क्या इंटरनेट पर ऑनलाइन आय है?

- प्रश्न- यदि विद्यार्थी एक जनपद का निवासी है किन्तु दूसरे जनपद में अध्ययनरत है, तो वह प्रवेश परीक्षा हेतु पात्र है अथवा नहीं? यदि पात्र है तो वह किस जनपद से आवेदन कर सकते हैं।
उत्तर- विद्यार्थी जिस जनपद में अध्ययनरत है, के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित (राजकीय/मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय) से आवेदन कर सकते हैं किन्तु उनको अपने अभिभावक के जनपद के स्थायी निवास एवं आय प्रमाण—पत्र प्रस्तुत करना होगा। - प्रश्न- आवेदन पत्र तथा इंटरनेट से डाउनलोड की छायाप्रति पर आवेदन—पत्र संख्या किस प्रकार और कौन अंकित करेगा तथा आवेदक क्या इंटरनेट पर ऑनलाइन आय है? को आवेदन—पत्र का क्रमांक कैसे ज्ञात होगा?
उत्तर- आवेदक द्वारा आवेदन की छायाप्रति प्रस्तुत करने पर खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा उक्त आवेदन पर “फोटोस्टेट/विकास खण्ड का नाम तथा क्रमांक
क्या इंटरनेट पर ऑनलाइन आय है?
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महत्वपूर्ण जानकारी
- प्रश्न- यदि विद्यार्थी एक जनपद का निवासी है किन्तु दूसरे जनपद में अध्ययनरत है, तो वह प्रवेश परीक्षा हेतु पात्र है अथवा नहीं? यदि पात्र है तो वह किस जनपद से आवेदन कर सकते हैं।
उत्तर- विद्यार्थी जिस जनपद में अध्ययनरत है, के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित (राजकीय/मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय) से आवेदन कर सकते हैं किन्तु उनको अपने अभिभावक के जनपद के स्थायी निवास एवं आय प्रमाण—पत्र प्रस्तुत करना होगा। - प्रश्न- आवेदन पत्र तथा इंटरनेट से डाउनलोड की छायाप्रति पर आवेदन—पत्र संख्या किस प्रकार और कौन अंकित करेगा तथा आवेदक को आवेदन—पत्र का क्रमांक कैसे ज्ञात होगा?
उत्तर- आवेदक द्वारा आवेदन की छायाप्रति प्रस्तुत करने पर खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा उक्त आवेदन पर “फोटोस्टेट/विकास खण्ड का नाम तथा क्रमांक
ऑनलाइन किताब से फायदा या नुकसान
आज लोग एक क्लिक में सबकुछ आसानी से पा सकते हैं। रोजमर्रा के सामान, दवाइयां, खाना सबकुछ अब अपने मोबाइल से एक बटन दबाकर अगले 30 मिनट में आप अपने घर आसानी से मंगा सकते हैं। धीरे-धीरे अब लोग किताबें भी घर बैठे ही मंगा रहे हैं। कोरोना काल में इन चीजों का चलन काफी तेजी से बढ़ा है। बड़े-बुजुर्ग अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत हुए हैं और उनके बच्चे भी उन्हें बाहर भेजने से बचते हैं, इसलिए उनकी जरूरत का कोई भी सामान सीधे घर मंगवा लेते हैं। किताबों की ऑनलाइन बिक्री के कई फायदे हैं तो कई सारे नुकसान भी सामने आते हैं।
पटना पुस्तक मेला के आयोजक अमित झा बताते हैं कि ऑनलाइन किताबों की खरीद-बिक्री का चलन पिछले पांच-सात वर्षों में तेजी से बढ़ा है। इसने देशभर के किताब दुकानदारों को काफी प्रभावित किया है। हालांकि बड़े शहरों की दुकानों की चकाचौंध लोगों को आकर्षित करती है, लेकिन छोटे शहरों और कस्बाई इलाकों के दुकानदारों की आजीविका पर इसने सीधा असर डाला है। ऑनलाइन खरीद में ग्राहक को रिफंड का विकल्प मिलता है, लेकिन दुकानों में इस तरह के फायदे से ग्राहक वंचित हैं। इसका सीधा कारण है कि ऑनलाइन स्टोर पर प्रकाशक अपनी किताबों की सीधी बिक्री करता है और वह किताब वापस होने का 5-10 फीसदी मार्जिन लेकर चलता है, लेकिन दुकानों में यह इसलिए नहीं होता है क्योंकि ग्राहक अगर किताबें ले जाता है तो उसमें मुड़ने-सिकुड़ने का भय बना रहता है और फिर उसकी खरीद कोई अन्य ग्राहक नहीं करेगा और प्रकाशक भी उसे वापस नहीं लेगा।
अमित बताते हैं, ‘दुकानदारों को नयापन लाने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि पाठक उनतक अपनी पहुंच बना सके। सभी किताबें अगर दुकानों में मिले तो क्या इंटरनेट पर ऑनलाइन आय है? भी पाठक वहां आ सकता है, लेकिन यह उतना सरल नहीं है जितना कहने में लगता है।’ तो क्या धीरे-धीरे पाठक ऑनलाइन ही किताबें खरीदने लगेंगे, पुस्तक मेला आदि का क्रेज कम हो जाएगा। इस सवाल पर अमित कहते हैं, ‘नहीं, एकदम से ऐसा नहीं होने जा रहा है। किताब दुकानों में घूम-घूम कर किताबों के खरीदने का चलन कभी खत्म नहीं हो सकता है, भले इसमें थोड़ी कमी आ सकती है।’
अमित कहते हैं, ‘किताबों की ऑनलाइन बिक्री होने से प्रकाशकों को असर नहीं पड़ता है, उनकी किताबें उतनी ही बिकती हैं जितनी दुकानों में बिकती हैं। हां यहां उन्हें मुनाफा ज्यादा मिलता होगा क्योंकि किताबों की बिक्री का एक हिस्सा उन्हें दुकानदारों को भी चुकाना पड़ता, लेकिन ऑनलाइन में ऐसा नहीं होता है। हां, लेकिन दुकानदारों के अर्थ पर इसने काफी चोट पहुंचाया है। किताबों की ऑनलाइन बिक्री से दुकानों से होने वाली खरीद काफी कम हो गई है। नए जमाने के पाठक यानी युवा वर्ग दुकानों में आकर खरीदना नहीं चाहता है। वह मोबाइल से सीधे ऑर्डर करता है और किताब एक-दो दिन में उसके घर पहुंच जाती है। इससे दुकानदारों की आय पर प्रतिकूल असर पड़ा क्या इंटरनेट पर ऑनलाइन आय है? है। पहले जहां हर दिन अगर किसी दुकानदार को किताबों की बिक्री से 1,000 रुपये की आय होती थी, तो वह अब घटकर 200-300 रुपये हो गया है।‘
हालांकि चर्चित साहित्यकार और कथाकार पद्मश्री उषा किरण खां का ऐसा मानना नहीं है। वह कहती हैं कि नए जमाने के पाठकों को अगर यही रास आ रहा है तो ठीक है। खां कहती हैं, ‘युवा वर्ग अगर ऑनलाइन किताबें मंगाकर पढ़ता है तो यह अच्छी बात है। आज लोग पढ़ना कम कर दिए हैं। अगर किसी भी कारण कोई पढ़ रहा है तो इसे प्रोत्साहित करना चाहिए।‘
कोविड के कारण उम्रदराज लोगों का घर से बाहर निकलना कम हो गया है। जिस कारण वे किताबों की दुकान नहीं जा पा रहे हैं और मोबाइल, कंप्यूटर आदि पर डिजिटल कॉपी पढ़ने में उन्हें दिक्कत आती है और उन्हें अक्षर पढ़ने के लिए आंखों पर काफी जोड़ देना पड़ता है, ऐसे में ऑनलाइन किताब मंगवाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। खां बताती हैं, ‘किताब एक स्थायी भाव होता है। आज सभी लोगों को अपने पास किताबें रखनी चाहिए और हर दिन एक किताब पढ़नी चाहिए। इसकी वकालत मैं करूंगी।’ 2015 में शुरू हुए ई-लर्निंग एप नॉटनल के संस्थापक नीलाभ श्रीवास्तव कहते हैं कि हमलोगों ने कई नए लेखकों को अपनी लेखनशैली के प्रदर्शन का उचित मंच दिया है। नए जमाने के लेखक हमसे जुड़कर बढ़िया कर रहे हैं।
