गुप्त धन

4- जो व्यक्ति सपने में मोती, मूंगा, हार, मुकुट आदि देखता है, उसके घर में लक्ष्मी स्थाई रूप से निवास करती है।
जमीन में गड़ा हुआ धन कैसे जाने
यूं तो जमीन में गढ़े खजाने को ढूंढने के लिए कई वैज्ञानिक उपकरण आ गए हैं फिर भी भारतीय तांत्रिक ग्रन्थों के अनुसार कुछ ऐसे संकेत होते हैं जिन्हें देख कर उस जगह पर गढ़ा धन छिपा होने का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
कौतुक चिन्तामणि में कहा गया है कि जहां की मिट्टी में कमल के फूल जैसी गंध आती है, वहां पर धन-सम्पदा छिपी होती है। इसी प्रकार यदि किसी स्थान विशेष पर बाज, कौआ, बकुला या अन्य बहुत सारे पक्षी बैठते हैं, वहां भी जमीन में धन छिपा होता है।
शास्त्र में कहा गया है कि यदि किसी जगह बहुत सारे पेड़ हो लेकिन उनमें भी किसी एक पेड़ पर ही पक्षी बैठते हों। इसमें भी यदि उस पेड़ पर बाज और कबूतर जैसे एक दूसरे के शत्रु जानवर एक साथ बैठे दिखाई दें तो उस जगह पर निश्चित ही जमीन में धन छिपा होता है।
कौतुक चिन्तामणि में ही लिखा है कि जो भूमि आसपास कोई जल का स्त्रोत नहीं होने पर भी सूखे नहीं बल्कि नम दिखाई दे। साथ ही आस पास किसी काले सर्प के होने की निशानी मिले तो वहां पर जमीन में धन छिपा हुआ होता है।
Astrology: कुंडली में ग्रहों की ऐसी स्थिति से व्यक्ति को प्राप्त होता है आकस्मिक धन, देखें- कहीं आपकी कुंडली में तो नहीं बन रहा यह संयोग
Akasmik Yog In Kundli: कुंडली में चतुर्थेश एवं लाभेश नवम भाव में हो गुप्त धन तो आकस्मिक धनलाभ के योग बनते हैं- (जनसत्ता)
Dhan Yog In Kundli: आप लोगों ने देखा होगा कि किसी- किसी व्यक्ति को अचानक से आकस्मिक धन की प्राप्ति होती है। साथ ही किसी को गुप्त धन की भी प्राप्ति होती है। जिसके बारे में उनको पता तक नहीं होता है। दरअसल वैदिक ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति और कुछ ऐसे शुभ योग होते हैं, जिनके प्रभाव से व्यक्ति को गुप्त और आकस्मिक धन की प्राप्ति होती है। साथ ही जिन ग्रहोंं की वजह से आकस्मिक धन योग (Dhan Yog In Horoscope) का योग बन रहा है। उस योग का फल व्यक्ति को तब प्राप्त होता है। जब उस ग्रह की दशा व्यक्ति के ऊपर चलती है। आइए जानते हैं कुंडली में ऐसे कौन से योग होते हैं, जिससे व्यक्ति को आकस्मिक और गुप्त धन की प्राप्ति होती है…
ग्रहों की स्थिति हो ऐसी
1- यदि किसी व्यक्ति की जन्म व चंद्र कुंडली में द्वितीय स्थान (धन भाव) का स्वामी एकादश गुप्त धन स्थान ( लाभ भाव) और लाभ भाव का स्वामी धन स्थान में विराजमान हो या दोनों भाव के स्वामी एक दूसरे भाव में जिसे परिवर्तन योग भी कहा जाता है, हो तो व्यक्ति अत्यंत धनी होता है। साथ ही ऐसे व्यक्ति को शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी से धन की प्राप्ति हो सकती है।
2- किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में लग्नेश यदि लग्न में ही स्वग्रही होकर विराजमान हो तो, जातक अत्यंत धनी एवं भाग्यशाली होता है। ऐसे लोगों को गुप्त धन की प्राप्ति होती है।
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आइये जानें सपने में गड़ा हुआ धन देखने या मिलने का क्या अर्थ है?
हमारे हिन्दू शास्त्रों में लगभग हर कृत्य के पीछे एक ठोस कारण छिपा हुआ है, यानी इस संसार में जो भी घटित हो रहा या घटित होने की संभावना है उसके होने का कोई न कोई कारण तो है। भगवान कृष्ण ने भी कहा है कि मनुष्य द्वारा किये जा रहे कर्म उनके पूर्व जन्म में किये गए कर्मों का ही फल हैं।
आज हम कर्म या भविष्य का लेखा जोखा रखने वाले सपनों की बात करेंगे, वो सपनें जो हमारे लिए भले ही इतने महत्वपूर्ण न हो पर उनका कोई न कोई अर्थ तो जरूर है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि हिन्दू धर्म के स्वप्न शास्त्र स्वयं ही इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। आज के इस लेख में हम सपने में खजाने या गड़े हुए खजाने को देखने के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं की बात करने जा रहे हैं।
सपने में गड़ा हुआ खजाना देखना ( Sapne me gada hua khajana dekhna )
हमारे वैदिक ग्रंथों में रावण सहिंता और वराह संहिता स्वप्न फल को जानने के लिए सबसे उत्तम माने जाते हैं। लोगों को सपने बड़े ही विचित्र से आते हैं कई बार तो उन सपनों का कोई अर्थ ही नहीं निकलता है पर सपनों में हमारा जोर तो चलता नहीं है। कुछ लोग सपनें में कहीं पर गड़ा हुआ खजाना देख लेते हैं फिर उन्हें लगता है कि यह सच हो सकता है। फिर वे जी जान से उस गड़े हुए खजाने को ढूंढने में जुट जाते हैं।
शायद लोगों को यह नहीं मालूम कि सपने में गड़े हुए खजाने को देखने का अर्थ यह नहीं है। जब भी कोई व्यक्ति सपने में गड़ा धन मिलना देखता है तो यह रावण सहिंता और वराह सहिंता के अनुसार यह नहीं कहता कि उस व्यक्ति को कहीं पर गड़ा हुआ खजाना मिल ही जाएगा। दरअसल इसका अर्थ यह भी हो सकता है कि उस व्यक्ति को अचानक धन मिलने या सम्मान-प्रतिष्ठा हासिल होने की संभावना है। गड़ा धन मिलने के संकेत है कि आपको अज्ञात स्त्रोतों से धन की प्राप्ति हो सकती है और समाज में प्रतिष्ठा मिल सकती है।
अब आपको बताते हैं कि आखिर कब आपको गड़ा हुआ धन प्राप्त होने की संभावना अत्यधिक होती है और गुप्त धन मिलने के संकेत क्या होते हैं? :
रावण सहिंता और वराह सहिंता के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को गड़े हुए खजाने के मिलने की संभावनाएं होती हैं तो उसे सपनें में सफेद नाग दिखाई देता है। वह सफेद नाग जिस स्थान पर दिखाई देता हैं वहीँ पर गड़ा हुआ खजाना मिलने की संभावना होती है।
आपको बता दें कि सपने में दिखने वाला सफेद नाग कोई सामान्य नाग नहीं बल्कि नाग के रूप में पितर होते हैं जो अपने वंशजों को गड़े हुए खजाने ( Gada hua khajana ) पाने के लिए संकेत दिया करते हैं। पितर अपने ही द्वारा छिपाए गए खजाने के रक्षक होते हैं जो अपने परिवार जनों को बार बार सफेद नाग के रूप में सपने में आकर संकेत दिया करते हैं और गुप्त धन के बारे में जानकारी देते हैं।
धन प्राप्ति से जुड़े 30 गुप्त संकेत-30 secret signs related to receiving money
Dhan Prapti Ke Sanket : धन प्राप्ति से जुड़े 30 गुप्त संकेत – हिंदू धर्म में संकेतों की मान्यता भी प्रचलित है। ये संकेत भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में हमें पहले से ही सूचित कर देते हैं। इन संकेतों का माध्यम सपने हो सकते हैं या किसी पशु, पक्षी की कोई खास हरकत भी। कुछ संकेत ऐसे भी होते हैं, जो हमें धन लाभ होने के बारे में पहले से ही बता देते हैं। आवश्यकता है बस उन संकेतों को समझने की।आज हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे ही संकेतों के बारे में जो लक्ष्मी (धन) आगमन के बारे में हमें पहले से ही सूचित कर देते हैं। गुप्त धन ये हैं वो संकेत-
1- अगर आपके शरीर के दाहिने भाग में या सीधे हाथ में लगातार गुप्त धन खुजली हो, तो समझ लेना चाहिए कि आपको धन लाभ होने वाला है।
2- यदि कोई सपने में देखे कि उस पर कानूनी मुकदमा चलाया जा रहा है, जिसमें वह निर्दोष छूट गया है, तो उसे अतुल धन संपदा की प्राप्ति होती है।
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Details About गुप्त धन Gupt Dhan Hindi Book PDF
Hindi Title: | गुप्त धन |
PDF Name: | Gupt Dhan |
Book By: | Premchand |
Language: | Hindi |
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गुप्त धन Gupt Dhan Book Review in Hindi
प्रेमसिंह दुनिया में बिलकुल अकेला था। उसकी सारी उम्र लड़ाइयों में खर्च हुई थी। मगर जब जिन्दगी की शाम आई और वह सुबह की जिन्दगी के टूटे-फूटे झोंपड़े में फिर आया तो उसके दिल में एक अजीब ख्वाहिश पैदा हुई। अफसोस, दुनिया में मेरा कोई नहीं! काश, मेरे भी कोई बच्चा होता! जो ख्वाहिश शाम के वक्त चिड़ियों को घोंसले में खींच लाती है और जिस ख्वाहिश से बेकरार होकर जानवर शाम को अपने थानों की तरफ चलते हैं, वही ख्वाहिश प्रेमसिंह के दिल में मौजें मारने लगी।
ऐसा कोई नहीं, जो सुबह के वक्त दादा कहकर उसके गले से लिपट जाए। ऐसा कोई नहीं, जिसे वह खाने के वक्त कौर बना-बनाकर खिलाए। ऐसा कोई नहीं, जिसे वह रात के वक्त लोरियाँ सुना-सुनाकर सुलाए गुप्त धन । यह आकांक्षाएँ प्रेमसिंह के दिल में कभी न पैदा हुई थीं। मगर सारे दिन का अकेलापन इतना उदास करने वाला नहीं होता जितना शाम का। एक दिन प्रेमसिंह बाजार गया हुआ था। रास्ते में उसने देखा कि एक घर में आग लगी हुई है।
गुप्त धन Gupt Dhan Book Review in English
Prem Singh was all alone in the world. All his life was spent in battles. But when the evening of life came and he returned to the broken huts of morning life, a strange desire arose in his heart. Alas, I have none in the world! I wish I had a child too! The desire which attracts the birds to the nest in the evening and the desire with which the animals walk towards their police stations in the evening, गुप्त धन the same desire started to strike Prem Singh’s heart.
There is no one who can hug him by calling him Dada in the morning. There is no one whom he can feed into a mouthful at the time of eating. There is no one whom he can put to sleep by reciting lullabies during the night. These aspirations were never born in Prem Singh’s heart. But the loneliness of the whole day is not so depressing as the evening. One day Prem Singh had gone to the market. On the way, he saw that a house was on fire.