साझा मुद्राएं

इस करंसी में कोडिंग तकनीक का प्रयोग होता है। दुनिया भर में इसका कोई नियामक नहीं है। अब कई देश इस मुद्रा के नियमन के रास्ते तलाश रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि क्रिप्टोकरंसी का नेटवर्क लगातार बढ़ रहा है। बिटकाइन की कीमत में पिछले 11 साल में साझा मुद्राएं एक लाख गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। कुछ आभासी मुद्राओं को पिछले एक साल में ही 10 हजार गुना तक का फायदा मिला है। अप्रैल 2020 में भारतीयों ने इसमें 92 करोड़ डालर का निवेश किया था, जो इस साल मई में बढ़कर 6.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
विदेश में बसे अपनों को भेजना चाहते हैं विदेशी मुद्रा साझा मुद्राएं उपहार? ये क्रॉस-बॉर्डर निओ-बैंकिंग ऐप्स करेंगे मदद
विदेश में बसे अपने प्रियजनों के लिए विदेशी मुद्रा उपहार भेजना अब क्रॉस-बॉर्डर निओ-बैंकिंग के माध्यम से आसान हो गया है. एक नज़र उन स्टार्टअप्स पर जो ये सुविधा मुहैया करा रहे हैं.
जब आपके प्रियजन विदेश में रहते है और जिनके लिए आपके मन में प्रेमभावना हैं, तब उन लोगों के साथ भावना से जुड़े रहना मुश्किल लगता है, लेकिन एक ऐसी कृति है जिससे आप यह दूरी को कम महसूस कर सकते है. दुनिया भर में क्रॉस-बॉर्डर निओ-बैंक फॉरेक्स मार्कअप पर काबू पाने, लेन-देन के समय को कम करने और सबसे अधिक किफ़ायती तरीके से उपभोक्ताओं को सुविधा उपलब्ध हो इस दिशा में काम कर रहा हैं. आज के डिजिटल भुगतान के युग में, टेक्नोलॉजी हर क्षेत्र में मददगार साबित हो रही है और क्रॉस-बॉर्डर निओ-बैंक ने इस सटीक टेक्नोलॉजी का उपयोग करके दुनिया भर में डिजिटल खर्च, साझाकरण और बचत को संभव बनाया है.
moneyHop
moneyHop भारत का पहला क्रॉस-बॉर्डर निओ-बैंक है, जो एक साधारण चार-चरणीय प्रक्रिया के माध्यम से दुनिया भर में 0% मार्कअप पर अंतर्राष्ट्रीय स्थानांतरण को सक्षम बनाता है - गंतव्य, मुद्रा और राशि का चयन करें> एक डिजिटल केवाईसी पूरा करें> प्राप्तकर्ता का विवरण जोड़ें> ऑनलाइन भुगतान करें.
यह न केवल लाइव दरों पर लेनदेन को सक्षम बनाता है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि कोई छिपा हुआ शुल्क नहीं है. फॉरेक्स कार्ड और डेबिट कार्ड के संयोजन की पेशकश करते हुए, moneyHop अपने उपयोगकर्ताओं को 6% ब्याज पर शून्य-बैलेंस, अंतर्राष्ट्रीय, बचत खाते रखने में सक्षम बनाता है. इसके अलावा, टेक्नोलॉजी का लाभ उठाकर यह सुनिश्चित कर सकता है कि लेन-देन जल्दी, समय पर निर्बाध रूप से हो. यह एक ऐसा मंच है जो लोगों को आर्थिक रूप से करीब लाने के लिए समर्पित है, जो क्रॉस-बॉर्डर क्षेत्र में बैंकिंग के लिए परेशानी मुक्त वातावरण बनाता है.
Jupiter
Jupiter एक अन्य प्रमुख निओ-बैंक है जो क्रॉस-बॉर्डर प्रेषण सेवाएं भी प्रदान करता है और सभी अंतरराष्ट्रीय खरीद के लिए लगभग 3.5% शुल्क लेता है और किसी भी अन्य खर्च के साझा मुद्राएं लिए स्लैब-आधारित शुल्क लेता है. वे विभिन्न सेवाओं के माध्यम से बचत को प्रोत्साहित करते हैं, जिसमें उनके डेबिट कार्ड और यूपीआई, एक म्यूचुअल फंड निवेश विकल्प, और मुफ्त स्वास्थ्य कवर के साथ एक वेतन खाता के माध्यम से खर्च से जुड़ी उनकी पुरस्कार प्रणाली शामिल है. यह सभी डेबिट कार्डों के लिए बस एकबार दिए जाना वाला शुल्क भी लेता है.
Fi Money एक आगामी क्रॉस-बॉर्डर निओ-बैंक है जो न्यूनतम से लेकर बिना किसी छिपे हुए शुल्क के भुगतान की अनुमति देता है. उपभोक्ता न्यूनतम शेष राशि के किसी भी शुल्क और 3% बचत के एक ब्याज खाता के साथ अपने प्लेटफॉर्म पर शुरुआत कर सकते हैं. वे एक ऐसा मंच हैं जिसका उद्देश्य धन प्रबंधन उपकरण के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के निवेश और जमा विकल्पों की पेशकश करके धन प्रबंधन को डिजिटाइज़ करना है. वे 3% की बचत के साथ एक डिजिटल ब्याज खाता भी प्रदान करते हैं.
शब्द बने भाव और मुद्राएं बनीं अभिव्यक्ति
इंदौर, नईदुनिया रिपोर्टर। कथा को कहने का इतना खूबसूरत अंदाज कि जिसे उसकी पृष्ठभूमि पता हो उसके लिए आनंद दोगुना और जो उससे अनजान हो उसके लिए उत्सुकता के साथ सुखद अनुभूति का भंडार। जिस कला का जिक्र महाभारत काल और मौर्य काल के अभिलेख में मिलता हो उसे समझने और समझाने की एक अभिनव पहल स्पिक मेके द्वारा की जा रही है। इसके तहत शहर में विश्व विख्यात कथक नृत्यांगना शोवना नारायण ने न केवल प्रस्तुति दी, बल्कि साझा मुद्राएं बालमन की जिज्ञासा भी शांत की।
मंगलवार को शहर में शिशुकुंज स्कूल में शोवना ने कथक की प्रस्तुति दी। इसमें शास्त्रीय परंपरा की धरोहर कथक को न केवल सुंदर तरीके से पेश किया, बल्कि चर्चा और सवाल- जवाब द्वारा इसके बारे में समझाया भी। जब एक विद्यार्थी ने उनसे सवाल किया कि शिक्षा, प्रशासनिक कार्य और कला के बीच किस तरह तालमेल स्थापित किया जा सकता है तो इसका मंत्र साझा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि आपके मन में जुनून, समर्पण और प्रतिबद्धता है तो आप सभी के बीच तालमेल स्थापित कर मंजिल तक पहुंच सकते हैं।
आभासी मुद्रा विधेयक की तैयारी: सरकार को क्यों पड़ी जरूरत
(बाएं) टीवी सोमनाथन, वित्त सचिव। विराग गुप्ता, साइबर कानून विशेषज्ञ। फाइल फोटो।
सरकार ने एलान किया है कि वह आभासी मुद्रा (क्रिप्टोकरंसी) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। देश में खुद की आधिकारिक आभासी मुद्रा लाने की योजना है। दरअसल, कुछ दिन पहले रिजर्व बैंक ने जब औपचारिक रूप से आभासी मुद्राओं को लेकर अपनी चिंता सरकार के साथ साझा की तो सरकार ने इसको लेकर बहस को आगे बढ़ाया। इस पर मंथन शुरू हो गया कि डिजिटल करंसी को कैसे नियंत्रण में रखा जाए? अब सरकार संसद के मौजूद सत्र में आभासी मुद्रा के नियमन को लेकर विधेयक लाने की तैयारी में है। जब से यह खब आई, तब से क्रिप्टोकरंसी के बाजार में हलचल देखी जा रही है। बिटकाइन समेत कई आभासी मुद्राओं में 15 से 26 फीसद की गिरावट दर्ज की गई।
29 अप्रैल 2018 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात के लिए अपने विचार साझा करें
हमेशा की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपसे जुड़े महत्वपूर्ण .
हमेशा की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपसे जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार आपके साथ साझा करेंगे। मन की बात कार्यक्रम के 43 वें संस्करण के संबंध में प्रधानमंत्री आपसे सुझाव आमंत्रित करते हैं, ताकि इस कार्यक्रम में आपके अनोखे विचार को शामिल किया जा सके।
आप अपने पसंदीदा विषयों, जिन पर आप चाहते हैं कि प्रधानमंत्री बात करें, उसके बारे में अपने सुझाव व विचार भेज सकते हैं।
आप अपने विचार इस खुले मंच पर साझा कर सकते हैं अथवा हमारे टॉल फ्री नंबर 1800-11-7800 डायल करके प्रधानमंत्री के लिए अपना सन्देश हिन्दी अथवा अंग्रेजी में रिकॉर्ड करा सकते हैं। आपके संदेशों में से कुछ संदेशों के चुनिंदा हिस्से को मन की बात में प्रसारित भी किया जा सकता है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन का अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से श्रीलंका को तत्काल वित्तीय सहायता देने का आह्वान
वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष-आई.एम.एफ. से श्रीलंका को तत्काल वित्तीय सहायता देने का आह्वान किया है।
श्रीलंका बहुत गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। श्रीलंका ने घोषणा की है कि वह 51 अरब अमरीकी डॉलर के विदेशी ऋण को चुकाने की स्थिति में नहीं है। श्रीलंका, इस वर्ष के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से चार अरब अमरीकी डॉलर के आर्थिक पैकेज की मांग कर रहा है।
श्रीमती सीतारामन और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जीवा के बीच वाशिंगटन डीसी में हुई बैठक में श्रीलंका के आर्थिक संकट के बारे में मुख्य रूप से चर्चा हुई।
सुश्री जॉर्जीवा ने वित्तमंत्री को आश्वासन दिया कि आईएमएफ श्रीलंका के साथ सक्रिय रूप से सम्पर्क जारी रखेगा। श्रीमती सीतारामन ने श्रीलंका के वित्तमंत्री अली साबरी के साथ भी बैठक में आर्थिक स्थिति पर चर्चा की। श्रीमती सीतारामन ने श्रीलंका को करीबी मित्र और अच्छे पड़ोसी होने के नाते भारत की ओर से हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया।