रणनीति विचार

टर्म ट्रेडिंग

टर्म ट्रेडिंग
Crypto Trading में पिवट पॉइंट्स के सहारे ओवरऑल ट्रेंड प्रिडिक्ट किया जाता है.

Cryptocurrency : क्रिप्टो निवेशक कैसे बनाते हैं मार्केट स्ट्रेटजी, क्या होते हैं Pivot Points, समझें

ट्रेडिंग क्या है और ट्रेडिंग कैसे सीखे 2022 में | Trading Kya Hai

Trader Kaise Bane : आज बहुत से युवा Share Market और Trading में अपनी दिलचस्वी दिखा रहे है और बहुत से टर्म ट्रेडिंग युवा को शेयर मार्किट और ट्रेडिंग में अपना करियर भी बनाने में दिलचस्वी दिखा रहे है, वैसे में बात आती है ट्रेडिंग के प्रॉपर जानकारी की आज के इस लेख में हम यही जानेंगे की शेयर मार्किट और ट्रेडिंग में अपना करियर कैसे बनाये

बहुत से युवा को इस क्षेत्र के बारे में जानकारी ही नहीं है एक रिपोर्ट अनुसार इस क्षेत्र में करियर बनाने वाले की काफी कमी है ट्रेडिंग बहुत से लोगो को लगता है यह एक गेमलिंग है, जुआ है इसमें पैसा लगाने पर डूब जाते है अगर आप अपने घर में अपना पापा, मम्मी या किसी अन्य व्यक्ति से ट्रेडिंग के बारे में पूछते है तो आपको यही सलाह देते है ट्रेडिंग एक जुआ है इसमें अच्छा तुम अपना पैसा FD में इन्वेस्ट करो इसमें कोई रिस्क नहीं है पर उनको कौन समझाए ,FD तो बस एक पानी का बून्द है और ट्रेडिंग समुन्द्र जहां जितना चाहो उतना पैसा कमा सकते हो लेकिन प्रॉपर स्किल के साथ तो चलिए में आज आपको Trading Kya Hai से जुडी पूरी जानकारी देता हूँ की Trading Kaise Sikhe, Professional Trader Kaise Bane, ट्रेडिंग से कैसे लॉन्ग टर्म तक पैसे कमाए, ट्रेडिंग के लिए बेस्ट कोर्स कौन से है, ट्रेडिंग बुक और ऐसे ही बहुत सारे जानकारी आज के इस लेख में आप जानेंगे तो चलिए बिना देर किये शुरू करते है

ट्रेडिंग क्या है? (Trading Kya Hai)

ट्रेडिंग को आसान शब्दों में कहे तो किसी प्रोडक्ट या सेवा को कम दाम में खरीदना और उच्च दाम पर बेंच देना ट्रेडिंग कहलाता है, ट्रेडिंग का मतलब किसी स्टॉक की खरीदना और बेंचना भी ट्रेडिंग टर्म ट्रेडिंग कहलाता है ट्रेडिंग का मुख्य मकशद कम दाम में खरीदना और उच्च दाम पर बेंच देना

स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग को मुख्य चार भागो में विभाजित किया गया है

  1. स्कल्पिंग ट्रेडिंग
  2. इंट्राडे ट्रेडिंग
  3. स्विंग ट्रेडिंग
  4. पोसिशनल ट्रेडिंग

स्कल्पिंग ट्रेडिंग : वह ट्रेड जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए ट्रेड किया जाता है इस टाइप की ट्रेडिंग काफी रिस्की होती है इस ट्रेडिंग को करने के लिए काफी एकग्रता की आवश्यकता है इस ट्रेड को अधिकतर प्रोफेशनल ट्रेडर ही ट्रेड करते है

इंट्राडे ट्रेडिंग : यह टाइप ट्रेडिंग एक दिन के लिए किया जाता है अर्थात वह ट्रेडर जो मार्किट खुलने के बाद ट्रेड करते है और मार्किट क्लोज होने से पहले बंद करते है इस तरह के ट्रेडिंग में रिस्क काम होता है.

