इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म

इस प्रकार, मुद्रा जोड़े, प्रतिभूतियों और विभिंन एक्सचेंजों और काउंटर बाजारों के अंय उपकरणों के साथ लेनदेन, जो हाल ही में प्रमुख बैंकों, बीमा कंपनियों और अंय संस्थागत के लिए उपलब्ध थे । निवेशक , अब, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की प्रणालियों के लिए धन्यवाद, वे इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं ।
इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ईटीपी) को अधिकृत करने के लिए एक रूपरेखा जारी, 10 नवंबर तक टिप्पणी दें
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज रिज़र्व बैंक द्वारा नियंत्रित वित्तीय बाजार के साधनों के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अधिकृत करने के लिए ड्राफ्ट दिशानिर्देश जारी किए। बैंकों, बाजार सहभागियों और अन्य इच्छुक पार्टियों से ड्राफ्ट दिशानिर्देशों पर टिप्पणियां 10 नवंबर 2017 तक आमंत्रित की गई हैं।
मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिजर्व बैंक
वित्तीय बाजार विनियमन विभाग
पहली मंजि़ल, मुख्य भवन
शहीद भगत सिंह मार्ग,
मुंबई - 400001
या "इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अधिकृत करने संबंधी ड्राफ्ट दिशानिर्देशों पर प्रतिक्रिया" विषय पंक्ति के साथ ई-मेल पर प्रेषित की जाएं।
वैश्विक वित्तीय संकट के बाद ओटीसी डेरिवेटिव मार्केट में सुधार के लिए विनियामक पहलों, बाजार संरचना और प्रौद्योगिकीय उन्नति में बदलाव के लिए मुख्यत: इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्मों पर ट्रेडिंग को दुनिया भर में प्रोत्साहित किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता, लेनदेन के समय और लागत के संबंध में प्रभावी प्रसंस्करण, बाजार में कुरीतियों और अनुचित व्यापारिक प्रथाओं को संरेखित करके जोखिम नियंत्रण में सुधार और बाजार इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म निगरानी में मदद के रूप में कई लाभ प्रदान करते हैं। इन प्लेटफार्मों में बाजार तक पहुंच को व्यापक बनाने, प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने, पारंपरिक व्यापारिक पद्धतियों पर निर्भरता को कम करने और बेहतर मूल्य की खोज और बेहतर बाजार तरलता के कारण बाजार संरचना पर सकारात्मक प्रभाव डालने की क्षमता है।
RBI Alert List: इन 34 वेबसाइट से रहें बचके! इस्तेमाल करने पर हो सकती है कानूनी कार्रवाई, आरबीआई ने दी चेतावनी
आरबीआई ने इन ऐप को लेकर इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म लोगों को चेताया है और उपयोग नहीं करने की सलाह दी है
केंद्रीय बैंक ने जारी इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की लिस्ट
अब आरबीआई ने इन वेबसाइटों की लिस्ट जारी की है। अलर्ट सूची में शामिल संस्थाएं न तो विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (FEMA) के तहत विदेशी मुद्रा में सौदा करने के लिए अधिकृत हैं और न ही विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म संचालित करने के लिए अधिकृत हैं। आरबीआई के मुताबिक, फेमा के संदर्भ में इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म निवासी व्यक्ति केवल अधिकृत व्यक्तियों के साथ और अनुमत उद्देश्यों के लिए विदेशी मुद्रा लेनदेन कर सकते हैं। जबकि अनुमत विदेशी मुद्रा लेनदेन इलेक्ट्रॉनिक रूप से निष्पादित किए जा सकते हैं, उन्हें केवल आरबीआई या मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड, बीएसई लिमिटेड और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा अधिकृत ईटीपी पर ही किया जाना चाहिए।
RBI ने जारी की 34 गैर-कानूनी Forex Trading प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट, यूजर्स इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को दी चेतावनी
- Devesh Jha
- @DeveshjhaaDevesh Jha -->
