शेयर बाजार के सूचकांक

शेयर बाजार के सूचकांक
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उपरी स्तर से गिरकर बंद हुए शेयर बाजार, दोनों सूचकांकों ने बढ़त के साथ किया कारोबार का अंत
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (हि.स.)। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार दायरे में रहकर कारोबार करता नजर आया। सेंसेक्स ने आज खरीदारी के सपोर्ट से 60 हजार अंक पार करने में सफलता पाई। निफ्टी भी 17,800 अंक पार करने में सफल रहा, लेकिन शेयर बाजार के सूचकांक दिन के दूसरे कारोबारी सत्र में हुई जोरदार बिकवाली के कारण ये दोनों सूचकांक ऊपरी स्तर से गिरकर बंद हुए। राहत की बात यही रही कि बिकवाली के दबाव में लाल निशान तक गिर जाने के बावजूद अंत में हुई खरीदारी के कारण इन दोनों सूचकांकों ने बढ़त के साथ आज के कारोबार का अंत किया।
आज के कारोबार में इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑटोमोबाइल और एनर्जी सेक्टर के शेयरों में खरीदारी का जोर बना रहा। दूसरी ओर आईटी फार्मास्यूटिकल और मेटल सेक्टर के ज्यादातर शेयरों में बिकवाली का दबाव बना रहा। इसी तरह रियल्टी और बैंकिंग सेक्टर भी दबाव में काम करते नजर आए। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर भी आज दबाव की स्थिति में ही कारोबार करते रहे।
पूरे दिन हुई खरीद बिक्री में स्टॉक मार्केट में 1,960 शेयरों में एक्टिव ट्रेडिंग हुई। इनमें से 722 शेयर मुनाफा कमाकर हरे निशान में और 1,238 शेयर नुकसान उठाकर लाल निशान में बंद हुए। इसी तरह से सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में से 20 शेयर लिवाली के सपोर्ट से हरे निशान में और 10 शेयर बिकवाली के दबाव में फंस कर लाल निशान में बंद हुए। निफ्टी में शामिल 50 शेयरों में से 28 शेयर हरे निशान में और 22 शेयर लाल निशान में बंद हुए।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सेंसेक्स ने आज सांकेतिक कमजोरी के साथ कारोबार की शुरुआत की। सेंसेक्स 10.04 अंक टूट कर 59,746.80 अंक के स्तर पर खुला। शुरुआती कारोबार में बाजार में मामूली उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रही। लेकिन सुबह 10 बजे के करीब बाजार में चौतरफा लिवाली शुरू हो गई, जिससे शुरुआती 1 घंटे के कारोबार में ही सेंसेक्स 376.33 अंक की छलांग लगाकर आज के सबसे ऊपरी स्तर शेयर बाजार के सूचकांक 60,133.17 अंक तक पहुंच गया। इसके बाद बाजार में गिरावट का दौर शुरू हो गया। बीच-बीच में खरीदारी की कोशिश भी होती रही, लेकिन बिकवाली का दबाव इतना अधिक था कि सेंसेक्स लगातार गिरता चला गया।
दोपहर 2 बजे के करीब बिकवाली के दबाव के कारण ये सूचकांक लाल निशान में गिरकर 17.79 अंक की कमजोरी के साथ आज के सबसे निचले स्तर 59,739.05 अंक तक पहुंच गया। बाजार में आई इस गिरावट के बाद घरेलू संस्थागत निवेशकों ने एक्टिव होकर खरीदारी शुरू की, जिसके कारण अगले डेढ़ घंटे के कारोबार में सेंसेक्स 203.01 अंक की मजबूती के साथ 59,959.85 अंक के स्तर पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के विपरीत नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी ने आज 19.45 अंक की मामूली बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की। शुरुआती कारोबार में बाजार में लिवालों और बिकवालों के बीच जारी खींचतान के कारण निफ्टी की चाल में भी उतार-चढ़ाव बना रहा। 10 बजे के करीब शुरू हुई तेज खरीदारी के कारण निफ्टी ने भी रफ्तार पकड़ ली। थोड़ी ही देर में ये सूचकांक 101.95 अंक की मजबूती के साथ आज के सबसे ऊपरी स्तर 17,838.90 अंक तक पहुंच गया। इसके बाद बाजार में बिकवाली का दबाव बन गया, जिसकी वजह से ये सूचकांक भी लगातार नीचे गिरता चला गया।
