विदेशी मुद्रा बुनियादी बातों और समाचार

चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे के बारे में पूछे जाने पर, सीतारमण ने कहा: व्यापार घाटा वास्तव में बढ़ रहा है और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि आयात निर्यात से अधिक है। हालांकि आयात मध्यस्थ वस्तुओं का अधिक है। इसलिए हम बढ़ते आयात के बारे में चिंतित नहीं हैं क्योंकि वे माल के हैं जो निर्यात उद्देश्यों के लिए मूल्य वर्धित उत्पाद हैं।
कठिन समय में बुनियादी बातें आवश्यक
श्रीलंका का सामना एक भीषण तूफान से हुआ है। श्रीलंका का राजनीतिक नेतृत्व एकदम निर्बल था और वह नीतियों में नहीं बल्कि लोकलुभावनवाद में यकीन रखता था। सत्ता के गलियारों में पश्चिम विरोधी सिद्धांतों का गहरा प्रभाव था और लंबे गृहयुद्ध तथा उसके बाद देश के पुनर्निर्माण के क्रम में वह भारी भरकम कर्ज में डूब गया था। पर्यटन देश के लिए विदेशी मुद्रा जुटाने का एक प्रमुख जरिया था लेकिन वह भी महामारी के कारण बुरी स्थिति में आ गया। चाय निर्यात विदेशी मुद्रा का दूसरा माध्यम था लेकिन उर्वरकों के इस्तेमाल पर प्रतिबंधों के कारण चाय का उत्पादन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। पश्चिमी देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में इजाफा करने से विदेशी पूंजी वापस जाने लगी। इसके चलते डॉलर मजबूत हुआ और यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के कारण आयातित खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों में तेजी आई। किसी भी छोटी अर्थव्यवस्था के लिए इन हालात में संभलना मुश्किल होता, राजपक्षे परिवार और उनके सहयोगियों द्वारा शासित श्रीलंका की बात तो छोड़ ही दी जाए।
RBI Monetary policy: विदेशी मुद्रा भंडार में भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश, जानें आरबीआई गवर्नर ने FDI पर क्या कहा
RBI Monetary policy: मौद्रिक समीक्षा नीति की घोषणा के दौरान शुक्रवार को गवर्नर ने कहा कि 29 जुलाई 2022 को भारत का विदेशी मुद्रा भंडार $573.9 अरब पर रहा.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास.
RBI Monetary policy: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा है. उन्होंने कहा कि यह भंडार भारत को आर्थिक ग्लोबल उठा-पटक से बचाने को लेकर आश्वस्त करता है. मौद्रिक समीक्षा नीति की घोषणा के दौरान शुक्रवार को गवर्नर ने कहा कि 29 जुलाई 2022 को भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India’s foreign exchange reserves) $573.9 अरब पर रहा. बता दें पिछले चार हफ्ते से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी दर्ज की गई है. इससे पहले 22 जुलाई तक के सप्ताह में, विदेशी मुद्रा भंडार और 200.152 बिलियन कम हो गया था.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर पर पहुंचा
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक इस भंडार से मदद ले रहा है. एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था. The post भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर पर पहुंचा appeared first on The Wire - Hindi.
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक इस भंडार से मदद ले रहा है. एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था.
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
मुंबई: देश का विदेशी मुद्रा भंडार चार नवंबर को समाप्त सप्ताह में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया. इसका कारण स्वर्ण भंडार में आई भारी गिरावट है.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.
चार सप्ताह बाद विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा में इजाफा, जानें कितना है स्वर्ण भंडार
मुंबई: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने एक बार फिर से भारतीय बाजार का रूख किया है। इसका असर देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर भी दिखा। 29 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.4 अरब डॉलर का इजाफा हुआ। इससे पहले लगातार चार सप्ताह तक इसमें कमी हुई थी।
चार सप्ताह बाद आई यह खबर
29 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान शेयर बाजार में लगभग हर रोज तेजी रही। उस सप्ताह फॉरेन पोर्टफोलियो इंस्वेस्टर्स (FII) नेट इनवेस्टर (Net Investor) थे। रिजर्व बैंक से मिली सूचना के अनुसार 29 जुलाई 2022 को समाप्त सप्ताह के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 573.875 अरब डॉलर पर पहुंच गया। बीते 15 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान अपना विदेशी मुद्रा भंडार 7.541 अरब डॉलर घटा था। यदि 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह की बात करें तो यह 571.5 अरब डॉलर पर था। आठ जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान, विदेशी मुद्रा भंडार 8.062 अरब डॉलर घटकर 580.252 अरब डॉलर रह गया था। इसी महीने एक जुलाई को भी विदेशी मुद्रा भंडार 5.008 अरब डॉलर घटा था। उस समय अपना विदेशी मुद्रा भंडार 588.314 अरब डॉलर पर था।
29 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में जो बढ़ोतरी हुई, उसमें फॉरेन करेंसी असेट का बढ़ना भी शामिल है। यह कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा स्वर्ण आरक्षित भंडार बढ़ने से भी विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी किये गये भारत के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 1.121 अरब डॉलर बढ़ कर 511.257 अरब डॉलर पर पहुंच। बीते 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान इसमें 1.426 अरब डॉलर में कमी हुई थी। अमेरिकी डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है।
रुपया गिर नहीं विदेशी मुद्रा बुनियादी बातों और समाचार विदेशी मुद्रा बुनियादी बातों और समाचार रहा, बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है : वित्त मंत्री
शेयर बाजार 16 अक्टूबर 2022 ,18:45
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट जारी विदेशी मुद्रा बुनियादी बातों और समाचार है। शुक्रवार को भारतीय रुपया आठ पैसे टूटकर 82.32 रुपये प्रति डॉलर पहुंच गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वह इस घटना को डॉलर की मजबूती के रूप में देखती हैं, न कि भारतीय मुद्रा में गिरावट के रूप में।शुक्रवार को वाशिंगटन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, सीतारमण ने कहा कि रुपये ने डॉलर की वृद्धि को झेला है और कई उभरती बाजार मुद्राओं की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, मैं इसे रुपये में गिरावट के रूप में नहीं बल्कि डॉलर के मजबूत होने के रूप में देखूंगी। खास बात यह है कि रुपया डॉलर की तेजी को झेल चुका है। लेकिन इसने कई अन्य उभरती बाजार मुद्राओं की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।