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इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है

इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है

Demat Account क्या है ? और यह कैसे काम करता है

दोस्तों सिक्का बाजार पर एक बार फिर आपका स्वागत है। जब भी हम शेयर या शेयर मार्केट के बारे में बात करते है। तो एक बहुत ही महत्वपूर्ण शब्द का प्रयोग होता है और वो शब्द है डीमैट अकाउंट (Demat Account), बात सही भी है क्योंकी जब तक हम डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोल नहीं लेते तब तक हम शेयर मार्केट में निवेश नहीं कर सकते।

बहुत से लोग आज भी नहीं जानते है की डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है (What is Demat and Trading Account) और सच में इन दोनों अकाउंट में कोई अंतर है, या डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट एक ही है?

वैसे तो डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग है।

तो आज की पोस्ट में हम समझेँगे की डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है और डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? (Difference Between Demat and Trading Accounts)

डीमैट अकाउंट क्या है ?

डीमैट अकाउंट (Demat Account)

डीमैट खाता 'डीमटेरियलाइज्ड अकाउंट' का एक संक्षिप्त रूप है। यह एक बैंक खाते के समान है। जिस तरह आपके बचत खाते में पैसा रखा जाता है, उसी तरह आपके खरीदे गए शेयरों को आपके डीमैट खाते में रखा जाता है।

दूसरे शब्दों में, एक डीमैट खाता एक सुविधा के रूप में कार्य करता है जहां आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों को जमा किया जाता है और बेचे गए स्टॉक को हटा दिया जाता है। डीमैट खाते का उपयोग केवल स्टॉक के भंडारण के लिए किया जाता है, लेन-देन (खरीदने / बेचने) के लिए नहीं।

डीमैट खाते के बारे में त्वरित तथ्य

भारत में इंटरनेट लोकप्रिय होने से पहले, डीमैट खाते नहीं थे। जब भी आप स्टॉक खरीदते थे , वो स्टॉक्स कागजात पर ख़रीदे जाते थे और शेयर सर्टिफिकेट प्रदान किए जाते थे। हालाँकि, पेपर शेयर प्रमाणपत्रों का उपयोग करने की कई सीमाएँ थीं। वे फटे हुए या चोरी या सुरक्षा से संबंधित मुद्दों का सामना करते थे या स्याही समय के साथ फीकी पड़ जाती थी ।

फिर भी, 1990 के दशक के मध्य से इंटरनेट आने के बाद, शेयरों को खरीद्दारो के डीमैट खाते में इलेक्ट्रॉनिक डीमटेरियलाइज्ड रूप में रखा जाने लगा। इसने पुराने पेपर शेयर प्रमाणपत्रों की अधिकांश सीमाओं को हल कर दिया।

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट किस प्रकार खोला जाता है

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है-

  • पैन कार्ड/ PAN Card
  • आधार कार्ड (पते के प्रमाण के लिए) /Aadhar card (for address proof)
  • रद्द किया गया चेक / बैंक स्टेटमेंट / पासबुक/Canceled cheque/Bank Statement/Passbook
  • पासपोर्ट साइज फोटो/ Passport size photos

आपका सेविंग अकाउंट किसी भी निजी / सार्वजनिक भारतीय बैंक में हो सकता है।

उस बैंक के माध्यम से आप अपना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोल सकते है।

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है?

ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account)

ट्रेडिंग अकाउंट शेयर बाजार में शेयर खरीदने और बेचने का एक माध्यम है। सरल शब्दों में, इसका उपयोग बाजार में स्टॉक के लिए ऑर्डर देने के लिए मतलब खरीदने या बेचने के लिए किया जाता है।

विभिन्न स्टॉकब्रोकर अपने ट्रेडों को सरल बनाने के लिए अपने क्लाइंट को विभिन्न ट्रेडिंग टूल प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, Zerodha, भारत में सबसे बड़ा स्टॉकब्रोकर है जो स्टॉक में व्यापार करने के इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है लिए अपने प्लेटफॉर्म के रूप में KITE ’प्रदान करता है। एक बार जब आप एक स्टॉकब्रोकर के साथ अपना ट्रेडिंग अकाउंट खोल लेते हैं, तो आप उन प्लेटफार्मों का उपयोग करके अपने स्टॉक के खरीदी और बिक्री के आदेश दे सकते हैं।

डीमैट और ट्रेडिंग खातों का उदाहरण

आइए एक उदाहरण की मदद से ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के बीच के अंतर को समझते हैं। मान लें कि आप टाटा मोटर्स के 100 स्टॉक खरीदना चाहते हैं। यहां, प्रक्रिया के दौरान अनुक्रम निम्नानुसार होगा -

  • सबसे पहले, आपको अपने बचत खाते में खरीद राशि के बराबर या उससे अधिक की बचत राशि रखनी होगी।
  • इसके बाद, आप बचत खाते से ट्रेडिंग खाते में धन स्थानांतरित करेंगे।
  • अब, आप अपने ट्रेडिंग खाते का उपयोग करके और राशि का भुगतान करके स्टॉक एक्सचेंज से टाटा मोटर्स के शेयर खरीदेंगे।
  • अंत में, पैसा आपके ट्रेडिंग खाते के माध्यम से विक्रेता को ट्रांसफर किया जाता है और टाटा मोटर्स के शेयरों को आपके डीमैट खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है।

अब मान लेते हैं कि कुछ महीनों के बाद, आप अपने 100 शेयरों में से टाटा मोटर्स के 20 शेयरों को बेचना चाहते हैं। यहाँ क्रम निम्नानुसार होगा -

  • सबसे पहले, आप खरीददार को खोजने के लिए अपने ट्रेडिंग खाते का उपयोग करके बाजार में बेचने का आदेश देंगे।
  • यदि कोई खरीददार मिल जाता है, तो शेयर आपके डीमैट खाते से खरीददार तक पहुंच जाएंगे।
  • अंत में, आपके स्टॉक को बेचकर प्राप्त धन आपके ट्रेडिंग खाते से आपके लिंक्ड बचत खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में जानने के लिए कुछ अन्य बिंदु

  • भारत के अधिकांश लोकप्रिय स्टॉकब्रोकर, डीमैट और ट्रेडिंग खाते एक साथ खोलते हैं (भारत में इन्हे 2-इन-1 खाते के रूप में भी जाना जाता है) । उदाहरण के लिए, ज़ेरोधा, एंजेल ब्रोकिंग, 5 पैसा (Zerodha, Angel Broking, 5 Paisa) आदि।
  • कुछ बड़े स्टॉकब्रोकर (आम तौर पर बैंक ब्रोकर) भी अपने ग्राहकों को 3-इन-1 खाते यानि सेविंग + डीमैट + ट्रेडिंग खाते की पेशकश करते हैं। उदाहरण के लिए आईसीआईसीआई डायरेक्ट, एचडीएफसी सिक्योरिटीज (ICICI Direct, HDFC Securities) आदि।
  • सामान्य तौर पर, ट्रेडिंग खाते के लिए कोई वार्षिक रखरखाव शुल्क नहीं होता है, जहां डीमैट खाते के लिए यह रखरखाव शुल्क दलाल से दलाल तक भिन्न हो सकता है। यह आमतौर पर प्रति वर्ष लगभग 300-400 रुपये होता है।
  • इन दिनों, निवेशक और व्यापारी, प्रमुख स्टॉकब्रोकर के साथ 10 मिनट के भीतर तत्काल (पेपरलेस) डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं। बहरहाल, ऑफ़लाइन खाता खोलने की सुविधा अभी भी भारत में लोकप्रिय है और इन सभी दलालों द्वारा पेश की जाती है।
  • डीमैट और ट्रेडिंग खाते के लिए खाता खोलने का शुल्क भी दलाल से दलाल तक भिन्न होता है। कुछ ब्रोकर मुफ्त खाता खोलने की पेशकश करते हैं। हालांकि, उनमें से अधिकांश आपके ब्रोकरेज खाते को खोलने के लिए 300-500 रुपये के बीच कहीं चार्ज करेंगे।
  • इसके अलावा, आपको एक ही पैन कार्ड का उपयोग करके कई डीमैट और ट्रेडिंग खाते खोलने की भी अनुमति है। उदाहरण के लिए, आपके पास कई खाते हो सकते हैं - एक आईसीआईसीआई (ICICI direct) में और दूसरा ज़िरोधा (Zerodha) में।
  • अंत में, अपने ब्रोकर को अपना डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए समझदारी से चुनें यदि आप अनावश्यक शुल्क और जोखिम से बचना चाहते हैं।

सारांश

भारत में ट्रेडिंग और डीमैट खाते के बारे में इस लेख में हमने जो चर्चा की है, उसे जल्दी से संक्षेप में समझेंगे।

एक ट्रेडिंग खाता, बाजार में हिस्सेदारी खरीदने या बेचने के लिए एक मंच प्रदान करता है। यह आपके बचत खातों और डीमैट खातों के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है। सरल शब्दों में, यह आपके डीमैट खाते से हिस्सा लेता है और उन्हें बाजार में बेचता है।

