रणनीति विचार

विदेशी मुद्रा क्लब

विदेशी मुद्रा क्लब
जबकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 1 अगस्त से 26 अगस्त तक भारतीय बाजार में 55,031 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इक्विटी बाजार में, विदेशी फंड का प्रवाह 49,254 करोड़ रुपये रहा. यह एफपीआई की इस साल की अब तक की सबसे बड़ी मासिक खरीदारी होगी.

छह अरब डॉलर की रुकी हुई सहायता को बहाल करने के लिए पाकिस्तान ने आईएमएफ के साथ करार किया

इस्लामाबाद, 22 जून (भाषा) नकदी के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ एक समझौता किया है जिससे उसका रुका हुआ 6 अरब डॉलर का सहायता पैकेज बहाल हो जाएगा और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से वित्तपोषण का रास्ता भी खुल जाएगा। एक खबर में बुधवार को यह जानकारी दी गयी।

डॉन अखबार की खबर के अनुसार मंगलवार रात को यह समझौता हुआ। इससे पहले आईएमएफ के स्टाफ मिशन और पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल के नेतृत्व में एक दल ने 2022-23 के बजट पर सहमति को अंतिम रूप दिया।

अखबार के अनुसार अधिकारियों ने करों से 43,600 करोड़ रुपये और अर्जित करने तथा विदेशी मुद्रा क्लब पेट्रोलियम पर शुल्क को धीरे-धीरे 50 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाने का वादा किया था।

पाकिस्तान के लिए 6 अरब डॉलर के विस्तृत कोष सुविधा पैकेज पर जुलाई 2019 में 39 महीने के लिए सहमति हुई थी। अभी तक आधा धन ही दिया गया है। पैकेज के बहाल होते ही पाकिस्तान को तत्काल एक अरब डॉलर की राशि मिल सकती है जो उसे उसके कम होते विदेशी मुद्रा भंडार को संभालने के लिए जरूरी है।

छह अरब डॉलर की रुकी हुई सहायता को बहाल करने के लिए पाकिस्तान ने आईएमएफ के साथ करार किया

इस्लामाबाद, 22 जून (भाषा) नकदी के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ एक समझौता किया है जिससे उसका रुका हुआ 6 अरब डॉलर का सहायता पैकेज बहाल हो जाएगा और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से वित्तपोषण का रास्ता भी खुल जाएगा। एक खबर में बुधवार को यह जानकारी दी गयी।

डॉन अखबार की खबर के अनुसार मंगलवार रात को यह समझौता हुआ। इससे पहले आईएमएफ के स्टाफ मिशन और पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल के नेतृत्व में एक दल ने 2022-23 के बजट पर सहमति को अंतिम रूप दिया।

अखबार के अनुसार अधिकारियों ने करों से 43,600 करोड़ रुपये और अर्जित करने तथा पेट्रोलियम पर शुल्क को धीरे-धीरे 50 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाने का वादा किया था।

पाकिस्तान के लिए 6 अरब डॉलर के विस्तृत कोष सुविधा पैकेज पर जुलाई 2019 में 39 महीने के लिए सहमति हुई थी। अभी तक आधा धन ही दिया गया है। पैकेज के बहाल होते ही पाकिस्तान को तत्काल एक अरब डॉलर की राशि मिल सकती है जो उसे उसके कम होते विदेशी मुद्रा भंडार को संभालने के लिए जरूरी है।

2 साल के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए देश की सेहत पर क्या असर डालेगा?

2 साल के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए देश की सेहत पर क्या असर डालेगा?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण फॉरेन रिजर्व असेट्स (एफसीए) और गोल्ड रिजर्व्स का कम होना है.

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रह गया. यह अक्टूबर, 2020 के बाद पिछले दो साल का निम्नतम स्तर है. हालांकि, एक वैश्विक रेटिंग एजेंसी का कहना है यह पिछले 20 सालों के रिजर्व की तुलना में अधिक ही है.

क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार?

विदेशी मुद्रा भंडार को किसी देश की हेल्थ का मीटर माना जाता है. इस भंडार में विदेशी करेंसीज, गोल्ड रिजर्व्स, ट्रेजरी बिल्स सहित अन्य चीजें आती हैं जिन्हें किसी देश की केंद्रीय बैंक या अन्य मौद्रिक संस्थाएं संभालती हैं. ये संस्थाएं पेमेंट बैलेंस की निगरानी करती हैं, मुद्रा की विदेशी विनिमय दर देखती हैं और वित्तीय बाजार स्थिरता बनाए रखती हैं.

आरबीआई अधिनियम और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 विदेशी मुद्रा भंडार को नियंत्रित करते हैं. इसे चार श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है. पहला और सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा संपत्ति है जो कि यह कुल पोर्टफोलियो का लगभग 80 फीसदी है. भारत अमेरिकी ट्रेजरी बिलों में भारी निवेश करता है और देश की विदेशी मुद्रा संपत्ति का लगभग 75 फीसदी डॉलर मूल्यवर्ग की सिक्योरिटीज में निवेश किया जाता है.

इसके बाद गोल्ड में निवेश और आईएमएफ से स्पेशल ड्राइंग राइट्स (एसडीआर) यानी विशेष आहरण अधिकार आता है. सबसे अंत में आखिरी रिजर्व ट्रेंच पोजीशन है.

