रणनीति विचार

क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं?

क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं?

फर्जी आनलाइन पाठ्यक्रमों और विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग के नाम पर काले धन को सफेद बनाने का खेल

हाल में ही कोलकाता स्थित केनरा बैंक की ब्रांच की शिकायत पर पुलिस द्वारा कार्यवाही की गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए:

१. आनलाइन पाठ्यक्रमों के काम में लिप्त दो कंपनियों के खाते बैंक में खुलवाए गए.

२. यह खाते फर्जी केवायसी कागजातों के आधार पर खुलवाए गए.

३. जब कंपनियों के खाते में बड़े संदिग्ध लेनदेन हुए तो बैंक प्रशासन ने इसकी जांच की तो पाया कागजात फर्जी है.

४. बैंक द्वारा पुलिस शिकायत के बाद पता चला कि एक पैशेवर और उसके भाई द्वारा सारा लेनदेन किया जा रहा है.

५. बीस करोड़ रुपए बैंक खाते में जमा मिलें और इसके अलावा लगभग कैश ८ करोड़ रुपए इन लोगों के घर और कार में मिलें. इसके अलावा ज्वैलरी हीरे जवाहरात अलग मिलें.

६. दोनों भाई फरार है और खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है.

७. साफ है दोनों लोग काले को सफेद बनाने के खेल में संलिप्त थे. काला धन लेकर अलग अलग जगह से कोर्स के नाम पर कंपनियों के खाते में जमा करवाया जाता था और फिर कंपनियों के खाते से बैंक माध्यम से पैसे खर्च के रूप में बाहर निकालकर उसे सफेद बना दिया जाता था.

८. इस व्यापार स्तर का खेल पूरे भारतवर्ष में फैला हुआ है. साफ है कैश रुपी एक समानांतर अर्थव्यवस्था देश में चल रही है जिस पर किसी भी तरह की नोटबंदी का कोई प्रभाव नहीं होता है.

९. लोग समयानुसार तरीके बदलते हैं लेकिन काला धन कमाना नहीं छोड़ते और इसका दोष हमारी वित्तीय एवं राजस्व नीतियों में खामियों को दिया जा सकता है.

इसी तरह अभी भोपाल में हुई आयकर रेड की बात करें तो यह तथ्य सामने आते है:

१. डायरियों पर ही 400 करोड़ से अधिक की जमीन की खरीद-फरोख्‍त के सबूत मिले हैं।

२. व्यापारियों के कर्मचारियों के परिसर से लेन-देन की डायरी और जमीन की बिक्री की डायरी बरामद की गई है।

३. इंदौर में टीनू संघवी के वास्तु ग्रुप और मंत्री परिवार के लाभम और शुभम ग्रुप पर चल रहे छापे के दौरान पार्टनर अलका बिसानी ने आयकर विभाग को शपथ पत्र पर कहा कि उनके पास 10 से 15 लाख कैश है लेकिन जब वार्डरोब के पीछे की सीक्रेट अलमारी खुली तो कैश देखकर सबके होश उड़ गए।

४. इस छापेमारी के दौरान अलका की वार्डरोब काफी व्यस्त सजी हुई थी, उसको देखने पर अधिकारियों को कुछ शंका हुई। और काफी खोजबीन की तो उसमें वार्डरोब की दीवार के पीछे एक गोपनीय गोदरेज की अलमारी रखी हुई थी जिसमें 500 और 2 हजार के नोटों की गड्डियां भरी हुई थीं। इन नोटों को निकाला, देर रात तक गिनती 3 करोड़ से ज्यादा तक पहुंच चुकी थी।

५. नोट गिनने की मशीन भी रखी हुई थी। वहीं ज्वेलरी वैल्यूएशन 10 करोड़ तक पहुंच गया है।

६. आयकर विभाग ने रियल एस्टेट कारोबारियों और उनसे जुड़े लोगों के यहां छापा अभी जारी है.

७. देव बेकरी और एचडी वायर के संचालक दिलीप देव के भी इन ग्रुप से संबंध मिले हैं और पता चला है कि वे भी अपना पैसा लगाते थे।

८. इसी कड़ी में अकाउंटेंट के घर भी विभाग के अधिकारी पहुंचे थे। यहां से बरामद हुई डायरियों में लेन-देन के हिसाब के साथ कोड लिखे मिले।

९. इस बीच आयकर विभाग ने कार्रवाई की जद में आए कारोबारियों के एक दर्जन से ज्यादा बैंक लॉकर भी सील कर दिए हैं।

१०. किसानों के नाम से जमीन के सौदे के दस्तावेज और करार भी जांच टीम के हाथ लगे हैं।

उपरोक्त तथ्यों से साफ है कि बड़ी मात्रा में काला धन कैश के रूप में, फर्जी कंपनियों के नाम पर, फर्जी दस्तावेज के आधार पर, किसानों और कर्मचारियों के नाम पर, प्रापर्टी और सोना जवाहरात के रूप में – देश में खेल चल रहा है.

सबसे आश्चर्यजनक बात ये है कि ये सब क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं? इतने कठोर अनुपालन और नियमों के बावजूद धड़ल्ले से चल रहा है. मतलब साफ है कोई भी उपाय कर लें सरकार जब तक व्यापारी और जनता को नीति निर्धारण का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा, शायद आगे भी चलता रहेगा और हम छापों की खबर पढ़ते रहेंगे लेकिन काले को सफेद बनाने का खेल किसी न किसी रूप में जारी रहेगा.

*सीए अनिल अग्रवाल जबलपुर ९८२६१४४९६५*

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इस विदेशी पर्यटक ने सिर्फ 35 हजार रुपये खर्च कर एक महीने में घूम लिया भारत, जानिए कैसे?

आमतौर पर माना जाता है कि घूमने-फिरने में बहुत पैसा खर्च होता है, लेकिन विल हैटन नाम के एक टूरिस्ट ब्लॉगर ने सिर्फ 35000 रुपये खर्च करके एक महीने में पूरे भारत की यात्रा की.

विल हैटन कई बार भारत की यात्रा कर चुके हैं (फोटो- thebrokebackpacker)

आमतौर पर माना जाता है कि घूमने-फिरने में बहुत पैसा खर्च होता है, लेकिन विल हैटन नाम के एक टूरिस्ट ब्लॉगर ने सिर्फ 35000 रुपये खर्च करके एक महीने में पूरे भारत की यात्रा की. उन्होंने बताया है कि भारत में कम पैसे में यात्रा करना बहुत आसान है. खासतौर से जब आप थोड़ी सी परेशानी उठाने के लिए तैयार हों. विल हैटन ने कहा कि वे गोवा, हंपी, मनाली और ऋषिकेश गया, लेकिन ये असली भारत नहीं हैं. असली भारत की यात्रा रोमांचक और चुनौतीपूर्ण है.

विल ने पाकिस्तान से भारत का वीजा लिया, हालांकि ये बेहद कठिन था. भारत में यात्रा के दौरान उन्होंने रेल, टूरिस्ट बस, लोकल बस और शेयर्ड ऑटो का इस्तेमाल किया. रेल से यात्रा के दौरान उन्होंने खुद IRCTC से बुकिंग कराई और ज्यादातर यात्रा थर्ड एसी से तय की. नाइट स्टे से बचने के लिए उन्होंने रात में यात्रा को तरजीह दी.

सफर के दौरान रात में रुकने के लिए उन्होंने हॉस्टल और डॉरमेंट्री को तरजीह दी. उन्होंने भारत के प्रमुख शहरों में रुकने की ऐसी सस्ती जगहों का उल्लेख भी किया है और अपने ब्लाग में उसका लिंक दिया है. यहां लगभग 200 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक में एक रात ठहरा जा सकता है.

विल के मुताबिक 3 से 5 सप्ताह में दिल्ली, वाराणसी, खजुराहो, आगरा, जयपुर, पुष्कर, बूंदी, जोधपुर, जैसलमेर और उदयपुर की यात्रा की जा सकती है. इसके अलावा 2-4 सप्ताह में मुंबई, अजंता-एलोरा, नासिक, बीजापुर, हंपी, गोवा और गोकर्ण की यात्रा की जा सकती है. तीसरा रूट उन्होंने पहाड़ों का बताया है. इसमें ऋषिकेश, अमृतसर, मैकलार्ड्स गंज, मनाली, कसोल, लेह, श्रीनगर और जम्मू क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं? शामिल हैं. चौथा रूट दक्षिण भारत का है. उन्होंने अपने ब्लाग में इस यात्रा का पूरा ब्यौरा और उस पर आया खर्च अपने ब्लाग में लिखा है. इस ब्लॉग को यहां क्लिक करके पढ़ा जा सकता है और कम खर्च में भारत भ्रमण की सभी जानकारी एक जगह पर पाई जा सकती है.

