निवेश के तरीके

दलाल कैसे बने?

दलाल कैसे बने?
राकेश झुनझुनवाला महज तीन साल में ही शेयर में पैसे लगाकर करोड़ों का मुनाफा कमा लिया। इसके बाद उन्होंने आए कई कंपनियों में दांव लगाए और खूब लाभ कमाया। लेकिन झुनझुनवाला को जिसने बिग बुल बनाया वह थी टाटा की टाइटन कंपनी। दरअसल, झुनझुनवाला ने साल 2003 में टाटा समूह की कंपनी टाइटन में पैसा लगाए थे। उस वक्त उन्होंने महज तीन रुपये के हिसाब से टाइटन के छह करोड़ शेयर खरीद लिए थे जिसकी वैल्यू 7000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई।

संजय प्लेस के बाहर बैठे दलाल

जानिए कैसा था राकेश झुनझुनवाला का सफर

राकेश झुनझुनवाला ने निवेश की दुनिया में साल 1985 में कदम रखा था। इस दौरान उन्होंने महज 5 हजार रुपये से निवेश की शुरुआत की थी और निधन से पहले उनकी कुल 'नेटवर्थ' 41 हजार करोड़ रुपये से अधिक की थी । झुनझुनवाला ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट से सीए की डिग्री भी ली। बताया जाता है कि शेयर बाजार में झुनझुनवाला की दिलचस्पी पिता के कारण हुई। उनके पिता टैक्स ऑफिसर थे। उनके पिता अक्सर अपने दोस्तों के साथ शेयर बाजार की बातें किया करते थे। झुनझुनवाला अपने पिता की बातें गौर से सुनते थे। इसके बाद से उन्होंने दलाल स्ट्रीट को समझना शुरू कर दिया और यहीं से उन्होंने निवेश की दुनिया में उड़ान भरनी शुरू कर दी। निवेश की दुनिया में जब उन्हें फायदा होने लगा तो उन्हें पक्का यकीन हो गया कि अगर कहीं से बड़ा पैसा बनाया जा सकता है तो वह सिर्फ यही जगह है।

झुनझुनवाला ने एक कार्यक्रम में बताया था कि उन्होंने अपना सफर 5 हजार रुपये से शुरू किया था और सीए भाई की मदद से महज 2 साल में उनकी नेटवर्थ 50 लाख रुपये हो गई। 1990 के बजट को वह बेहद अहम बताते हैं, जिसके बाद तगड़ा बूम आया था। तब झुनझुनवाला की नेटवर्थ 2 करोड़ रुपये थी, जो कुछ ही समय में 20 करोड़ रुपये हो गई। वह कहते हैं कि रिस्क लेना जरूरी है, लेकिन उसका नतीजा भी पता होना चाहिए।

Big Bull के निधन पर दलाल स्ट्रीट से लेकर राजनीतिक जगत में शोक, पीएम समेत कई बड़ी हस्तियों ने जताया दुख

Big Bull के निधन पर दलाल स्ट्रीट से लेकर राजनीतिक जगत में शोक, पीएम समेत कई बड़ी हस्तियों ने जताया दुख

दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का आज 62 वर्ष की आयु में मुंबई में निधन हो गया.

Rakesh Jhunjhunwala Death Reactions: दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का आज 62 वर्ष की आयु में दलाल कैसे बने? मुंबई में निधन हो गया. मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल ने उनके निधन की पुष्टि की है. झुनझुनवाला को 2-3 हफ्ते पहले ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था और वह घर आ गए थे. कुछ दिनों पहले ही उन्होंने अकासा एयरलाइंस की शुरुआत की थी. बता दें कि झुनझुनवाला का रुझान कॉलेज में पढ़ते समय ही शेयर बाजार की ओर बढ़ गया. उन्हें यकीन था कि अगर कम से समय में कहीं से बहुत ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है तो वह जगह सिर्फ शेयर बाजार है. झुनझुनवाला के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत देश की कई बड़ी हस्तियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और दुख जताया है. आइए जानते हैं कि उनके निधन पर किसने क्या कहा.

वे भारत की प्रगति को लेकर भावुक थे: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राकेश झुनझुनवाला के निधन पर ट्वीट कर दुख जताया है. उन्होंने लिखा, “राकेश झुनझुनवाला अदम्य थे. जीवन से भरपूर, मजाकिया और व्यावहारिक. वह अपने पीछे वित्तीय दुनिया में एक अमिट योगदान छोड़ गए हैं. वह भारत की प्रगति को लेकर भी बहुत भावुक थे. उनका जाना दुखद है. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं. ओम शांति.”

गृह मंत्री अमित शाह ने भी राकेश झुनझुनवाला के निधन पर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है, “राकेश झुनझुनवाला जी के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ. उनके विशाल अनुभव और शेयर बाजार की समझ ने अनगिनत निवेशकों को प्रेरित किया है. उन्हें उनके बुलिश आउटलुक के लिए हमेशा याद किया जाएगा. उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना है. ओम शांति शांति.”

वित्त मंत्री ने क्या कहा?

इसी तरह, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बिग बुल के निधर पर दुख जताया है. उन्होंने लिखा, “श्री राकेश झुनझुनवाला नहीं रहे. निवेशक, साहसिक जोखिम लेने वाला, शेयर बाजार की उत्कृष्ट समझ, संचार में स्पष्ट- अपने आप में एक लीडर. हमारे बीच हुई कई बातचीत याद है. उन्हें भारत की ताकत और क्षमताओं में दृढ़ विश्वास था. मेरी संवेदनाएं.”

कोटक महिंद्रा बैंक के सीईओ उदय कोटक ने ट्विटर पर बिग बुल को याद करते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा, “राकेश झुनझुनवाला: मेरे स्कूल और कॉलेज के साथी. एक साल मेरे जूनियर. वित्तीय बाजारों को समझने में आश्चर्यजनक रूप से तेज थे. हमने नियमित रूप से बात की, खासकर कोविड के दौरान. आपकी याद आएगी राकेश!”

हम उन्हें मिस करेंगे : गौतम अडानी

बिग बुल के निधन पर शोक व्यक्त करने वालों में भारत के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी भी शामिल हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “भारत के सबसे महान निवेशक के असामयिक निधन से बेहद दुखी हूं. श्री झुनझुनवाला ने अपने शानदार विचारों से एक पूरी पीढ़ी को इक्विटी बाजारों में भरोसा करने के लिए प्रेरित किया. हम उन्हें मिस करेंगे. भारत उन्हें याद करेगा, हम उन्हें कभी नहीं भूलेंगे. RIP.”

यहां तक कि दलाल स्ट्रीट के बड़े नामों ने भी बिग बुल को याद करते हुए ट्वीट किया है. हेलिओस कैपिटल के फाउंडर और फंड मैनेजर समीर अरोड़ा बिग बुल के साथ अपने दिनों को याद करते हुए लिखते हैं, “बहुत दुखद खबर. राकेश बड़े दिल वाले एक महान व्यक्ति थे. मुझे हमेशा याद है कि जब मैं मुंबई से सिंगापुर जा रहा था तो उन्होंने एक विदाई पार्टी दी थी और मुझे सरस्वती की एक मूर्ति दी थी, जो अभी भी हमारे पास है.” दलाल स्ट्रीट के एक और दिग्गज, IIFL सिक्योरिटीज के डायरेक्टर संजीव भसीन ने भी बिग बुल राकेश झुनझुनवाला के निधन पर दुख जताया है.

फर्जी टिकट घोटाला: रेड मिर्ची, रियल मैंगो नाम के साॅफ्टवेयर से बने फर्जी टिकट, आसानी से मिल जाती है कंफर्म सीट, दलालों तक कैसे पहुंचे सॉफ्टवेयर ये जानने आरपीएफ ले रही साइबर एक्सपर्ट्स की मदद

फर्जी रेलवे टिकट के मामले में पिछले एक साल में 300 से ज्यादा टिकट एजेंट पकड़े गए और इनकी गहराई से जांच में रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) के एक्सपर्ट की टीम ने इस बात का खुलासा किया कि अधिकांश जाली टिकट चार-पांच अवैध साॅफ्टवेयर के इस्तेमाल से बनाए गए हैं। इनके नाम आरपीएफ अफसरों ने रेड मिर्ची, रियर मेंगो, आई बाॅल और रेड बुल आदि बताए गए हैं। साइबर एक्सपर्ट्स की मदद से आरपीएफ इन साफ्टवेयर की तह तक जा रही है, ताकि पता लगाया जा सके कि ये साफ्टवेयर कहां डेवलप हुए और दलालों के पास कैसे पहुंचे। संभवत: पूरे जोन में रेलवे सुरक्षा बल पहली बार साइबर मामलों की जुड़ी इस बड़ी पड़ताल में भिड़ा है। जांच में सामने आया कि इनके लिए दलाल ऐसे अवैध साफ्टवेयर का उपयोग कर रहे हैं, जो आसानी से कंफर्म टिकट जारी कर देते हैं और यह टिकट जाली होते हैं। आरपीएफ ने करीब तीन माह की जांच के बाद ऐेसे साफ्टवेयर की पहचान कर नाम जारी किए हैं। अब इन्हें रोकने के लिए नई रणनीति से छापेमारी शुरू की जा रही है। आरपीएफ के मंडल सुरक्षा आयुक्त अनुराग मीणा ने बताया कि इनमें से रेड मिर्ची, रेड बुल, आई बाॅल इत्यादि साफ्टवेयर के स्त्रोत पकड़ में आ गए हैं।

दलाल कैसे बने?

KING OF BULLS: जानें कौन है Rakesh Jhunjhunwala,आखिर कैसे बने दलाल स्ट्रीट के बेताज बादशाह

नई दिल्ली: दिग्गज स्टॉक निवेशक राकेश झुनझुनवाला का आज मुंबई में निधन हो गया। उन्हें लोकप्रिय रूप से 'भारत के वारेन बफे' के रूप में जाना जाता है। उत्कृष्ट बुद्धि और मिडास टच वाले व्यक्ति के रूप में जाने जाने वाले, झुनझुनवाला का स्वास्थ्य पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रहा है।62 वर्षीय बिजनेस टाइकून ने आज अपनी अंतिम सांस ली। कार्डियक अरेस्ट के बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका निधन कई स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हुआ।

बिजनेस टाइकून का अंतिम संस्कार आज शाम 5:30बजे मालाबार हिल के बाणगंगा श्मशान में किया जाएगा। झुनझुनवाला भारत के 36वें सबसे अमीर व्यक्ति थे।जिनकी कुल संपत्ति 5.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी। वह एप्टेक दलाल कैसे बने? लिमिटेड और हंगामा डिजिटल मीडिया एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष थे। लिमिटेड एक इक्का निवेशक होने के अलावा, उनके पास जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज, बिलकेयर लिमिटेड, प्राज इंडस्ट्रीज लिमिटेड, प्रोवोग इंडिया लिमिटेड, कॉनकॉर्ड बायोटेक लिमिटेड, प्राइम फोकस लिमिटेड, इनोवासिंथ टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, मिड डे मल्टीमीडिया लिमिटेड के दलाल कैसे बने? निदेशक मंडल में एक सीट थी। नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड, वायसराय होटल्स लिमिटेड और टॉप्स सिक्योरिटी लिमिटेड।

स्टिंग में हुआ बड़ा खुलासा, आधार कार्ड बनवाने के लिए दलाल बोले 150 रुपये दो फटाफट बनेगा कार्ड.

आधार कार्ड बनवाने के लिए संजय प्लेस के बाहर बैठे दलाल

150 रुपये दो, नंबर लगवा दूंगा, आपका आधार कार्ड फटाफट बन जाएगा, वरना चक्कर काटते रह जाओगे, लाइन देख रहो हो, ये खत्म होने वाली नहीं है. संजय प्लेस डाकघर के बाहर दलाल इसी तरह लोगों से पैसे मांग रहे हैं। आधार कार्ड के लिए सुबह चार बजे से लाइन लग जाती है। यहां अभी रोजाना आवेदन ही लिए जाते हैं जबकि करीब 150 से ज्यादा लोग आधार कार्ड बनवाने पहुंच रहे हैं। दलाल इसी का फायदा उठा रहे हैं। अमर उजाला ने सोमवार दोपहर को 12 से एक बजे के बीच वीडियो कैमरे में दलालों की बातचीत रिकॉर्ड की.

रेटिंग: 4.67
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 549
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *