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बिटकॉइन के फायदे क्या है?

बिटकॉइन के फायदे क्या है?

बिटकॉइन क्या है किसने बनाया और कैसे खरीदें | Bitcoin In Hindi

Bitcoin Kya Hai In Hindi: बिटकॉइन का नाम तो आप लोगों ने जरुर सुना होगा, क्योंकि आज के समय में यह Crptocurrency बहुत चर्चा में है इसलिए सभी लोग बिटकॉइन के बारे में जानना चाहते हैं. बिटकॉइन या टेक्नोलॉजी में रूचि रखने वाले लोग अक्सर इंटरनेट पर सर्च करते हैं कि Bitcoin क्या होता है.

अगर आपको भी बिटकॉइन के बारे में जानना है तो यह लेख आपके लिए ही है. हमने इस लेख के द्वारा कोशिस की है कि आपको बिटकॉइन के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करा सकें.

इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Bitcoin क्या है इन हिंदी, बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया, बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है, आप कैसे एक बिटकॉइन खरीद सकते हैं, बिटकॉइन के बिटकॉइन के फायदे क्या है? फायदे और नुकसान क्या हैं और क्या भारत में बिटकॉइन लीगल है.

हमें पूरी उम्मीद है कि इस लेख में आपके बिटकॉइन से सम्बंधित अनेक सारे Confusion दूर हो जायेंगे, लेकिन उसके लिए आपको इस लेख को पूरा पढना होगा. तो चलिए शुरू करते हैं आज का यह लेख और जानते हैं बिटकॉइन क्या होता है विस्तार से.

क्या है बिटकॉइन, कैसे काम करती है और कितनी सुरक्षित है, यहां मिलेगा जवाब

बिटकॉइन

दुनिया भर में बिटकॉइन का वर्चस्व बढ़ रहा है। अब दुनिया की जानी मानी इलेक्ट्रिक कंपनी टेस्ला ने भी कह दिया है कि वह जल्द ही बिटकॉइन को अपने वाहनों के लिए भुगतान के रूप में स्वीकार करेगी। साथ ही उबर कंपनी भी बिटकॉइन की तरफ बढ रही है।

क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी है। इसकी शुरुआत साल 2009 में हुई थी, जो कि अब धीरे-धीरे इतनी लोकप्रिय हो गई है कि इसकी एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपये में के बराबर पहुंच गई है। इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है, क्योंकि भुगतान के लिए यह क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल करता है। यानी, अब इस करेंसी को भविष्य की करेंसी भी कह सकते हैं।

कैसे होता है लेन-देन
बिटकॉइन के लेन-देन के लिए उपभोक्ता को प्राइवेट की (कुंजी) से जुड़े डिजिटल माध्यमों से भुगतान का संदेश भेजना पड़ता है, जिसे दुनिया भर में फैले विकेंद्रीकृत नेटवर्क के जरिये सत्यापित किया जाता है।

इसके जरिए होने वाला भुगतान डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाले भुगतान के विपरीत है। बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है, जिसका इस्तेमाल केवल ऑनलाइन लेनदेन के लिए किया जाता है। बिटकॉइन के मूल्यों में भारी उतार-चढ़ाव के कारण अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या एक मुद्रा के रूप में कार्य करने में यह सक्षम है.


चूंकि यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित नहीं है, इसलिए निजी तौर पर इसका विनिमय होता है। इसे 'माइनिंग' नामक एक प्रक्रिया के जरिये जेनरेट किया जाता है, जिसके लिए एक खास किस्म के सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है। इसके लिए बेहतर प्रोसेसर एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति की जरूरत है, जो हमारे देश में मुश्किल है।

क्या बिटकॉइन सुरक्षित है
यह क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर है और इसलिए बहुत जोखिम भरा है। उदाहरण के लिए, जनवरी में बिटकॉइन का मूल्य बढ़कर 42,000 डॉलर हो गया, और फिर 30,000 डॉलर तक गिर गया, फिर एक हफ्ते के दौरान फिर से बढ़कर 40,000 डॉलर हो गया था।

बिटकॉइन के लिए आपके पास एक ऐप होता है जिसके जरिए आप लेन देन करते हैं। मान कर चलिए कि सर्वर से आपकी फाइल हट गई या पासवर्ड गलत हो गया तो समझ लो आपके पैसे हमेशा के लिए खो गए। हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि कुछ लोगों ने लाखों के बिटकॉइन इसलिए खो दिए क्योंकि उनके पास पासवर्ड नहीं है वह भूल गए।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने-बेचने पर थी 10 साल की जेल
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 के ड्राफ्ट में यह प्रस्ताव दिया गया था कि देश में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने वालों को 10 साल की जेल की सजा मिलेगी। ड्राफ्ट के मुताबिक इसकी जद में वे सभी लोग आएंगे जो क्रिप्टोकरेंसी तैयार करेगा, उसे बेचेगा, क्रिप्टोकरेंसी रखेगा, किसी को भेजेगा या क्रिप्टोकरेंसी में किसी प्रकार की डील करेगा। इन सभी मामलों में दोषी पाए जाने वालों को 10 साल तक की जेल की सजा मिलती थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रतिबंध हटा दिया है।

दुनिया भर में बिटकॉइन का वर्चस्व बढ़ रहा है। अब दुनिया की जानी मानी इलेक्ट्रिक कंपनी टेस्ला ने भी कह दिया है कि वह जल्द ही बिटकॉइन को अपने वाहनों के लिए भुगतान के रूप में स्वीकार करेगी। साथ ही उबर कंपनी भी बिटकॉइन की तरफ बढ रही है।

क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी है। इसकी शुरुआत साल 2009 में हुई थी, जो कि अब धीरे-धीरे इतनी लोकप्रिय हो गई है कि इसकी एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपये में के बराबर पहुंच गई है। इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है, क्योंकि भुगतान के लिए यह क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल करता है। यानी, अब इस करेंसी को भविष्य की करेंसी भी कह सकते हैं।

कैसे होता है लेन-देन
बिटकॉइन के लेन-देन के लिए उपभोक्ता को प्राइवेट की (कुंजी) से जुड़े डिजिटल माध्यमों से भुगतान का संदेश भेजना पड़ता है, जिसे दुनिया भर में फैले विकेंद्रीकृत नेटवर्क के जरिये सत्यापित किया जाता है।

इसके जरिए होने वाला भुगतान डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाले भुगतान के विपरीत है। बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है, जिसका इस्तेमाल केवल ऑनलाइन लेनदेन के लिए किया जाता है। बिटकॉइन के मूल्यों में भारी उतार-चढ़ाव के कारण अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या एक मुद्रा के रूप में कार्य करने में यह सक्षम है.


चूंकि यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित नहीं है, इसलिए निजी तौर पर इसका विनिमय होता है। इसे 'माइनिंग' नामक एक प्रक्रिया के जरिये जेनरेट किया जाता है, जिसके लिए एक खास किस्म के सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है। इसके लिए बेहतर प्रोसेसर एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति की जरूरत है, जो हमारे देश में मुश्किल है।

क्या बिटकॉइन सुरक्षित है
यह क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर है और इसलिए बहुत जोखिम भरा है। उदाहरण के लिए, जनवरी में बिटकॉइन का मूल्य बढ़कर 42,000 डॉलर हो गया, और फिर 30,000 डॉलर तक गिर गया, फिर एक हफ्ते के दौरान फिर से बढ़कर 40,000 डॉलर हो गया था।

बिटकॉइन के लिए आपके पास एक ऐप होता है जिसके जरिए आप लेन देन करते हैं। मान कर चलिए कि सर्वर से आपकी फाइल हट गई या पासवर्ड गलत हो गया तो समझ लो आपके पैसे हमेशा के लिए खो गए। हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि कुछ लोगों ने लाखों के बिटकॉइन इसलिए खो दिए क्योंकि उनके पास पासवर्ड नहीं है वह भूल गए।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने-बेचने पर थी 10 साल की जेल
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 के ड्राफ्ट में यह प्रस्ताव दिया गया था कि देश में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने वालों को 10 साल की जेल की सजा मिलेगी। ड्राफ्ट के मुताबिक इसकी जद में वे सभी लोग आएंगे जो क्रिप्टोकरेंसी तैयार करेगा, उसे बेचेगा, क्रिप्टोकरेंसी रखेगा, किसी बिटकॉइन के फायदे क्या है? को भेजेगा या क्रिप्टोकरेंसी में किसी प्रकार की डील करेगा। इन सभी मामलों में दोषी पाए जाने वालों को 10 साल तक की जेल की सजा मिलती थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रतिबंध हटा दिया है।

बिटकॉइन माइनिंग का क्या मतलब है

बिटकॉइन के बारे में आपको थोड़ा बहुत तो आइडिया होगा ही। ऐसे में आप यह भी जानते होंगे कि किस प्रकार से दिनों दिन Bitcoin का रेट बढ़ता ही जा रहा है, जिसके पास बिटकॉइन है वह बहुत ही जल्द अमीर होता जा रहा है। क्या आपने कभी इस बात पर विचार किया है, कि आखिर यह बिटकॉइन कहां से आता है और इसका Circulation अर्थात बिटकॉइन की माइनिंग किस प्रकार से होती है, इससे जुड़ी सभी जानकारी आपको आज हमारी इस ब्लॉग पोस्ट में मिल जाएगी।

बिटकॉइन क्या है ?

Table of Contents

बिटकॉइन एक प्रकार से वर्चुअल करेंसी/ crypto currency है। इस मुद्रा का उपयोग इंटरनेट के माध्यम से लेन देन के लिए किया जाता है। इसकी सबसे पहले शुरुआत 2009 में हुई थी, चूंकि वर्तमान के समय में धीरे-धीरे यह बहुत अधिक लोकप्रिय होती जा रही है। अतः आज एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपए के रूप मे आंकी जाने लगी है। दूसरे शब्दों में कहें तो अब इस करेंसी को भविष्य की करेंसी के रूप में देखा जा रहा है।

आप सभी को पता होगा की Crypto currency एक Decentralized currency होती है।इसका मतलब है कि किसी भी कंट्री/सरकार का इसपर कोई विशेषाधिकार नहीं होता है। अतः अब सवाल आता है इस करेंसी को कौन उत्पन्न करता है? बता दें बिटकॉइन के संचालन हेतु इसके डाटा को दुनिया के विभिन्न देशों में बैठे हजारों की संख्या में Miners कंट्रोल करने में जुटे होते हैं। यही वजह कि इसे Decentralized सिस्टम नाम से पुकारा जाता है।

बिटकॉइन माइनिंग क्या है ?

बिटकॉइन माइनिंग का नाम सुनते ही आप सोच में पड़ गए होगे कि क्या बिटकॉइन कोयले या हीरे की खानों से संबंध रखता है, अगर आप ऐसा सोचते हैं तो बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। बिटकॉइन माइनिंग का अर्थ सोने और हीरे की माइनिंग से कतई नहीं है। हालांकि दोनों की माइनिंग की प्रक्रिया एक दूसरे से काफी अलग है, जिस प्रकार से गोल्ड और डायमंड माइनिंग करने के लिए खुदाई की जाती है वैसे ही बड़े बड़े कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के जरिए बिटकॉइन को जेनरेट करने का कार्य करते है।

बिटकॉइन माइनिंग की प्रोसेस क्या है ?

  • बिटकॉइन माइनिंग एक बहुत ही बड़ा प्रोसेस है,जिसकी वजह से यह एक व्यक्ति के द्वारा कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। इसलिए इस काम को करने के लिए बहुत सारे लोगों की जरूरत पड़ती है। बहुत सारे लोगों द्वारा किए जाने के कारण इसे Decentralized system भी कहते हैं।
  • अगर आपने बिटकॉइन के माध्यम से कभी किसी भी प्रकार का पेमेंट किया है। अर्थात बिटकॉइन के फायदे क्या है? अपने bitcoin वॉलेट के माध्यम से अपने किसी अन्य व्यक्ति के वॉलेट में बैलेंस को ट्रांसफर किया है तो बता दें इस कार्य में बिटकॉइन Miners अहम भूमिका निभाते है।
  • उन्हीं के कारण आप सफलतापूर्वक ट्रांसफर कंप्लीट कर पाते हैं,यही नहीं Miners सारी डिटेल Block chain में सेव करने का जिम्मा भी उठाते हैं।
  • बता दें लेनदेन के अलावा Bitcoin Miners बिटकॉइन जेनरेट करने का भी कार्य करते है।

बिटकॉइन माइनिंग कैसे करें?