दूसरी ओर, यह आपके बचत खाते से पैसे लेता है और डीमैट खाते में रखने के लिए एक शेयर खरीदता है। इसके अलावा, एक डीमैट खाता आपके शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक डीमटेरियलाइज्ड रूप में रखने की सुविधा प्रदान करता है।

तो दोस्तों आज हमने जाना है की Demat Account Kya Hai, Trading Account Kya hai और इन्हे किस प्रकार खोला जाता है (Demat Account Kaise open Kare) और इनका उपयोग क्या है।

दोस्तों हम उम्मीद करते है की हमारे इस पोस्ट से आपको मदद मिली होगी। ऐसी ही और महत्त्वपूर्ण जानकारी के साथ मिलते है अगले पोस्ट में।

Stock Market में Trading कैसे करे, ट्रेडिंग कैसे करें, ट्रेडिंग करना सीखे

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान है लेकिन स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास स्टॉक मार्केट की पूरी जानकारी होना चाहिए. अगर आपके पास स्टॉक मार्केट की पूरी जानकारी नहीं है तो आप स्टॉक मार्केट में पैसे कमाने की जगह पैसे गवा सकते है.

क्योंकि स्टॉक मार्केट एक ऐसा बाजार है जो की पूरी तरह जोख़िम से भरा है. यहां अगर आपको पूरी जानकारी होती है तो आप बहुत पैसे कमा सकते हैं लेकिन अगर आपको जानकारी नहीं है तो आप कुछ ही मिनट के अंदर कंगाल भी हो सकते हैं. तो चलिए सबसे पहले स्टॉक मार्केट और ट्रेडिंग के बारे में जानते है .

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Stock Market Me Trading Kaise Kare

Stock Market में आप Intraday, Scalping और Swing आदि Trading कर सकते है यह सब स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के तरीके है जिनका उपयोग कर के आप स्टॉक मार्केट में शेयर को खरीद व बैच कर मुनाफा कामते है. जिसके लिए आपको एक किसी ट्रेडिंग Technique को चुनना होता है जैसे इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है की इंट्राडे, स्काल्पिंग और स्विंग फिर इन ट्रेडिंग के नियमों का पालन करना होता है.

अगर आप सभी नियमों का पालन करते है और Technique को Follow करते है तो आप रोज स्टॉक मार्केट से मुनाफा कमा सकते है इन ट्रेडिंग की Technique का उपयोग कर के बस आपके पास एक Demat Account और Trading Account होना चाहिए जिनकी मदद से आप Stock Exchange में से शेयर को खरीद सके और बेचने का काम कर सके.

Demat Account Kya Hai

डीमेट अकाउंट, हमारे बैंक के सेविंग अकाउंट की तरह ही होता है. जैसे सेविंग अकाउंट का उपयोग पैसों को रखने के लिए करते हैं. ठीक उसी तरह डिमैट अकाउंट का उपयोग शेयर को रखने के लिए किया जाता है. अपना खुद का डिमैट अकाउंट कैसे खोलें यह जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़.

Trading Account Kya Hai

ट्रेडिंग अकाउंट हमारे बैंक के चालू खाते की तरह होता है. जिस तरह हम चालू खाते का उपयोग पैसों का लेनदेन करने के लिए करते हैं. ठीक उसी तरह ट्रेडिंग अकाउंट का उपयोग शेयर का लेनदेन करने के लिए किया जाता है. अपना खुद का ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलें उसके बारे में जानने के लिए हमारे नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.

Trading Kya Hai

रोज Stock Exchange से शेयर को खरीद कर बेचने का काम Trading कहलाता है इसे ही हम Trading कहते है और इस ट्रेडिंग को Daily 2 Days Hold और Weekly भी किया जाता है. जो की अलग अलग ट्रेडिंग Technique में Divided होती है.

ट्रेडिंग के बारे में और भी अधिक विस्तार से जानने के लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े उसमे आपको Trading क्या है उसके कितने प्रकार है पूरी जानकारी मिलेगी.

Trading Kaise Kare

ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान होता है. ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट एवं डिमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है. क्योंकि इनके बिना आप ट्रेडिंग नहीं कर सकते. अगर आपके पास ये है तो अब आपको ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से शेयर मार्केट से शेयर को कम दामों में खरीदना है और उस शेयर की कीमत बढ़ जाने पर उसे ज्यादा दाम में बेच कर मुनाफा कमाना है इसी तरह हम ट्रेडिंग करते हैं. ट्रेडिंग कैसे करें इसके बारे में और विस्तार से जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.

Share Market Me Trading Kaise Kare

शेयर मार्केट में मुख्य रूप से तीन प्रकार की ट्रेडिंग ज्यादा होती हैं.

  • Intraday Trading
  • Scalping Trading
  • Swing Trading
Intraday Trading Kya Hai

इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग एक ही दिन के अंदर की जाने वाली ट्रेडिंग होती है. इसमें आम शेयर मार्केट के खुलने से बंद होने के बीच में शेयर को खरीद और बेच कर ट्रेडिंग करते हैं.

एक ही दिन के अंदर की जाने वाली इस ट्रेडिंग को हम इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग भी कहते है. इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में और भी विस्तार से जानने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.

Intraday Trading Kaise Kare

शेयर मार्केट रोज सुबह 9:15 पर खुल जाती है और दोपहर में 3:30 पर बंद हो जाती है. हमें इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए सुबह 9:15 से लेकर 10:00 के बीच में शेयर को खरीदना होता है.

ताकि हम शेयर को कम से कम दाम पर खरीद सकें और 3:00 से लेकर 3:20 तक 20 मिनट के अंदर अंदर हमें शेयर को हर हाल में बेचना होता है. इस प्रकार हम इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में और भी विस्तार से जाने के लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.

Scalping Trading Kya Hai

सकैलपिंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग की तरह ही एक दिन के अंदर की जाती है. लेकिन सकैलपिंग ट्रेडिंग को हम कुछ ही मिनट या घंटे के अंदर पूरा कर लेते हैं.

यह ट्रेडिंग कुछ ही समय के लिए की जाती है इसलिए इसे सकैलपिंग ट्रेडिंग कहा जाता है. सकैलपिंग ट्रेडिंग के बारे में और भी अधिक विस्तार से जानने के लिए आप नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.

Scalping Trading Kaise Kare

सकैलपिंग ट्रेडिंग को करने के लिए भी हमें शेयर मार्केट के खुलने और बंद होने के बीच में शेयर को इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है खरीदना होता है. लेकिन सकैलपिंग ट्रेडिंग में की जाने वाली ट्रेडिंग कुछ ही मिनट या घंटे के अंदर पूरी हो जाती है.

इसलिए मान लीजिए कि अगर आपने 9:15 पर ही शेयर मार्केट से शेयर खरीद लिए तो आपकी ट्रेडिंग 9:30 तक ही पूरी हो जाएगी. इस तरह से हम कुछ ही मिनट के अंदर ज्यादा से ज्यादा पैसों के साथ ट्रेडिंग करते हैं और सकैलपिंग ट्रेडिंग का फायदा उठाकर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाते हैं.

सकैलपिंग ट्रेडिंग के बारे में और भी अधिक विस्तार से जानने के लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें.

Swing Trading Kya Hai

स्विंग ट्रेडिंग दोनों इंट्राडे ट्रेडिंग और सकैलपिंग ट्रेडिंग से बहुत अलग है. क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग को हम 1 दिन या 1 हफ्ते या फिर 1 महीने के लिए करते हैं.

स्विंग ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि हम इसमें शेयर मार्केट के खुलने से लेकर बंद होने के बीच में कम से कम कीमत पर शेयर को खरीद कर रख लेते हैं और फिर टारगेट लगाकर उस शेयर की कीमत बढ़ने का इंतजार करते हैं.

जैसे ही उस शेयर की कीमत बढ़ जाती है तब हम उस शेयर को बेचकर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा लेते हैं.

स्विंग ट्रेडिंग के अंदर हमें ट्रेडिंग एक ही दिन या एक ही घंटे के अंदर पूरी नहीं करनी होती. इसे हम एक दिन एक हफ्ते या 1 महीने तक भी कर सकते हैं.

इसलिए इसमे नुकसान कम और फायदा ज्यादा होता है. इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े।

Swing Trading Kaise Kare

ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास एक बहुत ही अच्छी स्ट्रेटजी होनी चाहिए. उसी के साथ आपको स्विंग ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए एवं डिमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए.

अगर आपके पास यह सब चीजें हैं तो अब आपको शेयर मार्केट में जाकर सबसे ज्यादा उछाल आने वाले शेयर को चुनना है. अगर उस शेयर की कीमत आज की दिनांक से बढ़ने वाली है या घटने वाली है तो उसके हिसाब से शेयर खरीदना है.

मान लेते है अगर उस शेयर की कीमत आज की दिनांक से बढ़ने वाली है तो आप उस शेयर को आज की तरीख में खरीद के रख लें एवं अपना स्ट्रेटेजी के हिसाब से टारगेट बनाएं और जैसे ही वह टारगेट की कीमत शेयर छू जाए तब उसे बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं.

