बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है

B.S.E-बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज
NSE के बाद BSE को है नए CEO की तलाश, जानिए कैसे करें अप्लाई
देश के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange - BSE) के नए मुखिया की तलाश तेज हो गई है। BSE ने स्टॉक एक्सचेंज के लिए मैनेजिंग डायरेक्टर (Managing Director) और चीफ एग्जीक्यूटिव (Chief Executive Officer – CEO) के पद के लिए एप्लीकेशन (applications) मंगाए हैं। BSE इंडिया ने ट्वीट कर कहा है कि BSE इंडिया मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के पद के लिए आवेदन आमंत्रित करता है।
BSE की स्थापना सन 1875 में की गई थी। BSE ने अपने विज्ञापन में कहा है कि CEO और MD पद के लिए आवेदन मांगे गए हैं। BSE को ऐसे मुखिया की तलाश है, जिनके पास कम से कम 20 साल का अनुभव हो।
BSE के विज्ञापन में कहा गया है कि फाइनेंशियल मार्केट की समझ, टेक्नोलॉजी और ऑपरेशन के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसमें आगे कहा गया है कि एक बाजार के बारे में एक व्यवहारिक जानकारी रखने वाले लीडर की तलाश की जारी है। इसके अलावा वित्तीय मार्केट में इस्तेमाल होने वाली तकनीक की भी अच्छी जानकारी होनी चाहिए। कैंडिडेट को तमाम तरह के लोगों के साथ काम करने और उन्हें मैनेज करने का पहले से अनुभव होना चाहिए। इसके साथ ही SEBI द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करना चाहिए।
What is Stock Exchange In Hindi |स्टॉक एक्सचेंज क्या है – Stock Exchange Kya Hai
Stock Exchange वो जगह है जहां सभी कंपनिया लिस्टेड होती है स्टॉक एक्सचेंज किसी कंपनी और निवेशक के बीच में मध्यस्थ का काम करते है जब भी किसी कंपनी को शेयर बाजार से पैसा उठाना होता है तो वह कंपनी अपने आप को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करवा लेती है जिससे की लोग उस कंपनी में निवेश कर सके।
जब कंपनी पहली बार अपने आप को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करवाती है तो इस प्रक्रीया को आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) कहते है। आईपीओ में निवेशक सीधे कंपनी से शेयर खरीदता है उसके बाद एक निवेशक किसी दूसरे निवेशक से शेयर खरीदता और बेचता है। स्टॉक एक्सचेंज में शेयर्स के अलावा बांड्स, डिबेंचर, म्युचअल फण्ड, डेरिवेटिव्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटी भी ट्रेड होती है
कोई भी व्यक्ति सीधे स्टॉक एक्सचेंज से Share खरीद नहीं सकता है बल्कि ब्रोकर के पास अपना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट ओपन करवाना होता है और उस ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के जरिये शेयर को Buy और Sell करना होता है सभी ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज के मेंबर होते है
स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास – Stock Exchange History
दुनिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज सन 1602 में Dutch East India Company द्वारा Netherland में स्थापित किया गया था जिसे आज Euronext Amsterdam Stock Exchange के नाम से जाना जाता है।
पुराने समय में स्टॉक मार्किट में लेन देन सर्टिफिकेट के रूप में होता था लेकिन वर्तमान समय में इंटरनेट के उपयोग से इलेट्रॉनिक तरीके से शेयर्स को ख़रीदा और बेचा जाता है
भारत में स्टॉक एक्सचेंज – Stock Exchange In India
भारत में स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत 1875 में हुयी थी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे पहला और सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है जो वर्तमान में भी कार्यरत है
इस समय भारत में कुल 23 स्टॉक एक्सचेंज है लेकिन उनमें से केवल 2 राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज है NSE (National Stock Exchange) और BSE (Bombay Stock Exchange) बाकि 21 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज है सेबी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है ने 15 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज को अपने काम काज को बंद करने का आदेश दे दिया है भारत में भविष्य के अंदर केवल 2 Stock एक्सचेंज ही प्रमुख रहेंगे NSE और BSE.
NSE (National Stock Exchange): NSE भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है भारत में सबसे ज्यादा खरीदी या बिक्री NSE में होती है NSE की शुरुआत 1992 में हुयी थी NSE भारत का सबसे पहला स्टॉक एक्सचेंज था जिसने इलेट्रॉनिक तरीके से Share को Buy और Sell करना शुरू किया था
कैपिटल मार्केट को दो खंडों में विभाजित किया जा सकता है यानी प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट, इस ब्लॉग आर्टिकल में हम सेकेंडरी मार्केट के बारे में जानेंगे। सबसे पहले सेकेंडरी मार्केट क्या है? Secondary Market द्वितीयक बाजार एक आफ्टर इश्यू मार्केट है जहां आईपीओ लिस्टिंग समाप्त होने के बाद किसी कंपनी की सिक्योरिटीज या स्टॉक का कारोबार होता है, स्टॉक एक्सचेंजों पर शेयरों की खरीद और बिक्री के द्वारा निवेशकों और व्यापारियों द्वारा शेयरों या स्टॉक का कारोबार किया जाता है।
Secondary Market(Stock Market) मौजूदा निवेशकों को मौजूदा स्थिति से बाहर निकलने और नए निवेशकों को बाजार में प्रवेश करने में मदद करता है। यह मौजूदा प्रतिभूतियों को तरलता भी प्रदान करता है। यह स्टॉक के लिए मांग और आपूर्ति द्वारा स्टॉक मूल्य की खोज भी करता है। सेकेंडरी मार्केट में ओनरशिप निवेशकों के बीच ट्रांसफर होती है। कैश मार्केट सेकेंडरी मार्केट का भी हिस्सा है, जिसमें भुगतान और स्टॉक की डिलीवरी के माध्यम से ट्रेड को एक साथ निष्पादित किया जाता है। कैश मार्केट को स्पॉट मार्केट भी कहा जाता है।स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से सेकेंडरी मार्केट में ट्रेडिंग की जाती है, भारत में स्टॉक ट्रेडिंग के लिए दो लोकप्रिय एक्सचेंज हैं N.S.E – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और B.S.E – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज है।
Stock Market क्या हैं |What is stock Market
स्टॉक मार्केट एक मार्केट प्लेस है जहां स्टॉक की खरीद और बिक्री एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर होती है, इक्विटी शेयर या स्टॉक की खरीद और बिक्री ट्रेडिंग या निवेश के उद्देश्य से होती है जिसमें खरीदार को एक विशेष कंपनी का हिस्सा एक मौजूदा कीमत का भुगतान करके प्राप्त होता है जिस पर स्टॉक ट्रेडिंग कर रहा है और विक्रेता को उसके होल्डिंग्स से स्टॉक बेचे जाने के बाद भुगतान मिलता है। यह एक प्रक्रिया है जो स्टॉक मार्केट पर प्रवाहित होती है। स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग की सुविधा स्टॉक एक्सचेंज द्वारा की जाती है।
शेयर बाजार में तेजी और मंदी इस बात पर निर्भर करती हैं की डिमांड और सप्लाई में कितना अंतर हैं अगर डिमांड अधिक होती हैं तो बाजार ऊपर का रुख कर लेता हैं और बाजार में तेजी हो जाती और मार्किट कंडीशन favorable हो और बाजार एकतरफा ऊपर के तरफ जाता हैं। Small ,Midcap ,Bluechip कंपनियों में तेजी आ जाए जिसे Bull Market कहते हैं ठीक इसके विपरीत अगर सप्लाई ज्यादा हो तो बाजार में मंदी आती हैं और मंदी के इस बाजार में मार्किट सेंटीमेंट नेगेटिव हो और बाजार में गिरावट गहराती जाये और स्मालकाप ,मिडकैप, बड़ी कंपनियों के शेयर्स में मंदी आ जाये जिसे Bear Market कहते हैं।
Stock Market कैसे काम करता हैं|How Stock Market Works
स्टॉक मार्केट में लेन-देन की पूरी प्रक्रिया में Buyer / Seller के अलावा बैंक, स्टॉक ब्रोकर, डिपोजिटरी और क्लियरिंग कॉर्पोरेशन जैसे मध्यस्थ इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।स्टॉक मार्केट एक स्वचालित कम्प्यूटरीकृत स्क्रीन आधारित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की पेशकश करता है, कोई भी स्टॉक माकेट में निवेश करना चाहता है जो नीचे उल्लिखित प्रक्रिया से गुजरता है
- Demat. Account. – सबसे पहले जो कोई भी शेयर बाजार में निवेश करना चाहता है उसे किसी सेबी पंजीकृत ब्रोकर के साथ एक डीमैट खाता बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है खोलना होगा। उसके बाद दमत खाता आपके बैंक खाते से लिंक होना चाहिए ताकि आप हस्तांतरण कर सकें शेयर खरीदने या बेचने के लिए यदि आपके पास एक ही प्लेटफार्म में एक ट्रेडिंग और बैंक खाता है तो यह आसान है क्योंकि सभी एक ही स्थान पर होते हैं।
- Depository.- डिपॉजिटरी एक ऐसी इकाई है जो इलेक्ट्रॉनिक रूप में सभी शेयरों का रिकॉर्ड रखती है जैसे बचत खाता हमारी जमा राशि रखता है, सभी कंपनियों को डिपॉजिटरी का हिस्सा होना चाहिए ताकि जारी किए गए इक्विटी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड उनके द्वारा बनाए रखा जा सके।
- Bank.-बैंक किसी भी वित्तीय लेनदेन या अर्थव्यवस्था में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए पूंजी बाजार निधि लेनदेन भी बैंकों के माध्यम से होता है यदि कोई डीमैट खाते के माध्यम से शेयर खरीदना चाहता है तो उसे डीमैट खाते में फंड ट्रांसफर करना होगा शेयर खरीदने के लिए और इसके विपरीत भी, यदि कोई अपना इक्विटी शेयर बेचना चाहता है, तो उन्हें राशि मिल जाएगी और यह राशि किसी भी उपयोग के लिए डीमैट खाते बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है से बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जाती है। इसलिए बैंक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वित्तीय लेनदेन में मूल रूप से यह पूंजी बाजार के इस पूरे पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- Clearing Corporation & Settlement: – खरीदार/विक्रेता को सभी लेनदेन, निधियों और इक्विटी शेयर के निपटान को मंजूरी देता है और निपटान प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार होता है। निपटान चक्र प्रक्रिया में यह T + 2 चक्र का पालन करता है। इसका मतलब है कि सभी प्रतिभूतियां और फंड जिस दिन ट्रेडों को निष्पादित किया जाता है, उसके दो दिनों के भीतर पूरा किया जाता है। खरीदार और विक्रेता संबंधित डीमैट खाते में प्रतिभूतियां/निधि प्राप्त करते हैं।
Sensex: क्या होता है सेंसेक्स, कैसे करता है ये काम? आसान भाषा में यहां समझें सबकुछ
Sensex Kya Hota Hai: हम में से अधिकतर लोगों ने सेंसेक्स शब्द को कहीं न कहीं जरूर सुना होगा। क्या आपको पता है कि आखिर सेंसेक्स होता क्या है? अगर नहीं, तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं। अक्सर समाचार पत्रों और टीवी चैनलों की डिबेट में सेंसेक्स शब्द हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है। सेंसेक्स में हो रहे उतार चढ़ाव पर सबकी नजर बनी रहती है। सेंसेक्स में होने वाले उतार चढ़ाव से शेयर बाजार का व्यवहार कैसा है? इस बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है। बड़े बड़े निवेशकों की नजर हमेशा इस सूचकांक पर बनी रहती है। अक्सर जब सेंसक्स में एक बड़ी गिरावट देखने को मिलती है। उस दौरान निवेशकों को घाटे का सामना करना पड़ता है। इसी सिलसिले में आज हम आपको सेंसेक्स के बारे में बताने वाले हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से -
सेंसेक्स
सेंसेक्स BSE यानी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है। सेंसेक्स के सूचकांक में मार्केट कैप के आधार पर देश के 13 अलग अलग सेक्टर से 30 सबसे बड़ी कंपनियों को इंडेक्स किया जाता है। इसमें रिलायंस, टीसीएस, इंफोसिस, हिंदुस्तान यूनीलिवर, भारती एयरटेल जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
सेंसेक्स की शुरुआत 1 जनवरी 1986 को की गई थी। इसमें कुल 30 कंपनियां शामिल हैं। इस कारण इसको BSE30 के नाम से भी जाना जाता है। सेंसेक्स के उतार चढ़ाव से ये पता चलता है कि देश की बड़ी कंपनियों और शेयर बाजार की क्या स्थिति है?बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है
Stock Exchange क्या होता है
किसी भी अन्य बाजार की तरह, स्टॉक एक्सचेंज एक बाजार है। जहां खरीदार और विक्रेता स्टॉक या शेयर खरीदने और बेचने के लिए उपलब्ध होते हैं। Stock Exchange शेयर्स को बेचने और खरीदने की व्यवस्था उपलब्ध करवाता है। साथ ही सभी गतिविधियों को नियंत्रित भी करता है।
यह वह जगह है जहा अलग अलग companies के शेयर्स लिस्टेड होते है। Buyers और Sellers बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है सिर्फ किसी स्टॉक एक्सचेंज में listed companies के शेयर्स को खरीद और बेच सकते है। Traders शेयर्स को trade करते है और Investors शेयर्स को लम्बे समय के लिए खरीदते है।
Shares को Online ही खरीदा और बेचा जाता है, जिसे online Trading या Online Stock Trading कहते है। Stock Exchange पर ट्रेडिंग करने से पहले एक अच्छा broker चुनना बहुत जरुरी है, जो कम charges में अच्छी सुविधाएँ प्रदान करे।
Stock Exchange पर क्या खरीदा और बेचा जाता है
भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज
India में प्रमुख तौर पर NSE और BSE स्टॉक एक्सचेंज है, कई Stock Exchanges बंद भी हो चुके है। चलिए फ़िलहाल के लिए इन दोनों प्रमुख स्टॉक एक्सचैंजेस के बारे में थोड़ा जानते है।
NSE – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज
NSE या नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1992 में हुई थी, यह भारत के सबसे प्रचलित Stock Exchanges में से एक है। यह मुंबई में स्थित है। NSE भारत का प्रथम dematerialized इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज था। वर्तमान में NSE पर 2002 कम्पनीज लिस्टेड है, इसकी मार्केट कैप 3.4 Trillion डॉलर की है। NSE पर Equity, Derivatives, Debt आदि को Trade किया जा सकता है।
Location | Mumbai |
No. Of Listed Companies | 2002 |
Website | nseindia.com |
Stock Exchange के कार्य
स्टॉक एक्सचेंज के बारे में तो आप समझ ही गए होंगे की Stock Exchange क्या होता है, आपको भारत के स्टॉक ऐक्सचैंजेस के बारे में थोड़ी बहुत जानकरी हो ही गयी होगी। चलिए अब देखते है की स्टॉक एक्सचेंज के क्या कार्य है और इसकी जरुरत क्यों है।
- विभिन्न Securities(debt, equity, derivative, and hybrid) को खरीदने और बेचने के लिए एक माध्यम प्रदान करता है।
- Share Market में हो रहे लेन-देन पर निगरानी रखता है।
- नये Buyers और Sellers को Stock Market से जोड़ता है, जिससे मार्केट में Liquidity बनी रहे।
- शेयर मार्केट में हो रही गैरक़ानूनी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाता है।
Stock Exchange कैसे काम करता है
अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए स्टॉक एक्सचेंज कई नियम और systems बनाता है। इन नियमों का पालन करके ही स्टॉक मार्केट बिना रुके अपना काम कर सकता है।
1.Stock Exchange के कार्य करने का समय
स्टॉक एक्सचेंज पर Trading या Shares को खरीदना और बेचना एक fixed समय में ही किया जा सकता है। यह समय सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है।
भारतीय स्टॉक एक्सचेंज 9:15 AM से 3:15 PM के बिच कार्य करता है। प्रत्येक सप्ताह में शनिवार और रविवार को स्टॉक मार्केट बंद रहता है।
2. लेन-देन का Settlement
Day Trading या Intra-day Trading को छोड़कर, Shares के लेन-देन का settlement T+2 समय के आधार पर किया जाता है। T का अर्थ है जिस दिन शेयर्स को खरीदा या बेचा गया है तथा T+2 का अर्थ है की शेयर्स खरीदने और बेचने के 2 दिन बाद settlement क्या जाता है।