ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है

भारत में भी अब कुछ कुछ कंपनी ब्लॉकचेन के जरिए लेन-देन की प्रक्रिया शुरू कर दिया है । और इसमें कोई गड़बड़ी ना हो इसे सुनिक्षित करने के लिए कई तरह के इन्तेजाम भी किये जा रहे है ।
ब्लॉकचेन के हेल्थकेयर में टॉप उपयोग
हेल्थकेयर इंटरऑपरेबिलिटी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक यह है की अधिकांश हेल्थकेयर सिस्टम्स अपने हेल्थ डेटा को सुरक्षित रूप से एक्सचेंज नहीं कर पाते हैं। डेटा की सुरक्षा और इन्टेग्रीटी के मुद्दे हेल्थकेयर में सार्थक समन्वय और सहयोग में बाधा डालते हैं।
ब्लॉकचेन एक वितरित खाता बही है जिसकी एक दिलचस्प खूबी यह है कि एक बार ब्लॉकचेन के अंदर डेटा दर्ज करने के बाद, वो डेटा स्थायी हो जाता है और उसे बदला नहीं जा सकता है। ब्लॉकचैन की यह अपरिवर्तनीय खूबी रोगियों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड की अखंडता और वैधता की गारंटी देने की आवश्यकता में मदत करती है।
ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को एक कॉमन तकनीकी स्टैण्डर्ड के रूप में उपयोग करके, हेल्थकेयर इंटरऑपरेबिलिटी की चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है। ब्लॉकचेन तकनीक सार्वजनिक और निजी चेन्स के माध्यम से एक्सेस कण्ट्रोल प्रदान करती है। इस प्रकार, ब्लॉकचैन सिस्टम्स स्वास्थ्य रिकॉर्ड की रक्षा करते हैं और साथ ही डेटा प्राइवेसी में सुधार करते हैं।
मेडिकल रिसर्च और क्लीनिकल ट्रायल्स
ब्लॉकचेन के साथ, मेडिकल रिसर्च और क्लीनिकल ट्रायल्स के स्थायी रिकॉर्ड बनाए जा सकते हैं। यह घोटाले और त्रुटि की घटनाओं को कम कर सकता है। इस प्रकार, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी मेडिकल रिसर्च और क्लीनिकल ट्रायल्स के परिणामों को भरोसेमंद बना सकता है।
कुछ अनुमानों के अनुसार, दस प्रतिशत मेडिकल गुड्स या तो लौ क्वॉलिटी वाले हैं या नकली हैं। यह माना जाता है कि कम से कम एक प्रतिशत बाजार में जितनी भी दवाएं हैं, वे नकली हैं। ब्लॉकचैन पर आधारित सिस्टम, ड्रग सप्लाई चैन के हर लेवल को ट्रेस करके, चैन ऑफ कस्टडी रिकॉर्ड की गारंटी दे सकते हैं। इसके अलावा, प्राइवेट कीस और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है जैसी फंक्शनैलिटीज, विभिन्न दलों के बीच समझौतों को बेहतर ढंग से बनाए रखने में, और फार्मास्यूटिकल सप्लायर की विश्वसनीयता को मजबूत बनाने में, मदत कर सकती हैं।
मेडिकल इन्शुरन्स क्लेम्स
मेडिकल इन्शुरन्स ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है में, क्लेम्स प्रोसेस के लिए विभिन्न पार्टियों के बीच क्लेम्स इनफार्मेशन का एक्सचेंज होता ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है है। यह प्रक्रिया धोखाधड़ी, कवरेज वेलिडेशन में इन्कन्सीस्टेंसी, डेटा करप्शन और डेटा सुरक्षा जैसे मुद्दों से झुंझती है। ब्लॉकचेन तकनीक से इन समस्याओं का हल हो सकता है और पारदर्शिता बढ़ाकर बीमाकर्ताओं और बीमाधारकों के बीच अधिक विश्वास बढ़ सकता है।
फिटनेस और हेल्थ मॉनिटरिंग गैजेट्स जैसी वियेरेबल टेक्नोलॉजी के विकास के साथ, अधिक से अधिक पेशेंट हेल्थ इनफार्मेशन उत्पन्न ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है और शेयर की जाएगी। इसकी वजह से, प्राइवेसी और डेटा ओनरशिप बहुत महत्वपूर्ण होता जायेगा।
ब्लॉकचेन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है विकेंद्रीकृत होता है, जिसकी वजह से डिस्ट्रिब्यूटेड हेल्थकेयर ऍप्लिकेशन्स को बनाना संभव है, जो किसी एक केंद्रीकृत ऑथोरिटी पर भरोसा नहीं करते हैं। ब्लॉकचेन की ट्रांसपेरेंसी रोगियों को यह समझने में सक्षम बनाती है कि उनका डेटा किसके द्वारा, कब और कैसे इस्तेमाल हो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है रहा है।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है?
ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी है जिसके माध्यम से किसी भी प्रकार ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है के डिजिटल इनफार्मेशन और क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन होता है । ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी Private Key, Peer to Peer Network और Blockchain Protocol पे आधारित टेक्नोलॉजी है ।
ब्लॉकचेन का इस्तेमाल एक खाता बही ( तकनीकी भाषा में बोले तो Public Ledger ) की तरह होता है जहा किसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है भी प्रकार के Transactions जैसे-डेबिट और क्रेडिट दोनों का इनफार्मेशन सुरक्षित होता है । जिसे बाद में न तो मिटाया जा सकता है और न ही उस इनफार्मेशन को बदला जा सकता है ।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के कारन Transactions के लिए किसी बैंक या कोई थर्ड पार्टी की आवश्यकता भी नही पड़ता है । रिकॉर्ड को ब्लॉक के एक लम्बी श्रृंखला में होने के कारन इसे ब्लॉकचेन कहा जाता है। और इससे जुड़े कंप्यूटर की श्रृंखला को नोड्स कहा जाता है ।
ब्लॉकचेन कैसे काम करता है ?
आइये इसे समझते है- जब कोई भी व्यक्ति पैसे जमा करवाता है तो उस व्यक्ति की जानकारी ब्लॉक के माध्यम से Ledger में सुरक्षित हो जाता है ।
जिसकी एंट्री डिजिटल फॉर्म में होता है । और ब्लॉक में इलेक्ट्रॉनिक रूप से जुड़े हर सदस्य के पास इसकी जानकारी पहुच जाती है । जिसे एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रखा जाता है । जिससे ब्लॉकचेन Transactions में होने वाले गड़बड़ी की प्रतिशत को बहुत ही कम कर देता है ।
यह टेक्नोलॉजी बहुत ही ज्यादा सुरक्षित है । जिसके कारन इसे हैक कर पाना बेहद ही मुश्किल और कठिन कार्य है । जिसके कारन यहा साइबर क्राइम जैसे मामले बहुत ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है ही कम होते है ।
प्राइवेट और पब्लिक ब्लॉकचेन में अंतर
ब्लॉकचेन के दो प्रमुख प्रकार है- प्राइवेट और पब्लिक ब्लॉकचेन । दोनों में क्या अंतर है आइये समझते है--
पब्लिक ब्लॉकचेन- पब्लिक ब्लॉकचेन एक सुरक्षित नेटवर्क होता है,इसमें किसी का भी कंट्रोल नही होता इसमें एक बार डाटा सेव होने के बाद बदलाव करना मुश्किल होता है । पब्लिक ब्लॉकचेन में हो रहे गतिविधियों को कोई भी देख सकता है । Bitcoin इसी ब्लॉकचेन का एक उदाहरण है ।
प्राइवेट ब्लॉकचेन- पब्लिक ब्लॉकचेन के ठीक विपरीत इस ब्लॉकचेन में इसका नेटवर्क प्राइवेट होता है । जिसमे किसी भी कार्य के पहले हर एक नोड्स से अनुमति लेना पड़ता है । पब्लिक ब्लॉकचेन के तुलना में यह उससे कम सुरक्षित ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है होता है । Ripple इसी ब्लॉकचेन का एक उदाहरण है ।
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Block Technical Data
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Time: | Wed, 30 Nov 2022 14:05:40 GMT |
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ब्लॉकचेन (Blockchain) क्या है? ब्लॉकचेन कैसे काम करता है?
ब्लॉकचेन (Blockchain) एक वितरित डेटाबेस है जिसे कंप्यूटर नेटवर्क के नोड्स के बीच साझा किया जाता है. इसे ब्लॉकों का एक ग्रुप या समूह कहते है और सारे ब्लॉक क्रिप्टोग्राफ़ी के जरिये एक दूसरे से जुड़े हुए होते है. प्रत्येक ब्लॉक एक हैश रखता है जो डाटा और टाइम डिटेल के साथ ब्लॉक से जोड़ने का कार्य करता है. यह बढ़ते हुए बड़े डेटाबेस को कंट्रोल करने का कार्य करता है.
ब्लॉकचेन तकनीक को पहली बार 1991 में स्टुअर्ट हैबर और डब्ल्यू स्कॉट स्टोर्नेटा दो गणितज्ञों द्वारा बनाया गया था. इसके बाद एक जापानी व्यक्ति सातोशी नाकामोतो द्वारा ब्लॉकचेन (Blockchain) पर काम करके कुछ बदलाव किये गए और इसकी सुरक्षा को भी बढ़ाया गया.
एक डेटाबेस के रूप में एक ब्लॉकचेन डिजिटल प्रारूप में इलेक्ट्रॉनिक रूप से जानकारी संग्रहित करता है. एक डेटाबेस आमतौर पर अपने डाटा को तालिकाओं में संरचित करता है, जबकि एक ब्लॉकचेन जैसा की इसके नाम से तात्पर्य है. अपने डेटा को एक साथ बंधे हुए टुकड़ो (ब्लॉकों) में संरचित करता है.
ब्लॉकचेन (Blockchain) कैसे कार्य करता है? How Does Blockchain Work
हाल के वर्षों में आपने दुनिया भर में कई व्यवसायों को ब्लॉकचेन (Blockchain) टेक्नोलॉजी को एकीकृत करते हुए देखा होगा. ब्लॉकचेन का लक्ष्य डिजिटल जानकारी को रिकॉर्ड और वितरित करने की अनुमति देना है, लेकिन संपादित करना नहीं है.
इस तरह एक ब्लॉकचेन अपरिवर्तनीय लेज़रों या लेन-देन के रिकॉर्ड की नींव है जिसे बदला, हटाया या समाप्त नही किया जा सकता है. यही कारण है कि ब्लॉकचेन को डिस्ट्रिब्यूटेड लेज़र टेक्नोलॉजी (डीएलटी) के रूप में भी जाना जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी - ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी शब्द आज के वक्त में बहुत ज्यादा पॉपुलर हो गया है, इसके पीछे ब्लॉकचैन टेक्नॉलजी का ही हाथ है।क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता वित्त में ब्लॉकचेन की उपयोगिता को साबित कर रही है। यह बिना किसी वित्तीय मध्यस्थता के आधार पर वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्ड रखने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है वाला एक डेटाबेस है। यह एक ऐसा सिस्टम है, जिसमें जानकारी को रिकॉर्ड करके रखने में मदद मिलती है। इस सिस्टम में जानकारी कुछ इस प्रकार रिकॉर्ड की जाती है कि न तो इसे कोई हैक कर सकता है और न ही इसमे कोई बदलाव कर सकता है। ब्लॉकचेन एक स्पेसिफिक टाइप का डेटाबेस है जो हर ट्रांजैक्शन को स्टोर रखता है, ब्लॉकचेन में जो ब्लॉक होते हैं वह मॉनिटरी ट्रांजैक्शंस के डाटा को स्टोर करते हैं!
आखिर इसको ब्लॉकचैन का नाम क्यों दिया गया? : जिस प्रकार हजारों-लाखों कंप्यूटरों को आपस में एक साथ जोड़कर इंटरनेट की शुरुआत हुई , ठीक उसी प्रकार से डाटा ब्लॉकों को जोड़कर ब्लॉकचैन की शुरूआत हुई। इस टेक्नोलॉजी में डाटा ब्लॉक में स्टोर किया जाता है जो एक तरीके का डेटा का चेन बनाते हैं, और ये ब्लॉक्स एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। इसी लिए इसे ब्लॉकचेन का नाम दिया गया है।