  • पुराने समय में बिटकॉइन माइनिंग एक अच्छी रफ़्तार वाले कंप्यूटर के सी.पी.यु और वीडियो ग्राफ़िक्स कार्ड पर हो सकती थी कयोंकि उस समय बिटकॉइन माइनर्स बहुत कम थे। लेकिन आज बिटकॉइन माइनर्स की संख्या बढ़ने के साथ साथ इसकी माइनिंग करना थोड़ा कठिन हो चुका है।
  • आजकल इसकी माइनिंग कस्टम बिटकॉइन ASIC चिप की मदद से की जा रही हैं क्योंकि इससे काफी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। अगर हम ASIC चिप से कम रफ्तार वाले किसी हार्डवेयर का इस्तेमाल करते हैं तो उससे अधिक बिजली खर्च होती है जिसकी वजह से हमारा लाभ कम और नुकसान ज़्यादा होता है।
  • बिटकॉइन की माइनिंग करने के लिए यह अधिक ज़रूरी है कि आप बिटकॉइन माइनिंग के लिए बने हार्डवेयर का ही इस्तेमाल करें। मार्किट में ऐसी कई कंपनियां है जो कि बिटकॉइन माइनिंग के लिए तैयार श्रेष्ठ हार्डवेयर की पेशकश करती हैं। Avalon इन में से एक कंपनी है।
  • इसके अलावा आप बिटकॉइन की क्लाउड माइनिंग भी कर सकते हैं जिसमें आपको अपने कंप्यूटर को क्लाउड मायननर से कनेक्ट करना होता है। क्लाउड माइनिंग करने के लिए कई तरह के प्रोग्राम उपलब्ध है लेकिन CGminer और BFGminer इनमें से अधिक प्रसिद्ध प्रोग्राम हैं। ऐसे कई सॉफ्टवेयर भी हैं जिनसे आप बिटकॉइन माइनिंग कर सकते हैं।

बिटकॉइन के फायदे क्या है?

बिटकॉइन के फायदे निम्नलिखित हैं –

  • बिटकॉइन में निवेश करके अच्छा रिटर्न पाने की संभावनाएं अपार होती है।
  • क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 24/7 खुला रहता है।
  • बिटकॉइन में निवेश करने के लिए किसी भी तरह का पेपर वर्क नहीं करना पड़ता है।
  • बिटकॉइन में निवेश करने पर पूरा कंट्रोल व्यक्ति के हाथ में होता है।
  • बिटकॉइन में निवेश करके आप ग्रो कर रही कम्युनिटी का हिस्सा बन सकते हैं।

बिटकॉइन के नुकसान क्या है?

जहां बिटकॉइन के बहुत से फायदे हैं तो वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं, तो चलिए एक नजर इसके नुकसान पर डाल लेते हैं।

बिटकॉइन माइनिंग का क्या मतलब है

बिटकॉइन के बारे में आपको थोड़ा बहुत तो आइडिया होगा ही। ऐसे में आप यह भी जानते होंगे कि किस प्रकार से दिनों दिन Bitcoin का रेट बढ़ता ही जा रहा है, जिसके पास बिटकॉइन है वह बहुत ही जल्द अमीर होता जा रहा है। क्या आपने कभी इस बात पर विचार किया है, कि आखिर यह बिटकॉइन कहां से आता है और इसका Circulation अर्थात बिटकॉइन की माइनिंग किस प्रकार से होती है, इससे जुड़ी सभी जानकारी आपको आज हमारी इस ब्लॉग पोस्ट में मिल जाएगी।

बिटकॉइन क्या है ?

