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फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना

फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना
कच्चे तेल को निवेशकों के लिए एक ट्रेड डायवर्सिफिकेशन विकल्प माना जा सकता है.

शेयर मार्केट में F&O का मतलब क्या है?

इसे सुनेंरोकेंफ्यूचर ट्रेडिंग मे खरीदार और बेचने वाला दोनो पक्षो का दायित्व होता है कि वह निर्धारित समय पर निर्धारित मूल्य और वस्तु एक दुसरे को सोंप दे जिससे की कांट्रेक्ट पुरा हो सके। फ्यूचर ट्रेडिंग मे पहले से तय मुल्य को फ्यूचर प्राईस और पहले से तय समय को डिलीवरी डेट कहा जाता है।

फ्यूचर ऑप्शन क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंफ्यूचर तथा ऑप्शन (Futures and Options in Hindi) को समझने से पहले जिस बाज़ार में ये उत्पाद खरीदे एवं बेचे जाते हैं उसके बारे में जान लेना आवश्यक है। ये दोनों डेरिवेटिव मार्केट के उत्पाद हैं। डेरिवेटिव उत्पाद ऐसे वित्तीय उपकरण होते हैं, जिनका अपना कोई मूल्य नहीं होता बल्कि उनका मूल्य किसी अन्य वस्तु से निर्धारित होता है।

इक्विटी F&O के लिए शुद्ध दायित्व क्या है?

आप अपने इक्विटी फ्यूचर्स ट्रेडों पर पूर्ण गणना के लिए ज़ेरोधा ब्रोकरेज कैलकुलेटर की जांच कर सकते हैं।…ज़ेरोधा ब्रोकरेज चार्ज – इक्विटी फ्यूचर्स

ब्रोकरेज 0.01% या ₹ 20 / ट्रेड जो भी कम हो
STT सेल साइड पर 0.01%

फ्यूचर और ऑप्शन में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंफ्यूचर्स ट्रेडिंग ट्रेडर को कॉन्ट्रैक्ट पूरा करने के लिए एक अधिकार और एक दायित्व देता है जबकि ऑप्शन ट्रेडिंग में, इस तरह की कोई बाध्यता नहीं है। ऑप्शंस ट्रेडिंग को किसी भी अग्रिम शुल्क की आवश्यकता नहीं होती है, जबकि आपको ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट में प्रवेश करते समय मामूली प्रीमियम का भुगतान करने की आवश्यकता होती है।

ज़ेरोधा में ब्रोकरेज कितना लगता है?

Zerodha Brokerage Charges in Hindi

ब्रोकरेज 0.01% या ₹20 रुपये (जो भी कम हो) ₹0
ट्रांजैक्शन चार्ज टर्नओवर का 0.00345% 3.45
सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) टर्नओवर का 0.01% 100.35
डीपी चार्ज जीरो चार्ज 0.00
सेबी टैक्स ₹10 / करोड़ 0.05

शेयर मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं?

इसे सुनेंरोकेंOption Trading दो तरह का होता है एक है Call और दूसरा Put। ऑप्शन ट्रेडिंग में आप दोनों तरफ पैसा लगा सकते हैं। आप यदि Call खरीद रहे हो तो तेजी की तरफ पैसा लगा रहे हो ठीक उसी तरह Put खरीदते हो तो मंदी की तरफ पैसा लगा रहे हो। आप जिस प्राइस के ऊपर Call खरीदा उसके ऊपर का प्राइस जाने के बाद ही आपको फ़ायदा होगा।

हेजिंग का मतलब क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंहेजिंग का हिंदी में अर्थ है बचाव। खराब बाजार में अपनी पोजीशन को नुकसान से बचाने के लिए हेजिंग का इस्तेमाल किया जाता है। एक उदाहरण से हेजिंग को समझते हैं, मान लीजिए आप के घर के बाहर एक खाली जमीन है।

बाजार में आज अच्छी रौनक, जानिये राइटर्स कौन से रेंज में हैं एक्टिव और दमदार ट्रेडिंग आइडियाज

आज फ्यूचर मार्केट में JK CEMENT, VOLTAS, NAM-INDIA और VEDL पर लॉन्ग बनते हुए नजर आये

बाजार में आज अच्छी रौनक दिख रही है। अच्छे गैप-अप के बाद बाजार एक दायरे में कारोबार कर रहा है। निफ्टी 16900 के करीब है। बैंक निफ्टी आज भी निफ्टी के मुकाबले आउट परफॉर्म कर रहा है। ऐसे में हम ऑप्शन के आंकड़ों के जरिए समझने की राइटर्स कल की एक्सपायरी के लिए लिए कौन सी रेंज देख रहे हैं। सीएनबीसी-आवाज़ के फ्यूचर एक्सप्रेस में आज के हमारे एक्सपर्ट Catalyst Wealth के फाउंडर प्रशांत सावंत हैं। प्रशांत ने अपनी दमदार कॉल्स के साथ एक सस्ता ऑप्शन भी दिया।

फ्यूचर मार्केट में आज इन स्टॉक्स में LONGS बनते हुए दिखाई दिये

JK CEMENT, VOLTAS, NAM-INDIA और VEDL

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LIC HF, COFORGE, GODREJ PROP और METROPOLIS

फ्यूचर मार्केट में आज इन स्टॉक्स में SHORTS बनते हुए दिखाई दिये

HONEYWELL, GUJGAS, PFIZER और CIPLA

NIFTY

आज दोपहर 12 बजे के दौरान निफ्टी में 16700, 16800 और 16900 के स्तर पर सबसे ज्यादा कॉल राइटर्स एक्टिव नजर आये

आज दोपहर 12 बजे के दौरान निफ्टी में 16500, 16400 और 16300 के स्तर पर सबसे ज्यादा पुट राइटर्स एक्टिव नजर आये

BANK NIFTY

आज दोपहर 12 बजे के दौरान बैंक निफ्टी में 34800, 34900 और 35000 के स्तर पर सबसे ज्यादा कॉल राइटर्स एक्टिव नजर आये

आज दोपहर 12 बजे के दौरान बैंक निफ्टी में 34500, 34400 और 34300 के स्तर पर सबसे ज्यादा पुट राइटर्स एक्टिव नजर आये

Catalyst Wealth के प्रशांत सावंत की बाजार पर राय

प्रशांत सावंत ने बाजार पर राय देते हुए कहा कि जब हम बजट के दिन से नीचे निफ्टी में ट्रेड देखते हैं तो वह साल हमारे बाजारों के लिए बियरिश होता है। इस साल बजट के दिन का लो 17200 था जिसके नीचे हम इस समय ट्रेड कर रहे हैं। निफ्टी में आती हुई कोई भी तेजी को मैं शक की निगाह से देखता हूं इसलिए फिलहाल इसमें नई खरीदारी की राय नहीं दे रहा हूं। लेकिन जिन्होंने पोजीशल ले रखी है उन्हें 16800 के स्टॉपलॉस के साथ इसमें बने रहना चाहिए।

वहीं बैंक निफ्टी पर राय देते हुए प्रशांत ने कहा ये निफ्टी की अपेक्षा आउटपरफॉर्म कर रहा है फिर भी फेड पॉलिसी पर फैसला आज शाम तक आने की संभावना है जिसके चलते इसमें ओवरनाइट ट्रेड की सलाह नहीं होगी।

Catalyst Wealth के प्रशांत सावंत के ट्रेडिंग आइडियाज

Havells Mar Fut : बेचें - 1130 रुपये, स्टॉपलॉस - 1190 रुपये, लक्ष्य- 1050 रुपये

Axis Bank Mar Fut : खरीदें - 722 रुपये, स्टॉपलॉस - 710 रुपये, लक्ष्य- 750 रुपये

Tata Consumer Products Mar Fut : खरीदें - 751 रुपये, स्टॉपलॉस - 730 रुपये, लक्ष्य- 780 रुपये

आज का सस्ता ऑप्शन : ASIAN PAINT

प्रशांत ने आज सस्ते ऑप्शन के रूप में पेंट सेक्टर का दिग्गज स्टॉक चुना। उन्होंने एशियन पेंट पर दांव लगाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि एशियन पेंट के मार्च सीरीज की 3000 के स्ट्राइक वाली कॉल 66 रुपये के आस-पास खरीदें। इसमें 25 रुपये के नीचे स्टॉपलॉस लगाएं। इसमें 150 रुपये तक के टारगेट देखने को मिल सकते हैं।

फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना

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Crude: कच्चे तेल की ट्रेडिंग से कैसे कमाएं मुनाफा, समझ लें सौदे की बा​रीकियां

Crude को निवेशकों के लिए एक ट्रेड डायवर्सिफिकेशन विकल्प माना जा सकता है.

Crude: कच्चे तेल की ट्रेडिंग से कैसे कमाएं मुनाफा, समझ लें सौदे की बा​रीकियां

कच्चे तेल को निवेशकों के लिए एक ट्रेड डायवर्सिफिकेशन विकल्प माना जा सकता है.

कच्चे तेल (Crude Oil) को निवेशकों के लिए एक ट्रेड डायवर्सिफिकेशन विकल्प माना जा सकता है, क्योंकि यह एक लाभ देने वाली कमोडिटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना है और इस पर ग्लोबल इंडेक्स होने का टैग भी है. इससे यह एक आकर्षक आय बन जाता है. रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली इम्पोर्ट-डिपेंडेंट कमोडिटी होने से बाजार पर नजर रखने वालों का कहना है कि यह सभी दी गई बाजार परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करता है. कच्चे तेल का ट्रेड दुनियाभर के इंडेक्स पर होता है, जो रोजमर्रा की बाजार गतिविधि और हाई वॉल्यूम में रोज ट्रेड होने की वजह से आपको घर बैठे-बैठे अच्छा फायदा दे सकता है. कमोडिटी की कीमतों में बदलाव और ट्रेड को समझने के बाद, कच्चे तेल का स्टॉक महत्वपूर्ण रेट ऑन इन्वेस्टमेंट (ROI) दे सकता है. यह शॉर्ट-टर्म ट्रेड से लॉन्ग-टर्म स्ट्रैटजी तक, कई विकल्प पेश करता है जो निवेशक के लिए फायदेमंद हो सकते हैं.

ट्रेड शुरू करने के लिए इन चीजों को समझना होगा

अक्सर कच्चे तेल के मूल्य में उतार-चढ़ाव तब होता है, जब उत्पादन और सप्लाई में चुनौतियां आती हैं. इसकी वजह से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अनपेक्षित घरेलू नतीजे सामने आते हैं. इस वजह से देश अपने कच्चे तेल के फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना इम्पोर्ट बिल के आधार पर अपने टैक्सेशन और फ्यूल पॉलिसी जांचने की कोशिश करते हैं. यह कच्चे तेल पर निर्भर कंपनियों के लिए भी यह सही है, जो सर्विसेज और प्रोडक्ट प्राइजिंग के मुताबिक मार्क होता है.

वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड और ब्रेंट क्रूड दो मानक हैं जिसके जरिए कमोडिटी का कारोबार किया जाता है. दोनों में वजन, सल्फर कम्पोजिशन, एक्स्ट्रेक्शन के लोकेशंस और दूसरी विशेषताओं में भिन्नता है.

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भारतीय संदर्भ में ब्रेंट क्रूड वह कमोडिटी है जो आमतौर पर मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (MCX) या नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) में ट्रेड होती है. रिटेल निवेशक के लिए कमोडिटी ऑयल फ्यूचर्स शब्द का इस्तेमाल कच्चे तेल के स्टॉक खरीदने के लिए किया जाता है. यह बड़े पैमाने पर अनुमानित होता है और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, ओएनजीसी जैसी तेल कंपनियां इसका हाई वॉल्यूम में कारोबार करती हैं. दुनियाभर में ऊर्जा संबंधी इस्तेमाल को देखते हुए कच्चे तेल का मार्केट सबसे डाइनामिक मार्केट्स में से एक है और निवेशकों को हर दिन होने वाले लेनदेन के आकार के बारे में जानकारी होनी ही चाहिए.

हर दिन 3000 करोड़ रु से ज्यादा के कॉन्ट्रेक्ट्स ट्रेड

हर दिन क्रूड ऑयल एमसीएक्स फ्यूचर्स के कॉन्ट्रेक्ट्स ट्रेड 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा के होते हैं और यह 10 बैरल और आम तौर पर 100 बैरल के बैच में होते हैं. इसमें प्रॉमिसिंग रिटर्न के साथ छोटे निवेश की आवश्यकता हो सकती है, वे अत्यधिक अप्रत्याशित हो सकते हैं और अक्सर विशेषज्ञ का गाइडेंस लेने की आवश्यकता होती है।

क्रूड एक फ्यूचर ट्रेड कमोडिटी है, इसलिए निवेशकों को कॉन्ट्रेक्ट के लिए हर महीने, आमतौर पर महीने की 19 या 20 तारीख को कॉन्ट्रेक्ट खत्म होते हैं. ऐसे में अपने पोर्टफोलियो में आखिर समय में जाकर खुद को रीपोजिशन करना जरूरत बन जाता है.

इसके अलावा प्राकृतिक आपदा और स्वास्थ्य संकट की वजह से तेल क्षेत्र और उत्पादन इकाई बंद हो सकते हैं. इससे अक्सर कमोडिटी की ओवरसप्लाई या शॉर्टेज हो जाती है. इस संबंध में यह जानना जरूरी है कि कोविड-19 महामारी की फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना वजह से दुनियाभर में लॉकडाउन रहा और इससे मांग कमजोर हुई है. इससे एक समय में कीमतों में भी गिरावट आई. दुनियाभर में हवाई जहाज ठप होने और इम्पोर्ट करने वाले प्रमुख देशों में लॉकडाउन के कारण ईंधन की खपत अब तक के निचले स्तर पर है.

उदाहरण के लिए 20 अप्रैल 2020 को WTI क्रूड ने अंडर-बॉन्ड क्रूड और सप्लाई की अधिकता की वजह से अब तक का सबसे कम -40 डॉलर प्रति बैरल भाव दर्ज किया था. ओवरसप्लाई के कारण बाजार में बिना खरीदा स्टॉक बहुत ज्यादा हो गया था. हालांकि, अगस्त 2020 तक डब्ल्यूटीआई 200% की वृद्धि दर्ज करते हुए +42 डॉलर प्रति बैरल की स्थिति पर पहुंच गया है. ये घटनाक्रम मांग फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना और आपूर्ति का एक परिणाम हैं, जिसमें पोस्ट-लॉकडाउन रिकवरी ने वृद्धि को प्रभावित किया. अगर सही तरीके से निवेश किया जाए, तो यह पता चलता है कि 4 महीने में यहां तक कि रिटेल निवेशक भी 200% मुनाफा कमा सकते हैं, लेकिन मांग और आपूर्ति के खेल में उन्हें सतर्क रहना होगा.

इसके अलावा अगर मिडिल-ईस्ट में कोई संघर्ष होता है जैसे कि ईरान का सऊदी अरब की ऑइल फील्ड पर ड्रोन अटैक या अमेरिका-चीन ट्रेड को लेकर टकराव, तो इन परिस्थितियों में जोखिम और कीमतें बढ़ती हैं. अगर चीन को लेकर अमेरिका की सख्ती के बीच यूएस क्रूड खरीदना है तो सौहार्दपूर्ण बातचीत की संभावना बढ़ जाती है और इसका कच्चे तेल की कीमतों पर असर पड़ेगा. ब्रोकरेज फर्मों में विशेषज्ञों की सहायता के माध्यम से स्ट्रैटजी तैयार करने, खासकर कच्चे तेल के शेयरों में उतार-चढ़ाव में निवेश करने के लिए भारतीय निवेशकों के लिए वैश्विक घटनाक्रम पर नजर रखना सही रहेगा.

तेल कंपनियों की हेजिंग स्ट्रैटजी और भारतीय हकीकत

क्रूड ट्रेड ग्लोबल इकोनॉमी और एनर्जी ट्रेड की छवि की तरह है. विमानन कंपनियों, तेल कंपनियों, रिफाइनरियों आदि ने अक्सर दुनियाभर में होने वाली घटनाओं, घरेलू स्तर पर उनकी भंडारण क्षमता और कच्चे तेल के कम कीमत के आधार पर अपने दांव को हेज किया है.

अगर उन्हें लगता है कि कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, तो वे बाजार पर खरीद को लेकर हेजिंग स्ट्रैटजी बनाते हैं. अगर उनके पास भंडारण करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है तो ऑयल फ्यूचर खरीदना उनकी मदद करता है. जब कीमत बढ़ती है, तो अतिरिक्त संसाधनों को खर्च करने की जरूरत नहीं होती, जिससे जोखिम कम हो जाता है.

IndiGo, Spicejet, Air India जैसी विमानन कंपनियां जरूरी एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) के जरिए कच्चे तेल के नेट यूजर हैं. उनकी रिस्क मिटिगेशन स्ट्रैटजी व्यक्तिगत निवेशकों के लिए उपयोगी है. वे तेल कंपनियों पर पिगीबैकिंग के जरिए तेल कंपनियों और विमानन कंपनियों के ऑइल फ्यूचर्स के ट्रेंड्स पर कमोडिटी मूवमेंट्स ट्रैक करते हैं.

सोने या चांदी के मुकाबले बाजार के आकार के मामले में सबसे बड़ी कमोडिटी होने के नाते कच्चे तेल में कीमत में मूवमेंट होता ही है. भारत, चीन और कई दूसरे एशियाई देश नेट इम्पोर्टर हैं, वे अक्सर ऑइल फ्यूचर को जारी रखते हैं. लगातार मूवमेंट्स के साथ लाभप्रदता की बेहतर संभावनाएं आती हैं. इसके अलावा पूरी दुनिया में निहित स्वार्थों की वजह से कच्चे तेल के ट्रेड की बाधाओं को दूर करना महत्वपूर्ण हो जाता है.

खासकर इस बात फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना को देखते हुए कि मिडिल-ईस्ट में कई देशों के लिए यह राजस्व का एक बड़ा स्रोत है. जब तक ऐसे देश हैं जिन्हें क्रूड इम्पोर्ट करने की जरूरत है, तब तक कीमतों और कमोडिटी में मूवमेंट होता है और यह इकोनॉमी के लिए अच्छा है. भारतीय निवेशकों के लिए, यह हेज का अच्छा विकल्प है, यह देखते हुए कि हमारी खपत का 80% कच्चा तेल इम्पोर्ट होकर आता है.

वैश्विक मांग के डर से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई

कमोडिटीज 18 नवंबर 2022 ,20:45

वैश्विक मांग के डर से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई

© Reuters

में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:

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जेफ्री स्मिथ द्वारा

Investing.com - कच्चे तेल की कीमतें शुक्रवार को सितंबर के बाद से सबसे निचले स्तर पर आ गईं, क्योंकि दुनिया के दो बड़े केंद्रीय बैंकों की कड़ी बातचीत ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए दृष्टिकोण और इसके परिणामस्वरूप तेल की मांग के बारे में आशंकाओं को प्रबल कर दिया।

गुरुवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों की हॉकिश टिप्पणियों के बाद यूरोपीय सेंट्रल बैंक के अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्ड की पहली स्वीकारोक्ति थी कि यूरोजोन के केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति को कम करने के लिए अर्थव्यवस्था को सक्रिय रूप से धीमा करने के लिए ब्याज दरों को अपने तटस्थ स्तर से ऊपर उठाना होगा।

इस तरह की बातें तेल के लिए दुनिया के तीन सबसे बड़े मांग केंद्रों में से दो को बाजारों की कीमत की तुलना में गहरी मंदी के लिए तैयार करती हैं।

10:00 ET (15:00 GMT), यू.एस. कच्चा वायदा भाव 4.1% गिरकर 78.31 डॉलर प्रति बैरल पर था, जबकि ब्रेंट क्रूड 3.9% गिरकर 86.23 डॉलर प्रति बैरल पर था।

स्पॉट फिजिकल मार्केट भी कमजोर कारोबार कर रहा था, कई लोगों ने देखा कि दिसंबर में वितरित कार्गो की कीमतें अब जनवरी की तुलना में छूट पर थीं, सामान्य वक्र संरचना का उलटा होना जो आमतौर पर निकट अवधि की मांग में बहुत कमजोर होने का संकेत देता है। एक सप्ताह के व्यवधान के बाद प्रमुख नाइजीरियाई फोरकाडोस निर्यात टर्मिनल को फिर से खोलने से भौतिक बाजार पर और बोझ पड़ गया।

अमेरिका और सऊदी अरब के बीच मामूली तालमेल के संकेतों से हॉकिश सेंट्रल बैंक की बातों का प्रभाव बढ़ गया था, जो विश्व अर्थव्यवस्था के लिए कच्चे तेल की आपूर्ति के सही स्तर पर फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना पूरे साल लॉगरहेड्स में रहे हैं, जो एक असमान पोस्ट-महामारी रिकवरी का अनुभव कर रहे हैं।

बिडेन प्रशासन ने गुरुवार को एक अमेरिकी अदालत को बताया कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की सरकार के सेवारत प्रमुख के रूप में स्थिति उन्हें एक असंतुष्ट पत्रकार जमाल खशोगी की मंगेतर द्वारा लाए गए एक दीवानी मुकदमे से प्रतिरक्षा प्रदान करेगी, जिसकी 2018 में हत्या कर दी गई थी। हत्या की संयुक्त राष्ट्र की जांच ने यह सिफारिश करके निष्कर्ष निकाला था कि राजकुमार को हत्या के संबंध में स्वीकृत सऊदी अधिकारियों में शामिल किया जाना चाहिए।

सऊदी अरब ने अक्टूबर में उच्च तेल उत्पादन की अमेरिकी मांगों को ठुकराने में ओपेक का नेतृत्व किया था, जिससे संबंधों में अतिरिक्त ठंडक आ गई थी। अदालत की खबर ने खाड़ी से आगे बढ़ने वाले अधिक सहयोगात्मक रवैये की आशा को बढ़ावा दिया है।

इस बीच, फारस की खाड़ी के उस पार, युवा प्रदर्शनकारियों ने ईरान में सविनय अवज्ञा के अपने अभियान को आगे बढ़ाया, जिससे वहां सत्ता पर इस्लामी क्रांतिकारियों की 43 साल की पकड़ ढीली हो गई। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के अधिकार को एक जोरदार चुनौती देते हुए इस्लामिक क्रांति के जनक स्वर्गीय अयातुल्ला खुमैनी के घर को जलाने में सफलता प्राप्त की।

अन्य जगहों पर, रूसी तेल निर्यात पर मूल्य सीमा लगाने की G7 की योजना को समझने के लिए बाजार संघर्ष कर रहे थे। यूरोपीय संघ 5 दिसंबर से रूसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार है, लेकिन यूरोपीय संघ के झंडे वाले जहाजों को इसे तीसरे देशों में ले जाने की अनुमति देगा, बशर्ते कि सहमत मूल्य एक निश्चित सीमा से कम हो। इस योजना की व्यापक रूप से अव्यावहारिक और इसे रोकने के लिए काला बाज़ार तंत्र को निमंत्रण के रूप में आलोचना की गई है।

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