्रदान करता हैं
Currency Trading का खाता खुलवाने के बाद आप ट्रेडिंग प्लेटफार्म को एक्सेस कर सकते है जो आपको करेंसी ट्रेडिंग करने में मदद करेंगा, सामान्य तौरपर OHLC Chart (Open High Low Close Chart) और (Candlestick chart) केंडलस्टिक चार्ट जो पेयर्स के प्राइस मूवमेंट को समजने में आपकी मदद करता है, पेयर्स और प्राइस मूवमेंट का विशलेषण करने के बाद, आर्डर प्लेजमेंट के साथ आगे बढ़ सकते हैं
Forex Trading Kya होती Hai ? हिंदी में जाने
आइए दोस्तो! क्या आप फॉरेक्स मार्केट या Forex Trading के बारे में जानना चाहते तो आप सही पोस्ट पर आए है और मैं खुद एक ट्रेडर हूं इसके बारे में आप को बेहतर तरीके से बता सकता हु। आइए जानते इस दुनिया की सबसे बड़ी मार्केट बारे में।
फॉरेक्स मार्केट क्या होता है –
फॉरेक्स क्या अर्थ होता है = foreion+exchange इस मार्केट में एक करेंसी को दूसरी करेंसी में बदला जाता है। यह दुनिया को सबसे बड़ी मार्केट है इसका रोज का लेनदेन 5 या 6 ट्रिलियन का होता है। यह 24×5 खुली रहती है और Suterday,Sunday बंद रहती है।
Forex Trading क्या होती है – FOREX TRADING IN HINDI
जिस तरह से लोग शेयर मार्केट में Profit यानी पैसा कमाने के लिए शेयरों की खरीदी बेचा करते है। इसी तरह इस forex market में किसी करेंसी को कम दाम में खरीद कर ज्यादा दाम में बेचने को ही फॉरेक्स ट्रेडिंग या करेंसी ट्रेडिंग कहते है। जिस तरह शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने पर high या medium रिस्क होता है। इस मार्केट में ट्रेडिंग करने पर medium या low रिस्क होता है। इसमें ट्रेड करने पर मार्जिन काम देना पड़ता है। आगे हम मार्जिन और जो भी फॉरेक्स मार्केट में concept है उसको जानेंगे।
India में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे होती है
भारत में यह दो तरीके से हो सकती है
- इंडियन ब्रोकर अकाउंट जैसे – Zerodha,Upstox Etc.
- International ब्रोकर अकाउंट जैसे – Octafx, Exness,Tickmill Etc.
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औरSEBI के गाईडलाइन के अनुसार NSE और BSE एक्सचेंज को दिए गये निर्देश के अनुसार सिर्फ पंजीकृत ब्रोकरों को ही यह ट्रेडिंग कराने की अनुमति है। यह ट्रेडिंग कानूनी रूप से लीगल है।
- कुछ ही सालों में भारत में बाहरी फॉरेन एक्चेंज ने काफी दिलचस्पी दिखाई है और वह भारत में ट्रेडिंग कराने लगे है।
भारत में Forex Trading के कॉन्सेप्ट –
- ट्रेडिंग करने के लिए सबसे जरूरी है Money Management, Risk Managment और Pyscology यही ट्रेडिंग का आधार है।
- फॉरेक्स ट्रेडिंग हमेशा जोड़ो में होती है। जैसे – USD/INR ,GBP/INR, EUR/INR
- भारत में करेंसी ट्रेडिंग दो तरह से होती है ऑप्शन आईफोरेक्स क्या है? ट्रेडिंग और फ्यूचर ट्रेडिंग
करेंसी हमेशा Pairs Me ट्रेड होती है।Pairs की कीमत हमेशा ऊपर नीचे होती रहती है।करेंसी Pairs के लिए फार्मूला होता है।
बेस करेंसी/कोटेशन करेंसी = Price (कीमत)
- बेस करेंसी – बेस करेंसी हमेशा किसी देश करेंसी के एक बराबर माना जाता है। जैसे – 1 डॉलर 1 रुपया 1 जापानी येन
- कोटेशन करेंसी – कोटेशन करेंसी वह करेंसी जो बेस करेंसी के मुकाबले बताया जाता है
- Price – कीमत उसे कहते जो बेस करेंसी के मुकाबले कोटेशन की कीमत होती है
मान लीजिए की USD (अमेरिकी डॉलर)/INR (भारतीय रुपए) एक पेयर है जिसकी कीमत = 79 है।
यहां USD अमेरिकी डॉलर एक बेस करेंसी है और INR भारतीय रुपया एक कोटेशन करेंसी है। इसकी कीमत 79 है जिसका मतलब है 1 डॉलर लेने के लिए 79 रुपया देना होगा।
भारत में ट्रेडिंग करने के कुछ नियम –
Lot – फॉरेक्स ट्रेडिंग हमेशा Lot साइज में होती है।भारत में एक Lot 1000 करेंसी का होता है यानी 1000 बेस करेंसी का। JPY/INR में यह 10000 का होता है।
Pips या Tick– पेयर्स में प्राइस की सबसे छोटी movment को pip या tick कहते है। भारत में 1 Pip = 0.0025 होता है।
मार्जिन – मार्जिन शब्द हमेशा ट्रेडिंग में इस्तेमाल होता है।जैसे हम कोई ट्रेड में एंटर करते है तो हमे पूरा पैसा न देकर कुछ परसेंट पैसा देकर ट्रेड में एंटर कर सकते है जैसे USD/INR का एक lot buy करना है तो 79000 रुपए का होता है क्यों होता क्योंकि lot 1000 का था lot हमेशा बेस करेंसी के बराबर होता है लेकिन हमे लेवरेज मिलता जिसके कारण हमे सिर्फ 2000 ya 2200 में आप ट्रेड कर सकते है। इसी को मार्जिन कहते है।
Trading Hours – भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग का समय सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक ही होती है।
फॉरेक्स मार्केट को इफेक्ट करने वाले कारक
USD/INR का प्राइस कम को एप्रीसिएशन कहते है और प्राइस बढ़ने को डिप्रीशिएशन कहते है। प्राइस कम होने का मतलब है भारतीय रुपया मजबूत होता है।जब प्राइस बढ़ता है तो भारतीय रुपया कमजोर होता है।
- इनफ्लेशन (मुद्रास्फीति) – जब महगाई की दर यानी महंगाई कम होती है तब INR एप्रीसिएशन होता है
- इंटरेस्ट रेट्स (ब्याज दर) – जब rbi रेट्स बढ़ाता है तब भी INR एप्रीसिएशन होता है।
- RBI का USD/INR का बेचना – जब INR का प्राइस बढ़ने लगता है।इससे एक्सपोर्ट व इंपोर्ट करने में परेशानी होने लगती है तो RBI USD/INR बेचने लगता है इससे मार्केट स्थिर हो जाता है और एप्रेशियट होने लगता है।
- निर्यात – जब एक्सपोर्ट या निर्यात बढ़ने लगता है।तब INR एप्रीसिएशन होता है।
- राजनीतिक स्थिरता – भारत में जब सरकार बार – बार नही बदलती है और एक सरकार पूरे पांच साल तक रहती है तो भी INR आईफोरेक्स क्या है? एप्रीसिएशन होता है
- करेंट अकाउंट डेफिसिट – करेंट अकाउंट डेफिसिट होता है तो भी INR का प्राइस कम होने लगता है
Forex Trading में जरुरी टिप्स
- ट्रेडिंग करने के लिए सबसे जरूरी है सही ब्रोकर को चुनना।कुछ ब्रोकर hidden चार्जेस लेने लगते है।
- ट्रेडिंग करते समय जरूरी है आप इमोशन पर काबू करे नही तो ट्रेडिंग आपकी दुश्मन बन जायेगी। जिसने भी इमोशन को कंट्रोल कर लिया वह ट्रेडर बन गया। ट्रेडिंग में 90% साइकोलॉजी यानी इमोशन और 10% स्किल important है।
- आप हमेशा सीखते रहे और प्रैक्टिस करते है इससे आपकी स्किल improve होगी आप और भी अच्छे ट्रेडर बन पायेंगे।
- एक अच्छा ट्रेडर मार्केट की साइकोलॉजी को समझता है वह यह जानता है अब मार्केट ओवरबॉट या ओवरसेल हो चुका है
- जो ट्रेडर रिस्क नहीं लेता वह ट्रेडर नही होता है ।बिना रिस्क लिए आप प्रॉफिट नहीं कमा सकते है।वो डायलॉग सुना है रिस्क है तो इश्क है।
- टेक्निकल एनालिसिस करे! और उसे ज्यादा से ज्यादा सीखे और चार्ट पैटर्न को देख कर ट्रेड करने का निर्णय लीजिए ।
- स्टॉप लॉस ट्रेडिंग सबसे जरूरी हिस्सा है ।जब भी आप ट्रेड में एंटर हो पहले आप अपना स्टॉप लॉस सेट करने के बाद ही किसी ट्रेड में एंटर करे।
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फोरेक्स ट्रेडिंग ऑनलाइन
एक बाजार जो दैनिक मात्रा में लगभग $ 5.2 ट्रिलियन को आकर्षित करता है, जिसे दुनिया के सबसे बड़े बाजार के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो विश्व स्तर पर 24 घंटे उपलब्ध है - बिल्कुल यही मुद्रा बाज़ार होता है। छोटी मार्जिन आवश्यकताओं और कम प्रवेश बाधाओं का लाभ इसे खुदरा निवेशक के पोर्टफोलियो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है।
- फ्यूचर्स, ऑप्शन में ट्रेड
- छोटी मार्जिन आवश्यकताएँ
- नियंत्रित विनियमन
- पोर्टफोलियो का विविधीकरण
- जोखिम से बचाव
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मुद्रा व्यापार के लिए हमें क्यों चुनें
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मुद्रा संबंधी एफ.ए.क्यू
व्यापार डेरिवेटिव के लिए न्यूनतम निवेश कितना है?
यह कदम तब आया जब बाज़ार नियामक सेबी ने छोटे निवेशकों को उच्च जोखिम वाले उत्पादों से बचाने के प्रयास में वर्तमान में किसी भी इक्विटी डेरिवेटिव उत्पाद के लिए न्यूनतम निवेश आकार में 2 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक की बढ़ोतरी की।
करेंसी ट्रेडिंग इन इंडिया क्या है और मैं मुद्रा व्यापार कैसे शुरु करूँ?
विदेशी मुद्रा व्यापार, एक मुद्रा का दूसरे में रूपांतरण है। यह दुनिया के सबसे सक्रिय रूप से कारोबार किए जाने वाले बाज़ारों में से एक है, जिसमें औसत दैनिक व्यापार की मात्रा 5 ट्रिलियन डॉलर है।
मैं ऑनलाइन फोरेक्स ट्रेडिंग कैसे कर सकता हूँ?
सभी मुद्रा व्यापार जोड़े में किया जाता है। शेयर बाज़ार के विपरीत, जहाँ आप एकल स्टॉक खरीद या बेच सकते हैं, आपको एक मुद्रा खरीदनी होगी और दूसरी मुद्रा को विदेशी मुद्रा बाज़ार में बेचना होगा। इसके बाद, लगभग सभी मुद्राओं का मूल्य चौथे दशमलव बिंदु तक होगा। बिंदु में प्रतिशत व्यापार की सबसे छोटी वृद्धि है।
भारत में मुद्रा का व्यापार कैसे कर सकता हूँ?
सभी मुद्रा व्यापार जोड़े में किया जाता है। शेयर बाज़ार के विपरीत, जहाँ आप एकल स्टॉक खरीद या बेच सकते हैं, आपको एक मुद्रा खरीदनी होगी और दूसरी मुद्रा को विदेशी मुद्रा बाज़ार में बेचना होगा। इसके बाद, लगभग सभी मुद्राओं का मूल्य चौथे दशमलव बिंदु तक होगा। बिंदु में प्रतिशत व्यापार की सबसे छोटी वृद्धि है।
विदेशी मुद्रा व्यापार से लाभ प्राप्त कैसे करें?
विदेशी मुद्रा व्यापार आपको मुनाफ़ा दे सकती है यदि आप असामान्य रूप से कुशल मुद्रा व्यापारी के साथ धनराशि को छुपा कर रखते हैं। हालांकि इसका अर्थ यह लगाया जा सकता है कि मुद्राओं में व्यापार करते समय तीन में से एक व्यापारी का पैसा नहीं डूबता, लेकिन यह समृद्ध व्यापार विदेशी मुद्रा प्राप्त करने के समान नहीं है।
क्या विदेशी मुद्रा व्यापार में कोई जोखिम कारक शामिल है?
विदेशी मुद्रा व्यापार में मुद्रा जोड़े का व्यापार शामिल है। कोई भी निवेश जो संभावित लाभ प्रदान करने का प्रस्ताव रखता है उसमें भी मार्जिन पर व्यापार करते समय अपने लेनदेन के मूल्य से बहुत अधिक खोने के बिंदु तक डाउनसाइड जोखिम होता है।
भारतीय विदेशी मुद्रा क्या है?
भारत के आर्थिक सर्वेक्षण 2014-15 में कहा गया कि भारत 750 बिलियन यू.एस डॉलर से 1 ट्रिलियन डॉलर तक के विदेशी मुद्रा भंडार को लक्षित कर सकता है। दिसंबर 2019 तक, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार मुख्य रूप से यू.एस सरकारी बॉन्ड और संस्थागत बॉन्ड के रूप में यू.एस डॉलर के साथ सोने में लगभग 6% विदेशी संचय से बने हैं ।
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Best Forex Trading Strategy in Hindi: फॉरेक्स एक्सचेंज, ट्रेडिंग या टूरिज्म जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए एक करेंसी को दूसरी मुद्रा में बदलने की प्रक्रिया है। एक FX या फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडिंग ग्लोबल मार्केट स्पेस है जहां मुद्राओं (Currencies) का आदान-प्रदान एक सहमत मूल्य पर किया जाता है। Forex Trading में कई रणनीतियां (Strategy)हैं, लेकिन सवाल यह है कि सबसे अच्छी फॉरेक्स ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (Best आईफोरेक्स क्या है? Forex Trading Strategies) कौन सी हैं जिनका पालन करने की आवश्यकता है? तो आइए इस लेख में समाझते है कि फॉरेक्स ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी क्या है? और अपने लिए सबसे बढ़िया फॉरेक्स ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी कैसे बनाएं? (How to Create a Forex Trading Strategy?)
फॉरेक्स ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी क्या है? | What is Forex Trading Strategy in Hindi
एक विदेशी Forex Trading Strategy एक ऐसा सिस्टम है जिसका उपयोग ट्रेडर यह निर्धारित करने के लिए करता है कि करेंसी का व्यापार कब करना है? लेकिन यह इतना मायने क्यों रखता है? फॉरेन करेंसी की वैल्यू हर दिन बदलती है, और सबसे अच्छी स्ट्रेटेजी व्यापारी को अधिकतम लाभ कमाने की अनुमति देती है।
यह निर्धारित करने के लिए कि फॉरेन करेंसी के लिए कौन सी स्ट्रेटेजी सबसे अच्छी है, व्यापारी कई मानदंडों का उपयोग करके उनकी तुलना करते हैं -
टाइम रिसोर्स की आवश्यकता
व्यापार के अवसरों की फ्रीक्वेंसी
लक्ष्य के लिए विशिष्ट दूरी
फॉरेक्स ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी कैसे बनाएं? | Forex Trading Strategies in Hindi
1) प्राइस एक्शन ट्रेडिंग (Price Action Trading)
प्राइस एक्शन ट्रेडिंग फॉरेक्स ट्रेडिंग और अन्य ट्रेडिंग द्वारा उपयोग किए जाने वाले मूल्य भविष्यवाणियों और अटकलों के लिए एक दृष्टिकोण है। इस दृष्टिकोण में ऐतिहासिक डेटा और पिछले प्राइस मूवमेंट में सभी टेक्निकल एनालिसिस टूल शामिल हैं जैसे चार्ट, बार, ट्रेंड लाइन, प्राइस बैंड, हाई और लौ स्विंग, टेक्निकल लेवल शामिल है।
प्राइस एक्शन ट्रेडिंग में रुझान विभिन्न समय-सीमाओं जैसे कि शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म पर निर्धारित किया जा सकता है। यह व्यापारी को कई समय-सीमाओं का उपयोग करके एनालिसिस करने और बेचने या खरीदने के लिए निष्कर्ष निकालने की सुविधा देता है। प्राइस एक्शन ट्रेडिंग में कई support/resistance लेवेक FX ट्रेडर को आगे बढ़ने में मदद करते हैं। उनमें से कुछ फाइबोनैचि रिट्रेसमेंट, कैंडल विक्स, ट्रेंड आइडेंटिफिकेशन, इंडिकेटर, ऑसिलेटर्स और अन्य प्रतीकात्मक पहचानकर्ता हैं।
2) रेंज ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (Range Trading Strategy)
रेंज ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी सभी व्यापारिक बाजारों में लोकप्रिय ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में से एक है, और FX ट्रेडर अक्सर इसका इस्तेमाल करते हैं। फॉरेक्स ट्रेडर रेंज ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में सपोर्ट और रेसिस्टेंस पॉइंट की पहचान करते हैं और उसी के अनुसार ट्रेड करते हैं।
टेक्निकल एनालिसिस जैसे कि ऑसिलेटर्स का उपयोग रेंज ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी की कुंजी है, और यह स्ट्रेटेजी बिना किसी अस्थिरता या समझ के पूरी तरह से काम करती है, जो इसे बेस्ट फॉरेक्स ट्रेडिंग प्रैक्टिस में से एक बनाती है। इसका उपयोग प्राइस एक्शन ट्रेडिंग के संयोजन में किया जा सकता है और यह पर्याप्त संख्या में व्यापारिक अवसर प्रदान करता है।
3) ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (Trend Trading Strategy)
यह सभी अनुभवी फॉरेक्स ट्रेडर द्वारा उपयोग किया जाता है, ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी गति (Momentum) के सिद्धांत पर काम करती है। फॉरेक्स ट्रेडर्स का मानना है कि सुरक्षा उसी दिशा में गति बनाए रखेगी क्योंकि यह वर्तमान में इस रणनीति में चलन में है। दूसरे शब्दों में यह स्ट्रेटेजी मार्केट डायरेक्शन मोमेंटम का उपयोग करके प्रॉफिट जनरेट करने का प्रयास करती है।
फॉरेक्स ट्रेडर्स को पता है कि इस तरह की स्ट्रेटेजी थोड़े समय के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि प्रवृत्ति में उतार-चढ़ाव होता रहता है। यह एक मध्यम या लंबी समय सीमा के लिए एक अच्छा विकल्प है जहां ज़ूम-आउट फ्रेम में प्रवृत्ति का विश्लेषण किया जा सकता है। इसमें बाहर निकलने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो शामिल है, जबकि टेक्निकल एनालिसिस के लिए, RSI और CCI जैसे ऑसिलेटर्स का उपयोग किया जाता है।
4) पोजीशन ट्रेडिंग (Position Trading)
एक लंबी अवधि की स्ट्रेटेजी जो हाई रिटर्न और पॉजिटिव रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो में से एक साबित हुई है, फोरेक्स की सबसे उम्दा ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में से एक है। इसके कांसेप्ट में इलियट वेव थ्योरी का उपयोग शामिल है, और चूंकि यह एक लॉन्ग टर्म स्ट्रेटेजी है, इसलिए छोटे बाजार में उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
पोजीशन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी के लिए लंबी अवधि और व्यापक चार्ट पर तकनीकी और मौलिक विश्लेषण की उच्च समझ की आवश्यकता होती है।
यह समझना भी जरूरी है कि आर्थिक या सामाजिक आर्थिक कारक किसी विशेष देश के वातावरण में रुझानों या परिवर्तनों पर निरंतर नजर के माध्यम से व्यापारिक संख्याओं को कैसे प्रभावित करते हैं, व्यापारी लघु, मध्यम और लंबी अवधि में व्यापार कर रहा है।
5) डे ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (Day Trading Strategy)
यह न केवल फॉरेक्स ट्रेडिंग बल्कि अन्य आईफोरेक्स क्या है? बाजारों जैसे स्टॉक में एक सामान्य स्ट्रेटेजी है। इस स्ट्रेटेजी में दिन के अंत तक निर्णय लिया जाता है, और ट्रेडर बाजार बंद होने से पहले सभी वस्तुओं को बेच देता है। दिन के अंत में दिन का व्यापार एक व्यापार तक सीमित नहीं है, और पूरे दिन के लिए इस रणनीति में कई व्यापार आम हैं। इसके अलावा, कोई यह समझ सकता है कि यह एक शॉर्ट टर्म स्ट्रेटेजी है और आमतौर पर 1:1 रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो के साथ समाप्त होती है।
टेक्निकल एनालिसिस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसके बिना यह एक अंधा व्यापार होगा और इसमें नुकसान हो सकता है।
Conclusion -
ये सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली और अच्छी Forex Trading Strategies in Hindi हैं जिनका उपयोग एक ट्रेडर टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के साथ कर सकता है। उपरोक्त बताएं गए स्टेप द्वारा आप भी फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए रणनीति बनाकर मुनाफा कमा सकते है।