रणनीति विचार

क्रिप्टो धन के लाभ

क्रिप्टो धन के लाभ
क्रिप्टो करंसी एक्सपर्ट, प्रशांत अग्रवाल ने इस बारे में बताया कि भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग में लाभ होने पर 31 फीसदी टैक्स लगने लगा है। बड़ी संख्या में युवा और नए निवेशक दुबई में शिफ्ट हो रहे हैं। वहां क्रिप्टो करेंसी वैध है। संपत्तियां खरीदी जा रही हैं।

एडिटोरियल

यह एडिटोरियल 26/10/2021 को ‘लाइवमिंट’ क्रिप्टो धन के लाभ में प्रकाशित ‘We need smart regulation to unlock the true potential of crypto assets’ लेख पर आधारित है। इसमें क्रिप्टोकरेंसी संपत्तियों और क्रिप्टो के विनियमन से संबंधित मुद्दों के बारे में चर्चा की गई है।

प्रायः यह माना जाता है कि क्रिप्टो संपत्तियाँ, क्रिप्टो वित्त को अधिक समावेशी और विकेंद्रीकृत बनाती हैं। लेकिन भारत के पास पहले से ही ‘जन धन’ के रूप में विश्व का सबसे बड़ा वित्तीय समावेशन कार्यक्रम मौजूद है। पिछले सात वर्षों में बैंकिंग पहुँच से दूर 430 मिलियन लोगों के बैंक खाते खोले गए हैं। इनमें 55% के साथ बहुमत महिलाओं का रहा है। क्रिप्टो भारत में क्रियान्वित जन धन योजना के व्यापक स्तर से बराबरी नहीं कर सकता।

इसके अलावा, बिटकॉइन और एथरियम जैसी क्रिप्टो संपत्तियों का विनियमन विश्व स्तर पर चर्चा का विषय है। विभिन्न देश क्रिप्टो संपत्तियों के संबंध में प्रतिबंध लगाने, प्रतिबंध हटाने, पुन: प्रतिबंध लगाने और विनियमित करने जैसे विभिन्न चरणों से गुजर रहे हैं। निश्चय ही हम अन्य देशों के अनुभव से कुछ संकेत ग्रहण कर सकते हैं, लेकिन हमें भारतीय आवश्यकताओं के अनुरूप भारत में विकसित कुशल विनियमन की आवश्यकता है।

भारत में क्रिप्टो को अपनाए जाने के कारण

  • भारत में क्रिप्टो संपत्तियों को अपनाए जाने का मुख्य कारण वित्तीय समावेशन नहीं है, बल्कि तीन ऐसे आकर्षक भारत-विशिष्ट कारण हैं जो क्रिप्टो को अपनाए जाने को प्रेरित करते हैं।
  • भारत को नए वित्तीय पारितंत्र के एक अभिन्न अंग के रूप में स्थापित करने की इच्छा: बड़े वैश्विक वित्तीय संस्थान और निवेशक अपने पोर्टफोलियो में क्रिप्टो संपत्ति को भी शामिल कर रहे हैं।
    • वित्तीय फर्म, बैंक, फिनटेक और क्रिप्टो स्टार्टअप उद्योग के व्यापक विकास का लाभ उठा सकते हैं। सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क (STPs) और विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZs) ने आईटी सेवाओं के विकास को सक्षम बनाया है।
    • रचनात्मक 'क्रिप्टो एक्सपोर्ट ज़ोन' योजनाएँ उत्कृष्टता समूहों को विकसित कर सकती हैं और विश्वस्तरीय वित्तीय सेवा फर्म एवं यूनिकॉर्न का सृजन कर सकती हैं।

    विकेंद्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने से संबद्ध समस्याएँ

