रणनीति विचार

व्यापारियों का अनुभव

व्यापारियों का अनुभव

अल्मोड़ा के व्यापार पर लगा ग्रहण, व्यापारी परेशान, गिनाईं दो बड़ी वजह

अल्मोड़ा. उत्तराखंड की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में ‘अल्मोड़ा बाजार’ काफी मशहूर है. अल्मोड़ा के मिलन चौक से लेकर पलटन बाजार तक यह फैला हुआ है. जिले के सीमांत इलाकों से भी लोग यहां खरीदारी के लिए आते हैं, लेकिन अब इस बाजार की रौनक खत्म होती जा रही है. अल्मोड़ा के व्यापारियों का ऐसा कहना है. जब ‘न्यूज 18 लोकल’ की टीम ने व्यापारियों से बात की, तो उन्होंने कहा कि अब कारोबार पहले जैसा नहीं रह गया है. इस बार दीवाली पर भी व्यापार कम हुआ है. उन्हें डर सता रहा है कि कहीं उनका कामकाज ठप न हो जाए.

अल्मोड़ा नगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुशील साह बताया कि पहले जिस तरह से काम होता था, अब उस व्यापारियों का अनुभव तरह से नहीं हो रहा है. दिन-प्रतिदिन व्यापार घटता ही जा रहा है. देखा जा रहा है कि जो सरकारी कर्मचारी बाजार में आते थे, अब वे कम आ रहे हैं. इसके दो कारण हैं पहला-अल्मोड़ा की कलेक्ट्रेट यहां से दूसरी जगह शिफ्ट होना और दूसरा- ऑनलाइन शॉपिंग. अल्मोड़ा के मल्ला महल से कलेक्ट्रेट शिफ्ट होने से व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिसको लेकर नगर व्यापार मंडल ने हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है. उनकी मांग है कि तहसील, एसडीएम कोर्ट, तहसीलदार कार्यालय दोबारा से मल्ला महल में लाए जाएं.

अध्यक्ष सुशील साह ने आगे कहा कि नगर व्यापार मंडल ऑनलाइन शॉपिंग का भी विरोध लगातार करता रहता है. आज ऑनलाइन की वजह से कई व्यापारियों का नुकसान हुआ है. अगर ऐसी स्थिति रही तो व्यापारी कहीं पलायन न कर जाएं. मल्ला महल में दोबारा से कलेक्ट्रेट के कुछ कार्यालय लाने को लेकर हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है. अगर मांगें नहीं मानी जाएगी, तो व्यापार मंडल उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होगा.

दुकान मालिक मोहम्मद बिलाल ने बताया कि दुकानदारी का स्तर धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. दुकानों में जैसे पहले रौनक हुआ करती थी, अब नहीं है. एक तो ऑनलाइन खरीदारी ने असर डाला है और ऊपर से कलेक्ट्रेट जाने की वजह से दुकानदारों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है.

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल की बैठक सम्पन्न, व्यापारियों को खट्टे मीठे सभी प्रकार के अनुभव हुए: अशोक कंसल

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल नगर इकाई की एक बैठक गांधी वाटिका गांधी कॉलोनी में नगर अध्यक्ष अजय सिंघल की अध्यक्षता एवं नगर महामंत्री प्रवीण खेड़ा के संचालन में आहूत की गई। बैठक को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष अशोक कंसल ने कहा कि काफी लंबे समय तक कोरोना काल चला तथा व्यापारियों को खट्टे मीठे सभी प्रकार के अनुभव हुए एवं व्यापारियों ने अपने अपने स्तर से कोरोना काल में अनेक सामाजिक कार्य किए।

कंसल ने कहा कि नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष डॉक्टर वीरपाल वीरपाल निर्वाल का स्वागत कार्यक्रम ११ जुलाई २०२१ सायं ४ः०० बजे दर्पण बैंकट हॉल में रखा गया है।

इस कार्यक्रम में पूरे जनपद के व्यापारी आमंत्रित रहेंगे। नगर अध्यक्ष अजय सिंघल ने कहा कि नगर में व्यापार मंडल को सक्रिय करने के लिए लगातार व्यापारिक एसोसिएशन के अध्यक्षों से भेंट की जा रही है तथा व्यापार मंडल व्यापारियों की समस्याएं ज्ञापन के माध्यम से एवं पत्र के माध्यम से समय-समय पर उठाता रहता है।

बैठक के अंत में वरिष्ठ व्यापारी नेता राजकुमार नरूला की माता एवं तहसील खतौली के महामंत्री दिनेश कुमार जैन की मृत्यु पर शोक प्रकट करते हुए २ मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की की गई। बैठक को जिला अध्यक्ष अशोक कंसल, नगर अध्यक्ष अजय सिंघल, प्रदेश मंत्री सुनील तायल, संयुक्त प्रचार मंत्री सुलखन सिंह नामधारी ,जिला महामंत्री श्याम सिंह सैनी ने भी संबोधित किया।

बैठक में मुख्य रूप से दिनेश बंसल ,विजेंद्र धीमान, ओमप्रकाश धीमान ,वीर राहुल शर्मा, हर्षवर्धन बंसल ,मनोज गुप्ता ,रोशनी पांचाल ,संजय मित्तल ,हरीश गुप्ता ,श्रवण अग्रवाल, धर्मपाल कपूर, अमित मित्तल, पवन छाबड़ा ,संजय मदान ,विक्की चावला ,मोहम्मद नदीम, विजय वर्मा, विकास अग्रवाल ,नितिन जैन ,यश कपूर ,कशिश गोयल, विशाल वर्मा, अंकित गर्ग ,दीपक गोयल, शोभित गुप्ता ,विकास गुप्ता, अजय गुप्ता , मनीष बंसल, गोपाल कुमार ,हरीश अरोरा आदि ने बैठक में भाग लिया।

छोटे व्यापारियों के लिए मुसीबत बना GST

नई दिल्ली: गुड्स एंड सर्विस टैक्स छोटे व्यापारियों के लिए मुसीबत बन गया है। जी.एस.टी. उन कारोबारियों के लिए जी का जंजाल बन गया है व्यापारियों का अनुभव जिनका टर्नओवर 20 लाख रुपए से कम है। क्योंकि बड़े कारोबारी उन पर जी.एस.टी. में रजिस्ट्रेशन करने का दबाव बना रहे हैं।

ऐसा इसलिए है अनरजिस्टर्ड कारोबारियों के साथ बिजनैस करने पर बड़े कारोबारी को रिवर्स चार्ज चुकाना होगा, इससे बचने के लिए वे ऐसा कर रहे हैं। ऐसे में छोटे व्यापारियों के लिए कारोबार करना टेढ़ी खीर हो गया है।

यह आ रही हैं मुश्किलें-
रेट, बिलिंग की उलझनें कायम

जी.एस.टी. लागू होने के एक महीने बाद बाजारों में पहले जैसी अफरा-तफरी तो नहीं लेकिन व्यापार अब भी पटरी पर नहीं लौटा है। खासकर फैस्टिव सीजन की सप्लाई के मद्देनजर हालात खराब बताए जा रहे हैं। हालांकि अधिकांश रजिस्टर्ड डीलर जी.एस.टी. में माइग्रेट कर चुके हैं लेकिन रेट, एच.एस.एन. कोड, रिवर्स चार्ज और बिलिंग को लेकर व्यापारियों का अनुभव कन्फ्यूजन कायम है।

फंस गए ऑर्डर, पुलिस का डर
नोएडा में पैकिंग मशीन बनाने वाले अनवर कहते हैं, ‘‘जी.एस.टी. लागू होने के बाद से हमारे नेपाल के ऑर्डर फंसे हुए हैं। कोई बताने वाला नहीं है कि हम कितना चार्ज करके वहां माल भेजें। अफसरों को भी कोई आइडिया नहीं है। अगर स्थिति साफ नहीं हुई तो आगे और दिक्कत होगी। यही नहीं, डर-सा बना रहता है कि कहीं पुलिस वाले या दूसरे अफसर जी.एस.टी. बिल न मांग लें। खरीदार पक्का बिल मांग रहे हैं।