स्विंग ट्रेडिंग के बारे में और अधिक विस्तार से जानने के लिए हमारी नीचे लिखे पोस्ट को पढ़ें.

अगर आपको हमारी पोस्ट Stock Market Me Trading Kaise Kare और Trading Kaise Kare अच्छी लगी तो इसे लोगों के साथ शेयर करे और कोई सवाल पूछना चाहते है तो comment करे.

Trading kise kahate hain | ट्रेडिंग कैसे करते हैं | ट्रेडिंग के प्रकार क्या हैं

यदि आप स्टॉक मार्किट में जरा भी दिलचस्पी रखते हैं, तो आपने ट्रेडिंग शब्द जरूर सुना होगा, क्या आप जानते हैं, ट्रेडिंग क्या होता है, Trading kise kahate hain, ट्रेडिंग क्यों की जाती है, और ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है। तो ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़ें।

दरअसल जब आप स्टॉक मार्किट में अपनी शुरुवात करते हैं, तो आप के लिए कई शब्द बिलकुल नए होते हैं, जिनके बारे में आपको कोई जानकारी नहीं होती है, जैसे स्टॉक एक्सचेंज, आईपीओ, सेंसेक्स, निफ़्टी, इन्वेस्टर, रिटेलर इत्यादि, और इन्ही में से एक शब्द Trading भी है। तो चलिए जानते हैं, Trading क्या होता है।

पिछले कुछ समय में जिस गति से लोगों के बीच स्टॉक मार्किट में इन्वेस्टमेंट को लेकर चलन बड़ा है, खास करके युवा वर्ग की स्टॉक मार्किट में काफी दिलचस्पी देखि गई है, इस से पता चलता है, की आने वाले समय में भारत में नए निवेशकों की संख्या में बंपर बढ़ोतरी होने वाली है।

ट्रेडिंग क्या होता है | Trading kise kahate hain

ट्रेडिंग का हिंदी में अर्थ होता है, व्यापार, जब दो संस्थाओं के बीच आम तोर पर मुनाफे के उद्देश्य से वस्तुओं या सेवाओं का आदान प्रदान होता है, तो वह ट्रेडिंग केहलाता है। ट्रेडिंग यानि व्यापार द्वारा ही धन प्राप्त होता है, और यही समाज में प्रगति के चक्र को भी नियंत्रित करता है। ट्रेड वस्तुओं या सेवाओं के अनुसार अलग-अलग हो सकता है, लेकिन इसकी प्रक्रिया लगभग एक समान ही होती है।

अब यदि फाइनेंसियल मार्किट या स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग को समझें, की ट्रेडिंग क्या होती है? तो यहाँ पर आम बाजार की तरह प्रोडक्ट और सेवाओं के जगह कंपनियों के स्टॉक्स, शेयर्स, बांड्स इत्यादि को ख़रीदा व बेचा जाता है। वह व्यक्ति जो कपनियों के स्टॉक्स को मुनाफे के उद्देश्य से खरीदता व बेचता है, उसे Trader कहा जाता है, और बाजार जहाँ पर ट्रेडिंग की जाती है, वह शेयर बाजार केहलाता है।

ट्रेडिंग मुख्य रूप से छोटी अवधी में कंपनियों के स्टॉक्स को खरीद व बेच कर अधिक से अधिक मुनाफा कमाने से जुड़ा है, इसमें ट्रेडर द्वारा बाजार के उतार-चढ़ाव का लाभ लिया जाता है। बाजार से मुनाफा क्या और कितना होगा यह बाजार के मूड, ट्रेडर की तकनीक और उसकी एनालिसिस स्किल पर निर्भर करता है। भारत में मुख्य दो स्टॉक एक्सचेंज हैं, BSE और NSE इन दोनों में ट्रेडिंग का समय सुबह 9:15 AM से शाम 3:30 PM Monday से Friday तक होता है, इसके बाद मार्केट बंद हो जाता है।

ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है, जिसके लिए में पर्सनली Grow App को इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है दूसरे प्लेटफॉर्म्स की तुलना में बेहतर मानता हूँ, क्योंकि यह एक User friendly एप्प है, जिसका नेविगेशन काफी आसान है। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर आप Grow App को Download, Install व Register कर सकते हैं।

स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग के प्रकार | Types of Stock market Trading in Hindi

स्टॉक मार्किट ट्रेडिंग के मुख्य तीन प्रकार हैं।

Intraday Trading :-

इंट्राडे ट्रेडिंग को डे ट्रेडिंग भी कहा जाता है, जब कोई निवेशक एक ही दिन के भीतर कोई स्टॉक्स खरीदता और बेचता है, तो वह Intraday trading केहलाता है। इसका अर्थ हुवा की यदि आपने आज के दिन में किसी कंपनी के स्टॉक्स ख़रीदे हैं, तो मार्किट बंद होने तक आज ही आपको उन स्टॉक्स को बेचना होगा। इस प्रकार की ट्रेडिंग अनुभवी ट्रेडर्स के द्वारा की जाती है, क्योंकि इसमें रिस्क अधिक होता है, और तेजी से निर्णय लेने पड़ते हैं।

Position Trading :-

पोजीशन ट्रेडिंग में इंट्राडे की तुलना में निवेशक को ट्रेडिंग के लिए अधिक समय मिल जाता है, क्योंकि यह Buy और Hold रणनीति पर निर्भर करता है। इसमें निवेशक लंबे समय तक के लिए स्टॉक्स को होल्ड रख सकता है, जब तक की स्टॉक्स के दाम में वृद्धि ना हो जाए, यानि इसमें निवेशक हफ़्तों और महीनों तक स्टॉक्स को होल्ड रख सकता है।

Scalping Trading :-

स्काल्पिंग ट्रेडिंग का सबसे शार्ट टर्म फॉर्म है, जिसमे एक ही दिन के भीतर ट्रेडर कई ट्रेड कर लेते हैं, जिनकी संख्या 10 से कई 100 ट्रेड तक हो सकती है। इस ट्रेडिंग रणनीति में ट्रेडर का उद्देश्य स्टॉक की कीमतों में होने वाले छोटे बदलावों से मुनाफा कमाना होता है, क्योंकि उनके द्वारा ऐसा माना जाता है, की स्टॉक की कीमतों में होने वाले छोटे बदलावों का अनुमान लगाना बढे बदलावों की तुलना में ज्यादा आसान होता है। स्कल्पिंग ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर्स को Scalper कहा जाता है।

Swing Trading :-

स्कल्पिंग से उलट स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेडर्स अपनी पोजीशन को दिनों और हफ़्तों तक बनाए रख सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से ट्रेडर ट्रेंड को पेहचान कर अपना निर्णय लेते हैं, और ट्रेंड की पेहचान के लिए Technical indicators का उपयोग किया जाता है, जिसके द्वारा अनुमान लगाया जाता है, की कोई स्टॉक ऊपर जाएगा या नीचे और उसी अनुसारी स्टॉक्स की buying और selling की जाती है।

अंतिम शब्द

ट्रेडिंग में जिस प्रकार युवाओं की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है, अधिक से अधिक लोग प्रतिदिन ट्रेडिंग में अपने सफर की शुरुवात कर रहे हैं, ऐसे में स्टॉक मार्किट में उन सभी नए Users के लिए यह पोस्ट मददगार साबित हो सकती है। हमें उम्मीद है, इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप जान गए होंगे Trading kise kahate hain और यह कितने प्रकार की होती है। इस पोस्ट से जुड़े यदि आपके कोई सवाल या सुझाव हैं, तो आप हमें कमेंट द्वारा नीचे बता सकते हैं।

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Trading Kya Hai – ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? सम्पूर्ण जानकारी

Trading Kya Hai - ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? सम्पूर्ण जानकारी

ट्रेडिंग करने के लिए व्यक्ति घर बैठे ट्रेडिंग एप्लीकेशन पर अपने ऑनलाइन डिमैट अकाउंट अथवा ट्रेडर अकाउंट को ओपन कर सकता है और ट्रेडिंग कर सकता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि “ट्रेडिंग क्या है” और “ट्रेडिंग के प्रकार क्या है?”

ट्रेडिंग क्या है? (Trading Kya Hai)

ट्रेडिंग की सरल व्याख्या होती है व्यापार करना। ट्रेडिंग के अंतर्गत किसी सर्विस या फिर प्रोडक्ट का आदान प्रदान करके पैसे कमाए जाते हैं। ट्रेडिंग शब्द स्टॉक मार्केट से जुड़ा हुआ होता है।

स्टॉक मार्केट के अंतर्गत ट्रेडिंग करके लोग किसी कंपनी के शेयर को खरीद के पैसे कमाते हैं या फिर किसी कंपनी के शेयर को खरीद करके फिर से उसे दोबारा बेच करके पैसे कमाते हैं।

सामान्य तौर पर ट्रेडिंग 1 साल की होती है। 1 साल से अधिक हो जाने पर इसे इन्वेस्टमेंट कहा जाता है। ट्रेडिंग ऑनलाइन अधिकतर की जाती है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है?

ऑनलाइन ट्रेडिंग के अंतर्गत वर्चुअल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके शेयर की खरीदी और बिक्री की जाती है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए विभिन्न वित्तीय कंपनी के द्वारा कस्टमर को सुविधा दी जाती है। ऑनलाइन ट्रेडिंग के द्वारा इक्विटी, म्यूचुअल फंड, आईपीओ, कमोडिटी, करेंसी इत्यादि की खरीदी और बिक्री की जा सकती है।

स्विंग ट्रेडिंग क्या है?

स्विंग ट्रेडिंग ऐसी ट्रेडिंग होती है जो 1 दिन भी जारी रह सकती है या फिर यह लगातार विभिन्न हफ्तों तक चलती रह सकती है।

जिस व्यक्ति के द्वारा इस प्रकार की ट्रेडिंग की जाती है वह ट्रेडिंग स्टार्ट करने से पहले एक पैटर्न आने का वेट करते रहते हैं।

इस प्रकार की ट्रेडिंग करने वाले व्यक्ति पेशेवर ट्रेडर्स नहीं होते हैं, इसकी जगह पर वह उभरते ट्रेंड और ट्रेड की पहचान करने के लिए टेक्निकल एनालिसिस और मूलभूत चीजों को एक साथ मिलाकर इस्तेमाल करते है।

डिलीवर ट्रेडिंग क्या है?

इस प्रकार की ट्रेडिंग में इन्वेस्टर स्टॉक को होल्ड कर सकता है अर्थात वह डिमैट अकाउंट में स्टॉक को होल्ड करके रख सकता है।

इस प्रकार की ट्रेडिंग में कोई भी टाइम लिमिट नहीं होती है जिसका मतलब यह होता है कि व्यक्ति जब चाहे तब स्टॉक की सेलिंग कर सकता है। डिलीवर ट्रेडिंग में व्यक्ति के पास यह अधिकार होता है कि वह अपनी इच्छा के अनुसार शेयर को होल्ड कर सके।

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?

ट्रेडिंग के मुख्य 4 प्रकार हैं जिनके नाम और जानकारी निम्नानुसार है।

Intraday trading

शेयर मार्केट जब ओपन होता है और जब बंद होता है तो इसके बीच के दरमियान आप जो शेयर खरीद लेते हैं या फिर जिस शेयर को आप बेच देते हैं उसे ही इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है।

यह ट्रेडिंग सेम डे में होती है। जैसे कि आपने किसी शेयर को सोमवार को खरीदा और आपने सोमवार को ही शेयर मार्केट बंद होने से पहले उसे बेच दिया तो यह इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाएगा।

Swing trading

ट्रेडिंग के ऐसे इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है प्रकार जिसमें स्टोक को खरीद कर उसे कुछ ही दिनों में या फिर कुछ ही सप्ताह में बेच सकते हो उसे ही स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है। स्विंग ट्रेडिंग को ट्रेडिंग किंग भी कहते हैं।

Short term trading

ऐसी ट्रेडिंग जो छोटी अवधि के लिए होती है उसे ही शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है। यह ट्रेडिंग कुछ सप्ताह के लिए होती है या फिर कुछ महीने के लिए होती है।

इस प्रकार के ट्रेडिंग में व्यक्ति को अपने स्टॉक पर नजर बनाकर रखनी होती है तभी वह अपने स्टोक को मिनिमाइज कर सकता है।

Long term trading

लोंग टर्म ट्रेडिंग लंबे समय के लिए होती है। जैसे कि 1 साल, 5 साल, 10 साल इत्यादि।

ट्रेडिंग कैसे सीखे?

ट्रेडिंग सीखने के लिए आप ऑनलाइन यूट्यूब वीडियो देख सकते हैं, ऑनलाइन कोर्स कर सकते हैं, ट्रेडिंग से संबंधित ब्लाग को पढ़ सकते हैं अथवा ट्रेनिंग से संबंधित किताबों को पढ़ सकते हैं। यूट्यूब पर बहुत सारे ट्रेडिंग वीडियो मौजूद है, आप उन्हें देख कर के ट्रेडिंग के बारे में सीख सकते हैं।

इसके अलावा ऑनलाइन बहुत सारे कोर्स भी है जिसे करके आप ट्रेडिंग की अच्छी जानकारी हासिल कर सकते हैं, साथ ही आप ट्रेडिंग के बारे में अधिक जानकारी पाने के लिए किसी ट्रेडिंग ब्लॉग को जाकर के विजिट कर सकते हैं।

इसके अलावा ट्रेडिंग सीखने के लिए आप शेयर मार्केट के एक्सपर्ट से मिल सकते हैं या फिर जो व्यक्ति शेयर मार्केट में काम कर रहा है उसके साथ कुछ दिन तक काम कर सकते हैं।

ट्रेडिंग कैसे करते हैं यह कैसे काम करती है?

ट्रेडिंग करने के लिए ट्रेडिंग के विभिन्न प्रकारों में से आप जिस प्रकार की ट्रेडिंग करना चाहते हैं उसका सिलेक्शन करना होता है।

इसके पश्चात आपको ट्रेडिंग एप्लीकेशन अथवा ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर अपना डिमैट अकाउंट बनाना होता है। इसके बाद आप ट्रेडिंग की प्रक्रिया का पालन करते हुए ट्रेडिंग कर सकते हैं।

बेस्ट ट्रेडिंग कंपनी कौन सी है?

इंडिया में विभिन्न ट्रेडिंग कंपनी और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जो कस्टमर को आसान सी प्रक्रिया का पालन करते हुए ट्रेडिंग करने की सुविधा देते हैं।

आपको बस उन ट्रेडिंग कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट अथवा और एप्लीकेशन पर जा करके अपना ट्रेडिंग अकाउंट और डिमैट अकाउंट बनाना होता है, उसके पश्चात आप जिस प्रकार की ट्रेडिंग करना चाहते हैं उस प्रकार की ट्रेडिंग कर सकते हैं।

नीचे भारत में मौजूद कुछ प्रमुख और बेस्ट ट्रेडिंग कंपनी की लिस्ट आपको दी गई है। इनमें से किसी भी कंपनी के साथ अटैच हो करके आप ट्रेडिंग कर सकते हैं।

ट्रेडिंग करके पैसा कैसे कमाएं?

ट्रेडिंग से पैसा कमाने के लिए आप किसी भी कंपनी के शेयर को कम दाम में खरीदे और जब उस कंपनी के शेयर के दामों में बढ़ोतरी हो तब आप उस कंपनी के शेयर को बेच दें। इस प्रकार से आप मुनाफा कमा सकते हैं।

हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि आपको किसी भी कंपनी के शेयर को खरीद लेना है बल्कि पूरी सावधानी के साथ आपको इस बात का एनालिसिस करना है। कि कौन सी कंपनी भविष्य में तरक्की कर सकती है और कौन सी कंपनी के शेयर भविष्य में बढ़ सकते हैं।

आपको उसी कंपनी के शेयर को खरीदना चाहिए जो कंपनी लगातार तरक्की कर रही है क्योंकि अगर आप बिना सोचे समझे किसी भी कंपनी में पैसा लगा देंगे तो हो सकता है कि कंपनी की परफॉर्मेंस अच्छी ना हो और कंपनी घाटे में चली जाए।

इससे आपके पैसे डूब जाएंगे। स्टार्टिंग में शेयर बाजार से पैसा कमाने के लिए आप किसी ट्रेडर की सहायता ले सकते हैं जो अनुभवी हो।

ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट में क्या अंतर होता है?

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर के आप काफी अधिक पैसे कमा सकते हैं क्योंकि यहां पर पैसे कमाने की कोई भी लिमिट नहीं होती है। ट्रेडिंग 1 साल से कम की अवधि के लिए की जाती है।

कुछ ट्रेडिंग रोजाना होती है तो कुछ ट्रेडिंग कुछ महीने के लिए या फिर कुछ सप्ताह के लिए होती है, वही जो इन्वेस्टमेंट होता है वह 1 साल से अधिक के लिए होता है और लंबे समय के लिए होता है। इन्वेस्टमेंट को लंबे समय के लिए होल्ड करके रखा जाता है।

एक अच्छा ट्रेडर कैसे बनें?

कहा जाता है कि किसी काम को अगर सीखना है तो उस काम के साथ जुड़ना पड़ता है या फिर उस काम को कर चुके अथवा कर रहे व्यक्ति के साथ दैनिक तौर पर कुछ समय व्यतीत करने होते हैं।

इसलिए एक बेहतरीन ट्रेडर बनने के लिए आपको पहले से ही शेयर मार्केट में काम कर रहे अनुभवी लोगों का साथ करना है और उनके साथ लगातार शेयर मार्केट की बारीकियों को सीखना है।

क्योंकि जो व्यक्ति पहले से ही इस फील्ड में है उससे बेहतर आपको शेयर मार्केट की जानकारी अन्य कोई भी व्यक्ति नहीं दे सकता है।

आप अपने एक्स्ट्रा समय में चाहे तो यूट्यूब वीडियो अथवा ब्लॉग के द्वारा अपने शेयर मार्केट के ज्ञान को बढ़ा सकते हैं।

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