हिंदी साहित्य के साथ-साथ अन्य भाषाई लेखकों की किताबें लोग ऑनलाइन पढ़ सकते हैं। लेखक और शिक्षाविद् ध्रुव कुमार बताते हैं कि किताबों की ऑनलाइन बिक्री समय की जरूरत है। अभी भी देश के कई ऐसे इलाके हैं जहां किताबों की बडी दुकानें नहीं हैं और वहां के पाठकों को पसंद या जरूरत की किताबों को खरीदने के लिए लंबी दूरी तय करनी होती है। ऑनलाइन किताबों की डिलिवरी होने से उन्हें राहत है। अब तो कस्बाई इलाकों तक यह ऐसी कंपनियां हैं जो पाठकों के घर तक किताबें पहुंचा देती हैं। हालांकि ऐसा भी नहीं है कि ऑनलाइन किताबों की बिक्री शुरू हो जाने के बाद दुकानों पर बिक्री एकदम खत्म हो गई है या फिर कम हो गई है।
ध्रुव कहते हैं, ‘देश की अधिसंख्य आबादी अब भी किताबों की दुकानों पर जाकर किताब खरीदना पसंद करती है। 20-30 फीसदी लोग ही किताबों की ऑनलाइन खरीद करते हैं। ऑनलाइन खरीद का एक बढ़िया कारण यह है कि किताबों पर अच्छी छूट मिल जाती है, जो कई बार दुकानों पर नहीं मिल पाती है। ऑनलाइन किताबों की बिक्री होने से प्रकाशकों और लेखकों का प्रसारक्षेत्र भी बढ़ा है। बदलते समय के साथ लोगों की रुचि में भी बदलाव आया है और यह कुछ हद तक सही भी है।’ ध्रुव कहते हैं कि किताब कहीं से भी मंगवाएं लेकिन आज की युवापीढ़ी इसे पढ़े जरूर।
देश के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों पर शोध कर रहे लेखक सुधीर बताते हैं कि ऑनलाइन और ऑफलाइन किताब मंगाने के फायदे-नुकसान दोनों हैं। कई ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में आपको इंटरनेट पर जानकारी नहीं मिलेगी इसके लिए आपको अभिलेखागार का ही रुख करना पडेगा, इसलिए जिनकी जानकारी इंटरनेट पर सुलभ नहीं है उनके बारे में कोई किताब भी ऑनलाइन किताब बेचने वाली कंपनियों के पोर्टल पर नहीं मिलती हैं।
सुधीर कहते हैं कि उनकी तो कई किताब दुकानदारों से हर दिन मुलाकात होती है। वह बताते हैं कि पढ़ने वाला तबका आज भी दुकानों का ही रुख करता है। हां थोड़ी कमी आई है, लेकिन एकदम से धंधा मंदा नहीं हो गया है। सुधीर कहते हैं, ‘ऑनलाइन किताब ऑर्डर करने पर आप सिर्फ उसे ही खोजते हैं जो आपकी पसंद है और जिसे आप पढ़ना चाहते हैं और वो मिल जाती है तो आप ऑर्डर कर देते हैं। लेकिन, दुकानों में जाकर ऐसा नहीं होता है। दुकान में जब आप जाते हैं तो पसंद की किताबों के अलावा वहां मिल रहीं और किताबों पर भी आपकी नजर जाती है तो आप आकर्षित हो जाते हैं।’
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नौकरी के साथ शुरू करें यह कारोबार, सिर्फ 15 मिनट देकर हर महीने करें मोटी कमाई, जानिए कैसे?
Business Idea- अगर आप भी घर बैठे हर महीने मोटी कमाई (How to earn money?) करना चाहते हैं तो आज हम आपको एक ऐसा बिजनेस आइडिया दे रहे हैं, जिसमें आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. सबसे खास बात तो यह है कि आप यह बिजनेस नौकरी के साथ कर सकते हैं.
- News18Hindi
- Last Updated : January 04, 2022, 12:34 IST
नई दिल्ली. महंगाई इतनी बढ़त गई है कि अब ज्यादातर लोग नौकरी के अलावा अतिरिक्त इनकम (Extra income) की तलाश में रहते हैं. खासकर मध्यम आय वाले व्यक्तियों के लिए वेतन के पैसों (Salary) से घर खर्च चलाना ही मुश्किल हो जाता है, ऐसे में अन्य खर्चों के लिए पैसों की जरूरत (Need money) पड़ती है. अगर आप भी अपनी नौकरी के साथ कुछ अतिरिक्त कमाई (How to earn money) करना चाहते हैं, तो आज हम आपको कुछ ऐसे आइडिया (earning ideas) दे रहे हैं, जहां से आप हर महीने मोटी कमाई (Earn money) कर सकते हैं.
बता दें कि इस काम के लिए आपको घर से बाहर (easy way to earn money from home) निकलने की भी जरूरत नहीं है. इस बिजनेस को आप यात्रा के दौरान, गांव या कहीं भी कर सकते हैं. इसके लिए आपको कोई बहुत बड़ी जगह की भी जरूरत नहीं है. इस बिजनेस के लिए सिर्फ आपके पास स्मार्टफोन या लैपटॉप (business via smartphones) होना जरूरी है.
आइये अब जान लेते हैं कौन से ऐसे बिजनेस हैं जहां अच्छी कमाई कर सकते हैं.
तस्वीरें बेचकर पैसा कमाना
अगर आपको फोटोग्राफी का शौक है या फिर आप ऐसे इलाके में रहते हैं, जहां तस्वीरों की काफी डिमांड है? इस तरह के शौक रखने वाले लोगों को बता दें कि स्टॉक फोटोग्राफी वेबसाइट्स अपने आप में तस्वीरों का भंडार है. जो लगभग हर एक सब्जेट को कवर करती है. अब ये भी जान लीजिए कि ये काम कैसे करता है?
फोटोग्राफर अपनी तस्वीरों को डाटाबेस में से किसी भी एक कैटेगरी में अपलोड कर सकते हैं. किसी भी मैग्जीन एडिटर, डिजाइनर या फिर ऑर्गेनाइजेशन को आप वेबसाइट से कनेक्ट कर सकते हैं, ताकि यहां से आपकी फोटोज को खरीदा जा सके. स्टॉक वेबसाइट्स की सबसे अच्छी खासियत ये है कि क्या इंटरनेट पर ऑनलाइन आय है? इसके जरिए आप कितनी भी बार अपनी फोटोज को बेच सकते हैं. फोटो वेबसाइट्स की लिस्ट में शटरस्टॉक, फोटोशेल्टर और गेटी इमेज जैसे बड़े नाम शामिल हैं.
वीडियो के जरिए कमाई
पिछले कुछ सालों में यूट्यूब वीडियो कंटेंट का बहुत बड़ा स्रोत बनकर उभरा है. शायद ही ऐसा कोई होगा, जिसका यूट्यूब पर खुद का अकाउंट न हो. फिर चाहें वो बड़ी बड़ी कंपनियां हों, फिल्म स्टार्स हो या फिर आम लोग. कई लोग यूट्यूब या वीडियो कंटेंट के जरिए मोटी कमाई कर रहे हैं. लोग अपने वीडियो को मोनेटाइज (पैसा कमा सकते हैं) कराने के लिए सब्सक्रिप्शन फीस लगा सकते हैं या फिर केवल पैसा देकर कॉन्टेंट देखने के लिए पासवर्ड प्रोटेक्शन भी लगा सकते हैं, ताकि आप इससे पैसा कमा सकें. यूट्यूब में ऐसे वीडियो होंगे जिनको पूरा देखने के लिए आपसे सब्सक्रिप्शन फीस मांगी जाती है. तो यह भी एक अच्छा तरीका हो सकता है पैसा कमाने का और वो भी घर बैठे.
इंटरनेट रिसर्च और सर्वे
अगर अब कोई आपसे पूछे कि क्या दिनभर इंटरनेट में लगे रहते हो, तो आप इसका तगड़ा जवाब दे सकते हैं. क्योंकि इंटरनेट पर दिनभर लगे रहने से भी आप अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं. जी हां, बिल्कुल अच्छा पैसा कमाने का एक तरीका इंटरनेट भी है. आप अपने खाली समय में इंटरनेट सर्फिंग कर सकते हैं या फिर ऑनलाइन सर्वे भर सकते हैं. इससे आपकी कमाई भी हो सकती है. ऑनलाइन सर्वे के जरिए पैसा कमाने की एक वेबसाइट ySense भी है.
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झारखंड जाति प्रमाण पत्र ऑनलाइन आवेदन | पंजीकरण फॉर्म, SC/ST/OBC Form
झारखंड जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए राज्य सरकार नागरिको को ऑनलाइन आवेदन की सुविधा प्रदान कर रही है । राज्य सरकार ने जाति प्रमाण पत्र के आवेदन के लिए Online Portal को शुरू किया है । झारखण्ड के जो नागरिक अपना जाति प्रमाण पत्र बनवाना चाहता है तो उन्हें कही जाने की ज़रूरत नहीं है अब झारखण्ड का कोई भी नागरिक इस ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर प्रमाण पत्र बनवा सकता है। राज्य के जो नागरिक अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जन जाति ,अन्य पिछड़ा वर्ग ( SC, ST, OBC Category ) से सम्बन्ध रखते है । वह इस ऑनलाइन सुविधा का लाभ उठा सकते है ।
Jharkhand Jati Praman Patra Online Apply
Jharkhand Jati Praman Patra के ज़रिये राज्य के नागरिको की आधिकारिक रूप से जाति की पहचान होती है । आपको बता दे जाति प्रमाण पत्र केवल अनुसूचित जाति , अनुसूचित जन जाति ,और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगो को ही प्रदान (Caste certificate is only given to people belonging to scheduled castes, scheduled tribes, and other backward classes.) किया जाता है । झारखण्ड के जो इच्छुक लाभार्थी Jharkhand Caste Certificate बनवाने के लिए आवेदन करना चाहते है तो वह घर बैठे झारखंड सरकार की ई -डिस्ट्रिक्ट की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर आसानी से ऑनलाइन आवेदन कर सकते है । भारत तेज़ी से पूर्णतः डिजिटलीकरण की और आगे बढ़ रहा है इसी क्रम में सभी प्रमाण पत्रों की आवेदन प्रकिया को ऑनलाइन किया गया है ।
SC/ST/OBC Caste Certificate Jharkhand का उद्देश्य
जैसे की आप लोग जानते है कि इस ऑनलाइन सुविधा के शुरू होने से पहले राज्य के नागरिको को अपना या अपने परिवार के सदस्य का जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे और बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता था इन सभी समस्याओ को देखते हुए झारखण्ड सरकार SC/ST/OBC Caste Certificate Jharkhand बनवाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल को शुरू किया गया है । अब लोग घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन क्या इंटरनेट पर ऑनलाइन आय है? आवेदन कर सकते है । अब लोगो को जाति प्रमाण पत्र बनवाने के सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और न ही किसी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा ।
Jharkhand Jati Praman क्या इंटरनेट पर ऑनलाइन आय है? Patra 2022 Highlights
योजना का नाम | Jharkhand Jati Praman Patra |
इसके द्वारा शुरू की गयी | झारखण्ड सरकार |
लाभार्थी | SC/ST/OBCजाति के लोग |
उद्देश्य | ऑनलाइन माध्यम से जाति प्रमाण पत्र | क्या इंटरनेट पर ऑनलाइन आय है?
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन |
ऑफिसियल वेबसाइट | http://jharsewa.jharkhand.gov.in/ |
जाति प्रमाण पत्र झारखण्ड के लाभ
- जाति प्रमाण पत्र का लाभ सरकारी नौकरी पाने के लिए किया जाता हैं।
- Jharkhand Jaati Praman Patra से सम्बंधित लोगो के लिए जाति प्रमाण पत्र बहुत ही महत्वपुर्ण दस्तावेज़ है ।
- इस दस्तावेज़ के ज़रिये उत्तर प्रदेश के लोग राज्य सरकारी सेवाओं और स्कूल / कॉलेजो या विश्विद्यालयों आदि में प्रवेश लेने के लिए इस्तेमाल कर सकते है ।
- आरक्षित सीटों के आवेदन के लिए जाति प्रमाण पत्र आवश्यक है।
- आरक्षित कोटे के तहत केंद्र तथा विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा जारी की जाने वाली नौकरियों के आवेदन के लिए जाति प्रमाण पत्र आवश्यक है।
- झारखण्ड जाति प्रमाण पत्र का उपयोग आप छात्रवृति प्राप्त करने के लिए भी कर सकते है ।
Jharkhand Jati Praman Patra के दस्तावेज़ ( पात्रता )
- आवेदक झारखण्ड का स्थायी निवासी होना चाहिए ।
- आरक्षित वर्ग के लिए आवेदक का नाम झारखंड सरकार द्वारा जारी एससी / एसटी, एसईबीसी और ओबीसी सूची में होना चाहिए।
- आवेदक का आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- स्वप्रमाणित घोषणा पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- मतदाता पहचान पत्र की फोटो कॉपी
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
झारखंड जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कैसे करे?
झारखण्ड के जो इच्छुक लाभार्थी अपना जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन करना चाहते है तो वह नीचे दिए गए तरीके को फॉलो करे ।