क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है

Investment Tips: क्या आपका म्यूचुअल फंड निवेश नुकसान में है? तो जानिए अपनी कैपिटल बचाने के सटीक तरीके
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) एक बेहतरीन इनवेस्टमेंट टूल है.
ऐसे निवेशक जो कम जोखिम उठाकर इक्विटी मार्केट में निवेश (Investing In Equity Market) करना चाहते हैं उनके लिए म्यूचुअल फ . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : July 21, 2022, 12:29 IST
हाइलाइट्स
म्यूचुअल फंड के माध्यम से इक्विटी मार्केट में निवेश को अन्य तरीकों से ज्यादा जोखिमरहित माना जाता है.
बाजार में गिरावट के दौरान भी अगर निवेशक निवेश बरकरार रखता है तो उसे लॉन्ग टर्म में फायदा होता है.
नुकसान से बचने के लिए निवेश में विविधता होनी आवश्यक है.
नई दिल्ली. जब आप इक्विटी मार्केट (Equity Market) या इससे संबंधित इनवेस्टमेंट टूल्स में निवेश करते हैं तो फायदे के साथ-साथ नुकसान होने की संभावना भी रहती है. अगर निवेशक ने जैसा सोचकर निवेश किया है और वैसा न हो तो इनवेस्टर अपनी मूल पूंजी (कैपिटल) भी खो सकता है. हालांकि यह भी एक हकीकत है कि हाई रिस्क निवेश शानदार रिटर्न भी देता है.
ऐसे निवेशक जो कम जोखिम उठाकर इक्विटी मार्केट में निवेश (Investing In Equity Market) करना चाहते हैं उनके लिए म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) एक बेहतरीन इनवेस्टमेंट टूल है. लेकिन, ऐसा भी नहीं है कि म्यूचुअल फंड में घाटा नहीं होता. इसमें भी निवेश कई बार नुकसान में चला जाता है. लेकिन, म्यूचुअल फंड निवेश के घाटे को दूर किया जा सकता है. इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है.
निरंतर निवेश
इक्विटी मार्केट में कमाई का मूल मंत्र है ‘निरंतर और विविध निवेश’ (Invest regularly and invest diversified). शेयर बाजार में मंदी के दौर में अपनी पूंजी को सुरक्षित रखना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है, ताकि आपका निवेश और रिटर्न प्रभावित न हो. जी बिज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार, इपिसिलोन मनी के सीईओ अभिषेक देव का कहना है कि बाजार में अस्थिरता उन निवेशकों की परम मित्र है जो दीर्घावधि निवेश करते हैं. ऐसे ही जो लोग निरंतर निवेश करते हैं, उनके मंदी में दोनों हाथ में लड्डू होते हैं. निरंतर निवेश एक निवेशक को अपने पोर्टफोलियो में ज्यादा यूनिट जोड़ने का अवसर प्रदान करता है जब बाजार में गिरावट आती है.
मंदी में खरीदारी करके वह अपने एवरेज कॉस्ट को घटा सकता है. अभिषेक का कहना है कि आज सारा विश्व आपस में जुड़ चुका है. विश्व में कहीं घटित एक घटना का असर भी भारतीय बाजार पर हो सकता है. ऐसा यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि करने और यूक्रेन संकट के कारण हो भी चुका है. अभिषेक का कहना है कि बाजार में आगे क्या होगा, इसकी भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है. इसलिए मंदी के प्रभाव को कम करने का एक ही तरीका है कि इसका सामना करने के लिए तैयार रहें और बाजार गिरावट में भी निवेश करते रहें.
निवेश में विविधता
अपनी पूंजी को एक ही जगह लगाना क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है समझदारी नहीं है. निवेश में हमेशा विविधिकरण होना चाहिए. सभी फाइनेंशियल प्लानर्स का कहना है कि निवेशक को अपनी पूंजी एसेट क्लास, इक्विटी, फिक्स्ड इनकम, सोने और विदेशी सिक्योरिटीज में लगानी चाहिए. निवेश में विविधिकरण होने से फायदा यह होता है कि जब एक एसेट क्लास में नुकसान होता है तो आपका इसके अलावा कहीं किया गया दूसरा निवेश अच्छा रिटर्न दे रहा होता है. इस तरह आपका पोर्टफोलियो नुकसान से बच जाता है.
अभिषेक का कहना है कि एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो मार्केट के झटके सहने मे ज्यादा सक्षम होता है. अगर आपने अपनी सारी पूंजी इक्विटी जैसी एक ही एसेट क्लास में लगा रखी है तो आपको भारी घाटा होने की संभावना बहुत होती है. इसलिए आपको हमेशा अपनी पूंजी को अलग-अलग जगह निवेश करना चाहिए.
SIP से निवेश
एसआईपी से निवेश करना सबसे सुरक्षित निवेश है. जब बाजार में मंदी होती है तो यह अपने पोर्टफोलियो में ज्यादा यूनिट जोड़ने का सबसे बेहतरीन तरीका है. जब आप इक्विटी मार्केट में सिप के माध्यम से निवेश करते हैं तो यह अस्थिरता से मुकाबला करने में आपकी बहुत मदद करता है. इससे लॉन्ग टर्म में निवेशक बढिया मुनाफा कमा सकता है. यहां यह जानना जरूरी है कि इक्विटी मार्केट ने दस साल की अवधि में कभी नेगेटिव रिटर्न नहीं दिया है.
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आपकी जिंदगी आपके हाथ में, अपनाएं ये 5 रास्ते, मिलेगी मंजिल
हर कोई अपने भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं, उसे संवारने के लिए हमेशा सोचते तो जरूर हैं, लेकिन उस सोच क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है को अंतिम रूप नहीं दे पाते, और इस तरह से वर्षों बीत जाते हैं. लेकिन कहा जाता है कि 'जब जागो तभी सवेरा'. इसलिए आज ही भविष्य को संवारने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति के साथ कदम उठाएं. आज हम आपको सफलता के 5 मंत्र बताने जा रहे हैं, इसे अपनाकर आप एक सफल इंसान बन सकते हैं. (Photo: File)
टर्म इंश्योरेंस
जिस परिवार की खुशियों के लिए आज आप दिन-रात मेहनत करते हैं, हर मांगें पूरी करते हैं. लेकिन कल्पना कीजिए आपके बगैर उस परिवार की क्या स्थिति होगी. मेरे सवाल ने शायद आपको झकझोर दिया होगा. लेकिन ये सच है, अगर आप अपने परिवार से प्यार करते हैं तो सबसे पहले अपना टर्म इंश्योरेंस करवाकर उन्हें आर्थिक रूप से सुरक्षित भविष्य का तोहफा दें. यह आपके परिवार का भविष्य सुरक्षित तो रखता ही है, साथ ही उनकी वित्तीय जरूरतों को भी पूरा करता है.
हेल्थ इंश्योरेंस
अक्सर लोगों से जब भी पूछा जाता है, क्या आपके पास हेल्थ बीमा है तो उनका जवाब होता है कंपनी कवर देती है. लेकिन अगर किसी वजह से आपकी नौकरी छूट जाती है और परिवार का कोई सदस्य गंभीर रूप से बीमार हो जाता है तो आप क्या करेंगे, कभी भी कंपनी के इंश्योरेंस पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. (Photo: File)क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है
दरअसल आजकल की लाइफस्टाइल में कोई कभी बीमार पड़ सकता है. गंभीर बीमारियां सिर्फ बुजुर्गों को ही अपना शिकार नहीं बना रही हैं, बल्कि युवा आबादी भी इनकी चपेट में आ रहे हैं. आज के दौर में हॉस्पिटल का खर्च बहुत ज्यादा बढ़ गया है. इस खर्च को आम आदमी नहीं उठा सकता है. इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस बहुत जरूरी है. आप जितना जल्दी हेल्थ इंश्योरेंस ले लेंगे, उतना ही बेहतर होगा. भारत में बीमा कंपनियों द्वारा विभिन्न प्रकार के हेल्थ प्लान पेश किए जा रहे हैं. इसमें व्यक्तिगत हेल्थ प्लान से लेकर फैमिली फ्लोटर प्लान तक शामिल हैं. अपनी जरुरतों के अनुसार व्यक्तिगत या फ्लोटर प्लान ले सकते हैं. (Photo: Getty)
निवेश का कदम
अगर अभी तक आप कहीं क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है निवेश नहीं कर रहे हैं और केवल प्लान कर रहे हैं तो जल्द से जल्द निवेश का पहला कदम बढ़ा दीजिए. आपकी जितनी आमदनी है उसी में से 20 फीसदी रकम निवेश के लिए निर्धारित करें. फिर जैसे-जैसे आमदनी बढ़ती जाएगी निवेश को भी बढ़ाते जाएं, और इसकी शुरुआत आज से ही कर दें. निवेश के कई विकल्प हैं आपके पास- पोस्ट ऑफिस, बैंक में फिक्स्ड डिपोजिट, म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में भी निवेश कर सकते हैं. (Photo: Getty)
फिजूलखर्ची पर लगाम
फिजूलखर्ची आम आदमी की सबसे बड़ी समस्या है और यह हर घर की समस्या है. अगर आप फिजूलखर्ची से बचना चाहते हैं तो शौक और आदतों को सीमित करें. होटल और रेस्तरां में लंच-डिनर की आदत क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है है तो इसमें बदलाव करें. इससे न सिर्फ आपका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा, बल्कि फिजूलखर्ची से भी बच पाएंगे. आप मॉल या दुकान में सामान खरीदने के लिए जाते हैं, क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है तो अपने हाथ में जो सामना खरीदना है, उसकी लिस्ट रखें, ताकि बजट में खरीदारी कर सकें. (Photo: File)
ऑफर्स देख उतावले न हों
क्रेडिट कॉर्ड धारक ऑफर्स के क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है दौरान उतावले होकर बजट से ज्यादा खर्च कर देते हैं. इसलिए हमेशा जरूरत की चीजें ही खरीदें, और पैसे बचाने की आदत डालें. कुछ लोग ऑफर्स के चक्कर में बेतहाशा पैसे खर्च कर देते हैं, और फिर अगले महीने उनका बजट बिगड़ जाता है. इसलिए इन आदतों पर आज ही लगाम लगाएं. (Photo: File)
निवेश करने के 7 फायदे क्या हैं?
बचत की रकम को बढ़ाने के लिए निवेश करना जरूरी है. निवेश के सही विकल्पों में पैसा लगाने से आप लंबी अवधि में काफी संपत्ति जुटा सकते हैं.क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है
अगर आपने 25 साल की उम्र से निवेश की शुरुआत कर दी तो सिर्फ एक लाख रुपये सालाना का निवेश आपको 60 साल की उम्र में पांच करोड़ रुपये का मालिक बना देगा.
निवेश का सही विकल्प चुनने से आपको बुढ़ापे के दौरान आय का स्रोत विकसित करने में मदद मिलती है.
2. संपत्ति बनाना
हर व्यक्ति अमीर बनना चाहता है. भविष्य की जरूरतों के लिए लोग छोटी-मोटी बचत तो कर लेते हैं, लेकिन बचत और निवेश का सही तरीका पता नहीं होने की वजह से वे अमीर नहीं बन पाते. अगर आप निवेश में अनुशासन बनाये रखें तो आप भी करोड़पति बन सकते हैं.
इक्विटी म्युचुअल फंड में नियमित निवेश कर लंबी अवधि में अपने वित्तीय लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. म्युचुअल फंड से मिलने वाला रिटर्न हालांकि शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है, लेकिन लंबी अवधि में एसआईपी (SIP)के जरिए किया गया निवेश अच्छा रिटर्न देने में कामयाब रहा है.