ट्रेडर बनने के लिए पहले आपके पास बेसिक स्किल होना अति आवश्यक है जैसे शेयर मार्किट क्या है? और शेयर मार्किट में कैसे इन्वेस्ट किया जाता है उसके बाद ट्रेडिंग क बारे में भी कुछ जानकारी होनी चाहिए जैसे ट्रेडिंग त्रादंग कितने प्रकार के होते है और ट्रेड कैसे किया जाता है.

ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास पहले एक डीमैट अकाउंट होना अतिआवश्यक है जिस प्रकार बैंक में पैसा जमा निकाशी के लिए सेविंग और करंट अकाउंट खुलवाते है उसी प्रकार शेयर मार्किट में निवेश और ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट क आवश्यकता होती है.

डीमैट खाता आप अपने घर से बस 5 मिनट में अपना अकाउंट बना सकते है ऐसे बहुत सरे मार्किट में ब्रोकर है जो डीमैट खाता खोलते है जैसे उपस्टेक्स, एंजेल वन , ग्रो और बहुत सारे

अगर अपने अभी तक अपना डीमैट खाता नहीं खोला है तो आप Upstox में अपना अकाउंट बना सकते है इसकी सर्विस काफी अच्छी होने के साथ इसका इंटरफ़ेस इंटरफ़ेस यूजर फ्रेंडली है इसका इस्तेमाल में करीब 5 साल से कर रहा हूँ.

ट्रेडिंग कैसे सीखे (Trading Kaise Sikhe)

ट्रेडिंग सिखने के लिए आज बहूत सारे तरीके है आप ट्रेडिंग घर बैठे ऑनलाइन सिख सकते है आज ऐसे भूत सरे प्लेटफॉर्म है जिसके माध्यम से आप ट्रेडिंग सिख सकते है

यूट्यूब : आज ऐसे हजारो चैनल है जो फ्री में ट्रेडिंग सिखाते है लेकिन में आपको निचे पांच ऐसे चैनल के नाम बता रहा हूँ जिसमे मेने भी बहुत कुछ सिका और आप भी सिख सकते है

01Vivek Bajaj
02Neeraj Joshi
03Fin Baba
04Puskar Raj Thakur

अगर आप ट्रेडिंग की शुरुवात करना चाहते है तो आप Upstox में अपना अकाउंट बना सकते है इसका इस्तेमाल में पिछले 5 साल से कर रहा हूँ

पिवट पॉइंट्स क्या होते हैं?

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पिवट पॉइंट का पता तकनीकी विश्लेषण के जरिए लगाया जाता है और इससे बाजार के ओवरऑल ट्रेंड का पता चलता है. सीधे शब्दों में बताएं तो यह पिछले ट्रेडिंग सेशन में सबसे ऊंचे स्तर, निचले स्तर और क्लोजिंग प्राइस का एवरेज यानी औसत आंकड़ा होता है. अगर अगले दिन के ट्रेडिंग सेशन बाजार इस पिवट पॉइंट के ऊपर जाता है, तो कहा जाता है कि बाजार बुलिश सेंटीमेंट यानी तेजी दिखा रहा है, वहीं, अगर बाजार इस पॉइंट से नीचे ही रह जाता है तो इसे बेयरिश यानी गिरावट वाला मार्केट माना जाता है. ऐसे मार्केट में निवेशकों को अपनी रणनीति बदलने की सलाह दी जाती है.

जब पिवट पॉइंट्स के साथ दूसरे टेक्निकल टूल्स को मिलाकर गणना की जाती है, तो इससे उस असेट के बारे में विस्तृत जानकारी के साथ-साथ किसी शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग सेशन में सपोर्ट और रेजिस्टेंट लेवल का पता भी लगता है.

पिवट पॉइंट्स कैसे कैलकुलेट किए जाते हैं?

पिवट पॉइंट कैलकुलेट करने के कई तरीके हैं, लेकिन सबसे आम तरीका फाइव-पॉइंट सिस्टम है. इस सिस्टम में पिछले ट्रेडिंग सेशन के ऊंचे, सबसे निचले स्तर, और क्लोजिंग प्राइस के साथ दो सपोर्ट लेवल और दो रेजिस्टेंस लेवल को लेकर कैलकुलेशन किया जाता है.

पिवट पॉइंट कैलकुलेट करने का समीकरण ये है :

पिवट पॉइंट = (पिछले सत्र का ऊंचा स्तर + पिछले सत्र का निचला स्तर + पिछला क्लोजिंग प्राइस) 3 से विभाजन (/)

सपोर्ट लेवल कैलकुलेट करने का समीकरण :

सपोर्ट 1 = (पिवट पॉइंट X टर्म ट्रेडिंग 2) − पिछले सत्र का ऊंचा स्तर

सपोर्ट 2 = पिवट पॉइंट − (पिछले सत्र का ऊंचा स्तर − पिछले सत्र का निचला स्तर)

रेजिस्टेंस लेवल कैलकुलेट करने के लिए समीकरण :

रेजिस्टेंस 1 = (पिवट पॉइंट X 2) − पिछले सत्र का निचला स्तर

टाइम फ्रेम

ट्रेडर्स आमतौर पर पिवट पॉइंट्स का इस्तेमाल छोटे टाइम फ्रेम का चार्ट बनाने के लिए करते हैं. या तो ज्यादा से ज्यादा 4 घंटे या फिर कम से कम 15 मिनट का चार्ट बनाया जा सकता है.

पिवट पॉइंट पांच तरह के होते हैं. फाइव-पॉइंट सिस्टम में स्टैंडर्ड पिवट पॉइंट (Standard Pivot Point) का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा बाकी चार पिवट पॉइंट्स को- Camarilla Pivot Point, Denmark Pivot Point, Fibonacci Pivot Point और Woodies Pivot Point कहते हैं.

पिवट पॉइंट्स दूसरे इंडिकेटर्स या संकेतकों से अलग कैसे है?

पिवट पॉइंट सिस्टम मौजूदा प्राइस में मूवमेंट पर निर्भक रहने के बजाय, पिछले सत्र के डेटा का इस्तेमाल करता है. इस अप्रोच से ट्रेडर्स को आगे की संभावनाओं का जल्दी पता चलता है और वो इसके हिसाब से स्ट्रेटजी तैयार कर सकते हैं. ये पिवट पॉइंट अगले ट्रेडिंद सेशन तक स्टैटिक यानी स्थिर रहते हैं.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिवट पॉइंट्स ज्यादा बेहतर मदद बस इंट्रा-डे ट्रेडिंग में ही करते हैं क्योंकि ये बहुत ही सीधी गणना पर आधारित होते हैं और इस वजग से स्विंग ट्रेडिंग में काम नहीं आ सकते. साथ ही, अगर करेंसी में प्राइस मूवमेंट बहुत ज्यादा होने लगी तो इससे पिवट पॉइंट्स के अनुमान व्यर्थ हो सकते हैं. ऐसे में जब बाजार में ज्यादा वॉलेटिलिटी हो यानी कि ज्यादा उतार-चढ़ाव हो तो निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वो पिवट पॉइंट्स पर भरोसा न करें क्योंकि प्राइस मूवमेंट किसी भी कैलकुलेशन स्ट्रेटजी को धता बता सकता है.

फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है (What Is Forex Trading)?

फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है (What Is Forex Trading)?

आज बहुत से लोग स्टॉक मार्केट में ट्रेड करते हैं। लेकिन इसमें एक टर्म टर्म ट्रेडिंग फॉरेक्स ट्रेडिंग भी है। इसमें निवेश करके लोग बहुत पैसे कमा रहें है। क्या आप इस टर्म से बाकिफ़ हैं? अगर आप जानते भी हैं, तो फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे काम करती है या ये लीगल है। ऐसे कई सवाल आपके दिमाग में घूमते होंगे लेकिन सबसे पहले आपको फॉरेक्स अर्थ का पता होना चाहिए। फॉरेक्स का मतलब फॉरेन एक्सचेंज है। आसान शब्दों में कहें तो ये फॉरेक्स ट्रेडिंग का मतलब एक दूसरे के साथ विदेशी मुद्रा का व्यपार करना है। आइए आज इस विषय से जुड़ी सारी जानकारी को जानें:-

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फॉरेक्स ट्रेडिंग शेयर मार्केट (share market) का एक हिस्सा है। फॉरेक्स एक्सचेंज दुनिया में ग्लोबल मार्केटिंग (global marketing) के लिए सबसे बड़ा प्लेटफ़ॉर्म है। यहां आप टर्म ट्रेडिंग लगभग रोज़ाना तकरीबन 5.3 ट्रिलियन डॉलर तक का निवेश कर सकते हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ी फाइनेंशल मार्केट है। अगर आप इस फॉरेक्स ट्रेडिंग के इस शब्द से बाकिफ़ नहीं है तो आपको बता दें कि फॉरेक्स ट्रेडिंग का मतलब एक दूसरे के साथ विदेशी मुद्रा का व्यापार करना है। आप चाहे तो किसी भी विदेश से अपनी मुद्रा या करंसी को एक्सचेंज करवा सकते हैं। हम जानते हैं टर्म ट्रेडिंग कि आपका अगला सवाल क्या होगा? इसलिए नीचे हम भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग (forex trading in india) से जुड़ी सारी जानकारी को कवर करेंगे।

आज भारत में स्टॉक मार्केट में बहुत पैसा कमा रहे हैं, इसके साथ-साथ वे अब फॉरेक्स ट्रेडिंग में भी निवेश कर अच्छा कमा टर्म ट्रेडिंग रहें है। भारत में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो फॉरेक्स ट्रेडिंग को करने के लिए तैयार नहीं हैं। क्योंकि बहुत से लोगों को फॉरेक्स ट्रेडिंग के बारे में इतनी जानकारी नहीं है जिसकी वजह से वो इसमें ट्रेड नहीं करते। तो दोस्तों Forex , जिसे विदेशी मुद्रा, एफएक्स या Currency Trading, के नाम से भी जाना जाता है। यह एक Decentralized Global Market है ये लोगों की डिमांड और सप्लाई के आधार पर कम या ज़्यादा होती रहती है। इसमें दुनियाभर की सभी करंसी ट्रेडिंग करती हैं। फॉरेक्स ट्रेडिंग दुनिया का सबसे बड़ा ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म है जहाँ आप दैनिक रूप से 5 से 6 ट्रिलियन डॉलर तक निवेश कर सकतें है हालांकि share market के अन्य सेग्मेंट का दैनिक निवेश इसके आस-पास भी नहीं है, तो सोचो यदि आप फॉरेक्स ट्रेडिंग में ट्रेड करना सीख जाते हैं तो आपको कितने अच्छे व्यापारिक अवसर मिल सकतें है जिससे आप अच्छा खासा मुनाफ़ा कमा सकतें है। लेकिन फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश से पहले आपको उसकी समझ और पूरी जानकारी होनी चाहिए।

क्या भारत में लीगल है फॉरेक्स ट्रेडिंग? Is Forex Trading Legal In India

जब भी फॉरेक्स ट्रेडिंग की बात आती है, तो भारतीयों के मन में ये सदेंह जरूर रहता है कि क्या भारत में वैध है (is forex trading legal in india)? जी हाँ ये भारत भारत में वैध है। फॉरेक्स ट्रेडिंग कानूनी (legal) है लेकिन इसमें कुछ प्रतिबंध भी लगाए गए है। ये टर्म ट्रेडिंग सिर्फ भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और भारतीय सिक्योरिटीज विनयम बोर्ड (SEBI) द्वारा तय की गई सीमाओं के अंदर है। यदि आप इसमें ट्रेड करना चाहते हैं तो आपको इससे जुड़े कुछ नियमों का पालन करना होगा। यदि आप दिए गए नियमों का पालन नहीं करते हैं तो आपको बिना जमानत की जेल हो सकती है। क्योंकि इसे कानून की नज़र में बहुत बड़ा अपराध माना गया है।

भारत में यदि आप फॉरेक्स ट्रेडिंग करने का सोच रहे हैं, तो सेबी द्वारा रजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर्स (stock brokers) के साथ ही ट्रेडिंग शुरू करें। आइये कुछ भारत में बेस्ट फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (best forex trading platform in india) के बारे में जाने:-

भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है(what is forex trading in india)

भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग में ट्रेड करने का ये नया ज़रिया तेजी से फेल रहा है। आज भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग के कई पार्टिसिपेंट्स हैं जो इसमें निवेश करके पैसा कमा रहा है। लेकिन आपकी बेहतर जानकारी के लिए आपको बता दें कि फॉरेक्स ट्रेडिंग हमेशा जोड़ो में कि जाती है। उदाहरण के लिए जिबीपी -आईएनआर (GBP-INR)। ध्यान रहें इसे करने के लिए नियमों का उलंघन न हो।

अंत में उम्मीद है आपको आज के इस फॉरेक्स ट्रेडिंग के विषय में बेहतर जानकारी मिली होगी।

Libra Weekly Horoscope 5 September To 11 September 2022: इस सप्ताह आर्थिक स्थिति उत्तम रहेगी, दोस्तों के साथ बिताएंगे अच्छा समय, किसी के विवाद में बीच में न पड़ें

 तुला साप्ताहिक राशिफल (Libra Weekly Horoscope) 5 सितंबर से 11 सितंबर 2022

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  • नई दिल्ली,
  • 02 सितंबर 2022,
  • (Updated 02 सितंबर टर्म ट्रेडिंग 2022, 11:07 PM IST)

शेयर बाजार या शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग से लाभ होगा.

Libra Weekly Horoscope: स्वास्थ्य की दृष्टि से तुला राशि वालों टर्म ट्रेडिंग टर्म ट्रेडिंग के लिए यह सप्ताह अच्छा रहने वाला है आप एक अच्छे और स्वस्थ जीवन का आनंद उठाएंगे. परिवार व मित्रों संग अच्छा समय बिताएंगे. शेयर बाजार में निवेश करने के लिए भी अच्छा समय है. इस माध्यम से धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं. इस सप्ताह आपको अपने बड़ों से सीधे बात करने का अवसर मिलेगा.

आर्थिक पक्ष

अगर आपके पैसे का एक बड़ा हिस्सा मुआवजे और कर्ज के रूप में लंबे समय से अटका हुआ है तो इस हफ्ते आपको उन पैसों से हाथ धोना पड़ेगा. हालांकि शेयर मार्केट में निवेश से धन लाभ के योग बन रहे हैं.

पारिवारिक जीवन

परिवार के सदस्यों के साथ इस सप्ताह आप कुछ सुकून के पल बिता पाएंगे. इस दौरान आपको पुराने परिचितों के साथ अपने माता-पिता से मिलने या उनके बारे में कुछ नया जानने का मौका मिलेगा. बड़े बुजुर्गों का सहयोग इस सप्ताह मिलता टर्म ट्रेडिंग हुआ दिखाई दे रहा है. हालांकि आपको वाणी पर संयम रखने की सलाह दी जाती है. निजी संबंधों में प्रेम व प्रतिबद्धता प्रकट होगी. सप्ताह के अंत में किसी के विवाद में मध्यस्थता न करें. मुश्किल में पड़ सकते हैं. विवाद से बचें अन्यथा प्रतिष्ठा प्रभावित होगी.

लॉन्ग टर्म की तरह इंटरा डे में एंट्री-एक्जिट प्वाइंट रामबाण की तरह (How to Put Slop Loss Exit Point In Intraday Trading)

इंट्रा डे ट्रेडिंग करते समय दो बातों का खास खयाल रखना चाहिए- पहला- एंट्री और एक्जिट प्वाइंट निश्चित करने के बाद सौदा कीजिए। उसे बिलकुल मत बदलिए। एंट्री और एक्जिट प्वाइंट को अनुमान के आधार पर नहीं बल्कि विश्लेषण के आधार पर निश्चित कीजिए। दूसरा- इंट्रा डे ट्रेडिंग करते समय हमेशा आपकी उंगली स्टॉप लॉस के बटन पर होनी चाहिए। जैसे ही आपने सौदा किया, फौरन स्टॉप लॉस सेट कर दीजिए। क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि आपने स्टॉप लॉस लगाने में सुस्ती दिखाई और कुछ ही मिनट के अंदर बाजार ने यू टर्न ले लिया। और जितनी देर में आप चाय पीकर वापस लौटे तो पता चला कि शेयर की कीमत आपके स्टॉप लॉस से भी दो फीसदी नीचे चली गई। ऐसी सूरत बड़ी खतरनाक होती है क्योंकि मुनाफा तो दूर, आप मनचाहे स्टॉप लॉस के प्वाइंट पर भी सौदा नहीं निपटा सकते हैं।

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