    • पूर्ण प्रतिबंध: ‘क्रिप्टोकरेंसी प्रतिबंध एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021’ (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करता है।
      • हालाँकि, क्रिप्टोकरेंसी को सार्वजनिक (सरकार-समर्थित) या निजी (किसी व्यक्ति क्रिप्टो धन के लाभ के स्वामित्व के अंतर्गत) के रूप में वर्गीकृत करना दोषपूर्ण है, क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी विकेंद्रीकृत हैं, लेकिन निजी नहीं हैं।
      • बिटकॉइन जैसी विकेंद्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी को निजी या सार्वजनिक किसी भी निकाय द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।
      • उस समय ब्लॉकचेन विशेषज्ञ स्विट्जरलैंड, सिंगापुर, एस्टोनिया और अमेरिका जैसे देशों में पलायन कर गए थे, जहाँ क्रिप्टो को विनियमित किया गया था।
      • पूर्ण प्रतिबंध से शासन, डेटा अर्थव्यवस्था और ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापक रूप से उपयोग किये जा रहे ब्लॉकचेन नवाचार में अवरोध उत्पन्न होगा।

      निष्कर्ष

      संक्षेप में, एक कुशल नियामक दृष्टिकोण को सभी संभावित लाभ-हानि पर विचार करना चाहिये। यह वित्तीय नवाचार को बढ़ावा देने, निवेशकों की सुरक्षा करने और भारतीय क्रिप्टो पारितंत्र के लिये अवसर के द्वार खोलने में योगदान कर सकता है।

      अभ्यास प्रश्न: क्रिप्टो संपत्तियों की वास्तविक क्षमता को साकार करने के लिये भारत को उचित विनियमन की आवश्यकता है। चर्चा कीजिये।

      Cryptocurrency: क्रिप्टो संपत्तियों को विनियमित करना जरूरी, बैन लगाने से नहीं चलेगा काम: गीता गोपीनाथ

      Updated: December 16, 2021 3:49 PM IST

      Cryptocurrency: क्रिप्टो संपत्तियों को विनियमित करना जरूरी, बैन लगाने से नहीं चलेगा काम: गीता गोपीनाथ

      Cryptocurrency: मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) के अनुसार, विकासशील देशों (Developing Countries) को क्रिप्टो संपत्ति (Crypto Assets) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के बजाय विनियमित करने से लाभ हो सकता है. 50 वर्षीय प्रमुख अर्थशास्त्री, जो जल्द ही आईएमएफ (IMF) के पहले उप प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यभार संभालने जा रही हैं. दुनिया भर में वर्चुअल एसेट्स की बढ़ती मांग को देखते हुए, क्रिप्टोकरेंसी पर एक वैश्विक नीति की तत्काल आवश्यकता बताई हैं.

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      गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) की टिप्पणी नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) द्वारा आयोजित ‘2022 में वैश्विक सुधार और नीति चुनौतियां’ पर एक व्याख्यान के दौरान आई है.

      गोपीनाथ ने कहा, “क्रिप्टोक्यूरेंसी परिसंपत्तियों और मुद्राओं को विनियमित करना आवश्यक है, विशेष रूप से उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए, क्योंकि उन पर प्रतिबंध लगाने से काम नहीं चल सकता है. क्रिप्टो एक्सचेंज अपतटों पर स्थित हैं, जिससे किसी व्यक्ति के लिए प्रतिबंध के बावजूद उनमें व्यापार करना आसान हो जाता है.”

      उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कोई भी देश इस समस्या का समाधान नहीं निकाल सकता है, क्योंकि क्रिप्टो में जटिल तरीके से सीमा पार लेनदेन किया जाता है. इस पर तत्काल एक वैश्विक नीति की बनाने की आवश्यकता है.

      हालांकि, गीता गोपीनाथ ने आगाह किया कि क्रिप्टो करेंसीज को अपनाना उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक चुनौती है, क्योंकि उनमें से अधिकांश के पास विदेशी लेनदेन के आसपास के नियम हैं.

