शुरुआत से विदेशी मुद्रा व्यापारी तक का रास्ता

शुरुआत से विदेशी मुद्रा व्यापारी तक का रास्ता
नई दिल्ली. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में 31 पैसे टूटकर अब तक के सबसे निचले स्तर 80.15 रुपये पर आ गया. विदेश में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के चलते यह गिरावट हुई. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 80.10 पर खुला. बाद में और गिरावट दर्ज करते हुए 80.15 पर आ गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 31 पैसे की कमजोरी को दर्शाता है.
रुपया शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले 79.84 पर बंद हुआ था. इसबीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.51 प्रतिशत बढ़कर 109.35 पर आ गया. विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि फेडरल रिजर्व द्वारा महंगाई दर से निपटने के लिए सख्त रुख अपनाने की बात कहने के बाद डॉलर में मजबूती आई.
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.86 प्रतिशत बढ़कर 101.86 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था. शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 51.12 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. बाजार खुलने के साथ ही रुपये में 26 पैसे की गिरावट देखी गई. शुरुआती कारोबार में रुपया 80.10 रुपये पर दर्ज किया गया, लेकिन बाद में यह गिरावट 31 पैसे पर पहुंच गई और रुपया डॉलर के मुकाबले 80.10 रुपये पर पहुंच गया.
शुरुआत से विदेशी मुद्रा व्यापारी तक का रास्ता
नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन संकट के बीच विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार पांचवें हफ्ते गिरावट आई है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 08 अप्रैल, 2022 को समाप्त हफ्ते में 2.471 अरब डॉलर घटकर 604.004 अरब डॉलर रह गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने शुक्रवार देररात जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी।
आरबीआई के जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक बीते पांच हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 28.5 अरब डॉलर घट चुका है। इससे पहले 01 अप्रैल को यह रिकॉर्ड 11.173 अरब डॉलर घटकर 606.475 अरब डॉलर पर आ गया था। आंकड़ों के मुताबिक 25 मार्च, 2022 को यह 2.03 अरब डॉलर घटकर 617.648 अरब डॉलर रहा था। वहीं, शुरुआत से विदेशी मुद्रा व्यापारी तक का रास्ता 18 मार्च को 2.597 अरब डॉलर घटकर 619.678 अरब डॉलर पर आ गया था, जबकि 11 मार्च को यह 9.646 अरब डॉलर घटकर 622.275 अरब डॉलर रह गया था।
रिजर्व बैंक के मुताबिक 8 अप्रैल को समाप्त हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में यह गिरावट विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में आई कमी की वजह से आई है, जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान एफसीए 10.7 अरब डॉलर घटकर 539.727 अरब डॉलर रह गया।
रुपए की गिरावट को रोकने के लिए अब यह काम करेगा RBI
सारांश टाइम्स (बिजनेस डेस्क) । मुद्रा बाजार में डॉलर (US Dollar) के मुकाबले भारतीय रुपये (Indian Rupee) में गिरावट लगातार जारी है। भारतीय रूपया गिरकर 80 के स्तर तक पहुंच चुका है। वहीं विषेषज्ञों की मानें तो यह गिरावट 85 के स्तर तक भी जा सकती है। ऐसे में रूपए की गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई (RBI) एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। घरेलू मुद्रा में जारी गिरावट को थामने के लिए आरबीआई कुल विदेशी मुद्रा भंडार का छठा हिस्सा यानी 100 अरब डॉलर बेचेगा। इस कदम से केंद्रीय बैंक 4 महीने तक रुपये की गिरावट को थाम सकता है। रुपया इस साल जनवरी से अब तक 7 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है। बुधवार को रूपया गिरकर पहली बार 80 के पार पहुंचकर बंद हुआ।
सूत्रों का कहना है कि आरबीआई अगर गिरावट को नहीं थामता है तो रुपया आगे और कमजोर हो सकता है। ऐसे में घरेलू मुद्रा को समर्थन देने के लिए केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा भंडार Forex Reserves से 100 अरब डॉलर से भी ज्यादा बेच सकता है। सूत्रों ने कहा, रुपये में गिरावट वैश्विक स्तर की स्थितियों के अनुरूप है। आरबीआई इस गिरावट को जल्द थामने की कोशिश नहीं करता है। हालांकि, उसके पास इतने साधन हैं कि वह कभी भी इसे रोक सकता है। जरूरत पड़ने पर ज्यादा डॉलर बेच सकता है।
85 तक गिर सकता है रुपया
रुपये के मूल्य में अभी और गिरावट आनी बाकी है। हालांकि, आरबीआई के उठाए गए हालिया कदम से घरेलू मुद्रा को कुछ हद तक मदद मिल सकती है। एक व्यापारी ने कहा, अमेरिका की सख्त नीतियों से आशंका है कि रुपया गिरकर 84-85 तक जा सकता है।
विदेशी निवेशकों को लाने की कोशिश
सरकार और आरबीआई विदेशी निवेशकों Foreign Investors की वापसी की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि एक माह में विदेशी निवेशक वापस आ जाएंगे। हालांकि, सिंगापुर के व्यापारी ने कहा, ब्याज दरें काफी ऊपर हैं। ऐसे में विदेशी निवेशकों की तेजी से भारत आने की संभावना बहुत कम है।
विदेशी मुद्राओं की तुलना में रुपये में कम गिरावट : सीईए
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने बुधवार को कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये में आई कमी दुनिया की अन्य मुद्राओं में आई गिरावट की तुलना में कहीं कम है। रुपये एवं अन्य मुद्राओं में आई गिरावट के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व US Federal Reserve की आक्रामक मौद्रिक नीतियां जिम्मेदार हैं। फेडरल रिजर्व के सख्त रवैये से उभरती अर्थव्यवस्थाओं से विदेशी पूंजी निकासी हो रही है।
रिंग मास्टर फेड रिजर्व के हिसाब से न चले तो मुद्रा पर जोखिम : उदय कोटक
कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी उदय कोटक ने कहा, रिंग मास्टर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अनुरूप नहीं चलने वाले केंद्रीय बैंकों के सामने अपनी मुद्राओं के धराशायी होने का जोखिम मंडरा रहा है। ट्वीट में कहा, फेड रिजर्व की अगुवाई में केंद्रीय बैंक शुरुआत से विदेशी मुद्रा व्यापारी तक का रास्ता झुंड में चलते हैं। रास्ता चाहे आसान हो या मुश्किल…रास्ते से हटे तो आपकी मुद्रा धराशायी हो जाएगी।
विदेशी मुद्रा भंडार 60 अरब डॉलर घटा
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 60 अरब डॉलर घट चुका है। पिछले साल सितंबर में भंडार 642 अरब डॉलर था, जो घटकर 580 अरब डॉलर रह गया। इसके बावजूद आरबीआई का भंडार दुनिया के केंद्रीय बैंकों में 5वां सबसे बड़ा भंडार है।
2023 की शुरुआत में आएगी डिजिटल मुद्रा
आरबीआई थोक और खुदरा क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) के क्रियान्वयन को लेकर काम कर रहा है। आरबीआई के कार्यकारी निदेशक (वित्तीय प्रौद्योगिकी) अजय कुमार चौधरी ने बुधवार को कहा, सीबीडीसी डिजिटल मुद्रा है। हालांकि, इसकी निजी डिजिटल मुद्रा या क्रिप्टोकरेंसी से तुलना नहीं हो सकती है, जो पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ी है। उद्योग मंडल फिक्की के कार्यक्रम में उन्होंने कहा, देश की आधिकारिक डिजिटल मुद्रा 2023 की शुरुआत में पेश हो सकती है। यह वर्तमान में उपलब्ध निजी कंपनी की ओर से संचालित इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट की तरह होगी। इसे सरकार का समर्थन प्राप्त होगा।
खेत से किचन तक कई कड़ियों में बढ़ते हैं सब्जियों और अनाज के दाम
शेयर बाजार 07 अक्टूबर 2022 ,19:45
© Reuters. खेत से किचन तक कई कड़ियों में बढ़ते हैं सब्जियों और अनाज के दाम
नोएडा, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। एक तरफ जहां सरकार है आम जनता को सहूलियत देने की बात करती है। वही लगातार आम आदमी का बजट बिगड़ता जा रहा है। चाहे सब्जियां हो या फिर अनाज, खेत से किचन तक पहुंचने की प्रक्रिया में इनके दाम जमीन से आसमान तक पहुंच जाते हैं। खेत से लेकर मंडी, मंडी से लेकर थोक व्यापारी और थोक व्यापारी से रेहड़ी पटरी तक पहुंचने में सब्जियों और अनाज के दाम कई गुना बढ़ जाते हैं। किसान खेत से निकालकर अपनी सब्जियों को मंडी तक लेकर आता है, लेकिन इस प्रक्रिया में वह खेत में लगी लागत मंडी तक लाने का ट्रांसपोर्टेशन चार्ज जोड़कर उसे मंडी में लाकर आढ़ती तक पहुंचाता है। उत्तर प्रदेश की अगर बात करें तो यहां पर मंडी समितियों में किसान के सामान पर 2.5 परसेंट लिया जाता था और अड़ाती भी अपना 2.5 परसेंट लेता है। यानी समान का कुल दाम का 5 प्रतिशत दाम अपने आप बढ़ जाता है। किसानों को सहूलियत देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने मंडी समिति के 2.5 प्रतिशत को कम करके 1.5 प्रतिशत कर दिया है। यानी कि किसानों को अब कुल दाम का 5 प्रतिशत की जगह 4 प्रतिशत ही देना होता है। बावजूद इसके खेत से निकलने वाला सामान जब आम जनता के किचन तक पहुंचता है तो उसका दाम आसमान तक पहुंच जाता है। मंडी समितियों में किसान के अनाज को बड़े और थोक विक्रेता व्यापारियों को बेचा जाता है और उनके साथ साथ फुटकर व्यापारी भी सामान लेकर जाते हैं जो अपने ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा और साथ-साथ सामान को बेचने की पैकेजिंग के साथ सामान का दाम वसूल करते हैं।
खेत से लेकर किचन तक इन लंबी कड़ियों के चलते जिन सामान के दाम उदाहरण के तौर पर 10 रुपए हैं वह बढ़ते बढ़ते 25 से 30 रुपए पहुंच जाते हैं। साथ ही साथ कई बार खराब मौसम ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल पेट्रोल डीजल के बढ़े दाम यह सभी बरे बड़े कारण होते हैं। जिनके चलते सामान शुरुआत से विदेशी मुद्रा व्यापारी तक का रास्ता के दाम बढ़ जाते हैं। कुछ दिनों पहले ही दिल्ली एनसीआर में 3 दिनों तक लगातार बारिश होती रही, इस दौरान भी कई ऐसी सब्जियां थी जो खेत में पड़े पड़े ही सड़ गई और वह मंडी तक नहीं पहुंच पाए जिसकी वजह से कई सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच गए। अगर बात करें तो आम जनता को ही परेशानी झेलनी पड़ती है। खेत से किचन तक का सफर काफी महंगा होता जा रहा है और आम आदमी का बजट लगातार बिगड़ रहा है।
गाजियाबाद मंडी के आढ़ती एसपी यादव अपने आईएएनएस से बातचीत करते शुरुआत से विदेशी मुद्रा व्यापारी तक का रास्ता हुए बताया की किसान जब अपने सामान को लेकर मंडी पहुंचता है तो वह उसमें खेत में लगने वाले दाम, लेबर का पैसा और मंडी तक लाने का शुल्क सभी जोड़कर यहां पहुंचाता है। यहां पर किसानों से आढ़ती ढाई परसेंट लेते हैं और मंडी समिति डेढ़ परसेंट लेती है। जिसके बाद सामान के दाम बढ़ने लगते हैं।
Dollar Vs Rupee : शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 50 पैसे चढ़कर 81.42 पर पहुंचा
Dollar Vs Rupee : शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 50 पैसे चढ़कर 81.42 पर पहुंच गया. रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81.92 पर बंद हुआ था. मंगलवार को गुरुनानक जयंती के अवसर पर बाजार बंद थे.
Published: November 9, 2022 10:53 AM IST
Dollar Vs Rupee : अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और वैश्विक स्तर पर निवेशकों के बीच जोखिम लेने की धारणा में सुधार आने से बुधवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी शुरुआत से विदेशी मुद्रा व्यापारी तक का रास्ता डॉलर के मुकाबले 50 पैसे चढ़कर 81.42 रुपये पर पहुंच गया.
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विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशी पूंजी का सतत निवेश बढ़ने से भी घरेलू मुद्रा को बल मिला.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 81.43 पर खुला, और फिर बढ़कर 81.42 पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 50 पैसे की वृद्धि दर्शाता है.
रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81.92 पर बंद हुआ था. मंगलवार को गुरुनानक जयंती के अवसर पर बाजार बंद थे.
इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं शुरुआत से विदेशी मुद्रा व्यापारी तक का रास्ता के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.01 प्रतिशत बढ़कर 109.64 पर आ गया.
वैश्विक तेल सूचकांक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ 95.07 डॉलर प्रति बैरल शुरुआत से विदेशी मुद्रा व्यापारी तक का रास्ता के भाव पर था.
शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने सोमवार को शुद्ध रूप से 1,948.51 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.
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