Prepaid Forex Travel Card

थॉमस कुक के सीमाहीन प्रीपेड मल्टी करेंसी कार्ड स्मार्ट कार्ड के रूप में आपकी विदेशी मुद्रा संबंधी सारी जरूरतों को पूरा करते हैं। यह एक साधारण कार्ड है जो बड़ी आसानी से आपकी जेब में आ जाता है और आपको एक यात्री के रूप में खर्च करने की ताकत देता है। इससे कोई अंतर नहीं होता कि आप किस देश कि यात्रा कर रहे हैं, इस कार्ड कि मदद से आप न केवल अपनी मांसपसंद ख़रीदारी कर सकते हैं बल्कि एटीएम से पैसा भी निकाल सकते हैं। इस कार्ड से ख़रीदारी करते समय आपको बिलकुल अपने घर जैसा आराम से काम कर सकते हैं। फोरेक्स कार्ड कि सुविधाओं में इस कार्ड का आप घर बैठे खरीद सकते हैं और यह आपके घर पर पहुंचाना भी शामिल है। या फिर आप थॉमस कुक कि किसी नजदीकी ब्रांच में जाकर ज़रूरी जानकारी देकर भी यह प्राप्त कर सकते हैं।

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वन करेंसी कार्ड

वन करेंसी कार्ड आपको बढ़ी हुई दर पर मुद्रा कनवर्ज़न चार्ज से सुरक्शित करते हैं। विदेश यात्रा क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं? पर जाते समय यदि होटल और फ्लाइट पर अच्छी डील मिल जाती है तो विदेश यात्रा कि लागत कम हो जाती है। इस लागत को आप विदेशी मुद्रा विनिमय पर भी बचा सकते हैं। थॉमस कुक ने मास्टर कार्ड के साथ मिलकर सस्ती दर पर यात्रा करेंसी कार्ड कि व्यवस्था करता है जिससे आपकी यात्रा बिना परेशानी के सम्पन्न हो सकती है। इसके साथ ही यह कार्ड आपको विदेश यात्रा करते समय विभिन्न देशों में जाने पर मुद्रा विनिमय शुल्क से भी बचाव करता है जो सामान्य रूप में 3% से 4% तक हो सकता है। थॉमस कुक का वर्षों का अनुभव विश्व स्तर कि सुविधाएं देने में दक्ष हो गया है। तो बिना देर किए अपनी यात्रा के अनुभव को सुखमय बनाएँ और थॉमस कुक के साथ फोरेक्स कार्ड लेकर अपने आनंद को दुगुना कर दें। विदेश यात्रा को सुखमय बनाने के लिए उपयोगी टिप्स ज़रूर पढ़ें।

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सीमाहीन प्रीपेड कार्ड के लाभ

स्मार्ट

  • एक ही कार्ड में नौ करेंसी तक लोड करी जा सकती हैं
  • 35.2 लाख व्यावसायिक संस्थानों और 2.2 लाख एटीएम में प्रयोग किए जा सकता है
  • एक ट्रिप का बचा हुआ फंड दूसरे ट्रिप में इस्तेमाल करें या विदेश में कैश की कमी होने पर एटीएम से फंड निकाल लें
  • पहले से ही करेंसी को लोड करवाने से करेंसी के उतार-चड़ाव से पूरी तरह से अप्रभावित

सुरक्शित:

  • चिप और पिन द्वारा सुरक्शित
  • आपके बैंक एकाउंट से लिंक नहीं
  • कार्ड के खोने या चोरी होने पर मुफ्त रिप्लेस्मेंट
  • एसएमएस और ईमेल अलर्ट

सुविधाजनक

  • ज़ीरो शुल्क पर बैकअप कार्ड मिल सकता है
  • कार्ड के खोने और चोरी होने पर कार्ड की रिप्लेस्मेंट मुफ्त
  • भारत में बैलेंस जानने की सुविधा
  • ऑल पॉइंट नेटवर्क एटीएम में कोई सरचार्ज नहीं
  • 10,000 अमरीकी डॉलर तक बीमा सुविधा
  • जेट एयरवेज और ताज इनर सर्किल में लोयल्टी प्रोग्राम को रीडिम करने की सुविधा
  • बैलेंस चेक करना, स्टेटमेंट देखना, पिन चेक करना या कार्ड को ब्लॉक करने के लिए कस्टमर पोर्टल की सुविधा

ग्राहक सहायता

  • भारत में पूरी तरह समर्पित टोल फ्री नंबर
  • 24*7 भौगोलीय ग्राहक सहायता सुविधा
  • इमरजेंसी सेवा

आवश्यक डोक्यूमेंट्स

ग्राहक सहायता

करेंसी कार्ड को रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया और फेमा नियमन के अनसार ही किया जाना चाहिए। ट्रेवल करेंसी कार्ड का प्रयोग रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया और फेमा नियमन के अनसार ही किया जाना चाहिए। कार्ड में विदेशी मुद्रा को भरवाते समय विदेशी मुद्रा प्रबंधन एक्ट 1999 और इस संबंध में आरबीआई के नियमों को ध्यान में रखा जाता है।

करेंसी कार्ड को रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया और फेमा नियमन के अनसार ही किया जाना चाहिए। ट्रेवल करेंसी कार्ड का प्रयोग रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया और फेमा नियमन के अनसार ही किया जाना चाहिए। कार्ड में विदेशी मुद्रा को भरवाते समय विदेशी मुद्रा प्रबंधन एक्ट 1999 और इस संबंध में आरबीआई के नियमों को ध्यान में रखा जाता है।

संबन्धित पूछे जाने वाले प्रश्न

  • फोरेक्स कार्ड क्या है

फोरेक्स कार्ड एक प्रकार का प्रीपेड कार्ड होता है जिसका प्रयोग विदेशी मुद्रा के रूप में भुगतान करने या पैसा निकालने के लिए किया जाता है। आप इस कार्ड का प्रयोग उस डेबिट कार्ड के रूप में भी कर सकते हैं जो आपके एकाउंट से लिंक किया गया है। फोरकेस कार्ड पर ज़ीरो या न्यूनतम शुल्क लिया जा सकता है।

फेमा अधिनियम के अनुसार, सीमाहीन प्रीपेड कार्ड और वन करेंसी कार्ड का उपयोग विदेशी मुद्रा के रूप में पैसा निकालने या भुगतान करने के लिए किया जा सकता है। इस कार्ड को नेपाल, भारत और भूटान में इस्तेमाल किया जा सकता है। इन देशों के अतिरिक्त किसी अन्य देश में वेबसाइट के रजिस्टर्ड होने के कारण आप इस कार्ड का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।

आपको प्रचलित बाज़ार दर और मूल्य पर विदेशी मुद्रा सरलता से प्राप्त हो सकती है। प्रीपेड फोरेक्स कार्ड आपको पहले से लेने पर आसान बाज़ार दर को लॉक करने कि सुविधा देता है।

जी हाँ, प्रीपेड फोरेक्स का एक निश्चित वैध समय होता है। थॉमस कुक सीमाहीन मल्टी करेंसी कार्ड 5 वर्ष के लिए और वन करेंसी कार्ड 3 वर्ष के लिए वैध होता है।

थॉमस कुक में प्रीपेड फोरेक्स कार्ड के लिए कोई वार्षिक मेंटेनेंस शुल्क नहीं दिया जाता है। लेकिन यदि छह माह तक इस कार्ड से कोई लेन देन करते हैं तो आपको अनएक्टिविटी शुल्क देना हो सकता है।

आप अपनी ज़रूरत के अनुसार एक ही फोरकेस कार्ड को एक से अधिक बार प्रयोग कर सकते हैं। जैसे यदि आपके दूसरे ट्रिप में कुछ विदेशी मुद्रा की कमी हो जाती है तब आप वन करेंसी कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन यदि आपको डॉलर के अतिरिक्त कोई और करेंसी लेकर जानी है तब आप बोर्डर्लेस प्रीपेड कार्ड अगर आपके पास नहीं है तो खरीदना पड़ सकता है।

आप या तो थॉमस कुक शाखा में जा सकते हैं या ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं। बस 'विदेशी मुद्रा खरीदें' का चयन करें, अपनी वांछित मुद्रा और राशि चुनें। अपने सभी विवरण दर्ज करें और वितरण विकल्प चुनें। भुगतान करें और आप जाने के लिए अच्छे हैं!

