रणनीति विचार

हड़ताल मूल्य

हड़ताल मूल्य
बैंक रविवार समेत लगातार तीन दिन बंद रहेंगे। सरकारी बैंकों की हड़ताल ऐसे समय हो रही है जब शुक्रवार से बजट सत्र शुरू हो रहा है और शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश किया जाना हड़ताल मूल्य है।

यूपी विधानसभा सत्र : यूपी विधानमंडल की कार्यवाही शुरू होने से पहले योगी सरकार करेगी कैबिनेट बैठक, आज पेश होगा अनुपूरक बजट

यूपी विधानसभा सत्र : विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने कहा कि स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव देश के बड़े समाजवादी नेता थे. सदन में सोमवार को उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद कोई काम न हो.साथ ही कहा कि प्रदेश में बड़ी गंभीर समस्याएं हैं, जिन पर चर्चा किया जाना आवश्यक है.

उत्तर प्रदेश विधानमंड़ल का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होगा. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सभी दलों से सहयोग मांगा. सर्वदलीय बैठक में सपा ने न्यूनतम सात दिन तक सत्र चलाने की मांग रखी. साथ ही कहा कि पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ‘नेताजी’ को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दिया जाए. माना जा रहा है कि सोमवार को अनुपूरक बजट प्रस्तुत करने के बाद सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी जाएगी इसमें राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पहला अनुपूरक बजट 50 हजार करोड़़ रुपये से अधिक का पेश करेगी. इसके साथ ही राज्य सरकार कुछ विधायी कार्य कर सकती है और राज्य विधानमंड़ल के मानसून सत्र के बाद प्रख्यापित अध्यादेशों को भी पेश कर सकती है.

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बजट सत्र से पहले कैबिनेट की बैठक

यूपी विधानसभा मंडल के तीन दिवसीय बजट सत्र की शुरुआत से पहले सोमवार सुबह 9:30 बजे योगी आदित्यनाथ के आवास पर कैबिनेट की बैठक होगी. कैबिनेट में सदन चलाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक में मंथन किया जाएगा. निकाय चुनाव की हड़ताल मूल्य आचार संहिता लगने से ठीक पहले शुरू हुए तीन दिवसीय विधानमंडल दल का बजट चुनावी भी होगा. मुख्यमंत्री, दोनों डिप्टी सीएम समेत योगी सरकार की पूरी कैबिनेट मौजूद रहेगी.

गन्ना मूल्य और बिजली समस्या को लेकर सदन में हुंकार भरेंगे रालोद विधायक

विधानसभा के शीतकालीन सत्र में रालोद विधायक किसानों की समस्या को जोरशोर से उठाने की तैयारी कर रहे हैं. खास तौर से गन्ना मूल्य और बिजली समस्या जैसे मुद्दों पर फोकस रखा जाएगा. रालोद विधायक दल के नेता राजपाल बालियान ने कहा कि किसानों के काफी मुद्दे अभी जस के तस ही हैं. सरकार ने बिजली की दरों को आधा करने की बात कही थी पर नलकूपों पर लगाए जा रहे मीटरों ने किसानों की नींद उड़ा दी है. ये कई गुना बिल दर्शा रहे हैं जिन्हें अदा करना किसानों के लिए मुश्किल हो रहा है. इसके अलावा गन्ना मूल्य में कम से कम 50 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्घि की मांग की जाएगी. उन्होंने कहा कि दुर्घटनाएं क्या ट्रैक्टर ट्राली से ही होती हैं. बस व ट्रकों से नहीं। क्या उन पर रोक लगाई गई? यदि नहीं तो फिर ट्रैक्टर ट्राली पर क्यों? यह मामला सदन में उठेगा.

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कृषि मंत्री से वार्ता विफल, आज से 3 दिन की प्रदेशव्यापी हड़ताल पर किसान, पुलिस अलर्ट

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भारतीय किसान यूनियन फसल का लाभकारी मूल्य दिलाने, भावांतर का लंबित भुगतान और कर्जमाफी सहित किसानों की अन्य समस्याओं के समर्थन में आज से मध्य प्रदेश में तीन दिन की हड़ताल पर है। इस बार भी किसानों ने दूध और सब्जी की सप्लाई मंडी तक नहीं पहुंचाने की घोषणा की है, जिसके चलते आने वाले तीन दिनों तक सब्जी, दूध और फल की किल्लत होने वाली है। किसानों की इस हड़ताल ने सरकार के सामने संकट खड़ा कर दिया है। यूनियन को हड़ताल करने से रोकने के लिए कृषि मंत्री सचिन यादव ने बात भी की है, लेकिन वे नही माने ।उधर, पुलिस प्रशासन पहले ही अलर्ट हो गया है और सरकार भी किसान संगठनों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित ना हो इसके लिए कलेक्टरों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है।

भारतीय किसान यूनियन का आरोप है कि पिछले छह महिने से सरकार किसानों के उत्थान और कर्जमाफी की बात कह रही है। हम जानना चाहते हैं कि आखिर किसका उत्थान और कितने किसानों का कर्जा माफ हुआ। चुनाव से पहले सरकार ने दो लाख तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अगर किसानों का कर्जा माफ हुआ है तो उन्हें नोटिस बैंकों द्वारा क्यों भेजे जा रहे हैं। किसान आज भी आत्महत्या क्यों कर रहे हैं। किसानों को आज भी अपनी उपज का मूल्य नहीं मिल रहा है। किसानों को प्याज तक के सही दाम नहीं मिल रहे हैं।

कृषि मंत्री से मुलाकात भी रही बेनतीजा

किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि किसानों की मांगों को लेकर मंगलवार को कृषि मंत्री सचिन यादव को ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने कर्जमाफी को लेकर कहा कि आचार संहिता की वजह से प्रक्रिया रुक गई थी पर अब यह शुरू हो गई है। किसानों से जो भी वादे किए गए हैं, उन्हें हर हाल में पूरा किया जाएगा। इसको लेकर सरकार कदम भी उठा रही है।उन्होंने संगठन से प्रस्तावित हड़ताल वापस लेने की अपील भी की। अनिल यादव ने बताया कि वार्ता में कृषि मंत्री ने आश्वासन तो दिए पर वे संतोषजनक नहीं रहे, इसलिए हड़ताल होगी। यह कदम मजबूरी में उठाया जा रहा है, क्योंकि किसान परेशान हैं। दूध पर पांच लीटर बोनस देने की बात वचन पत्र में कही गई है पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। लाभकारी मूल्य देने की दिशा में कोई पहल नहीं हुई है।

क्या है मांगें

स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू की जाए।

कृषि को लाभ का धंधा बनाया जाए।

मंडी में उपज समर्थन मूल्य से नीचे दाम पर बिकने पर रोक लगे।

सरकार की तरफ से किसान कर्ज हड़ताल मूल्य माफी स्पष्ट हो।

2 लाख तक कर्ज माफी में सभी किसानों को समानता से राशि दी जाए।

फसल बीमा योजना में सुधार किया जाए।

मंडी में बेची गई उपज का दाम नकदी में हो।

इधर, राष्ट्रीय किसान मज़दूर महासंघ भी आंदोलन की तैयारी में

इधर, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ नेभी एक जून से किसान आंदोलन का एलान कर दिया है, हालांकि महासंघ ने इस आंदोलन से खुद को अलग रखा है।किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा कक्काजी का कहना है कि हमारा हड़ताल मूल्य आंदोलन एक से पांच जून तक प्रस्तावित है। हमने अपनी मांगें शासन के सामने रख दी हैं।कक्काजी ने कहा कि वो किसान यूनियन के इस आंदोलन में शामिल नहीं हैं,किसानों की समस्याओं को लेकर एक प्रतिनिधि दल सीएम कमलनाथ से दोपहर 12 बजे मुलाकात करने वाला है, उसके बाद आगे का फैसला किया जाएगा। अगर मुख्यमंत्री से वार्ता विफल रही तो फिर आगे की रणनीति तय की जाएगी।

दो साल पहले हुआ था बड़ा आंदोलन

6 जून 2017, वो तारीख, जिसने मध्यप्रदेश के इतिहास में दर्ज होकर एक गहरा जख्म छोड़ दिया था। कुछ भड़काऊ मोबाइल एसएमएस और सोशल मीडिया पर वायरल हुए मैसेजेस से शुरू हुआ यह बवाल 7 लोगों की मौत और भयानक हिंसा के साथ खत्म हुआ था। पुलिस चौकियों को आग लगा दी गई थी, रेल की पटरियों को उखाड़ दिया गया था और सड़कों पर चलने वाली गाड़ियों को फूंक दिया गया था।

वेतन वृद्धि को लेकर देशव्यापी हड़ताल पर सार्वजनिक बैंक कर्मचारी, बैंकिंग हड़ताल मूल्य सेवाओं पर असर; क्या 1 तारीख को मिलेगी सैलरी?

बैंक कर्मचारियों के संगठन वेतन वृद्धि की मांग को लेकर 31 जनवरी से दो दिन की हड़ताल पर हैं। ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन ने दावा किया कि हड़ताल के हड़ताल मूल्य पहले दिन करीब 23,000 करोड़ रुपये मूल्य के 31 लाख चेक का समाशोधन नहीं हो पाया।

वेतन वृद्धि को लेकर देशव्यापी हड़ताल पर सार्वजनिक बैंक कर्मचारी, बैंकिंग सेवाओं पर असर; क्या 1 तारीख को मिलेगी सैलरी?

बैंक रविवार समेत लगातार तीन दिन बंद रहेंगे। सरकारी बैंकों की हड़ताल ऐसे समय हो रही है जब शुक्रवार से बजट सत्र शुरू हो रहा है और शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश किया जाना है।

बैंक कर्मचारियों की देशव्यापी दो हड़ताल मूल्य दिवसीय हड़ताल के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकद निकासी, जमा और चेक समाशोधन समेत विभिन्न सेवाएं प्रभावित हुई। बैंक कर्मचारियों के संगठन वेतन वृद्धि की मांग को लेकर 31 जनवरी से दो दिन की हड़ताल पर हैं। आज सैलरी का दिन है ऐसे में अकाउंट में तमाम संस्थानों में काम कर रहे कर्मचारियों की सैलरी आएगी या नहीं इस बात के बारे में अभी तक जानकारी नहीं है। ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन ने दावा किया कि हड़ताल मूल्य हड़ताल के पहले दिन करीब 23,000 करोड़ रुपये मूल्य के 31 लाख चेक का समाशोधन नहीं हो पाया। देश के विभिन्न भागों में बैंक शाखाएं बंद होने से नकद जमा, निकासी, चेक समाशोधन, कर्ज वितरण जैसी सेवाओं पर असर पड़ा है।

कई बैंक के एटीएम खाली पाये गये। इससे लोगों को माह के अंतिम दिन परेशानी का सामना करना पड़ा। ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने कहा, ‘‘हड़ताल के कारण मुंबई, चेन्नई और दिल्ली में करीब 23,000 करोड़ रुपये मूल्य के 31 लाख चेक का समाशोधन नहीं हो पाया।’’ उल्लेखनीय है कि बैंक रविवार समेत लगातार तीन दिन बंद रहेंगे। सरकारी बैंकों की हड़ताल ऐसे समय हो रही है जब शुक्रवार से बजट सत्र शुरू हो रहा है और शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश किया जाना है।

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) ने इस हड़ताल का आह्वान किया है। यह ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन (एआईबीईए) और नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स समेत नौ कर्मचारी संगठनों का निकाय है। यूनियन का दावा है कि सार्वजनिक बैंकों और निजी क्षेत्र के कुछ बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में भाग ले रहे हैं।

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हालांकि आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बैंकों में कामकाज आम दिनों की तरह रहा। यूएफबीयू का भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के साथ बृहस्पतिवार को बातचीत बेनतीजा रहने के बाद हड़ताल का आह-वान किया गया। श्रमिक संगठनों के अनुसार बातचीत के दौरान आईबीए ने पेशकश सुधारते हुए वेतन में 12.5 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव दिया लेकिन यह हमें स्वीकार नहीं है। हालांकि आईबीए ने एक बयान में कहा कि हमने बृहस्पतिवार को प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन समेत संशोधित पेशकश में 19 प्रतिशत तक वृद्धि की पेशकश की लेकिन इसके बावजूद यूनियन ने हड़ताल पर जाने का निर्णय किया। बैंक कर्मचारियों के वेतन वृद्धि का मामला नवंबर 2017 से लंबित है।

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€1.6 मिलियन की डकैती

रूपर्ट गेभार्ड, हेड ऑफ राज्य पुरातत्व संग्रह में संग्रह, नुकसान पर शोक व्यक्त करते हुए कहा बीबीसी के मुताबिक, “यह एक पुराने दोस्त को खोने जैसा लगता है"। विशेषज्ञों को डर है कि सोने के सिक्कों के ढेर को पिघलाकर उन्हें लूट लिया जा सकता है उनका ऐतिहासिक मूल्य।

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