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दोजी क्या है

दोजी क्या है
यद्यपि आजकल परंपरागत विधियों की जगह आधुनिक मशीनें और तकनीकें आ गयी हैं, तथापि लखनऊ के खानदानी कारीगरों ने पीढी-दर-पीढी इस परम्परागत कशीदाकारी की हस्तकला को संरक्षित रखा है।

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INDORE NEWS- नगर निगम में एक और फर्जी नियुक्ति का खुलासा

इंदौर। स्वच्छता के मामले में भले ही इंदौर के नगर निगम को अवार्ड मिल रहा है परंतु भ्रष्टाचार के मामले में नगर निगम इंदौर क्लीन नहीं है। एक और फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आया है। मजेदार बात यह है कि पिता के स्थान पर बेटे को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने के बजाय प्रतिनियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए। आदेश में अतिरिक्त स्वास्थ्य आयुक्त संदीप सोनी के पदनाम के साथ हस्ताक्षर हैं। असली है या फर्जी यह जांच का विषय है।

क्या लिखा है फर्जी आदेश में

फर्जी आदेश में वार्ड क्रमांक 25 झोन क्रमांक 6 की सफाई संरक्षक विमला दोजी के स्थान पर उसके पुत्र जितेंद्र दोजी को मेडिकल दोजी क्या है आधार पर प्रतिनियुक्ति दी गई है। उक्त आदेश 18 अगस्त को जारी किया गया है। उक्त आदेश के अनुसार जितेंद्र को 29 सितंबर 2021 को सफाई संरक्षक के पद पर प्रभार देने के लिए कहा गया है। उक्त आदेश पर अमल करने के लिए स्वास्थ्य अधीक्षक झोन क्रमांक 6 और मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक झोन क्रमांक 6 को निर्देशित किया गया है।

यदि किसी कर्मचारी की रिटायरमेंट से दोजी क्या है पहले मृत्यु हो जाती है अथवा वह कर्मचारी रिटायरमेंट से पहले स्वास्थ्य कारणों से नियमित सेवाएं देने में सक्षम नहीं होता तब सरकार दया पूर्वक उसके उत्तराधिकारी को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करती है। जबकि एक विभाग में काम करने वाले कर्मचारी की दोजी क्या है जब दूसरे किसी विभाग में जरूरत होती है तो उसे एक निर्धारित समय अवधि के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाता है।

इंदौर नगर निगम में फर्जी नियुक्तियों की जांच नहीं होती

आश्चर्यजनक बात यह है कि इंदौर नगर निगम में फर्जी नियुक्ति के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं परंतु किसी भी मामले में जांच और कार्रवाई नहीं होती। खुलासा होने पर ज्यादा से ज्यादा इतना होता है कि फर्जी नियुक्ति पाने वाले व्यक्ति को सेवा में नहीं लिया जाता। यही कारण है कि एक जंग नगर निगम में फर्जी नियुक्ति का खेल खेल रही है।

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ज़रदोज़ी – सोने की तांत

भारतीय उत्सवों एवं अनुष्ठानों को बड़े भव्य तरीके से मनाते हैं। हरेक अवसर पर स्वर्ण आभूषण सहित नए परिधान और सौंदर्य सामग्रियां खरीदीं जाती हैं। परिधानों के किनारों को अक्सर ज़री (स्वर्ण पट्टी) के साथ सोने की तांत की कशीदाकारी से सजाया जाता है।

सोने की कशीदाकारी का एक प्रसिद्ध रूप ज़रदोज़ी है जिसकी उत्पत्ति फारस में हुयी थी। फारसी भाषा में “ज़र” का अर्थ स्वर्ण और “दोजी” का अर्थ कशीदाकारी होता है। मुग़लों के शासन काल में दोजी क्या है यह कला फारस से भारत पहुँची। भारतीय ग्रंथों में ऋग्वेद काल से ही इस कशीदाकारी का उल्लेख मिलता है और साफ़ तौर पर इसे मुग़लों के शामियाने की दीवारों और भारतीय महाराजाओं के राजसी परिधानों पर प्रयोग किया जाता था।

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फिंक रहा आलू

नगला भीमा गांव के आलू किसान योगेश शर्मा ने 16 बीघा में आलू की फसल की थी। सोचा था कि इस साल अपनी बड़ी बेटी की शादी कर देंगे। लेकिन आलू की ऐसी बेकदरी हुई कि मंडी में भी मारा मारा फिर रहा है।

फरह क्षेत्र के गांव नगला दोजी निवासी सुरेश चंद्र कहते हैं कि आलू चार रुपये किलो बिक रहा है। अब किसान कहां जाए आलू लेकर। आलू फिंक रहा है। वह भी इस साल बेटी की शादी की तैयारी में थे लेकिन अब अगले साल के लिए टाल दी है।

थोक में 2 से 3 रुपये कीमत

मंडी समिति में 50 किलो आलू का बोरा 100 रुपये तक में बिक रहा है। दोजी क्या है किसान अपने गांव से ट्रैक्टर में लादकर जो आलू लेकर जा रहे हैं उसका किराया तक नहीं निकल पा रहा। कई बार तो जब शाम तक आलू नहीं बिकता तो किसान मंडी समिति में ही उसे फेंककर चले आते हैं।

जिला उद्यान अधिकारी सुरेश कुमार का कहना है कि पहले आलू की खेती बड़े पैमाने पर यूपी में ही होती थी लेकिन अब हर राज्य में हो रही है। आलू का भाव कम होने की एक बड़ी वजह यह भी है।

हालांकि सरकार ने आलू दोजी क्या है के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए योजना शुरू की है। आलू के निर्यात के लिए कुल भाड़े का पच्चीस प्रतिशत सरकार दे रही है। इस योजना के बाद आलू का निर्यात बढ़ा है।

कर्ज लेकर करेंगे बेटी के हाथ पीले

सुथरिया गांव निवासी श्रीमती देवी ने जिलाधिकारी को पत्र देकर कहा है कि उन्होंने राया कृषि फार्म से धान का बीज लेकर रोपाई की थी लेकिन धान की खेती हुई ही नहीं। बाली निकलते ही धान चौपट हो गया है।

हमने सोचा था कि धान बेचकर बेटी की शादी करेंगे लेकिन धान की बर्बादी ने उनका सपना भी धूमिल कर दिया है। उन्होंने कृषि अधिकारी को भेजे पत्र में कहा है कि 23 नवंबर को बेटी की शादी है। अब शादी के लिए कर्ज ले रहे दोजी क्या है हैं। उन्होंने फसल की जांच कराने की मांग की है।

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