विदेशी मुद्रा व्यापारी के लिए कुछ महत्वपूर्ण

भारतीय आईटी / साफ्टेवयर क्षेत्र ने एक उल्लेखनीय वैश्विक ब्रांड पहचान प्राप्त की है जिसके लिए निम्नतर लागत, कुशल, शिक्षित और धारा प्रवाह अंग्रेजी बोलनी वाली जनशक्ति के एक विदेशी मुद्रा व्यापारी के लिए कुछ महत्वपूर्ण बड़े पुल की उपलब्धता को श्रेय दिया जाना चाहिए । अन्य संभावना वाली और वर्द्धित सेवाओं में व्यवसाय प्रोसिस आउटसोर्सिंग, पर्यटन, यात्रा और परिवहन, कई व्यावसायिक सेवाऍं, आधारभूत ढॉंचे से संबंधित सेवाऍं और वित्तीय सेवाऍं शामिल हैं।
विदेशी व्यापार किसे कहते हैं इसका क्या महत्व है ?
मनुष्य की आवश्यकताएँ अनन्त हैं। कुछ आवश्यकता की वस्तुए तो देश में ही प्राप्त हो जाती है तथा कुछ वस्तुओं को विदेशों से मंगवाना पड़ता है। भोगोलिक परिस्थितियों के कारण प्रत्येक देश सभी प्रकार की वस्तुए स्वयं पैदा नहीं कर सकता है। किसी देश में एक वस्तु की कमी है तो दूसरे देश में किसी दूसरी वस्तु की। इस कमी को दूर करने के लिए विदेशी व्यापार का जन्म हुआ है।
दो देशों के मध्य होने वाले वस्तुओं के परस्पर विनिमय या आदान’-प्रदान को विदेशी व्यापार कहते हैं। जो देश माल भजेता है उसे निर्यातक एवं जो देश माल मंगाता है उसे आयातक कहते हैं एवं उन दोनों के बीच होने वाल े आयात-निर्यात को विदेशी व्यापार कहते हैं।
घट गया है भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए पिछले हफ्ते में कितनी थी भारत की ये संपत्ति
Published: August 13, 2022 4:25 PM IST
भारत के विदेश मु्द्रा भंडार में कमी आई है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर जारी आंकड़ों के अनुसार, 5 अगस्त को भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 89.7 करोड़ डॉलर गिरकर 572.978 अरब डॉलर हो गया. 29 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान लगातार चार सप्ताह पहले गिरने के बाद यह गिरावट देखी गई है. इस सप्ताह विदेशी मुद्रा संपत्ति में 1.611 अरब डॉलर की गिरावट के कारण 509.646 अरब डॉलर की गिरावट देखी गई है.
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विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (एफसीए) जो कि आरबीआई के विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे महत्वपूर्ण पूंजी है. वह अमेरिकी ट्रेजरी बिल जैसी संपत्तियां हैं, जिन्हें आरबीआई ने विदेशी मुद्राओं का उपयोग करके खरीदा है. एफसीए विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा पुर्जा है. इस बीच, हालांकि, 5 अगस्त को समाप्त सप्ताह में सोने का भंडार 67.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 40.313 अरब डॉलर हो गया.
स्पेशल ड्रॉविंग राइट्स (एसडीआर) 4.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.031 अरब डॉलर हो गया. जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है कि आईएमएफ के साथ देश की आरक्षित स्थिति समीक्षाधीन सप्ताह में 30 लाख डॉलर घटकर 4.987 बिलियन डॉलर हो गई.
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भारतीय अर्थव्यवस्था
भारत जीडीपी के संदर्भ में विश्व की नवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है । यह अपने भौगोलिक आकार के संदर्भ में विश्व में सातवां सबसे बड़ा देश है और जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा देश है । हाल के वर्षों में भारत गरीबी और बेरोजगारी से संबंधित मुद्दों के बावजूद विश्व में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरा है । महत्वपूर्ण समावेशी विकास प्राप्त करने की दृष्टि से भारत सरकार द्वारा कई गरीबी उन्मूलन और रोजगार उत्पन्न करने वाले कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ।
इतिहास
ऐतिहासिक रूप से भारत एक बहुत विकसित आर्थिक व्यवस्था थी जिसके विश्व के अन्य भागों के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध थे । औपनिवेशिक युग ( 1773-1947 ) के दौरान ब्रिटिश भारत से सस्ती दरों पर कच्ची सामग्री खरीदा करते थे और तैयार माल भारतीय बाजारों में सामान्य मूल्य से कहीं अधिक विदेशी मुद्रा व्यापारी के लिए कुछ महत्वपूर्ण उच्चतर कीमत पर बेचा जाता था जिसके परिणामस्वरूप स्रोतों का द्धिमार्गी ह्रास होता था । इस अवधि के दौरान विश्व की आय में भारत का हिस्सा 1700 ए डी के 22.3 प्रतिशत से गिरकर 1952 में 3.8 प्रतिशत रह गया । 1947 में भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात अर्थव्यवस्था की पुननिर्माण प्रक्रिया प्रारंभ हुई । इस उद्देश्य से विभिन्न नीतियॉं और योजनाऍं बनाई गयीं और पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से कार्यान्वित की गयी ।
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इन्फिनिटी ट्रेड्स विदेशी मुद्रा अकादमी में प्रत्येक मॉड्यूल में चार मॉड्यूल होते हैं, जो आप शिक्षा को और अधिक उन्नत करते हैं, हमारे पाठ्यक्रम में शामिल होने पर आपको एक अनंत स्वागत पैक प्राप्त होगा जिसमें आपका पूर्ण कोर्स अवलोकन शामिल होगा, आप यह भी देख सकेंगे कि आपका दिन और समय क्या है साप्ताहिक शैक्षणिक वेबिनार आयोजित किए जा रहे हैं, अगर आप किसी भी समय अपनी सभी शिक्षाओं को याद करते हैं और आपके लिए उपलब्ध हैं, तो यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप अन्य छात्रों के साथ अद्यतित रहने के लिए किसी भी समय याद करते हैं, हम अपने चैट समूहों के माध्यम से संवाद करते हैं, जहां आप होंगे हमारे व्यापार विश्लेषण को देखने में सक्षम हैं और आपके सभी सवालों के जवाब देने के लिए आपके साथी छात्रों से बातचीत करने का एक शानदार तरीका भी है, हम आपको अपने व्यापार को अपने व्यापार खाते में कॉपी करके हमारे साथ कमाई और सीखने का अवसर भी देते हैं, हमारे पास नहीं है संदेह है कि इस कोर्स को पूरा करने पर आप विदेशी मुद्रा को स्वतंत्र रूप से व्यापार करने में सक्षम होंगे।
ऋण और अग्रिम : विदेशी मुद्रा अनिवासी (एफसीएनआर - बी) ऋण : विशेषताएं
ऋण के प्रमुख उद्देश्य
कार्पोरेट को भारत में विदेशी मुद्रा ऋण प्राप्ता करने की अनुमति उपर्युक्ता योजनाओं के अंतर्गत निम्नशलिखित उद्देश्यव के लिए दी जाती है :
- भारतीय रुपए में कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए.
- निर्यातकों के लिए पोतलदान पूर्व अग्रिम/पोतलदानोत्तर अग्रिम के द्वारा
- कच्चे माल का आयात.
- पूंजीगत माल का आयात.
- देशी मशीनों की खरीद.
- मौजूदा रुपया आवधिक ऋण के पुर्नभुगतान हेतु.
- भारतीय रिज़र्व बैंक, भारत सरकार की स्वीपकृति से किसी मौजूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) का पुनर्भुगतान.
ऋण के विभिन्नख उद्देश्यों के लिए मौजूदा दिशानिर्देश निम्नाभनुसार है:
- भारतीय रुपए की कार्यशील पूंजी की आवश्येकताओं को पूरा करने के लिए.
- ऋण की स्वीककृति कार्यशील पूंजी / अधिकतम स्वीककार्य बैंक वित्त (एमपीबीएफ) के उचित मूल्यांफकन के बाद की जाएगी. उधारकर्ता को विनियम जोखिम से बचने के लिए स्वायभाविक बचाव व्यबवस्थाी स्वएतः विदेशी मुद्रा व्यापारी के लिए कुछ महत्वपूर्ण ही करनी होगी जिसका वहन उसके द्वारा किया जाएगा. उधारकर्ता जिनके पास स्वा्भाविक बचाव व्यकवस्थाग नहीं है उन्हेंन विनियम जोखिम से बचने के लिए वायदा कवर लेना चाहिए. उधारकर्ता जिनके पास सुदृढ़ वित्तीय शक्ति, ऊंची रेटिंग जैसे ए+/ए है और उनके पास स्वा भाविक बचाव कवर नहीं है तो उन पर विचार किया जा सकता है.
- ऋण एमपीबीएफ सीमा का 90% तक संवितरित किया जा सकता है.
- जहां उधारकर्ता बैंक क्रेडिट की डिलीवरी के लिए ऋण सिस्टनम के अंतर्गत कवर है, वहां एमपीबीएफ सीमा के विदेशी मुद्रा ऋण, रुपए में ऋण घटक, कैश क्रेडिट घटक और बिल सीमा में वर्गीकरण भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देश के अनुरुप होना चाहिए.
- विदेशी मुद्रा ऋण राशि को ऋण घटक का भाग माना जाएगा बशर्ते ऋण अवधि न्यूनतम -6- माह तक हो.
- विदेशी मुद्रा ऋण -4- मुद्राओं जैसे यूएसडी, स्ट्रलिंग, यूरो और जापानी येन में वितरित की जाएगी.
ऋण और अग्रिम : विदेशी मुद्रा अनिवासी (एफसीएनआर - बी) ऋण : सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)
- ऋण के प्रयोजन के अनुसार सेवा / प्रोसेसिंग शुल्क अलग अलग होते हैं.
- यदि स्वीकृति की तारीख से 30 दिनों के भीतर ऋण नहीं लिया जाता है तो 1% प्रति वर्ष.
- इस ऋण का पूर्व भुगतान किए जाने पर इसके शेष अवधि की ऋण राशि में 1% की कटौती की जाएगी.
एफसीएनआर ऋणों पर सामान्य रूप से लागू होने वाली ब्याज दर समय-समय पर कॉर्पोरेट सेंटर स्थित अंतर्राष्ट्रीय प्रभाग द्वारा जारी परिपत्रों द्वारा नियंत्रित होती है। वर्तमान में सांकेतिक दरें पार्टी की क्रेडिट रेटिंग पर निर्भर करती हैं अर्थात "एएए" रेटेड ग्राहकों के लिए यह 3 महीने यूएसडी लाइबर में 500 बीपीएस है, "एए' रेटेड ग्राहकों के लिए यह तीन महीने लाइबर में 550 बीपीएस है और "ए" रेटेड ग्राहकों के लिए यह यूएसडी लाइबर से 600 बीपीएस अधिक होता है.
ऋण और अग्रिम : विदेशी मुद्रा अनिवासी (एफसीएनआर - बी) ऋण : दस्ता वेजीकरण और प्रक्रिया
कार्यशील पूंजी सुविधाओं को निर्धारित करके एफसीएनआर (बी) ऋण प्राप्त करने के लिए, उधारकर्ता संबंधित शाखा से संपर्क कर सकते हैं जहां उन्हो्ने ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया हैं
शाखा बैंक के सक्षम प्राधिकारी से ऋण स्वीकृति प्राप्ता करने की व्यवस्था करेगी.
अन्य सभी उद्देश्यों के लिए विदेशी मुद्रा ऋण उधारकर्ता की आवश्यकता के उचित मूल्यांकन और बैंक द्वारा उसकी स्वीवकृती के बाद ही दिया जा सकता है. इन ऋणों की स्वीयकृती के लिए उधारकर्ताओं को ऋण सुविधाओं की स्वी कृती के लिए बैंक द्वारा आवश्यक सभी जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता होती है.
इन सुविधाओं की स्वीरकृति के पश्चारत बैंक की प्रक्रिया के अनुसार दस्तावेजों का निष्पादन और बैंक द्वारा सभी नियमों और शर्तों के अनुपालन के पश्चात ऋण का संवितरण बैंक की किसी भी पोजीशन मेंटेनिंग कार्यालयों (लिंक) से किया जाता है.