अगर आपने 25 साल की उम्र से निवेश की शुरुआत कर दी तो सिर्फ एक लाख रुपये सालाना का निवेश आपको 60 साल की उम्र में पांच करोड़ रुपये का मालिक बना देगा. इसके लिए 12% सालाना रिटर्न का अनुमान लगाया गया है. अगर निवेश में 10 साल की देर हो जाये तो इतनी ही संपत्ति जुटाने के लिए आपको सालाना निवेश 3.5 लाख रुपये करना पड़ेगा.
3. वित्तीय लक्ष्य पूरा करना
आपको अपने वित्तीय लक्ष्य को ध्यान में रख कर निवेश करना चाहिए. यह अनुमान लगाना सबसे अहम है कि वित्तीय लक्ष्य के लिए आपको कितनी रकम चाहिए. आज से 10 साल बाद 1 करोड़ उतनी बड़ी रकम नहीं होगी, जितनी आज है. आपको महंगाई, क्रय क्षमता और जरूरतों को ध्यान में रखकर ही अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए.
इसलिए लक्ष्य के चयन से पहले कुछ गुणा-भाग कर लेना अक्लमंदी है. आपके आने वाले कल के लिए आज बेहद अहम है. मान लीजिए कि आज आपका बेटा उच्च शिक्षा के लिए जा रहा है. इसका खर्च 5 लाख रुपये है.
मान लीजिए कि आपके बच्चे को 15 साल बाद उच्च शिक्षा की आवश्यकता होगी. आपको यह जानना है कि 15 साल बाद आपको आज के 5 लाख रुपये के मुताबिक कितनी रकम की जरूरत होगी. उस समय तक महंगाई कितनी होगी. यह वित्तीय लक्ष्य का महज एक उदाहरण है.
यदि हम महंगाई दर को 9 फीसदी मानें, तो 15 साल बाद उस कोर्स की कीमत 5 लाख के बजाय 18.21 लाख रुपये तक पहुंच जाएगी. अपने वित्तीय लक्ष्य की रकम प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि आप महंगाई के असली आंकड़ें लें.
4. रिटायरमेंट प्लानिंग
रिटायरमेंट के लिए बचत और उसका बेहतरीन रिटर्न वाले विकल्प में निवेश जरूरी है. रिटायरमेंट प्लान के लिए सिर्फ ईपीएफ योगदान पर निर्भरता सही नहीं है. रिटायरमेंट के बाद आपको हर महीने कितने पैसे की जरूरत पड़ेगी, सबसे पहले इसका आंकलन करना होगा.
आप सामान के मौजूदा मूल्यों के आधार पर मासिक खर्च को निकालें. फिर 6 फीसदी की दर से सालाना महंगाई मानते हुए इसे बढ़ा दें. इससे आपको उस मासिक खर्च के बारे में पता चल जाएगा जिसकी जरूरत आपको रिटायरमेंट के बाद होगी.
अब यह देखें कि इसके लिए अभी से आपको कितने पैसों की बचत करने की जरूरत पड़ेगी. इंटरनेट पर इस तरह के कई कैलकुलेटर उपलब्ध हैं जो आपकी इसमें मदद कर सकते हैं.
अंत में उन निवेश उत्पादों के बारे में पता करें जिनमें आपको निवेश करना है. आप अपने रिटायरमेंट की खातिर धन जुटाने के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड का विकल्प चुन सकते हैं.
5.आर्थिक आजादी
अगर आप पैसे से जुड़ी जरूरतों के लिए अपने बच्चे या रिश्तेदारों पर निर्भर रहना नहीं चाहते तो आपको बेहतर रिटर्न देने वाले विकल्पों में निवेश करना चाहिए. अगर आप वरिष्ठ नागरिक बनने के बाद भी अपने जरूरी खर्च अपनी जेब से कर सकें तो यह आपके लिए आर्थिक आजादी है.
आपको इसके लिए इस तरह का निवेश करना होगा जिससे कि आपकी जरूरत के लायक रकम आपके पास नियमित रूप से आती रहे और आपकी पूंजी सुरक्षित रहे. आर्थिक आजादी के लिए आपको जॉब की शुरुआत करते ही निवेश शुरू कर देना चाहिए और लंबी अवधि की प्लानिंग करनी चाहिए.
6. महंगाई से मुकाबला
अगर आप निवेश के सही विकल्प चुनते हैं तो महंगाई की औसत दर के बाद भी कुछ सालों बाद आपके हाथ में आपकी जरूरत के लायक पैसे आते रहेंगे और आपकी पूंजी बची रहेगी.
मसलन निवेश के बेहतर विकल्प में आपको लंबी अवधि में सालाना 14-15% तक रिटर्न मिल सकता है. अगर किसी वजह से एक-दो साल में महंगाई की दर 8-10 फीसदी रहती है, तब भी आपके निवेश पर रिटर्न इससे अधिक मिलता रहेगा. वास्तव में आप इस तरह के विकल्प के माध्यम से महंगाई के असर को नजरंदाज कर अपने खर्च जारी रख सकते हैं.
7. कंपाउंडिंग का फायदा
अगर आप लंबी अवधि के लिए किसी Mutual Fund के ग्रोथ प्लान में निवेश करते हैं तो इसमें कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. मान लीजिये कि आपने 10,000 रुपये का निवेश किया और आपको पहले साल इस पर 8% रिटर्न क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है मिला. इस हिसाब से आपके निवेश पर पहले साल का ब्याज 800 रुपये हुआ.
अब दूसरे साल में आपके निवेश की रकम 10,800 रुपये हो गयी. अगर इस पर भी आपको 8 फीसदी ही रिटर्न मिले तो आपके रिटर्न की रकम 864 रुपये हो गयी. अब तीसरे साल में आपके निवेश की रकम 11,664 रुपये हो गयी.
अब इस निवेश पर अगर आपको 10 फीसदी रिटर्न मिला तो आपका सालाना रिटर्न 1166 रुपये हुआ. इस हिसाब से चौथे साल में आपके निवेश की रकम 12,830 रुपये हो गयी. अब इस पर आपको सालाना ब्याज/रिटर्न मिलेगा.
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चुनाव के दौरान आपके लिए निवेश एक बेहतरीन मौका, जानें कैसे?
अगर आप निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो मौजूदा समय आपके लिए सबसे बेहतरीन साबित हो सकता है. क्योंकि लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और चुनाव के दौरान अर्थव्यवस्था में भारी मात्रा में नकदी का प्रवाह होता है.
अमित कुमार दुबे
- नई दिल्ली,
- 07 मार्च 2019,
- (अपडेटेड 07 मार्च 2019, 10:05 PM IST)
अगर आप निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो मौजूदा समय आपके लिए सबसे बेहतरीन साबित हो सकता है. क्योंकि लोकसभा चुनाव नजदीक है और चुनाव के दौरान अर्थव्यवस्था में भारी मात्रा में नकदी का प्रवाह होता है, जो अर्थव्यवस्था के पहिए को गतिशील कर देता है. ऐसे में जो लोग निवेश करके पैसा बनाना चाहते हैं उनके लिए यह एक बेहतरीन मौका साबित हो सकता है. ये क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है महिंद्रा म्यूचुअल के प्रबंध निदेशक (एमडी) और (सीईओ) आशुतोष बिश्नोई का कहना है.
उनका कहना है, 'नोटबंदी और जीएसटी के कारण अर्थव्यवस्था थोड़ी रुक सी गई थी. पहले तो लोगों के हाथ में पैसा नहीं था और फिर सप्लाई में भी कमी आ गई. तब कंज्यूमर डिमांड जो रुक गई थीं, वो अब बहुत तेजी से आगे आ रही हैं. ऐसे में अब कंपनियों का मुनाफा भी बढ़ रहा है. पिछले 6 महीने के कॉरपोरेट रिजल्ट्स देखकर यह समझा जा सकता है कि कई सेक्टरों में मुनाफा तेजी से बढ़ रहा है.'
उन्होंने कहा, 'बजट भी ऐसा रहा है जो लोगों को खर्च करने का बढ़ावा देगा, ऐसे में लोगों की डिमांड बढ़ेगी और इससे कंपनियों का मुनाफा भी बढ़ेगा. वहीं दूसरी तरफ कंपनियों की कॉस्ट घट रही है. तेल की कीमतें कम हो चुकी हैं, स्टील-कॉपर जैसी इंडस्ट्रियल कमॉडिटीज की कीमत अबतक के सबसे निचले स्तर क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है पर है. ऐसे में आने वाले समय में भी कंपनियों की लागत घटेगी और मुनाफा बढ़ेगा. लिहाजा, यह समय अच्छी कंपनियों में निवेश के लिए बहुत अच्छा है. हर इंवेस्टर को चुनाव को इंवेस्टमेंट के मौके के तौर पर देखना चाहिए.'
आशुतोष ने कहा, 'अगर आप एसआईपी में निवेश करते हैं, तो इसे बढ़ा भी सकते हैं. अगर हर महीने एक एसआईपी कर रहे हैं और अगर आपके पास थोड़े और पैसे हों तो दो एसआईपी डालने लगें. अगर डेट मार्केट यानी फिक्स्ड इनकम फंड्स की तरफ देखें तो उसके रेट्स कम होते जा रहे हैं. रेट कम होने का मतलब है कि आपके फंड की वैल्यू बढ़ रही है. यह सिलसिला अभी चलता ही रहेगा.'
उन्होंने कहा, 'अगले 6-8 महीनों में रेट बढ़ने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. रेट घटने की ही संभावना ज्यादा है. अगर पिछले एक-दो सालों का कारपोरेट बॉन्ड फंड का रिटर्न देखें तो 11-12 फीसदी के करीब हो चुका है. लिक्विड फंड में भी 7.25-7.5 का रिटर्न मिल रहा है, इसमें तो रिस्क भी न के बराबर होता है. ऐसे में जो लोग लंबे समय के लिए मार्केट में हैं, वो अपना एसआईपी करते रहें.'
निवेश से पहले इन 3 बातों पर ध्यान देने की जरूरत:
* क्या इस कंपनी का बिजनेस अच्छा है?
इसके लिए आपको कंपनी की कई सालों की बैलेंसशीट देखनी पड़ेगी.
* कंपनी का वैल्यूएशन मार्केट में कैसा है? क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है
कंपनी का बिजनेस बहुत बढ़िया हो सकता है, लेकिन जरूरी नहीं है कि मार्केट में उसे वैल्यूएशन मिला हो, यानी कंपनी को प्रॉफिट तो होता है, लेकिन जरूरी नहीं है कि स्टॉक मार्केट में कंपनी का नाम दिख रहा हो. कई बार इसका उल्टा भी होता है कि कंपनी का प्रॉफिट बिलकुल नहीं हो रहा है, लेकिन स्टॉक मार्केट में उसकी वैल्यू नजर आती है. ऐसी कंपनी ढूंढनी चाहिए, जिसमें बिजनेस और वैल्यू दोनों बढ़िया हों.
* क्या यह निवेश का सही समय है?
सबसे जरूरी चीज है यह देखना कि किस कंपनी या स्टॉक में कब निवेश करना चाहिए, समय बहुत बड़ा फैक्टर है. आपको आकलन करना होगा कि बाजार में इसका वॉल्यूम कितना है. कौन-कौन से बड़े इंवेस्टर्स इसमें पैसा डाल रहे हैं या निकाल रहे हैं. यह टेक्निकल एनालिसिस करना जरूरी है कि कहीं इस समय निवेश करना घाटे का सौदा तो नहीं हो जाएगा.