एक क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है?

आईसीओएन क्रिप्टोकुरेंसी (आईसीएक्स)
दक्षिण कोरिया की लोकप्रिय कंपनियों में से एक ने ICON क्रिप्टोक्यूरेंसी परिभाषा लॉन्च की, जो एकल विकेन्द्रीकृत नेटवर्क के रूप में काम करती है जो कई क्रिप्टो नेटवर्क को जोड़ती है। ICON को लॉन्च करने का मुख्य उद्देश्य दुनिया को हाइपर कनेक्ट करना था। दूसरे शब्दों में, यह विकेन्द्रीकृत नेटवर्क विभिन्न प्रकार के ब्लॉकचैन नेटवर्क के बीच सहज संपर्क की सुविधा प्रदान करता है। एक प्रसिद्ध दक्षिण कोरियाई कंपनी द्वारा विकसित, ICON अपने टोकन "ICX" के साथ आया था।
मॉडल दुनिया के विभिन्न कोनों से क्रिप्टोक्यूरेंसी उपयोगकर्ताओं को एक विकेन्द्रीकृत प्रणाली में लेनदेन को निष्पादित करने की अनुमति देता है। निर्माताओं ने नागरिक नोड्स के साथ-साथ आईसीओएन गणराज्य बनाया है जो ब्लॉकचैन समुदायों को अभिसरण करने के लिए एक माध्यम प्रदान करने के लिए जाना जाता है। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि ब्लॉकचेन को मर्ज नहीं किया जा सकता क्योंकि उनमें से प्रत्येक एक नेटवर्क द्वारा संचालित और नियंत्रित होता है। ठीक यही दक्षिण कोरियाई कंपनी खंडन करने की कोशिश कर रही है।
ICON क्रिप्टोक्यूरेंसी का अवलोकन
वे आईसीओएन क्रिप्टोकुरेंसी के साथ आए हैं जो दुनिया भर में कई ब्लॉकचैन नेटवर्क को गठबंधन करने का दावा करता है, उपयोगकर्ताओं को एक पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से अपने लेनदेन को निष्पादित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। अच्छी खबर यह है कि आईसीओएन प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं पर कोई प्रतिबंध लागू नहीं करता है।
उदाहरण के लिए, मास्टरकार्ड और अन्य प्रसिद्ध क्रेडिट/डेबिट कार्ड कंपनियों के विशिष्ट मानदंड हैं जिनका पालन करना चाहिए, चाहे कुछ भी हो। ICON इन समुदायों के लिए विकेंद्रीकृत ब्लॉकचेन तकनीक को अपनाते हुए अपने स्वयं के नियमों और नीतियों का पालन करना संभव बनाता है।
विकेंद्रीकृत एक्सचेंज के माध्यम से लोग और कंपनियां इस क्रिप्टोकुरेंसी प्लेटफॉर्म से जुड़ जाते हैं। ICON नेटवर्क के अनुसार, Ethereum, Bitcoin, Litecoin और ऐसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी को विभिन्न समुदायों के रूप में मान्यता प्राप्त है। स्कूल ले लो, खुदरामंडीउदाहरण के लिए, अस्पताल और अन्य उद्योग। आमतौर पर, देशों में विभिन्न समुदाय होते हैं जिन्हें एक ही शासन प्रणाली द्वारा नियंत्रित और प्रबंधित किया जाता है। प्रत्येक समुदाय का एक अनूठा दृष्टिकोण और विभिन्न लक्षण होते हैं। अब, आईसीओएन का मुख्य लक्ष्य इन सभी समुदायों को जोड़ने के साथ-साथ उन्हें उन सामान्य लक्षणों और प्रणालियों की अनुमति देना है जिनका वे वर्षों से पालन कर रहे हैं।
विभिन्न समुदायों को जोड़ना
ICON रिपब्लिक एक ऐसी प्रणाली है जो प्रतिनिधियों को शासन प्रणाली के लिए वोट करने की अनुमति देती है। आईसीएक्स टोकन जारी करने में रुचि रखने वाले लोग आईसीओएन गणराज्य का हिस्सा बनना चुन सकते हैं; हालांकि, जरूरी नहीं कि उन्हें वोट देने का अधिकार मिले। यहां, ICON नेटवर्क विभिन्न ब्लॉकचेन के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है।
इसका मुख्य लक्ष्य इन सभी ब्लॉकचेन नेटवर्क को जोड़ना और एक विकेन्द्रीकृत नेटवर्क बनाना है जो समुदायों को निर्बाध और सुरक्षित लेनदेन का आनंद लेने की अनुमति देता है। इस बात से कोई इंकार नहीं है कि कम समय में अपार लोकप्रियता हासिल करने के लिए ICON नेटवर्क दक्षिण कोरिया का सबसे बड़ा और सबसे लोकप्रिय ब्लॉकचेन नेटवर्क बन गया है।
आईसीओएन एक विकेन्द्रीकृत नेटवर्क है जो स्वतंत्र समुदायों के लिए अपने बुनियादी मानदंडों का पालन करना आसान बनाता है। हालाँकि, इन समुदायों को ICON द्वारा नियंत्रित और प्रबंधित किया जाता है। दूसरे शब्दों में, बाद वाला यह सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार है कि आईसीओएन गणराज्य में भाग लेने वाली प्रत्येक व्यक्तिगत कंपनी अच्छी तरह से काम करती है। डेवलपर्स ने नागरिक नोड्स लॉन्च किए हैं जो नागरिकों को नेटवर्क में भाग लेने की अनुमति देते हैं; हालाँकि, उन्हें कोई मतदान या शासन अधिकार नहीं मिलता है।
Cryptocurrency: निजी क्रिप्टोकरेंसी क्या है? क्यों सरकार ने की इसको लेकर टेढ़ी निगाहें, जानें सबकुछ
भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी (private cryptocurrencies) को प्रतिबंधित किया जा सकता है।
खबर है कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी ( cryptocurrencies) को लेकर संसद में एक विधेयक पेश करने वाली है। कुछ को छोड़कर भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी (private cryptocurrencies) को प्रतिबंधित किया जा सकता है। इस खबर के साथ ही सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी पिछले कुछ घंटों में नीचे की ओर आने लगी। केंद्र सरकार अपना नया क्रिप्टोकरेंसी लाने की भी योजना बना रही है।
केंद्र अब भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक अनुकूल ढांचा बनाने की योजना बना रहा है। 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किए जाने की योजना है।
निजी क्रिप्टोकरेंसी टोकन
हाल ही में, क्रिप्टोकरेंसी की मांग तेजी से बढ़ी है। जबकि 2021 में बड़ी संख्या में नए क्रिप्टो निवेशक बाजार में आए, एथेरियम, बिटकॉइन और शीबा इनु जैसे कई सिक्कों ने उनके नाम का फायदा उठाया। ब्लॉकचेन तकनीक बिटकॉइन जैसे सिक्कों का उपयोग सुरक्षित और गुमनाम होने के लिए करती है। इनमें से कुछ सिक्के लेनदेन के मामले में अधिक निजी होते हैं। कुछ प्रमुख निजी करेंसी उपयोगकर्ताओं की पहचान और गतिविधियों को छुपाकर रखते हैं।
Monero (XMR): मोनेरो एक लोकप्रिय टोकन है जो मुख्य रूप से उपयोगकर्ताओं को गुमनाम करने में मदद करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। कई अन्य टोकन की तुलना में एक्सएमआर में लेनदेन का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि वे रिंग सिग्नेचर का उपयोग करते हैं। ये विधियां किसी भी प्रकार के लेनदेन के लिए उपयोगकर्ता की पहचान छुपाकर सुरक्षित बबल प्रदान करती हैं। CoinMarketCap के अनुसार 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे तक XMR 240.68 अमेरिकी डॉलर पर कारोबार कर रहा था।
Dash coin: डैश एक और क्रिप्टोक्यूरेंसी है जो अपने उपयोगकर्ताओं को गुमनामी प्रदान करता है। डैश सिक्का अपने व्यापारियों को लेनदेन निजी हैं या नहीं यह चुनने की अनुमति देता है। इसकी PrivateSend सुविधा उपयोगकर्ताओं को कुछ देशों के नियामक मानकों के खिलाफ सिक्कों का उपयोग करते समय सुरक्षित रहने की अनुमति देता है।CoinMarketCap के अनुसार 24 नवंबर को सुबह 9:30 एक क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है? बजे तक डैश 192.56 अमेरिकी डॉलर पर कारोबार कर रहा था।
Zcash (ZEC): Zcash खुद को मार्केट लीडर बिट कॉइन की तुलना में अधिक उन्नत टोकन होने का दावा करता है। अपनी बढ़ी हुई सुरक्षा और गोपनीयता सुविधाओं को रेखांकित करते हुए, ZEC दुनिया में डिजिटल मुद्रा का सबसे सुरक्षित रूप होने का दावा करता है। जीरो-नॉलेज प्रूफ क्रिप्टोग्राफिक टूल को लागू कर प्रतिभागियों को लेनदेन को ढालने का विकल्प प्रदान करता है। ZEC को सही मायने में सर्वश्रेष्ठ निजी क्रिप्टोकरेंसी में से एक माना जाता है। CoinMarketCap के अनुसार, 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे तक Zcash USD 256.42 पर कारोबार कर रहा था।
Verge (XVG): Verge अभी तक एक और निजी सिक्का है एक क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है? जो उपयोगकर्ता की पहचान छुपाता है। हालांकि, XVG उपयोगकर्ताओं की पहचान की सुरक्षा के लिए क्रिप्टोग्राफ़िक तकनीकों के बजाय द ओनियन राउटर (टीओआर) और अदृश्य इंटरनेट प्रोजेक्ट (I2P) की मौजूदा और परीक्षण की गई तकनीक का उपयोग करता है। CoinMarketCap के अनुसार 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे तक Verge USD 0.02464 पर कारोबार कर रहा था।
Beam: ये एक टोकन है जो मुख्य विशेषताओं के साथ सुरक्षा पर बहुत अधिक केंद्रित है जिसमें उपयोगकर्ता की गोपनीयता पर पूर्ण नियंत्रण शामिल है। बीम पर सभी लेन-देन का डिफ़ॉल्ट रूप से निजी होने का दावा किया जाता है। ब्लॉकचेन कोई पता या अन्य निजी जानकारी संग्रहीत नहीं करता है।
अधिक निजी क्रिप्टोकरेंसी
- Grin
- Horizen (ZEN)
- ByteCoin (BCN)एक क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है?
- Firo (FIRO)
- Super Zero Protocol (SERO)
- BTCX India
- UCoin
- Delta
बिटकॉइन जैसे बड़े सिक्के अधिकारियों द्वारा आसानी से खोजे जा सकते हैं, ऊपर बताए गए निजी सिक्के डेटा को सुरक्षित रखने का दावा करते हैं। सभी शीर्ष निजी सिक्के कई हैकिंग प्रयासों को भी रोकते हैं। हालांकि, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और नियामकों द्वारा ऐसे सिक्कों के बड़े लेन-देन किए जाने वाले लोगों की जांच कर सकता है। बड़े लेनदेन करते समय पहचान छिपाकर रखना चिंता का विषय है। भारत सरकार अब इन सिक्कों पर प्रतिबंध लगाने और आरबीआई के डिजिटल पैसे को स्थापित करने पर विचार करेगी।
cryptocurrency न्यूज़
क्रिप्टोकरेंसी FTX में फंसे भारतीय मूल के निषाद, 600 मिलियन डॉलर की संपत्ति हुई थी गायब
FTX की कंगाली के एक क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है? पीछे एक भारतीय मूल के व्यक्ति का नाम सामने आया है। निषाद सिंह को बैंकमैन-फ्राइड का करीबी कहा जा रहा है। कंपनी के मालिक ने भी एक गलत ट्वीट के चलते अपनी 94% संपत्ति गवां दी थी।
Crypto-crisis: क्रिप्टो एक्सचेंज FTX में फंड के संकट से कारोबार ठप, जानिए क्या करें निवेशक
क्रिप्टोकरेंसी के जानकारों का कहना है कि मौजूदा समय में निवेशकों के पास इंतजार करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। जब एक्सचेंज से निवेश निकालने की अनुमति होगी तभी निवेशक कुछ कर पाएंगे।
'दुनिया के दूसरे वॉरेन बफेट' हुए कंगाल, एक रात में गंवाया 14.6 अरब डॉलर, ये ट्वीट पड़ा भारी
एक रात, एक ट्वीट, एक व्यक्ति, एक कहानी और एक कंपनी. ये सारे एक पल में अपने वजूद को खो बैठे। FTX के सीईओ सैम बैंकमैन-फ्राइड जिन्हें दुनिया का दूसरा वॉरेन बफेट कहा जाता था उन्होनें अपनी 90% से अधिक संपत्ति एक झटके में गवां दी।
Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे? किसमें निवेश फायदेमंद, कौन डुबाएगा लुटिया
Cryptocurrency vs Digital Currency: अगर आप डिजिटल करेंसी को भी क्रिप्टोकरेंसी समझने की भुल करते हैं तो आपको जान लेना चाहिए कि दोनों में क्या अंतर है और डिजिटल करेंसी किन मायनों में क्रिप्टोकरेंसी से अलग है।
RBI की डिजिटल करेंसी से ले रहे सीख! अपने यहां जल्द लॉन्च करेंगे अमेरिका समेत 100 देश, 2024 के लिए ये है योजना
RBI Digital Currency: हाल ही में भारत की केंद्रीय बैंक आरबीआई ने डिजिटल करेंसी की शुरुआत की एक क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है? है, जिसके बाद से इसकी चर्चा जोरों पर पूरे विश्व में हो रही है। ये 100 देश अब अपने यहां भी इसे लॉन्च करने की प्लानिंग कर रहे हैं।
RBI की डिजिटल करेंसी के साथ भारत में शुरू हो रहा नया युग, जानिए आपको कितना फायदा होगा
डिजिटल करेंसी भारत में हमेशा से ही चर्चा का विषय रही है। कारण है क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को लेकर सख्ती। लेकिन अब आरबीआई की तरफ से डिजिटल करेंसी पेश करने की बात हो रही है। जाहिर है यह कदम भारत के कई सेक्टर्स को नई दिशा देगा। तो चलिए जानते हैं कि डिजिटल करेंसी क्या होती है और इसके क्या फायदे हैं।
Cryptocurrency निवेशकों को तीसरी तिमाही में 3490 करोड़ का नुकसान, यह रही बड़ी वजह
दुनियाभर के निवेशकों को यह नुकसान साइबर फ्रॉड से हुआ है। हालांकि, कुल नुकसान दूसरी तिमाही से 36 प्रतिशत कम है।
Digital Currency: 7% भारतीय के पास डिजिटल करेंसी, सबसे ज्यादा यूक्रेन के पास है 12.7 फीसदी
Digital Currency: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल अभूतपूर्व दर से बढ़ा है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत में सात फीसदी से अधिक आबादी के एक क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है? पास डिजिटल करेंसी है।
ED ने क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX के बैंक बैलेंस को फ्रीज किया, निवेशक हो जाएं सावधान
ED ने पिछले महीने कुछ क्रिप्टो एक्चेंजों को कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग और फॉरेन एक्सचेंज के नियमों के उल्लंघन को लेकर समन भेजा था।
RBI गवर्नर बोले-Cryptocurrency बड़ा खतरा, निवेशकों के लिए यह 'आगे कुंआ तो पीछे खाई'
आरबीआई ने कहा कि मुद्रास्फीति के दबाव और भू-राजनीतिक जोखिमों से निपटने की जरूरत होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार की राह पर है।
Cryptocurrency की आड़ में करोड़ों की ठगी, भारतीय निवेशकों को लगा 1,000 करोड़ का चूना
धोखेबाज पहले नकली डोमेन बनाते हैं जो वैध क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का कॉपी होता है। इसी के जरिये वो फर्जीवाड़ा को अंजाम देते हैं।
CryptoCurrency बाजार में हाहाकार, Bitcoin 18,000 डॉलर के करीब पहुंचा, जानें, आगे का हाल
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी में भारी गिरावट की वजह वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव और महंगाई है।
Bitcoin Crash: क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत गिरकर 21 हजार डॉलर के नीचे पहुंची, जानिए, कहां तक और टूटेगा?
विश्लेषकों के मुताबिक, इस साल बिटकॉइन की कीमत गिर कर 14,000 डॉलर तक पहुंच सकती है।
Cryptocurrency Crash: Bitcoin की कीमत 25,000 डॉलर के नीचे, दूसरी करेंसी भी धड़ाम, जानिए, क्यों आई गिरावट
बाजार के जानकारों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में अनिश्चितता बढ़ी है। इससे निवेशक डरे हुए हैं और वो बिकवाली कर रहे हैं।
Cryptocurrency ‘कैरिबियाई समुद्री लुटेरों की दुनिया’ जैसी, जानिए, यह किसने और क्यों कहां
क्रिप्टो को ‘फिएट करेंसी’ बनने की परीक्षा पास करनी अभी बाकी है। फिएट करेंसी सरकार द्वारा समर्थित मुद्रा है।
Cryptocurrency को लेकर RBI का कठोर रुख कायम, संसदीय समिति के समक्ष कही ये अहम बातें
आरबीआई के अधिकारियों ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी का बैंकिंग प्रणाली पर भी नकारात्मक असर होगा क्योंकि आकर्षक परिसंपत्तियां होने के कारण हो सकता है।
Cryptocurrency धड़ाम! Bitcoin समेत सारे क्वाइन 10% से 50% तक लुढ़के, 30% Tax के बाद अब 28% GST वसूलने की तैयारी
बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी का 11:30 बजे रेट इनवेस्टिंग डॉट कॉम पर 31,956.70 डॉलर का चल रहा है। हालांकि, आज मार्निंग में यह टूटकर 30 हजार के नीचे पहुंच गया था।
Confusion On Crypto: भारत में क्रिप्टो करेंसी से जुड़े नियम आने में लगेगा समय, वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कारण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो करेंसी के दुरुपयोग की आशंका जताते हुए कहा कि भारत इस डिजिटल मुद्रा के नियमन को लेकर सोच-विचार कर निर्णय करेगा।
क्रिप्टोकरेंसी से मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का डर, सीतारमण ने दुनियाभर से की सख्ती की मांग
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के जोखिम को कम करने के लिए वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी को नियमित करने की एक सुदृढ़ योजना का सुझाव दिया है।
RBI, राजस्व विभाग और DEA तैयार कर रहा क्रिप्टोकरेंसी पर 'FAQ', जानिए, इसके फायदे
क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल मुद्राओं का लेनदेन करने वालों के लिए कराधान के पहलू स्पष्ट हो सकेगा।
Cryptocurrency App: क्रिप्टो में पैसा लगाने के लिए 5 बेस्ट और सुरक्षित ऐप्स, फर्जी ऐप्स से न खाएं धोखा
Cryptocurrency App in india: अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने की सोच रहे हैं, तो जरूरी है कि सुरक्षित ऐप्स का ही इस्तेमाल किया जाए. यहां हम आपको 5 बेस्ट ऐप्स की लिस्ट बता रहे हैं.
By: ABP Live | Updated at : 20 Jan 2022 08:48 AM (IST)
Best Cryptocurrency Apps India: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) इन दिनों काफी पॉपुलर हो रही है. यह एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी है, जिसकी डिमांड पिछले कुछ दिनों में तेजी से बढ़ी है. कई लोगों ने क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करके मोटी रकम कमा ली है. ऐसे में अगर आप भी Bitcoin, Ethereum, Tether, Shiba या ऐसी ही किसी क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं और आपको जानकारी नहीं कैसे और कहां करना है, तो खबर आपके लिए है. यहां हम पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एप्स (cryptocurrency exchange apps) की लिस्ट लेकर आए है, जिनके जरिए आप क्रिप्टोकरेंसी की कीमत जानने से लेकर इन्हें खरीद और बेच भी सकते हैं.
CoinSwitch
यह सबसे सुरक्षित क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग ऐप्स में से एक है. यहां आप 100 रुपये की शुरुआती निवेश से Bitcoin, Ethereum, Ripple जैसे 100 से ज्यादा क्रिप्टोस खरीद सकते हैं. इसमें सिंपल और यूजर फ्रेंडली इंटरफेस मिलता है. यूजर्स अपनी प्राइवेसी से समझौता किए बिना क्रिप्टोकरेंसी को सुरक्षित रूप से खरीद, बेच और एक्सचेंज कर सकते हैं. ऐप पर क्रिप्टो न्यूज का अपडेट भी मिलता है.
ZebPay App
Zebpay सबसे पुरानी और पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एप्स में से एक है. आप इस ऐप पर साइन अप करके और मोबाइल नंबर के जरिए पूरी केवाईसी डीटेल्स देकर ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. इसके अलावा, ऐप रेफर-एंड-अर्न फीचर के साथ आता है. कंपनी के मुताबिक, उनके दुनियाभर में 50 लाख से ज्यादा यूजर्स हैं.
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CoinDCX
CoinDCX क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट शुरू करने के लिए एक बेहतरीन बिटकॉइन क्रिप्टोक्यूरेंसी ऐप है. 7.5 मिलियन से ज्यादा भारतीय यूजर्स इस बिटकॉइन ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके जरिए बिटकॉइन (बीटीसी), एथेरियम (ईटीएच), और ऐसी ही टॉप क्रिप्टोकरेंसी में अपना निवेश शुरू कर सकते हैं. आप ऐप पर 200 से ज्यादा ट्रेड कॉइन खरीद या बेच सकते हैं.
Unocoin
यह भी भारत के सबसे पुराने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ऐप्स में से एक है. इसका यूजर इंटरफेस काफी सिंपल है और यह ढेर सारे क्रिप्टोकरेंसी को सपोर्ट करता है. ऐप यूजर्स की प्राइवेसी का ख्याल रखता है क्योंकि यह फिंगर आईडी और पासकोड के जरिए से बायोमेट्रिक सिक्योरिटी फीचर्स प्रदान करता है.
WazirX
यह 80 लाख से ज्यादा यूजर्स के साथ भारत का सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज ऐप है. इस सुरक्षित क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज ऐप के जरिए आप बिटकॉइन, रिपल, एथेरियम, ट्रॉन समेत 100 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और बेचने के लिए का काम कर सकते हैं. इसके सबसे पॉप्युलर फीचर में से एक है कि आप विभिन्न कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेकर कॉइन कमा सकते हैं जो ऐप के इंफो सेक्शन पर पाए जा सकते हैं.
Published at : 20 Jan 2022 08:48 AM (IST) Tags: Cryptocurrency Bitcoin bitcoin app Cryptocurrency app हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Technology News in Hindi
क्या देश में क्रिप्टो अब कानूनी हो गया? 30% टैक्स के बाद अगर आप भी इसे लीगल मान रहे हैं तो जानिए क्या है हकीकत
Cryptocurrency in India: वित्तमंत्री के बजट भाषण के बाद इतना तो साफ हो गया है कि भारत में अब वर्चुअल एसेट (Virtual Asset) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. इतना ही नहीं, क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा.
Cryptocurrency: हम जिसे क्रिप्टोकरेंसी मान रहे हैं और वित्तमंत्री ने जिसे Virtual asset कहा उससे होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. बजट 2022 में यही एक प्वाइंट था, जिसने सबका ध्यान खींचा. बजट में ऐलान के बाद क्रिप्टो में निवेश करने वाले निराश हुए होंगे और इसके कारोबार से जुड़े कुछ लोग खुश भी हुए होंगे. खुशी इसलिए क्योंकि, कई लोग ये दावा कर रहे हैं कि अब क्रिप्टोकरेंसी देश में लीगल हो गई है. ये इस बात से भी साफ होता है कि बजट में ऐलान के ठीक बाद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX, Coinswitchkuber की तरफ से रिएक्शन आए कि सरकार यह कदम अच्छा है. लेकिन, यहां थोड़ा सा कन्फ्यूजन है. पहले समझते हैं कि वित्तमंत्री ने क्या कहा और उसका इंटरप्रिटेशन करने वाले कहां चूक कर रहे हैं.
डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स
सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.
ट्रांजैक्शन पर TDS भी वसूलेगी सरकार
क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.
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तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?
बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.
क्रिप्टो पर कन्फ्यूजन फैला क्यों?
वर्चुअल एसेट पर 30 परसेंट टैक्स का एलान होते ही कई लोगों ने ये मान लिया कि जो चीज टैक्स के दायरे में आ गई वो तो लीगल हो गई. जबकि ऐसा नहीं है. इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक आपकी आय कहीं से भी हो, सरकार उस पर टैक्स वसूलती है. इससे आपके आय के लीगल होने की गारंटी नहीं मिल जाती. टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन (Tax Expert Ved Jain) के मुताबिक, इनकम टैक्स प्रोविजन में साफ है कि आपकी कहीं से भी कमाई हुई है, उस पर टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स की देनदारी बनेगी. चाहे इनकम सोर्स वैध हो या फिर अवैध. सुप्रीम कोर्ट ने भी काफी वक्त पहले स्मगलिंग बिजनेस के मामले में ऐसा ही फैसला सुनाया था. इसलिए ऐसी कोई एसेट पर लगने वाले टैक्स को लीगल कहना सही नहीं है.
वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?
आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
इस टैक्स के पीछे क्या है सरकार की मंशा
सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है एक क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है? कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.
गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.
कब से लगेगा नया टैक्स?
एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.