बाजार में हो रही चौतरफा बिकवाली के कारण दोपहर 2 बजे के करीब निफ्टी 13.25 अंक की कमजोरी के साथ लाल निशान में 17,723.70 अंक तक गिर गया। इसके बाद बाजार में शुरू हुई लिवाली के सपोर्ट से निफ्टी ने 49.85 अंक की बढ़त के साथ 17,786.80 अंक के स्तर पर आज के कारोबार का अंत किया।
दिन भर हुई खरीद बिक्री के बाद स्टॉक मार्केट के दिग्गज शेयरों में से मारुति सुजुकी 4.98 प्रतिशत, रिलायंस इंडस्ट्रीज 3.06 प्रतिशत, अपोलो हॉस्पिटल 3.05 प्रतिशत, एनटीपीसी 1.99 प्रतिशत और हीरो मोटोकॉर्प 1.50 प्रतिशत की मजबूती के साथ आज के टॉप 5 गेनर्स की सूची में शामिल हुए। दूसरी ओर टेक महिंद्रा 2.50 प्रतिशत, टाटा स्टील 2.50 प्रतिशत, ग्रासिम इंडस्ट्रीज 2.33 प्रतिशत, सन फार्मास्यूटिकल्स 2.14 प्रतिशत और डिवीज लेबोरेट्रीज 2.03 प्रतिशत की कमजोरी के साथ आज के टॉप 5 लूजर्स की सूची में शामिल हुए।
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भारत में उछलता शेयर बाज़ार और सिकुड़ती अर्थव्यवस्था, क्या है वजह?
21 जनवरी का दिन बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के इतिहास में सुनहरे शब्दों में लिखा जाएगा. अपने 145 साल के इतिहास में पहली बार इसके सूचकांक ने 50,000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर लिया और दिन के अंत में ये थोड़ा नीचे जा कर 49,624.76 अंकों पर बंद हुआ.
ये एक बड़ी उपलब्धि की तरह से देखा जा रहा है. ये कामयाबी कितनी अहम है, इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि मार्च के अंत में देश भर में लगाए गए लॉकडाउन के बाद सेंसेक्स 25,638 अंक तक गिर चुका था. अब उछाल आसमान को छू रहा है.
यानी 10 महीने में सूचकांक में दोगुनी वृद्धि हुई है. एक आकलन के मुताबिक़, साल 2020 में शेयर बाज़ार में निवेश करने वालों को 15 प्रतिशत का फ़ायदा हुआ. इतने कम समय में, इतना उम्दा मुनाफ़ा कमाना किसी भी दूसरे क्षेत्र में निवेश करके असंभव था.
पिछले 10 महीनों में शेयर बाज़ार में इस ज़बरदस्त उछाल के क्या कारण हैं? और ये 'फ़ीलगुड' समय कब तक जारी रहेगा?
इन दोनों सवालों पर प्रकाश डालने से पहले इस प्रश्न पर ग़ौर करना ज़रूरी है कि अगर भारत की अर्थव्यवस्था महामारी के नतीजे में चौपट हुई है, तो पिछले 10 महीने में शेयर बाज़ार में इतना उछाल क्यों आया है?
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अर्थव्यवस्था और बाज़ार में अंतर क्यों?
मुंबई के दलाल स्ट्रीट में अगर जश्न का माहौल है, तो देश में कई लोग ये सवाल कर रहे हैं कि अर्थव्यवस्था और शेयर बाज़ार के बीच इतना डिस्कनेक्ट क्यों है? इसका जवाब सीधा नहीं है. लेकिन भारत के अलावा अमेरिका, दक्षिण कोरिया और कुछ अन्य अर्थव्यवस्थाओं में भी ऐसे ही रुझान देखने को मिले हैं.
इसे एक वैश्विक रुझान कहा जा सकता है. मुंबई स्थित अर्थशास्त्री विवेक कौल कहते हैं कि इस वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था सिकुड़ने वाली है, लेकिन शेयर बाज़ारों में उछाल है.
