मिड कैप फंड्स क्या हैं

ये हैं निवेश के लिए सबसे अच्छे मिडकैप म्यूचुअल फंड
जैसा कि नाम से पता चलता है, मिडकैप म्यूचुअल फंड स्कीमें मध्यम आकार की कंपनियों में निवेश करती हैं.
कई मौकों पर मिडकैप म्यूचुअल फंड कैटेगरी बहुत ज्यादा अस्थिर हो जाती है. इससे नए निवेशकों के हाथ-पांव फूलने लगते हैं. जानकार मानते हैं कि यह कैटेगरी उन्हीं निवेशकों के लिए मिड कैप फंड्स क्या हैं है जो जोखिम और अस्थिरता को झेल सकते हैं. यही वजह है कि इन स्कीमों में कम से कम सात से 10 साल की अवधि को ध्यान में रखकर ही निवेश करना चाहिए.
जैसा कि नाम से पता चलता है, मिडकैप म्यूचुअल फंड स्कीमें मध्यम आकार की कंपनियों में निवेश करती हैं. इनमें बड़े आकार की कंपनी बनने का दमखम होता है. बेशक इनके साथ जोखिम और अस्थिरता ज्यादा होती है. लेकन, इनसे अधिक रिटर्न की भी अपेक्षा की जा सकती है.
हालांकि, आप अगर ज्यादा जोखिम नहीं ले सकते हैं, न ही लंबी अवधि को ध्यान में रखकर निवेश कर सकते हैं तो लार्जकैप या मल्टीकैप जैसे अपेक्षाकृत कम जोखिम वाले विकल्पों में पैसा लगाना बेहतर है.
दूसरी तरफ अगर आप ज्यादा जोखिम लेकर सात से 10 साल को ध्यान में रखकर निवेश कर सकते हैं तो मिडकैप में निवेश किया जा सकता है. हमने आपके लिए पांच स्कीमें चुनी हैं. इनमें आप लंबी अवधि के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए पैसा लगा सकते हैं.
ये हैं सबसे अच्छी मिडकैप म्यूचुअल फंड स्कीमें
1.L&T Midcap Fund
2.HDFC Midcap Opportunities Fund
3.DSP Midcap Fund
4.Invesco India Midcap Fund
5.Axis Midcap Fund
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बाजार की तेजी में भी ये मिडकैप-स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड्स दे रहे है निगेटिव रिटर्न्स, क्या करें निवेशक
शेयर बाजार की तेजी में रिलायंस का मिड-स्मॉलकैप फंड, L&T मिडकैप फंड, DSP बीआर स्मॉल-मिडकैप म्यूचुअल फंड ने पिछले एक महीने में 3% का निगेटिव रिटर्न दिया है।
Ankit Tyagi
Updated on: May 27, 2017 11:05 IST
बाजार की तेजी में भी ये मिडकैप-स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड्स दे रहे है निगेटिव रिटर्न्स, क्या करें निवेशक
नई दिल्ली। शेयर बाजार लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है, लेकिन बाजार की इस तेजी में कई मिड कैप फंड्स क्या हैं मिडकैप और स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड्स ऐसे है जो निगेटिव रिटर्न दे रहे है। खासकर रिलायंस का मिड-स्मॉलकैप फंड, L&T मिडकैप फंड, DSP बीआर स्मॉल-मिडकैप और सुंदरम सिलेक्ट मिडकैप ने पिछले एक महीने में 3 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया है। ऐसे में सवाल उठता है, कि अब घरेलू निवेशकों को क्या करना चाहिए। इस पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि हाल में आई गिरावट से घबराना चाहिए। GST लागू होने के बाद और अच्छे मानसून के चलते मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में फिर से तेजी लौटेगी। यह भी पढ़े: देश के अमीर भी अब लगा रहे म्युचूअल फंड में पैसा, आप भी छोटी रकम पर ऐसे पाएं मोटा मुनाफा
अब क्या करें निवेशक
वाइजइन्वेस्ट एडवाइजर के हेमंत रुस्तगी का कहना है कि मार्केट में उतार-चढ़ाव के दौरान निवेशको को घबराने की जरुरत नहीं है। इक्विटी में लंबी अवधि के लिए निवेश करें। क्योंकि लंबी अवधि के निवेश पर उतार-चढ़ाव का असर कम होता है। छोटी-मध्यम अवधि निवेश पर उतार-चढ़ाव का असर ज्यादा है जिसके चलते बाजार को नहीं बल्कि लक्ष्य को ध्यान में रखकर निवेश करने की सलाह होगी। बाजार की इस तेजी में मौजूदा निवेशकों को निवेश पोर्टफोलियो को बैलेंस रखना जरूरी है। मिड और स्मॉलकैप में ज्यादा निवेश है तो पोर्टफोलियो को बैलेंस करें। मिड और स्मॉलकैप की जगह कुछ लार्जकैप और मल्टीकैप फंड्स को जोड़ सकते है। जिन निवेशकों का छोटी अवधि का नजरिया है उन्हें फंड के प्रदर्शन के आधार पर फंड ना चुनें। निवेश से पहले फंड के साथ जुड़े जोखिम को समझना बेहद जरुरी है।
ऐसे में आप भी अपना सकते है ये स्ट्रैटजी
1.एक फंड से दूसरे फंड में शिफ्ट होना जरूरी
2.अंडरपरफॉर्मर को पहचाने का तरीका
इन्वेस्टर्स की सबसे बड़ी मुश्किल होती है, पोर्टफोलियों में अंडरपरफॉर्मर को पहचाना। इसकी पहचान के लिए एक्सपर्ट कहते हैंं कि हर क्वार्टर में इन्वेस्टर्स को रिटर्न चेक करने चाहिए। अगर किसी फंड का रिटर्न बेंचमार्क इंडेक्स के मुकाबले अच्छा रिटर्न दे रहा है और अगले दो क्वार्टर में भी इसकी परफॉर्मेंस इंडेक्स के बराबर ही रहने पर इन्वेस्टर्स को निवेशित रहना चाहिए। वहीं, अगर फंड्स अंडरपरफॉर्म करता है, तब फंड्स से बाहर निकलना सही होगा।#ModiGoverment3Saal: मोदी के कार्यकाल में निवेशक हुए मालामाल, ऐसे 5 हजार रुपए लगाकर कमाए 3 लाख
3.समय-समय पर फंड्स निकालना सही रणनीति
मान लीजिए इन निगेटिव फंड्स में आपने एक लाख रुपया लगाया होता तो पांच मिड कैप फंड्स क्या हैं साल में आपकी रकम करीब 1.20 लाख रुपए हो जाती, जो कि एक औसत रिटर्न है। इस पर बजाज कैपिटल के सीईओ अनिल चोपड़ा कहते हैंं कि समय-समय पर फंड्स से रकम निकालनी चाहिए।
ऐसे चुने अच्छे फंडस
बाजार में हजारों म्यूचुअल फंड की स्कीम चल रही हैं। सभी दावा करती हैं कि वेे सबसे अलग हैं। यही कारण होता है कि निवेशक बिना सोचे समझे म्यूचुअल फंड का चयन कर लेता है, जोकि आगे चलकर समस्या बन जाता है। हम आपकी इस समस्या का हल यहां पर करेंगे। आप सिर्फ कुछ नियमों का पालन कर अच्छे म्यूचुअल फंड का चुनाव कर निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड के चयन में चार बातों को ध्यान में रखना होता है- परफॉर्मेंस, रिस्क, मैनेजमेंट और कॉस्ट।#ModiGoverment3Saal: सोने से रूठी ‘लक्ष्मी’, जुलाई तक हो सकता है 1100 रुपए सस्ता
1.परफॉर्मेंस
जानकारों का कहना है कि आप सेब और संतरे की तुलना नहीं कर सकते, भले ही दोनों फल हैं। ठीक इसी प्रकार दो म्यूचुअल फंड की तुलना करना आसान नहीं होता। आप इक्विटी फंड की तुलना डेब्ट फंड से या इनकम फंड की ग्रोथ फंड से नहीं कर सकते। लिहाजा किसी भी म्यूचुअल फंड की तुलना करने से पहले उनके प्रारूप को ध्यान से देख लें। समान प्रारूप वाले फंड की ही तुलना की जा सकती है। अलग-अलग कंपनियों के समान प्रारूप के म्यूचुअल फंड की तुलना करते वक्त बाजार में उनकी परफॉर्मेंस देखें। जो बाजार में अच्छा चल रहा हो, उसी को चुने। लेकिन हां यहां भी आंख मूंद कर फैसला न करें। इसके रिस्क फैक्टर को ध्यान से पढ़ें।
2.रिस्क