      18 अमीरों ने क्रिप्टो करेंसी से विदेश में खरीदी संपत्ति, दुबई में खरीदने पर खुला राज

      18 अमीरों ने क्रिप्टो करेंसी से विदेश में खरीदी संपत्ति, दुबई में खरीदने पर खुला राज

      उत्तर प्रदेश के धन्नासेठ दुबई और सिंगापुर में करोड़ों की संपत्तियां खरीद रहे हैं। इनकी खरीद और खरीद में इस्तेमाल रकम उनके आयकर रिटर्न में दर्ज नहीं पाई गई हैं। आयकर विभाग और ईडी की जांच में पता चला है कि यह रकम क्रिप्टोकरेंसी में अदा की गई और सारा खेल चाइनीज एप के जरिए छोटे-छोटे देशों में स्थापित क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए हुआ। दोनों विभागों ने अब तक क्रिप्टो की शक्ल में 700 करोड़ रुपये देश से बाहर जाने की सूचना हासिल कर ली है। इसमें 170 करोड़ रुपये अकेले कानपुर के हैं। लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, आगरा से भी यह खेल हुआ है।

      Cryptocurrency को लेकर RBI का कठोर रुख कायम, संसदीय समिति के समक्ष कही ये अहम बातें

      Edited by: Alok Kumar @alocksone
      Updated on: May 15, 2022 17:12 IST

      Crypto - India TV Hindi

      Photo:FILE

      Risk of Cryptocurrency : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के शीर्ष अधिकारियों ने एक संसदीय समिति से कहा है कि क्रिप्टो करेंसी से अर्थव्यवस्था के एक हिस्से का ‘डॉलरीकरण’ हो सकता है जो भारत के संप्रभु हितों के खिलाफ होगा। सूत्रों ने बताया कि पूर्व वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा की अगुवाई वाली वित्त पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत शीर्ष अधिकारियों ने अपनी बात रखी। उन्होंने क्रिप्टो करेंसी को लेकर अपनी आशंकाओं से उन्हें अवगत करवाया और कहा कि इससे वित्तीय प्रणाली की स्थिरता को लेकर चुनौतियां खड़ी होंगी। समिति के एक सदस्य के मुताबिक, रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने कहा, यह मौद्रिक नीति तय करने और देश की मौद्रिक प्रणाली का नियमन करने की केंद्रीय बैंक की क्षमता को गंभीर रूप से कमतर करेगी।

      आतंकी फंडिंग में इस्तेमाल का खतरा

      उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी में विनिमय का माध्यम बनने की क्षमता है और यह घरेलू स्तर पर तथा सीमापार होने वाले वित्तीय लेनदेन में रुपये का स्थान ले सकती है। केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने कहा कि ये करेंसी मौद्रिक प्रणाली के एक हिस्से पर काबिज हो सकती है और प्रणाली में धन के प्रवाह के नियमन की आरबीआई की क्षमता को भी कमतर कर सकती है। रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने आगाह किया कि आतंक के वित्तपोषण, धनशोधन और मादक पदार्थों की तस्करी में भी क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल किया जा सकता है और यही नहीं, यह देश की वित्तीय प्रणाली की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। उन्होंने संसदीय समिति से कहा, लगभग सभी क्रिप्टो करेंसी डॉलर पर आधारित हैं और इन्हें विदेशी निजी संस्थान जारी करते हैं। ऐसे में संभव है कि इससे हमारी अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्से का डॉलरीकरण हो क्रिप्टो धन के लाभ जाए जो देश के संप्रभु हितों के खिलाफ होगा।

      क्रिप्टो करंसी क्या है?

      क्रिप्टो करंसी ऐसी डिजिटल करंसी है जिसका विकेन्द्रीकृत तरीके से कारोबार किया जाता है. हम यह भी कह सकते हैं कि, इस क्रिप्टो करंसी को किसी भी सरकार या प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा नियंत्रित या विनियमित नहीं किया जा रहा है. इस करंसी का मूल्य बाजार के मुक्त प्रवाह - क्रेता और विक्रेता - द्वारा परिभाषित किया गया है.

      क्रिप्टो करंसी दरअसल, एक कागजी करंसी है. हालांकि, हम इसे भौतिक रूप से अर्थात नकद करंसी (रुपये) के तौर पर सीधे-सीधे इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. क्रिप्टो करंसी दरअसल, क्रिप्टोग्राफी के सिद्धांतों पर काम करती है.

