Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?

“Trading का अर्थ है किसी वस्तु या सेवा को लाभ कमाने के मकसद से खरीदना और बेचना”
इंट्राडे के लिये बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम | Best Trading Chart Time Frame In Hindi
बहुत से ट्रेडर्स को ये नही समझ मे आता है कि इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाईम फ्रेम कौन सा है ?
बहुत से नए ट्रेडर्स अक्सर इस उलझन में रहते हैं कि ट्रेडिंग के समय ऐसा कौन सा Best Trading Chart Time Frame प्रयोग किया जाए,
जिससे ट्रेडिंग में ज्यादा शुद्धता आ सके तथा नुकसान की संभावना को भी कम किया जा सके।
इस लेख में हमलोग इसी बात पर चर्चा करेंगे कि किस बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम का प्रयोग किया जाए जिससे ट्रेडिंग में ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।
जैसा कि हम जानते हैं कि ट्रेडिंग तीन प्रकार से होती है –
पहली इंट्राडे ट्रेडिंग जिसमें हमे उसी दिन शेयर की खरीद – बिक्री करनी होती है, तथा उसी दिन मार्केट बंद होने से पहले अपनी पोजिशन बन्द करनी होती है।
दूसरी स्विंग ट्रेडिंग जिसमे एक दिन से लेकर दस दिन तक की पोजिशन हो सकती है।
तीसरी पोर्टफोलियो बनाना जिसमे लंबे समय तक कभी – कभी कई वर्षों तक पोजीशन बरकरार रह सकती है।
आइए, अब देखते हैं कि इन सब प्रकार की ट्रेडिंग के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम कौन सा है, और इसे कैसे इस्तेमाल करते हैं ?
बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम ( Best Trading Chart Time Frame In Hindi )
जैसा कि ऊपर बताया गया है कि शेयर बाजार में भिन्न – भिन्न प्रकार से ट्रेडिंग की जाती है। और हर प्रकार की ट्रेडिंग में चार्ट भी अलग – अलग समयानुसार ही देखा जाता है।
वैसे तो चार्ट को अपनी सुविधा और अनुभव के आधार पर अलग – अलग समय चक्र के अनुसार देखा और समझ जाता है।
किन्तु नए Traders को Stock Market का ज्यादा अनुभव नही होता है इसलिए वो चार्ट को लेकर हमेशा दुविधा में रहते हैं।
भिन्न – भिन्न समय ढांचे में चार्ट को देखते रहने पर भी नए ट्रेडर को किसी भी Sock का कोई स्पष्ट रुझान या Trend समझ मे नही आता है।
वो ये समझ ही नही पाते हैं कि आखिर Best Trading Chart Time Frame है क्या ?
इस लेख में नए ट्रेडरों की इसी उलझन को सुलझाने का प्रयत्न किया जा रहा है कि किस प्रकार की ट्रेडिंग के लिए कौन सा बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम अच्छा होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम ( Best Trading Chart Time Frame For Intraday In Hindi )
किसी भी चार्ट में सबसे पहला एक मिनट का टाइम फ्रेम होता है जिसमे एक इंट्राडे ट्रेडर ब्रेकआउट ( Brakeout ) की स्थिति ढूंढने का प्रयास करता है।
परन्तु इसमे बहुत ज्यादा शुद्धता नही होती है क्योंकि एक मिनट मे बनने वाले चार्ट पैटर्न से केवल किसी स्टॉक की क्षणिक स्थिति ही पता चलती है इसलिए एक मिनट के टाइम फ्रेम पर ट्रेडिंग करना उचित नही होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए पांच से पंद्रह मिनट का टाइम फ्रेम बेस्ट चार्ट टाइम फ्रेम होता है।
बहुत सारे ट्रेडर पांच मिनट का टाइम फ्रेम प्रयोग करते हैं तथा बाजार के क्षणिक उतार – चढ़ाव से ही अपना प्रॉफिट बनाने का प्रयास करते हैं।
जो अनुभवी ट्रेडर होते हैं वो अतिशीघ्र ही विश्लेषण करके अनुमान लगा लेते हैं कि अगले 5 या 10 मिनट मे इस स्टॉक की क्या चाल होगी।
परन्तु नए ट्रेडरों के लिए इतनी जल्दी सटीक अनुमान लगा पाना काफी कठिन होता है, क्योंकि पांच मिनट के टाइम फ्रेम में मार्केट में जितनी शीघ्रता से घुसना होता है उतनी ही शीघ्रता से बाहर भी निकलना होता है।
अनुभवी ट्रेडरों के लिए तो ये सब करना बहुत आसान होता है परन्तु नए ट्रेडरों के लिए इतनी शीघ्रता से निर्णय लेना आसान नही होता है।
अतः नए ट्रेडर को शुरुआत में पांच मिनट के टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करने से बचना चाहिये ये उनके लिए घातक हो सकता है।
हाँ जब ट्रेडिंग का अनुभव आ जाये तब वो आराम से पांच मिनट के टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करके प्रॉफिट बना सकते हैं।
चूंकि यहाँ इंट्राडे ट्रेडिंग की बात हो रही है तो इंट्राडे के लिए दस या पन्द्रह मिनट का टाइम फ्रेम आदर्श टाइम फ्रेम होता है इन टाइम फ्रेम में जो संकेत मिलते हैं वह ज्यादा विश्वशनीय होते हैं ।
क्योंकि दस या पन्द्रह मिनट में स्टॉक के ट्रेंड में स्थिरता होती है जो अगले पन्द्रह या बीस मिनट तक बनी रह सकती है।
नए ट्रेडर के लिए यही बेस्ट Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? चार्ट टाइम फ्रेम होता है और इन्हीं टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करना ज्यादा उचित होता है।
दोस्तों, टाइम फ्रेम इस बात पर भी निर्भर करता है कि हम ट्रेडिंग को कितना समय दे पाते हैं ?
यदि हम सारा दिन अपने कंप्यूटर स्क्रीन को नही देख पाते हैं बल्कि बीच – बीच मे ही कुछ देर के लिए देखते हैं, तो हमारे लिए बड़े टाइम फ्रेम यानी दस से पन्द्रह मिनट के टाइम फ्रेम पर ट्रेडिंग करना ही ज्यादा बेहतर होता है।
लेकिन अगर आप एक फुल टाइम ट्रेडर हैं और पूरा दिन अपने कंप्यूटर स्क्रीन के सामने ही रहते हैं तो आप छोटे टाइम फ्रेम Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? पर भी अच्छी ट्रेडिंग कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग ( Swing Trading ) के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम
यदि हम स्विंग ट्रेडिंग करते हैं तो इसके लिए आधे घण्टे या एक घण्टे के टाइम फ्रेम का प्रयोग कर सकते हैं।
बहुत से इंट्राडे ट्रेडर भी आधे घंटे के टाइम फ्रेम को देखते हैं, क्योंकि चार्ट टाइम फ्रेम जितना बड़ा होगा उसके संकेत भी उतने ही सटीक होंगे।
किसी स्टॉक का सही ट्रेंड बड़े टाइम फ्रेम से ही सटीक पता चलता है। जो Trend आपको बड़े टाइम फ्रेम में दिखेगा वही Trend छोटे चार्ट टाइम फ्रेम में भी होगा।
उदाहरण के लिए यदि आधे घण्टे के टाइम फ्रेम में कोई स्टॉक तेजी दर्शा रहा है तो पांच मिनट के टाइम फ्रेम में भी वो तेजी ही दिखाएगा।
पोर्टफोलियो (Portfolio) के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम
जब लॉंग टर्म के लिए ट्रेडिंग की जाती है तो डेली ( Daily) या साप्ताहिक ( Weekly) चार्ट टाइम फ्रेम में विश्लेषण किया जाता है।
यदि लंबे समय तक निवेश के लिए कोई स्टॉक लेना हो तो मासिक और वार्षिक चार्ट टाइम फ्रेम भी देखा जाता है।
परन्तु जब हम काफी लम्बे समय के लिए कोई स्टॉक खरीदते है तो वहाँ तकनीकी विश्लेषण के साथ – साथ फंडामेंटल ( Fundamental) की भी जांच की जाती है,
इसके अतिरिक्त कम्पनी की बैलेंसशीट ( Balance sheet), Turnover तथा अन्य कई चीजों का भी गहनता से परीक्षण किया जाता है।
निष्कर्ष ( The Conclusion )
उम्मीद है कि अब आपको कुछ Idea हो गया होगा कि किस तरह की Trading के लिए कौन सा चार्ट टाइम फ्रेम Best Trading Chart Time Frame है।
जहाँ तक इंट्राडे ट्रेडिंग की बात है तो सबसे सुरक्षित ये है कि आप आधे घंटे या एक घंटे के टाइम फ्रेम में स्टॉक की चाल को समझें,
और दस या पन्द्रह मिनट के टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करें साथ ही साथ अपने ट्रेडिंग नियम और अनुशासन का पालन अवश्य करें।
शुरुआत में आपको सभी बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करने थोड़ी – बहुत समस्या आ सकती है,
लेकिन जब आपको चार्ट देखने और प्राइस एक्शन ( Price Action) को समझने का अनुभव हो जाएगा तो फिर आप किसी भी टाइम फ्रेम पर आसानी से ट्रेडिंग कर सकते हैं और आसानी से पैसा भी बना सकते हैं।
इस लेख Best Trading Chart Time Frame In Hindi से संबंधित अपनी राय अथवा सुझाव कमेंट के माध्यम से हमे जरूर बताएं ।
डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है-delivery trading Kya Hai (Full Information) | डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करे ?
दोस्तों स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग करने के बहुत सारे तरीके है लेकिन आज हम आपको डिलीवरी ट्रेडिंग के बारे Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? में बताएँगे की डिलीवरी ट्रेडिंग क्या होती है और डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करे,डिलीवरी ट्रेडिंग के नुकशान और फायदे क्या क्या है क्या हमें डिलीवरी ट्रेडिंग करना चाहिए या नहीं करना चाहिए ये सारे सवालो के जवाब इस पोस्ट में हमने आपको बताया है
डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है (Full Information)-what delivery trading in Hindi
जब भी आप स्टॉक मार्केट में से शेयर को खरीदते हो और उसे अपने पास कुछ ज्यादा समय तक रखते है तो यही ट्रेडिंग आपकी डिलीवरी ट्रेडिंग कहलाती है डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक अपने शेयर को एक लम्बे अवधि तक होल्ड करके रखते है और जब प्राइस ज्यादा बड जाता है तब उस शेयर को बेचकर प्रॉफिट कमा लेते है तो यही होती है डिलीवरी ट्रेडिंग |
डिलीवरी ट्रेडिंग में आप चाहे तो अपने शेयर को एक दिन, हफ्ते ,महीने,साल ,पाच साल ,दस साल जब तक रखना चाहते हो तब तक रख सकते हो इसका कोई निर्धारित समय नहीं होता है ये intraday trading से बिलकुल अलग है intraday trading में same day ट्रेडिंग की जाती है शेयर को जिस दिन खरीदते है और उसी दिन बेच भी देते है लेकिन डिलीवरी ट्रेडिंग में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट होता है |
निवेसको को शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक डीमैट खाता होना आवश्यक है इसी खाते से आप शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग कर सकते है |
डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करे-how to do delivery trading :
डिलीवरी ट्रेडिंग करना तभी सही रहता है जब आप long term investment करते है डिलीवरी ट्रेडिंग में आप स्टॉक खरीदते है और अपने डीमेट खाते में होल्ड करके रखते है इसलिए Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? आपका डीमैट खाता होने अनिवार्य है |
आप किसी भी ब्रोकरेज जैसे Upstox, zerodha, 5 paisa, groww, Astha trad, angel broking में डीमैट अकाउंट ओपन करके डिलीवरी ट्रेडिंग सुरु कर सकते है लेकिन ध्यान रहे हर एक ब्रोकर के कुछ हिडन चार्ज रहते है उन्हें स्टडी करने के बाद ही किसी ब्रोकरेज में ट्रेडिंग करे
डिलीवरी ट्रेडिंग में जब हम शेयर खरीदते है तब हमें फुल कैश पेमेंट करना होता है जब आप शेयर खरीद लेते है उसके बाद आपके शेयर आपके डीमैट खाते में सेव रहते है
delivery/holding trading जो सुरुआती निवेशक होते है उनको डिलीवरी ट्रेडिंग के द्वारा स्टॉक मार्केट में इंटर होना चाहिए Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? स्टॉक मार्केट में उनकी ट्रेडिंग या फिर इन्वेस्टिंग की सुरुआत करना चाहिए
दोस्तों किसी भी ब्रोकरेज में leverage/margin प्रोवाइड करते है अगर आपके अकाउंट में 10 हज़ार रूपए है तो आपको 1 लाख या 1 लाख से भी ज्यादा अमाउंट दे देते है स्टॉक खरीदने के लिए लेकिन डिलीवरी ट्रेडिंग में जो भी अमाउंट आपके पास है उसी अमाउंट में आपको शेयर खरीदना है
उधाहरण से समझते है : मानलो किसी स्टॉक रिलायंस इन्फ्रा की जो स्टॉक प्राइस है 100 रूपए है मतलब 1 शेयर की प्राइस 100 रूपए है डिलीवरी में रिलायंस इन्फ्रा की एक शेयर खरीदने के लिए आपको 100 रूपए ही देना पड़ेगा यहाँ पर कोई लिवरेज या मार्जिन नहीं मिल रहा है लेकिन कुछ ब्रोकर येसे भी है जो डिलीवरी के लिए भी आपको थोडा बहुत मार्जिन प्रोवाइड करते है
अगर आपको विडियो फार्मेट में डिलीवरी ट्रेडिंग में sell और buy कैसे करते है इसको समझने के लिए हमने आपके लिए एक विडियो प्रोवाइड किया है जो tech & finance YouTube channel से लिया गया है और इस विडियो में angel broking ब्रोकरेज का सहारा लेकर आपको बताएँगे –
डिलीवरी ट्रेडिंग के फायदे-benefit of delivery trading:
- डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक लम्बे समय तक ट्रेडिंग कर सकते है और ये निवेशको के लिए फायदेमंद है
- आप जिस भी कंपनी में निवेश करते है उनके द्वारा निकाला गया बोनस से भी आपको फायदा हो सकता है
- यदि पूरी समझ और सही जानकरी के साथ डिलीवरी रीडिंग करे तो आप हमेशा फायदे में रहोगे
- ट्रेडिंग में एक अच्छे शेयर में इन्वेस्ट करने पर आपको बैंक से लोन लेने में मदत भी मिलती है
- डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशको को ब्रोकरेज नहीं देना पड़ता
- ट्रेडिंग करते समय सभी शेयर्स की डिलीवरी अपने डीमैट खाते में ले सकते है
- डिलीवरी ट्रेडिंग में एक फायदा ये है की निवेशक अपने शेयर को तब तक होल्ड करके रख सकता है जब तक उस शेयर को बेचने का सही समय ना आ जाये
- शेयर खरीदते और बेचते समय ब्रोकरेज फीस नहीं देना होता है डिलीवरी ट्रेडिंग ये एक बड़ा फायदा है
डिलीवरी ट्रेडिंग के नुकशान-loss of delivery trading :
- दोस्तों किसी भी ट्रेडिंग में निवेशको के लिए ट्रेडिंग में कुछ फायदे होते है तो कुछ नुकशान भी उठाना होता है
- डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेश करने के लिए एडवांस में पैसे देना होता है लेकिन आपके पर्याप्त मात्र में धन की उपलब्धता नही है तो आप डिलीवरी ट्रेडिंग नहीं कर सकते लेकिन आपके पास प्रयाप्त मात्र में धन उपलब्ध है तो आसानी से ट्रेडिंग कर सकते है
- यह एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट है इसमे इन्वेस्टरो को धर्य रखना होता है
- स्टॉक मार्केट क्रेश होने का डर रहता है इसलिए इसमें नुकशान होने का खतरा रहता है
- दूसरी बात ये भी की लाभी समय तक इन्वेस्ट करने के बाद भी अच्छे रिटर्न आने की उम्मीद नहीं रहती है
डिलीवरी ट्रेडिंग शुल्क- delivery trading charges in Hindi :Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?
- डिलीवरी ट्रेडिंग में सबसे पहला शुल्क GST का लगता है ये GST का शुल्क 18% देना होता है वो भी ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन चार्ज दोनों पर देना होता है
- 1899 में भारत स्टाम्प एक्ट ने गवर्नमेंट को डिलीवरी ट्रेडिंग पर स्टाम्प शुल्क लगाया गया है
- इसमें STT (security transaction tax) लगता है जो की 0.25% खरीद और बिक्री पर लगता है इसके अलावा CTT और ट्रांजेक्शन चार्ज भी डिलीवरी ट्रेडिंग में सामिल है
- बात करे exchange transition charge की इसमें NSE और BSE कुछ चार्ज लेते है यह चार्ज आपको 0.00325% खरीद और बिक्री पर देना होता है
- ब्रोकरेज चार्ज आपको 0.2% देना ही पड़ता है कुछ ब्रोकरेज चार्ज जीरो होता है और फुल ब्रोकरेज सर्विस में 0.2% ब्रोकरेज देना ही पड़ता है
- इसमें SEBI (security and exchange board of India) चार्ज भी लगता है वो चार्ज 0.0001% का जो शेयर खरीद और बिक्री पर लगता है
- स्टाम्प ड्यूटी देना होता है जो हर राज्य की अलग अलग होती है इसके अलावा कुछ और चार्ज देने होते है जैसे अनुअल चार्ज और टैक्स चार्ज आपको पे करने होते है |
डिलीवरी ट्रेडिंग में सावधानी (caution of delivery trading) :
- डिलीवरी ट्रेडिंग में आपको हमेशा लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करना चाहिए
- डिलीवरी ट्रेडिंग में आपके पास प्रयाप्त राशी होनी चाहिए तभी आप इन्वेस्टमेंट कर सकते है
- ट्रेडिंग करते समय कुछ transaction चार्ज भी लगते है जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए
- निवेशको को शेयर खरीदते समय कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करना बहुत जरुर होता है
- किसी भी ब्रोकरेज के जरिये इन्वेस्ट या ट्रेडिंग करते है तो उसके हिडन चार्ज जानना बहुत जरुरी होता है
निष्कर्ष :
दोस्तों यदि आप सुरुआती ट्रेडर है और आप डिलीवरी ट्रेडिंग के बारे में जानते है तो आपके लिए ये जरुरी होगा की आप लगातार डिलीवरी ट्रेडिंग में बने रहे क्योकि डिलीवरी ट्रेडिंग एक लॉन्ग टर्म प्रोसेस है
उम्मीद करते है Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी डिलीवरी ट्रेडिंग को लेकर आपको समझ आ गयी होगी क्योकि आप सुरुआती निवेशक है तो ये बाते जानना बहुत जरुरी होता है इसके अलावा हमारे द्वारा जानकारी में कोई कमी है तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते है हम आपकी समस्या का निराकरण देने की कोशिश करेंगे |
लास्ट में ये कहना सही रहेगा की जब भी आप इन्वेस्ट करने का सोचते है उससे पहले उस ट्रेडिंग और शेयर्स की सम्पूर्ण जानकारी जुटा लेना चाहिए ताकि आप नुकशान से बच कसो हलाकि ट्रेडिंग एक येसा प्लेटफार्म है जहा आपको नुकशान भी झेंलना पड़ सकता है लेकिन उस नुकशान से कुछ न कुछ सिखने भी मिलता है |
Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?
ट्रेडिंग क्या है? कैसे सीखें?पूरी जानकारी | Trading in Hindi
- Post author: ShareMarketIndia
- Post published: March 8, 2022
- Post category: शेयर मार्केट
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ट्रेडिंग क्या है? कैसे सीखें?पूरी जानकारी | Trading in Hindi
आजकल लोग इंटरनेट से पैसे कमाने के अलग अलग तरीके खोजते रहते है। ट्रेडिंग भी एक ऐसा तरीका है जिससे आप हजारों रुपए कमा सकते है। तो आइये जानते है ट्रेडिंग क्या है? कैसे सीखें?
शेयर मार्केट में कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लिए लोग ट्रेडिंग करते है। ट्रेडिंग करके कुछ लोग दिन के हजारों रुपए कमाते है।लेकिन ज्यादातर लोग ट्रेडिंग में पैसे गवांते है या फिर थोडे ही पैसे कमा पाते है। क्युकी वह लोग ट्रेडिंग क्या है(Trading in Hindi),कैसे सीखें?, ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है, इन सबकी जानकारी लिए बिना ही ट्रेडिंग करना शुरू करते है।
इसलिए आपको सबसे पहले ट्रेडिंग क्या है? ये जानना जरूरी है।
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ट्रेडिंग क्या है? | Trading in Hindi
ट्रेडिंग का अर्थ होता है व्यापार। दो व्यक्ति या संस्था के बीच वस्तु और सेवाओं का आदान प्रदान इसी को ट्रेडिंग यानी व्यापार कहते है। बहुत पुराने समय से दुनिया में ट्रेडिंग Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? यानी व्यापार होता आ रहा है। पुराने समय में लोग एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु देते थे। उसके बाद वस्तु के बदले पैसे देने लगे।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का अर्थ होता है शेयर की खरीदी और बिक्री। जैसे कि हम किसी वस्तु की खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाते हैं वैसे ही शेयर मार्केट में कंपनियों के शेयर कि खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाया जाता है।
ट्रेडिंग करने में बहुत जोखिम होता है ऐसा कहा जाता है क्योंकि इसमें यह कोई नहीं जानता कि भविष्य में कुछ समय बाद शेयर के भाव में क्या मूवमेंट आयेगा। अक्सर ऐसा होता कि अगर शेयर से जुड़ी कोई अच्छी न्यूज़ आती है तो शेयर के भाव में तेजी दिखाई देती है। और अगर शेयर से जुड़ी कुछ बुरी न्यूज़ आती है तो शेयर के भाव में गिरावट देखने को मिल सकती है।
ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है? | Online Trading in Hindi
इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के मदत से शेयर को खरीदने और बेचने की सुविधा को ऑनलाइन ट्रेडिंग (Online Trading in Hindi) कहा जाता है। शेयर के अलावा आप मच्यूल फंड, करेंसी,कमोडिटी और अन्य वित्तीय सिक्योरिटीज को आप ऑनलाइन खरीद सकते है।
किसी भी ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर के साथ घर बैठे अकाउंट खुलवाकर आप ट्रेडिंग शुरू कर सकते है।
ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? | Types of Trading in Hindi
ट्रेडिंग के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते है।
इंट्राडे ट्रेडिंग, पोजिशनल,स्विंग ट्रेडिंग। आइए सबसे पहले जानते है इंत्राडे ट्रेडिंग क्या है?
इंट्राडे ट्रेडिंग | Intraday Trading in Hindi
बहुत से लोग शेयर मार्केट में कम समय में मुनाफा कमाना चाहते Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? है। उनके लिए इंट्राडे ट्रेडिंग अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
एक ही दिन के अंदर शेयर खरीदकर बेचना इसी को इंट्राडे ट्रेडिंग कहता है।शेयर मार्केट सुबह 9:15 को खुलता है और 3:30 को बंद होता है। उसी समय के बीच में अगर आप शेयर खरीद कर बीच देते है तो उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपको शेयर मार्केट के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। अगर आप अच्छे से इंट्राडे ट्रेडिंग सीख गए तो आप दिन के हजारों रुपए कमा सकत है। लेकिन इसमें नुकसान होने की भी पूरी संभावना होती है। इंट्राडे ट्रेडिंग में रहने वाली जोखिमों से अज्ञात होते हुए कई बार ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग में भारी नुक्सान कर बैठते है।
मेरी राय ये है कि अगर आप नए है तो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में ज्यादा पैसे नहीं लगाने चाहिए।
पोजिशनल ट्रेडिंग | Positional Trading in Hindi
यदि आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना चाहते हैं, लेकिन हर दिन के उतार-चढ़ाव पर नजर नहीं रख सकते हैं, और लंबे समय के लिए भी निवेश नहीं करना चाहते हैं, तो फिर पोजिशनल ट्रेडिंग आपके लिए अच्छा मार्ग हो सकता है।
पोजीशनल ट्रेडिंग में ट्रेडर अपने शेयर इंट्राडे से ज्यादा समय के लिए होल्ड कर सकते।यह समय एक दिन,एक हफ्ता या एक महीना भी Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? हो सकता है।
जबकि पोजीशन ट्रेडिंग सुनने में आसान लग रही होगी लेकिन, इसके लिए अच्छे फंडामेंटल और टेक्निकल रिसर्च की आवश्यकता होती है। साथ ही शेयर मार्केट के बारे में अच्छी और ठोस जानकारी भी जरूरी होती है।
स्विंग ट्रेडिंग | Swing Trading in Hindi
स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग है पर जहां ट्रेडर शेयर थोड़े समय के लिए शेयर खरीदते हैताकि उससे मुनाफा कमा सकें। यह समय आमतौर पर कुछ दिनों और कई हफ्तों के बीच होता है।
स्विंग ट्रेडर शेयर की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव और गति के रुझानों को जानने के लिए और शेयर खरीदने या बेचने के लिए ट्रेडिंग गतिविधि में एक पैटर्न का विश्लेषण करता है। स्विंग ट्रेडिंग आम तौर पर लार्ज कैप शेयर पे कि जाती है।
स्विंग ट्रेडर्स आमतौर पर स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर चुनने के लिए तकनीकी विश्लेषण(टेक्निकल एनालिसिस) का उपयोग करते हैं। अगर आपको स्विंग ट्रेडिंग सीखनी है तो आपको टेक्निकल एनालिसिस आना ही चाहिए । स्विंग ट्रेडिंग में भी रिस्क होती है इसलिए बिना समझे पैसे नहीं लगाना चाहिए।
ट्रेडिंग कैसे सीखे | How to Learn Trading in Hindi
आपने ट्रेडिंग क्या है? ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है ये बाते तो जान ली आइए अब जानते जानते है कि ट्रेडिंग कैसे सीखे(How to Learn Trading in Hindi)
यूटयूब एक ऐसा जरिया है जहां से आप ट्रेडिंग सीख सकते है।आपको यूट्यूब के ऊपर बहुत सारे चैनल मिलेंगे जहां से आप फ्री में ट्रेडिंग सीख सकते है। गूगल पर भी ऐसी बहुत वेबसाइट उपलब्ध है जहां से आप ट्रेडिंग के बारे में जानकारी ले सकते है।
ट्रेडिंग सीखनी के लिए आप किसी अच्छी किताब को पढ़ सकते है।दोस्तों अगर आपको किताबे पढ़ना पसंद है तो आप किताब से भी ट्रेडिंग सीख सकते हो।आप ऐसे लोगों की किताब पढ़े जिन्होंने ट्रेडिंग में सफल होकर अच्छा पैसा कमाया है।आपको इंटरनेट पर ट्रेडिंग के ऊपर बहुत सारे ई-बुक भी मिल जाएंगे जिन्हें आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर पढ़ सकते है।
दोस्तों आपको शेयर मार्केट के बारे ऑनलाइन और ऑफलाइन बहुत सारे फ्री और पेड कोर्सेस मिल जाएंगे।इन कोर्सेस कि मदद से आप ट्रेडिंग सीख सकते हो।
STOCK MARKET TRADING क्या होता है?
STOCK MARKET TRADING क्या होता है? Types of STOCK TRADING?
दोस्तों, अक्सर हमें Stock Market में Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? Trading शब्द सुन ने को मिलता है, आज हम इसी सम्बन्ध में चर्चा करेंगे कि “STOCK MARKET TRADING” क्या होता है?
STOCK MARKET TRADING
“Trading का अर्थ है किसी वस्तु या सेवा को लाभ कमाने के मकसद से खरीदना और बेचना”
TRADING का हिंदी अर्थ व्यापर होता है ,जब हम कोई बस्तु या सेवा इसी उद्देश्य से खरीदते है कि उस वस्तु और सेवा को कुछ समय बाद बेच कर हम उस से लाभ कमाएंगे तो इस कार्य को “TRADING” कहा जाता है, हम अपने आस पास जितने भी व्यापर होता देखते है – चाहे राशन या सब्जी की दुकान हो अन्य दुकान, सभी दुकानदार बस्तु या सेवा इस उद्देश्य से खरीदते है ताकि वे उसे बेच कर लाभ कमा सके,
TRADING IN STOCK MARKET
हमें देखा कि TRADING का अर्थ, यानी बस्तु या सेवा लाभ कमाने के उद्देश्य से खरीदना और बेचना होता है , ठीक इसी तरह जब हम STOCK MARKET में कोई भी STOCK या SHARE खरीदते है, तो हमारा मुख्य उद्देश्य होता है, उस SHARE या STOCK के भाव बढ़ जाने पर उसे बेच कर लाभ कमाया जा सके, और इस तरह STOCK MARKET में भाग लेने वाले 99% से ज्यादा लोग जब कोइ शेयर या STOCK खरीदते है और बेचते है तो उनकी ये क्रिया “STOCK MARKET TRADING” कहलाती है,
STOCK MARKET में TRADING कितने प्रकार की होती है ?
“TRADING” शब्द “INVESTMENT” की अपेक्षा जल्दबाजी और RISK वाला लगता है, और ये काफी हद तक सही भी है, क्योकि TRADING करने वाला व्यक्ति हमेशा मौके के इन्तेजार में रहता है और जैसे ही उसे सही मौका दिखता है, वो अपने सौदे को बेच कर लाभ कमा लेता है,
इस तरह से देखा जाये तो TRADING एक SHORT TERM ACTIVITY होता है, और TRADING के कुछ मुख्य प्रकार है –
ऐसे TRADE जो एक दिन के अन्दर ही पुरे कर लिए जाते है, यानी SHARE या STOCK उसी दिन खरीद कर उसी दिन बेचने के कार्य को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहा जाता है, जैसे -सुबह 9:15 पे MARKET खुलने के बाद स्टॉक खरीदना और उसी दिन शाम 3.30 पे MARKET बंद होने से पहले आप उसे बेच दे, अक्सर देखा गया है कि एक INTRA DAY TRADER एक दिन में 5- 6 TRADE करते है, इस तरह की TRADING में STOCK HOLD करने का टाइम कुछ घंटो में होता है,
नोट: इस तरह की TRADING के लिए BROKER कंपनिया आपको आपके पास उपलब्ध रकम के दस से बीस गुना ज्यादा मार्जिन देती है, की आप उनसे दिन भर के लिए उधर लेकर आप TRADING करके लाभ कमाओ और उसी दिन शाम तक आप उनको उनका पैसा सौदे को बेचकर उन्हें लौटा दो,
2. SCALPER TRADING –
ऐसे TRADE जो कुछ मिनट के अन्दर ही पुरे कर लिए जाते है, यानी SHARE या STOCK खरीदने कुछ मिनट के अन्दर ही उसे बेच दिया जाये तो इसे SCALPER TRADING कहा जाता है, जैसे -सुबह 9:15 पे MARKET खुलने के बाद स्टॉक खरीदना , और खरीदने के 1,२, या 5-10 MINUTE के अन्दर उसे बेच कर छोटा लेकिन फटाफट लाभ कमाना, अक्सर देखा गया है कि इस तरह की TRADING में AMOUNT बहुत ज्यादा होती है, जैसे अगर आप 10 लाख रूपये लगाते है और उसमें 100 रूपये के 10000 शेयर लेते है तो 100 रूपये के ऊपर अगर शेयर 20 पैसा भी बढ़ जाता है तो 10000 X 0.2 यानी लगभग 2000 रूपये का फायदा हो जाता है, और अगर 100 रूपये का शेयर 101 रूपये हो जाता है तो आपको प्रति शेयर 1 रूपये की हिसाब से आपको 10000 रूपये तक का लाभ हो सकता है , लोग फटाफट छोटे छोटे PROFIT मार्जिन के साथ फटाफट PROFIT कमाने के लिए इस तरह की TRADING करते है,
नोट: इस तरह की TRADING के लिए BROKER कंपनिया आपको आपके पास उपलब्ध रकम के दस से बीस गुना ज्यादा मार्जिन देती है, की आप उनसे दिन भर के लिए उधर लेकर आप TRADING करके लाभ कमाओ और उसी दिन शाम तक आप उनको उनका पैसा सौदे को बेचकर उन्हें लौटा दो ,
3. SWING TRADING
ऐसे TRADE जो कुछ दिन, हफ्ते या महीने के अन्दर ही पुरे कर लिए जाते है, यानी SHARE या STOCK के बाद उसे कुछ दिन, हफ्ते या कुछ महीने तक अपने पास रखते है और उसके सही भाव बढ़ने का इन्तेजार करते है , जैसे -JANUARY 2017 में ख़रीदे गए शेयर को फ़रवरी या अप्रैल मई तक बेचना, इस तरह की STOCK BUYING को SHARE DELIVERY पर खरीदना कहते है,
इस तरह के ट्रेड में में ट्रेडर अपने शेयर्स के भाव में दिनों के हिसाब से 5 या 10 प्रतिशत से ज्यादा भाव बढ़ने की आशा के साथ ट्रेड करता है, ध्यान देने वाली बात ये है कि इस तरह के ट्रेड में पूरा पैसा ट्रेडर का लगा होता है, इसमें कंपनिया किसी तरह का कोई MARGIN MONEY नहीं देती,
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STOCK MARKET TRADING क्या होता है?
STOCK MARKET TRADING क्या होता है? Types of STOCK TRADING?
दोस्तों, अक्सर हमें Stock Market में Trading शब्द सुन ने को मिलता है, आज हम इसी सम्बन्ध में चर्चा करेंगे कि “STOCK MARKET TRADING” क्या होता है?
STOCK MARKET TRADING
“Trading का अर्थ है किसी वस्तु या सेवा को लाभ कमाने के मकसद से खरीदना और बेचना”
TRADING का हिंदी अर्थ व्यापर होता है ,जब हम कोई बस्तु या सेवा इसी उद्देश्य से खरीदते है कि उस वस्तु और सेवा को कुछ समय बाद बेच कर हम उस से लाभ कमाएंगे तो इस कार्य को “TRADING” कहा जाता है, हम अपने आस पास जितने भी व्यापर होता देखते है – चाहे राशन या सब्जी की दुकान हो अन्य दुकान, सभी दुकानदार बस्तु या सेवा इस उद्देश्य से खरीदते है ताकि वे उसे बेच कर लाभ कमा सके,
TRADING IN STOCK MARKET
हमें देखा कि TRADING का अर्थ, यानी बस्तु या सेवा लाभ कमाने के उद्देश्य से खरीदना और बेचना होता है , ठीक इसी तरह जब हम STOCK MARKET में कोई भी STOCK या SHARE खरीदते है, तो हमारा मुख्य उद्देश्य होता है, उस SHARE या STOCK के भाव बढ़ जाने पर उसे बेच कर लाभ कमाया जा सके, और इस तरह STOCK MARKET में भाग लेने वाले 99% से ज्यादा लोग जब कोइ शेयर या STOCK खरीदते है और बेचते है तो उनकी ये क्रिया “STOCK MARKET TRADING” कहलाती है,
STOCK MARKET में TRADING कितने प्रकार की होती है ?
“TRADING” शब्द “INVESTMENT” की अपेक्षा जल्दबाजी और RISK वाला लगता है, और ये काफी हद तक सही भी है, क्योकि TRADING करने वाला व्यक्ति हमेशा मौके के इन्तेजार में रहता है और जैसे ही उसे सही मौका दिखता है, वो अपने सौदे को बेच कर लाभ कमा लेता है,
इस तरह से देखा जाये तो TRADING एक SHORT TERM ACTIVITY होता है, और TRADING के कुछ मुख्य प्रकार है –
ऐसे TRADE जो एक दिन के अन्दर ही पुरे कर लिए जाते है, यानी SHARE या STOCK उसी दिन खरीद कर उसी दिन बेचने के कार्य को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहा जाता है, जैसे -सुबह 9:15 पे MARKET खुलने के बाद स्टॉक खरीदना और उसी दिन शाम 3.30 पे MARKET बंद होने से पहले आप उसे बेच दे, अक्सर देखा गया है कि एक INTRA DAY TRADER एक दिन में 5- 6 TRADE करते है, इस तरह की TRADING में STOCK HOLD करने का टाइम कुछ घंटो में होता है,
नोट: इस तरह की TRADING के लिए BROKER कंपनिया आपको आपके पास उपलब्ध रकम के दस से बीस गुना ज्यादा मार्जिन देती है, की आप उनसे दिन भर के लिए उधर लेकर आप TRADING करके लाभ कमाओ और उसी दिन शाम तक आप उनको उनका पैसा सौदे को बेचकर उन्हें लौटा दो,
2. SCALPER TRADING –
ऐसे TRADE जो कुछ मिनट के अन्दर ही पुरे कर लिए जाते है, यानी SHARE या STOCK खरीदने कुछ मिनट के अन्दर ही उसे बेच दिया जाये तो इसे SCALPER TRADING कहा जाता है, जैसे -सुबह 9:15 पे MARKET खुलने के बाद स्टॉक खरीदना , और खरीदने के 1,२, या 5-10 MINUTE के अन्दर उसे बेच कर छोटा लेकिन फटाफट लाभ कमाना, अक्सर देखा गया है कि इस तरह की TRADING में AMOUNT बहुत ज्यादा होती है, जैसे अगर आप 10 लाख रूपये लगाते है और उसमें 100 रूपये के 10000 शेयर लेते है तो 100 रूपये के ऊपर अगर शेयर 20 पैसा भी बढ़ जाता है तो 10000 X 0.2 यानी लगभग 2000 रूपये का फायदा हो जाता है, और अगर 100 रूपये का शेयर 101 रूपये हो जाता है तो आपको प्रति शेयर 1 रूपये की हिसाब से आपको 10000 रूपये तक का लाभ हो सकता है , लोग फटाफट छोटे छोटे PROFIT मार्जिन के साथ फटाफट PROFIT कमाने के लिए इस तरह की TRADING करते है,
नोट: इस तरह की TRADING के लिए BROKER कंपनिया आपको आपके पास उपलब्ध रकम के दस से बीस गुना ज्यादा मार्जिन देती है, की आप उनसे दिन भर के लिए उधर लेकर आप TRADING करके लाभ कमाओ और उसी दिन शाम तक आप उनको उनका पैसा सौदे को बेचकर उन्हें लौटा दो ,
3. SWING TRADING
ऐसे TRADE जो कुछ दिन, हफ्ते या महीने के अन्दर ही पुरे कर लिए जाते है, यानी SHARE या STOCK के बाद उसे कुछ दिन, हफ्ते या कुछ महीने तक अपने पास रखते है और उसके सही भाव बढ़ने का इन्तेजार करते है , जैसे -JANUARY 2017 में ख़रीदे गए शेयर को फ़रवरी या अप्रैल मई तक बेचना, इस तरह की STOCK BUYING को SHARE DELIVERY पर खरीदना कहते है,
इस तरह के ट्रेड में में ट्रेडर अपने शेयर्स के भाव में दिनों के हिसाब से 5 या 10 प्रतिशत से ज्यादा भाव बढ़ने की आशा के साथ ट्रेड करता है, ध्यान देने वाली बात ये है कि इस तरह के ट्रेड में पूरा पैसा ट्रेडर का लगा होता है, इसमें कंपनिया किसी तरह का कोई MARGIN MONEY नहीं देती,
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