प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं

विमा (विमीय सूत्र) और S.I मात्रक unit and dimension in hindi , विमीय सूत्र क्या है , क्या होता है ?
यहाँ हम बहुत सारी भौतिक राशियों के विमा सूत्र के बारे में अध्ययन करेंगे और इन भौतिक राशियों का मूल राशियों से क्या सम्बन्ध है यह भी देखेंगे। साथ ही इन सभी राशियों का S.I पद्धति में मात्रक क्या है ये भी बताएँगे।
विमा : मूल मात्रको की घात को विमा कहते है।
विभिन्न भौतिक राशियों के विमीय सूत्र –
- द्रव्यमान = किलोग्राम = [M] या [M 1 L 0 T 0 ]
- लम्बाई= मीटर = [L] या [M 0 L 1 T 0 ]
- क्षेत्रफल= मीटर 2 = [L 2 ] या [M 0 L 2 T 0 ]
- समय= सेकंड = [T] या [M 0 L 0 T 1 ]
- आयतन= लम्बाई x चौड़ाई x ऊँचाई = [L 3 ] या [M 0 L 3 T 0 ] = एम्पियर= [A] या [M 0 L 0 T 0 A 1 ] = केल्विन = [K] या [M 0 L 0 T 0 K 1 ] = द्रव्यमान/आयतन = [M/L 3 ] या [M 1 L -3 T 0 ] या वेग = दूरी/समय =L/T = मीटर/सेकंड = [M 0 L 1 T -1 ] = वेग में परिवर्तन/समय = मीटर/सेकंड 2 = [M 0 L 1 T -2 ] =△v/ △t = L/T 2 = [M 0 L 1 T -2 ] = द्रव्यमान x त्वरण =[M 1 L 0 T 0 ] x [M 0 L 1 T -2 ] = [M 1 L 1 T -2 ] = बल x समय = [M 1 L 1 T -2 ] x [M 0 L 0 T 1 ] = [M 1 L 1 T -1 ]
- दाब = बल/क्षेत्रफल= [M 1 L 1 T -2 ]/ [M 0 L 2 T 0 ] = [M 1 L -1 T -2 ] = G = F.r 2 /m1m2 = [M 1 L 1 T -2 ][L 2 ]/[M 2 ] = [M -1 L 3 T -2 ] या ऊर्जा = बल x विस्थापन =[M 1 L 1 T -2 ]x [L] = [M 1 L 2 T -2 ] = कार्य/समय = [M 1 L 2 T -2 ]/[T] = [M 1 L 2 T -3 ] =mv 2 /2 = [M][M 0 L 1 T -1 ] 2 = [M 1 L 2 T -2 ] =mgh = [M][M 0 L 1 T -2 ][L] = [M 1 L 2 L -2 ] = बल/लम्बाई =[M 1 L 1 T -2 ]/[L]= [M 1 L 0 T -2 ]
- बल नियतांक = बल / विस्थापन =[M 1 L 1 T -2 ]/[L] = [M 1 L 0 T -2 ] = बल/क्षेत्रफल =[M 1 L 1 T -2 ]/[L 2 ]= [M 1 L -1 T -2 ] = प्रतिबल/विकृति =[M 1 L -1 T -2 ] = दूरी = [M 0 L 1 T 0 ]
- घूर्णन त्रिज्या = दूरी = [M 0 L 1 T 0 ] = द्रव्यमान x दूरी 2 =[M 1 ][L 2 ] = [M 1 L 2 T 0 ]
- दोलन काल = समय =[M 0 L 0 T 1 ] = 1/आवर्तकाल =1/T = [M 0 L 0 T -1 ] = बल x दूरी = [M 1 L 1 T -2 ] x [L] = [M 1 L 2 T -2 ]
- विकृति = विन्यास में परिवर्तन/प्रारंभिक विन्यास =L/L = 0 = [M 0 L 0 T 0 ] = कोई विमा नहीं या विमाहीन राशि
- वेग प्रवणता = वेग/दूरी = [M 0 L 0 T -1 ]
- दाब प्रवणता = दाब/दूरी = [M 1 L -1 T -2 ]/[L] = [M 1 L -2 T -2 ] = ऊर्जा/क्षेत्रफल =[M 1 L 2 T -2 ]/[L 2 ] = [M 1 L 0 T -2 ] = ऊर्जा/द्रव्यमान x ताप =[M 1 L 2 T -2 ]/[M 1 K 1 ] = [M 0 L 2 T -2 K -1 ]
- कोण या कोणीय विस्थापन = चाप/त्रिज्या =[L]/[L] = [L 0 ] या कोणीय आवृति = कोण/समय= 1/T = [T -1 ] = कोणीय वेग/समय =[T -1 ]/[T] = [T -2 ]
- त्रिकोणमितीय अनुपात =L/L = [M 0 L 0 T 0 ] = मात्रकहीन = धारा x समय =[A 1 T 1 ]
- विभवान्तर = कार्य/आवेश =[M 1 L 2 T -2 ]/ [A 1 T 1 ] = [M 1 L 2 T -3 A -1 ] =V/I प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं = [M 1 L 2 T -3 A -1 ]/[A] = [M 1 L 2 T -3 A -2 ] = आवेश/विभव =[A 1 T 1 ]/ [M 1 L 2 T -3 A -1 ] = [M -1 L -2 T 4 A 2 ] = विद्युत धारा/क्षेत्रफल =[A 1 ]/[L 2 ] = [A 1 L -2 ]
- विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता = प्रतिरोध x क्षेत्रफल/लम्बाई =[M 1 L 2 T -3 A -2 ] x[L 2 ] /[L] = [M 1 L 3 T -3 A -2 ] = 1/प्रतिरोधकता = 1/[M 1 L 3 T -3 A -2 ]= [M -1 L -3 T 3 A 2 ] = विद्युत बल / आवेश =[M 1 L 1 T -2 ]/[AT] = [M 1 L 1 T -3 A -1 ] = विद्युत क्षेत्र x क्षेत्रफल =[M 1 L 1 T -3 A -1 ] x [L 2 ] = [M 1 L 3 T -3 A -1 ]
- चुम्बकीय क्षेत्रफल = बल/धाराxलम्बाई =[M 1 L 1 T -2 ]/[A][L] = [M 1 L 0 T -2 A -1 ]
-
= चुम्बकीय क्षेत्रफल x क्षेत्रफल =[M 1 L 0 T -2 A -1 ] x [L 2 ] = [M 1 L 2 T -2 A -1 ]
विमाओं के उपयोग :-
(1) सूत्र की सत्यता की जाँच करना –
L.H.S की विमा = v = L/t = [M 0 L 1 T -1 ]
R.H.S की विमा = at = V x T/T = v = L/t = [M 0 L 1 T -1 ]
(b) F = mv 2 /r सूत्र की सत्यता की जाँच करो।
L.H.S की विमा = F = [M 1 L 1 T -2 ]
R.H.S की विमा = mv 2 /r = [M][L 2 T -2 ]/[L] = [M 1 L 1 T -2 ]
L.H.S की विमा = T = [M 1 L 0 T -2 ]
R.H.S की विमा = w/a = [M 1 L 2 T -2 ]/[L 2 ] = [M 1 L 0 T -2 ]
(2) मात्रको को एक पद्धति से दूसरी पद्धति में परिवर्तित करना :-
माना एक पद्धति में किसी भौतिक राशि का परिमाण n1 मात्रक V1 है तथा दूसरी पद्धति में परिमाण n2 मात्रक V2 है।
1 न्यूटन बल को MKS में पद्धति में परिवर्तित रहे , 1 न्यूटन बल का MKS पद्धति में मात्रक न्यूटन होता है तथा बल का CGS पद्धति में मात्रक डाइन होता है अर्थात प्रश्न के अनुसार MKS पद्धति से CGS पद्धति में परिवर्तित करना है।
mks 1 न्यूटन | cgs 1 डाइन |
MKS | CGS |
n1 = 1 न्यूटन | n2 = ? |
m1 = 1 किलोग्राम | m2 = 1 ग्राम |
L1 = 1 मीटर | L2 = सेंटीमीटर |
T1 = 1 sec. | T2 = 1 sec. |
(3) सूत्र की स्थापना करना :
(i) बल F का मान द्रव्यमान m , वेग v व त्रिज्या r पर निर्भर करता है। विमाओ का उपयोग कर उचित सूत्र की स्थापना करो।
अगर आप भी लेते हैं ज्यादा एंटीबायोटिक तो हो जाएं अलर्ट, जानलेवा हो सकता है इनका सेवन
एंटीबायोटिक प्रतिरोध संक्रमण वाले मरीज को लंबे समय इलाज कराना पड़ता है और बीमारी गंभीर होने पर मरीज की मौत भी हो सकती है
Updated: December 2, 2018 12:52 PM IST
नई दिल्ली: रोजमर्रा की व्यस्त जिंदगी में अक्सर हम लोग सरदर्द, पेटदर्द या बुखार होने पर बिना डॉक्टर की सलाह लिए कोई भी एंटीबायोटिक दवा ले लेते हैं और अक्सर ऐसा करते रहते हैं. लेकिन ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है. किसी भी एंटीबायोटिक का गलत या जरूरत से अधिक इस्तेमाल कई परेशानियां खड़ी कर सकता है जैसे कि इंफेक्शन जल्दी ठीक न हो पाना आदि. इससे ऐंटीबायोटिक रेसिस्टेंट ऑर्गेज्मस भी विकसित हो सकते हैं. विशेषज्ञों ने जरूरत से अधिक एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने पर डायरिया और पेट की कई गंभीर बीमारियां होने की चेतावनी दी है.
Also Read:
कई गुना बढ़ जाता है खतरा
नारायणा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के इंटरनल मेडीसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सतीश कौल बताते हैं, जरूरत से अधिक एंटीबायोटिक का सेवन आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. इससे आपको डायरिया जैसी पेट की बीमारियां हो सकती हैं. गलत एंटीबायोटिक लेना भी एक समस्या बन सकता है अगर आपको उस दवा से एलर्जी है तो ये समस्या विकट हो सकती है. उन्होंने कहा, किसी भी एंटीबायोटिक का गलत या जरूरत से अधिक इस्तेमाल स्वास्थ्य संबंधी कई दिक्कतें पैदा कर सकता है और कई बार खड़ी कर सकता है. इनके सेवन से ऐंटीबायोटिक रेसिस्टेंट ऑर्गेज्मस विकसित हो सकते हैं जिनके चलते इंफेक्शन जल्दी ठीक नही हो पाता है और गंभीर रूप ले लेता है. उन्होंने कहा अगर आप बिना डॉक्टर की सलाह के कोइ ऐन्टीबायोटिक लगातार लेते रहेंगे तो यह खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
डॉ. सतीश कौल के मुताबिक वर्तमान में एंटीबायोटिक प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं प्रतिरोधक क्षमता विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक बन गई है. हमें अधिक से अधिक लोगों को एंटीबायोटिक्स के सही उपयोग और उसके फंक्शन के बारे में बताना चाहिए ताकि इस समस्या का निदान हो सके. हमें इस समस्या को गंभीरता से लेने की जरूरत है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मुताबिक, एंटीबायोटिक दवाएं, वायरस संक्रमण को रोकने और इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं हैं. एंटीबायोटिक प्रतिरोध तब होता है, जब इन दवाओं के उपयोग के जवाब में बैक्टीरिया अपना स्वरूप बदल लेता है.
जान भी जा सकती है
डब्लूएचओ के मुताबिक, बिना जरूरत के एंटीबायोटिक दवा लेने से एंटीबायोटिक प्रतिरोध में वृद्धि होती है, जो कि वैश्विक स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है. एंटीबायोटिक प्रतिरोध संक्रमण से मरीज को लंबे समय तक अस्पताल प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं में भर्ती रहने, इलाज के लिए अधिक राशि और बीमारी गंभीर होने पर मरीज की मौत भी हो सकती है. डब्लूएचओ के मुताबिक, एंटीबायोटिक प्रतिरोध संक्रमण किसी भी देश में किसी भी आयुवर्ग और किसी को भी प्रभावित कर सकता है. साथ ही जब बैक्टीरिया एंटीबायोटिक के प्रतिरोध हो जाता है तो आम से संक्रमण का भी इलाज नहीं किया जा सकता.
वहीं श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट के इंटरनल मेडीसिन सीनियर कंसलटेंट डॉ. अरविन्द अग्रवाल के मुताबिक आजकल सरदर्द, पेटदर्द या बुखार होने पर लोग बिना डॉक्टर की सलाह लिए कोई भी एंटीबायोटिक दवा ले लेते हैं. कई बार तो हम बिना किसी जरूरत के भी एंटीबायोटिक लेते रहते हैं. बिना आवश्यकता के और नियमित रूप से एंटीबायोटिक लेते रहते से आपके शरीर के माइक्रोब्स या बैक्टीरिया खुद को बदल लेते हैं प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं जिससे एंटीबायोटिक्स उन्हें हानि नहीं पहुंचा पाते हैं और वो फायदे के बजाय नुकसानदेह साबित होता है. उन्होंने कहा, यह एंटीबायोटिक प्रतिरोध क्षमता कहलाती है.
एंटीबायोटिक का प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं जरूरत से अधिक इस्तेमाल करने से सबसे प्रभावशाली एंटीबायोटिक दवाइयों का भी कुछ बैक्टीरिया पर असर नहीं पड़ता. ये बैक्टीरिया अपने आप को इस तरह बदल लेते हैं कि दवा, केमिकल्स या इंफेक्शन हटाने वाले किसी भी इलाज का इनपर या तो बिलकुल ही असर नहीं पड़ता या फिर बहुत कम असर पड़ता है. डॉ. अरविन्द अग्रवाल कहते हैं ऐसे बैक्टीरिया न सिर्फ दवाइयों से खुद को बचा लेते हैं बल्कि अपनी संख्या भी बढ़ाते रहते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अधिक खतरनाक साबित होता है. उन्होंने कहा एंटीबायोटिक्स बैक्टीरिया और इससे होने वाली बीमारियों को खत्म करने के लिए ली जाती हैं और यह सर्दी, खांसी, बुखार जैसे वायरल इंफेक्शन को खत्म नहीं कर सकता. इसलिए अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ न करें और बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक का सेवन न करें. (इनपुट एजेंसी)
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें हेल्थ समाचार की और अन्य ताजा-तरीन खबरें
रिलेशनशिप में हिंसा के लिए 5 चेतावनी संकेत
आपके पार्टनर के साथ साझा होने वाले बोंड के आधार पर रिलेशनशिप प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं नाज़ुक या मजबूत होते हैं. बोडींग विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है. कुछ सबसे जरूरी भावनात्मक लगाव, मित्रता, सहुलीयत की भावना, मानसिक संगतता और रिश्ते से निरंतर भावनात्मक समर्थन की भावना है. यह सभी रिलेशनशिप पर लागू होता है. यह अपने पति / पत्नी, अपने बच्चों के साथ एक अभिभावक संबंध, अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, आदि के साथ एक रिश्ता होता है.
LVD टेस्ट क्या है
सामान्य उत्पाद सुरक्षा निर्देश (2001 / 95 / EC) 50 V के नीचे वर्तमान वोल्टेज के लिए या 75 V के नीचे प्रत्यक्ष वर्तमान के लिए वोल्टेज के साथ उपभोक्ता वस्तुओं को कवर करता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यूरोपीय संघ में केवल सुरक्षित उपभोक्ता उत्पाद ही बेचे जाते हैं।
1973 में अपनाया गया लो वोल्टेज डायरेक्टिव (LVD) इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। 1990 और बाद में सीई मार्किंग यूरोपीय संघ (ईयू) बाजार के भीतर मुक्त आंदोलन के लिए एक शर्त है।
सीई यूरोपीय संघ के आम बाजार में निर्मित उत्पाद की अनुरूपता का प्रमाण पत्र है। सीई असर वाला उत्पाद यूरोपीय संघ के बाजार में मुक्त आवागमन का भी हकदार है। सीई के लिए उत्पाद क्या लाता है मानकों द्वारा समर्थित नए दृष्टिकोण रिपोर्ट हैं। इन प्रकाशित मानकों के साथ, जीवन की सुरक्षा के लिए आवश्यक शर्तों को परिभाषित किया गया है। सीई मार्किंग एक ऐसे उत्पाद पर निषिद्ध है जो इन आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है। अनुचित उत्पाद पर सीई अंकन को मारने की मंजूरी बाजार से उत्पाद को हटाने तक पहुंच सकती है।
इस अवधि में, विशेष रूप से जब यूरोपीय संघ के साथ सामंजस्य की प्रक्रिया में तेजी आई, हमारे देश में मानकीकरण के अध्ययन में तेजी आई। इस कारण से, मशीनरी और सफेद वस्तुओं का उत्पादन करने वाली कंपनियां LVD परीक्षणों के बारे में जागरूक हो गई हैं। कंपनियां अपने उत्पादों को बाजार में इस बात की पुष्टि किए बिना नहीं रखतीं कि वे सुरक्षित हैं।
आपके उत्पादों को यूरोपीय संघ के आम बाजार में मुक्त आंदोलन के लिए प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं प्रमाणित होना चाहिए। CE प्रमाण पत्र के कारण, मशीनरी और सफेद वस्तुओं का उत्पादन करने वाली कंपनियों को LVD परीक्षण करने की आवश्यकता होती है।
विशेष रूप से सऊदी अरब के बाजार में, आपके पास एसएएसओ (लो वोल्टेज डायरेक्टिव-एलवीडी) टेस्ट द्वारा प्रमाणित सीई प्रमाण पत्र के बिना एसएएसओ प्रमाणपत्र नहीं हो सकता है। (लो वोल्टेज डायरेक्टिव-एलवीडी) परीक्षण एक उचित परीक्षण रिपोर्ट के बाद आपके CE प्रमाण पत्र प्रदान करता है।
LVD टेस्ट
इसकी विभिन्न विशेषताओं के कारण, LVD परीक्षण को उच्च-वोल्टेज विद्युत उच्च वर्तमान प्रतिष्ठानों और निम्न-वोल्टेज विद्युत प्रतिष्ठानों दोनों के लिए ग्राउंडिंग नियमों और डेटा प्रोसेसिंग और संचार उपकरणों के ग्राउंडिंग के लिए परीक्षण किया जाता है।
LVD परीक्षण और मान्यता प्राप्त संगठन द्वारा प्राप्त एक परीक्षण रिपोर्ट के साथ, सऊदी अरब और अन्य यूरोपीय संघ या मध्य पूर्व के देशों के निर्यात की सुविधा होगी, विशेष रूप से हमारे देश में एसएएसओ सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए, निर्यात करने वाली कंपनियों के पास SAS प्रमाणपत्र के साथ CE प्रमाण पत्र होगा।
कम वोल्टेज निर्देश में, न केवल विद्युत समस्याओं से उत्पन्न होने वाले जोखिमों पर विचार किया जाता है, बल्कि विद्युत उपकरण में रासायनिक, यांत्रिक और अन्य समस्याओं से उत्पन्न होने वाले सभी जोखिमों को ध्यान में रखा जाता है।
LVD निर्देश स्वास्थ्य मुद्दों पर भी विचार करता है।
शोर, ध्वनि, एर्गोनोमिक मुद्दों का उल्लेख किया गया है।
विद्युत उपकरण अन्य उपकरणों के प्रदर्शन को खराब कर सकते हैं क्योंकि वे काम करने वाले वातावरण में विद्युत चुम्बकीय तरंगों को उत्पन्न करते हैं या वे प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं अन्य उपकरणों द्वारा उत्पादित विद्युत चुम्बकीय शोर से प्रभावित हो सकते हैं।
कई विद्युत उपकरण भी EMC डायरेक्टिव द्वारा कवर किए गए हैं। इस मामले में, LVD और EMC दोनों निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य हैं।
यह मूल्यांकन करने के लिए अधिसूचित निकायों की आवश्यकता नहीं है कि एलवीडी के लिए बाजार पर रखे जाने वाले उत्पाद लागू ईयू कानून का अनुपालन करते हैं या नहीं। अकेले निर्माता इसके निर्धारण के लिए जिम्मेदार है, अनुरूपता मूल्यांकन प्रक्रियाओं को पूरा करता है।