एक व्यापार प्रणाली तैयार करें

बाबा साहेब का संविधान
इस दिन भारत में रहने वालों के लिए ऐसी आचार संहिता लागू हुई जिसे खुद भारतीयों ने तैयार किया था और इसकी संरचना में हिन्दू समाज के अस्पृश्य तक कहे जाने वाले मनीषी डा. भीमराव अम्बेडकर की केन्द्रीय भूमिका थी।
शनिवार 26 नवम्बर के दिन पूरे देश ने राजधानी दिल्ली में कुछ समारोह करके संविधान दिवस मनाया। भारत के इतिहास में इस दिन के कितने मायने हैं इसका प्रमाण यह तथ्य है कि इस दिन भारत में रहने वालों के लिए ऐसी आचार संहिता लागू हुई जिसे खुद भारतीयों ने तैयार किया था और इसकी संरचना में हिन्दू समाज के अस्पृश्य तक कहे जाने वाले मनीषी डा. भीमराव अम्बेडकर की केन्द्रीय भूमिका थी। यह नये भारत का उदय था। यह ऐसे भारत का उदय था जिसमें सामाजिक समता और बन्धुत्व को सिद्धान्त रूप में स्वीकार किया गया था। अंग्रेजों के भारत से निकल कर यह गांधी के भारत में जाने का दिन था। वहीं महात्मा गांधी जिन्होंने आम हिन्दोस्तानी के स्वाभिमान भाव को जगाने के लिए पूरा स्वतंत्रता आन्दोलन चलाया था और अंग्रेजों को मजबूर कर दिया था कि वे इस देश की सत्ता की ‘चाबी’ भारतीयों को सौंप कर इंग्लैंड रवाना हो एक व्यापार प्रणाली तैयार करें जायें। बाबा साहेब के संविधान ने भारतवासियों को सत्ता की चाबी एक वोट का मूलभूत संवैधानिक अधिकार देकर सौंपी और संसदीय लोकतंत्र प्रणाली अपनाकर किसी खेत में काम करने वाले मजदूर तक की सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित की। इसी भागीदारी की बदौलत देश की राजनैतिक प्रशासनिक व्यवस्था को सुस्थापित करने की ताकत आम आदमी को मिली और इस प्रकार मिली की वह केवल अपनी मनपसन्द के राजनैतिक दल को ही हर पांच साल बाद हुकूमत करने का अधिकार अपने हाथों में रख सके। इसके लिए संसदीय प्रणाली में ही यह व्यवस्था की गई कि केवल प्रत्यक्ष चुने गये सदनों लोकसभा या विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने वाले राजनैतिक दल या दलों के एक व्यापार प्रणाली तैयार करें समूह को ही शासन में बैठने का अधिकार हो और यदि पांच साल के बीच में ही सत्तारूढ़ हुई सरकार के प्रति लोगों का मोह भंग हो तो उनके चुने हुए प्रतिनिधि उसके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित करके उसे सत्ता से उतार सकें और कोई वैकल्पिक बहुमत की सरकार गठित कर सकें और यदि ऐसा संभव न हो तो बीच में ही पुनः जनता का आदेश उसके एक वोट के माध्यम से प्राप्त कर सकें।
चुने हुए प्रतिनिधियों को हर सूरत में जनता का सेवादार बनाये रखने के प्रावधान इस संविधान में किये गये ( हालांकि बाद में विभिन्न संविधान संशोधनों द्वारा इस व्यवस्था में बदलाव किया गया विशेषकर दल बदल विरोधी कानून बनाकर ) इस व्यवस्था को कायम करने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग को सौंपी गई और उसे सरकार से स्वतंत्र रख कर सीधे संविधान से शक्ति लेकर काम करने का अधिकार सौंपा गया। मगर बाबा साहेब ने 26 नवम्बर, 1949 को ही संविधान सभा में कहा कि ‘मैं इस संविधान के गुणों के बारे में कुछ नहीं कहूंगा, क्योंकि मैं समझता हूं कि संविधान चाहे जितना भी अच्छा हो। यदि इसे लागू करने वाले लोग बुरे हैं तो वह निःसन्देह बुरा हो जाता है’। बाबा साहेब के इस कथन से हम अच्छी तरह अनुमान लगा सकते हैं कि पिछले 1952 में हुए पहले चुनावों के बाद अब तक हमारे जन प्रतिनिधियों के चरित्र में कैसे-कैसे बदलाव आते रहे हैं और संविधान की क्या गत बनती रही है।
1975 में इमरजेंसी भी इसी संविधान के रहते लगी और बाद में 18 महीने बाद उठी भी। संविधान ने चुने हुए प्रतिनिधियों के सदन लोकसभा को असीमित अधिकार भी दिये, मगर स्वतंत्र न्यायपालिका की व्यवस्था करके इसकी नकेल उसके हाथ में भी पकड़ाते हुए कहा कि हर हालत में संविधान के बुनियादी ढांचे से संसद कोई खिलवाड़ न कर सके। संसद द्वारा बनाये गये कानून की संवैधानिक समीक्षा करने का अधिकार बाबा साहेब ने स्वतंत्र न्यायपालिका को सौंपा। मगर संसदीय लोकतंत्र की नकेल हर हालत में आम भारतीय के हाथ में रखने के उद्देश्य से बाबा साहेब ने 26 नवम्बर, 1949 को ही ताकीद की कि ‘‘सर्वप्रथम हमें अपने सामाजिक व आर्थिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संवैधानिक नियमों व प्रावधानों को दृढ़ता से अपनायें। दूसरी बात जो हमें करनी है उस पर हमें विशेष सावधानी बरतनी होगी। यह सावधानी वही है जिसे प्रख्यात राजनैतिक लोकतांत्रिक चिन्तक जाॅन स्टुअर्ट मिल ने कहा था। हम भावुकता या आवेश में आकर किसी भी महान व्यक्ति के चरणों में अपनी स्वतंत्रता न चढ़ा दें या उसे वे शक्तियां न सौंपे जो उसे इसी संविधान में बनाई गई उसी एक व्यापार प्रणाली तैयार करें की संस्थाओं को मिटाने की शक्ति सौंप दें। राजनीति में अंध भक्ति हमें पुनः गुलामी के भावों में बांधने की क्षमता रखती है।
राजनीति में भक्तिभाव अपने अधिकारों को गिरवी रखने के समान है। जबकि धर्म या मजहब में अंध भक्ति आत्म मोक्ष का मार्ग हो सकती है, पर राजनीति में भक्ति या वीर पूजा पतन और अन्ततः तानाशाही का निश्चित मार्ग होती है’’। अतः बाबा साहेब का संविधान हमें लगातार अपने संवैधानिक व लोकतांत्रिक मूल अधिकारों की शुचिता व संरक्षण के लिए सचेत करता है और परोक्ष ताकीद करता है कि एक वोट का अधिकार का कुछ भी मोल नहीं लग सकता, यह अमूल्य है। बाबा साहेब ने इस अधिकार को राजनैतिक स्वतंत्रता या लोकतंत्र का नाम दिया और ताकीद की कि ‘‘केवल इसी से हमें सन्तुष्ट नहीं हो जाना है। हमें आर्थिक स्वतंत्रता की तरफ भी बढ़ना पड़ेगा जिसे पाये बिना हमारी सामाजिक व राजनैतिक स्वतंत्रता अधूरी रहेगी। सामाजिक लोकतंत्र पाने के लिए हमें स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व (भाईचारा) को जीवन के सिद्धान्तों के रूप में स्वीकार करना होगा। जहां समता होगी वहीं स्वतंत्रता होगी और बंधुत्व भी तभी होगा जब समता व स्वतंत्रता होगी। इन तीनों को अलग-अलग नहीं किया जा सकता’’। अतः संविधान दिवस हमें सचेत करके गया है कि हम सच्चे देशभक्त व सच्चे हिन्दोस्तानी बनने के लिए संविधान की रीतियों के अनुसार ही सार्वजनिक से लेकर निजी जीवन में आचरण करें।
PEPSICO HIRING B.TECH, BE GRADUATES
पेप्सिको अपने पटियाला स्थान पर एक अनुभवी मेंट/इंग्लैंड एसोसिएट पर्यवेक्षक को काम पर रख रहा है। इस कार्य का उद्देश्य क्रॉस फंक्शनल टीम के बीच प्रभावशाली समन्वय, फ्रंट लाइन टीम के लिए क्षमता निर्माण और यूनिट संचालन के लिए मानक प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और अंतराल विश्लेषण से प्रमुख अंतर्दृष्टि की पहचान के माध्यम से साइट प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए साइट पर एक व्यस्त वातावरण को बढ़ावा देना है। .
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Roles and Responsibilities:
The Ideal Candidate should be able to:
श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने के लिए प्लांट में टीपीएम के तहत लीड मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस एजेंडा।
साइट को TPM COE के रूप में बनाकर TPM संस्कृति को बढ़ावा दें।
टीपीएम डैशबोर्ड विकसित करना और समीक्षा तंत्र स्थापित करना
ड्राइविंग एंगेजमेंट के लिए सूत्रधार के रूप में कार्य करें, स्किल मैपिंग के माध्यम से फ्रंटलाइन टीम के लिए क्षमता का निर्माण
साइट के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए एम एंड डब्ल्यू / ओडीएस कार्यक्रम चलाना
पावर स्टीयरिंग में ड्राइव और मॉनिटर प्लांट के नेतृत्व वाली उत्पादकता परियोजनाएं और एलएसएस बेल्ट भी चलाना
साइट पर डीप डाइव एजेंडे पर ड्राइविंग समन्वय और बचत क्षमता पर समेकन
ड्राइविंग और समन्वय साइट SET क्षमता प्लेटफार्मों भर में
क्षेत्र एलएसएस और एम एंड आर लीड्स के साथ जुड़ाव और बीपीटी की क्षैतिज प्रतिकृति ड्राइव करें
साइट के लिए PeMM समन्वय प्रभावी ढंग से चलाना (PM और JH लीड्स के साथ)
संयंत्र में टीपीएम कार्यान्वयन
टीपीएम एएम और पीएम पिलर स्टेप्स के लिए मास्टर प्लान तैयार करें
मास्टर प्लान पर अनुपालन का पालन करने के लिए सर्किल केएआई से जुड़े पिलर केपीएम विकसित करें
शासन, क्षमता और निष्पादन पर आधारित टीपीएम डैशबोर्ड
संचालन समिति की बैठकों और स्तंभ बैठकों का समन्वय करें
तकनीकी उपलब्धता एक व्यापार प्रणाली तैयार करें में सुधार के लिए डाउनटाइम समीक्षा पर एएम पीएम संयुक्त बैठक का समन्वय करें
प्रभावी टैग प्रबंधन प्रणाली और कार्य आदेश प्रणाली स्थापित करना
एमआईएपी-पीईएमएम कार्य योजना का समन्वय पीएम एक व्यापार प्रणाली तैयार करें टीम के साथ अनुवर्ती समीक्षा
PQCDSM के माध्यम से संयंत्र में नुकसान डेटा निगरानी प्रणाली की स्थापना और महत्वपूर्ण नुकसान पर प्रतिक्रिया
जेएच के साथ प्रभावी समन्वय के माध्यम से पीएम हलकों का समर्थन करें
प्रक्रिया और पैकेजिंग इकाई संचालन में 5S लागू करें
सीपीएम ऑडिट आयोजित करना और संयंत्र उपकरणों को नई स्थिति में बनाए रखने का मानक बढ़ाना
दुकान के फर्श पर दैनिक जेएच कार्यक्रम चलाना
काइज़न कार्यक्रम, ओपीएल कार्यक्रम, डब्ल्यूईडी, एफएस सप्ताह, सुरक्षा सप्ताह जैसे कार्यक्रमों का आयोजन
नए जॉइनर्स का प्रशिक्षण और इंडक्शन ओरिएंटेशन प्रोग्राम का निर्माण
मल्टीस्किलिंग (स्किल मैपिंग एक्सरसाइज) को सक्षम करने के लिए ऑन द जॉब ट्रेनिंग
संयंत्र (एआईबी एफएस) में रखरखाव प्रथाओं को सुव्यवस्थित करने में योगदान करने के लिए क्यूए के साथ सहयोग करना
बीयू एम एंड आर लीड के साथ मासिक एम एंड आर स्कोरकार्ड समीक्षा आयोजित करना
मुख्य KPI को ट्रैक करने और कमियों की पहचान करने के लिए ODS एक व्यापार प्रणाली तैयार करें अनुशासन को बढ़ावा देना – दैनिक समीक्षा का समन्वय करना
संयंत्र के प्रदर्शन की रिपोर्ट करने के लिए समय रेखा के साथ सेक्टर माप अप टेम्पलेट अपलोड करना
साइट के लिए एम एंड डब्ल्यू स्वास्थ्य जांच आयोजित करना और प्रदर्शन में सुधार के लिए अंतराल की पहचान करना
साइट उत्पादकता प्रदान करने के लिए LSS KL और GB बेल्ट चलाना
एलएसएस बीबी संसाधन के साथ काम करते हुए एलएसएस क्षमता विकास वाईओवाई के माध्यम से योगदान करना
सहमत समय सीमा के भीतर परियोजनाओं और वित्तीयों का पावर स्टीयरिंग प्रविष्टि अनुपालन सुनिश्चित करना
परियोजना को समय पर ढंग से परिपक्व करने के लिए बीयू एलएसएस के साथ टोलगेट समीक्षा सुनिश्चित करना
डीप डाइव एजेंडे पर साइट का समर्थन करने के लिए P&P के साथ समन्वय करना
डीडी में विभिन्न टीमों के बीच समन्वय के माध्यम से बचत क्षमता को मजबूत करना
मासिक अंतराल पर समीक्षा करने के लिए कार्रवाई अनुवर्ती दस्तावेजों की स्थापना करना
बेस्ट प्रैक्टिस टूल्स पर अपडेट प्राप्त करने के लिए सेक्टर के साथ समन्वय स्थापित करना
साइट पर एसईटी स्कूल के समन्वय में समर्थन का विस्तार – एक व्यापार प्रणाली तैयार करें पी एंड पी एंड एमओएस से जुड़ना
साइट पर सक्रिय रूप से SET IPS पहल का हिस्सा बनें
विश्लेषण के माध्यम से साइट पर आईपीएस क्षमता की आवश्यकता को समेकित करना और इसे प्लांट हेड को प्रस्तुत करना
Eligibility
शिक्षा: बीई/बीटेक- मैकेनिकल/इलेक्ट्रॉनिक्स/इलेक्ट्रिकल और अन्य
कार्यात्मक अनुभव: टीपीएम/विनिर्माण उत्कृष्टता का प्रासंगिक अनुभव
To Apply for this Job, Visit Official Website
ऊपर दी गई भर्ती सूचना केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है। उपरोक्त भर्ती सूचना संगठन की आधिकारिक साइट से ली गई है। हम कोई भर्ती गारंटी प्रदान नहीं करते हैं। भर्ती रिक्ति पोस्ट की गई कंपनी या संगठन की आधिकारिक भर्ती प्रक्रिया के अनुसार की जानी है। हम इस नौकरी की जानकारी प्रदान करने के लिए कोई शुल्क नहीं लेते हैं। न तो लेखक और न ही स्टडीकैफे और उसके सहयोगी इस लेख में किसी भी जानकारी से उत्पन्न होने वाली किसी भी हानि या क्षति के लिए और न ही उस पर निर्भरता में की गई किसी भी कार्रवाई के लिए कोई दायित्व स्वीकार करते हैं।
Tag: democratic values
लोक सभा अध्यक्ष बोले- हमारी जीवन प्रणाली एक व्यापार प्रणाली तैयार करें हैं लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्य
नई दिल्ली । लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने सोमवार को संसद भवन परिसर में लोक सभा सचिवालय द्वारा आयोजित 36वें संसदीय इंटर्नशिप कार्यक्रम (Parliamentary Internship Program) के प्रतिभागियों को संबोधित किया। संसदीय इंटर्नशिप कार्यक्रम में 17 देशों के 44 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर बिरला ने […]
प्रयागराज में अब कमिश्नर 'राज'
फाइनली प्रयागराज को भी कमिश्नरेट प्रणाली लागू कर दिये जाने को यूपी की कैबिनेट ने ग्रीन सिग्नल दे दिया है. समाचार लिखे जाने के समय तक न तो यहां पुलिस आयुक्त की तैनाती की गयी थी और न ही स्ट्रक्चर में किये जा रहें चेंज का कोई नोटिफिकेशन जारी हुआ था. माना जा रहा है कि यहां एडीजी या आईजी लेवल के अधिकारी को पुलिस आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. इसके नीचे संयुक्त पुलिस आयुक्त का पद होगा. प्रयागराज में एडीजी रैंक के पुलिस अफसर को आयुक्त बनाये जाने की दशा में यह पद आईजी रैंक का अफसर संभालेगा. ऐसा नहीं होने पर एडीजी रैंक के अफसर की तैनाती की जाएगी. रैंक प्रोफाइल के अनुसार इसे डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) के नाम से जाना जाएगा. परिवर्तन के बाद एसएसपी, एसपी, एएसपी और सीओ का डेजीग्नेशन और रोल चेंज हो जायेगा.
बढ़ जायेगी आईपीएस ऑफिसर्स की तैनाती, पब्लिक और पुलिस का रेशियो भी हो जाएगा चेंज
एडीजी जोन और आईजी रेंज की टेरेटरी से बाहर रहेगा कमिश्नरेट, दोनो के क्षेत्राधिकार में एक-एक जिले होंगे कम
प्रयागराज (ब्यूरो)। कमिश्नरेट प्रयागराज में बड़ी संख्या में आईपीएस रैंक के अफसरों की तैनाती की जाएगी। एसपी ट्रैफिक से लेकर एसपी प्रोटोकाल तक के पदों पर आईपीएस की तैनाती की जाएगी। यह संख्या आठ से दस तक हो सकती है। थानों के स्ट्रक्चर में भी चेंज होगा। एक थाने पर इंस्पेक्टर की संख्या तीन तक हो सकती है। पूर्व आईजी आरके चतुर्वेदी बताते हैं कि इनकी नियुक्ति वर्क डिस्ट्रिब्ूयशन के आधार पर होगी। थानों पर संख्या बल बढऩे और जिम्मेदारी का बंटवारा होने से सुपरविजन काफी क्लोज हो जाएगा। विवेचनाएं जल्दी हो पाएंगी। पब्लिक और पुलिस का रेशियो मेंटेन होने पर अपराधियों की क्लोज मानिटरिंग आसान हो जाएगी।
पुलिस कमिश्नर को अधिकार
दंगे व उपद्रव की स्थिति में बल प्रयोग के लिये मजिस्ट्रेटी अधिकार
गुंडा अधिनियम, गैंगस्टर अधिनियम व रासुका में निरुद्ध करने का
अपराधियों के शस्त्र लाइसेंस कैंसिल करने का भी अधिकार
धरना-प्रदर्शन-आयोजनों की अनुमति देने का जिम्मा
धारा 151 और 107/116 में आरोपी को सीधे जेल भेजने का
अनैतिक व्यापार अधिनियम के तहत विधिक अधिकार
पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत कार्रवाई का
कारागार अधिनियम 1894 के तहत विधिक अधिकार
गोपनीयता रोकथाम अधिनियम 1923 के तहत विधिक अधिकार
विदेशी अधिनियम 1946 के तहत विधिक अधिकार
गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम 1967 के तहत विधिक अधिकार
भारतीय पुलिस अधिनियम 1861 के तहत विधिक अधिकार
यूपी अग्निशमन सेवा अधिनियम 1944 के विधिक अधिकार
यूपी अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा अधिनियम 2005 के अधिकार
पुलिस द्रोह अधिनियम के तहत विधिक अधिकार
धारा 144 लागू करने का अधिकार
सीआरपीसी के तहत पुलिस को धारा 107/116 के तहत किसी को पाबंद करने के साथ-साथ रास्ते के विवाद में आदेश एक व्यापार प्रणाली तैयार करें देकर उसे खाली कराने का अधिकार भी होगा। लोक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस धारा 144 लागू करने के साथ ही शांतिभंग करने की आशंका में किसी व्यक्ति का धारा-151 के तहत चालान करने के साथ ही एसडीएम की तरह उसे सुनवाई कर आरोपित को जेल भेजने अथवा जमानत पर छोडऩे का अधिकार पुलिस के पास होगा। अब तक जेलों में डीएम के साथ ही एसएसपी/एसएसपी निरीक्षण करने जाया करते थे। पुलिस आयुक्त के पास किसी बंदी की सात-आठ दिनों की पैरोल मंजूर करने का अधिकार भी होगा। पुलिस कमिश्नर के पास अनैतिक देह व्यापार, विस्फोटक पदार्थों से जुड़े मामलों से लेकर पशु क्रूरता के मामलों में भी कार्रवाई करने की शक्ति होगी।
प्रयागराज का चयन क्यों
बता दें कि प्रयागराज आबादी के मामले में उत्तर प्रदेश के बड़े जिलों में से एक है। जिले की व्यवस्था देखने वाले एसएसपी को सपोर्ट करने के लिए एसपी गंगापार, एसपी यमुनापार और सिटी एसपी की तैनाती है। इतने बड़े जिले में होने वाले सभी बड़े मामलों में एसएसपी के पहुंचने की अपेक्षा की जाती थी। कमिश्नरेट बनने के बाद सपोर्ट सिस्टम की संख्या में चेंज नहीं हुआ तो भी तीनो स्थानों पर एसएसपी या एसपी रैंक का अफसर एक व्यापार प्रणाली तैयार करें तैनात कर दिया जायेगा। इन्हें डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस या पुलिस उपायुक्त के रूप में जाना जायेगा। टेरेटरी डिफाइन और छोटी होने से यहां अफसरों का पहुंचना आसान होगा। इन्हें सपोर्ट करने के लिए एडिशनल एसपी जिन्हें अपर पुलिस आयुक्त और सीओ रैंक जिन्हें सहायक पुलिस आयुक्त कहा जाएगा तैनात होंगे। थानों में सेग्मेंट वाइज इंस्पेक्टर की तैनाती ने इनकी संख्या भी बढ़ जाएगी। इससे सुपरविजन क्लोज हो जाएगा।
बेसिक इंफ्रा की रहेगी समस्या
कमिश्नरेट बनने के बाद यहां बड़ी संख्या में आईपीएस अफसरों की तैनाती किये जाने के बाद बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर डेपलव करना शुरुआती दिनो की समस्या होगी। पूर्व आईजी आरके चतुर्वेदी बताते हैं कि उन्होंने लखनऊ और नोएडा दोनो कमिश्नरेट में काम किया है। शुरुआती दिनो में व्यवहारिक समस्या संसाधन थी लेकिन चूंकि गवर्नमेंट इन सब को वर्कआउट करने के बाद ही कमिश्नरेट पर फैसला लेती है तो संभव होगा कि जल्द ही बेसिक इंफ्रा पर ज्यादा काम हो। प्रयागराज में कुंभ आयोजित होता है। 2025 में कुंभ का आयोजन होना है तो संभव है कि उससे पहले ही इस व्यवस्था को मुकम्मल कर लिया जाय।
जेल में छापा मार सकेंगे पुलिस कमिश्नर
पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होते ही पुलिस के अधिकारों का दायरा भी बड़ा हो जाएगा। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मुंबई, कोलकता व दिल्ली में लागू कमिश्नरेट सिस्टम की तरह पुलिस के पास आबकारी लाइसेंस, सराय एक्ट व चलचित्र अधिनियम के तहत लाइसेंस देने का अधिकार होगा या नहीं।
कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद कई बदलाव देखने को मिलेंगे। इसमें सीआरपीसी के तहत दिये एडीएम और एसडीएम को मिले अधिकार पुलिस आयुक्त के पास शिफ्ट हो जाएंगे। गैंगस्टर और गुंडा एक्ट में जल्दी कार्रवाई संभव हो पाएगी। अब मंजूरी के लिए फाइल डीएम के पास नहीं भेजनी होगी।
प्रेम प्रकाश
एडीजी जोन, प्रयागराज
एसएसपी के पास से अब बर्डेन काफी हद तक कम हो जाएगा। अभी तक वह एडमिनिस्ट्रेटिव काम भी देखता था। ऊपर तक रिपोर्ट भी करता था। लाइन भी उसी को देखना होता था और कोर्ट में रिपोर्टिंग भी उसी की होती थी। उससे यह भी अपेक्षा की जाती थी कि वह बड़ी घटनाओं में मौके पर पहुंचे। वर्क डिस्ट्रिब्यूशन होने से उस पर प्रेशर कम होगा तो वह लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने पर ज्यादा फोकस होकर काम कर सकेगा।
आरके चतुर्वेदी रिटायर्ड आईजी