विदेशी मुद्रा भंडार का उद्देश्य क्या है?

फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व्स का सबसे पहला उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यदि रुपया तेजी से नीचे गिरता है या पूरी तरह से दिवालिया हो जाता है तो आरबीआई के पास बैकअप फंड है. दूसरा उद्देश्य यह है कि यदि विदेशी मुद्रा की मांग में वृद्धि के कारण रुपये का मूल्य घटता है, तो आरबीआई भारतीय मुद्रा बाजार में डॉलर को बेच सकता है ताकि रुपये के गिरने की रफ्तार को रोका जा सके. तीसरा उद्देश्य यह है कि विदेशी मुद्रा का एक अच्छा स्टॉक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए एक अच्छी छवि स्थापित करता है क्योंकि व्यापारिक देश अपने भुगतान के बारे में सुनिश्चित हो सकते हैं.

अमेरिका स्थित रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि उभरते बाजारों को खाद्य पदार्थों की अधिक कीमतों, अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व और टाइट फाइनेंशियल कंडीशंस से बड़े पैमाने पर बाहरी दबाव का सामना करना पड़ रहा है.

9 सप्ताह की गिरावट के बाद संभला विदेशी मुद्रा भंडार, गोल्ड रिजर्व भी बढ़ा

विदेशी मुद्रा भंडार

LagatarDesk : भारत के विदेशी मुद्रा भंडार 10वें सप्ताह में पहली बार अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है. हालांकि फॉरेन करेंसी एसेट्स घटा है. जबकि गोल्ड रिजर्व, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट और आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त देखी गयी है. 7 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का कोष 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पंहुच गया. गोल्ड रिजर्व बढ़ने के कारण विदेशी मुद्रा में भी बढ़त आयी है. आरबीआई ने शुक्रवार को आंकड़ा जारी विदेशी मुद्रा क्लब किया है. (पढ़ें, आदित्यपुर : नीतिजा जमशेदपुर का मिलन समारोह 18 अक्टूबर को बेल्डीह क्लब में, जुटेंगे देश-विदेश के एनआईटीयन)

लगातार 9 सप्ताह से घट रहा था भारत का कोष

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, देश का भंडार इससे पहले लगातार 9 सप्ताह से घट रहा था. वहीं 30 सितंबर को खत्म हुए सप्ताह में यह 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.66 अरब डॉलर पर पहुंच गया. जबकि 3 सितंबर 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार 642.45 बिलियन डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था. ऑल टाइम हाई के मुकाबले देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 109.79 अरब डॉलर की गिरावट आयी है.

विदेशी मुद्रा भंडार में एफसीए का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. अगर एफसीए बढ़ती है तो भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भी बढ़त देखने को मिलती है. वहीं अगर एफसीए घटती है तो देश के भंडार में भी कमी आती है. हालांकि रिपोर्टिंग वीक में भारत की एफसीए (FCA) 1.311 अरब डॉलर कम होकर 472.81 अरब डॉलर रह गया. हालांकि इससे पहले एफसीए 4.406 अरब डॉलर घटकर 472.807 अरब डॉलर रह गया था. बताते चलें कि फॉरेन करेंसी एसेट्स में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राओं को भी शामिल किया जाता है.

38.955 अरब डॉलर पर पहुंचा गोल्ड रिजर्व

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व बढ़ा है. 7 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में स्वर्ण भंडार 1.35 अरब डॉलर बढ़कर 38.955 अरब डॉलर पर आ गया. इससे पहले 30 सितंबर को खत्म हुए विदेशी मुद्रा क्लब सप्ताह में गोल्ड रिजर्व 28.1 करोड़ डॉलर घटकर 37.605 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. आलोच्य सप्ताह में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट (Special Drawing Rights) 15.5 करोड़ डॉलर कम होकर 17.582 अरब डॉलर रह गया. इससे पहले 30 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में यह 6.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.427 अरब डॉलर पर जा पहुंचा था. वहीं आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार 10 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.836 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इससे पहले इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ था. आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार 4.826 अरब डॉलर पर स्थिर था.

पेरिस क्लब ने श्रीलंका को कर्ज पर दिए 10 साल का Moratorium, ऋण पुनर्गठन का भी प्रस्ताव

पेरिस क्लब ने श्रीलंका को कर्ज पर दिए 10 साल का Moratorium, ऋण पुनर्गठन का भी प्रस्ताव

दुनिया के उत्तरी और दक्षिणी देशों की वैश्विक समृद्धि के लिए पेरिस क्लब ने श्रीलंका को मौजूदा कर्ज पर 10 साल की मोहलत (Moratorium)और मौजूदा वित्तीय संकट को हल करने के लिए एक फार्मूले के तहत 15 साल के ऋण पुनर्गठन का प्रस्ताव दिया है।

हालांकि, पेरिस क्लब को अभी भी औपचारिक रूप से भारत और चीन तक पहुंचना बाकी है। ये दोनों राष्ट्र श्रीलंका के दो सबसे बड़े कर्जदाता हैं। श्रीलंका का 50 फीसदी कर्ज बीजिंग का है। इस महीने आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड से स्वीकृत 2.9 बिलियन अमरीकी डॉलर की विस्तारित फंड सुविधा प्राप्त करने के लिए कोलंबो को अभी भी शी जिनपिंग शासन के साथ एक औपचारिक बातचीत करनी है।

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