लोगों के बीच यह धारणा है कि म्यूचुअल फंड एक ऐसा निवेश होता है, जिसमें जितना रिस्क लेंगे, उतना ज्यादा रिटर्न (धन) आपको मिलेगा। यह धारणा बिलकुल गलत है। कोई भी म्यूचुअल फंड इस स्ट्रैटजी पर काम नहीं करता है। बेहतर होगा यदि आप कम रिस्क वाले ही म्यूचुअल फंड लें, ताकि धीरे-धीरे अच्छी मात्रा में रिटर्न मिल सके। इसका आंकलन करने के लिए समान श्रेणी के दो म्यूचुअल फंड की तुलना करें वो भी उस समय में जब बाजार में तेजी से उछाल आया हो या गिरावट आयी हो। उससे आप आसानी से दोनों में बेहतर चुन सकते हैं। दोनों के रिटर्न की तुलना करके आप म्यूचुअल फंड को चुन सकते हैं।एक साल में बैंकिंग म्यूचुअल फंड्स में मिले 60% के बड़े रिटर्न, आपके पास भी है मौका
3.मैनेजमेंट
म्यूचुअल फंड बाजार जैसे- शॉर्ट टर्म, इनकम फंड, इंडेक्स फंड, आदि। इनमें कई ऐसे होते हैं जो मैनेजर पर निर्भर नहीं करते। सभी के परिणाम लगभग समान होते हैं। हां इक्विटी फंड में फंड मैनेजमेंट काफी महत्वपूर्ण होता है। आपकी जरा सी चूक आपको घाटा पहुंचा सकती है। इस फंड में तभी पैसा लगाये, जब आप इसके अच्छे जानकार हों। रिस्क लेने से पैसा डूब सकता है।ऑप्टिमा मनी मैनेजर के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज मठपाल का कहना है कि फंड मैनेजर निवेश की रणनीति तय करता है जो सेक्टर और शेयर का चुनाव करते है। निवेश से पहले फंड मैनेजर का प्रदर्शन देखना चाहिए। हर एक फंड मैनेजर का निवेश का तरीका अलग होता है। मैनेजर बदलने के बाद जल्दबाजी में फंड से निकलना ठीक नहीं है। म्यूचुअल फंड्स के इन फेवरेट शेयरों ने दिया 900% तक का रिटर्न, आपके पास भी है मौका
4.कॉस्ट
अंतिम तथ्य होता है कॉस्ट यानी कीमत। इस बात को हमेशा ध्यान रखें कि म्यूचुअल फंड कोई नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन या चैरिटी नहीं है। हर कंपनी अपना नफा-नुकसान सोच कर आगे बढ़ती है। म्यूचुअल फंड में निवेश करते वक्त आपको तमाम तरह के हिडेन चार्ज होते हैं। उनके बारे में पता लगाने के लिए फंड की टर्म एंड कंडीशन जरूर पढ़ें। म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाला मूल धन ब्याज के साथ एक निश्चित समय-अंतराल पर बढ़ता या घटता है। उस समय अंतराल का और दरों का हमेशा हिसाब अपनी डायरी में रखें।
Mutual Fund Investment: एक साल में मिला 96 फीसदी मुनाफा, निवेशक हुए मालामाल, जानिए- कहां पर करें निवेश?
Mutual Funds To Invest: मिड कैप म्युचुअल फंड्स में एक साल में 96 फीसदी मुनाफा मिला, निवेशक मालामाल हो गए. यहां पर जानिए- कहां पर करें निवेश जिससे ज्यादा रिटर्न मिले.
Updated: May 6, 2021 11:10 AM IST
Mutual Funds To Invest: म्युचुअल फंड्स की तीन मिड कैप फंड्स क्या हैं श्रेणी हैं, जिसमें लार्ज कैप, मिड कैप और स्माल कैप के म्युचुअल फंड्स हैं. इसमें खुद का जोखिम शामिल होता है. इन म्युचुअल फंड्स पर आधारित कंपनियों में निवेश करके आप बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं. जैसे- अगर इसमें मिड-कैप फंड है तो इस म्युचुअल फंड्स का पैसा मिड-कैप वाली कंपनियों में लगाया जाएगा. मिड-कैप वाली कंपनियों का मार्केट कैप 5,000-20,000 करोड़ रुपये का है. इन कंपनियों में काफी अधिक बढ़त की संभावनाएं होती हैं. इसलिए ये कंपनियां निवेश के लिहाज से काफी बेहतर मानी जाती हैं. आपको सीधे इक्विटी में निवेश करने से बेहतर होगा कि आप म्युचुअल फंड्स के जरिए इन कंपनियों में निवेश करें. यहां पर हम आपको 5 सबसे अच्छी कंपनियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन कंपनियों ने एक साल में 96 फीसदी तक का रिटर्न दिया है.
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पीजीआईएम इंडिया मिड कैप अपॉर्च्युनिटीज पंड
पीजीआईएम इंडिया मिड कैप अपॉर्च्युनिटीज फंड ने पिछले मिड कैप फंड्स क्या हैं मिड कैप फंड्स क्या हैं एक साल में 95.86 फीसदी का बड़ा रिटर्न दिया है. इसका मतलब है कि एक साल में निवेशकों का पैसा दो गुना हो गया. इसके पहले भी यह फंड काफी बेहतर रिटर्न दिया है. जैसे- मिडकैप इंडिया अपॉर्च्युनिटीज फंड ने 44.88 फीसदी का रिटर्न दिया है और तीन माह के अंदर उसने 18.16 फीसदी का रिटर्न दिया है.
एक्सिस मिडकैप फंड
एक्सिस मिडकैप फंड ने एक साल के भीतर बहुत अच्छा रिटर्न दिया है. इस फंड ने 52.66 फीसदी का रिटर्न दिया है. इस फंड में निवेशकों को एक साल के भीतर 52.66 फीसदी रिटर्न मिला है. उसी समय मिडकैप में 6 माह में 28.89 फीसदी रिटर्न मिला है. वहीं, तीन माह में 12.59 फीसदी रिटर्न मिला है. आपको इतना अधिक मुनाफा किसी और स्कीम जैसे-एफडी आदि में नहीं मिलेगा.
इन्वेस्को इंडिया मिडकैप फंड
इनवेस्को इंडिया मिडकैप फंड ने भी एक साल में बहुत अच्छा रिटर्न दिया है. इनवेस्को इंडिया म्युचुअल फंड ने भी तीन माह में 9.43 फीसदी का बेहतर रिटर्न दिया है. 6 माह में इसने 29.74 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं एक साल में 56.25 फीसदी का रिटर्न दिया है. निवेशक म्युचुअल फंड्स में काफी रिसर्च करने के बाद निवेश करते हैं.
कोटक एमर्जिंग इक्विटी फंड
6 माह का कोटक एमर्जिंग इक्विटी फंड का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है. पहले 6 माह में फंड ने निवेशकों को 39.39 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं, तीन माह में फंड का रिटर्न 15.77 फीसदी रहा है. एक साल में कोटक एमर्जिंग इक्विटी फंड ने 73.64 फीसदी की रिटर्न दिया है.
टाटा मिडकैप ग्रोथ फंड
टाटा मिडकैप ग्रोथ फंड ने पहले 6 माह में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. पहले 6 माह में फंड ने 33.30 फीसदी का रिटर्न दिया है. टाटा मिडकैप ग्रोथ फंड ने 14.38 फीसदी की रिटर्न दिया है. एक साल में टाटा मिडकैप ग्रोथ फंड ने 61.74 फीसदी का रिटर्न दिया है. कहने का तात्पर्य यह है कि एक लाख के निवेश पर इस फंड ने 61.74 फीसदी का रिटर्न दिया है.
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3 साल में डबल हो गया पैसा : Mutual Fund की इन मिड-कैप स्कीम्स ने दिया बंपर रिटर्न
म्यूचुअल फंड में कई ऐसी स्कीम्स हैं, जिन्होंने बीते कुछ सालों में ही निवेशकों का बंपर रिटर्न दिया है. इनमें इक्विटी मिड कैप फंड्स भी हैं. म्यूचुअल फंड स्कीम्स में कई ऐसे मिड कैप फंड्स हैं, जिनमें निवेशकों का पैसा 3 साल में दोगुना से ज्यादा हो गया. मिड कैप फंड मिड साइज कंपनियों में निवेश करते हैं. ऐसी 5 स्कीम्स के बारे में जानते हैं, जिनमें निवेशकों के 1 लाख रुपये की वैल्यू मिड कैप फंड्स क्या हैं महज तीन साल में 2 लाख रुपये या इससे ज्यादा हो गई.
PGIM इंडिया मिडकैप अपॉर्च्युनिटीज फंड (PGIM India Midcap Opportunities Fund)
PGIM इंडिया मिडकैप अपॉच्युनिटीज फंड ने 3 साल में 40.30 फीसदी सालाना का रिटर्न दिया है. इसमें 1 लाख रुपये का निवेश बढ़कर 2.76 लाख रुपये हो गया. वहीं, 10,000 रुपये मंथली SIP की वैल्यू बढ़कर 7.76 लाख रुपये हो गई है. इसमें मिनिमम निवेश 5000 रुपये का है. वहीं, मिनिमम 1000 रुपये की SIP से निवेश शुरू कर सकते हैं. इसमें एक्सपेंश रेश्यो 0.34 फीसदी है. यह स्कीम 2 दिसंबर 2013 को लॉन्च हुई थी.
क्वांट मिड कैप फंड (Quant Mid Cap Fund)
क्वांट मिड कैप फंड ने 3 साल में 32.59 फीसदी सालाना का रिटर्न दिया है. इसमें 1 लाख रुपये का निवेश बढ़कर 2.33 लाख रुपये हो गया. वहीं, 10,000 रुपये मंथली SIP की वैल्यू बढ़कर 7.03 लाख रुपये हो गई है. इसमें मिनिमम निवेश 5000 रुपये का है. वहीं, मिनिमम 1000 रुपये की SIP से निवेश शुरू कर सकते हैं. इसमें एक्सपेंश रेश्यो मिड कैप फंड्स क्या हैं 0.50 फीसदी है. यह स्कीम 1 जनवरी 2013 को लॉन्च हुई थी.
एडलवाइस मिड कैप फंड (Edelweiss Mid Cap Fund)
एडलवाइस मिड कैप फंड ने 3 साल में 31.16 फीसदी सालाना का रिटर्न दिया है. इसमें 1 लाख रुपये का निवेश बढ़कर 2.26 लाख रुपये हो गया. वहीं, 10,000 रुपये मंथली SIP की वैल्यू बढ़कर 6.64 लाख रुपये हो गई है. इसमें मिनिमम निवेश 5000 रुपये का है. वहीं, मिनिमम 500 रुपये की SIP से निवेश शुरू कर सकते हैं. इसमें एक्सपेंश रेश्यो 0.64 फीसदी है. यह स्कीम 1 जनवरी 2013 को लॉन्च हुई थी.
एक्सिस मिडकैप फंड (Axis Midcap Fund)
एक्सिस मिडकैप फंड ने 3 साल में 31.56 फीसदी सालाना का रिटर्न दिया है. इसमें 1 लाख रुपये का निवेश बढ़कर 2.28 लाख रुपये हो गया. वहीं, 10,000 रुपये मंथली SIP की वैल्यू बढ़कर 6.30 लाख रुपये हो गई है. इसमें मिड कैप फंड्स क्या हैं मिनिमम निवेश 5000 रुपये का है. वहीं, मिनिमम 500 रुपये की SIP से निवेश शुरू कर सकते हैं. इसमें एक्सपेंश रेश्यो 0.49 फीसदी है. यह स्कीम 1 जनवरी 2013 को लॉन्च हुई थी.
SBI मैग्नम मिडकैप फंड (SBI Magnum Midcap Fund)
SBI मैग्नम मिडकैप फंड ने 3 साल में 29.46 फीसदी सालाना का रिटर्न दिया है. इसमें 1 लाख रुपये का निवेश बढ़कर 2.17 लाख रुपये हो गया. वहीं, 10,000 रुपये मंथली SIP की वैल्यू बढ़कर 6.47 लाख रुपये हो गई है. इसमें मिनिमम निवेश 5000 रुपये का है. वहीं, मिनिमम 500 रुपये की SIP से निवेश शुरू कर सकते हैं. इसमें एक्सपेंश रेश्यो 1.09 फीसदी है. यह स्कीम 1 जनवरी 2013 को लॉन्च हुई थी.
(नोट: मिड कैप फंड्स के रिटर्न की जानकारी वैल्यू रिसर्च से ली गई है. यहां सिर्फ फंड्स की परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है. यह निवेश की सलाह नहीं है.)