ब्रोकर फीस

यहां प्रॉपर्टी बेचने के लिए ब्रोकरों को बनवाना होगा लाइसेंस, आसान भाषा में समझें क्यों उठाया यह कदम ?
इंदौर जिला प्रशासन ने शहर में प्रॉपर्टी ब्रोकरों के लिए लाइसेंसिंग व्यवस्थाओं को लागू करने की तैयारी कर ली है. अब शहर में लाइसेंस के जरिए है किराए पर मकान मिल सकेगा. आएये आसान भाषा में समझते हैं कि इंदौर जिला प्रशासन ने क्यों उठाया यह कदम और कैसे करेगा काम-
इंदौर। प्रॉपर्टी के लिहाज से प्रदेश के सबसे महंगे शहर में अब बिना लाइसेंस (license ब्रोकर फीस for property dealer in indore) के दलालों को प्रॉपर्टी के सौदे करना मुश्किल होगा. संपत्तियों की खरीदी बिक्री अवैध तरीके से होने के कारण लोगों के साथ हो रही धोखाधड़ी के चलते इंदौर जिला प्रशासन ने प्रॉपर्टी ब्रोकर के लिए भी लाइसेंसिंग की व्यवस्था को लागू करने की तैयारी कर ली है. अब संपत्तियों की खरीदी-बिक्री से लेकर किराए पर दिलाने के लिए दलालों को नगर निगम से लाइसेंस लेना होगा. इसके बाद ही वे संपत्तियों के सौदा करा सकेंगे.
अब से पहले क्या हो रहा था ?
इंदौर में करीब तीन दशकों से कच्चे बिलों अथवा डायरी पर प्लॉटों की खरीदी बिक्री होती रही है. डायरी पर संपत्तियों के खरीदी का कोई वैधानिक रिकॉर्ड नहीं होने के कारण कॉलोनाइजर से लेकर ब्रोकर (new rule for property broker in indore) तक प्रॉपर्टी खरीदने वाले ग्राहकों के साथ मनमानी करते रहे हैं.
क्यों उठाया कदम ?
हाल ही में जिला प्रशासन को ऐसी भी शिकायतें मिलीं थीं, जिसके चलते संपत्तियों की डायरी के आधार पर ब्याज संपत्तियां गिरवीं रखने से लेकर ब्याज का धंधा किया जा रहा था. इसके अलावा डायरी के आधार पर ही प्लॉट खरीदने वालों से दलाल 12% की दर से संपत्ति की बाकी राशि वसूल रहे थे.
ब्रोकर से जिला प्रशासन से की सीधी बात
इंदौर जिला प्रशासन ने इस तरह की अवैध संपत्तियों की सौदेबाजी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए करीब एक दर्जन दलालों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए हैं. आज इस मामले में इंदौर जिला प्रशासन ने शहर के प्रॉपर्टी ब्रोकर एसोसिएशन (indore property broker association) के करीब 150 और इंदौर रिटेलर वेलफेयर एसोसिएशन के 80 से ज्यादा सदस्यों से डायरी पर संपत्तियों के सौदा नहीं करने को लेकर सीधा संवाद किया.
अब कैसे काम करेंगे ब्रोकर ?
इस दौरान दलालों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए कि अब इंदौर जिले में कोई भी सौदा बिना विधिक पंजीयन के नहीं हो सकेगा. इसके अलावा जो दलाल संपत्तियों का सौदा बिक्री कर आते हैं, उन्हें भी अब संपत्तियों के क्रय विक्रय की तमाम वैधानिक शर्तों को पूरा करना होगा. इसके अलावा उन्हें खुद भी संपत्तियों को किराए पर देने अथवा अन्य रूप से हस्तांतरित करने की पात्रता दर्शाने के लिए इंदौर नगर निगम से एक निर्धारित शुल्क जमा करके लाइसेंस बनवाना होगा.
लाइसेंस नहीं लिया तो क्या होगा ?
नतीजतन शहर में अब जिस प्रॉपर्टी ब्रोकर के पास लाइसेंस होगा, वही संपत्तियों का ब्रोकरेज कर सकेगा, जो लोग इस नियम का पालन नहीं करेंगे. उन्हें प्रॉपर्टी बिक्री के बाजार से बाहर होना पड़ेगा या फिर रेरा के दायरे के अनुसार कालोनियों की तमाम अनुमति या एवं वैधानिक प्रक्रिया के तहत ही संपत्तियों के सौदा करने होंगे. इसके अलावा कॉलोनाइजर को भी संपत्तियों की तमाम अनुमति सार्वजनिक रूप से लेनी होंगी.
इंदौर नगर निगम में कई सालों से प्रॉपर्टी ब्रोकर फीस ब्रोकर के लाइसेंस बनाने का प्रावधान है. हालांकि अब नए सिरे से इंदौर जिला प्रशासन ने नगर निगम को निर्देशित किया है कि जिन प्रॉपर्टी ब्रोकर के लाइसेंस नहीं है, उन्हें लाइसेंस प्रक्रिया के दायरे में लाया जाए. अब एक निर्धारित लाइसेंस फीस वसूल कर ब्रोकरों को लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे. इसके अलावा जो बाहरी ब्रोकर संपत्तियों के किराए अथवा अन्य रूप से हस्तांतरण करने का काम करते हैं उन्हें भी लाइसेंस प्रक्रिया के अधीन लाया जाएगा.
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Stock Broker Meaning in Hindi
अगर आप स्टॉक मार्केट में रूचि रखते है तो आपने कभी न कभी स्टॉक ब्रोकर का नाम जरूर सुना होगा, शेयर मार्केट में ट्रेड या निवेश करने के लिए स्टॉक ब्रोकर बहुत ही अहम भूमिका निभाता है। इसलिए आज हम Stock Broker Meaning in Hindi लेख के जरिए समझेंगे कि स्टॉक ब्रोकर क्या होता है और स्टॉक ब्रोकर कैसे काम करता है?
तो चलिए Stock Broker Meaning in Hindi ब्रोकर फीस के प्रत्येक पहलु को समझते है….
स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?
स्टॉकब्रोकर एक बिचौलिये की तरह काम करता है जिसके पास निवेशक और ट्रेडर की ओर से स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक और प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने का अधिकार होता है।
स्टॉक ब्रोकर सीधे स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से निवेशक और ट्रेडर के आधार पर ट्रेड करते हैं। क्योंकि, एक निवेशक या ट्रेडर स्टॉक एक्सचेंजों में सीधे ट्रेड नहीं कर सकता है। स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए, आपको एक मध्यस्थ की आवश्यकता होती है जो लेनदेन में आपकी सहायता करता है। यह बिचौलिया स्टॉक ब्रोकर होता है जो आपकी ओर से स्टॉक और अन्य प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए अधिकृत है।
Stock Broker Meaning in Hindi समझते समय, आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि एक स्टॉकब्रोकर निवेशक और ट्रेडर के लिए काम करता है। इसलिए अपनी सर्विस के लिए ब्रोकर आपसे कुछ कमीशन भी चार्ज करता है। ब्रोकर की भूमिका अपने क्लाइंट के लिए शेयर खरीदना और बेचना है।
इसके अलावा स्टॉकब्रोकर एक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं; वे मार्केट की सही जानकारी प्रदान करते हैं जो एक निवेशक को सही निवेश निर्णय लेने में मदद करती है।
स्टॉकब्रोकर सेबी द्वारा रजिस्ट्रेड होते है इसलिए हम इन पर भरोसा कर सकते है और इनके साथ अपने निवेश की शुरुआत कर सकते है। इसके साथ ही, जिस स्टॉक ब्रोकर को आप चुन रहे है वह स्टॉक एक्सचेंज का सदस्य भी होना चाहिए और सेबी के साथ पंजीकृत होना भी आवश्यक है।
स्टॉकब्रोकर अपनी वेबसाइट पर अपना पंजीकरण विवरण प्रदर्शित करते हैं। कोई भी सेबी की वेबसाइट पर जा सकता है और पंजीकृत स्टॉकब्रोकरों का विवरण की जाँच कर सकता है।
आइए हम उन सेवाओं को देखें जो एक स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को प्रदान करता है।
स्टॉक ब्रोकर के कार्य
* कुछ स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को स्टॉक और अन्य प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने पर सटीक सलाह देते हैं। क्योंकि ब्रोकर स्टॉक मार्केट अच्छे से समझते हैं, इसलिए वह निवेशक को सलाह दे सकते हैं कि कौन से स्टॉक को खरीदना और बेचना है और उन्हें कब खरीदना या बेचना चाहिए। यह किसी भी स्टॉक की सलाह देने से पहले उस कंपनी का गहन शोध करते हैं।
* स्टॉकब्रोकर अपने ग्राहकों को एक मंच (वेबसाइट, मोबाइल ऐप और ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर) प्रदान करता है जहां निवेशक या ट्रेडर किसी भी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनी के शेयर्स में निवेश या ट्रेड कर सकता है।
* स्टॉकब्रोकरअपने ग्राहको के निवेश पोर्टफोलियो का प्रबंधन करते हैं और उनके पोर्टफोलियो के बारे में नियमित अपडेट प्रदान करते हैं।
* स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को शेयर के वारे में नॉलेज प्रदान करता है जिससे कि ट्रेडर या निवेश मार्केट को सीख कर सही से अपने ट्रेडिंग या निवेश निर्णय ले सके।
* सभी ब्रोकर अब ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करते हैं जिसमें ग्राहक उपयोगकर्ता ब्रोकर फीस नाम और पासवर्ड के साथ लॉग इन कर सकते हैं और अपनी ट्रेडिंग गतिविधि कर सकते हैं। ऑनलाइन स्टॉकब्रोकिंग सेवाएं तेज हो गयी हैं क्योंकि लेनदेन इंटरनेट की मदद आपके घर पर रहकर ही किया जा सकता है, और इसके साथ ही क्लाइंट ब्रोकर के साथ चैट रूम, ईमेल के माध्यम से भी मदद ले सकता ब्रोकर फीस है और रीयल-टाइम अपडेट पा सकता है।
स्टॉक ब्रोकर कितने तरह के होते है?
अब जब आप Stock Broker Meaning in Hindi लेख की मदद से जान चुके हैं कि स्टॉकब्रोकर क्या है और इनके क्या – क्या कार्य है, तो आइए स्टॉक ब्रोकरों के प्रकारों पर एक नज़र डालते हैं। स्टॉक ब्रोकर को प्रदान की जाने वाली सेवा के आधार पर, तीन वर्गों में बांटा जा सकता है – फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर, डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर और बैंक आधारित स्टॉक ब्रोकर।
फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर
फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को बहुत सी सेवाएं प्रदान करते हैं। यह ट्रेडिशनल ब्रोकर हैं जो अपने ग्राहकों को सलाहकार सेवाओं के साथ ट्रेडिंग सुविधा प्रदान करते हैं। इसी बजह से फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर्स द्वारा ली जाने वाली कमीशन के रूप में फीस अधिक होती है।
ब्रोकर निवेशक या ट्रेडर के द्वारा लिए गए ट्रेड पर कमीशन लेते है जिसे ब्रोकरेज कहा जाता है। आप जितना अधिक ट्रेड करेंगे आपको उतनी ही अधिक ब्रोकरेज फीस देनी होती है।
फुल-सर्विस ब्रोकर की पूरे देश में शाखाएँ होती हैं। इसलिए आप ग्राहक सेवा और सलाह के लिए इन शाखाओं में जा सकते हैं।
फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर के कुछ उदाहरण –
- एंजेल ब्रोकिंग
- शेयरखान
- मोतीलाल ओसवाल
- इंडिया इंफोलाइन (IIFL)
डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर
इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के कारण डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर अस्तित्व में आए। ये ब्रोकर अपने ग्राहकों के लिए एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं। इसके ब्रोकर फीस अलावा यह ब्रोकर किसी भी तरह की सलाहकार सेवाएं प्रदान नहीं करते हैं। इसी वजह से डिस्काउंट ब्रोकर कम कमीशन लेते हैं, जो कि ज्यादातर एक फ्लैट फीस के रूप में होती है।
डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर के कुछ उदाहरण –
- ज़ेरोधा (डीमैट & ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए क्लिक करे)
- अपस्टॉक्स
- ऐलिस ब्लू
- फायर्स
- 5 पैसा
- ग्रो
बैंक आधारित स्टॉक ब्रोकर
यह ऐसे ब्रोकर होते है जो पहले से ही बैंक के रूप में काम कर रहे है इसलिए इन पर न भरोसा करने का सवाल ही नहीं उठता है। बैंक आधारित स्टॉक ब्रोकर भी फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर की तरह काम करते है यह भी आपको ट्रेडिंग टर्मिनल के साथ – साथ निवेश सलाह भी प्रदान करते है इसी लिए ये भी फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर की तरह ज्यादा ब्रोकरेज लेते है।
बैंक आधारित स्टॉक ब्रोकर के कुछ उदाहरण –
- ICICIdirect
- Kotak Securities
- HDFC Securities
- SBI Securities
- AxisDirect
निष्कर्ष
भारत में बहुत से स्टॉक ब्रोकर है और नए – नए स्टॉक ब्रोकर मार्केट में आ रहे है इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि पूरी सावधानी के साथ अपने स्टॉक ब्रोकर का चुनाव करे। क्योंकि बीते कुछ समय में बहुत से ब्रोकर बंद हुए है, और ब्रोकर बंद होने की बजह से एक ट्रेडर या निवेशक को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
अभी तक आप Stock Broker Meaning in Hindi लेख में ब्रोकर क्या होता है यह पूरी तरह से समझ गए होंगे, फिर भी आपका कोई सवाल रहता है तो आप कमेंट कर सकते है।
Groww ऐप में हर महीने या सालाना कितना चार्ज कटता है, अगर ट्रेडिंग करे या न करें?
नमस्कार दोस्त, आज के इस आर्टिकल में Gorww App के चार्ज के बारे में जानेंगे की, Groww ऐप में हर महीने या सालाना कितना चार्ज कटता है, यदि हम ट्रेडिंग करे या न करें तो?
यदि आप भी Gorww App Charges In Hindi में जानना चाहते हैं तो आज आप सही जगह पर आए है।
तो सबसे पहले आपकी जानकारी के लिए बता दू की यदि आप यदि आपने Gorww App में अभी तक सिर्फ अकाउंट बनाया है तो उसके लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा।
लेकिन यदि आप Groww App में अकाउंट बनाने के बाद कोई ट्रेडिंग करते है या इन्वेस्टमेंट करते है तो आपको चार्ज देना होगा।
Groww App ने खुद ही कहा है की, हम यूजर से तभी चार्ज लेते है जब यूजर बाजार से कोई खरीदी या बिक्री करता है। जो सबसे अच्छी बात है।
तो आइए अब आगे Gorww App के Charges के बारे में जानते है….
Groww App Cherges in Hindi ( ग्रो एप कितना चार्ज लेता है?)
दोस्तो जब भी आप शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट या ट्रेडिंग के लिए किसी ब्रोकर की मदद से जा रहे है तो वे आप से अलग अलग चार्ज लेते है। वैसे ही ऑनलाइन आज जितने भी ऐप है वो सभी इसी तरह काम करते है और आपसे चार्ज लेते है।
हरेक ब्रोकर आपसे 4 प्रकार के ब्रोकरेज फीस को लेता है, नीचे मैने ब्रोकरेज फीस के बारे में बताया है…
Groww App Account Opening Charges in Hindi
दोस्तो शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने के लिए हमे ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है। आप ट्रेडिंग अकाउंट को किसी ब्रोकर के पास खोल सकते है। मार्केट में दूसरे जो ऐप है या यू कहे की ब्रोकर है वे अकाउंट ओपनिंग का चार्ज लेते है। कई सारे ब्रोकर अकाउंट ओपनिंग के लिए ₹0-₹500 का चार्ज लेते है। लेकिन यदि आप अपना ट्रेडिंग अकाउंट ग्रो ऐप में ओपन करवाते है तो उसके लिए आपको कोई चार्ज देने की जरूरत नही है। क्योंकि अकाउंट ओपनिंग के लिए groww app कोई चार्ज नहीं लेता है।
Groww App AMC(Annual Maintenance Charge) Charge in Hindi (एनुअल मेंटेनेंस चार्ज)
AMC यानी की Annual Maintenance Charge, आपने ब्रोकर के पास अकाउंट बनाया है तो आपको यह Annual Maintenance Charge देना होता है। कई सारे ब्रोकर फीस ब्रोकर है जो ₹300-₹1000 का हर साल या तिहाई को देना होता है। लेकिन Groww App अपने यूजर इन्वेस्टर से AMC(Annual Maintenance Charge) नही लेता है।
ये भी जरूर पढ़े:
Grow App Brokerage Charges के बारे में
दोस्तो जब भी कोई यूजर शेयर खरीदता है या बेचता है तो उस समय पर हरेक ब्रोकरेज एक चार्ज वसूल करता है जिसे Brokerage Charges कहा जाता है। ज्यादातर सभी ब्रोकर इसी चार्ज की वजह से कमाई करते है। जब भी हम कोई शेयर बाजार से खरीदते है या बेचते है तो हमे चार्ज देना होता है। Groww App में आपको हरेक buying या selling पर आपको ₹20 या 0.05% में से जो कम होगा उस चार्ज को देना होता है।
Groww App Brokerage Charges Overview
Account Opening Charge: ₹0
AMC Charge: ₹0
Brokrage Charge: 0.05% or ₹20, (जो सबसे कम होगा)
D.P Charge: ₹13.50+18%GST = ₹15.93
आज आपने क्या जाना: Gorww App Charges Details In Hindi
दोस्तो आज के इस आर्टिकल में आपने Groww App Charges Details In Hindi में जाना की, Groww ऐप में हर महीने या सालाना कितना चार्ज कटता है, अगर ट्रेडिंग करे या न करें?
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