जी.एस.टी. की वजह से जुड़े नए करदाता- 10 लाख
अभी तक पैंडिंग आवेदनों की संख्या - 02 लाख
अब तक एक्टिवेट हो चुके नंबरों की संख्या- 71 लाख

सहूलियत ने ही बढ़ाई परेशानी
जी.एस.टी. का नैगेटिव इम्पैक्ट सबसे ज्यादा बीते एक महीने में छोटे कारोबारियों पर पड़ा है। सरकार ने 20 लाख टर्नओवर वाले कारोबारियों को जी.एस.टी. में रजिस्ट्रेशन से छूट दी है। छोटे कारोबारी से बिजनैस करने पर बड़े कारोबारी को रिवर्स चार्ज (जी.एस.टी. टैक्स) चुकाना पड़ रहा है जिसका उन्हें इनपुट क्रैडिट नहीं मिल रहा है। यानी चुकाए गए टैक्स पर छूट उन्हें नहीं मिल रही। ऐसे में छोटे कारोबारी से बिजनैस करने पर नुक्सान हो रहा है।

माल बुकिंग 30-40 प्रतिशत कम
ट्रांसपोर्टेशन में सुधार हुआ है लेकिन बुकिंग अब भी मई-जून के मुकाबले 30-40 प्रतिशत कम बताई जा रही है। कन्फैडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के जनरल सैक्रेटरी प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि मार्कीट अभी स्थिर नहीं हो पाई है और व्यापारी अब भी कई चीजों को समझने की कोशिश कर रहे हैं।

50 प्रतिशत घटी सेल
चैंबर ऑफ ट्रेड इंडस्ट्री के को-आर्डीनेटर बृजेश गोयल ने बताया, ‘‘मैंने वॉल्ड सिटी के ज्यादातर बाजारों का सर्वे किया है और पाया है कि एक महीने बाद हालात बहुत नहीं बदले हैं। सेल्स पिछली रिजीम के मुकाबले 50 प्रतिशत से भी कम हो गई है और त्यौहारी सीजन की सप्लाई को लेकर ङ्क्षचता बढ़ रही है।’’

इन उद्योगों पर पड़ रहा है बुरा असर साड़ी उद्योग
जी.एस.टी. का प्रत्यक्ष असर बनारस में साड़ी कारोबार पर दिखा है। यहां रोज 100 करोड़ का कारोबार होता था जो घटकर करीब 25 करोड़ रुपए पर आ गया है। यार्न नहीं मिल रहा है। ब्लैक में 450 रुपए किलो में मिल रहा है। पैसे न होने के कारण बुनकर खरीद नहीं पा रहा है। उत्पादन ठप्प है।
सेल 100 करोड़ से घटकर 25 करोड़ हुई

जूता उद्योग
आगरा में ही करीब 9 लाख लोगों को रोजगार देने वाले जूता उद्योग पर जी.एस.टी. की मार पड़ी है क्योंकि अब 500 रुपए तक का जूता जिस पर पहले कोई टैक्स नहीं लगता था अब वह भी 5 प्रतिशत कर के दायरे में आ गया है। ऐसे में लागत बढ़ी है, जिससे उद्योग पर बुरा असर हुआ है।
आगरा में रोजगार मिलता है 09 लाख को

ऑटो पार्ट्स
ओरिजिनल पार्ट्स जो कंपनी सप्लाई करती थी उसके कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ा व्यापारियों का अनुभव है क्योंकि जी.एस.टी. आने से इन पर टैक्स घट गया है। असली मार पड़ी है पार्ट्स बनाने वाले लोकल मैन्युफैक्चरर्ज को जिन्हें एक्साइज पर पहले छूट मिलती थी वह अब खत्म हो गई है।

पेठा व्यापार
पहले ही कोयले का प्रयोग करने वाली पेठा इकाइयां प्रदूषण का डंडा झेल रही थीं और अब जी.एस.टी. ने एकदम तालाबंदी के कगार पर ला खड़ा किया है।
ज्यादातर व्यवसायी कम पढ़े-लिखे हैं और इतने सारे रिटर्न दाखिल करना उनके बस में नहीं है।’’

लागत बढ़ी, पर नहीं बढ़ा व्यापार
जी.एस.टी. लागू होने के एक महीने तक तो जी.एस.टी. व्यापारियों के लिए बोझ ही साबित हुआ है। अधिकांश व्यापारियों का मानना है कि जी.एस.टी. से लागत तो बढ़ गई लेकिन उनका व्यापार घट गया है। अधिकांश व्यापारियों का मानना है कि जी.एस.टी. की प्रक्रिया इतनी जटिल है कि वह न तो व्यापारियों को समझ आ रही है और न ही उपभोक्ताओं को। इस संबंध में कई व्यापारियों ने अपने अनुभव सांझे किए।

दिल्ली के हौजरी व्यापारी संजय बजाज का कहना है कि जी.एस.टी. का अनुभव उनके लिए अच्छा नहीं रहा। उन्होंने कहा कि मैंने जी.एस.टी. के लिए पंजीकरण करवाया था लेकिन उसमें मेरी डिटेल तकनीकी कारणों से गलत दर्ज हो गई। पहले नोटबंदी और अब जी.एस.टी., मुझे तो समझ नहीं आ रहा है कि इन समस्याओं का सामना कैसे करूं। युटैंसिल्स के व्यापारी योगिन्द्र का कहना है कि जी.एस.टी. उनके लिए कुल मिलाकर ठीक ही रहा। शुरूआत में काफी मुश्किलें आईं लेकिन विभागीय अधिकारियों और सैमीनार के जरिए सब ठीक हो गया, लेकिन जहां तक व्यापार का सवाल है तो निश्चित तौर पर हमें घाटा हुआ है। जी.एस.टी. को लेकर व्यापारी और उपभोक्ता दोनों अभी तक असमंजस में हैं।

खिलौना व्यापारी संजय मेहरा का कहना है कि जी.एस.टी. मेरे व्यापारिक जीवन का सबसे गंदा और बुरा अनुभव है। जी.एस.टी. की प्रक्रिया इतनी पेचीदा है कि इसे समझना हर किसी के वश की बात नहीं है। जहां तक व्यापार का सवाल है तो यकीनी तौर पर यह घटा है। पुराना स्टॉक अभी भी पड़ा है। नोटबंदी पहला और जी.एस.टी. हम व्यापारियों के लिए दूसरा आघात है। विनय बहल का कहना है कि शुरूआत में तो सिस्टम को समझने में थोड़ी समस्या आई लेकिन महीने के बाद सब कुछ ठीक हो गया, पर व्यापार पर इसका असर काफी नकारात्मक पड़ा है। जहां तक लेन-देन का सवाल है तो हमारे यहां तो पहले से ही ऑनलाइन व्यवस्था है इसलिए इस लिहाज से हमें कोई ज्यादा दिक्कत नहीं हुई।

एक अन्य व्यापारी बृजेश गोयल का कहना है कि जी.एस.टी. का उनके लिए अनुभव उनकी सोच से कहीं ज्यादा बुरा साबित हुआ। व्यापारी अभी तक इसके प्रारूप को लेकर असमंजस में हैं। उनका मानना है कि जब से जी.एस.टी. लागू हुआ है तब से व्यापार घट ही रहा है। जी.एस.टी. से हमारे खर्चे काफी बढ़ गए हैं लेकिन व्यापार नहीं बढ़ा। फैशन इंडस्ट्री से जुड़ी महिला व्यापारी नवनीत कौर का कहना है कि हमें पहले ही अंदेशा था कि जी.एस.टी. लागू होने से कीमतों में उछाल आएगा और हुआ भी ऐसा ही। हमें अपने ग्राहकों को खोने का डर है इसलिए अपने प्रॉफिट को कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि हालांकि बिजनैस तो पहले जैसा ही है लेकिन फायदा घट गया है। यही नहीं, हमें अपने पुराने बिलिंग्स सिस्टम को बदलना पड़ा है।

