निवेश की पेशकश

निवेश में धोखाधड़ी के 4 संकेत
‘‘हॉट टिप्स’’ या ‘‘भेदिया जानकारी’’ के स्रोत आपके सर्वोच्च हितों को ध्यान में नहीं रखते हैं। इस बारे में विचार करें कि वे आपको टिप्स क्यों दे रहे हैं और उनके बारे में आपको बताकर उन्हें कैसे लाभ होता है। ध्यान रखें कि सार्वजनिक कंपनी के बारे में भेदिया जानकारी पर कार्रवाई करना गैर-कानूनी है।
निवेश में धोखाधड़ी के 4 संकेत
#3: आपको खरीदने का दबाव महसूस होता है
धोखेबाज – आपसे धन प्राप्त करने और फिर दूसरे लोगों को शिकार बनाने के लिए बार-बार उच्च-दबाव वाले बिक्री चालों का इस्तेमाल करते हैं। यदि आपसे तुरंत सही निर्णय लेने के लिए कहा जाता है, तो संभवत: यह आपके सर्वोच्च हित में नहीं होगा।
निवेश में धोखाधड़ी के 4 संकेत
#4: वे निवेश की बिक्री करने लिए पंजीकृत नहीं होते हैं
आप निवेश करें उससे पहले, आपको निवेश करने वाले व्यक्ति के पंजीकरण और पृष्ठभूमि की जांच कर लें। सामान्यत:, प्रतिभूति बेचने या निवेश सलाह की पेशकश करने वाला कोई भी व्यक्ति आपके प्रांत या क्षेत्र में प्रतिभूति विनियामक से पंजीकृत होना चाहिए।
निवेश में धोखाधड़ी के 4 संकेत
यह सीखें कि स्वयं की सुरक्षा कैसे करें
यह सीखें कि धोखेबाज आपसे कैसे बात कर सकते हैं और निवेश संबंधी धोखे से बचने के कुछ उपाय।
निवेश पेशकश पर अभी निर्णय नहीं: येस बैंक
संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के ऋणदाता येस बैंक ने अमेरिकी निवेशक से बैंक में 1.2 अरब डॉलर के निवेश के लिए बाध्यकारी पेशकश की समयसीमा बढ़ाने पर बातचीत शुरू की है। यह निवेश इक्विटी के तौर पर किया जाएगा। निवेशक द्वारा बैंक में हिस्सेदारी के लिए बाध्यकारी पेशकश की समयसीमा 30 नवंबर को खत्म हो रही है। घटनाक्रम के जानकार सूत्रों के मुताबिक येस बैंक निवेशक के साथ अब भी बातचीत कर रहा है और उसकी पेशकश पर अभी कोई निर्णय नहीं किया है। इस निवेश से बैंक को अपनी वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ बनाने और कर्ज आवंटन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
येस बैंक के सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों के पास बाध्यकारी पेशकश की समयसीमा बढ़ाने का विकल्प है और बैंक उम्मीद कर रहा है ताजा पूंजी दिसंबर तक उसे मिल सकती है। येस बैंक ने 31 दिसंबर को घोषणा की थी कि उसे एक निवेशक से बाध्यकारी ऑफर मिला है लेकिन उसने निवेशक के नाम का खुलासा नहीं किया था। अगर बैंक समय पर अपनी पूंजी बढ़ाने में सफल नहीं होती है तो रेेटिंग एजेंसियों की ओर से रेटिंग घटाए जाने का जोखिम हो सकता है।
वैश्विक रेटिंग फर्म मूडीज ने 6 नवंबर को ऐसा संकेत भी दिया था। मूडीज ने कहा था कि बैंक की वित्तीय स्थिति पूंजी जुटाने की योजना से बेहतर हो सकती है। लेकिन इसके क्रियान्वयन और समय, कीमत एवं नियामकीय मंजूरी आदि को लेकर जोखिम है। बैंक की समीक्षा के दौरान मूडीज ने कहा था कि वह बैंक की नई इक्विटी पूंजी जुटाने की क्षमता पर ध्यान देगा और चेताया था कि अगर पूंजी नहीं जुटाई जा सकी तो बैंक के क्रेडिट प्रोफाइल और रेटिंग्स पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
इस बारे में पक्ष जानने के लिए येस बैंक को ईमेल भेजा गया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। येस बैंक का शेयर आज 4 फीसदी की गिरावट के साथ 65.90 रुपये पर बंद हुआ। बंद भाव के आधार पर बैंक का कुल बाजार मूल्यांकन 16,807 करोड़ रुपये है। बाध्यकारी पेशकश की घोषणा करने के बाद से येस बैंक का शेयर करीब 16 फीसदी चढ़ चुका है। इस साल अगस्त में बैंक ने पात्र संस्थागत नियोजन के जरिये 83.55 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 1,930 करोड़ रुपये जुटाया था। येस बैंक को न केवल फंसे कर्ज की खातिर बल्कि विकास के लिए भी पूंजी की सख्त जरूरत है।
सितंबर में टियर 1 पूंजी 8.7 फीसदी पर थी, जो मार्च 2020 के 8 फीसदी की नियामकीय जरूरतों के करीब है। सितंबर तिमाही में बैंक की परिसपंत्ति की गुणवत्ता तेजी से खराबब हुई है और इसका सकल गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) का अनुपात 7.39 फीसदी तक पहुंच गई जो पिछले साल की सितंबर तिमाही में 1.6 फीसदी पर थी। शुद्घ एनपीए अनुपात सितंबर 2019 तिमाही में 4.35 फीसदी रही जो सितंबर 2018 तिमाही में 0.84 फीसदी पर थी। येस बैंक ने पिछले कुछ वर्षों में करीब-करीब उन सभी कंपनियों को कर्ज दिया है, जिसमें कर्ज फंसा हुआ है। इसकी वजह से बैंक को काफी नुकसान उठाना पड़ा है क्योंकि इन कंपनियों ने कर्ज भुगतान में चूक की है।
अचल संपत्ति निवेश ट्रस्ट: आरईआईटी क्या है?
हिंदी
भारत में कई निवेश विकल्प उपलब्ध हैं। इक्विटी, बांड और निश्चित जमा जैसे वित्तीय साधनों से अचल संपत्ति और सोने जैसी भौतिक संपत्तियों तक, निवेशकों के पास विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला है। अचल संपत्ति, तथापि, निवेशक का ध्यान के अच्छी निवेश की पेशकश तरह से आकर्षित करती है पैसे की तरह। भारतीय रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय घरेलू संपत्ति का लगभग 77% हिस्सा अचल संपत्ति के लिए अपना रास्ता खोजता है। अचल संपत्ति निवेश के साथ एक स्थायी मुद्दा इसके द्वारा सीमित तरलता की पेशकश है।
अचल संपत्ति निवेश ट्रस्ट या आरईआईटी अचल संपत्ति निवेश से जुड़े अधिकांश मुद्दों का जवाब है। आरईआईटी एक ऐसी कंपनी है जो अचल संपत्ति राजस्व पैदा करने वाली, विकसित, स्वामित्व या वित्त प्रदान करती है।
आरईआईटी क्या है?
यदि कोई पूछता है कि आरईआईटी क्या है, तो सबसे आसान जवाब यह होगा कि एक आरईआईटी एक ऐसी कंपनी है जो आय उत्पन्न करने वाली अचल संपत्ति में निवेश करने के लिए कई व्यक्तियों से धन इकट्ठा करती है। आरईआईटी म्यूचुअल फंड के समान हैं और लोगों को इसे खरीदने या प्रबंधित करने की आवश्यकता के बिना अचल संपत्ति में निवेश और कमाने की अनुमति देते हैं। भारत में अचल संपत्ति में निवेश एक बोझिल प्रक्रिया है। किसी को पूरी तरह से शोध करना पड़ता है और यदि आप किराए पैदा करने वाली अचल संपत्ति के मालिक हैं, तो आपको पर्याप्त निवेश करना होगा। इसके विपरीत, आरईआईटी को नियंत्रित करने वाली संरचना और नियम उन्हें बेहद पारदर्शी और तरल बनाते हैं। आरईआईटी निवेश को आसानी से नकद किया जा सकता है क्योंकि यह स्टॉक्स की तरह एक्सचेंजों पर कारोबार किया जाता है। आरईआईटी को नियंत्रित करने वाले नियमों के अनुसार, उत्पन्न आय का 90% निवेशकों को लाभांश के रूप में भुगतान करना होगा और कंपनी द्वारा केवल 10% ही बनाए रखा जा सकता है। अधिकांश आरईआईटी वाणिज्यिक अचल संपत्ति में निवेश करते हैं और इसे पट्टे पर देते हैं। आय निवेशकों के बीच वितरित की जाती है। गिरवी आरईआईटी अचल संपत्ति के मालिक नहीं हैं, लेकिन परियोजनाओं को वित्त देती हैं। अर्जित ब्याज लाभांश के रूप में वितरित किया जाता है।
आरईआईटी के प्रकार
— इक्विटी आरईआईटी : सबसे आम आरईआईटी इक्विटी आरईआईटी हैं। ये आरईआईटी अचल संपत्ति के मालिक हैं और प्रबंधन करते हैं। किराया आय इक्विटी आरईआईटी के लिए राजस्व का प्राथमिक स्रोत है।
— गिरवी आरईआईटी : ये आरईआईटी गिरवी और ऋण के माध्यम से अचल संपत्ति विकासकों को पैसे उधार देते हैं। धन के लिए प्रचालक द्वारा भुगतान किया गया ब्याज आरईआईटी के लिए आय है। विकासक द्वारा आरईआईटी के लिए भुगतान किए गए ब्याज और आरईआईटी उधारदाताओं को भुगतान ब्याज में जो अंतर है, आरईआईटी के लिए आय है। गिरवी आरईआईटी की आय ब्याज दर में उतार-चढ़ाव के प्रति संवेदनशील है।
— हाइब्रिड आरईआईटी : ये इक्विटी आरईआईटी और गिरवी आरईआईटी के बीच मध्य भाग है। हाइब्रिड आरईआईटी आम तौर पर अचल संपत्ति के मालिक और विकासकों को गिरवी और ऋण प्रदान करने के लिए संतुलन के लिए संचित धन का एक हिस्सा तैनात निवेश की पेशकश करते हैं।
आरईआईटी में निवेश कैसे करें?
आरईआईटी एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध हैं और कोई सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी के शेयरों की तरह आरईआईटी की इकाइयां खरीद सकता है। सार्वजनिक रूप से व्यापार करने वाली आरईआईटी के अलावा, निवेशक आरईआईटी म्यूचुअल फंड या एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड में भी शेयर खरीद सकते हैं।
क्या आरईआईटी निवेश समझ में आता है?
भारत आरईआईटी के लिए एक अपेक्षाकृत नया बाजार है। भारत में पहला आरईआईटी 2019 में लॉन्च किया गया था, भले ही पश्चिमी देशों में आरईआईटी 60 से अधिक वर्षों से अस्तित्व में है। आरईआईटी निवेश को ध्यान में रखते हुए भारत में एक नई अवधारणा है, क्या यह आरईआईटी का चयन करना समझ में आता है? आरईआईटी अद्वितीय फायदे के एक मेजबान प्रदान करते हैं।
कम पूंजी आवश्यकता: भारत में गुणवत्ता अचल संपत्ति निषिद्ध रूप से महंगा है। एक छोटा निवेशक एक गुणवत्ता संपत्ति खरीद और संचालित नहीं कर सकता है जो पर्याप्त उपज प्रदान करती है। आरईआईटी आय उत्पन्न करने वाली अचल संपत्ति में निवेश करते हैं क्योंकि आरईआईटी की प्रत्येक इकाई अपेक्षाकृत सस्ती है।
छोटे निवेशकों के लिए उपयुक्त : अचल संपत्ति में सीधे निवेश में कई कमियां हैं, प्राथमिक देश में शक्तिशाली बिल्डरों की लॉबी का सामना करना पड़ रहा है। एक छोटे निवेशक के लिए एक परियोजना में निवेश करने से पहले उचित परिश्रम करना आसान नहीं है। आरईआईटी विकासकों के साथ बातचीत करने की आवश्यकता को पूरी तरह से खत्म करते हैं।
पारदर्शिता: आरईआईटी एक्सचेंजों पर कारोबार किया जाता है, जिससे मूल्य खोज आसान हो जाती है। आरईआईटी इकाइयों को बिना किसी परेशानी के आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है।
आय आश्वासन: आरईआईटी निवेश की पेशकश को निवेशकों के बीच आय का 90% लाभांश के रूप में वितरित करना होगा, जिससे आय का स्थिर स्रोत सुनिश्चित किया जा सके।
आरईआईटी निवेश धीरे-धीरे और लगातार भारत में स्वीकृति प्राप्त कर रहा है। पहले भारतीय आरईआईटी ने मजबूत निवेशक भागीदारी देखी है। बड़े आरईआईटी फंड वाणिज्यिक परियोजनाओं, होटल, डेटा केंद्रों और गोदामों में निवेश करते हैं, जो आम निवेशक के लिए संभव नहीं हो सकते हैं। पोर्टफोलियो के विविधीकरण के लिए आरईआईटी फंड का उपयोग किया जा सकता है। निवेशक अपने पोर्टफोलियो में भौतिक अचल संपत्ति के विकल्प के रूप में आरईआईटी का उपयोग कर सकते हैं।
Mutual funds: वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी निवेश का बेहतर साधन है म्यूचुअल फंड, पढ़ें काम की खबर
निवेश विशेषज्ञों का मानना है कि म्यूचुअल फंड वरिष्ठ नागरिकों की ओर से किए जाने वाले निवेश को महंगाई के असर से भी बचाता है।
म्यूचुअल फंड को लेकर आमतौर पर धारणा है कि यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए जोखिम भरा होता है। इसकी बड़ी वजह वरिष्ठ नागरिकों की बढ़ती उम्र है। लेकिन, वर्तमान में ऐसे नागरिकों के लिए निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं। इन्हीं में एक है म्यूचुअल फंड। मौजूदा समय में ऐसे कई म्यूचुअल फंड हैं, जिन्हें खासतौर पर ऐसे नागरिकों की जरूरतों और कम जोखिम को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
रिटर्न के लिहाज से भी यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए निवेश का अच्छा विकल्प है। म्यूचुअल फंड के जरिये फंड मैनेजर निवेशकों की कमाई को उन योजनाओं में लगाते हैं, जहां बेहतर रिटर्न मिलता है। इससे निवेश में विविधता भी आती है। इसकी रकम को शेयर, बॉन्ड और ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) आदि में लगाया जाता है। इसलिए इसके प्रदर्शन यानी रिटर्न पर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर रहता है।
महंगाई के असर से बचाने में मददगार
निवेश विशेषज्ञों का मानना है कि म्यूचुअल फंड वरिष्ठ नागरिकों की ओर से किए जाने वाले निवेश को महंगाई के असर से भी बचाता है।
- सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) या एकमुश्त भुगतान के जरिये निवेश कर सकते हैं।
- उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए पैसे लगाने का यह बेहतर विकल्प साबित हो सकता है, जिन्हें अपने निवेश में लचीलेपन की जरूरत होती है।
लंबी अवधि में अधिक मुनाफा
दरअसल, फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और रिकरिंग डिपॉजिट (आरडी) में किए गए निवेश पर महंगाई का असर पड़ता है। इसलिए रिटर्न के लिहाज से एफडी व आरडी के मुकाबले लंबी अवधि के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश ज्यादा मुनाफा दिला सकता है। हालांकि, कम अवधि के निवेश में नुकसान की आशंका रहती है।
वर्तमान में वरिष्ठ नागरिकों को एफडी पर 3 से 7 फीसदी तक मिल रहा ब्याज
7.6% रिटर्न की पेशकश की जा रही है डाकघर में बचत योजना पर
मौका : राष्ट्रीय पेंशन योजना में 9 से 12 फीसदी तक ब्याज
निवेश वापस लेने की होती है छूट
वरिष्ठ नागरिकों को शुरुआती पांच साल के लिए डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए। वहीं, अगले पांच साल के नियमित खर्चों के लिए बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड में पैसे लगा सकते हैं। म्यूचुअल फंड निवेशक कभी भी अपना निवेश वापस ले सकता है। हालांकि, राष्ट्रीय पेंशन योजना या अन्य में ऐसी छूट नहीं होती है। इसके अलावा, म्यूचुअल फंड वरिष्ठ नागरिकों को अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करने की भी छूट देता है। -स्वीटी मनोज जैन, निवेश सलाहकार
. तो कम अवधि में मिल सकता है अच्छा फायदा
हर म्चूयुअल फंड में इक्विटी और डेट के हिसाब से एक अलग प्रकार का जोखिम रहता है। ऐसे में रिटायर हो चुके वरिष्ठ नागरिक लंबी अवधि के अलावा कम अवधि के लिए भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि अच्छी क्रेडिट रेटिंग वाली कंपनियों के शॉर्ट टर्म बॉन्ड में निवेश करें। इसमें बैंक एफडी के मुकाबले बेहतर रिटर्न मिलता है।
विस्तार
म्यूचुअल फंड को लेकर आमतौर पर धारणा है कि यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए जोखिम भरा होता है। इसकी बड़ी वजह वरिष्ठ नागरिकों की बढ़ती उम्र है। लेकिन, वर्तमान में ऐसे नागरिकों के लिए निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं। इन्हीं में एक है म्यूचुअल फंड। मौजूदा समय में ऐसे कई म्यूचुअल फंड हैं, जिन्हें खासतौर पर ऐसे नागरिकों की जरूरतों और कम जोखिम को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
रिटर्न के लिहाज से भी यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए निवेश का अच्छा विकल्प है। म्यूचुअल फंड के जरिये फंड मैनेजर निवेशकों की कमाई को उन योजनाओं में लगाते हैं, जहां बेहतर रिटर्न मिलता है। इससे निवेश में विविधता भी आती है। इसकी रकम को शेयर, बॉन्ड और ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) आदि में लगाया जाता है। इसलिए इसके प्रदर्शन यानी रिटर्न पर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर रहता है।
महंगाई के असर से बचाने में मददगार
निवेश विशेषज्ञों का मानना है कि म्यूचुअल फंड वरिष्ठ नागरिकों की ओर से किए जाने वाले निवेश को महंगाई के असर से भी बचाता है।
- सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) या एकमुश्त भुगतान के जरिये निवेश कर सकते हैं।
- उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए पैसे लगाने का यह बेहतर विकल्प साबित हो सकता है, जिन्हें अपने निवेश में लचीलेपन की जरूरत होती है।
लंबी अवधि में अधिक मुनाफा
दरअसल, फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और रिकरिंग डिपॉजिट (आरडी) में किए गए निवेश पर महंगाई का असर पड़ता है। इसलिए रिटर्न के लिहाज से एफडी व आरडी के मुकाबले लंबी अवधि के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश ज्यादा मुनाफा दिला सकता है। हालांकि, कम अवधि के निवेश में नुकसान की आशंका रहती है।
वर्तमान में वरिष्ठ नागरिकों को एफडी पर 3 से 7 फीसदी तक मिल रहा ब्याज
7.6% रिटर्न की पेशकश की जा रही है डाकघर में बचत योजना पर
मौका : राष्ट्रीय पेंशन योजना में 9 से 12 फीसदी तक ब्याज
निवेश वापस लेने की होती है छूट
वरिष्ठ नागरिकों को शुरुआती पांच साल के लिए डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए। वहीं, अगले पांच साल के नियमित खर्चों के लिए बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड में पैसे लगा सकते हैं। म्यूचुअल फंड निवेशक कभी भी अपना निवेश वापस ले सकता है। हालांकि, राष्ट्रीय पेंशन योजना या अन्य में ऐसी छूट नहीं होती है। इसके अलावा, म्यूचुअल फंड वरिष्ठ नागरिकों को अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करने की भी छूट देता है। -स्वीटी मनोज जैन, निवेश सलाहकार
. तो कम अवधि में मिल सकता है अच्छा फायदा
हर म्चूयुअल फंड में इक्विटी और डेट के हिसाब से एक अलग प्रकार का जोखिम रहता है। ऐसे में रिटायर हो चुके वरिष्ठ नागरिक लंबी अवधि के अलावा कम अवधि के लिए भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि अच्छी क्रेडिट रेटिंग वाली कंपनियों के शॉर्ट टर्म बॉन्ड में निवेश करें। इसमें बैंक एफडी के मुकाबले बेहतर रिटर्न मिलता है।