शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है

Zomato के शेयरों की तेजी पर लगा ब्रेक, एक्सपर्ट से जानिए अब इसमें क्या करें
13 सितंबर के Zomato के शेयरों की चाल पर नजर डालें तो यह स्टॉक कल 4.6 फीसदी की बढ़त के साथ 64.5 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। इसके साथ ही इसने औसत से ज्यादा वॉल्यूम के साथ डेली स्केल पर एक शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है बुलिश कैंडल भी बनाया था
इस स्टॉक में वॉल्यूम भी बढ़ता नजर आया है। इससे संकेत मिलता है कि निचले स्तरों से इस स्टॉक में खरीदारी लौटी है
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आज बाजार की शुरुआत भारी गिरावट के साथ हुई थी। हालांकि इस गैपडाउन के बाद बाजार में शानदार रिकवरी आई है। निफ्टी निचले स्तरों से 125 अंक तो बैंक निफ्टी करीब 500 अंक सुधरा है। आज के कारोबार में बाजार को SBI, ITC, NTPC और मारुति ने सहारा दिया है। वहीं, कल बाजार में लगातार चौथें दिन तेजी देखने को मिली थी और निफ्टी 5 महीने के बाद एक बार फिर 18000 का अपना मनोवैज्ञानिक लेवल पार करने में कामयाब रहा।
कल की रैली में तमाम शेयरों ने भागीदारी की थी। इनमें Zomato का नाम भी शामिल है। 13 सितंबर के Zomato के शेयरों की चाल पर नजर शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है डालें तो यह स्टॉक कल 4.6 फीसदी की बढ़त के साथ 64.5 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। इसके साथ ही इसने औसत से ज्यादा वॉल्यूम के साथ डेली स्केल पर एक बुलिश कैंडल भी बनाया था।
अब आगे इस शेयर की चाल कैसी रह सकती है ? इस पर बात करते हुए 5paisa.com के रुचित जैन ने कहा कि नवंबर 2021 में इस स्टॉक में 169 रुपये के हाई से काफी बड़ी गिरावट देखने को मिली है। यहां तक की इस स्टॉक ने जुलाई 2022 में 45 रुपये का शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है निचला स्तर भी तोड़ दिया था। लेकिन पिछले करीब डेढ़ महीने से इस स्टॉक में निचले स्तरों से तेजी आती नजर आई है। इसके साथ ही इस स्टॉक में वॉल्यूम भी बढ़ता नजर आया है। इससे संकेत मिलता है कि निचले स्तरों से इस स्टॉक में शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है खरीदारी लौटी है।
Share Market में निवेशकों की रडार पर रहे ये 9 शेयर, हाई वॉल्यूम में रहा कारोबार
Share Market Tips: शेयर मार्केट की शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है तरफ लोगों का लगातार झुकाव देखने को मिल रहा है. लोग शेयर मार्केट में इंवेस्टमेंट के लिहाज से काफी पैसा भी इंवेस्ट करते हैं, जिसके कारण किसी शेयर की खरीद-बिक्री पर वॉल्यूम का भी असर पड़ता है.
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Stock Market News: शेयर बाजार में लोगों की भागीदारी काफी ज्यादा बढ़ रही है. पिछले दिनों काफी नए डीमैट अकाउंट भी खुले हैं. जितनी ज्यादा लोगों की भागीदारी होगी, उतना ही किसी शेयर के वॉल्यूम पर असर भी देखने को मिलेगा. वहीं शेयर बाजार में कई ऐसे शेयर भी हैं, जिनमें हाई वॉल्यूम के साथ कारोबार देखने को मिला है. ऐसे शेयर पर लोगों की काफी नजरें होती हैं और छोटी-बड़ी खबर भी इन खबरों पर असर डालती है. हर दिन कोई न कोई शेयर ऐसा जरूर होता है जिसका वॉल्यूम हाई रहता है. इन शेयरों की संख्या कम या ज्यादा भी हो सकती है.
कई शेयर में हाई वॉल्यूम
बीते हफ्ते के आखिरी कारोबार के दिन भी कुछ शेयर में हाई वॉल्यूम देखने को मिला था. लोगों ने इन शेयरों में बड़ी मात्रा में खरीद-बिक्री की थी. ऐसे में जाहिर-सी बात है कि लोगों की रडार पर ये स्टॉक भी हैं. बीते शुक्रवार को हाई वॉल्यूम स्टॉक में 9 शेयर शामिल थे.
1. Jaiprakash Associates Limited (Volume- 102,070,211)
2. Trident Limited (Volume- 52,520,012)
3. Tata Teleservices (maharashtra) Limited (Volume- 108,904,776)
4. Reliance Power Limited (Volume- 461,789,015)
5. Jaiprakash Power Ventures Limited (Volume- 265,301,191)
6. Suzlon Energy Limited (Volume- 156,280,546)
7. Yes Bank Limited (Volume- 53,454,387)
8. Idea Cellular Limited (Volume- 59,655,184)
9. Zomato Ltd (Volume- 137,946,710)
खरीद-बिक्री जारी
इन 9 शेयरों में बीते शुक्रवार को Yes Bank, Idea और Zomato का शेयर लाल निशान में बंद हुए थे. इनमें बिकवाली काफी हावी रही. हालांकि बाकी के 6 शेयर हरे निशान शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है में बंद हुए थे. निवेशकों ने इस शेयर में खरीद की.
(डिस्कलेमर : किसी भी तरह का निवेश करने से पहले एक्सपर्ट से जानकारी कर लें. जी न्यूज किसी भी तरह के निवेश के लिए आपको सलाह नहीं देता.)
सबसे ज्यादा एक्टिव - वैल्यू
सबसे ज्यादा एक्टिव (वॉल्यूम) शेयर आपको उन शेयरों की पहचान करने में मदद करते है, जिनका ट्रेडिंग वॉल्यूम दिन में सबसे ज्यादा होता है। सबसे ज्यादा एक्टिव शेयर ज्यादा लिक्विडिटी और कम बिड-आस्क स्प्रेड ऑफर करते हैं जिससे इम्पैक्ट कॉस्ट घट जाती है।
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शेयर बाजार में Volume को कैसे समझे ? हिंदी में।
शेयर बाजार में Volume क्या होता हैं ?
Table of Contents
Volume क्या होता हैं ?
Share market में दिन के दौरान जो Buying और Selling होती हैं उसके आधार पर जितनी trading हुई हैं वह संख्या हम Volume के आधार पर जान सकते हैं।
या फिर दिन के दौरान जो खरेदी और बिक्री की संख्या होती हैं उसे हम volume कहते हैं।
चार्ट पर Volume को कैसे देखे ?
१.Trend Continuation
Trend Continuation में शेयर का कोईभी ट्रेंड हो वह वॉल्यूम के साध बढ़ता ही जाता हैं।
१. Volume Increase – Price Up Trend
Volume Increase – Price Up Trend
जब किसी शेयर का प्राइस uptrend में जा रहा हैं और उसका volume भी बढ़ रहा हैं तब ऐसा माना जाता हैं की, वह तेजी का ट्रेंड चल रहा हैं वह आगे और तेजी से चलेगा।
अभी बाजार में बिकवाली नहीं करनी चाहिए।
२.Volume Decrease- Price Down Trend
Volume Decrease- Price Down Trend
जब किसी शेयर का प्राइस Down trend में जा रहा हैं और उसका volume भी कम हो रहा हैं तब ऐसा माना जाता हैं की, वह मंदी का ट्रेंड चल रहा हैं वह आगे और तेजी से चलेगा।
अभी बाजार में खरेदी नहीं करनी चाहिए।
२.Trend Reversal
१.Price increase – volume Decrease
Trend Reversal – Price increase volume Decrease
जब किसी शेयर का प्राइस uptrend में जा रहा हैं और उसका volume भी कम हो रहा हैं तब ऐसा माना जाता हैं की, वह तेजी का ट्रेंड चल रहा हैं वह किसी भी समय मंदी के ट्रेंड में बदल सकता हैं ।
अभी बाजार में खरेदी नहीं करनी चाहिए।
२.Price Decrease volume Increase
Trend Reversal – Price Decrease volume Increase
जब किसी शेयर का प्राइस downtrend में जा रहा हैं और उसका volume बढ़ रहा हैं तब ऐसा माना जाता हैं की, वह मंदी का ट्रेंड चल रहा हैं वह किसी भी समय तेजी के ट्रेंड में बदल सकता हैं ।
अभी बाजार में बिकवाली नहीं करनी चाहिए।
Volume को देखने का तरीका।
volume में ध्यान देने वाली बात शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है यह हैं की एक या २ candle वॉल्यूम घटने या बढ़ने से बाजार के trend में कोई फरक नहीं पड़ता। कई लोग हैं जो हर candle में volume बढ़ता या घटता देखकर उससे प्रभावित होते हैं और अपने position में बदलाव करते है।
लेकिन ध्यान रहे वॉल्यूम को परख़ने ने के लिए हर candle को देखने की जरुरत नहीं हैं।
इस प्रकार से वॉल्यूम को analyses करने का तरीका पूरीतरह से गलत हैं।
शेयर बाजार में Volume को कैसे देखें ?
Volume को सही तरीकेसे एनालिसिस करने के लिए आप को चार्ट पर पिछले कुछ घंटे या कुछ दिनों का वॉल्यूम का जो एवरेज हैं उसको देखना चाहिये।
वॉल्यूम के एवरेज से ही आप को पता चलेगा की वॉल्यूम बढ़ रहा है या घट रहा हैं।
निष्कर्ष
Volume के आधार पर आप किसी भी प्रकार का ट्रेड नहीं ले सकते हैं , क्योकि वॉल्यूम आप को यह बताता हैं की भविष्य में दूसरे इंडीकेटर्स किस दिशा में जा सकते हैं।
वॉल्यूम के घटने या बढ़ने के साथ दूसरे इंडीकेटर्स बाजार में buying या selling के ट्रेंड पर इशारा करते हैं।
शेयर मार्किट में Volume क्या होता हैं ?
Share market में दिन के दौरान जो Buying और Selling होती हैं उसके आधार पर जितनी trading हुई हैं वह संख्या हम Volume के आधार पर जान सकते हैं।
Volume देखने से हमें क्या पता चलता हैं ?
Volume देखने से हमें दिन के दौरान जो खरेदी और बिक्री की संख्या होती हैं वह पता चलती हैं।
Volume को देखने का तरीका क्या हैं ?
Volume को सही तरीकेसे एनालिसिस करने के लिए आप को चार्ट पर पिछले कुछ घंटे या कुछ दिनों का वॉल्यूम का जो एवरेज हैं उसको देखना चाहिये।
वॉल्यूम के एवरेज से ही आप को पता चलेगा की वॉल्यूम बढ़ रहा है या घट रहा हैं।
Stock Market Trading Tips: स्टॉक ट्रेडिंग से चाहिए मुनाफा तो टेक्निकल एनालिसिस शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है पर करें गौर, चुन सकेंगे सही शेयर
नई दिल्ली, समीत चव्हाण। शेयर बाजार के निवेशक निवेश करते समय आने वाली दिक्कतों को समझते हैं, खासकर जब अस्थिरताओं पर आवश्यक जानकारी नहीं मिल पाती। बाजार में उतार-चढ़ाव के समय अनिश्चितता और बढ़ जाती है, तब निवेशक मूल्य में उतार-चढ़ाव की भविष्यवाणी नहीं कर पाते। औसत निवेशक आमतौर पर अपने निवेश/पोर्टफोलियो मैनेजर की सलाह पर या विशेषज्ञों की भविष्यवाणियों पर दांव लगाते हैं। टेक्निकल एनालिसिस की मदद से निवेशक स्टॉक चार्ट को देखकर इनसाइट्स प्राप्त कर पाते हैं और उन्हें स्टॉक में निवेश से जुड़े कैलकुलेशंस और जोखिम की जानकारी देते हैं जिससे वे हायर रिटर्न्स प्राप्त कर पाते हैं।
एक निश्चित अंतराल में शेयरों की कीमत और वॉल्यूम वैरिएशंस का अध्ययन करते हुए भविष्य के लिए कीमत का पूर्वानुमान आसान हो जाता है। टेक्निकल एनालिसिस 100 प्रतिशत सटीकता के साथ परिणाम प्रदान नहीं करता, यह सच है लेकिन जब बाजार में सुस्ती छाई हो तो सही विकल्प चुनने में यह मूल्यवान मददगार होता है। निवेश करते समय लोगों को टेक्निकल एनालिसिस के निम्नलिखित फीचर्स को समझना आवश्यक है।
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग
शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स टेक्निकल एनालिसिस का इस्तेमाल करते हैं और उनके लिए यह एक भरोसेमंद टूल है जो उन्हें स्टॉक के मौजूदा ट्रैजेक्टरी का अंदाज लगाने में मदद करता है। चूंकि, यह अपेक्षाकृत सीमित समयसीमा में शेयरों को खरीदने, बेचने या रखने के लिए एक रिस्की तरीका हो सकता है, पैटर्न और ट्रेंड्स शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है का अध्ययन करने के लिए किसी विधि या कुछ टूल्स पर निर्भरता जोखिम को नियंत्रित रखने में मदद कर सकती है। इसके अलावा ट्रेडर्स इसका इस्तेमाल अनिश्चित निवेशकों को बाहर निकालने के लिए एक टूल के रूप में करते हैं। यह प्रॉमिसिंग स्टॉक्स पहचानने और सुविधाजनक निर्णय लेने का लाभ प्रदान करता है।
एंट्री और एक्जिट पॉइंट्स
स्टॉक चार्ट का एनालिसिस करके निवेशक शेयरों को खरीदने और बेचने के लिए अपने एंट्री और एक्जिट पॉइंट्स का समय निर्धारित कर पाते हैं। यह डिमांड और सप्लाई को समझने के साथ ही ट्रेंड्स को तोड़ने और अधिक से अधिक रिटर्न हासिल करने का समय तय करने में मदद करता है। स्टॉक के बारे में बहुत सारी जानकारी अक्सर लोगों को भ्रमित करती है और उनके निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करती है, ऐसे में टेक्निकल एनालिसिस महत्वपूर्ण इंडिकेटर्स को सरल शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है बनाता है, निवेशकों के लिए ट्रेडिंग को सुव्यवस्थित करता है।
कीमत के पैटर्न्स का एनालिसिस
स्टॉक ट्रेडिंग में बुद्धिमानी से भरे निर्णय लेने के सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक होने के नाते टेक्निकल एनालिसिस से प्राइस पैटर्न का एनालिसिस निवेशकों को बेस्ट प्राइस पर खरीदने या बेचने में काफी मदद कर सकता है। इससे उन्हें मूवमेंट और ओवर-वैल्यूएशन से बचने की अनुमति मिलती है क्योंकि बदलते मूल्यों की भविष्यवाणी आसान हो जाती है। वे संभावित टारगेट तय करने में भी उपयोगी हो सकते हैं, वहीं शुरुआती ट्रेंड रिवर्सल भी पहचाना जा सकता है। जैसे पैटर्न खुद को दोहराते हैं, निवेशकों को सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है। रोजमर्रा के कामों में टेक्निकल एनालिसिस लागू नहीं होते।
सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल
इस परिदृश्य में लंबी अवधि तक शेयरों की कीमत में एक सीमा में उतार-चढ़ाव दिखता है, जिससे स्टॉक की बिक्री और खरीद पर भविष्यवाणी करना और कॉल लेना मुश्किल हो जाता है। टेक्निकल एनालिसिस की सहायता से स्टॉक चार्ट के भीतर सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तरों की पहचान करने से निवेशक को खरीदने या बेचने के बारे में निर्णय लेने के लिए प्रासंगिक विकल्प मिल सकते हैं। यदि कोई विशेष स्टॉक सपोर्ट और रेजिस्टेंस सीमा को पार करता है, तो यह ट्रेडिंग करने योग्य होता है जो उसके अच्छे स्वास्थ्य और मांग को दर्शाता है।
ट्रेंड्स का एनालिसिस
चाहे वह टेक्निकल एनालिसिस टूल के इस्तेमाल की बात हो या न हो, शेयर बाजारों के मौजूदा ट्रेंड्स को समझना किसी भी निवेशक के लिए सिस्टम में प्रवेश करने से पहले की एक बुनियादी आवश्यकता है। व्यावहारिक निर्णय लेने के लिए वर्तमान और व्यापक डिग्री में बाजार के ट्रेंड्स को समझना आवश्यक है। टेक्निकल एनालिसिस किसी स्टॉक के ऐतिहासिक, वर्तमान, समग्र प्रदर्शन और स्वास्थ्य को सामने लाता है। फिर चाहे वह अपट्रेंड्स, डाउनट्रेंड्स या हॉरिजोन्टल ट्रेंड्स में रहें, निवेशक उसकी खरीद-बिक्री का फैसला बेहतर तरीके से ले सकेंगे।
मूल्य और वॉल्यूम एनालिसिस का कॉम्बिनेशन
अंत में, एक कॉम्बिनेशन के रूप में प्राइस मूवमेंट और वॉल्यूम का एनालिसिस अक्सर निवेशकों को किसी भी चाल की वास्तविकता का पता लगाने में मदद करता है। डिमांड और सप्लाई साइकिल दोनों पहलुओं में बदलाव को प्रभावित करती है। टेक्निकल एनालिसिस ट्रेड के वॉल्यूम के इतिहास के अवलोकन की अनुमति देता है। इससे स्टॉक्स के ट्रेंड्स को समझने में मदद मिलती है। उदाहरण के लिए, जब स्टॉक का मूल्य बढ़ता है और परिणामी रूप से वॉल्यूम भी बढ़ता तो यह एक पॉजिटिव ट्रेंड की पहचान होती है। यदि ट्रेड का वॉल्यूम में मामूली वृद्धि है, तो इसे रिवर्स ट्रेंड के रूप में पहचाना जाता है। इस वजह से दो पहलुओं की कम्बाइंड स्टडी निवेशकों को पैटर्न बेहतर ढंग से समझने की अनुमति देता है।
इस वजह से, सही रणनीति के साथ निवेश करने के लिए, स्टॉक चार्ट्स के ओवरऑल असेसमेंट और उस समय के अनुसार ट्रेडिंग विकल्पों की उपलब्धता के लिए टेक्निकल एनालिसिस टूल फायदेमंद हो सकते हैं।
(लेखक एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के टेक्निकल एंड डेरिवेटिव्स के चीफ एनालिस्ट हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)