ट्रेडिंग खाते

Updated on: Mar 28, 2022 | 9:39 PM
Demat vs Trading Account में क्या अंतर होता है? दोनों के क्या इस्तेमाल हैं?
नई दिल्ली। शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के ट्रेडिंग खाते बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?
शेयर मार्केट में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट दोनों का होना जरूरी
बता दें कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग तरह के खाते होते हैं। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेडिंग अकाउंट वह खाता होता है जिसका इस्तेमाल करतेह हुए आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।
यह भी पढ़ें | Online Fraud: गिफ्ट के लालच में महिला को लगा 7 लाख का झटका! इंस्टाग्राम दोस्त ने एकाउंट किया खाली
क्या होता है ट्रेडिंग अकाउंट?
इक्विटी शेयरों को खाते में सहेजकर रखने की बजाय अगर आप इनकी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है।
डीमैट और ट्रेडिंग में अकाउंट क्या फर्क है?
जहां डीमैट अकाउंट आपके शेयर या को डिमैटिरियलाइज्ड तरीके से सुरक्षित रखने वाला खाता होता है, वहीं दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी होती है। डीमैट अकाउंट में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है। इसमें कोई लेन-देन नहीं किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल होता है। डीमैट अकाउंट पर निवेशकों को सालाना कुछ चार्ज देना होता है। पर ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता कंपनी आपसे चार्ज वसूलेगी ट्रेडिंग खाते या नहीं।
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है और कैसे बनाते हैं – Trading Account In Hindi
Trading Account In Hindi: अगर आपको शेयर बाजार में थोड़ी भी रूचि है और पैसे से पैसे कमाना चाहते है या फिर आप शेयर ट्रेडिंग खाते बाजार से सम्बंधित Content पसंद करते हो तो आपने यह जरुर सुना होगा की शेयर बाजार में शेयर खरीदने और बेचने के लिए Trading Account की जरूरत होती है, बिना इसके न तो आप शेयर खरीद सकते हैं और न ही बेच सकते हैं.
पर क्या आप जानते हैं आखिर यह Trading ट्रेडिंग खाते Account क्या है, ट्रेडिंग अकाउंट काम कैसे करता है, ट्रेडिंग अकाउंट कैसे बनाते है, ट्रेडिंग अकाउंट कहाँ खुलवाएं और ट्रेडिंग अकाउंट तथा Demat Account में क्या अंतर होता है.
स्टॉक ब्रोकिंग इंडस्ट्री के लिए एक अक्टूबर से New Account Settlement सिस्टम, जानें क्या होंगे बदलाव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फोटो: पीटीआई/ फाइल)
स्टॉक ब्रोकिंग उद्योग के लिए एक अक्टूबर से नई खाता निपटान प्रणाली (New account settlement system) शुरू हो जाएगी। जुलाई में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के अनुसार महीने या तिमाही के पहले शुक्रवार को मासिक या तिमाही आधार पर ट्रेडिंग सदस्यों को खाते का निपटान करना होगा। यह प्रणाली 1 अक्टूबर से प्रभावी हो जाएगी।
खातों का निपटान क्या होता है?
बाजार नियामक स्टॉक ब्रोकरों को व्यवस्थित करने के लिए उपलब्ध क्रेडिट शेष राशि को ट्रेडिंग खाते से बैंक ट्रेडिंग खाते खाते में कम से कम एक बार तिमाही (90 दिन) या 30 दिनों में ट्रांसफर करता है। प्रयोग न किए जाने वाले धन को वापस बैंक खाते में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया को ‘रनिंग अकाउंट सेटलमेंट’ या ‘निधि का तिमाही निपटान’ कहा जाता है और फंड को ग्राहक के प्राथमिक बैंक खाते में वापस ट्रांसफर कर दिया जाता है जो ट्रेडिंग खाते से जुड़ा होता है। नए दिशानिर्देशों के अनुसार, ग्राहक द्वारा चुने गए विकल्प के आधार पर अब तिमाही या महीने के पहले शुक्रवार को यह निपटान किया जाएगा।
27 जुलाई को बाजार नियामक सेबी ने क्लाइंट फंड और ब्रोकर के पास पड़ी सिक्योरिटीज के खाते चलाने पर नए दिशानिर्देश जारी किए। नए दिशानिर्देशों के अनुसार 1 अक्टूबर 2022 से ग्राहकों के धन के चालू खाते का निपटान ट्रेडिंग सदस्यों द्वारा दिन के अंत (ईओडी) में सभी ग्राहकों के लिए तिमाही के पहले शुक्रवार (यानी, अप्रैल-जून, जुलाई-सितंबर, अक्टूबर-दिसंबर, जनवरी-मार्च) पर किया जाएगा। आगे कहा गया कि यदि तिमाही के पहले शुक्रवार को व्यापारिक अवकाश होता है, तो इस तरह का निपटान पिछले कारोबारी दिन (शुक्रवार से पहले गुरुवार) को होगा। ऐसे मामलों में जहां ग्राहक ने मासिक निपटान प्रक्रिया का विकल्प चुना है, तो चालू खाते का निपटान प्रत्येक माह के पहले शुक्रवार को किया जाएगा।
Demat vs Trading Account में क्या अंतर होता है? दोनों के क्या इस्तेमाल हैं?
नई दिल्ली। शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?
शेयर मार्केट में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट दोनों का होना जरूरी
बता दें कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास ट्रेडिंग खाते डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग ट्रेडिंग खाते अकाउंट दोनों अलग-अलग तरह के खाते होते हैं। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेडिंग अकाउंट वह खाता होता है जिसका इस्तेमाल करतेह हुए आप इक्विटी ट्रेडिंग खाते शेयरों में लेनदेन करते हैं।
यह भी पढ़ें | Online Fraud: गिफ्ट के लालच में महिला को लगा 7 लाख का झटका! इंस्टाग्राम दोस्त ने एकाउंट किया खाली
क्या होता है ट्रेडिंग अकाउंट?
इक्विटी शेयरों को खाते में सहेजकर रखने की बजाय अगर आप इनकी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है।
डीमैट और ट्रेडिंग में अकाउंट क्या फर्क है?
जहां ट्रेडिंग खाते डीमैट अकाउंट आपके शेयर या को डिमैटिरियलाइज्ड तरीके से सुरक्षित रखने वाला खाता होता है, वहीं दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी होती है। डीमैट अकाउंट में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है। इसमें कोई लेन-देन नहीं किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल होता है। डीमैट अकाउंट पर निवेशकों को सालाना कुछ चार्ज देना होता है। पर ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता कंपनी आपसे चार्ज वसूलेगी या नहीं।
डीमैट में कैसे करें नॉमिनेशन
अपने खाते में नॉमिनी व्यक्ति को जोड़ने के लिए, आप नामांकन फॉर्म भर सकते हैं, उस पर हस्ताक्षर कर सकते हैं और हेड ऑफिस (जिस ब्रोकर कंपनी से डीमैट खाता खोला है. जैसे जेरोधा.) के पते पर कुरियर कर सकते हैं. नॉमिनेशन आपके ट्रेडिंग और डीमैट खाते पर लागू होगा. चूंकि नॉमिनी को आपके डीमैट खाते में जोड़ा जाएगा, वही नॉमिनेशन आपके कॉइन (म्यूचुअल फंड) होल्डिंग्स के लिए भी लागू होगा.
आपको नॉमिनेशन फॉर्म के साथ नॉमिनी का आईडी प्रूफ भेजना होगा. कोई भी आईडी प्रूफ जैसे आधार, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि पर्याप्त होगा.
यदि आप अपना खाता खोलने और किसी को नॉमिनी बनाने के बाद नॉमिनी को बदलना चाहते हैं, तो आपसे 25+18% जीएसटी शुल्क लिया जाएगा. इसके लिए आपको अकाउंट मॉडिफिकेशन फॉर्म के साथ नॉमिनेशन फॉर्म की हार्ड कॉपी भेजनी होगी.