      क्रिप्टोग्राफी जानकारी को कोड के रूप में भेजकर, उस जानकारी को सुरक्षित रखने का एक तरीका है ताकि केवल वे लोग या कारोबारी ही उस करंसी तक पहुंच सकें, जिनके पास उसकी जानकारी है. क्रिप्टो करंसी का कारोबार कोड के रूप में किया जाता है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कारोबार करने के लिए इसका इस्तमाल किया जाता है.

      क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार

      देश-दुनिया की कुछ लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसीस निम्नलिखित हैं:

      बिटकॉइन - बिटकॉइन पहली बार वर्ष, 2009 में बाजार में आया था और तब से व्यापार जगत ने इसकी अपनी विशेष पहचान और उपयोगिता है. यह दुनिया की पहली और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसीस में से एक है.

      लाइटकॉइन - यह क्रिप्टो करंसी वर्ष, 2011 से बाजार में बिटकॉइन के समान ही काम करती है, हालांकि इसकी लेनदेन दर निर्धारित है.

      एथेरियम - इस क्रिप्टो करंसी को स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और D ऐप्स के इस्तेमाल की अनुमति देने की एक अनूठी विशेषता के साथ वर्ष, 2015 के आसपास लॉन्च किया गया था जो किसी भी गड़बड़ या घोटाले के लिए कोई जगह नहीं छोड़ती है.

      Zcash - यह क्रिप्टो करंसी का इस्तेमाल पहली बार अक्टूबर, 2016 के अंत में किया गया था. Zcash के लिए, सिलिकॉन वैली के पूंजीपति इसके संचालन की व्यवस्था करने के लिए 03 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक जुटाने में सक्षम थे.

      क्रिप्टो करंसी कैसे खरीदें?

      आइये अब हम भारत में क्रिप्टो करंसी खरीदने की प्रक्रिया पर एक नज़र डालें और इसके एक समर्थक की तरह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कारोबार करने के लिए तैयार हो जाएं:

      अपना डिजिटल वॉलेट खोलें - आप केवल अपने डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ही सरकार के किसी भी हस्तक्षेप के बिना अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में वस्तुओं और सेवाओं के कारोबार के लिए अपनी पसंद की क्रिप्टो करंसी खरीद सकेंगे. इसलिए, सबसे पहले आप अपना डिजिटल वॉलेट तैयार करें.

      क्रिप्टो-एक्सचेंजों के माध्यम से निवेश करने की विस्तृत प्रक्रिया की जानकारी

      क्रिप्टो करंसी एक्सचेंजों में निवेश करने के लिए अब यहां आपके लिए निम्नलिखित स्टेप्स प्रस्तुत हैं:

      1. ट्रेडिंग के लिए सूटेबल क्रिप्टो-एक्सचेंज चुनें

      क्रिप्टो एक्सचेंज के साथ अपना खाता खोलने के लिए एक सूटेबल प्लेटफॉर्म चुनें. आप भारत में निम्नलिखित क्रिप्टो एक्सचेंजों के साथ पंजीकृत हो सकते हैं जैसेकि:

      1. वज़ीर एक्स
      2. कॉइन DCX गो
      3. बाय यू कॉइन
      1. अपना KYC करवाएं और भुगतान का विकल्प चुनें

      आपके लिए अपना KYC करवाना क्रिप्टो करंसी एक्सचेंज में ट्रेडिंग की दिशा में एक और आवश्यक कदम है. इसके लिए आपको अपने पैन कार्ड, फोटो पहचान प्रमाण, पते के प्रमाण जैसे दस्तावेजों को उस एक्सचेंज में अपलोड करना होगा जहां आप ट्रेडिंग के लिए अपना पंजीकरण करवाना चाहते हैं. यह भविष्य में धोखाधड़ी से जुड़े विभिन्न क्रियाकलापों के दायरे को कम करने के लिए किया जाता है.

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