विदेशी मुद्रा सफलता पथ

डॉ। बी के दास को वर्ष 1998 के लिए इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम के उन्नयन की दिशा में योगदान के लिए 'एनडीआरसी सर्वश्रेष्ठ आविष्कार पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा: रिजर्व बैंक
मुंबई: देश का विदेशी विदेशी मुद्रा सफलता पथ मुद्रा भंडार गत 19 मई को समाप्त सप्ताह के दौरान 4.03 अरब डालर की जोरदार वृद्धि के साथ 379.31 अरब डालर की रिकार्ड उंचाई पर पहुंच गया. विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां बढ़ने से विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है. इससे पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार 44.36 करोड़ डालर घटकर 375.27 अरब डालर रह गया था.
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 3.99 अरब डॉलर बढ़कर 355.097 अरब डॉलर पर पहुंच गयीं. डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा आस्तियों के भंडार में रखे यूरो, पौंड और येन जैसी गैर अमेरिकी मुद्राओं की मूल्यवृद्धि और मूल्यहा्रस के प्रभावों को भी अभिव्यक्त करती हैं. इस दौरान स्वर्ण आरक्षित भंडार 20.438 अरब डॉलर पर स्थिर रहा.
आजादी के बाद भारत को शून्य से करनी पड़ी थी शुरुआत
याद हो, शून्य जैसी महान सौगात देने वाली 5000 साल पुरानी सभ्यता भारत को शून्य से शुरुआत करनी पड़ी थी। क्रांतिकारियों की शहादत, आंदोलनकारियों की कुर्बानियां और करोड़ों देशवासियों के अथक परिश्रम का लम्हा रहा 15 अगस्त 1947 जब हमारा देश आजाद हुआ तब से एक लंबा सफर तय कर देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर चुका है। इन 75 वर्षों में देश ने प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते हुए सफलता के कई परचम लहराए हैं।
स्वतंत्रता के बाद लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अलग-अलग रियासतों का भारत में विलय कर राष्ट्रवाद की भावना को मजबूती प्रदान कर सशक्त राष्ट्र की परिकल्पना को साकार किया। पिछले 7 दशकों में औद्योगिक क्षेत्र में हमारे देश ने दिन दोगुनी-रात चौगुनी प्रगति कर एक अनूठी मिसाल कायम की है। देश में किसानों की उपज बढ़ गई है और उनकी आय में इजाफा हुआ है। वहीं देश में श्वेत क्रांति से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं और इसी के साथ भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बन गया।
विदेशी निवेश को मिला बढ़ावा
वहीं विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए FDI की पहल हो या फिर मूल्य नियंत्रण के लिए MRP को लागू करना, इन सबने देश को एक नई दिशा देने का काम किया। इसरो ने अपनी स्थापना से लेकर अब तक अंतरिक्ष में कई सुनहरी उपलब्धियां हासिल की हैं जिन पर देश और दुनिया को गर्व है। पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण कर भारत दुनिया के चुनिंदा परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों में शामिल हो गया है।
1971 में बांग्लादेश के उदय में भारतीय सेनाओं ने अपने पराक्रम और वीरता से पाकिस्तान सहित पूरी दुनिया को चकित कर दिया। वहीं करगिल संघर्ष की बात करें तो उसे भारतीय सैनिकों ने अपने अदम्य साहस और वीरता से तिरंगे का मान बढ़ाया है। सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए दुश्मन के घर में घुसकर उसे नेस्तनाबूद करना भारत के फौलादी इरादे और बुलंद हौसले की गौरव गाथा है। एक साक्षर नागरिक ही देश की प्रगति में योगदान दे सकता है, इसी सोच के साथ शुरू किए गए कर्म शिक्षा अभियान से गांव-गांव तक पढ़ने-लिखने का माहौल बना।
IIT और IIM जैसे संस्थानों ने दिलाई विशेष पहचान
आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों ने हर एजुकेशन में भारत को दुनिया में विशेष पहचान दिलाई। कंप्यूटर, मोबाइल और इंटरनेट के घर-घर पहुंचने और सूचना तकनीक के क्षेत्र में क्रांति लाकर डिजिटल इंडिया के सपने को पंख लगा दिए हैं। केवल इतना ही नहीं स्वर्णिम चतुर्भुज से लेकर एक दिन में राष्ट्रीय राजमार्ग के रिकॉर्ड निर्माण तक के बेमिसाल सफर में देश ने सुदूर गांवों को महानगरों से जुड़कर एक नया इतिहास गढ़ते देखा है। काले धन पर अंकुश लगाने की बात हो या फिर एक राष्ट्र एक कर की, भारत हमेशा आगे बढ़ने के लिए तत्पर रहा है।
स्वास्थ्य सुविधाओं के नजरिए से भारत दुनियाभर में मेडिकल टूरिज्म का बड़ा केंद्र बन गया है। कोरोना महामारी का कुशल प्रबंधन 200 करोड़ की वैक्सीनेशन की अनूठी उपलब्धि के साथ वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांत के साथ भारत ने वैक्सीन मैत्री के तहत कई देशों को मुफ्त वैक्सीन देकर सम्मान और प्रतिष्ठा हासिल की है। नेपाल और श्रीलंका में जब हालात बिगड़े तो भारत ने नेबर फर्स्ट पॉलिसी के तहत सहायता पहुंचाकर सच्चे मित्र राष्ट्र की भूमिका निभाई। जगत गुरु कहलाने वाले इस देश की विदेश में बढ़ती साख ने इसे एक अलग मुकाम दिलाया है।
130 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को पूरा करते हुए बदल रहा देश
स्वच्छता का यह मिशन नया है। कमजोर तबके का बैंक से रिश्ता नया है। वहीं बेटियों के प्रति समाज की सोच भी नई है और भारत में स्टार्टअप और स्टैंडअप की राह भी नई है। डिजिटल इंडिया का नया सपना, स्किल इंडिया से रोजगार सृजन, किसानों की प्रगति का नया सफर, मुद्रा के जरिए छोटे व्यापारियों की उड़ान, गंगा को निर्मल बनाने की नई कोशिश, आयुष्मान भारत से स्वस्थ समाज की नई उम्मीद के साथ देश 130 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को पूरा करते हुए बदल रहा है और न्यू इंडिया के निर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
इन तमाम कारणों से विभिन्न संस्थाओं ने अगले एक दशक तक भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बताया है। वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी के 8.0-8.5 प्रतिशत की दर से विकसित होने का अनुमान है। वहीं केंद्र सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य तय किया है। 2050 में भारत की अर्थव्यवस्था परचेजिंग पावर पैरिटी के हिसाब से दूसरे नंबर पर होगी। यानि आजादी के 100 साल बाद भारत अमेरिका को पीछे छोड़ने की स्थिति में होगा। इसमें टेक्नोलॉजी का बड़ा रोल होगा। आने वाले समय में मेटावर्स को तैयार करने में भी भारत बड़ी भूमिका निभाएगा।
विदेशी मुद्रा सफलता पथ
राज्यपालों को अपने नववर्ष संदेश में राष्ट्रपति ने कहा, ‘अग्रणी नीतियों और कार्यक्रमों की सफलता में योगदान के लिए आग्रह, शक्ति और कुशल नेतृत्व का प्रयोग करें’
भारत के राष्ट्रपति , श्री प्रणब मुखर्जी ने सभी राज्यपालों/उपराज्यपालों का अग्रणी नीतियों और कार्यक्रमों की सफलता में योगदान के लिए आग्रह , शक्ति कुशल नेतृत्व की शक्ति का प्रयोग करने का आह्वान किया। यह आह्वान आज ( 08 जनवरी , 2016) राष्ट्रपति भवन से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए राज्यपालों/उपराज्यपालों को नववर्ष के संदेश में किया गया।
राष्ट्रपति ने कहा , राष्ट्र की प्रगति तीव्र करने तथा जनता का जीवन स्तर बढ़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई अनेक महत्वपूर्ण पहल हैं। स्वच्छ भारत मिशन , विदेशी मुद्रा सफलता पथ स्मार्ट सिटी मिशन , डिजीटल इंडिया , भारत में निर्माण , स्किलिंग इंडिया तथा स्टार्ट अप इंडिया पहल उनमें से प्रमुख हैं। एक अभिनव भारत के निर्माण में इन प्रत्येक कार्यक्रम की विशिष्ट भूमिका है जिनमें इसके नागरिकों विशेषकर युवाओं के लिए अत्यधिक अवसर होंगे। यद्यपि ये अग्रणी नीतियां और कार्यक्रम मुख्य मंत्रियों के नेतृत्व के अंतर्गत प्रमुख तौर से कार्यपालिका द्वारा कार्यान्वित किए जाएंगे , परंतु राज्यपालों का कुशल नेतृत्व , आग्रह शक्ति तथा संतुलनकारी प्रभाव इस परिवर्तनकारी प्रक्रिया में मदद कर सकते हैं।
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वर्ष 2003 का वैज्ञानिक
डॉ। बी के दास, एससी 'एफ', इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, चांदीपुर को 'साइंटिस्ट ऑफ द ईयर अवार्ड, 2003 से सम्मानित किया गया है।
डॉ। बी के दास को वर्ष 1997 के लिए 'उड़ीसा युवा वैज्ञानिक पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
उत्कल रतन सम्मान
12 फरवरी, 2017 को, आईटीआर के निदेशक डॉ। बी के दास ने रक्षा अनुसंधान और विकास में अपनी पहचान के लिए गांधी स्मृति भवन, बालासोर में दर्शकों के हाउसफुल के सामने एक शानदार मंच पर उत्कल रत्न सम्मान प्राप्त किया।
18 अगस्त, 2016 को, ITR के निदेशक, डॉ। बी के दास को रक्षा प्रौद्योगिकी के विदेशी मुद्रा सफलता पथ विषय में उनकी पहचान के लिए साहेब भवन में दर्शकों के घर के सामने एक शानदार मंच पर देश गौरव सम्मान मिला।
बेस्ट इनोवेटिव आइडिया एट यंग साइंटिस्ट मीट
सुश्री सुश्री संगीता दास द्वारा प्रस्तावित आईडिया स्मार्ट बैंगल ’के विचार, साइंटिस्टिस्ट’ डी ’को डीआरडीओ में युवा वैज्ञानिकों विदेशी मुद्रा सफलता पथ द्वारा 26-27 मई, 2018 के दौरान एचईएम्आरएल, पुणे में आयोजित युवा वैज्ञानिकों से मिलने वाले सर्वश्रेष्ठ इनोवेटिव आइडिया के रूप में चुना गया।
नोडल प्रयोगशाला के रूप में, आईटीआर, चांदीपुर ने 16-20 मार्च 2018 के दौरान मणिपुर विश्वविद्यालय, इंफाल द्वारा आयोजित प्राइड ऑफ इंडिया एक्सपो, 105 वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस के दौरान भाग लिया है। इस आयोजन के दौरान डीआरडीओ विदेशी मुद्रा सफलता पथ की कुल 19 प्रयोगशालाओं ने भाग लिया। आईटीआर की नोडल टीम ने प्रदर्शनी से संबंधित सभी गतिविधियों का आयोजन किया है जिसमें डीआरडीओ मंडप का प्रबंधन और अन्य लॉजिस्टिक आवश्यकता शामिल है। उत्कृष्ट प्रदर्शनी प्रबंधन और उत्पादों के प्रदर्शन के परिणामस्वरूप, डीआरडीओ मंडप को इवेंट मैनेजरों द्वारा इस घटना के "सबसे अधिक जानकारीपूर्ण मंडप" के रूप में सम्मानित किया गया।