रणनीति विचार

विदेशी मुद्रा मुद्रा व्यापार

विदेशी मुद्रा मुद्रा व्यापार
वैसे, इस व्यवस्था को लागू करने की मांग लंबे विदेशी मुद्रा मुद्रा व्यापार समय से की जा रही थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में रुपये की स्वीकार्यता को लेकर सरकार के मन में संशय कायम था। बीते दिनों रूस ने भारत के समक्ष रुपये में कारोबार करने का प्रस्ताव रखा था। उसके बाद से इस व्यवस्था को मूर्त रूप देने के लिए गंभीरता से विचार किया जाने लगा। अभी, भारत और रूस के बीच चीन की मुद्रा युआन में कच्चे तेल का कारोबार किया जा रहा है।

Gautam Adani at World Congress of Accountants Said India add a trillion dollar to GDP every 12-18 months

विदेशी मुद्रा व्यापार - Forex trading

विदेशी मुद्रा व्यापार 1971 में गठन विदेशी मुद्रा मुद्रा व्यापार किया गया था, जब अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से स्थानांतरित अस्थायी विनिमय दर के लिए तय यह निर्दिष्ट रकम का आदान-प्रदान के लिए बाजार के विदेशी मुद्रा लेनदेन के एजेंटों के एक संग्रह है पर एक सहमति व्यक्त की दर पर किसी अन्य के लिए एक देश की मुद्रा की मुद्रा एक निश्चित तारीख, एक दूसरे के रिश्तेदार मुद्रा की विनिमय दर पर निर्धारित किया जाता है बहुत आसान है, आपूर्ति और माँग विनिमय है जो दोनों पक्ष सहमत है। वैश्विक विदेशी मुद्रा बाजार मे लेनदेन की मात्रा लगातार बढ़ रही है। यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार के विकास और मुद्रा प्रतिबंध के उन्मूलन के साथ जुड़ा हुआ है कई देशों अपने लेनदेन की मात्रा पर ही प्रभावशाली है नहीं है,

लेकिन यह भी दर है जो बाजार के विकास के रूप में चिन्हतः 1977 में दैनिक कारोबार पाँच अरब अमरीकी डॉलर दस साल में यह 600 अरब करने के लिए गुलाब और 1992 में एक खरब डॉलर तक पहुँच है, विदेशी मुद्रा की दैनिक मात्रा दुनिया में 1998 के मध्य में आपरेशन के 1 खरब 982 अरब डॉलर की राशि संयुक्त राज्य अमेरिका न्यूयार्क के बारे में 18 प्रतिशत, जर्मन बाजार का आदान-प्रदान किया, इस समय, दैनिक अधिक से अधिक 3 खरब डॉलर का कारोबार सभी लेन-देन के बारे में 80 प्रतिशत अप लाभ के लिए एक दृश्य के साथ सट्टा लेनदेन विनिमय दरों में अंतर पर खेल से, आढ़त कई प्रतिभागियों, दोनों वितीय संस्थाओं और व्यक्तिगत निवेशकों को आकर्षित करती है।

रुपये को मिलती वैश्विक स्वीकार्यता, भारतीय मुद्रा का बढ़ता महत्व

वर्तमान संकेट के दौर में भी यह कई मुद्राओं की तुलना में मजबूत हुआ है। लिहाजा नई व्यवस्था से आयातक और निर्यातक दोनों को फायदा हो सकता है। साथ ही इससे विदेशी मुद्रा भंडार में भी उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।

सतीश सिंह। जापान की रेटिंग एजेंसी नोमुरा होल्डिंग्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान वैश्विक अनिश्चितता के कारण कई देश आर्थिक संकट में फंस सकते हैं। भारत भी थोड़ा चिंतित है, क्योंकि व्यापार घाटा जून में बढ़कर 26.18 अरब डालर हो गया है। साथ ही जून में भारत का निर्यात 23.52 प्रतिशत बढ़ा, लेकिन इस दौरान वस्तुओं का आयात सालाना आधार पर 57.55 प्रतिशत उछाल के साथ विदेशी मुद्रा मुद्रा व्यापार 66.31 अरब डालर पर पहुंच गया। व्यापार घाटे में तेजी से वृद्धि के कारण पेट्रोलियम, कोयले और सोने के आयात में भारी बढ़ोतरी होना है। अगर ऐसी ही स्थिति कायम रहती है तो रुपया और भी कमजोर होकर 81 के स्तर को पार कर सकता है।

जानिए क्यों है ये चिंता का कारण? भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घट रहा

भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार आठ जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में 8.062 अरब डॉलर घटकर 15 महीनों के सबसे निचले स्तर 580.252 अरब डॉलर पर आ गया है। आरबीआई की ओर से जारी साप्ताहिक आंकड़ों से पता चलता है कि फॉरेन करेंसी असेट्स (एफसीए) में गिरावट के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। एफसीए, स्वर्ण भंडार और पूरे विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख हिस्सा है।

बीते हफ्ते में एफसीए 6.656 अरब डॉलर घटकर 518.09 अरब डॉलर रह गया है। एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर अमेरिकी करेंसी का बढ़ना या गिराना दोनों का असर शामिल है। वहीं इस दौरान सोने का भंडार 1.236 अरब डॉलर गिरकर 39.186 अरब डॉलर पर आ गया है। वहीं बीते हफ्ते में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDR) 122 मिलियन डॉलर घटकर 18.012 बिलियन डॉलर रह गया है।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी, व्यापार घाटा 43 महीने के उच्चतम स्तर पर, स्वर्ण भंडार भी घटा

विदेशी मुद्रा भंडार छह जुलाई को समाप्त सप्ताह में 24.82 करोड़ डॉलर घटकर 405.81 अरब डॉलर रह गया. जून 2018 में व्यापार घाटा नवंबर 2014 के बाद सबसे अधिक रहा है. The post भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी, व्यापार घाटा 43 महीने के उच्चतम स्तर पर, स्वर्ण भंडार भी घटा appeared first on The Wire - Hindi.

विदेशी मुद्रा भंडार छह जुलाई को समाप्त सप्ताह में 24.82 करोड़ डॉलर घटकर 405.81 अरब डॉलर रह गया. जून 2018 में व्यापार घाटा नवंबर 2014 के बाद सबसे अधिक रहा है.

Reserve Bank Reuters


मुंबई: देश का विदेशी मुद्रा भंडार छह जुलाई को समाप्त सप्ताह में 24.82 करोड़ डॉलर घटकर 405.81 अरब डॉलर रह गया. यह गिरावट विदेशी मुद्रा आस्तियों में बढ़ोतरी के बावजूद आई है. भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों में इस बात की जानकारी दी गई है.

इससे पहले के सप्ताहांत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.76 अरब डॉलर घटकर 406.06 अरब डॉलर रह गया था.

इससे पूर्व विदेशी मुद्रा भंडार 13 अप्रैल 2018 को 426.028 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया था. आठ सितंबर 2017 को मुद्रा भंडार पहली बार 400 अरब डॉलर के स्तर को लांघ गया था लेकिन उसके बाद से उसमें उतार-चढ़ाव बना रहा.

रुपये में विदेशी व्यापार की मंजूरी से मुद्रा पर दबाव घटेगाः विशेषज्ञ

मुंबई, 12 जुलाई (भाषा) रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार लेनदेन की अनुमति देने से व्यापार सौदों के निपटान के लिए विदेशी मुद्रा की मांग घटने के साथ घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी। विशेषज्ञों ने यह बात कही।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गत सोमवार को बैंकों से कहा कि भारतीय रुपये में बिल बनाने, भुगतान और आयात-निर्यात सौदों को संपन्न करने के अतिरिक्त इंतजाम रखें। भारत से निर्यात बढ़ाने और रुपये में वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती रुचि को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘इस व्यवस्था से रुपये पर दबाव कम होगा क्योंकि आयात के लिए डॉलर की मांग नहीं रह जाएगी।’

बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने एक रिपोर्ट में कहा कि इस कदम से डॉलर की मांग पर दबाव तात्कालिक रूप से कम हो जाना चाहिए।

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