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स्वैप के उपयोग क्या हैं

स्वैप के उपयोग क्या हैं

स्वैप के उपयोग क्या हैं

Chocolate Swap Token in Hindi : यह एक डिलीशियस क्रिप्टोकरेंसी टोकन है। जो की Pinksale वेबसाइट पे 13 August, 2022 से प्री सेल के लिए निर्धारित की गई है। इसकी मिनिमम प्राइस 300 बीएनबी (BNB) पर सेट की गई है जिसमें कुल जुटाए गए फंड का 51% लिक्विडिटी में जाता है। इसके अलावा, तरलता का लॉकअप समय 365 दिन है। यह Chocolate Swap Ecosystem के ऊपर काम करेगा।

कॉन्ट्रैक्ट चेकर द्वारा किए गए ऑडिट के अनुसार चॉकलेट स्वैप SAFU कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए पिंकसेल डॉक्यूमेंटेशन पर सूचीबद्ध सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है। चॉकलेट स्वैप टोकन भी केवाईसी द्वारा सत्यापित है, जो कि पिंकसेल लॉन्चपैड के एक विश्वसनीय डेवलपर कॉन्ट्रैक्ट चेकर द्वारा सत्यापित है। यह टोकन पूर्ण रूप से डिसेंट्रिलाइज मतलब इस दुकान के ऊपर किसी का कंट्रोल नहीं है।

How to Buy Chocolate Swap Token in Hindi

Chocolate Swap Token खरीदने के लिए आपको कोई रजिस्ट्रेशन या अकाउंट नहीं खोलना पड़ेगा। आप चॉकलेट स्वैप टोकन को तुरंत स्वैप कर पाएंगे। आप अपने वॉयलेट थे इसे डायरेक्टली स्वैप कर सकते हैं। बीएनबी चेन पर बने होने के कारण चॉकलेट स्वैप टोकन खरीदने पर बिटकॉइन और एथेरियम के मुकाबले बहुत ही कम फीस लगती है।

यहां पर आपका जीरो परसेंट ट्रेडिंग फीस देना होगा। मतलब अगर आप यहां पर स्वैप के उपयोग क्या हैं ट्रेडिंग करते हैं या खरीदते और भेजते हैं तो आपको कोई फीस नहीं देना होगा। चॉकलेट स्वैप आप को टोकन। खरीदने पर रिवार्ड के रूप में Baby Doge Coin देगी। आपने जितने Chocolate Swap Token रखा होगा उसका 2% आप को Baby Doge Coin आप को रिवार्ड के रूप में मिले गा

चॉकलेट स्वैप कंपनी का क्या है कहना

चॉकलेट स्वैप इकोसिस्टम को सहज और सुविधाजनक बनाने के बारे में बोलते हुए, कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “हमने खाते बनाने या उपयोगकर्ताओं को पंजीकृत करने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है, जिसका अर्थ है कि उपयोगकर्ता पंजीकरण पर कोई समय बर्बाद किए बिना तुरंत टोकन की अदला-बदली शुरू कर सकते हैं।

अपने वॉलेट ऐप का उपयोग करके, कोई भी उपयोगकर्ता सीधे Chocolate Swap Token का व्यापार कर सकता है। उन्हें हमारे साथ कोई विवरण साझा करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हम मानते हैं कि पैसा उपयोगकर्ता का है और वे इसके एकमात्र मालिक हैं।

Distribution of Chocolate Swap Token in Hindi

चाॅकलेट स्वैप टोकेन किन किन जगहों पर इनवेस्ट करता है, इससे संबंधित सभी जानकारी आपको आगे एक टेबल के माध्यम से उपलब्ध करवाई गयी है।

ऑपरेटिंग सिस्टम में स्वैपिंग क्या है | What is Swapping in OS in Hindi

What is Swapping in Hindi

क्या आप जानना चाहते है, ऑपरेटिंग सिस्टम में स्वैपिंग क्या है (What is Swapping in OS in Hindi), स्वैपिंग तकनीक में कितनी अवधारणाएॅ इस्तेमाल किया जाता है और ऑपरेटिंग सिस्टम में स्वैपिंग तकनीक के उपयोग करने के क्या लाभ हैं।

तो चलिए स्वैपिंग के बारे में बिस्तार से जानते है ।

Table of Contents

ऑपरेटिंग सिस्टम में स्वैपिंग क्या है (What is Swapping in OS in Hindi ) ?

स्वैपिंग का हिन्दी अर्थ अदला-बदली है ।

स्वैपिंग एक मेमोरी मैनेजमेंट तकनीक है और इसका उपयोग कंप्पूटर सिस्टम की मुख्य मेमोरी से निष्क्रिय प्रोग्राम को अस्थायी स्वैप के उपयोग क्या हैं रूप से हटाने के लिए किया जाता है ।

किसी भी प्रक्रिया को इसके निश्पादन के लिए मेमोरी में होना चाहिए, लेकिन अस्थायी रूप से मेमोरी से बैकिंग स्टोर में स्वैप किया जा सकता है और फिर इसके निष्पादन को पूरा करने के लिए मेमोरी में वापस लाया जा सकता है ।

स्वैपिंग इसलिए की जाती है ताकि अन्य प्रक्रियाओं को उनके निष्पादन के लिए मेमोरी मिल जाए ।

स्वैपिंग प्रक्रिया को मेमारी संघनन की तकनीक के रूप में भी जाना स्वैप के उपयोग क्या हैं जाता है । मूल रूप से, कम प्राथमिकता वाली प्रक्रियाओं की स्वैपिंग की जा सकती है ताकि उच्च प्राथमिकता वाली प्रक्रियाओं को लोड और निष्पादित किया जा सके ।

स्वैपिंग तकनीक में कितनी अवधारणाए इस्तेमाल किया जाता है ?

स्वैपिंग तकनीक में मुख्य रूप में दो अवधारणाएॅ स्वैप इन (Swap In) और स्वैप आउट (Swap Out) का इस्तेमाल किया जाता है ।

Swap In : वह प्रक्रिया जिसके द्वारा किसी भी प्रक्रिया को हार्ड डिस्क से हटा दिया जाता है और मुख्य मेमोरी या रैम में रखा जाता है उसे आमतौर पर स्वैप इन के रूप में जाना जाता है ।

Swap Out : स्वैप आउट मुख्य मेमोरी या रैम से एक प्रक्रिया को हटाने और फिर इसे हार्ड डिस्क में जोड़ने की विधि है ।

स्वैपिंग तकनीक के उपयोग करने के क्या लाभ है (Benefits of Swapping Technique ) ?

स्वैपिंग तकनीक के उपयोग का कोई लाभ है, जिसका मुख्य लाभ इस प्रकार है :-

  • स्वैपिंग तकनीक मुख्य रूप से सीपीयू को एक ही मुख्य मेमोरी के भीतर कई प्रक्रियाओं को प्रबंधित करने में मदद करती है ।
  • स्वैपिंग तकनीक वर्चुअल मेमोरी बनाने और उपयोग करने में मदद करती है ।
  • इस तकनीक को अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए प्राथमिकता आधारित शेडयूलिंग पर आसानी से लागू किया जा सकता है ।
  • इस तकनीक की मदद से सीपीयू एक साथ कई काम कर सकता है । इस प्रकार, प्रक्रियाओं को उनके निष्पादन से पहले बहुत अधिक प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है ।

निर्ष्कष – Conclusion

मुझे आशा है, इस पोष्ट से आपने ऑपरेटिंग सिस्टम में स्वैपिंग क्या है (What is Swapping in OS in Hindi), स्वैपिंग तकनीक में कितनी अवधारणाएॅ इस्तेमाल किया जाता है और स्वैपिंग तकनीक के उपयोग करने के क्या लाभ है, इसके बारे में अच्छे से सीख लिया हैं ।

अगर फिर Swapping के बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है तो आप हमें कमेंट करके पुछ सकते है ।

Debit और ATM कार्ड में है ये बड़ा अंतर, शायद नहीं जानतें होंगे आप!

ATM और Debit दोनों तरह के कार्ड आपके बैंक खाते से सीधा जुड़े होते हैं. लेकिन इनके इस्तेमाल का दायरा एक-दूसरे से बहुत अलग है. आज के समय में जबकि कैश रखना दूर की बात हो गई है, तो डेबिट कार्ड लोगों के लिए बड़े काम की चीज बन गया है.

डेबिट कार्ड और ATM कार्ड में है बड़ा अंतर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2022,
  • (अपडेटेड 18 जुलाई 2022, 1:26 PM IST)

आज के डिजिटल युग में सब-कुछ ऑनलाइन हो चुका है. पहले जहां पैसे निकालने के लिए बैंक में जाकर घंटों लाइन में लगना पड़ता था, वहीं अब नेट बैंकिंग और ATM या Debit कार्ड की मदद से कभी भी और कहीं भी पैसे की जरूरत को पूरा कर सकते हैं. ये दोनों कार्ड दिखते जरूर एक जैसे हैं. लेकिन इनमें बड़ा अंतर होता है. जो शायद हर किसी को पता नहीं होता. हम आपको बता रहे हैं ये कैसे एक-दूसरे से अलग हैं.

बैंक दे रहे कार्ड बेस्ड ट्रांजैक्शन सुविधा
ऑनलाइन बैंकिंग (Online Banking) के दौर में आज खाता खोलने से छोटी-बड़ी सभी तरह की राशि का लेनदेन (Transactions) ऑनलाइन करने की सुविधा मौजूद है. सभी बैंक या फिर अन्य वित्तीय संस्थान कार्ड बेस्ड ट्रांजैक्शन को अहमियत दे रहे हैं. ग्राहक के खाता खुलावाने के साथ ही उसे ATM या डेबिट कार्ड दे दिया जाता है. जिससे ग्राहक को अपनी वित्तीय जरूरत पूरा करने के लिए बैंक न आना पड़े और नजदीकी एटीएम पर जाकर पैसे निकाल सके. भले ही लगभग सभी के पास ये कार्ड मौजूद हों, फिर भी बहुत से लोग ATM और डेबिट कार्ड के बीच के अंतर से अभी भी अनजान हैं.

ATM कार्ड का उपयोग सीमित
अगर आपकी बैंक ने आपको ATM कार्ड दिया है. तो बता दें कि इस कार्ड का इस्तेमाल सिर्फ बैंक शाखा की ऑटोमेटिक टेलर मशीन (ATM Machine) में ही किया जा सकता है. अगर आप किसी ऐसी जगह पर हैं जहां पर ATM मशीन मौजूद नहीं है, तो फिर यह कार्ड आपके किसी काम का नहीं है. क्योंकि इसके जरिए आप स्वैप मशीन के जरिए न तो पेमेंट कर सकते हैं और न ही कैश निकाल सकते हैं.

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हालांकि, ATM कार्ड आपके करेंट अकाउंट या सेविंग अकाउंट से जुड़ा होता है. लेकिन इस पर बैंक अपने ग्राहकों को किसी तरह का कर्ज नहीं देता है. इसके अलावा अगर आपको ऑनलाइन शॉपिंग करनी है या फिर किसी दुकान या शोरूम पर पेमेंट करना है तो भी स्वैप मशीन में इसका उपयोग नहीं किया जा सकता है.

Debit कार्ड के हैं कई फायदे
अब बात करते हैं डेबिट कार्ड (Debit Card) की, तो बता दें यह भी ATM कार्ड के जैसा ही होता है, लेकिन इसके फायदे बेशुमार हैं. आज जबकि खाने से लेकर कपड़े तक या घर के राशन से लेकर अन्य किसी भी सामान को खरीदने के लिए लोग ऑनलाइन शॉपिंग को तरजीह देते हैं. ऐसे में डेबिट कार्ड आपकी हर जरूरत को पूरा करता है. ATM कार्ड की तरह डेबिट कार्ड के जरिए ATM Machine से पैसे तो निकाल ही सकते हैं, बल्कि किसी भी जगह जहां पर मशीन नहीं है और पेमेंट के अन्य ऑनलाइन विकल्प हैं. आप आसानी से स्वैप मशीन के जरिए या नेट बैंकिंग और वॉलेट से भुगतान कर सकते हैं.

डेबिट कार्ड ने आम आदमी के लिए बैकिंग सेवाओं को बेहद सरल बना दिया है. ऑनलाइन लेन-देन हो या फिर बिलों का भुगतान सभी में इसका उपयोग किया जा सकता है. बैंक की ओर से ग्राहकों को जो डेबिट कार्ड दिया जाता है, उस पर मास्‍टरकार्ड, रूपे या फिर वीजा का लोगो मौजूद होता है. ये दरअसल पेमेंट गेटवे कंपनियों के लोगो हैं, जो आपके भुगतान को तेज और बाधा रहित बनाते हैं.

ऐसे समझें Debit कार्ड के फायदे
किसी भी बैंक की एटीएम मशीन से पैसे निकाल सकते हैं.
कहीं भी और कभी भी पैसों का लेन-देन कर सकते हैं.
ऑनलाइन शॉपिंग और दुकानों पर स्वैप मशीन से पेमेंट करें.
नेट बैंकिंग से अपने कार्ड से किसी भी खाते में पैसे भेज सकते हैं.

कैश ट्रांसफर के और भी हैं तरीके

डिजिटल मोड से पेमेंट शुरू करने

केंद्र सरकार ने भले ही 500 व 1000 के नोट बंद कर दिए हैं, लेकिन कैश ट्रांसफर के लिए लोगों के पास कई आधुनिक तरीके भी हैं। जैसे पेटीएम या ई-वॉलेट से ई-पेमेंट करना या फिर डेबिट या क्रेडिट कार्ड से स्वैप मशीन के जरिए खरीदारी करना।

समय बदलने के साथ ही अब बाजार में अधिकांश दुकानदार स्वैप मशीन या पेटीएम से कारोबार कर कैश लेस सोसायटी की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।केंद्र सरकार का जोर है कि लोग कैश से कम और कैश लेस माध्यम से ज्यादा ट्रांजक्शन करें। इससे न केवल लोगों को सहूलियत होगी बल्कि सरकार भी कालाबाजारी व काले धन के फ्लो पर रोक लगा सकेगी।

नोट बंदी के बाद से जब कैश की कमी हुई तो लोगों ने आधुनिक साधनों का उपयोग करना शुरू कर दिया। पेटीएम, ई-वॉलेट, स्वैप मशीन से खरीदना और आसान है। हालांकि बुजुर्गों को भुगतान के इन तरीकों को अपनाने में दिक्कत पेश आ रही है।

- क्या है पेटीएम और कैसे करें इसका उपयोग
पेटीएम एक मोबाइल एप है। जिसका उपयोग बेहद ही सरल और सुविधाजनक है। सबसे पहले ग्राहक को अपने स्वैप के उपयोग क्या हैं स्मार्टफोन में पेटीएम एप इंस्टॉल करके उसे आईडी और पासवर्ड डालकर लॉग-इन करना होता है। बैंक अकाउंट और एटीएम कार्ड का उपयोग करके पेटीएम अकाउंट के वॉलेट में रुपये ट्रांसफर करने होते हैं।

वैलेट में रुपये आने के बाद जिस दुकान पर खरीद करनी हो, उस दुकानदार के मोबाइल नंबर पर पेटीएम एप से रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं। एप पर एक बारकोड स्कैन करने का ऑप्शन भी आता है। दुकानदार के पास मौजूद बारकोड को अपने मोबाइल फोन से स्कैन करके भी रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं।

- ई-वॉलेट भी है फायदेमंद
कैश की कमी के दौरान ई-वॉलेट भी आपके लिए संजीवनी साबित हो सकता है। जिस बैंक में आपका खाता है, उस बैंक का मोबाइल एप उपयोग करके आप आसानी से ई-वॉलेट का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा ऑक्सीजन और अन्य कंपनियों का एप इंस्टॉल करके भी पेटीएम की तर्ज पर रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं।

- स्वैप मशीन
अधिकांश व्यापारियों ने बैंकों से स्वैप मशीन ले ली है। इससे उनका कारोबार और आसान हो गया है। अगर ग्राहक के पास डेबिट या क्रेडिट कार्ड है तो सामान खरीदने के बाद वह आसानी से पेमेंट कर सकता है। जितनी की खरीददारी होगी, उतने रुपये उनके एकाउंट से कट जाएंगे। आपको पर्स में कम से कम कैश रखने की जरूरत होगी।

- बोले लोग
- इंटरनेट बैंकिंग के अलावा भी कैश की जरूरत पड़ती है। यूथ अक्सर डेबिट या क्रेडिट कार्ड का ही उपयोग करते हैं।- शिवानी
- कैशलेस ट्रांजेक्शन अच्छा है, लेकिन घर में सभी लोग कैश देकर ही सामान खरीदते हैं। डिजिटल इंडिया बनने में समय लगेगा।- बुलबुल

- समय के साथ-साथ बहुत कुछ बदला है। अब बुजुर्ग लोग कहां से पेटीएम या ई-बैंकिंग करना सीखें। पुराना तरीका ही सही है। -चरनजीत
- ज्यादातर घरेलू महिलाओं को ई-बैंकिंग के बारे में पता नहीं होता। बच्चे ही कार्ड या अन्य तरीकों से खरीदने के लिए भुगतान करते हैं। -रुचि कौशिक
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केंद्र सरकार ने भले ही 500 व 1000 के नोट बंद कर दिए हैं, लेकिन कैश ट्रांसफर के लिए लोगों के पास कई आधुनिक तरीके भी हैं। जैसे पेटीएम या ई-वॉलेट से ई-पेमेंट करना या फिर डेबिट या क्रेडिट कार्ड से स्वैप मशीन के जरिए खरीदारी करना।

समय बदलने के साथ ही अब बाजार में अधिकांश दुकानदार स्वैप मशीन या पेटीएम से कारोबार कर कैश लेस सोसायटी की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।केंद्र सरकार का जोर है कि लोग कैश से कम और कैश लेस माध्यम से ज्यादा ट्रांजक्शन करें। इससे न केवल लोगों को सहूलियत होगी बल्कि सरकार भी कालाबाजारी व काले धन के फ्लो पर रोक लगा सकेगी।

नोट बंदी के बाद से जब कैश की कमी हुई तो लोगों ने आधुनिक साधनों का उपयोग करना शुरू कर दिया। पेटीएम, ई-वॉलेट, स्वैप मशीन से खरीदना और आसान है। हालांकि बुजुर्गों को भुगतान के इन तरीकों को अपनाने में दिक्कत पेश आ रही है।

- क्या है पेटीएम और कैसे करें इसका उपयोग
पेटीएम एक मोबाइल एप है। जिसका उपयोग बेहद ही सरल और सुविधाजनक है। सबसे पहले ग्राहक को अपने स्मार्टफोन में पेटीएम एप इंस्टॉल करके उसे आईडी और पासवर्ड डालकर लॉग-इन करना होता है। बैंक अकाउंट और एटीएम कार्ड का उपयोग करके पेटीएम अकाउंट के वॉलेट में रुपये ट्रांसफर करने होते हैं।

वैलेट में रुपये आने के बाद जिस दुकान पर खरीद करनी हो, उस दुकानदार के मोबाइल नंबर पर पेटीएम एप से रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं। एप पर एक बारकोड स्कैन करने का ऑप्शन भी आता है। दुकानदार के पास मौजूद बारकोड को अपने मोबाइल फोन से स्कैन करके भी रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं।

- ई-वॉलेट भी है फायदेमंद
कैश की कमी के दौरान ई-वॉलेट भी आपके लिए संजीवनी साबित हो सकता है। जिस बैंक में आपका खाता है, उस बैंक का मोबाइल एप उपयोग करके आप आसानी से ई-वॉलेट का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा ऑक्सीजन और अन्य कंपनियों का एप इंस्टॉल करके भी पेटीएम की तर्ज पर रुपये ट्रांसफर किए जा सकते हैं।

- स्वैप मशीन
अधिकांश व्यापारियों ने बैंकों से स्वैप मशीन ले ली है। इससे उनका कारोबार और आसान हो गया है। अगर ग्राहक के पास डेबिट या क्रेडिट कार्ड है तो सामान खरीदने के बाद वह आसानी से पेमेंट कर सकता है। जितनी की खरीददारी होगी, उतने रुपये उनके एकाउंट से कट जाएंगे। आपको पर्स में कम से कम कैश रखने की जरूरत होगी।

- बोले लोग
- इंटरनेट बैंकिंग के अलावा भी कैश की जरूरत पड़ती है। यूथ अक्सर डेबिट या क्रेडिट कार्ड का ही उपयोग करते हैं।- शिवानी
- कैशलेस ट्रांजेक्शन अच्छा है, लेकिन घर में सभी लोग कैश देकर ही सामान खरीदते हैं। डिजिटल इंडिया बनने में समय लगेगा।- बुलबुल

- समय के साथ-साथ बहुत कुछ बदला है। अब बुजुर्ग लोग कहां से पेटीएम या ई-बैंकिंग करना सीखें। पुराना तरीका ही सही है। -चरनजीत
- ज्यादातर घरेलू महिलाओं को ई-बैंकिंग के बारे में पता नहीं होता। बच्चे ही कार्ड या अन्य तरीकों से खरीदने के लिए भुगतान करते हैं। -रुचि कौशिक
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