लाइनचार्ट

Line, Bar and Japanese Candlestick charts explained!
लाइन चार्ट सबसे सीधा और आसान चार्ट होता है। इसमें केवल एक डाटा प्वाइंट होता है और उसी पर यह चार्ट तैयार किया जाता है। टेक्निकल एनालिसिस में सिर्फ एक चीज के लिए लाइन चार्ट बनाया जाता है– क्लोजिंग प्राइस को लेकर। ये चार्ट शेयर का भी हो सकता है और इंडेक्स का भी। हर दिन के क्लोजिंग प्राइस के लिए एक चार्ट पर एक बिंदु बनाया जाता है और उसके बाद उन सारे बिंदुओं को एक लाइन से जोड़ दिया जाता है जिससे लाइन चार्ट बन जाता है।
अगर आप 60 दिन का डाटा देख रहे हैं तो उन सारे दिनों के क्लोजिंग प्राइस को जोड़कर एक लाइन खींची जाती है और लाइन चार्ट बन जाता है।
लाइन चार्ट अलग अलग समय सीमा के लिए बनाया जा सकता है जैसे महीने का लाइन चार्ट, हफ्ते का लाइन चार्ट, घंटे का लाइन चार्ट आदि। अगर आप सप्ताह का लाइन चार्ट बनाना चाहते हैं तो आप तो सप्ताह के क्लोजिंग प्राइस को एक चार्ट पर डालना होगा और उनको लाइन से जोड़ना होगा।
लाइन चार्ट की सबसे बड़ी खासियत यह है यह बहुत ही सीधा और सरल होता है। कोई भी ट्रेडर इसको देख कर एक ट्रेंड का पता लगा सकता है। लेकिन इसका सीधा और सरल लाइनचार्ट होना ही इसकी सबसे बड़ी कमजोरी भी है। लाइन चार्ट सिर्फ एक ट्रेंड बता सकता है और कुछ नहीं। इसके अलावा लाइन चार्ट की दूसरी कमजोरी यह है कि यह सिर्फ क्लोजिंग कीमत के आधार पर बनाया जाता है और दूसरे डाटा प्वाइंट जैसे ओपन हाई और लो पर ध्यान नहीं देता। इसलिए ट्रेडर लाइन चार्ट का इस्तेमाल ज्यादा नहीं करते।
बार चार्ट में लाइन चार्ट के मुकाबले कुछ ज्यादा डाटा डाला जा सकता है। जैसे OHLC चारों को इसमें दिखा सकते हैं। एक बार चार्ट के तीन हिस्से होते हैं।
1. सेन्ट्रल लाइन (Central Line)- बार का सबसे ऊँचा हिस्सा सबसे ऊँची कीमत यानी हाई (High) को दिखाता है जबकि बार का नीचे का हिस्सा सबसे निचली कीमत यानी लो (Low) को बताता है।
2. बाँया मार्क/ टिक (The left mark/Tick)- ये ओपन (O) यानी खुलने के समय वाली कीमत बताता है।
3. दाहिना मार्क/ टिक (The right mark/Tick)- ये क्लोज (C) यानी बंद कीमत दिखाता है।
हालांकि बार चार्ट चारों डाटा प्वाइंट दिखाता है लेकिन फिर भी यह देखने में बहुत अच्छा नहीं होता। यह बार चार्ट की सबसे बड़ी कमजोरी है। इसको देखकर आसानी से किसी पैटर्न का पता लगाना थोड़ा मुश्किल दिखता है, खासकर तब जब आपको दिन में कई चार्ट देखने हों। इसीलिए ट्रेडर बार चार्ट का इस्तेमाल कम करते हैं। लेकिन अगर आप बाजार में नए हैं तो हमारी सलाह यह होगी कि आप जापानी कैंडलस्टिक का इस्तेमाल करें। बाजार के ज्यादातर ट्रेडर्स कैंडलस्टिक का ही इस्तेमाल करते हैं।
जापानी कैंडलस्टिक का इतिहास
आगे बढ़ने से पहले जापानी कैंडलस्टिक का इतिहास जान लेना अच्छा होगा। नाम से आपको पता ही चल गया होगा कि कैंडलस्टिक की उत्पत्ति जापान में हुई थी। इसका पहला इस्तेमाल 18वीं सदी में जापान में एक चावल के व्यापारी ने किया था। हालांकि जापान में कीमतों की एनालिसिस करने के लिए इसका इस्तेमाल काफी पहले से हो रहा है, लेकिन पश्चिमी देशों को इसके बारे में लाइनचार्ट कुछ भी पता नहीं था। यह माना जाता है कि 1980 में एक स्टीव निशन (Steve Nison) नाम के एक ट्रेडर ने इसे पाया और फिर दुनिया को इसका उपयोग और इसके काम लाइनचार्ट का तरीका बताया। उसने इस पर एक किताब भी लिखी– “ जैपनीज कैन्डलस्टिक चार्टिंग टेक्निक्स (Japanese Candlestick Charting Techniques)”।अभी भी ये किताब काफी लोकप्रिय है।
कैंडलस्टिक की संरचना
बार चार्ट में ओपन और क्लोज कीमतें टिक या मार्क के तौर पर दिखाई जाती हैं जो कि बाएं या दाएं ओर होती हैं। जबकि कैंडलस्टिक में ओपन और क्लोज कीमतें एक चौकोर आयत यानी रेक्टैंगल (Rectangle) के तौर पर दिखाई जाती हैं। कैंडलेस्टिक चार्ट में बेयरिश कैंडल यानी मंदी की कैंडल और तेजी की कैंडल यानी बुलिश कैंडल दोनों होती हैं। बुलिश कैंडल नीले हरे या सफेद और बेयरिश कैंडल लाल या काले कैंडल के तौर पर दिखाई जाती हैं। वैसे आप इन रंगों को कभी भी बदल सकते हैं और अपने पसंद के रंग डाल सकते हैं। टेक्निकल एनालिसिस का सॉफ्टवेयर आपको रंग बदलने की सुविधा देता है।
सबसे पहले बुलिश कैंडल को देखते हैं। बार चार्ट की तरह ही कैंडल शेप में तीन हिस्से होते हैं।
1. सेन्ट्रल रीयल बॉडी (The Central real body)– मुख्य हिस्सा जो कि आयताकार यानी रेक्टैंगुलर (Rectangular) होता है और ओपन और क्लोज कीमत को जोड़ता है।
2. अपर शैडो (Upper Shadow) यानी ऊपरी शैडो– हाई (सबसे ऊँची कीमत) को क्लोज कीमत से जोड़ता है।
3. लोअर लाइनचार्ट शैडो (Lower Shadow) यानी नीचे का शैडो– लो (सबसे निचली कीमत) को ओपन कीमत से जोड़ता है।
इसी तरह बेयरिश कैंडल (Bearish candle) में भी तीन हिस्से होते हैं।
1. सेन्ट्रल बाडी (Central body) – आयताकार मुख्य बॉडी जो ओपन और क्लोज कीमत को जोड़ती है। हालांकि ओपनिंग ऊपर की तरफ और क्लोजिंग रेक्टैंगल के नीचे की तरफ होता है।
2. अपर शैडो (Upper shadow)यानी ऊपर का लाइनचार्ट शैडो– हाई प्वाइंट (high point) को ओपन (open) से जोड़ता है।
3. लोअर शैडो (Lower shadow) यानी नीचे का शैडो– लो प्वाइंट (low point) को क्लोज (close) यानी बंद से जोड़ता है।
समय अवधि/समयावधि या टाइम फ्रेम (Time Frame) उसको कहते हैं जिस समय के लिए आप चार्ट को देखना चाहते हैं। कुछ लोकप्रिय टाइम फ्रेम या समयावधि हैं;
o मासिक या मंथली चार्ट
o साप्ताहिक या वीकली चार्ट
o दिन का या डेली चार्ट
o इंट्रा डे चार्ट – 30 मिनट, 15 मिनट और 5 मिनट
समय अवधि में अपनी जरूरत के मुताबिक फेर बदल किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर एक ट्रेडर 1 मिनट का चार्ट भी देख सकता है अगर उसे जल्दी-जल्दी सौदे करने हों तो।
शिक्षण केंद्र
अधिक कारोबारी व्यापक रूप से चार्ट का उपयोग करते हैं। इसलिए, तकनीकी विश्लेषण की बुनियादी चीजों की अच्छी समझ महत्वपूर्ण है। पूर्व प्रदर्शन भविष्य के परिणामों की गारंटी नहीं है। तकनीकी विश्लेषण ट्रेडिंग के लिए मात्र एक टूल है, और यहाँ तक कि लक्षित विश्लेषण भी लाभ की गारंटी नहीं है।
लाइन चार्ट सरलतम प्रकार का चार्ट है। जैसा कि नीचे EUR/USD चार्ट में प्रदर्शित है, एकल लाइन प्रत्येक दिन के बंद भाव को दिखलाता है। तिथियाँ चार्ट के तल में और मूल्य बगल में प्रदर्शित होते हैं।
लाइन चार्ट की शक्ति इसकी सरलता के कारण है। यह किसी निश्चित समयावधि के लिए प्रतिभूति के मूल्य का सुव्यस्थित, समझने-में-आसान दृश्य प्रदान करता है।
बार चार्ट किसी प्रतिभूति का प्रत्येक समयावधि के लिए खुला, उच्च, निम्न और बंद भाव प्रदर्शित करता है। बार चार्ट सबसे लोकप्रिय प्रतिभूति चार्ट है।
जैसा कि नीचे बार चार्ट में वर्णित है, प्रत्येक लंबवत बार का शीर्ष उस प्रतिभूति का विशेष समयावधि में सबसे अधिक मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है और बार का तल उसके सबसे कम मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है। बार के दाएँ हिस्से में प्रदर्शित बंद 'टिक' उस समयावधि के दौरान उस प्रतिभूति के अंतिम मूल्य को चिह्नित करता है। यदि खुला भाव उपलब्ध हो, वे बार के बाएँ हिस्से में मौजूद टिक से बताए जाते हैं।
कैंडलस्टीक चार्ट आधुनिक बार चार्ट के समान स्वरूप में खुला, उच्च, निम्न और बंद भाव प्रदर्शित करता है, लेकिन इस रूप में जो खुला और बंद भाव के बीच संबंध को कम करता है। कैंडलस्टीक चार्ट मूल्यों को देखने का एक सरल नया तरीका है - उसमें कोई गणना शामिल नहीं है।
प्रत्येक कैंडलस्टीक एक अवधि (उदाहरणार्थ एक दिन) का प्रतिनिधित्व करता है। यह चित्र दिखाता है कि कैंडल को किस प्रकार पढ़ें:
कैंडलस्टीक अलग-अलग रंगों का हो सकता है (नीला/लाल, उजला/काला इत्यादि), लेकिन अभिप्राय एक ही है।
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MS एक्सेल (MS-Excel) में, निम्नलिखित में से कौन सा चार्ट, बिंदुओं को जोड़कर रुझानों की एक श्रृंखला (सीरीज) चित्रित करता है?
Key Points
- लाइन चार्ट
- रुझानों को प्रदर्शित करने में लाइन चार्ट प्रभावी है।
- Y-अक्ष हमेशा संख्यात्मक मान प्रदर्शित करता है और X-अक्ष समय या किसी अन्य श्रेणी को प्रदर्शित करता है।
- यह बिंदुओं को जोड़कर रुझानों की एक श्रृंखला दिखाता है।
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Last updated on Sep 28, 2022
The Navodaya Vidyalaya Samiti (NVS) has released the NVS MTS Admit Card for the recruitment drive 2021-22. The exam is scheduled to be conducted on 8th March 2022. After the exam will be conducted successfully, the NVS will release the answer key so that candidates can calculate their scores for the exam. A total of 23 vacancies have been released under the NVS MTS recruitment drive 2021-22. Candidates who will get the final selection will be getting a salary range between Rs. INR 18000 - INR 56900.
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