थॉमस कुक से विदेशी मुद्रा कार्ड खरीदने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी
• वैध पासपोर्ट
• हवाई टिकट या वीज़ा
• बेसिक ट्रेवल कोटा फॉर्म
• निवास की आज्ञा
• बिजनेस यात्रा की स्थिति में LERMS पत्र

यदि आप अपना विदेशी मुद्रा कार्ड खो देते हैं तो बस निकटतम थॉमस कुक शाखा में जाएं और हम आपको एक नया विदेशी मुद्रा कार्ड प्रदान करेंगे, बिल्कुल मुफ्त। आपका पैसा सुरक्षित रहेगा क्योंकि कार्ड चिप और पिन संरक्षित है।

हाँ तुम कर सकते हो। थॉमस कुक के बॉर्डरलेस प्रीपेड कार्ड के साथ, आप एक विदेशी मुद्रा कार्ड में 8 मुद्राएं लोड कर सकते हैं।

हां, आप किसी भी एटीएम पर अपने विदेशी मुद्रा कार्ड का उपयोग कर सकते हैं जो मास्टर कार्ड स्वीकार करता है।

आप या तो थॉमस कुक की वेबसाइट पर लॉग ऑन कर सकते हैं और पिन बदल सकते हैं या हमारी 24/7 ग्राहक देखभाल सहायता को कॉल कर सकते हैं।

जब आप विदेश में एक मुद्रा कार्ड का उपयोग करते हैं, तो कुछ व्यापारी आपको स्थानीय मुद्रा में बिलिंग के मुकाबले भारतीय रुपये में बिलिंग का विकल्प दे सकते हैं। जिस देश में आप यात्रा कर रहे हैं उससे भिन्न मुद्रा में बिलिंग की यह अवधारणा को डायनामिक मुद्रा रूपांतरण (डीसीसी) कहा जाता है।

थॉमस कुक के कार्ड के साथ आपको थॉमस कुक के ऑल प्वाइंट नेटवर्क (एपीएन) एटीएम में किसी लेनदेन शुल्क का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। आपसे एटीएम के बैंक द्वारा लेनदेन शुल्क लिया जाएगा यदि आप एटीएम से वापस निकलें जो थॉमस कुक के एपीएन में नहीं है। व्यापारी प्रतिष्ठानों पर, यदि आप अपने देश की मुद्रा के अलावा किसी अन्य मुद्रा में भुगतान कर रहे हैं तो आपसे मुद्रा रूपांतरण शुल्क लिया जाएगा।

India to Make Global Payments in Rupees Instead of Dollars, डॉलर के स्थान पर भारत अब रुपए में करेगा विदेशी व्यापार

1 जुलाई को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, जून के आखिरी हफ्ते तक भारत के विदेशी मुद्रा भंडार से 5 अरब डॉलर कम हो चुके हैं. इन सब बातों को देखते हुए भारतीय रिजर्व क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं? बैंक ने बड़ा फैसला लेते हुए रूपए को इंटरनेशनल करने का फैसला किया है.

डॉलर पर रूपए की निर्भरता अब जल्द हीं ख़त्म होने वाली है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने घोषणा की है कि वह रुपए में अंतरराष्ट्रीय ट्रेड सेटलमेंट के लिए एक मैकेनिज्म इस्टेब्लिश कर रहा है. इस प्रसंग में आगे आरबीआई ने कहा कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होने के साथ निर्यात पर जोर देने और वैश्विक व्यापार के विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here
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रूपए होगा इंटरनेशनल

1 जुलाई को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, जून के आखिरी हफ्ते तक भारत के विदेशी मुद्रा भंडार से 5 अरब डॉलर कम हो चुके हैं. इन सब बातों को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ा फैसला लेते हुए रूपए को इंटरनेशनल करने का फैसला किया है. हालाँकि इस बात की माँग भारतीय अर्थशास्त्रियों के द्वारा पिछले काफी समय से की जा रही थी.

