रणनीति विचार

क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है

क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है
यह भी पढ़ें

क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है? Cryptocurrency की विशेषताएँ, फायदे और नुकसान |

इन दिनों Cryptocurrency की चर्चाएँ इंडिया में भी जोरों शोरों से चल रही हैं इस विषय को चर्चाओं में प्रमुखता मिलने का कारण शायद इसमें निहित विशेषताएं हैं | आपने विभिन्न देशों की मुद्रा जैसे भारत, पाकिस्तान का रुपया, बांग्लादेश का टका, चीन का युआन, जापान का येन, अमेरिका का डॉलर, ब्रिटेन का पोंड एवं यूरोप का यूरो, कुबैत का दीनार इत्यादि के बारे में सुना होगा क्योंकि ये ऐसी करेंसिज हैं जो विभिन्न देशों की हैं |

लेकिन जब बात वर्तमान में प्रचलित शब्द Cryptocurrency की आती है तो मनुष्य शंशय में पड़ जाता है की आखिर क्रिप्टो करेंसी है क्या? अगर यह कोई मुद्रा है तो यह किस देश की मुद्रा है और अगर यह किसी एक देश की मुद्रा है तो इसकी चर्चाएँ लगभग सभी देशों में क्यों हैं ?

तो क्या यह कोई ऐसी मुद्रा है जिसे फिजिकली महसूस किया जा सकता है अर्थात क्या हम इसे छू सकते हैं? इत्यादि इत्यादि प्रश्न मनुष्य को संशय में डाल ही देते हैं | आज हम अपने इस लेख के माध्यम से CryptoCurrency से सम्बंधित उपर्युक्त सभी प्रश्नों के जवाब देने की कोशिश करेंगे |

क्रिप्टो करेंसी क्या है :

Kya hoti hai Cryptocurrency : इसे डिजिटल करेंसी भी कह सकते हैं अर्थात यह एक ऐसी करेंसी या सम्पति है जिसे व्यक्ति छू नहीं सकता इसकी उत्पति के लिए Cryptography जो की कंप्यूटर एवं इन्टनेट की दुनिया से जुड़ी हुई एक तकनीक है का उपयोग हुआ होता है | इस करेंसी का उपयोग भी अन्य मुद्राओं की तरह विभिन्न तरह का सामान एवं सेवाएँ खरीदने के लिए किया जा सकता है लेकिन अभी इस तरह की यह करेंसी सभी देशों में वैध नहीं है इसलिए जिन देशों में यह वैध नहीं है वहां इनका उपयोग वर्जित है |

लेकिन फिर भी वर्तमान में बहुत सारे देशों में यह वैध मुद्रा की तरह क्रियाशील है इसलिए लोग इस डिजिटल मुद्रा का प्रयोग विदेशी यात्राओं के दौरान भी करते हैं | Cryptocurrency Decentralized अर्थात विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा होती है क्योंकि इसके उपयोग में लाये जाने की कोई क्षेत्रीय सीमा तय नहीं होती कहने का आशय यह है जैसे विभिन्न देशों की मुद्राएँ सिर्फ उसी देश तक सीमित रहती हैं, और उसको वह देश विशेष विनियमित करते रहता है |

क्रिप्टो करेंसी की विशेषताएं (Characteristics of Cryptocurrency ):

क्रिप्टो करेंसी की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं |

  • यह कोई प्रिंट की गई करेंसी नहीं होती है |
  • इसे cryptography नामक तकनीक से जारी किया जाता है इसलिए इसका नाम भी इसी पर आधारित है |
  • ये बेहद जटिल अल्गोरिथम के माध्यम से माइन किये जाते हैं और जब इन्हें हल कर लिया जाता है तो एक CryptoCurrency बन जाती है |
  • इस प्रणाली में प्रत्येक क्रिप्टो करेंसी के लिए अलग अलग एक निश्चित परिणाम निर्धारित किये जाते हैं इसलिए इन्हें डुप्लीकेट या जाली तैयार नहीं किया जा सकता है |
  • इस प्रणाली में क्रिप्टो करेंसी कंप्यूटर पर संग्रहित अर्थात भंडारित किये जाते हैं इसलिए इन्हें दुबारा न तो भेजा जा सकता है और न ही लेन देन को बदला या रद्द किया जा सकता है |
  • इस प्रकार की करेंसी को माइनिंग एवं ऑनलाइन एक्सचेंज के माध्यम से भी प्राप्त किया जा सकता है |
  • इस प्रणाली के अंतर्गत प्रत्येक लेन देन को गोपनीय रखा जाता है किसी तीसरे पक्ष को इसकी कोई जानकारी नहीं होती है |
  • यदि किसी के द्वारा कोई परिवर्तन किये जाते हैं तो उन्हें पहचानने के लिए क्रिप्टोग्राफी की अखंडता, क्षमता की सुरक्षा विद्यमान है |
  • चूँकि यह दो लोगों के बीच जो एक दुसरे को जानते तक नहीं है के बीच लेन दें से जुड़ा हुआ है इसलिए इस लेन देन को प्रमाणिक बनाने के लिए सिस्टम द्वारा दोनों को सन्देश भेजा जाता है |

डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स

सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.

क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.

तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?

बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.

वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?

आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.

सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.

टैक्स कैलकुलेशन: क्या क्रिप्टो से फायदा और नुकसान, दोनों होने पर टैक्स देना होगा?

  • क्रिप्टो एसेट्स के ट्रांसफर से घाटा होने पर इसे किसी अन्य इनकम के साथ सेट-ऑफ या कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जा सकता. RSM इंडिया के फाउंडर डॉ सुरेश सुराणा ने कहा, “हालांकि, क्रिप्टो एसेट्स के ट्रांसफर से होने वाले नुकसान को उसी वित्तीय वर्ष में क्रिप्टो एसेट्स के ट्रांसफर से होने वाले लाभ के साथ सेट-ऑफ किया जा सकता है.”
  • डॉ सुराणा ने उदाहरण देते हुए कहा, “मान लीजिए, किसी शख्स की सैलरी इनकम 20 लाख रुपये है. उसे बिटकॉइन बिक्री पर 5 लाख रुपये का फायदा और एथेरियम बिक्री पर 2 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. वह नुकसान को सेट-ऑफ कर सकता है और उसे क्रिप्टो (बिटकॉइन और एथेरियम) की बिक्री से होने वाले शुद्ध लाभ 3 लाख रुपये पर टैक्स देना होगा. इसके अलावा, इस पर एप्लिकेबल सरचार्ज (इस मामले में शून्य) और सेस (1.2% viz 4% of 30% tax) भी देना होगा. इस तरह, उस शख्स को कुल मिलाकर 31.2 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. 20 लाख रुपये की सैलरी इनकम पर उस शख्स को 5% से 30% (प्लस सरचार्ज और सेस) के सामान्य स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होगा और यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि क्या टैक्सपेयर ने इनकम टैक्स एक्ट की धारा 115BAC के तहत ऑप्शनल टैक्स रिजीम का विकल्प चुना है.”
  • आईआईएम अहमदाबाद में प्रोडक्शन एंड क्वांटिटेटिव मेथड्स के एसोसिएट प्रोफेसर प्रोफेसर अंकुर सिन्हा ने कहा कि सिर्फ गेन पर टैक्स लगेगा, नुकसान पर टैक्स नहीं लगेगा.
  • प्रो सिन्हा ने आगे कहा, “हालांकि, इस एसेट क्लास में निवेश के कारण होने वाले किसी भी नुकसान को किसी अन्य स्रोत से इनकम के खिलाफ सेट-ऑफ नहीं किया जा सकता है. आसान शब्दों क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है में, अगर आपको क्रिप्टो में निवेश से X का नुकसान होता है और कहीं और Y का लाभ होता है, तो आप यह क्लेम नहीं कर सकते कि आप Y-X पर टैक्स का भुगतान करेंगे. दूसरी ओर, अगर आपको क्रिप्टो में निवेश से X का लाभ मिलता है और Y का लाभ कहीं और मिलता है, तो आपको X और Y दोनों पर टैक्स का भुगतान करना होगा.”

क्या एयरड्रॉप्ड क्रिप्टो टोकन या एनएफटी पर भी देना होगा टैक्स?

EarthID के VP- रिसर्च एंड स्ट्रैटेजी, शरत चंद्र ने बताया कि केवल क्रिप्टो निवेशक ही नहीं, बल्कि जिन्होंने गिफ्ट के रूप में एयरड्रॉप्ड क्रिप्टो टोकन या एनएफटी प्राप्त किया है, उन्हें भी टैक्स का भुगतान करना होगा.

आपको टैक्स तभी देना होगा जब आप ट्रांजेक्शन, ट्रांसफर या एक्सचेंज या क्रिप्टो एसेट्स से इनकम प्राप्त करेंगे. एक्सपर्ट्स के अनुसार, क्रिप्टो रखने के लिए कोई कर नहीं देना है.

क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है

इस तेज़ी से आगे बढ़ते डिजिटल संसार में पैसों नें भी डिजिटल रूप ले लिया है, इस आभासी डिजिटल मुद्रा को ही क्रिप्टो करेंसी कहा जाता है। जैसे की “बिट कॉइन”, इसका नाम आपने बहुत बार सुना होगा। आजकल क्रिप्टो करेंसी एक ऐसा विषय बन गया है जिसके बारे में सुना तो हर किसी ने है लेकिन ये डिजिटल मुद्रा क्या है ? कैसे काम करती है ? इसके लाभ क्या क्या होते हैं ? इस से हम कैसे कमाई कर सकते हैं ? ऐसे सवाल आपके मन में भी आते होंगे।

क्रिप्टो करेंसी क्या है?

तो चलिए आज जानते हैं क्रिप्टो करेंसी के बारे में, क्रिप्टो करेंसी एक आभासी यानी वर्चुवल मुद्रा है जिसे सबसे पहले वर्ष 2009 में लाया गया था और सबसे पहली क्रिप्टो करेंसी बिट कॉइन ही थी जो अबतक की सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और सबसे महंगी कॉइन है।

क्रिप्टो करेंसी के फायदे :

  • क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें धोखाधड़ी के चांस बहुत कम होते है।
  • क्रिप्टो करेंसी decentralized होते है इसलिए यूजर इसका मालिक होता है ना कि बैंक या सरकार
  • इसका इस्तेमाल करना बहुत ही आसान होता है किसी भी लेन-देन के लिए, हमें बस smart device जैसे smartphone और internet connection की जरुरत पड़ती है और तुरंत हम online भुकतान कर सकते है।
  • दुसरे payment option के मुकाबले इसमें transaction fees बहुत कम होती है।
  • और सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि आज के समय में लोग क्रिप्टो करेंसी में निवेश करके लाखों रूपये कमा रहे हैं।

अगले ब्लॉग में हम आपको बतायेंगे कि क्रिप्टो करेंसी में किस तरीके से निवेश करके लाखों रूपये आसानी से कमाए जा सकते हैं।

क्रिप्‍टोकरेंसी की कीमतें

बिटकॉइन (BTC) पिछले 24 घंटों में 3.22% की गिरावट के साथ 20,719 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। इथेरियम (ETH) 3.77 प्रतिशत गिरकर 1,182 डॉलर पर आ गया है। बिटकॉइन अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तर से लगभग 70% नीचे है। यह पिछले साल में एक बड़ी गिरावट है। लेकिन क्रिप्टो के उत्साही लोगों का मानना है कि BTC ने पहले भी नियमित रूप से इस तरह की गिरावट का सामना किया है, और हर बार यह मजबूत हुआ है। संशय करने वाले लोग बहुत उत्साही नहीं हैं। उनका मानना है कि मौजूदा गिरावट क्रिप्टोकरेंसी में तेजी का अंत है।

हाल ही में लूना कॉइन का लगभग शून्य पर गिरना क्रिप्टोकरेंसी ब्रह्मांड में आश्चर्यचकित करता है। लेकिन उत्साही लोग गिरावट को एक अलग मामला बताकर इसे खारिज कर रहे हैं। संशय करने वाले अपना उत्साह खो रहे हैं और क्रिप्टोकरेंसी को ताश के पत्तों की तरह गिरता हुआ महसूस कर रहे हैं।

निष्‍कर्ष

आम जनता को बाजार में विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी स्‍कैम से सावधान रहना चाहिए। डुप्लीकेट क्रिप्टोकरेंसी स्‍कैम एक ऐसी चीज है जिसके बारे में आम जनता को पता होना चाहिए। साथ ही, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश बहुत अधिक अस्थिरता के अधीन है, और आपको अत्यधिक जोखिम नहीं लेना चाहिए। आपको केवल उस पूंजी का निवेश करना चाहिए जिसे आप खोना वहन कर सकते हैं।

साइबर सिक्‍योरिटी रिसर्च फर्म CloudSEK की एक रिपोर्ट में कहा गया है क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है कि भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को कई नकली क्रिप्टो एक्सचेंज स्‍कैम में लगभग 1 ट्रिलियन रुपये का नुकसान हुआ है जो अभी भी चल रहे हैं।

सर्वे के अनुसार, यह हमला तब हुआ जब स्‍कैम करने वाले लोगों ने वेबसाइट की नकल की, और सामान्‍य लोग नकली वेबसाइट की चपेट में आ गए।

ग्‍लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट अब 1 ट्रिलियन डॉलर से कम है। क्रिप्टोकरेंसी मार्केट ने पिछले साल नवंबर में 3 ट्रिलियन डॉलर का रिकॉर्ड मार्केट कैप हिट किया। क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में इस महत्वपूर्ण गिरावट ने भविष्य को लेकर सभी को चिंतित कर दिया है।

रेटिंग: 4.81
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 133
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *