भारत में विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए रणनीतियाँ

आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना

आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना

Cryptocurrency kya hai? यह कितने प्रकार के होते हैं?

Cryptocurrency kya hai? यह कितने प्रकार के होते हैं? : Currency अर्थात मुद्रा का प्रयोग हम या आप क्रय और विक्रय करने के लिए करते हैं ताकि अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा कर सकें. मुद्रा के रूप में हमारे पास सिक्के होते हैं या कागज के नोट. विनिमय के माध्यम के रूप में दुनिया के प्रत्येक देशों के पास अपनी – अपनी मुद्रा है. भारत की मुद्रा को हम रुपया या पैसा के नाम से जानते हैं.

रुपया या पैसा जिसे हम देख सकते हैं, छू सकते हैं क्योंकि यह एक भौतिक मुद्रा है जिससे आप भलीभांति परिचित हैं किन्तु क्या आपने कभी cryptocurrency (क्रिप्टोकरेंसी) के बारे में सुना है जो एक डिजिटल या आभासी मुद्रा है और इसका भी इस्तेमाल एक्सचेंज के माध्यम के रूप में किया जाता है.

आमतौर पर जैसा कि हम सभी को ज्ञात है किसी भी देश की currency पर उस देश की सरकार या किसी वित्तीय संस्थान का नियंत्रण होता है किन्तु cryptocurrency पर कोई सरकार या संस्थान का अधिकार नहीं होता है.

इस लेख में हम जानेंगे कि – Cryptocurrency kya hai? Cryptocurrency के बारे में महत्वपूर्ण बातें, Cryptocurrency कितने प्रकार के होते हैं? क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी मान्य है?

Table of Contents

Cryptocurrency kya hai?

Cryptocurrency (क्रिप्टोकरेंसी) एक डिजिटल या आभासी मुद्रा है जिसका उपयोग एक्सचेंज के माध्यम के रूप में किया जाता है अर्थात इसके इस्तेमाल से कोई सामान या सर्विस ख़रीदा जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी से सामान या सर्विस के लिए ऑनलाइन एक्सचेंज किया जा सकता है.

इसमें बहुत ही उन्नत तकनीक का उपयोग किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लेनदेन पूरी तरह सुरक्षित हो. क्रिप्टोकरेंसी decentralized digital money है आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना जो कि ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है. यह विनिमय का इंटरनेट आधारित माध्यम है जिसमें cryptography का इस्तेमाल transactions को सत्यापित करने के लिए किया जाता है.

Cryptocurrency के बारे में महत्वपूर्ण बातें

  • वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग किया जा सकता है
  • क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर सकते हैं
  • यह डिजिटल विनिमय का माध्यम है
  • सामान्यतः मुद्राओं को उस देश की सरकार या संस्था द्वारा संचालित किया जाता है किन्तु क्रिप्टोकरेंसी किसी भी सरकार या संस्थान द्वारा नियंत्रित नहीं है.
  • ऐसा माना जाता है कि पहली क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin थी जिसे जापान के Satoshi Nakamoto ने बनाया था.

Cryptocurrency कितने प्रकार के होते हैं?

वैसे तो Cryptocurrency कई प्रकार के होते हैं जो कि Peer-to-Peer Electronic System के रूप में कार्य करती है. यहाँ पर कुछ महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरेंसी का नाम बताया जा रहा है जो निम्न है –

  • Bitcoin (BTC) – पहली क्रिप्टोकरेंसी
  • Ethereum (ETH)
  • Ripple (XRP)
  • Monero (XMR)
  • Litecoin (LTC)
  • Binance Coin (BNB)
  • Tether (USDT)

क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी मान्य है?

क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी मान्य है? यह एक महत्वपूर्ण सवाल है जो बहुत सारे लोगों के मन में उठता है. यदि आप भारत देश के निवासी हैं तो इस देश में Cryptocurrency को क़ानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है. सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया में और भी ऐसे कई देश हैं जहाँ इसप्रकार की currencies को मान्यता प्राप्त नहीं है.

प्राप्त आंकड़ों के अनुसार Bitcoin में निवेश करनेवालों की अच्छी – खासी जनसँख्या भारत देश में भी हैं और आपको बता दें कि इस देश में किसी central authority द्वारा बिटकॉइन को न तो विनियमित किया जाता है और ना ही अधिकृत किया गया है इसलिए कहा जा सकता है कि यह स्वयं के जोखिम के साथ आता है.

हालाँकि बिटकॉइन पर भारत में किसी प्रकार का कोई प्रतिबन्ध नहीं है फिर भी इससे सम्बंधित यदि किसी प्रकार का कोई विवाद उत्पन्न हो जाए तो उसे हल करने के लिए कोई स्पष्ट दिशानिर्देश भी नहीं है. आनेवाले समय में हो सकता है इस देश में भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई सकारात्मक पहल देखने को मिले या हो सकता है न भी मिले. अभी तो इसकी अवधारणा भारतीय बाजार के लिए बिल्कुल नयी है और इसके लिए इस देश में अलग से कोई नियम या कानून नहीं है.

अंत में मै आपसे इतना ही कहना चाहता हूँ कि क्रिप्टोकरेंसी की अवधारणा भारतीय बाजार के लिए बिल्कुल नयी है और इससे सम्बंधित कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं दिया गया है इसलिए पूरी पड़ताल के बाद ही इस क्षेत्र में आगे कदम बढ़ाना उचित होगा और शुरुआत छोटे स्तर से ही किया जाना चाहिए. यदि इसकी भविष्य की बात की जाये तो इसका उपयोग लगातार बढ़ता ही जा रहा है और हो सकता है कि आनेवाला समय में यह कोई महत्वपूर्ण भूमिका निभाये.

Cryptocurrency kya hai? इस विषय पर यदि आपको कुछ कहना है या आपके पास कोई सुझाव हो तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं और यदि लेख पसंद आयी हो तो like, comment और share करें.

मैं इस हिंदी ब्लॉग का संस्थापक हूँ जहाँ मैं नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी जानकारी प्रस्तुत करता हूँ. मैं अपनी शिक्षा की बात करूँ तो मैंने Accounts Hons. (B.Com) किया हुआ है और मैं पेशे से एक Accountant भी रहा हूँ.

क्रिप्टो करेंसी का करप्ट खेल

क्रिप्टो करेंसी का करप्ट खेल

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि क्रिप्टो करेंसी भविष्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वर्तमान में 96 देशों में इसका उपयोग हो रहा है। पिछले कई वर्षों से इसका प्रचलन बढ़ भी रहा है। पुराने समय में लोगों ने ​वस्तुओं के लिए भौतिक सम्पत्ति का ट्रेड किया था। यानी सामान के बदले सामान का आदान-प्रदान, इसे बार्टर सिस्टम कहा गया।

आगे चलकर वे मुद्राएं और सिक्के बने, जिनका संचालन देशों की सरकार के हाथ में होता है और आरबीआई जैसा कोई वित्तीय संस्थान इसकी निगरानी करता है। 2009 में बिटकाइन के संस्थापक सतोशी नाकामोती को एक विचार आया जिसने लोगों के पैसे के बारे में सोचने के तरीके बदल डाले। क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने 6 अप्रैल, 2018 को एक सर्कुलर जारी कर क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग पर रोक लगा दी थी। आरबीआई ने कहा था कि इसके द्वारा विनियमत सभी संस्थाएं वर्चुअल करेंसी में कारोबार नहीं करेंगी। साथ ही ऐसे किसी व्यक्ति या इकाई को सेवाएं प्रदान नहीं करेंगी। वे नियमित संस्थाएं जो पहले से ही ऐसी सेवाएं प्रदान कर रही थी, उन्हें तीन महीने के भीतर क्रिप्टो करेंसी से जुड़े ट्रेड से बाहर निकलने के लिए कहा गया था।

रिजर्व बैंक के इस प्रतिबंध को इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन आफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई द्वारा लगाए गए अंकुश को हटाते हुए क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड को मंजूरी दे दी है। शीर्ष अदालत ने क्रिप्टो करेंसी के व्यापार पर प्रतिबंध को अवैध बताया है। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन आफ इंडिया ने क्रिप्टो करेंसी का प्रतिनिधित्व करते हुए तर्क दिया कि संविधान के तहत प्रतिबंध लगाने वाले कानून की अनुपस्थिति में क्रिप्टो करेंसी में व्यापार करना वैध व्यापारिक गतिविधि है।

आरबीआई का कहना था कि वह हमेशा से ही किसी भी अन्य पेमेंट सिस्टम की अनुमति देने और बैंकिंग प्रणाली की प्रमाणिकता को कम करने के विरोध में रहा है। आरबीआई का तर्क था कि हालांकि भारत में ऐसा कोई कानून अस्तित्व में नहीं है, जिसके तहत क्रिप्टो करेंसी पर कोई औपचारिक प्रतिबंध लगाया जाए लेकिन उसका फैसला सभी सम्भावित जोखिमों से निपटने के लिए चेतावनी है।

वस्तुतः बिटकाइन एक नई इनोवेटिव टेक्नोलाजी है जिसका उपयोग ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है। यह अनोखी और नई आभासी मुद्रा है। कम्प्यूटर नेटवर्कों के द्वारा इस मुद्रा से बिना किसी मध्यस्थता के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है। शुरूआत में कम्प्यूटर पर बेहद जटिल कार्य के बदले यह क्रिप्टो करेंसी कमाई जाती थी। चूंकि यह करेंसी सिर्फ कोड में होती है इसलिए इसे जब्त नहीं ​किया जा सकता है।

कम्प्यूटर आधारित इस भुगतान प्रक्रिया की सबसे ज्यादा खासियत यह है ​िक शेयर बाजार की तरह इसके मूल्य में परिवर्तन होता है। मांग आधारित बाजार व्यवस्था है। इस डिजिटल करेंसी को डिजिटल वालेट में भी रखा जाता है। बिटकाइन को क्रिप्टो करेंसी भी कहा जाता है। बिटकाइन ब्लाक चेन मेथर्ड का प्रयोग करता है। यह चेन पूरी तरह से ट्रैक की जा सकती है परन्तु इस चेन को जिस ‘डार्क वेब’ पर ब्राउज किया जाता है उसे ट्रैक करना काफी कठिन है।

साथ ही बिटकाॅइन को करेंसी की मान्यता न देने के चलते इसके रिकार्ड्स के लिए कोई स्पष्ट नियम है ही नहीं। बिटकाइन संचालन कम्प्यूटरों के विकेन्द्रीकृत नेटवर्क से किया जाता है, जहां ट्रांजेक्शन करने वालों की व्यक्तिगत जानकारियों की जरूरत नहीं होती है। क्रेडिट कार्ड या बैंक ट्रांजैक्शन के विपरीत इससे होने वाले ट्रांजैक्शन इररिवर्सिबल होते हैं अर्थात् इन्हें वापिस नहीं लिया जा सकता। दरअसल यह वन-वे ट्रैफिक है, वहीं क्रेडिट कार्ड, बैंक ट्रांसफर आदि में पैसे जहां भेजे जाते हैं इसका आसानी से पता लगाया जा सकता है।

अप्रैल 2019 से लेकर 3 मार्च, 2020 तक ​बिटकाइन का भाव 125 फीसदी बढ़ा है। 2019 के अंत में ​बिटकाइन का भाव 4 हजार डालर करीब 2.84 लाख रुपए के आसपास था जो अब 9000 डालर यानी 6.39 लाख रुपए हो चुका है। बिटकाइन इस समय दुनिया की सबसे महंगी करेंसी है। बिटकाइन का दूसरा पहलू यह भी है कि इसका इस्तेमाल कालेधन, हवाला, ड्रग्स की खरीद, बिक्री, टैक्स की चोरी और आतंकवादी गतिविधियों में बड़े पैमाने पर होता है।

बिटकाइन के बढ़ते इस्तेमाल ने दुनिया भर की सुरक्षा एजैंसियों की नींद उड़ा दी है। बिटकाइन की व्याख्या से स्पष्ट है कि इसे ट्रेस नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि दुनिया भर के कम्प्यूटरों को फिरौती वायरसों का खतरा बढ़ता जा रहा है। विप्रो को रासायनिक हमले की धमकी देने वालों ने 500 करोड़ की फिरौती भी बिटकाइन में मांगी थी। बिटकाइन दुनिया भर में मनी लॉड्रिंग का सबसे सुरक्षित तरीका है और किसी भी टैक्स हैवन देश में जाकर इसे डालर में बदला जा सकता है। अमेरिका के लासबेगास के कसीनों में ​बिटकाइन के एटीएम लगे हुए हैं।

यदि किसी नौकरशाह को रिश्वत देने कोई भी कम्पनी बिटकाइन वालेट में पैसा दे तो क्या हमारा सिस्टम इसे पकड़ पाएगा? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि शीर्ष अदालत के फैसले को देखकर ही सरकार राय बनाएगी। पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेतली का स्पष्ट स्टैंड था कि क्रिप्टो करेंसी भारत में नहीं चलेगी।

पिछले वर्ष अंतर मंत्रालयी समिति ने बिटकाइन जैसी निजी क्रिप्टो करेंसी पर पाबंदी लगाने का सुझाव दिया था। साथ ही आभासी मुद्राओं से संबंधित किसी भी ​गतिविधि को अपराध की श्रेणी में रखने का सुझाव दिया था। अब सरकार क्या रुख लेती है यह देखना होगा। सरकार के सामने देश के हितों की रक्षा करने की चुनौती अभी भी बरकरार है।

क्रिप्टोक्यूरेंसी ब्लॉग

क्रिप्टोक्यूरेंसी ब्लॉग

क्रिप्टोकरेंसी के लिए मौजूदा कीमत की जांच करें

मुख्य पृष्ठ https://coinmarketbox.com/ पर आप क्रिप्टोकरेंसी की वर्तमान कीमतों की जांच करते हैं जैसे: Bitcoin, Ethereum, Ripple, Cardano, ChainLink, Solana और बहुत सारे।

आप क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार कैसे कर सकते हैं?

आप क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज नामक विशेष वेबसाइटों पर व्यापार कर सकते हैं। इंटरनेट पर सचमुच ऐसे सैकड़ों एक्सचेंज हैं। हमने आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना आपकी सुविधा और सुरक्षा के लिए सर्वश्रेष्ठ क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज एकत्र किए हैं।.

एक क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज, या यहां तक ​​कि एक डिजिटल मुद्रा विनिमय, एक ऐसा व्यवसाय है जो ग्राहकों को अन्य परिसंपत्तियों के लिए क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल मुद्राओं का व्यापार करने की अनुमति देता है, जैसे कि पारंपरिक फिएट मनी (जैसे यूएस डॉलर, यूरो और इसी तरह) और अन्य डिजिटल मुद्राएं। एक्सचेंज क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भुगतान, वायर ट्रांसफर या डिजिटल मुद्राओं या क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार में अन्य प्रकार के भुगतान स्वीकार करते हैं। एक क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज एक बाज़ार निर्माता हो सकता है जो आम तौर पर सेवा के लिए एक लेनदेन कमीशन के रूप में बोली-पूछताछ फैलता है या, एक संबंधित मंच के रूप में, केवल शुल्क लेता है।

यह सच है कि बिटकॉइन वास्तव में दुनिया में सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है। लेकिन बिटकॉइन और एथेरियम के अलावा और भी कई हैं, जैसे The Graph, Tron, Avalanche, EOS, Aave और अधिक।

सभी क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज समान नहीं हैं। कुछ केवल क्रिप्टोकरेंसी की एक छोटी राशि का व्यापार करते हैं। दूसरों को पसंद है Binance, Hotbit तथा Gate.io कई और अलग-अलग क्रिप्टोक्यूरेंसी जोड़े हैं।

क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है?

क्रिप्टोक्यूरेंसी खरीदें

कुछ शब्द यदि आप अभी तक नहीं जानते हैं। क्रिप्टोक्यूरेंसी को केवल आभासी मुद्रा के रूप में वर्णित किया जा सकता है। जिसका अर्थ है कि क्रिप्टोक्यूरेंसी का भौतिक रूप नहीं है और यह विशेष रूप से विकसित एल्गोरिथम पर आधारित केवल एक डिजिटल रिकॉर्ड है। आभासी मुद्रा अब भुगतान के साधन के रूप में स्थापित हो गई है जिसका उपयोग किसी भी सामान और सेवाओं को कवर करने के लिए किया जा सकता है जहां भुगतान के ऐसे साधन स्वीकार्य हैं। इस तरह के समाधान की बढ़ती लोकप्रियता और क्रिप्टोकुरेंसी के मूल्य के कारण, निवेश के हिस्से के रूप में आभासी धन खरीदा जा सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी के मामले में क्रिप्टो उपसर्ग क्रिप्टोग्राफी से लिया गया है, जो पैसे को एन्क्रिप्ट करने का डिजिटल तरीका है। डेटा के एन्क्रिप्टेड तार क्रिप्टोकुरेंसी की इकाइयों को बनाते हैं, इसे एक विशेष मूल्य देते हैं। डिजिटल मुद्रा के निर्माण के पीछे प्रेरक शक्ति ऑनलाइन भुगतान बनाने का एक वैकल्पिक तरीका पेश करने की इच्छा थी। बाजार में देखने वाली पहली मुद्रा बिटकॉइन थी। क्रिप्टोक्यूरेंसी ने जनवरी 2009 में प्रचलन में प्रवेश किया। बिटकॉइन के निर्माता सतोशी नाकामोटो हैं। हालांकि, यह निश्चित नहीं है कि यह वास्तव में कोई है या नहीं, बल्कि अर्थशास्त्रियों और प्रोग्रामर्स का एक छोटा समूह है।

क्रिप्टो करेंसी को देश में नहीं है मान्यता

क्रिप्टो करेंसी एक आभासी मुद्रा है। इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जा सकता है। इसका लेन-देन बिना बैंक के होता है। यह किसी कानून के दायरे में नहीं आती.

क्रिप्टो करेंसी को देश में नहीं है मान्यता

क्रिप्टो करेंसी एक आभासी मुद्रा है। इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जा सकता है। इसका लेन-देन बिना बैंक के होता है। यह किसी कानून के दायरे में नहीं आती है। इसे पैसे देकर खरीदा जाता है। क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल फंड ट्रांसफर, इंटरनेट पर सीधे लेन-देन, सामान खरीदने में होता है। क्रिप्टो करेंसी किसी सेंट्रल बैंक के कंट्रोल में नहीं है और इसका सौदा किससे हुआ यह पता लगा पाना भी मुश्किल है। बिटक्वॉइन आदि अन्य वर्चुअल करेंसी को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने हाल ही में आगाह किया था। साफ किया गया कि इस करेंसी में ट्रेड करने के लिए किसी भी कंपनी को न तो लाइसेंस दिया गया है और न ही आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना अधिकृत किया गया है। न ही इसकी ट्रेडिंग को मान्यता दी गई है।

कितना सुरक्षित है क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना? कितना है प्रॉफिट और क्या हैं रिस्क?

cryptocurrencies: क्रिप्टोकरेंसी एक तकनीक का उपयोग करके काम करती है जिसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) कहा जाता है.

  • Paurav Joshi
  • Publish Date - October 18, 2021 / 04:37 PM IST

कितना सुरक्षित है क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना? कितना है प्रॉफिट और क्या हैं रिस्क?

देश में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrencies) के कई फॉर्म Bitcoin, Ethereum, Tether, Dogecoin और न जाने क्या -क्या आ चुके हैं. हर तरफ क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहुत जोर-शोर से चर्चा हो रही है. कई लोग इसमें निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं. हाल ही में, क्रिप्टोकरेंसी में भारी गिरावट देखी गई है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrencies) को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसे कानूनन किस तरह की मान्यता प्राप्त अहि और इसमें निवेश करना कितना सुरक्षित है.

RBI ने निवेशकों को किया है कई बार सतर्क

सरकार ने “RBI द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए एक सुविधाजनक ढांचा बनाने” और “भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने” के लिए द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 का प्रस्ताव पेश किया है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर अलग-अलग तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने समय-समय पर निवेशकों को सतर्क किया है और उन्हें आभासी मुद्राओं से जुड़े जोखिमों के बारे में चेतावनी दी है.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरंसी एक प्रकार का पेमेंट है जिसके बदले में आप सामान और सेवाएं ऑनलाइन खरीद सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी एक तकनीक का उपयोग करके काम करती है जिसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) कहा जाता है.

बाजार में कितनी क्रिप्टोकरेंसीज मौजूद हैं?

मार्केट रिसर्च वेबसाइट CoinMarketCap.com के अनुसार, बाज़ार में 6,700 से अधिक विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध हैं और हररोज नयी करेंसी मार्किट में आ रही है. CoinMarketCap.com के अनुसार, 13 अप्रैल 2021 को, सभी क्रिप्टोकरेंसी का कुल मूल्य $2.2 ट्रिलियन से अधिक हो गया था और सबसे लोकप्रिय डिजिटल मुद्रा मतलब बिटकॉइन का कुल मूल्य, लगभग $1.2 ट्रिलियन था.

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के लाभ

दुनिया की सबसे पॉपुलर और सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने वित्त वर्ष 2020-21 में 800 फीसदी का रिटर्न दिया है. अप्रैल, 2020 में यह 6,640 डॉलर के रेट पर ट्रेड कर रहा था और फिर एक साल की अवधि में यानी अप्रैल, 2021 तक यह 65,000 डॉलर पर पहुंच गया. बिटकॉइन के अलावा और भी कई अन्य क्रिप्टो कॉइन्स में जबरदस्त उछाल आई और निवेशकों ने बढ़िया रिटर्न कमाया.

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के खतरे

इस साल अप्रैल में बाजार ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा था. लेकिन अप्रैल के अंत में क्रिप्टो मार्केट क्रैश हो गया. अधिकतर करेंसी की वैल्यू गिर गई. बिटकॉइन $30,000 के अंदर आ गया. अभी बिटकॉइन $62,000 पर है. ऐसे में यह समझना जरूरी है कि क्रिप्टो कॉइन्स बहुत ही ज्यादा वॉलटाइल यानी उतार-चढ़ाव का शिकार होती हैं और निवेश के पैसे डूबने का खतरा रहता है. दूसरी कमी यह है कि आप क्रिप्टोकरेंसी को हर जगह फ्लैट करेंसी यानी कि रुपया, डॉलर वगैरह की तरह इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. फिलहाल ऐसी बहुत कम जगहें हैं, जहां आप क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट के लिए इस्तेमाल कर सकें यानी कि इसे रुपये के अल्टरनेट की तरह इस्तेमाल कर सकें. ऊपर से इसपर कोई सरकारी रेगुलेशन नहीं है, तो वो किसी अप्रत्याशित स्थिति को न्यौता दे सकता है.

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