- Updated: September 12, 2022 1:57 PM IST
Reserve Bank of India यानी आरबीआई ने फॉरेक्स ट्रेडिंग के जरिए पैसा कमाने वाले यूजर्स को एक बार फिर चेतावनी दी है और एक लिस्ट भी जारी की है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म 34 ऐसे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स का नाम है, जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मंजूरी के बिना ट्रेडिंग करा रहे हैं। लिहाजा, ये सभी प्लेटफॉर्म्स गैर-कानूनी हैं। Also Read - RBI ने किया ऐलान, जल्द शुरू होगा E-Rupee का पायलट प्रोजेक्ट
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि ट्रेडिंग के ऐसे प्लेटफॉर्म्स फॉरेक्स एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट या इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स से संबंधित नियमों का पालन नहीं करते हैं और ना ही नियमों के तहत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में रजिस्टर्ड हैं। Also Read - RBI जल्द करेगा Digital Currency की शुरुआत, अब कैश रखने की नहीं होगी कोई जरूरत
34 गैर-कानूनी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने फिलहाल 34 गैर-कानूनी प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट जारी की है, जिसके जरिए लाखों यूजर्स फॉरेक्स एक्सचेंज ट्रेडिंग करते हैं। आरबीआई का कहना है कि ऐसा जरूरी नहीं है कि जिस प्लेटफॉर्म का नाम इस ऐप में शामिल नहीं है, वो आरबीआई के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पास रजिसटर्ड हैं। आरबीआई फिलहाल इस मुद्दे पर जांच कर रहा है और आने वाले वक्त में इस लिस्ट में और भी कई प्लेटफॉर्म्स के नाम जुड़ सकते हैं। Also Read - RBI ने UPI यूजर्स को दी खुशखबरी, अब क्रेडिट कार्ड की मदद से इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म भी होगा UPI पेमेंट
आरबीआई का कहना है कि अगर रजिस्टर्ड फॉरेक्स एक्सचेंज ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के बारे में जानना है तो यूजर्स रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर मुहैया कराए गए ऑथराइज्ड लोगो और ऑथराइज्ड इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट से मैच करके चेक कर सकते हैं, कि जिस प्लेटफॉर्म से वो ट्रेडिंग करना चाह रहे हैं, वो रजिस्टर्ड है या नहीं।
रजिस्टर्ड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स से करें ट्रेंड
रिजर्व बैंक ने पहले भी लोगों को इसके बारे में जागरुक किया है और एक बार इस बात की जानकारी दी है कि फॉरेक्स ट्रेडिंग सिर्फ ऑथराइज्ड प्लेटफॉर्म्स से ही की जा सकती है। यूजर्स इसके लिए उसी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया या BSE, NSE जैसे मान्यता इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्राप्त एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स के जरिए रजिस्टर्ड हो। अगर कोई अधिकृत संस्थाओं से ही फॉरेक्स ट्रेडिंग करता है तो उस पर फॉरेक्स एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) नियमों के तहत कानूनी कार्यवाई की जा सकती है।
आजकल ऐसे कई प्लेटफॉर्म्स हैं, जो सोशल मीडिया, टीवी और अलग-अलग प्रचार माध्यमों के जरिए लोगों को रातों-रात अमीर होने का सपना दिखाते हैं। यूजर्स को पहली ट्रेडिंग के लिए फ्री कैश देते हैं या फ्री ट्रेडिंग कोर्स कराते हैं, जिससे यूजर्स को उस प्लेटफॉर्म पर भरोसा हो सके। हालांकि आरबीआई के मुताबिक ऐसे सभी प्लेटफॉर्म गैर-कानूनी है। आइए हम आपको आरबीआई द्वारा जारी किए गए 34 प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट बताते हैं।
इंटरनेट व्यापार
इंटरनेट ट्रेडिंग इंटरनेट के जरिए विदेशी मुद्रा, स्टॉक और कमोडिटी बाजारों और इलेक्ट्रॉनिक मार्केटप्लेस पर ट्रेडिंग के पहुंचने का एक तरीका है, जो व्यापारियों को स्वतंत्र रूप से रीयल टाइम ट्रांजेक्शन करने का मौका देता है ।
इंटरनेट की सूरत से पहले निवेशकों व व्यापारियों को सूचना मिल रही थी और फोन द्वारा दलालों को आदेश दे रहे थे, जिससे कारोबार की प्रक्रिया धीमी पड़ रही थी । प्रौद्योगिकियों के विकास के साथ और इंटरनेट की उपस्थिति के साथ, स्टॉक एक्सचेंज पर व्यापार आसान और अधिक सुलभ हो गया ।
नब्बे के दशक के मध्य में विदेशी मुद्रा बाजार के कई डीलरों और दलालों ने अपना विकास करना शुरू कर दिया व्यापारिक प्लेटफार्मों , जो सरल बनाने के लिए और से आदेश प्राप्त करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए चाहिए थे व्यापारियों. शुरू में, ट्रेडों बंद ऑनलाइन ब्रोकरेज नेटवर्क है, जो प्रबंधन डेटाबेस और ऑनलाइन उद्धरण के साथ ग्राहकों इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को प्रदान के माध्यम से बाहर किया गया । समय की उस अवधि के दौरान बाजार में वर्चस्व ' ग्राहकों के अनुरोधों, जो एक कंप्यूटर के माध्यम से भेजा गया था की सरल निष्पादन की योजना थी, तो दलाल उंहें संसाधित और एक निष्पादन के लिए प्रेषित । सेवाओं के इन प्रकार के शेयर बाजार के पेशेवर प्रतिभागियों के लिए मुख्य रूप से दिलचस्प थे, लेकिन, 2000 के दशक की शुरुआत में, वहां कई निपटने कंपनियों के क्षेत्र में अपनी सेवाओं की पेशकश दिखाई ऑनलाइन ट्रेडिंग व्यापारियों की व्यापक जनता के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग । ऑनलाइन ट्रेडिंग की उपलब्धता ने गैर-पेशेवर निवेशकों को आकर्षित किया, जो वित्तीय साधनों के उपयोग के संबंध में अतिरिक्त सेवाओं की भी जरूरत थी । आज, दलाल विश्लेषणात्मक जानकारी और विश्लेषण के उपकरणों के लिए एक पहुंच के साथ एक ग्राहक प्रदान करता है, यह प्राप्त करता है और अनुरोधों को कार्यांवित और आवश्यकता के मामले में ग्राहक के साथ फोन या इंटरनेट द्वारा परामर्श ।
ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है?
आजकल लगभग सभी दलाल (डेमो खाते खोलने के अवसर के साथ) आरामदायक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के साथ व्यापारियों को उपलब्ध कराने के लिए इंटरनेट का उपयोग करते हैं, विश्लेषणात्मक समर्थन और यंत्र तकनीकी विश्लेषण । इंटरनेट का उपयोग करते हुए, एक व्यापारी आसानी से लेनदेन करने के लिए सभी आवश्यक जानकारी कभी भी और दुनिया के किसी भी हिस्से से प्राप्त कर सकते हैं । मोबाइल डिवाइसेज के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की शक्ल के साथ, स्मार्टफोन की उपलब्धता और सेल्यूलर नेटवर्क के कनेक्शन के लिए किसी भी जगह से ट्रेडिंग के लिए काफी कुछ किया गया है, जहां मोबाइल कनेक्शन उपलब्ध होगा ।
औपचारिक रूप से ब्रोकरेज कंपनियां विभिन्न वित्तीय साधनों का एक्सेस प्रदान करती हैं, लेकिन उनकी सेवाएं बिल्कुल नहीं के बराबर हैं । वहां एक दलाल को चुनने के लिए कई मानदंड हैं: सुविधा और ट्रेडों के लिए उपयोग की गति, जमा की ंयूनतम राशि, प्रसार, नियम और एक खाते से वापसी की लागत, की पेशकश की उपकरणों, लाभ उठाने, आदि के सेट
सरकार ने लांच किया ई-ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, बदलेगी किसानों-मछुआरों की किस्मत
देश के एक्वा किसानों और मछुआरों को खरीदारों और निर्यातकों से जोड़ने के लिए सरकार ने मंगलवार को ई-संता नामक एक ई-ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया. इसके जरिए खरीदार और विक्रेता सीधे तौर पर जुड़ सकेंगे. 'ईटीवी भारत' के वरिष्ठ संवाददाता कृष्णानंद त्रिपाठी की रिपोर्ट में जानिए और क्या खास है इस ई-ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में.
नई दिल्ली : ई-संता पोर्टल एक्वाकल्चर किसानों के व्यापार को संवर्धित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक समाधान है. इसका नोडल निकाय नेशनल सेंटर फॉर सस्टेनेबल एक्वाकल्चर (NaCSA) वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (MPEDA) का एक हिस्सा है.