Table of Contents

बिटकॉइन एक प्रकार से वर्चुअल करेंसी/ crypto currency है। इस मुद्रा का उपयोग इंटरनेट के माध्यम से लेन देन के लिए किया जाता है। इसकी सबसे पहले शुरुआत 2009 में हुई थी, चूंकि वर्तमान के समय में धीरे-धीरे यह बहुत अधिक लोकप्रिय होती जा रही है। अतः आज एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपए के रूप मे आंकी जाने लगी है। दूसरे शब्दों में कहें तो अब इस करेंसी को भविष्य की करेंसी के रूप में देखा जा रहा है।

आप सभी को पता होगा की Crypto currency एक Decentralized currency होती है।इसका मतलब है कि किसी भी कंट्री/सरकार का इसपर कोई विशेषाधिकार नहीं होता है। अतः अब सवाल आता है इस करेंसी को कौन उत्पन्न करता है? बता दें बिटकॉइन के संचालन हेतु इसके डाटा को दुनिया के विभिन्न देशों में बैठे हजारों की संख्या में Miners कंट्रोल करने में जुटे होते हैं। यही वजह कि इसे Decentralized सिस्टम नाम से पुकारा जाता है।

बिटकॉइन माइनिंग क्या है ?

बिटकॉइन माइनिंग का नाम सुनते ही आप सोच में पड़ गए होगे कि क्या बिटकॉइन कोयले या हीरे की खानों से संबंध रखता है, अगर आप ऐसा सोचते हैं तो बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। बिटकॉइन माइनिंग का अर्थ सोने और हीरे की माइनिंग से कतई नहीं है। हालांकि दोनों की माइनिंग की प्रक्रिया एक दूसरे से काफी अलग है, जिस प्रकार से गोल्ड और डायमंड माइनिंग करने के लिए खुदाई की जाती है वैसे ही बड़े बड़े कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के जरिए बिटकॉइन को जेनरेट करने का कार्य करते है।

बिटकॉइन माइनिंग की प्रोसेस क्या है ?

  • बिटकॉइन माइनिंग एक बहुत ही बड़ा प्रोसेस है,जिसकी वजह से यह एक व्यक्ति के द्वारा कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। इसलिए इस काम को करने के लिए बहुत सारे लोगों की जरूरत पड़ती है। बहुत सारे लोगों द्वारा किए जाने के कारण इसे Decentralized system भी कहते हैं।
  • अगर आपने बिटकॉइन के माध्यम से कभी किसी भी प्रकार का पेमेंट किया है। अर्थात अपने bitcoin वॉलेट के माध्यम से अपने किसी अन्य व्यक्ति के वॉलेट में बैलेंस को ट्रांसफर किया है तो बता दें इस कार्य में बिटकॉइन Miners अहम भूमिका निभाते है।
  • उन्हीं के कारण आप सफलतापूर्वक ट्रांसफर कंप्लीट कर पाते हैं,यही नहीं Miners सारी डिटेल Block chain में सेव करने का जिम्मा भी उठाते हैं।
  • बता दें लेनदेन के अलावा Bitcoin Miners बिटकॉइन जेनरेट करने का भी कार्य करते है।

बिटकॉइन माइनिंग कैसे करें?

  • पुराने समय में बिटकॉइन माइनिंग एक अच्छी रफ़्तार वाले कंप्यूटर के सी.पी.यु और वीडियो ग्राफ़िक्स कार्ड पर हो सकती थी कयोंकि उस समय बिटकॉइन माइनर्स बहुत कम थे। लेकिन आज बिटकॉइन माइनर्स की संख्या बढ़ने के साथ साथ इसकी माइनिंग करना थोड़ा कठिन हो चुका है।
  • आजकल इसकी माइनिंग कस्टम बिटकॉइन ASIC चिप की मदद से की जा रही हैं क्योंकि इससे काफी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। अगर हम ASIC चिप से कम रफ्तार वाले किसी हार्डवेयर का इस्तेमाल करते हैं तो उससे अधिक बिजली खर्च होती है जिसकी वजह से हमारा लाभ कम और नुकसान ज़्यादा होता है।
  • बिटकॉइन की माइनिंग करने के लिए यह अधिक ज़रूरी है कि आप बिटकॉइन माइनिंग के लिए बने हार्डवेयर का ही इस्तेमाल करें। मार्किट में ऐसी कई कंपनियां है जो कि बिटकॉइन माइनिंग के लिए तैयार श्रेष्ठ हार्डवेयर की पेशकश करती हैं। Avalon इन में से एक बिटकॉइन के फायदे क्या है? कंपनी है।
  • इसके अलावा आप बिटकॉइन की क्लाउड माइनिंग भी कर सकते हैं जिसमें आपको अपने कंप्यूटर को क्लाउड मायननर से कनेक्ट करना होता है। क्लाउड माइनिंग करने के लिए कई तरह के प्रोग्राम उपलब्ध है लेकिन CGminer और BFGminer इनमें से अधिक प्रसिद्ध प्रोग्राम हैं। ऐसे कई सॉफ्टवेयर भी हैं जिनसे आप बिटकॉइन माइनिंग कर सकते हैं।

बिटकॉइन के फायदे क्या है?

बिटकॉइन के फायदे निम्नलिखित हैं –

  • बिटकॉइन में निवेश करके अच्छा रिटर्न पाने की संभावनाएं अपार होती है।
  • क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 24/7 खुला रहता है।
  • बिटकॉइन में निवेश करने के लिए किसी भी तरह का पेपर वर्क नहीं करना पड़ता है।
  • बिटकॉइन में निवेश करने पर पूरा कंट्रोल व्यक्ति के हाथ में होता है।
  • बिटकॉइन में निवेश करके आप ग्रो कर रही कम्युनिटी का हिस्सा बन सकते हैं।

बिटकॉइन के नुकसान क्या है?

जहां बिटकॉइन के बहुत से फायदे हैं तो वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं, तो चलिए एक नजर इसके नुकसान पर डाल लेते हैं।

क्यों आपको बिटकॉइन से दूर रहना चाहिए ? जानिए 10 वजह

इस साल बिटकॉइन की कीमत में 1000 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है. इस साल की शुरुआत में एक बिटकाइन की कीमत करीब 1000 डॉलर थी.

क्यों आपको बिटकॉइन से दूर रहना चाहिए ? जानिए 10 वजह

ऐसे चढ़ी बिटकॉइन की कीमतें

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2- अब तक कोई रेगुलेटर नहीं
बिटकॉइन या दूसरी क्रिप्टोकरेंसी पर निगरानी के लिए अब तक कोई रेगुलेटर नहीं हैं. न इस पर सरकार का नियंत्रण है और न ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का . इसके अलावा इस पर सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) का भी कोई कंट्रोल नहीं है. यानी अगर आप Zebpay, Unocoin और Coinsecure जैसे बिटकॉइन एक्सचेंजों से बिटकॉइन खरीदते हैं और आपके साथ कोई फ्रॉड होता है तो आपको बड़ा नुकसान हो सकता है. इसमें कोई आपकी मदद नहीं करेगा. आरबीआई कई बार कह चुका है कि जो लोग क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड कर रहे हैं वो अपने रिस्क पर इसमें निवेश करें.

3- सरकार ने झाड़ा पल्ला
सरकार ने बिटकऑइन को लेकर शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ कहा है कि फिलहाल बिटकॉइन को मान्यता देने का सरकार का इरादा नहीं है. वित्त मंत्री ने कहा कि अभी तक सरकार की पोजीशन यही है कि वर्च्युअल करेंसी को कानूनी मान्यता नहीं है. इस पर बनाई गई कमिटी की रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है जिसके बाद फैसला लिया जाएगा.

4-गैर कानूनी धंधों में इस्तेमाल

सरकार के नियंत्रण से बाहर होने से आतंकवादी, माफिया और हैकर्स बिटकॉइन का इस्तेमाल गैर कानूनी धंधों में करने का शक है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि इसमें लेनदेन में पहचान छुपी रहती है. इसलिए सरकार की पकड़ में ऐसे लोग नहीं आ पाते हैं. हैकर भी फिरौती के लिए बिटकॉइन को माध्यम बना रहे हैं. कुछ महीने पहले रैनसममवेयर के हैकर ने बिटकॉइन में फिरौती मांगी थी.

निवेश से संबंधित टिप्स और जानकारियां

bitcoin

5- कीमतों को लेकर सटीक आकलन नहीं
जब हम किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो कंपनी की ग्रोथ होने पर उसके दाम भी चढ़ते हैं. लेकिन बिटकॉइन के मामले में ऐसा नहीं है. यानी कंपनी की कमाई, टर्नओवर, विस्तार का पूरा खाका होता है जबकि बिटकॉइन के मामले में ऐसी बात नहीं है.

6- बिटकॉइन से कोई चीज नहीं खरीद सकते

जब आप कोई सामान खरीदते हैं वीसा, मास्टर कार्ड और रुपे कार्ड से भुगतान करके उसे ले सकते हैं, जबकि बिटकॉइन के मामलें में ऐसा नहीं है. रिजर्व बैंक का साफ कहना है कि हम ऐसे लेनदेन की गांरटी नहीं लेते हैं.

7-न यह कमोडिटी है न ही करेंसी
पुराने जमाने में सोने-चांदी जैसी धातुओं के सिक्के चलते थे. इसके बाद सरकार द्वारा या आरबीआई की ओर से चलाए गए सिक्के आए. इन्हें फिएट करेंसी बोला जाता था. जबकि बिटकॉइन अब तक न करेंसी की कैटेगरी में न बिटकॉइन के फायदे क्या है? ही कमोडिटी है.

एंजेल कमोडिटी के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (कमोडिटी एवं करेंसी) अनुज गुप्ता का कहना है कि कम समय में भारी मुनाफा मिलने से निवेशक बिटकॉइन में निवेश बढ़ा रहे हैं. उनका कहना है कि कई निवेशक अभी गोल्ड की जगह बिटकॉइन में पैसा लगा रहे हैं.

8- पोंजी स्कीम का रैकेट
क्रिप्टोकरेंसी में सिर्फ ऑपरेशनल खतरे ही नहीं बल्कि इसमें दूसरे जोखिम भी हैं. ठगी के लिए पोंजी स्कीम लॉन्च की जा रही हैं. ये निवेशकों से गारंटीड रिटर्न का वादा कर रहे हैं. आईएफआईएम में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन बैकिंग के प्रोफेसर एवं चेयरमैन राजेन्द्र के सिन्हा का कहना है कि कुछ कंपनियां कम समय में दोगुना रिटर्न के वादा कर रही हैं . निवेशकों को इनसे बचना चाहिए क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी के भाव में बहुत उतार-चढ़ाव रहता है.

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9- जेपी मार्गन ने बताया था फ्रॉड
अमेरिकी निवेश बैंक जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जैमी डिमॉन ने बिटकॉइन के बारे में यह तक बोल दिया है कि ये दुनिया का सबसे बड़ा फ्रॉड है और इसमें निवेश करना बेवफूकी है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF की डायरेक्टर ने भी बिटकॉइन की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता जताई थी.

10- चीन ने बढ़ाई सख्ती
बिटकॉइन का 90 फीसदी कारोबार चीनी एक्सचेजों से होता है. इसके बाद चीनी सरकार ने ट्रांजेक्शन फीस तेजी से बढ़ाई, जिसके बाद कारोबार का वॉल्यूम 20 फीसदी गिर गया. इसके अलावा ऑनलाइन टोकन पर रोक लगाई थी.

क्या है बिटकॉइन?
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी है. इसे क्रिप्टो करेंसी भी कहा जाता है. यह अन्य मुद्राओं की तरह जैसे डॉलर, रुपये या पॉन्ड की तरह भी इस्तेमाल की जा सकती है. ऑनलाइन पेमेंट के अलावा इसको डॉलर और अन्य मुद्राओं में एक्सचेंज किया जा सकता है. बिटकॉइन साल 2009 में चलन में आई थी. आज इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है. बिटकॉइन की ख़रीद और बिक्री के लिए एक्सचेंज हैं. दुनियाभर के बडे बिजनेसमैन और कई बड़ी कंपनियां वित्तीय लेनदेन में इसका इस्तेमाल कर रही हैं.

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