इसका मुख्य कारण बाज़ार में ज़रूरत से ज़्यादा उपलब्ध लिक्विडिटी (नगदी) है.
अमेरिका में व्हार्टन बिज़नेस स्कूल दुनिया भर में प्रसिद्ध है. इसके एक डेली रेडियो शो में स्कूल के वित्त मामलों के प्रोफ़ेसर इते गोल्डस्टीन (Itay Goldstein) ने शेयर बाज़ार और अर्थव्यवस्था के बीच डिस्कनेक्ट के वैश्विक रुझान के तीन कारण बताये.
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दो देश,दो शख़्सियतें और ढेर सारी बातें. आज़ादी और बँटवारे के 75 साल. सीमा पार संवाद.
वे कहते हैं कि पहला, जो हर समय के लिए सच है, वो ये कि शेयर बाज़ार के निवेशक आने वाले समय पर निगाह रखने वाले होते हैं. सामान्य तौर पर अर्थव्यवस्था में अभी जो आप देख रहे हैं, वो अभी चल रहा है. यानी मौजूदा समय में क्या हो रहा है अर्थव्यवस्था ये देखती है, जैसे कि उत्पादन, रोज़गार के क्षेत्र में क्या हो रहा है.
प्रोफ़ेसर गोल्डस्टीन के अनुसार, दूसरा कारण केंद्रीय बैंक द्वारा वित्तीय सिस्टम में बहुत अधिक नक़दी डालना है. उनका कहना है कि सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने महामारी से जूझने के लिए वित्तीय पैकेज दिये हैं जिसके कारण मार्केट में नक़दी आई है.
प्रोफ़ेसर गोल्डस्टीन कहते हैं कि इस रुझान का तीसरा कारण ये तथ्य है कि शेयर बाज़ार से जो कंपनियाँ जुड़ी हैं, ये ज़रूरी नहीं कि वो पूरी अर्थव्यवस्था की प्रतिनिधि हैं. अपने तर्क के पक्ष में वो फ़ेसबुक, गूगल, अमेज़न और नेटफ़्लिक्स जैसी कंपनियों का उदाहरण देते हैं जिन पर महामारी का कोई नकारात्मक असर नहीं हुआ, लेकिन इनके स्टॉक शेयर के भाव तेज़ी से बढे हैं और ये कंपनियाँ पूरी अर्थव्यवस्था का नेतृत्व नहीं करतीं.
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बाज़ार में उछाल के क्या कारण हैं?
पिछले कुछ महीनों से वैश्विक और घरेलू दोनों कारणों से शेयर बाज़ार में 'बुल रन' यानी उछाल देखने को मिल रहा है.
स्टैंडर्ड चार्टर्ड सिक्योरिटीज़ के प्रतीक कपूर के अनुसार, अमेरिका में महामारी से जूझने के कई पैकेज आ चुके हैं जिसके कारण मार्केट में काफ़ी लिक्विडिटी है.
वे बताते हैं, "भारत इमर्जिंग मार्किट में सबसे सुरक्षित और मुनाफ़े वाला बाज़ार है, इसलिए विदेशी संस्थागत निवेशक (एफ़आईआई) भारत में निवेश कर रहे हैं और तेज़ी से कर रहे हैं. जनवरी के पहले हफ़्ते में कुछ दिनों के लिए वो हमारे मार्केट से पैसे निकालने लगे थे जिसकी वजह से मार्केट में गिरावट आई थी लेकिन पिछले दो-तीन दिनों से वो फिर से काफ़ी निवेश कर रहे हैं."
प्रतीक कपूर के अनुसार, दूसरा कारण है ब्याज दर में कमी. उनके विचार में अमेरिका में चुनाव के ख़त्म होने के बाद से सियासी स्थिरता और बुधवार को जो बाइडन के शपथ ग्रहण और उनके द्वारा उठाए गए कुछ अहम क़दमों का अमेरिकी मार्केट पर सकारात्मक असर देखने को मिला जिसका सीधा असर भारत के शेयर बाज़ार पर भी पड़ा.
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साल 2020 में विदेशी निवेशकों ने भारत के शेयर बाज़ारों में 32 अरब डॉलर का सौदा किया जो किसी एक साल के लिए अब तक का रिकॉर्ड है.
साल 2019 भी विदेशी निवेशकों के निवेश का साल था और साल 2021 में भी विदेशी निवेशकों की रुचि भारतीय स्टॉक मार्केट में बनी रहेगी.
एक अनुमान है कि 25 से 30 अरब डॉलर तक का विदेशी निवेश भारत में आ सकता है.
विवेक कौल कहते हैं कि इन दिनों शेयर बाज़ार आसानी से उपलब्ध कैश के कारण उछाल पर है.
वे कहते हैं, "विदेशी निवेशकों ने पिछले साल (2020) भारतीय शेयरों को ख़रीदने में 32 अरब डॉलर ख़र्च किया है. कई स्थानीय निवेशकों ने भी ब्याज दरों में भारी गिरावट के बाद शेयरों पर दांव लगाया है. आरबीआई ने वित्तीय प्रणाली में बड़े पैमाने पर पैसा लगाया है. इन सबके चलते शेयर बाज़ार ऊपर जा रहा है, जबकि इस वित्तीय साल में अर्थव्यवस्था में गिरावट की उम्मीद है."
मार्केट में निवेश करने का देश के अंदर रुझान बढ़ रहा है. ये भी एक कारण है. एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में खुदरा निवेशकों की श्रेणी में युवा निवेशकों की संख्या में एक करोड़ की वृद्धि हुई. लॉग टर्म की दृष्टिकोण रखने वाले निवेशक अब बैंकों में पैसे रखने या रियल स्टेट में पैसे निवेश करने की बजाय स्टॉक्स एंड शेयर्स में निवेश करना पसंद करते हैं.
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क्या ये उछाल जारी रहेगा?
फ़िलहाल कुछ अनिश्चितता है. विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है. प्रतीक कपूर कहते हैं कि मार्केट अभी और भी ऊपर जाएगा.
वे बताते हैं, "अभी विदेशी निवेशक आते रहेंगे. जो बाइडन का नया आर्थिक पैकेज भी मार्केट में रंग लाएगा. लेकिन शॉर्ट टर्म में करेक्शन आ सकता है यानी आगे कुछ दिनों या हफ़्तों में मार्केट में उतार-चढाव होगा और कुछ कंपनियों के स्टॉक्स के भाव नीचे जाएँगे. करेक्शन होना या मार्केट का थोड़ा बहुत गिरना नकारात्मक नहीं है. थोड़ा करेक्शन चाहिए क्योंकि मार्केट ज़रूरत से अधिक गर्म है.
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास, वित्तीय स्थिरता पर ज़ोर देते हुए कहते हैं कि वो इस बात से चिंतित हैं कि हाल के समय में अर्थव्यवस्था और मार्केट में डिसकनेक्ट बढ़ा है. इस रुझान पर नज़र रखना ज़रूरी है.
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शेयर बाजार में तेजी से हुई शुरुआत, दोनों सूचकांक ने बनाई बढ़त
नईदिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस और यूक्रेन के बीच शांति की पहल शुरू होने की खबर से आज दुनियाभर के बाजारों में उत्साह का माहौल दिख रहा है। घरेलू शेयर बाजार ने भी आज मजबूती के साथ कारोबार की शुरुआत की। शुरुआती एक घंटे के कारोबार में भी थोड़ी देर के लिए हुई मामूली बिकवाली के अलावा बाजार लगातार तेजी के रुख पर कायम है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सेंसेक्स ने 369.90 अंक की तेजी के साथ 53,793.99 अंक के स्तर पर आज के कारोबार की शुरुआत की। कारोबार की शुरुआत होते ही बाजार में तेज खरीदारी शुरू हो गई, जिसके कारण शुरुआती आधे घंटे के कारोबार में ही सेंसेक्स उछलकर 53,911.65 अंक के स्तर पर पहुंच गया। इस स्तर पर एक बार मुनाफावसूली के चक्कर में तेज बिकवाली भी हुई, जिससे अगले 10 मिनट में ही सेंसेक्स गिरकर 53,645.50 अंक के स्तर पर आ गया। लेकिन इसके बाद बाजार पर खरीदारों का कब्जा हो गया और सेंसेक्स लगातार ऊपर की ओर बढ़ता गया। शुरुआती 1 घंटे के कारोबार में ही खरीद बिक्री के बीच सुबह 10:15 बजे सेंसेक्स 490.61 अंक की मजबूती के साथ 53,914.70 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा था।
सेंसेक्स की तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी ने भी आज 64.55 अंक की बढ़त के साथ 16,078 अंक के स्तर पर कारोबार की शुरुआत की। शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार के सूचकांक निफ्टी भी बाजार में हो रही खरीदारी के सपोर्ट से ऊपर चढ़ते हुए आधे घंटे में ही 16,143.45 अंक के स्तर पर पहुंच गया। हालांकि इस स्तर पर हुई बिकवाली के कारण इस सूचकांक में एक बार करीब 70 अंकों की गिरावट भी आई, लेकिन इसके बाद बाजार में जारी लिवाली के जोर ने निफ्टी को भी मजबूती प्रदान कर दी। खरीद बिक्री के बीच शुरुआती 1 घंटे का कारोबार होने के बाद सुबह 10:15 बजे निफ्टी 142.75 अंक की मजबूती के साथ 16,156.20 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा था।
आज प्री ओपनिंग सेशन में भी मिलेजुले ग्लोबल संकेतों के बीच शेयर बाजार ने मजबूती के साथ कारोबार की शुरुआत की। शेयर बाजार के सूचकांक बीएसई का सेंसेक्स 602.95 अंक यानी 1.13 प्रतिशत की बढ़त के साथ 54,027.04 अंक के स्तर पर था। वहीं निफ्टी प्री ओपनिंग सेशन में 161.65 अंक यानी 1.01 प्रतिशत चढ़कर 16,175.70 अंक के स्तर पर पहुंचा हुआ था।इसके पहले पिछले कारोबारी दिन यानी मंगलवार को सेंसेक्स 581.34.06 अंक की छलांग लगाकर 1.10 प्रतिशत की तेजी के साथ 53,424.09 अंक के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी ने 150.30 अंक की मजबूती के साथ 16,013.45 अंक के स्तर पर मंगलवार के कारोबार का अंत किया था।
भारत के प्रमुख Share Markets और Stock Price Indices in Hindi
आज हम भारत के प्रमुख शेयर बाजारों (Share Markets) और मूल्य सूचकांकों (Price Index) की बात करेंगे. कुछ रोचक तथ्य (facts) भी आपको बताएंगे. इस पोस्ट में हम भारतीय पूँजी बाजार से सम्बंधित कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाओं (important timeline) की लिस्ट आपके सामने रखेंगे.
भारत के प्रमुख शेयर बाजार/Important Share Markets in India:-
राष्ट्रीय शेयर बाजार (National Stock Exchanges) – राष्ट्रीय शेयर बाजार की स्थापना 1992 को हुई. इसकी सिफारिश 1991 में फेर्वानी समिति (M J Pherwani Committee) ने की थी. इसका मुख्यालय दक्षिण मुंबई वर्ली में है.
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) – यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है. इसकी स्थापना 1875 ई. में स्टॉक एक्सचेंज मुंबई के नाम से की गई थी जिसे 2002 में बदलकर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) कर दिया गया.
ओवर दी काउंटर एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (OTCEI) – इसकी स्थापना नवम्बर, 1992 में मुंबई में की गयी. इसकी स्थापना भारत में सर्वप्रथम ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधा सम्पन्न Computerized Exchange के रूप में हुई. इसकी अवधारणा USA के शेयर बाजार के सूचकांक स्टॉक एक्सचेंज “NASDAQ” के आधार पर की गयी. जिन लघु या मध्यम औद्योगिक इकाइयों का पूँजी स्तर 30 लाख रु. से 25 करोड़ रु. हो, उन्हीं को OTCEI में सूचीबद्ध किया जाता है.
कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य:-Some Important Facts
1. विश्व का सबसे पहला संगठित शेयर बाजार वर्ष 1602 में Amsterdam, Netherlands में स्थापित किया गया था.
2. भारत में National Commodity & Derivatives Exchange Ltd. (NCDEX) ने कृषिगत उत्पादों (agricultural products) के लिए NCDEXAGRI नामक सूचकांक (Index) 3 मई, 2005 को शुरू किया. यह सूचकांक देश का पहला Commodity Index है.
3. ग्रीनेक्स (GREENEX) देश का पहला पर्यावरण अनुकूल शेयर मूल्य सूचकांक है जिसे देश में हरित निवेश को बढ़ावा (to promote green investment) देने के लिए शुरू किया गया है.
4. रेजिडेक्स (RESIDEX) राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) द्वारा 11 जुलाई, 2007 को लागू किया गया. जमीन की खरीद-बिक्री में अक्सर बेईमानी होती है. कालाबाजारी की निगरानी और रोकथाम के लिए इस इंडेक्स को लांच किया गया.
विश्व के प्रसिद्ध शेयर बाजारों के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक/Important Stock Price Index in the World Share Market
शेयर मूल्य सूचकांक/Share Price Index | स्टॉक एक्सचेंज/Stock Exchanges |
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डो जोन्स (Dow Jones) | न्यूयॉर्क |
निक्की (Nikkei) | टोकियो |
मिड डेक्स (MID DAX) | फैंकफर्ट, जर्मनी |
हैंग सेंग (HANG SENG) | हांगकांग |
सिमेक्स (SIMEX) | सिंगापुर |
कोस्पी (KOSPI) | कोरिया |
सेट (SET) | थाइलैंड |
तेन (TAIEN) | ताईवान |
शंघाई कॉम (Shanghai Com) | चीन |
नासदाक (NASDAQ) | USA |
एस.एंड.पी (S.& P.) | कनाडा |
बोवेस्पा | ब्राजील |
मिब्टेल | इटली |
आई.पी.सी. (IPC) | मैक्सिको |
जकार्ता कम्पोजिट | इंडोनेशिया |
KLSE कम्पोजिट | मलेशिया |
सियोल कम्पोजिट | दक्षिण कोरिया |
FTSE-100 | लन्दन |
भारत के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक/ Important Stock Price Indices in India
BSE SENSEX– यह मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (The Stock Exchange Mumbai) का संवेदी शेयर सूचकांक है. यह 30 प्रमुख शेयरों का प्रतिनिधित्व करता है. इसका आधार वर्ष 1978-79 है.
BSE 200–यह मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के 200 शेयरों का प्रतिनिधित्व करता है. इसका आधार वर्ष 1989-90 ई. है. इसका नाम BSE 200 इसलिए है क्योंकि इसमें 200 कंपनी रजिस्टर्ड हैं.
DOLLEX- BSE 200 —BSE 200 सूचकांक का ही डॉलर मूल्य सूचकांक डॉलेक्स (DOLLEX) कहलाता है. इसका आधार वर्ष 1989-90 ई. है.
NSE-50–राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दिल्ली से सम्बंधित इस सूचकांक का नाम बदलकर S & P CNX Nifty रखा गया है.
दुनिया के शेयर बाजार
दुनिया के शेयर बाजार और उनके सूचकांक किन किन देशों के शेयर बाजार टर्नओवर के हिसाब से टॉप पर हैं. विस्तार से यहाँ आपको दुनिया के प्रमुख और बड़े शेयर बाजारों के बारे में बताते हैं. इन विदेशी शेयर बाजारों में दुनिया भर के लोग कारोबार करते हैं. दुनिया भर के शेयर बाजारों का कुल बाजार पूंजीकरण यानि Market Capitalization $70 ट्रिलियन है. इस आंकड़े को समझाने के लिए आपको बता दें कि $1 ट्रिलियन की कीमत 64 लाख करोड़ भारतीय रुपये के बराबर होगी।
दुनिया के शेयर बाजार World Share Markets in Hindi
यहाँ हम 2016 में World Federation of Exchanges वर्ल्ड फेडरेशन एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार दुनिया के टॉप शेयर बाजारों के बारे में बता रहे हैं जिनका बाजार पूंजीकरण $1 ट्रिलियन से अधिक है. विदेशी शेयर बाजार सूची में न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज, नास्डैक, जापान एक्सचेंज ग्रुप, शंघाई स्टॉक एक्सचेंज और लंदन स्टॉक एक्सचेंज प्रमुख हैं।
दुनिया के शेयर बाजार – New York Stock Exchange न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज
$ 18.8 ट्रिलियन के पूंजीकरण के साथ न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज दुनिया का टॉप का शेयर बाजार है। NYSE का पूंजीकरण न केवल दुनिया में सर्वोच्च है, बल्कि इसकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी, नासाडैक से लगभग तीन गुना अधिक है। यहाँ सूचीबद्ध कंपनियों में एप्पल, फेसबुक और गूगल जैसी दुनिया की बड़ी बड़ी कम्पनियां शामिल है।
दुनिया के शेयर बाजार – नास्डैक NASDAQ
$ 7.5 खरब डॉलर के पूंजीकरण के साथ NASDAQ दूसरे नंबर पर दुनिया का सबसे बड़ा शेयर बाजार है। न्यू यॉर्क-आधारित नास्डैक एक्सचेंज के बेंचमार्क नास्डैक 100 इंडेक्स में ईबे, क्राफ्ट और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कम्पनियां शामिल हैं।
Japan Exchange Group जापान एक्सचेंज ग्रुप
$ 4.9 ट्रिलियन के पूंजीकरण के साथ जापान एक्सचेंज ग्रुप संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर का सबसे बड़ा एक्सचेंज है। जापान का यह बाजार विश्व प्रसिद्ध Nikkei निक्केई 225 सूचकांक को नियंत्रित करता है। निक्केई सूचकांक अक्सर संपूर्ण एशिया के बाजारों के हालात जानने के लिए उद्धृत किया जाता है। उपभोक्ता वस्तुओं की कम्पनियां जैसे निकॉन, ओलिंपस, और कोनिका यहाँ सूचीबद्ध कुछ सबसे प्रसिद्ध कम्पनियां हैं।
Shanghai Stock Exchange शंघाई स्टॉक एक्सचेंज
$ 3.9 खरब चीन का सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज है जो कि देश के वित्तीय केंद्र शंघाई में स्थित है। बियर बनाने वाली कंपनी तसिंग्ताऊ, एयर चाइना और चीन की आयल और गैस कंपनी साइनोपैक यहाँ सूचीबद्ध हैं।
दुनिया के शेयर बाजार – London Stock Exchange लंदन स्टॉक एक्सचेंज
$ 3.6 ट्रिलियन पूँजीकरण के साथ लंदन स्टॉक एक्सचेंज यूरोप का सबसे प्रसिद्ध शेयर बाजार है। लंदन स्टॉक एक्सचेंज लंदन शहर के केंद्र में स्थित है। ब्लू-चिप एफटीएसई 100, एफटीएसई 250 और छोटे कैप शेयरों का एआईएम लंदन स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांक हैं। एफटीएसई 100 को फुट्सी Footsie भी कहा जाता है।
Eronext यूरोनेक्स्ट
$ 3.4 ट्रिलियन पूंजीकरण वाला यूरोनेक्स्ट ग्रुप के शेयर बाजार का मुख्यालय एम्स्टर्डम में है। यूरोप के प्रमुख राष्ट्रीय शेयर बाजार इसके तहत हैं। इसमें फ्रांस का सीएसी 40, बेल्जियम का बीईएल 20 और पीएसआई 20 तथा पुर्तगाल का ब्लू-चिप बाजार भी शामिल है।
दुनिया के शेयर बाजार – Shenzhen Stock Exchange शेनझेन स्टॉक एक्सचेंज
3.2 ट्रिलियन डॉलर की बाजार पूंजीकरण के साथ शेनझेन के दक्षिण-पूर्वी शहर में स्थित एसएसई चीन का दूसरा सबसे बड़ा एक्सचेंज है।
दुनिया के शेयर बाजार – Hong Kong Stock Exchange हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज
World Share Markets in Hindi दुनिया के शेयर बाजार की सूची में अगला नाम है हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज का। $ 3.1 खरब डॉलर पूंजीकरण के साथ हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज विश्व के सबसे प्रमुख वित्तीय केन्द्रों में से एक के रूप में एक प्रतिष्ठित है।
TMX Group टीएमएक्स समूह
$ 1.9 खरब पूंजीकरण के साथ टोरंटो में आधारित टीएमएक्स कनाडा में सबसे बड़ा एक्सचेंज ग्रुप है। इसके घटकों में से एक टोरंटो स्टॉक एक्सचेंज में कनाडा के सभी पांच सबसे बड़े बैंक सूचीबद्ध हैं।
Deutsche Boerse ड्यूश बोर्स
$ 1.7 ट्रिलियन ड्यूश बोर्स समूह में जर्मनी का प्रधान सूचकांक, डैक्स DAX 30 है, जिसमें ड्यूश बैंक और सीमेंस सहित यूरोप की कई बड़ी कंपनियों की सूचिबधता है।
Bombay Stock Exchange बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज
1.63 खरब डॉलर पूंजीकरण के साथ BSE भारत का सबसे बड़ा एक्सचेंज मुंबई में आधारित है। यहाँ सूचीबद्ध कंपनियों में भारत का सबसे प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय ब्रांड टाटा मोटर्स शामिल है। इसके आलावा रिलायंस और एयरटेल जैसी भारतीय कम्पनियां भी यहाँ लिस्टेड हैं। इसका सूचकांक सेंसेक्स है.
National Stock Exchange of India नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया
$ 1.6 ट्रिलियन पूंजीकरण के साथ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया यानि NSE इस सूची में दो भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है। NSE का आकार इसके समकक्ष बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज से मामूली कम है। भारतीय स्टेट बैंक यहाँ सूचीबद्ध सबसे प्रमुख कंपनियों में से एक है। इसके सूचकांक को निफ्टी कहते हैं. आप यहाँ निफ्टी में शामिल शेयर देख सकते हैं.
Six Swiss Exchange सिक्स स्विस एक्सचेंज
1.5 ट्रिलियन डॉलर सिक्स स्विस एक्सचेंज ग्रुप पर विश्व की सबसे बड़ी दवा कंपनियों रॉश और नोवार्टिस के साथ-साथ भोजन और पेय बनाने वाली विशाल कंपनी नेस्ले भी सूचीबद्ध है।
Korea Exchange कोरिया एक्सचेंज
1.4 ट्रिलियन डॉलर कोरिया एक्सचेंज और उसके मुख्य घटक KOSPI कोस्पी में तकनीक की विशालकाय कंपनी सैमसंग और कार फर्म किआ शामिल हैं। यह दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में स्थित है।
Australian Securities Exchange ऑस्ट्रेलियाई सिक्योरिटीज एक्सचेंज
$ 1.3 ट्रिलियन ओशिनिया के सबसे बड़े शेयर बाजार एएसएक्स में विशाल ऑस्ट्रेलियाई कंपनी बीएचपी बिलिटन सहित कई बड़ी खनन कंपनियों की लिस्टिंग है।
NASDAQ Nordic Exchanges नास्डैक नॉर्डिक एक्सचेंज
$ 1.28 ट्रिलियन NASDAQ नॉर्डिक उत्तरी यूरोप में एक्सपेचेंज की एक श्रृंखला संचालित करती है जिसमें कोपेनहेगन, स्टॉकहोम और हेलसिंकी एक्सचेंज शामिल हैं। वोल्वो और कपड़ों की विशाल एच एंड एम दोनों ही नास्डैक नॉर्डिक एक्सचेंज में शेयर बाजार के सूचकांक सूचीबद्ध हैं।
Juhanesberg Stock Exchange जोहान्सबर्ग स्टॉक एक्सचेंज
$ 1.1 ट्रिलियन के जोहान्सबर्ग स्टॉक एक्सचेंज ने 997 अरब डॉलर मूल्य में बढ़कर $ 1-ट्रिलियन क्लब में जुलाई में पहली बार प्रवेश किया। जेएसई पर सूचीबद्ध फर्मों में एंग्लो अमेरिकन और वित्तीय सेवा फर्म इन्वेस्टिक शामिल हैं।
यह थे World Share Markets in Hindi दुनिया के शेयर बाजार। हिंदी में शेयर बाजार की जानकारी देने की श्रृंखला में आज हमने दुनिया के टॉप शेयर बाजारों की जानकारी देने की कोशिश की है.