जो अब जाकर आरबीआई ने लागू करने का फैसला किया है. ऐसी सम्भावना जताई जा रही है कि भारत के इस कदम से देश को यथेष्ट रूप से फायदा होगा.

रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर

गौरतलब है कि जून के महीने में भारत का ट्रेड डेफिसिट 25.63 अरब डॉलर पहुँच चुका है जो एक चिंताजनक संकेत हैं.

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रिकॉर्ड व्यापार घाटे के पीछे की सबसे बड़ी वजह पेट्रोलियम, कोयले और सोने के आयात में भारी बढ़ोतरी को बताया जा रहा है. डॉलर के मुकाबले रूपए के कमजोर होने से इसका सीधा असर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ रहा है. ऐसे में आरबीआई का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब हाल के हफ्तों में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर क्रैश हो गया है.
देखा जाए तो पिछले कुछ महीनों में रूस-यूक्रेन युद्ध आदि कई बदले हुए अंतर्राष्ट्रीय हालात और राजनीतिक परिदृश्य में भारत के लिए अपने व्यापार घाटे को मैनेज करना काफी मुश्किल काम हो सकता है. फिर भी भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने पिछले हफ्ते यह प्रस्ताव दिया कि हमें रूपए के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए एक गंभीर और सतर्क प्रयास जरुर करना चाहिए.

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रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समझौता

जब देश वस्तुओं या सेवाओं का आयात या निर्यात करता है तो इसके लिए भुगतान विदेशी मुद्रा में किया जाता क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं? है. जैसा कि हम जानते हैं कि यूएस डॉलर दुनिया की रिज़र्व मुद्रा है इसलिए ज्यादातर लेन देन अमेरिकी डॉलर में हीं किए जाते हैं. विदेशों से इस तरह की खरीददारी में भारतीय खरीददार को पहले रूपए को अमेरिकी डॉलर में बदलना पड़ता है. फिर बेचने वाले देश को डॉलर से भुगतान होता है और बाद में उसकी अपनी मुद्रा में पैसे परिवर्तित किए जाते हैं. लेन-देन में पैसों के इस रूपान्तरण का खर्च दोनों हीं पक्षों को उठाना पड़ता है. ऐसे में व्यापार समझौता अगर रूपए में होता है तो अमेरिकी डॉलर के बजाय भारतीय रूपए में चालान बनाया जाएगा. हाँ पर इसके लिए दूसरे पक्ष के पास वोस्ट्रो खाते का होना जरुरी है जिसे अधिकृत डीलर अपने बैंक में विशेष रूप से खोल सकता है.

क्या है वोस्त्रो और नोस्ट्रो खाता ?

ये खाते आम नागरिकों के लिए नहीं बल्कि केवल व्यापार के उद्देश्य से बनाए गए हैं. ये खाते किसी दूसरे देश के द्वारा बनवाए जाते हैं. आइए जानते हैं कि क्या है वोस्त्रो और नोस्ट्रो खाता -

वोस्ट्रो खाता

वोस्ट्रो खाता किसी विदेशी बैंक का भारत में भारतीय बैंक क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं? के साथ खाता है. विदेशी पक्ष इन वोस्ट्रो खातों के माध्यम से भारतीय निर्यातकों और आयातकों से पैसे भेज और प्राप्त कर सकेंगे.
यूनाइटेड किंगडम या संयुक्त राज्य के बैंक अक्सर विदेशी बैंक की ओर से एक वोस्ट्रो खाता रखते हैं. वोस्ट्रो खाते को देश की मुद्रा में रखा जाता है और वहाँ देश की मुद्रा में धन जमा होता है. रुपये में भुगतान स्वीकार करने के लिए अधिकृत डीलर बैंक विशेष में वोस्ट्रो खाते खोल सकेंगे.

Rupee Vs Dollar: पहली बार एक डॉलर के मुकाबले 80 के पार निपटा रुपया, जानें- आप पर क्या होगा इसका असर?

Rupee Vs Dollar: पहली बार एक डॉलर के मुकाबले रुपया 80 के पार बंद हुआ. इसके पहले यह 80 पार पहुंचा था, लेकिन दिन के कारोबार में ही संभलकर फिर से 80 के स्तर से नीचे आ गया था. डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी से आम आदमी पर क्या होगा इसका असर. यहां पर इसके बारे में जानकारी दी गई है.

Updated: July 21, 2022 9:20 AM IST

Dollar Vs Rupee (Symbolic Image)

Rupee Vs Dollar: अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 13 पैसे लुढ़ककर 80 प्रति डॉलर (Dollar ki kimat India mein) के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार बंद हुआ. रुपये में गिरावट का कारण आयातकों द्वारी डॉलर की भारी मांग और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी रही. साथ ही विदेशी निवेशकों की इक्विटी मार्केट में बिकवाली रही.

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बता दें, बुंधवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 79.91 प्रति डॉलर पर खुला (Dollar ki kimat Rupye mein) और कारोबार के दौरान यह 80.05 के निचले स्तर पर पहुंच गया.

कारोबार के दौरान रुपये में 79.91 से 80.05 रुपये (Dollar aur rupye mein antar) के दायरे में उतार-चढ़ाव होता रहा. कारोबार के अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 13 पैसे की गिरावट के साथ दिन के निम्नतम स्तर 80.05 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ.

विदेशी मुद्रा कारोबारियों के मुताबिक, तेल आयातकों की डॉलर की बढ़ती मांग, कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती तथा बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर उपजी चिंता से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई.

मंगलवार को रुपया दिन के कारोबार के निचले स्तर 80.05 से उबरकर डॉलर के मुकाबले छह पैसे की तेजी दर्शाता 79.92 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.

बाजार के सूत्रों के मुताबिक, तेल आयातक कंपनियों की भारी डॉलर मांग, कच्चे तेल की कीमतों के मजबूत होने के साथ-साथ व्यापार घाटा बढ़ने की चिंताओं के कारण निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई जो गिरावट का मुख्य कारण बना.

एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक जतिन त्रिवेदी ने कहा कि पिछले कुछ दिन में कच्चे तेल में बढ़त से ब्रेंट क्रूड एक बार फिर 105 डॉलर से ऊपर चला गया है. वहीं, रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप की कमी की वजह से रुपया 80.00 प्रति डॉलर के आसपास मंडरा रहा है. आगे जाकर रुपया 79.75-80.25 के दायरे में रहने की संभावना है.

त्रिवेदी ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय भुगतान मोर्चे पर रिजर्व बैंक के उपायों या कमोडिटीज उत्पादों पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी जैसे कदमों के बाद भी रुपये में व्यापक रूप से गिरावट का रुख है.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मार्च, 2022 के मुकाबले 27.05 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 580.25 अरब डॉलर रह गया है.

दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत घटकर 106.56 अंक रह गया.

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विदेशी मुद्रा और सर्राफा विश्लेषक गौरंग सोमैया ने कहा कि रुपये एक सीमित दायरे में रहा. अभी सभी की निगाह अगले सप्ताह फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) पर रहेगी. यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) द्वारा ब्याज दरों में ऊंची वृद्धि की चर्चा के बीच यूरो मजबूत हुआ.

इसके अलावा वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.73 प्रतिशत घटकर 105.49 डॉलर प्रति बैरल रह गया.

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे. उन्होंने मंगलवार को 976.40 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे.

बता दें, सोमवार को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि स्थानीय मुद्रा के मूल्य के बारे में पूछे जाने पर 31 दिसंबर 2014 से भारतीय रुपये में लगभग 25 प्रतिशत की गिरावट आई है.

एक डॉलर के मुकाबले 80 रुपये का मतलब क्या है?

जब यह कहा जाता है कि रुपया 80 डॉलर के निचले स्तर पर आ गया है, तो इसका मूल रूप से मतलब है कि किसी को एक डॉलर खरीदने के लिए 80 रुपये की जरूरत होती है.

न केवल अमेरिकी सामान बल्कि अन्य सामान और सेवाएं (कच्चा तेल कहते हैं) खरीदते समय यह महत्वपूर्ण है.

रुपया गिरने का कारण

अधिकांश अन्य मुद्राओं की तरह, अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारत की मुद्रा का मूल्य नीचे चला गया है. 30 दिसंबर 2014 को डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 63.33 थी. 20 जुलाई को डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 80 के स्तर को पार कर गयी.

इस गिरावट के कई कारण हैं जैसे कि मुद्रास्फीति, चीन में लंबे समय तक COVID-19 लॉकडाउन, प्रमुख केंद्रीय बैंकों के मौद्रिक कड़े अभियान और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान.

इसके अलावा, विदेशी पोर्टफोलियो क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं? पूंजी का बहिर्वाह भी भारतीय मुद्रा में मूल्यह्रास भी एक प्रमुख कारण है. अमेरिका में भारत की तुलना में बहुत तेज दर से ब्याज दरों में वृद्धि के कारण कई विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से हाथ खींच लिया है.

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2022-23 में अब तक भारतीय इक्विटी बाजारों से करीब 14 अरब डॉलर की निकासी की है.

यह सब संयुक्त रूप से डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्यह्रास का कारण बना है.

आम आदमी के लिए इसका क्या मतलब है?

रुपये में गिरावट का प्राथमिक प्रभाव आयातकों द्वारा महसूस किया जाता है क्योंकि उन्हें उसी मात्रा के लिए अधिक खर्च करने की आवश्यकता होती है. सबसे प्रतिकूल रूप से प्रभावित क्षेत्र तेल और गैस होगा, भारत 85 प्रतिशत से अधिक तेल और आधे से अधिक गैस का आयात करता है.

  • इसका मतलब यह है कि तेल की कीमतों में वृद्धि होगी, जो बदले में, कई उत्पादों तक पहुंच जाएगी.
  • कार खरीदना भी अधिक महंगा हो जाएगा, क्योंकि मूल्य के हिसाब से कार के कुल कच्चे माल का 10-20 प्रतिशत आयात किया जाता है.
  • मोबाइल फोन और अन्य उपकरण जैसे इलेक्ट्रॉनिक आइटम भी अधिक महंगे होने की संभावना है.
  • उड़ान भी अधिक महंगी हो जाएगी क्योंकि ईंधन खरीदना महंगा हो जाएगा.
  • जो छात्र पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहते हैं, उनके लिए रुपये का गिरना एक समस्या हो सकती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि रुपये-डॉलर की तुलना में फीस अब महंगी होगी.
  • भावी छात्रों या यहां तक ​​कि मौजूदा छात्रों को अपने खर्च में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ सकता है.
  • रुपये में गिरावट का एक और बड़ा असर पर्यटन क्षेत्र पर पड़ सकता है. जो लोग अपनी विदेश यात्रा फिर से शुरू करना चाहते हैं, वे कुछ दिनों पहले की तुलना में बहुत अधिक खर्च करना समाप्त कर देंगे.

रुपये में गिरावट से क्या होगा फायदा?

रुपये में गिरावट का एक फायदा यह होगा कि भारत से निर्यात सस्ता हो जाएगा. सूचना और प्रौद्योगिकी क्षेत्र सबसे बड़ा लाभ पाने वालों में से एक होगा, क्योंकि वे अधिकांश ग्राहकों को अमेरिकी डॉलर में बिल देते हैं. भारतीय मुद्रा के गिरते ही उनकी रुपये की कमाई बढ़ जाती है.

कई वित्तीय विशेषज्ञ इस बात पर गौर करते हैं कि विदेशी कंपनियों के लिए भारत में विनिर्माण और सेवाओं में निवेश करने का यह सही समय है. साथ ही यह अवधि भारत के पर्यटन क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगी.

क्या हो रहा है?

इससे पहले, महीने में भारतीय रिजर्व क्या विदेशी मुद्रा में पैसे खर्च होते हैं? बैंक (RBI) ने विदेशी मुद्रा के प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को और उदार बनाया, जिसमें बाहरी वाणिज्यिक उधार (ECB) मार्ग के तहत उधार सीमा को दोगुना करना शामिल था.

देश में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा में अधिक विदेशी निवेश का मतलब घरेलू मुद्रा-मूल्य वाली भारतीय संपत्ति खरीदने के बदले रुपये की अधिक मांग होगी.

(With PTI Inputs)

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