शेयर बाजार में फिर गिरावट का दौर

बीएसई के बारह समूहों में तेजी का रुख रहा। इस दौरान कमोडिटीज 0.88, ऊर्जा 1.39, एफएमसीजी 0.82, आईटी 1.20, दूरसंचार 0.90, यूटिलिटीज 1.66, धातु 0.85, तेल एवं गैस 1.69, पावर 1.50 और टेक समूह के शेयर 1.19 प्रतिशत मजबूत हुए वहीं सीडी 0.31, वित्तीय सेवाएं 0.34, इंडस्ट्रियल्स 0.31, बैंकिंग 0.59, कैपिटल गुड्स 0.52, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 0.78, रियल्टी 0.17 और सर्विसेज समूह 0.56 प्रतिशत गिर गए।
शेयर बाजार में तेजी का दौर, सेंसेक्स 100 अंक मजबूत
घरेलू शेयर बाजार में बुधवार के दिन भी तेजी देखने को मिल रही है । आज शेयर मार्केट में एक बार फिर तेजी का दौर लौट आया। 50 कंपनियों पर आधारित सूचकांक निफ्टी 40.80 अंको की बढ़ोतरी के साथ 17,618.30 पर कारोबार कर रहा है। यानी निफ्टी-50 में कुल 0.23 फीसदी की तेजी आई।
30 कंपनियों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स में 102.77 अंको की बढ़ोतरी दर्ज की गई यानी सेंसेक्स मे कुल 0.17 फीसदी की तेजी देखी जा रही है। जिससे सेंसेक्स 59,134.07 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
सेंसेक्स में एशियन पेंट्स, टाइटन, लार्सन एंड टुब्रो, मारुति, हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले, टाटा स्टील, भारती एयरटेल और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया बैंक गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। दूसरी तरफ, इंडसइंड बैंक, सन फार्मा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी और पावर ग्रिड के शेयर लाभ में थे।
Stock Market शेयर बाजार में मंदी के बादल छंटे, तेजी का आगाज, कमोडिटीज में सट्टेबाजी पड़ी ठंडी
मुंबई: वैश्विक बाजारों के संग भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) शेयर बाजार में फिर गिरावट का दौर में 5 माह लगातार गिरावट के बाद पिछले 1 महीने से बढ़त देखी जा रही है। 5 महीनों के दौरान दोनों मुख्य बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स (Bse Sensex) और एनएसई निफ्टी (Nse Nifty) में अधिकतम 18% की मंदी दर्ज हुई। जबकि बाजार का व्यापक रूख दर्शाने वाले सूचकांकों मिडकैप (Midcap) और स्मालकैप (Smallcap) में हमेशा की तरह ज्यादा यानी 25.7% तक की मंदी आई। गौरतलब है कि मिड और स्मालकैप शेयरों में हमेशा ही लार्जकैप शेयरों से ज्यादा तेजी और ज्यादा ही मंदी आती है। बाजार में इस बार मंदी का सबसे बड़ा कारण विश्व स्तर पर क्रूड ऑयल (Crude Oil) तथा अन्य कमोडिटीज की कीमतों (Commodities Prices) में रिकॉर्डतोड़ महंगाई (Inflation) और इस पर नियंत्रण के लिए अमेरिका व अन्य देशों में ब्याज दर (Interest Rates) वृद्धि किया जाना था। परंतु अब सट्टेबाजी (Speculation) ठंडी होने के साथ महंगाई का गुब्बारा (Bubble) फूट चुका है। मेटल्स, स्टील, खाद्य तेल, कॉटन, नैचुरल गैस में 30 से 50% की भारी गिरावट के बाद अब क्रूड ऑयल की कीमतें भी करीब 17% नीचे आ गयी हैं। यह बड़ी चिंता थी, जो दूर हो गयी है। जिससे निवेशकों में फिर उत्साह आ रहा है।
तेजी की तरफ अग्रसर होता बाजार: आलोक रंजन
IDBI म्यूचुअल फंड (IDBI Mutual Fund) के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर आलोक रंजन ने कहा कि जैसा पिछले महीने हमने अनुमान व्यक्त किया था कि भारतीय बाजार में मंदी खत्म होने के संकेत मिलने लगे हैं और लॉन्ग टर्म निवेश के लिए गिरते भावों पर निवेश के लिए अच्छे अवसर उभरने लगे हैं। अनुमान के मुताबिक ही बाजार का रूख रहा है। तभी से बढ़त आ रही शेयर बाजार में फिर गिरावट का दौर है। सबसे बड़ी चिंता क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों के कारण थी, जो अब कम हो गयी है। ऊपरी स्तर से क्रूड ऑयल करीब 20% गिरकर 100 डॉलर के करीब आ गया है। साथ ही अन्य कमोडिटीज की कीमतों में भी उल्लेखनीय गिरावट आई है। इस वजह से विश्व स्तर पर महंगाई की चिंता कम हुई है। संभवत: महंगाई का सबसे खराब दौर बीत चुका है और आगामी महीनों में अमेरिका, भारत सहित सभी देशों के महंगाई के आंकड़ों में गिरावट का ट्रेंड दिखाई देने की उम्मीद है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक बुधवार को अपनी बैठक में 75 से 100 बेसिस पॉइंट की ब्याज दर वृद्धि कर सकता है, लेकिन उसके बाद आगामी महीनों में ब्याज दरों में इतनी तेजी से वृद्धि किए जाने की संभावना कम रहेगी। यह सब निवेशकों के उत्साह को बढ़ाने वाले फैक्टर हैं। दूसरे, विगत महीनों में आई गिरावट के बाद अब बाजार का वैल्यूएशन काफी उचित स्तरों पर आ गया है। इसी कारण विदेशी निवेशक भी अपनी बिक्री कम कर फिर से निवेश बढ़ाने लगे हैं।
ग्रोथ स्टॉक्स में खरीदी शुरू: श्रीकांत चौहान
कोटक सिक्युरिटीज (Kotak Securities) के रिसर्च हैड श्रीकांत चौहान ने कहा कि विश्व स्तर पर ऑयल, मेटल और एग्री कमोडिटीज की कीमतों में आई भारी गिरावट के बाद अंतर्राष्ट्रीय निवेशक यह मान रहे हैं कि अब महंगाई दर पीक ऑउट हो चुकी है तथा यूएस फेडरल रिजर्व अपनी अगली मीटिंग में आक्रामक रूख नहीं अपनाएगा और ब्याज दर में 100 की बजाय 75 बेसिस पॉइंट की ही वृद्धि करेगा, जो कि मार्केट डिस्काउंट कर चुका है। साथ ही यूएस के आर्थिक आंकड़े भी अनुमान से बेहतर आ रहे हैं। इसी कारण अमेरिका सहित सभी वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी का रूख बन रहा है। कुल मिलाकर माहौल पॉजिटिव होने से भारतीय बाजार में अब मंदी की आशंका तो खत्म हो गयी है, लेकिन फिलहाल ज्यादा बड़ी तेजी की संभावना तो नहीं दिख रही है। मौजूदा पुलबैक रैली में निफ्टी 17,000 या 17,2000 अंक जा सकता है। मार्केट में अब ग्रोथ स्टॉक्स में खरीद शुरू हो गयी है। इसी कारण दिग्गज कंपनियों के शेयरों में सबसे पहले तेजी आ रही है। एक गौर करने वाली बात यह है कि अप्रैल 2022 के बाद पहली बार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 20 जुलाई को 1500 करोड़ रुपए से अधिक की शुद्ध खरीद की। यह काफी पॉजिटिव संकेत है। अब देखना होगा कि आगे महंगाई के आंकड़े कैसे आते हैं और एफआईआई क्या रूख अपनाते हैं। निवेश की दृष्टि से फाइनेंशियल, आईटी, ऑटो और एफएमसीजी शेयरों में कुछ गिरावट आती है तो लंबी अवधि के नजरिए निवेश करना फायदेमंद होगा।
शनि और गुरु लाएंगे बाजार में तेजी: आर्यन राणा
एस्ट्रो इकोनॉमिस्ट आर्यन राणा ने कहा कि ज्योतिष की दृष्टि से अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार का अध्ययन किया जाए तो जब तक न्याय और अर्थव्यवस्था के कारक ग्रह शनिदेव स्वराशि (जनवरी 2020 से मार्च 2025 तक) में गोचर करते रहेंगे, उतार-चढ़ाव तो आएंगे, परंतु मंदी लंबे समय तक नहीं रहेगी। यानी तेजी का दौर चलता रहेगा। और शनि फरवरी 2020 से स्वराशि (मकर और कुंभ) में गोचर कर शेयर बाजार में फिर गिरावट का दौर रहे हैं। तभी से उतार-चढ़ाव के साथ अर्थव्यवस्था व बाजार में तेजी का दौर जारी है। और यह उतार-चढ़ाव अन्य ग्रहों के गोचर से आ रहा है। अप्रैल 2022 से 18 महीने के लंबे राहु के मेष राशि में गोचर के दौरान शेयर बाजारों के लिए समय काफी उतार-चढ़ाव वाला रहने वाला है। हालांकि इस दौरान अन्य प्रमुख ग्रह अर्थव्यवस्था, इक्विटी बाजार और निवेशकों की किस्मत को सपोर्ट और प्रभावित करना जारी रखेंगे।
आर्यन राणा ने कहा कि 5 जून से 23 अक्टूबर तक शनि की 110 से अधिक दिनों की लंबी वक्री चाल में आर्थिक हालात सुधरेंगे। साथ ही धर्म गुरु बृहस्पति, जो धर्म, ज्ञान, भाग्य, शुभता, वैश्विक अर्थव्यवस्था और विस्तार के ग्रह माने जाते है, 28 जुलाई से 23 नवंबर तक अपनी ही राशि में वक्री रहेंगे, जो इंगित करता है शेयर बाजार में फिर गिरावट का दौर कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये जो प्रयास किये जा रहे हैं, उनके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। मंगल देव, जो युद्ध के कारक ग्रह है, ने जब फरवरी में शनि के साथ युति बनाई तो रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ गया, लेकिन अब मंगल 10 अगस्त को राहु-केतु के काल सर्प दोष से बाहर निकल जाएंगे और रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को अतंत: विराम लग सकता है और महंगाई में भी काफी कमी आने की संभावना है। इसलिए मेरा मानना है कि शेयर बाजार में अगले छह महीने तेजी से सुधार हो सकता है।
Stock Market शेयर बाजार में मंदी के बादल छंटे, तेजी का आगाज, कमोडिटीज में सट्टेबाजी पड़ी ठंडी
मुंबई: वैश्विक बाजारों के संग भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में 5 माह लगातार गिरावट के बाद पिछले 1 महीने से बढ़त देखी जा रही है। 5 महीनों के दौरान दोनों मुख्य बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स (Bse Sensex) और एनएसई निफ्टी (Nse Nifty) में अधिकतम 18% की मंदी दर्ज हुई। जबकि बाजार का व्यापक रूख दर्शाने वाले सूचकांकों मिडकैप (Midcap) और स्मालकैप (Smallcap) में हमेशा की तरह ज्यादा यानी 25.7% तक की मंदी आई। गौरतलब है कि मिड और स्मालकैप शेयरों में हमेशा ही लार्जकैप शेयरों से ज्यादा तेजी और ज्यादा ही मंदी आती है। बाजार में इस बार मंदी का सबसे बड़ा कारण विश्व स्तर पर क्रूड ऑयल (Crude Oil) तथा अन्य कमोडिटीज की कीमतों (Commodities Prices) में रिकॉर्डतोड़ महंगाई (Inflation) और इस पर नियंत्रण के लिए अमेरिका व अन्य देशों में ब्याज दर (Interest Rates) वृद्धि किया जाना था। परंतु अब सट्टेबाजी (Speculation) ठंडी होने के साथ महंगाई का गुब्बारा (Bubble) फूट चुका है। मेटल्स, स्टील, खाद्य तेल, कॉटन, नैचुरल गैस में 30 से 50% की भारी गिरावट के बाद अब क्रूड ऑयल की कीमतें भी करीब 17% नीचे आ गयी हैं। यह बड़ी चिंता थी, जो दूर हो गयी है। जिससे निवेशकों में फिर उत्साह आ रहा है।
तेजी की तरफ अग्रसर होता बाजार: आलोक रंजन
IDBI म्यूचुअल फंड (IDBI Mutual Fund) के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर आलोक रंजन ने कहा कि जैसा पिछले महीने हमने अनुमान व्यक्त किया था कि भारतीय बाजार में मंदी खत्म होने के संकेत मिलने लगे हैं और लॉन्ग टर्म निवेश के लिए गिरते भावों पर निवेश के लिए अच्छे अवसर उभरने लगे हैं। अनुमान के मुताबिक ही बाजार का रूख रहा है। तभी से बढ़त आ रही है। सबसे बड़ी चिंता क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों के कारण थी, जो अब कम हो गयी है। ऊपरी स्तर से क्रूड ऑयल करीब 20% गिरकर 100 डॉलर के करीब आ गया है। साथ ही अन्य कमोडिटीज की कीमतों में भी उल्लेखनीय गिरावट आई है। इस वजह से विश्व स्तर पर महंगाई की चिंता कम हुई है। संभवत: महंगाई का सबसे खराब दौर बीत चुका है और आगामी महीनों में अमेरिका, भारत सहित सभी देशों के महंगाई के आंकड़ों में गिरावट का ट्रेंड दिखाई देने की उम्मीद है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक बुधवार को अपनी बैठक में 75 से 100 बेसिस पॉइंट की ब्याज दर वृद्धि कर सकता है, लेकिन उसके बाद आगामी महीनों में ब्याज दरों में इतनी तेजी से वृद्धि किए जाने की संभावना कम रहेगी। यह सब निवेशकों के उत्साह को बढ़ाने वाले फैक्टर हैं। दूसरे, विगत महीनों में आई गिरावट के बाद अब बाजार का वैल्यूएशन काफी उचित स्तरों पर आ गया है। इसी कारण विदेशी निवेशक भी अपनी बिक्री कम कर फिर से निवेश बढ़ाने लगे हैं।
ग्रोथ स्टॉक्स में खरीदी शुरू: श्रीकांत चौहान
कोटक सिक्युरिटीज (Kotak Securities) के रिसर्च हैड श्रीकांत चौहान ने कहा कि विश्व स्तर पर ऑयल, मेटल और एग्री कमोडिटीज की कीमतों में आई भारी गिरावट के बाद अंतर्राष्ट्रीय निवेशक यह मान रहे हैं कि अब महंगाई दर पीक ऑउट हो चुकी है तथा यूएस फेडरल रिजर्व अपनी अगली मीटिंग में आक्रामक रूख नहीं अपनाएगा और ब्याज दर में 100 की बजाय 75 बेसिस पॉइंट की ही वृद्धि करेगा, जो कि मार्केट डिस्काउंट कर चुका है। साथ ही यूएस के आर्थिक आंकड़े भी अनुमान से बेहतर आ रहे हैं। इसी कारण अमेरिका सहित सभी वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी का रूख बन रहा है। कुल मिलाकर माहौल पॉजिटिव होने से भारतीय बाजार में अब मंदी की आशंका तो खत्म हो गयी है, लेकिन फिलहाल ज्यादा बड़ी तेजी की संभावना तो नहीं दिख रही है। मौजूदा पुलबैक रैली में निफ्टी 17,000 या 17,2000 अंक जा सकता है। मार्केट में अब ग्रोथ स्टॉक्स में खरीद शुरू हो गयी है। इसी कारण दिग्गज कंपनियों के शेयरों में सबसे पहले तेजी आ रही है। एक गौर करने वाली बात यह है कि अप्रैल 2022 के बाद पहली बार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 20 जुलाई को 1500 करोड़ रुपए से अधिक की शुद्ध खरीद की। यह काफी पॉजिटिव संकेत है। अब देखना होगा कि आगे महंगाई के आंकड़े कैसे आते हैं और एफआईआई क्या रूख अपनाते हैं। निवेश की दृष्टि से फाइनेंशियल, आईटी, ऑटो और एफएमसीजी शेयरों में कुछ गिरावट आती है तो लंबी अवधि के नजरिए निवेश करना फायदेमंद होगा।
शनि और गुरु लाएंगे बाजार में तेजी: आर्यन राणा
एस्ट्रो इकोनॉमिस्ट आर्यन राणा ने कहा कि ज्योतिष की दृष्टि से अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार का अध्ययन किया जाए तो जब तक न्याय और अर्थव्यवस्था के कारक ग्रह शनिदेव स्वराशि (जनवरी 2020 से मार्च 2025 तक) में गोचर करते रहेंगे, उतार-चढ़ाव तो आएंगे, परंतु मंदी लंबे समय तक नहीं रहेगी। यानी तेजी का दौर चलता रहेगा। और शनि फरवरी 2020 से स्वराशि (मकर और कुंभ) में गोचर कर रहे हैं। तभी से उतार-चढ़ाव के साथ अर्थव्यवस्था व बाजार में तेजी का दौर जारी है। और यह उतार-चढ़ाव अन्य ग्रहों के गोचर से आ रहा है। अप्रैल 2022 से 18 महीने के लंबे राहु के मेष राशि में गोचर के दौरान शेयर बाजारों के लिए समय काफी उतार-चढ़ाव वाला रहने वाला है। हालांकि इस दौरान अन्य प्रमुख ग्रह अर्थव्यवस्था, इक्विटी बाजार और निवेशकों की किस्मत को सपोर्ट और प्रभावित करना जारी रखेंगे।
आर्यन राणा ने कहा कि 5 जून से 23 अक्टूबर तक शनि की 110 से अधिक दिनों की लंबी वक्री चाल में आर्थिक हालात सुधरेंगे। साथ ही धर्म गुरु बृहस्पति, जो धर्म, ज्ञान, भाग्य, शुभता, वैश्विक अर्थव्यवस्था और विस्तार के ग्रह माने जाते है, 28 जुलाई से 23 नवंबर तक अपनी ही राशि में वक्री रहेंगे, जो इंगित करता है कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये शेयर बाजार में फिर गिरावट का दौर जो प्रयास किये जा रहे हैं, उनके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। मंगल देव, जो युद्ध के कारक ग्रह है, ने जब फरवरी में शनि के साथ युति बनाई तो रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ गया, लेकिन अब मंगल 10 अगस्त को राहु-केतु के काल सर्प दोष से बाहर निकल जाएंगे और रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को अतंत: विराम लग सकता है और महंगाई में भी काफी कमी आने की संभावना है। इसलिए मेरा मानना है कि शेयर बाजार में अगले छह महीने तेजी से सुधार हो सकता है।
Share Market Update : शेयर बाजार में तेजी जारी
मुंबई। वैश्विक बाजार में आई गिरावट के बाजवूद स्थानीय स्तर पर ऊर्जा, एफएमसीजी, आईटी, यूटिलिटीज, तेल एवं गैस, पावर और टेक समेत बारह समूहों में हुई लिवाली की बदौलत आज शेयर बाजार में लगातार पांचवें दिन भी तेजी का सिलसिला जारी रहा।
बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 95.71 अंक मजबूत होकर 59202.90 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 51.70 अंक चढ़कर 17563.95 अंक पर पहुंच गया है। हालांकि दिग्गज कंपनियों के विपरीत बीएसई की मझौली और छोटी कंपनियों में बिकवाली हुई। मिडकैप शेयर बाजार में फिर गिरावट का दौर 0.30 प्रतिशत गिरकर 24,993.32 अंक और स्मॉलकैप 0.01 प्रतिशत फिसलकर 28,738.71 अंक पर रहा है।
इस दौरान बीएसई में कुल 3555 कंपनियों शेयर बाजार में फिर गिरावट का दौर के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 1649 में लिवाली जबकि 1770 में बिकवाली हुई वहीं 136 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह एनएसई में 35 कंपनियों में तेजी रही, जबकि शेष 15 गिरावट पर रही।
शेयर बाजार में आई गिरावट 300 टूटकर कारोबार की शुरुआत
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | रूस और शेयर बाजार में फिर गिरावट का दौर यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच आज एकबार फिर शेयर बाजार में गिरावट देखी जा रही है। इस कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन शुक्रवार को आज शेयर बाजार में बीते तीन दिनों से जारी तेजी का दौर थम गया। आज भारतीय शेयर बाजार के दोनों इंडेक्स लाल निशान पर खुले। सेंसेक्स ने 300 टूटकर कारोबार की शुरुआत की, जबकि निफ्टी 35 अंक फिसल कर खुला।
सेंसेक्स 300 अंक गिरकर खुला। फिलहाल सेंसेक्स 120 अंक की गिरावट के साथ 55,344 के स्तर पर कारोबार कर रहा है, जबकि निफ्टी 35 अंक फिसलकर 16,559 के स्तर पर है
आज बीएसई में शुरुआत में कुल 1,529 कंपनियों में ट्रेडिंग शुरू हुई, इसमें से करीब 1,024 शेयर तेजी के साथ और 410 गिरावट के साथ खुलीं। वहीं 95 कंपनियों के शेयर के दाम बिना घटे या बढ़े खुले। इसके अलावा आज 24 शेयर 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर पर ट्रेड कर रहे हैं और 3 शेयर 52 हफ्ते के निचले स्तर पर ट्रेड कर रहे हैं। वहीं 153 शेयर में आज सुबह से ही अपर सर्किट लगा है और 28 शेयर में लोअर सर्किट लगा है।