सैनेटरी सामान के व्यापारी अमन गुप्ता का कहना है कि जी.एस.टी. का असर उन पर उनकी सोच से भी ज्यादा नैगेटिव पड़ा। उनका कहना था कि एक महीने में बिक्री सबसे निचले पायदान पर पहुंच गई है। कच्चे मोल की कीमतें बढऩे से भी उनका व्यापार प्रभावित हुआ है। यही नहीं, हमें अपना बिङ्क्षलग सिस्टम बदलने के लिए भी काफी पैसा खर्च करना पड़ा इसलिए हमें तो जी.एस.टी. से चौतरफा नुक्सान ही हुआ है। ट्रैक्टर पार्ट्स का व्यवसाय करने वाले दिल्ली निवासी निरंजन पोद्दार का कहना है कि ट्रैक्टर पार्ट्स पर कर दर 28 से 18 प्रतिशत करने का वायदा अभी तक सरकार ने पूरा नहीं किया है। लागत बढऩे से करीब 90 प्रतिशत गिरावट उनके व्यापार में जी.एस.टी. लागू होने के बाद आई है। कच्चा माल महंगा होने के चलते उनके उत्पादों की लागत बढऩे से उनकी बिक्री घट गई है।

आईसीआईसीआईडायरेक्ट ने एफएंडओ व्यापारियों के लिए फ्लैश ट्रेड की शुरुआत की

मुंबई, 26 सितंबर, 2022: भारतीय पूंजी बाजार में बड़ी संख्या में युवा निवेशकों और ट्रेडर्स का प्रवेश देखा जा रहा है। इनमें से कई युवा व्यापारियों को व्यापार और निवेश से जुड़े जोखिमों का प्रबंधन करने के लिए मार्गदर्शन, हाथ पकड़ने और उपकरणों की आवश्यकता होती है।

इन निवेशकों और व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए, और बड़े व्यापारिक और निवेश समुदाय को ध्यान में रखते हुए, आईसीआईसीआईडायरेक्ट, एक ऐप और निवेश, बीमा और ऋण उत्पादों के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, ने आज कहा कि उसने फ्लैश ट्रेड के रूप में एक जोखिम निहित और दृष्टि से समृद्ध फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) ट्रेडिंग मॉड्यूल का एक अनूठा प्रस्ताव लॉन्च किया है।

· समय-आधारित जोखिम निहित मॉड्यूल

· सिंगल स्क्रीन ट्रेडिंग अनुभव

· अनुशासित व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए समय आधारित निकास नियम

· चार्ट पर संपूर्ण व्यापार का दृश्य

‘फ्लैश ट्रेड’, ट्रेडिंग विकल्पों के लिए एक सुरक्षित पारिस्थितिकी तंत्र की पेशकश करने वाला अपनी तरह का एक उपकरण है जो व्यापारियों को चार्ट पर अपने संपूर्ण व्यापार को सरल तरीके से देखने में मदद करता है, और उन्हें अपने ‘अप’ और ‘डाउन’ के साथ एक क्लिक में व्यापार करने की अनुमति देता है। व्यापारी समय-आधारित निकास नियम निर्धारित कर सकते हैं ताकि नुकसान कम से कम हो और मुनाफा बुक हो।

फ्लैश ट्रेड का उद्देश्य एक स्क्रीन में ऑर्डर, स्थिति, लाभ और हानि, चार्ट जैसी सभी सुविधाएं प्रदान करके सिंगल स्क्रीन ट्रेडिंग अनुभव प्रदान करना है। उत्पाद उपयोगकर्ताओं को स्क्रीन के पूरे व्यापार सेट को अनुकूलित करने में सक्षम बनाता है और ‘समय आधारित निकास सुविधा प्रदान करता है जो सुनिश्चित करता है कि ट्रेडों को उनके निर्धारित समय पर, अनुशासन को आत्मसात करते हुए चुकता किया जाता है।

फ्लैश ट्रेड उत्पाद व्यापारियों को पूरी तरह से सरल तरीके से एफएंडओ ट्रेडिंग करने में सक्षम बनाता है, यहां तक ​​कि उच्चतम ओपन इंटरेस्ट, एट द मनी और अधिकांश ट्रेडेड कॉन्ट्रैक्ट्स के स्ट्राइक चयन के साथ। ये सुविधाएँ ग्राहकों को अपने ट्रेडों को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने का एक सहज और सहज तरीका प्रदान करती हैं।

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल की बैठक सम्पन्न, व्यापारियों को खट्टे मीठे सभी प्रकार के अनुभव हुए: अशोक कंसल

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल नगर इकाई की एक बैठक गांधी वाटिका गांधी कॉलोनी में नगर अध्यक्ष अजय सिंघल की अध्यक्षता एवं नगर महामंत्री प्रवीण खेड़ा के संचालन में आहूत की गई। बैठक को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष अशोक कंसल ने कहा कि काफी लंबे समय तक कोरोना काल चला तथा व्यापारियों को खट्टे मीठे सभी प्रकार के अनुभव हुए एवं व्यापारियों ने अपने अपने स्तर से कोरोना काल में अनेक सामाजिक कार्य किए।

कंसल ने कहा कि नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष डॉक्टर वीरपाल वीरपाल निर्वाल का स्वागत कार्यक्रम ११ जुलाई २०२१ सायं ४ः०० बजे दर्पण बैंकट हॉल में रखा गया है।

इस कार्यक्रम में पूरे जनपद के व्यापारी आमंत्रित रहेंगे। नगर अध्यक्ष अजय सिंघल ने कहा कि नगर में व्यापार मंडल को सक्रिय करने के लिए लगातार व्यापारिक एसोसिएशन के अध्यक्षों से भेंट की जा रही है तथा व्यापार मंडल व्यापारियों की समस्याएं ज्ञापन के माध्यम से एवं पत्र के माध्यम से समय-समय पर उठाता रहता है।

बैठक के अंत में वरिष्ठ व्यापारी नेता राजकुमार नरूला की माता एवं तहसील खतौली के महामंत्री दिनेश कुमार जैन की मृत्यु पर शोक प्रकट करते हुए २ मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की की गई। बैठक को जिला अध्यक्ष अशोक कंसल, नगर अध्यक्ष अजय सिंघल, प्रदेश मंत्री सुनील तायल, संयुक्त प्रचार मंत्री सुलखन सिंह नामधारी ,जिला महामंत्री श्याम सिंह सैनी ने भी संबोधित किया।

बैठक में मुख्य रूप से दिनेश बंसल ,विजेंद्र धीमान, ओमप्रकाश धीमान ,वीर राहुल शर्मा, हर्षवर्धन बंसल ,मनोज गुप्ता ,रोशनी पांचाल ,संजय मित्तल ,हरीश गुप्ता ,श्रवण अग्रवाल, धर्मपाल कपूर, अमित मित्तल, पवन छाबड़ा ,संजय मदान ,विक्की चावला ,मोहम्मद नदीम, विजय वर्मा, विकास अग्रवाल ,नितिन जैन ,यश कपूर ,कशिश गोयल, विशाल वर्मा, अंकित गर्ग ,दीपक गोयल, शोभित गुप्ता ,विकास गुप्ता, अजय गुप्ता , मनीष बंसल, गोपाल कुमार ,हरीश अरोरा आदि ने बैठक में भाग लिया।

रेटिंग: 4.62
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 645
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *