दलाल पर राय

Vice President Election: उप राष्ट्रपति चुनाव पर कांग्रेस और TMC का मतभेद उभरा, अधीर ने कहा-दीदी कर रही हैं मोदी की दलाली
उप राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कांग्रेस और टीएमसी के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गया है. तृणमूल कांग्रेस द्वारा मतदान में अनुपस्थित रहने की कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आलोचना की है और कहा कि इससे साबित हो गया है कि मोदी और दीदी दोनों एक ही हैं.
Updated on: Jul 21, 2022 | 6:17 PM
उपराष्ट्रपति चुनाव में तृणमूल कांग्रेस द्वारा मतदान में अनुपस्थित रहने और विपक्षी दलों की साझा उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा और राजग के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को समर्थन नहीं करने के निर्णय की कांग्रेस ने कड़ी आलोचना की है. पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने तृणमूल कांग्रेस के निर्णय की आलोचना की है. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उप राष्ट्रपति चुनाव से साबित हो गया है कि मोदी और दीदी दोनों एक ही साथ हैं. उन्होंने कहा कि दीदी मोदी की दलाली कर रही हैं.माकपा ने भी तृणमूल कांग्रेस के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि इससे तृणमूल और बीजेपी की साठगांठ खुलकर सामने आ गई है.
बता दें कि छह अगस्त को होने वाले उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए राजग ने जगदीप धनखड़ दलाल पर राय और विपक्षी पार्टियों ने संयुक्त रूप से कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गरेट अल्वा को उम्मीदवार बनाया है. तृणमूल कांग्रेस उप राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शुरू से ही विरोधी पार्टियों से दूरी बनाई हुई थी.
अधीर ने कहा- सामने आ गया तृणमूल कांग्रेस का असली चेहरा
अधीर रंजन चौधरी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि जिस तरह से तृणमूल कांग्रेस शुरू से ही विरोधी दल की बैठक में अनुपस्थित रह रही थी. उससे यह साफ लग रहा था. उन्होंने कहा कि वह पहले से कहते आ रहे हैं कि मोदी और दीदी दोनों एक ही हैं. दोनों एक सिक्के के दो पहलु हैं. ममता बनर्जी ने सदा ही बीजेपी का समर्थन करती है, लेकिन केवल दिखावा के लिए बीजेपी और मोदी का विरोध करती हैं. अधीर चौधरी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ गया है.
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माकपा ने भी कहा-टीएमसी और बीजेपी में है साठगांठ
माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के निर्णय से यह साबित हो गया है कि वह दलाल पर राय बीजेपी के साथ है. इसके पहले कई बार संसद में बिल पेश किया गया था और उस समय टीएमसी अनुपस्थित रही थी. इसे ही समझौता कहते हैं. माकपा के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि दार्जिलिंग में जगदीप धनखड़,असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा के बीच हुई बैठक के बाद ही साफ हो गया था कि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में समझौता हो गया है और अब जिस तरह से उप राष्ट्रपति चुनाव में मतदान से टीएमसी ने अनुपस्थित रहने का फैसला किया है. उससे उन लोगों का आरोप साबित हो गया है कि बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच समझौता हो चुका है और विरोध केवल दिखावे का है, जबकि बीजेपी के बंगाल प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि टीएमसी समर्थन करे या नहीं करे. इससे कोई अंतर नहीं पड़ता है. उप राष्ट्रपति चुनाव में राजग के उम्मीदवार जीतेंगे.
हर्षद मेहता घोटाला उजागर करने वाली पत्रकार ने Sahara के सहकारिता विभाग वाले विज्ञापन पर उठाए सवाल
मुम्बई, डेस्क रिपोर्ट। 1992 में शेयर बाजार के चर्चित हर्षद मेहता (harshad mehta) मामले को उजागर करने वाली पत्रकार सुचिता दलाल पर राय दलाल (suchita dalal) ने सहारा को लेकर एक Tweet किया है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा नवगठित सहकारिता मंत्रालय के बारे में Sahara के द्वारा दिए गए विज्ञापन के औचित्य पर सवाल खड़े किए हैं।
अपनी निष्कलंक ईमानदारी और बेदाग छवि व तेज तर्रार कार्यशैली से 1992 में पूरे देश में भूचाल लाने वाली पदम श्री प्राप्त पत्रकार सुचिता दलाल का एक ट्वीट चर्चा में है। ट्वीट में उन्होंने Sahara के द्वारा तीन दिन पहले समाचार पत्रों में दिए गए एक विज्ञापन के बारे में सवाल खड़े किए हैं। दरअसल इस विज्ञापन में सहारा ने केंद्र सरकार द्वारा नवगठित सहकारिता मंत्रालय और नवनियुक्त मंत्री अमित शाह की नियुक्ति पर खुशी जाहिर करते हुए लिखा था कि इससे देश में दलाल पर राय सहकारिता आंदोलन मजबूत होगा।
सुचेता दलाल ने ट्वीट में लिखा है कि “क्या कोई यह बताएगा कि सहारा, जो निवेशकों का भुगतान नहीं कर रहा है, सहकारिता मंत्रालय से इतना खुश क्यों है ! किसने कहा निवेश किया, क्या कोई कॉर्प कितना बढा सकता है! इसकी सीमा है! क्या अमित शाह और पीएमओ इंडिया हमें बताएंगे! साथ ही सुचेता दलाल ने लिखा है कि “सुब्रतो राय के पूरे परिवार के पास पहले से ही मैसीडोनिया की नागरिकता है। सुब्रतो राय जमानत पर हैं और विदेशी नागरिकता शायद ही प्राप्त नहीं कर सकते। लेकिन भारत में सब संभव है।” सुचेता के इस ट्वीट के जवाब में लोग तरह तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कई लोगों ने सहारा द्वारा पैसे ना लौटाए जाने की शिकायत की है और इस संबंध में कानूनी कार्रवाई के बाद भी प्रशासन द्वारा कार्रवाई न करने की बात कही है।
दरअसल कृषि मंत्रालय के अधीन आने वाले सहकारिता विभाग को अभी हाल ही में अलग कर नया सहकारिता मंत्रालय बनाया गया है जिसका प्रभार भी गृह मंत्री अमित शाह के पास ही है। सहकारिता विभाग ने सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, स्टार मल्टीपरपज कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, सहारियन यूनिवर्सल मल्टीपरपज कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड और हमार इंडिया क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के खिलाफ जांच करते हुए यह पाया था के इन चारों सोसायटियो के माध्यम से सहारा द्वारा लगभग 86000 करोड रुपया बाजार से लोगों से जुटाया गया।
जिसमें से 42000 करोड रुपए सहारा की ही एक प्रॉपर्टी एंबे वैली में निवेश कर दिया गया। अभी इन सब मामलों की जांच चल रही है। अमित शाह के सहकारिता मंत्री बनने से यह उम्मीद बंधी है कि जल्द ही इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच होगी और लोगों को उनका पैसा वापस मिल सकेगा।
‘तरला दलाल’: RSVP और अर्थ स्काई द्वारा प्रोड्यूस की जाने वाली पहली शेफ के जीवन पर आधारित बायोपिक में लीड रोल निभाएंगी हुमा कुरैशी
“ऐसे में दिवंगत शेफ तरला और उनके जीवन पर बनने वाली इस बायोपिक के फैसले के बारे में बात करते हुए, निर्माता अश्विनी अय्यर तिवारी कहते हैं, “तरला की कहानी एक प्रतिष्ठित शेफ होने की तुलना में बहुत अधिक है। यह एक वर्किंग मां की कहानी है, जिसने अकेले ही दलाल पर राय भारत में शाकाहारी कुकिंग का चेहरा बदल दिया और ऐसे कई घरेलू रसोइयों और स्टार्टअप्स के लिए अपने सपनों को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त किया।
हुमा कहती हैं, ‘तरला दलाल मुझे अपना बचपन की याद दिलाती है। मेरी मां के पास रसोई में अपनी किताब की एक कॉपी थी और वह अक्सर मेरे स्कूल के टिफ़िन के लिए अपनी रेसेपीज आज़माती थीं। मुझे वह समय भी स्पष्ट रूप से याद है जब मैंने मां को तरला की घर की बनी आम की आइसक्रीम बनाने में मदद की थी। इस भूमिका ने मुझे मेरी बचपन की उन प्यारी यादों को लौटा दिया है और मैं रॉनी, अश्विनी और नितेश की बहुत आभारी हूं कि इस इंस्पायरिंग कैरेक्टर को निभाने दलाल पर राय के लिए मुझ पर विश्वास किया।”
रॉनी स्क्रूवाला कहते हैं, “तरला दलाल ने भारत में होम कुकिंग को बदल दिया। उनकी कहानी उद्यमिता पर एक पाठ्यपुस्तक का उदाहरण है कि कैसे अपनी महत्वाकांक्षाओं की दिशा में काम करने में कभी देर नहीं होती। मैं अश्विनी और नितेश के साथ फिर से सहयोग करने को लेकर बहुत उत्साहित हूं।
वहीं अपने अनुभव को जोड़ते हुए नितेश तिवारी ने कहा, “हर महाकाव्य व्यक्तित्व पर कई बायोपिक्स से भरी दुनिया में, तरला दलाल पर एक बायोपिक का लंबे समय से इंतजार था। उनकी कहानी के माध्यम से, हम ऐसे कई युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करना चाहते हैं जो अपने घर के आराम से अपना खुद का व्यवसाय करना चाहते हैं। “
इस पर बात करते हुए पीयूष गुप्ता जो दंगल, छिछोरे जैसी फिल्मों के लेखक रह चुके हैं उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि मुझे स्क्रीन पर तरला दलाल के जीवन को चित्रित करने का अवसर मिला। खुद खाने के शौकीन होने के नाते, इस फिल्म का इरादा सभी फूड लवर्स को इसके जरीए एक ट्रीट देना है।
आपको बता दें कि तरला दलाल एक इंडियन फ़ूड राइटर, शेफ, कुकबुक ऑथर होने के साथ कुकिंग शोज की होस्ट भी रह चुकी हैं। वह पहली भारतीय थीं जिन्हें 2007 में पाक कौशल श्रेणी में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। ऐसे में यह पहली बार है जब बॉलीवुड एक शेफ की जीवन कहानी को पर्दे पर लाने जा रहा है। दिवंगत शेफ, जो अपने स्वादिष्ट खानों के लिए लोकप्रिय थी, वह किसी भी कुक के लिए एक प्रेरणा थी, इतना ही नहीं उनके खाना पकाने के निर्देश अभी भी हर पाकशाला के फ़ूड डेयरी में मौजूद हैं। उनके देसी नुस्खा आज भी हर भारतीय घर में चर्चा का विषय है, क्योंकि इसने भारत में शाकाहारी भोजन में क्रांति ला दी है।
इस तरह से पीयूष गुप्ता और गौतम वेद द्वारा लिखित, आरएसवीपी द्वारा निर्मित, और अर्थ स्काई, की ‘तरला’ एक खाने से जुड़े भ्रमण पर जाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
अगले हफ्ते क्या होगी शेयर बाजार की दिशा, जानिये बाजार के जानकारों की राय
इस सप्ताह अल्ट्राटेक सीमेंट, एसीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर लि. एशियन पेंट्स, हिंदुस्तान जिंक, आईडीबीआई, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, साउथ इंडियन बैंक, फेडरल बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज के तिमाही नतीजे आने हैं
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: October 17, 2021 15:07 IST
Photo:PTI
अगले हफ्ते क्या होगी शेयर बाजार की दिशा
नई दिल्ली। शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह कंपनियों के तिमाही नतीजों तथा विदेशी बाजारों से मिलने वाले संकेतों से तय होगी। बाजार के जानकारों ने यह राय जताई है। इस समय शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी शोध प्रमुख येशा शाह ने कहा, ‘‘कंपनियों के तिमाही नतीजे इस सप्ताह शेयर बाजारों का रुख तय करेंगे। इस सप्ताह सभी की निगाह इन पर रहेगी। इसके अलावा दलाल स्ट्रीट की निगाह कंपनियों के प्रबंधन की भविष्य की आमदनी के अनुमान पर दलाल पर राय रहेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी उम्मीद है कि कंपनियां पिछली तिमाही से शुरू हुई अपनी रफ्तार को दूसरी तिमाही में भी कायम रखेंगी। ऐसे में कंपनियों के नतीजे अनुकूल या प्रतिकूल रहने का असर निवेशकों पर दिखाई देगा।’’
इस सप्ताह अल्ट्राटेक दलाल पर राय सीमेंट, एसीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर लि. एशियन पेंट्स, हिंदुस्तान जिंक, आईडीबीआई, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, साउथ इंडियन बैंक, फेडरल बैंक और रिलायंस दलाल पर राय इंडस्ट्रीज के तिमाही नतीजे आने हैं।’’ स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘यदि हम इस सप्ताह के लिए संकेतकों की बात करें, तो तिमाही नतीजों का दबदबा रहेगा। सोमवार को बाजार एचडीएफसी बैंक और एवेन्यू सुपरमार्ट्स के नतीजों पर प्रतिक्रिया देगा।’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा अल्ट्राटेक सीमेंट, एसीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले, एशियन पेंट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील, एचडीएफसी लाइफ और रिलायंस इंडस्ट्रीज के नतीजे भी सप्ताह के दौरान आने हैं।’ उन्होंने कहा कि तिमाही नतीजों के अलावा बाजार वैश्विक रुख से भी दिशा लेगा। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,246.89 अंक या 2.07 प्रतिशत के लाभ में रहा। बृहस्पतिवार को सेंसेक्स ने पहली बार 61,000 अंक का स्तर पार किया। शुक्रवार को दशहरा पर बाजार बंद रहे थे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘आगामी दलाल पर राय दिनों में बैंकिंग क्षेत्र पर सभी की निगाह रहेगी। इस दौरान बैंकों के तिमाही नतीजों की शुरुआत होगी। कंपनियों के तिमाही नतीजे मजबूत रहने से भारतीय बाजार में तेजड़िया दौड़ जारी रहने की उम्मीद है।’’ उन्होंने कहा कि यदि नतीजे बाजार उम्मीद से अलग रहते हैं, तो लघु अवधि में संबंधित वर्ग में कुछ ‘करेक्शन’ भी आ सकता है। इसके अलावा बाजार की निगाह रुपये के उतार-चढ़ाव, विदेशी निवेशको के रुख तथा ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी।