भारत में विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए रणनीतियाँ

Trading कितने प्रकार के होते हैं?

Trading कितने प्रकार के होते हैं?
TRADING KYA HAI

Trading in Hindi | ट्रेडिंग कैसे सीखें | ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?

Trading क्या होती है और कैसे की जाती है? अगर आपके मन में भी सवाल है तो आपको आज बहुत मज़ा आने वाला है क्योंकि आज हम ट्रेडिंग से जुड़ी सभी जानकारी आपके साथ शेयर करने वाले हैं। हम जानेंगे कैसे दुनिया में लोग मात्र एक दिन में ट्रेडिंग से हज़ारों रूपये कमा लेते हैं और आप ऐसा कैसे कर सकते हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के 100 सबसे अमीर आदमियों की लिस्ट में 2 ट्रेडर भी शामिल है जिन्होंने अपनी ट्रेडिंग कला के बल पर बेशुमार दौलत इकट्ठा की है। हालाँकि ऐसे भी लाखों उदाहरण हैं जहाँ ट्रेडिंग ने लोगो को डुबो दिया । ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने ट्रेडिंग साइकोलॉजी से जुड़ी किताबें नहीं पढ़ी थी।

मार्किट लोगों के मूड से चलता है और अगर आपको पब्लिक के मन का नहीं पता तो आप एक सफल ट्रेडर नहीं बन पाओगे इसलिए पहले शेयर मार्किट की बेस्ट किताबें पढ़कर ज्ञान अर्जित करें और उसके बाद ही ट्रेडिंग करना शुरू करें।

Trading मीनिंग इन हिंदी

आसान हिंदी भाषा में ट्रेडिंग का मतलब होता है ‘व्यापर’ या ‘लेनदेन’। अब व्यापार तो वैसे किसी भी चीज़ का हो सकता है लेकिन क्योंकि हम यहाँ शेयर मार्किट की बात कर रहे हैं तो यहाँ ट्रेडिंग का मतलब है शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया।

ट्रेडिंग क्या होती है?

जब आप किसी कंपनी के शेयर को कम दाम पर खरीदते हैं और कुछ मिनट, घंटे, या दिनों बाद उस शेयर की कीमत बढ़ जाने के बाद ज़्यादा दाम पर बेचते हैं तो इसी को हम सफल ट्रेडिंग कहते हैं। एक ट्रेडर को सफल तभी कहा जा सकता है जब वह कोई भी शेयर मुनाफे के साथ बेचे अन्यथा अपना नुकसान तो वे लोग भी करते हैं जिन्हे ट्रेडिंग का T भी नहीं पता।

Trading meaning in hindi

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?

अब जैसा की हमने आपसे ट्रेडिंग की परिभाषा में कहा की आप किसी शेयर को कुछ मिनटों से लेकर हफ्ते भर तक होल्ड कर सकते है। उसी समय अवधि के अनुसार ट्रेडिंग को मुख्य रूप से दो प्रकार में विभाजित किया गया है:

इंट्राडे ट्रेडिंग(Intraday Trading):

इंट्राडे का हिंदी में मतलब है ‘दिन के अंदर’। जब आप किसी शेयर को एक ही दिन में खरीदते और मार्किट बंद होने से पहले बेच देते हैं तो उस प्रकार की ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है। इसमें आपको सुबह मार्किट खुलते ही पोजीशन बनानी होती है क्योंकि अच्छे मौके सुबह ही मिलते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग का ही एक और टाइप होता है जिसे हम कहते है स्कल्पिंग(Scalping) जिसमे मार्किट खुलने के एक घंटे के अंदर ही शेयर का खरीदना और बेचना दोनों हो जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग(Swing Trading)

स्विंग का हिंदी में मतलब होता है ‘झूलना’ और ट्रेडिंग जगत में भी इसका मतलब होता है किसी शेयर को एक से ज़्यादा ट्रेडिंग सेशन तक पकड़ के रखना और कुछ दिन या हफ़्तों बाद बेचना। हम ऐसा कह सकते है कि आपको एक शेयर लेकर कुछ दिनों या हफ़्तों तक झूलना है और जब उसकी कीमत आपके मुताबिक बढ़ जाये तो उसे बेच देना है। अब क्योंकि स्विंग Trading में हम एक दिन से ज़्यादा शेयर को होल्ड करते हैं इसे हम डिलीवरी(Delivery) ट्रेडिंग भी कहते है।

अगर आप एक हफ्ते के आगे तक अगर कोई शेयर होल्ड करते हैं तो आप पोज़िशनल(Positional) ट्रेडिंग कर रहे हैं और अगर आप 1 महीने से ज़्यादा कोई शेयर रखते है तो फिर आप ट्रेडिंग नहीं इन्वेस्टिंग कर रहे हैं क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग की अधिकतम अवधि 2 महीने है। उसमे भी लोग एक हफ्ते से ज़्यादा किसी शेयर को होल्ड नहीं करते तो एक महीना तो बहुत दूर की बात है।

ट्रेडिंग कैसे सीखें? How to Learn Trading in Hindi?

ट्रेडिंग एक ऐसी चीज़ है जो आपको एक दिन में नहीं आएगी। इसके लिए आपको रोज़ पढ़ना पड़ेगा। जिस प्रकार अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरंत समझ में नहीं आते उन्हें पढ़ना पड़ता है। वैसे ही ट्रेडिंग का ज्ञान लेने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस और Trading Psychology से जुड़ी किताबों को पढ़ना पड़ेगा तब जाकर कुछ बात बनेगी।

इसके बाद भी सिर्फ पढ़ने से काम नहीं चलेगा। आपको मार्किट का रुख देखकर अपनी खुद की स्ट्रेटेजी बनानी पड़ेगी और जिस शेयर में ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं उसके कैंडलस्टिक चार्ट को देखकर उसका तकनिकी विश्लेषण करना होगा। इसके बाद ही आपको पता चल पायेगा कि वो शेयर ऊपर जायेगा या नहीं।

मार्किट से बड़ा गुरु कोई नहीं है इसलिए अगर आप Trading सीखना चाहते हैं तो लाइव ट्रेडिंग सेशन के दौरान किसी भी स्टॉक को पकड़ लें जिसके प्राइस में तेजी से बदलाव हो रहे हो। उस शेयर के पीछे के पैटर्न को देखकर आने वाले पैटर्न का अंदाज़ा लगाएं और खुद का टेस्ट करें।

स्टॉक मार्किट में एक्सपर्ट Trading कितने प्रकार के होते हैं? निवेशक बनने के लिए आप seekhonivesh.com पर हमारे आर्टिकल पढ़ सकते है। आपको लगभग हर दिन एक नयी जानकारी मिलेगी जो आपको एक सफल निवेशक और बेहतर इंसान बनने में मदद करेगी।

ट्रेडिंग कैसे की जाती है?

Trading शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले एक डीमैट अकाउंट की ज़रूरत पड़ती है जो आपको स्टॉक एक्सचेंज के साथ जोड़ता है। बिना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के बिना आप शेयर खरीदने की सोच भी नहीं सकते।

अगर आपने डीमैट अकाउंट खुलवा लिया है तो आप बिना किसी दिक्कत के ट्रेडिंग शुरू कर सकते है। दुनिया के शेयर बाज़ारों की टाइमिंग अलग अलग होती है जैसे भारतीय स्टॉक मार्किट सुबह 9:15 पर खुलता है और दोपहर 3:30 बजे बंद हो जाता है जबकि अन्य स्टॉक एक्सचेंज जैसे यूरोप,ऑस्ट्रेलिया, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और अमेरिकी नैस्डेक की ओपन टाइमिंग काफी अलग है।

तो जिस मार्किट में आपको Trading करनी है उसकी ओपनिंग और क्लोजिंग टाइमिंग पता करें। फिर ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाएं। ट्रेडिंग अकाउंट इंट्राडे ट्रेडिंग में मदद करेगा और डीमैट आपको स्विंग ट्रेडिंग करने में मदद करेगा क्योंकि आपके ख़रीदे गए शेयर डीमैट के अंदर ही रखे जायेंगे। ये दोनों काम करने के बाद आप आराम से किसी भी शेयर में ट्रेड करना शुरू कर सकते हैं।

शुरुआत में हमेशा बहुत कम पैसे लगाकर देखें ताकि अगर नुकसान भी हो तो कम हो। अगर आप पहली बार में कामयाब नहीं होते हैं तो घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि हमने पहले से ही कम पैसो से शुरुआत की है और वे Trading कितने प्रकार के होते हैं? ही पैसे लगाएं जिनके जाने का आपको गम न हो और लोन लेकर ट्रेड करने की सोच रहे हैं तो ऐसा ख्याल भी मन से निकाल दें।

लोन लेकर ट्रेड करना पाप है इसलिए Trading करने के लिए केवल उन्हों पैसो का इस्तेमाल करे जो अगर चले भी जाये तो आपके परिवार पर कोई असर न पड़े पर अगर आपको रिस्क लेना का शोक है तो आईपीओ में निवेश करना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

Trading kya hai? Trading कितने प्रकार का होता है? पूरी जानकारी हिंदी में ।

आखिर Trading kya hai ? यह सवाल ज्यादातर स्टॉक मार्केट में आए नए लोगों को बहुत परेशान करता है आजकल स्टॉक मार्केट में कई नए small ratailers आ रहे हैं और वे लोग ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट मैं अंतर को नहीं समझ पा रहे हैं तो आइए आज हम ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट के बारे में इस लेख में पूरा विस्तार से समझते हैं यदि आप स्टॉक मार्केट में नए हैं तो आपको ट्रेडिंग क्या है और इन्वेस्टमेंट क्या है इनके बारे में संपूर्ण ज्ञान होना चाहिए और इस पोस्ट में मैं आपको यही बताने की पूरी कोशिश करूंगा तो आप सभी इस पोस्ट को ध्यान से अंत तक जरूर पढ़ें।

ट्रेडिंग क्या है? Trading Kya Hai?

ट्रेडिंग का हिंदी मतलब होता है व्यापार आसान शब्दों में कहें तो ट्रेडिंग का मतलब होता है खरीदने और बेचने का व्यापार यानी कि किसी वस्तु या सेवा हो कम दामों में खरीद कर अधिक दामों में बेचना और उससे मुनाफा प्राप्त करना व्यापार या ट्रेडिंग कहलाता है।

TRADING KYA HAI

स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग क्या है?

स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग भी इसी प्रकार का होता है परंतु इसने लोग किसी वस्तु या सेवा को नहीं खरीदते या बेचते बल्कि स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग के लिए लोग बड़े-बड़े कंपनियां व छोटे कंपनियों के शेयर को खरीदकर व उन्हें बेचकर मुनाफा प्राप्त करते हैं स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग कि समय अवधि 1 साल की होती है इसका मतलब यह हुआ कि 1 साल के Trading कितने प्रकार के होते हैं? अंदर किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदने व बेचने में हुए मुनाफे को स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग कहते हैं यदि वह 1 साल के समय अवधि से अधिक हो गया तो उसे ट्रेडिंग नहीं इन्वेस्टिंग कहा जाता है

उदाहरण के तौर पर यदि हम किसी भी कंपनी का शेयर खरीद रहे होंगे तो कोई दूसरा व्यक्ति उसी कंपनी के शेयर को बेच रहा होगा तथा उससे वह मुनाफा व नुकसान प्राप्त कर रहा होगा ।
चलिए हम अपने डैली लाइफ में उसे करके आपको बताते हैं यदि हम किसी सब्जी मंडी में जाते हैं और ₹50 की कोई सब्जी लाते हैं और उसी को ₹60 में किसी कस्टमर को बेच देते हैं और रोजाना यही काम करते हैं तो यह ट्रेडिंग कहलाता है।

ठीक इसी प्रकार से स्टॉक मार्केट में भी होता है जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी का शेयर कम दामों में खरीदता है तथा उसका दाम बढ़ने पर अधिक दामों में बेच देता है तथा वह उससे कुछ मुनाफा प्राप्त कर लेता है वह उसे 1 साल के समय अवधि के अंदर बेच देता है तो उसे ट्रेडिंग कहते हैं।

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग को काफी रिस्की कहते हैं क्योंकि इसमें कोई नहीं जानता कि शेयर के भाव का Movment कैसा होगा| अगर शेयर से जुड़ी कुछ अच्छी खबर आए तो शेयर के भाव में तेजी दिखाई देगी और जब शेयर से जुड़ी कोई बुरी खबर है तो उस Share के प्राइस में मंदी दिखाई देगी ।


स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं ?

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग चार प्रकार के होते हैं

  1. Scalping Trading
  2. Intraday Trading
  3. Swing Trading
  4. Positional Trading

scalping ट्रेडिंग क्या है ?

Scalping ट्रेडिंग वह trading है जिसमें ट्रेडर कंपनी के शेयर को कुछ सेकण्ड और कुछ मिनटों के लिए ही खरीदता है और बेचता है तथा उससे मुनाफा प्राप्त करता है। ऐसे ट्रेडर को Scalpers कहा जाता है और आपको यह बता दूं कि यह ट्रेडिंग बहुत ही ज्यादा रिस्की होता है

Intraday ट्रेडिंग क्या हैं ?

Intraday trading वह trade है जिसमें कंपनी के शेयर को एक ही दिन में खरीदा तथा बेचा जाए। मतलब यह हुआ कि वह trade जिसमे trader मार्किट सुबह(9:15 AM) खुलने के बाद कंपनी के शेयर को खरीद लेते हैं तथा मार्केट बंद(3:30 PM) होने से पहले उसे बेच देते हैं Intraday ट्रेडिंग कहते है। यह ट्रेडिंग Scalping ट्रेडिंग से थोड़ा कम रिस्की होता है।

Swing trading क्या है ?

Swing trading यह Scalping और Intraday दोनो से अलग है यह कुछ दिनों और कुछ हप्तों के लिये किया जाता है। लेकिन इसमें भी शेयर को खरीदना और बेचना मार्केट खुलने और बंद होने के बीच में ही किया जाता है।
इसमें ट्रेडर किसी भी कंपनी के शेयर को कम दामों में खरीदता है तथा उसे कुछ दिनों व कुछ हप्तों के लिए Hold कर रखता है तथा प्राइस बढ़ने पर उसको बेच देता है तथा मुनाफा प्राप्त कर लेता है। इसमें ट्रेडर को पूरे दिन चार्ट देखने की आवश्यकता नहीं होती है ।यह उन लोगों के लिए है जो जॉब में है व स्टूडेंट है तथा शेयर मार्केट से पैसा कमाना चाहते हैं।

positional trading क्या है ?


Positional trading वह trade है जिसमे शेयर को कुछ महीनों के लिए Hold कर के रखा जाता है तथा इसमे मार्किट के छोटे-मोटे up-down से trader को कुछ फर्क नही पड़ता है यह लंबे समय के लिये होता है तथा यह सबसे कम रिस्की होता है इसमें मार्किट के long term movement को कैप्चर करने के लिये किया जाता है।

Trading और Investment में अंतर

1.Trading में शेयर को (Sort term) छोटे अवधि के लिये खरीदा जाता है और, Investment में शेयर को (long term)लंबे अवधि के लिये खरीदा जाता है।

2.Trading करने वाले को Traders और Investment करने वाला को Investors कहते हैं।

3.Trading करने के लिए टेक्निकल एनालिसिस का ज्ञान होना चाहिए और इन्वेस्टमेंट करने के लिए फंडामेंटल एनालिसिस की जानकारी होनी चाहिए।

4.Trading की अवधि 1 साल की होती है और वही Investment की अवधि 1 साल से अधिक होती है।

5.Trading छोटे अवधि के मुनाफे के लिये किया जाता है और Investment लंबे अवधि के मुनाफे के लिये किया जाता है।

Trading के फायदे और नुकसान

ट्रेडिंग छोटे अवधि में अधिक पैसा कमाने के लिए किया जाता है ,जबकि long term (लंबे समय) से इसकी तुलना करें तो यह नुकसानदायक है।

क्योंकि मार्केट गिरने से हम शेयर को टॉप पर ही बेच देते हैं जबकि मार्केट नीचे आने के तुरंत या कुछ समय बाद उतनी ही तेजी से ऊपर जाता है और लंबे समय में होने वाले अधिक प्रॉफिट पानी से हम वंचित रह जाते हैं ।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे कर सकते हैं ?

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग व इन्वेस्टिंग करने के लिए हमे शेयर मार्केट का ज्ञान होना चाहिए तथा हमें टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस का भी जानकारी होना चाहिए सबसे महत्वपूर्ण बात ट्रेडिंग करने के लिए हमें एक अकाउंट की आवश्यकता होती है जिसे डिमैट अकाउंट कहते हैं।

इन्हें भी जरूर पढ़ें…….

आज हमने क्या सीखा ?

आज हमने सीखा कि Trading Kya Hai? स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं व हम Trading कैसे कर सकते हैं तथा ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या है।

मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी यह लेख Trading kya hai पसंद आई होगी । इसे पढ़कर Trading से जुड़े सारे सवालों के जवाब आपको मिल गए होंगे और मैंने पूरी कोशिश की है कि आपके मन में Trading Kya Hai Hindi me से लेकर जो सवाल है वो सब इस पोस्ट के माध्यम से आप तक पहुँचा सकूँ।
यदि आपके मन में कुछ सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में अपने सवाल पूछ सकते है मैं आपके सवालों के जवाब देने की पूरी कोशिश करूंगा और इस पोस्ट को जितना हो सके उतना शेयर करें ताकि सभी लोगों को Trading व स्टॉक मार्केट और उससे जुड़ी सभी जानकारियां आप सभी तक पहुंचते रहें और आप सभी अपना प्यार ऐसे ही बनाए रखें।

स्टॉक कितने प्रकार के होते हैं (How many types of stocks are there)

इस तरह की कंपनी लगातार अपने प्रॉफिट को मैनेज करने में सफल होती है इस तरह की कंपनी में Dividend स्टॉक कम होता है या नहीं होता है इस तरह की कंपनी अपने स्टॉक होल्डर को Dividend देगी या नहीं देगी यह निश्चित नहीं होता है और इस तरह के स्टॉक सबसे ज्यादा रिस्की होते हैं मतलब Growth स्टॉक में सबसे ज्यादा रिस्क होता है

Types of Stock

2. मूल्य स्टॉक (Value stock) = वैल्यू स्टॉक में डिस्काउंट अवेलेबल होते हैं जो प्राइस उसका निश्चित होता है उसमें भी वह डिस्काउंट कर देते हैं और कभी कभी Value स्टॉप पर कंपनी अपने प्रॉफिट पर डिस्काउंट भी देती है मतलब अपने प्रॉफिट का कुछ हिस्सा अपने शेयर होल्डर को Dividend के रूप में बांट देती है उसे Value स्टॉक कहते हैं

3.लाभांश स्टॉक (dividend stock) = कंपनी प्रॉफिट अमाउंट जनरेट करते हैं कंपनी अपने प्रॉफिट का कुल हिस्से में से कुछ हिस्सा अपने शेयर होल्डर में बांट देती है

इस तरह के स्ट्रोक मैं कंपनी Dividend देती ही देती है जिसे हम Dividend स्टॉक कहते हैं

4.चक्रीय स्टॉक (Cyclical stock) = Cyclical कंपनी का प्रॉफिट Economic के साथ लिंक होता है अगर Economic अच्छा होगा तो कंपनी को प्रॉफिट भी अच्छा होगा और अगर Economic खराब होगा तो कंपनी को प्रॉफिट नहीं होगा Cyclical स्टॉक इसी से लिंक होता है

इसके उदाहरण जैसे :- सीमेंट, आयल, मेटल्स, गैस आदि

अन्य दो प्रकार और भी है स्टॉक के

1.ब्लू चिप स्टॉक (Bluechip stock)

ब्लू चिप स्टॉक उन कंपनी के स्टॉक होते है जो अपने सेक्टर में लीडर होती है और इनकी लार्ज कैपिटल होती है। ब्लू चिप स्टॉक भरोसेमंद और इन्वेस्टर की पहली पसंद होते है। क्योकि यह स्टॉक नियमित रूप से प्रॉफिट कमाने में सक्षम है। यदि ब्लू चिप स्टॉक में अधिक समय के लिए निवेश किया जाए तो यह अधिक लाभकारी हो सकता है।

2.पैनी स्टॉक (Penny stock)

Penny का अर्थ है- पैसे । वह स्टॉक जिनकी वैल्यू बहुत कम (यानी 1 रुपये से 25 Trading कितने प्रकार के होते हैं? रुपये तक) होती है और मार्किट कैपिटल 100 करोड़ से अधिक नही होती है उन्हें पैनी स्टॉक कहते है। पैनी स्टॉक में निवेश करना सुरक्षित नही माना जाता है यह स्टॉक में बहुत जोखिम होता है।

ट्रेडिंग क्या है?

ट्रेडिंग क्या है

ट्रेडिंग की बहुत सारी किस्में भी होती हैं तो आइए हम आपको बताते हैं कि ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं:

  • स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)
  • इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
  • स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
  • पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)

ऊपर दी हुई 4 किस्मों के बारे में हम संक्षेप में बात करते हैं।

स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)

स्काल्पिंग ट्रेडिंग का मकसद होता है मिनटों में पैसा कमाना इसमें ट्रेडर शेयर को कुछ चंद मिनटों (या उससे ज्यादा समय के लिए) के लिए ही खरीदते हैं और स्टॉक मार्केट में इन्हीं शेयर के दाम बढ़ने (या कम होने पर) पर खरीदे गए शेयर को बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं। जब कोई भी ट्रेडर ऐसी ट्रेडिंग करता है तो उसे स्काल्पिंग ट्रेडिंग कहते हैं।

ऐसी ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर 1 दिन में 1 से ज्यादा कुछ बार 10-20 से ज्यादा भी ट्रेड करते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)

इंट्राडे ट्रेडिंग को हम डे ट्रेडिंग भी कहते हैं। इसका मतलब यह है कि ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीद लेता
है और उसी दिन में अपने शेयर को फायदे या नुकसान में बेच देता है। आसान शब्दों में कहें तो एक ट्रेडर 1 दिन में समान खरीदता है और उसी दिन में अपना सामान बेच देता है।

इसे कहते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग। इंट्राडे ट्रेडिंग का मकसद अचानक आई उछाल या गिरावट का लाभ उठाना होता है जिससे ट्रेडर समय रहते ही मुनाफा कमा सके।

इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर हर बार लाभ ही कमाए ऐसा संभव नहीं है ट्रेडर को इसमें नुकसान भी हो सकता है।

ट्रेडिंग में सबसे मुश्किल इंट्राडे ट्रेडिंग होती है इसलिए इसको अच्छी तरह स्टॉक मार्केट सीखने के बाद ही करना शुरू करना चाहिए।

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)

स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर ट्रेडर शेयर को 1 हफ्ते से लेकर 4 हफ्तों तक अपने पास रखता है और फिर इन शेयर को सेल कर देता है। स्विंग ट्रेडिंग का मुख्य लक्ष्य कुछ सप्ताह में शेयर के दाम में आने वाले Swing का लाभ उठाकर जल्द से जल्द लाभ कमाना होता है। इसी को ही स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी होता है

पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)

पोजीशन ट्रेडिंग से तात्पर्य है कि इसमें ट्रेडर शेयर खरीदता है और इन शेयरों को लंबे समय के लिए अपने पास
रखता है। ऐसा करने के लिए हर एक ट्रेडर को शेयर अपने पास रखने के लिए शेयर की डिलीवरी अपने डीमैट अकाउंट में लेनी पड़ती है।

ट्रेडर ने जितने शेयर जिस दाम में खरीदे हैं इन शेयरों का मूल्य ब्रोकर को देना पड़ता है ऐसा करने से
उसको डीमैट अकाउंट में सभी शेयर मिल जाते हैं। इसके बाद वह कभी भी अपने शेयर को बेचकर पैसे जुटा
सकता है।

लेकिन इसमें रिस्क भी होता है। क्योंकि अक्सर हम देखते हैं कि शेयर बाजार में किसी अच्छी या बुरी खबर के कारण आने वाले दिनों में बाजार कुछ बहुत ज्यादा ऊपर या बहुत ज्यादा नीचे खुलता हैं। उदाहरण के तौर पर 2020 में स्टॉक मार्केट कोरोना वायरस की वजह से बहुत बुरी तरह से गिरा था।

अक्सर लोगों के मन में आता है कि क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाई जा सकती है या नहीं। ऐसा सवाल हर इंसान के मन में आता है तो आइए हम आपको आसान शब्दों में इसकी जानकारी देते हैं।

हर एक इंसान के लिए ट्रेडिंग के जरिए पैसे कमाना संभव है पर यह आसान नहीं होता है क्योंकि जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि अगर कोई व्यक्ति शेयर के मूल्य की हर एक छोटी मूवमेंट से अच्छा पैसा कमाना चाहता है तो उसके लिए ज्यादा से ज्यादा शेयर लेने आवश्यक हैं और इसके लिए पैसों की जरूरत बहुत ज्यादा होगी।

पैसों के साथ-साथ हर एक व्यक्ति को जो कि इसमें पैसे लगाते हैं उनको TECHNICAL ANALYSIS की जानकारी होनी भी जरूरी है। तभी हम प्राइस के पैटर्न को समझ सकेंगे और वक्त आने पर शेयर को बेच और खरीद सकेंगे।

ट्रेडिंग में सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि लगातार अपनी गलतियों से सीखना क्योंकि जितना ही हम
सीखेंगे उतना हमारा तजुर्बा बढ़ेगा जिससे कि हम Successful Trader ट्रेडर बन सकेंगे। अपनी गलतियों से सीखना और उससे आगे बढ़ना ही सक्सेसफुल ट्रेडर की पहचान होती है।

ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलते हैं?

ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए सबसे पहले हमें स्टॉक ब्रोकर के पास जाना पड़ेगा। स्टॉक ब्रोकर हमारा ट्रेडिंग अकाउंट आसानी से खोल सकता है। आज के समय में ट्रेडिंग अकाउंट कर बैठे ऑनलाइन खोला जा सकता है।
नीचे हमने मशहूर स्टॉक ब्रोकर के लिंक दिए हैं जिन पर क्लिक करके आप अपना डिमैट अकाउंट घर से ही 15 मिनट में खोल सकते हैं।

भारत के मशहूर स्टॉक ब्रोकर:

फिर इसके बाद शेयर को बेचने और खरीदने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे जमा करवाने जरूरी है जिसके लिए हमें ट्रेडिंग अकाउंट के साथ अपना एक बैंक अकाउंट भी लिंक करवाना जरूरी है। क्योंकि अगर हम कभी पैसों की जरूरत हो तो हम ट्रेडिंग अकाउंट में से बैंक अकाउंट में पैसा जमा करवा सकें।

यह जरूरी नहीं है कि हम अपना कोई नया बैंक अकाउंट ही खुलवाएं बैंक में अगर हमारे पास अपना कोई पुराना खाता भी है तो हम उसको भी लिंक करवा सकते हैं। इससे हमारे शेयर का जो Dividend होगा उसके हकदार हम होंगे और उसकी राशि हमारे इसी बैंक अकाउंट में जाएगी।

स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?

ट्रेडर या इन्वेस्टर के साथ स्टॉक एक्सचेंज को जोड़ने का काम स्टॉक ब्रोकर करता है। स्टॉक ब्रोकर हमारे स्टॉक
एक्सचेंज के बीच एक कनेक्शन का काम करता है।

Trading अकाउंट खोलने के लिए जो जरूरी डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं वह नीचे लिखे हैं:

रेटिंग: 4.94
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 415
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *