रणनीति विचार

किस समय सीमा को चुनना है

किस समय सीमा को चुनना है
GK GS VVI Question Answer For Bihar Police Exam 2022-23

संयुक्त राष्ट्र से लेकर G20 तक, पीएम मोदी ने कुछ इस तरह रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख को स्पष्ट रखा

हर बार की तरह इस बार भी भारत ने बिना किसी के दबाव में आए और बीच के मार्ग वाली नीति को अपनाते हुए जी-20 सम्मेलन में शांति वार्ता की बात कह दी है।

रूस यूक्रेन युद्ध

रूस और यूक्रेन युद्ध इसी साल फरवरी में शुरू हो गया था और इस तरह जल्द ही इस युद्ध को होते हुए एक वर्ष हो जाएगा। लंबे समय से चल रहा यह युद्ध शांत नहीं हो पा रहा है बल्कि आए दिन युद्ध से जुड़ी कोई न कोई नई सूचना आती ही रहती है। इन सब के बीच यदि भारत की बात करें तो विश्व में एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरते जा रहे भारत के रूस के साथ बहुत पुराने, अटूट और गहरे संबंध हैं। ऐसे में अमेरिका युद्ध की शुरुआत से ही यूक्रेन के पक्ष में बोलने और रूस के लिए कड़वे रुख को अपनाने के लिए भारत पर दवाब बनाता रहा है लेकिन अब तक उसकी दाल नहीं गल सकी है।

भारत का रुख हमेशा स्पष्ट रहा है

वहीं दूसरी तरफ भारत ने अपना एक अलग ही रास्ता निकाल लिया जिस पर चलकर वह लगातार आगे की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में रूस-यूक्रेन युद्ध को यदि हम भारत के परिप्रेक्ष्य में देखेंगे तो जान पाएंगे कि भारत ने किस तरह संयुक्त राष्ट्र से लेकर जी-20 तक रूस-यूक्रेन युद्ध पर अपना पक्ष हमेशा स्पष्ट रखा है।

दरअसल, भारत-रूस के संबंध सोवियत संघ (USSR) के समय से ही मित्रतापूर्ण रहे हैं और स्वतंत्रता के बाद भी भारत रूस की कई वस्तुओं का न केवल आयातक रहा बल्कि समाजिक रूप से भी उसके साथ जुड़ा रहा। उदाहरण के रूप में देखें तो जब भारत ने पाकिस्तान के साथ 1971 का युद्ध लड़ा था तब रूस ही वह देश था जिसने भारत की सहायता की थी। इसीलिए जब रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ तो भारत ने समय की मांग को देखते हुए किसी भी पक्ष में न जाने का फैसला किया और वैसे ही निर्णय लिए जो भारत के हित में हों।

भारत ने अब तक रूस के बारे में क्या कहा

रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत होने से पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद(UNSC) में एक बैठक हुई थी जिसमें भारत को भी बुलाया गया था। वहीं भारत ने बीच का मार्ग निकालते हुए बैठक में वोटिंग न करने का फैसला किया था और कहा था कि अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए रचनात्मक कूटनीति की आवश्यकता है। ध्यान देना होगा कि यह तो एक उदाहरण है जब भारत रूस-यूक्रेन यूद्ध को लेकर अमेरिका के दवाब में आया ही नहीं और अपनी सूझबूझ से फैसला लिया था। इसके अलावा हाल ही में आयोजित हुए जी-20 सम्मेलन का उदाहरण भी हमारे सामने है जिसमें भारत ने बीच के मार्ग वाली नीति को अपनाते हुए शांति वार्ता की बात कह दी है।

अभी कुछ दिनों पहले ही अमेरिकी चैनल CNN ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी का इंटरव्यू लिया था जिसमें उनसे भारत में रूस से होने वाले तेल आयात को लेकर सवाल पूछे गए थे। उनसे पूछा गया कि भारत रूस से सस्ता होने की वजह से तेल निर्यात करता है। पुरी ने स्पष्ट जवाब देते हुए कहा था कि रूस से सिर्फ भारत ही तेल आयात नहीं करता बल्कि यूरोपीय देश भी भारत से कई गुना ज्यादा तेल आयात करते हैं। ऐसे कड़े जवाब केवल पुरी के ही नहीं है बल्कि भारत के विदेश मंत्री तो आए दिन पश्चिमी देशों के पटल पर कड़े जवाब देते ही रहते हैं।

जी-20 का अध्यक्ष बन चुका है भारत

वर्तमान स्थिति को देखें तो इंडोनेशिया के बाली में जी-20 देशों की शिखर बैठक 16 नवबंर को आयोजित हुई थी और इसमें भारत को जी-20 के अध्यक्ष के रूप में चुन लिया गया है। अब सवाल यह है कि इसका रूस-यूक्रेन से क्या संबंध है? दरअसल, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे सभी प्रभावशाली देश इसके सदस्य हैं। ऐसे में आने वाले समय में भारत रूस-यूक्रेन यु्द्ध को शांत करवाने में एक पुल का भी काम कर सकता है। ऐसी उम्मीद इसलिए जताई जा रही है क्योंकि इस समय पश्चिमी देशों से लेकर रूस तक सभी से भारत के अच्छे संबंध हैं और सबको भारत की आवश्यकता है।

दूसरी तरफ रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार यह भारत के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। रूस-यूक्रेन यु्द्ध के बाद पूरी दुनिया दो धूव्रों में बंट चुकी है जिसमें एक अमेरिका के साथ है और दूसरा रूस के साथ है। वहीं भारत की स्थिति इस यु्द्ध को लेकर कुछ और ही है।

भारत अब एक वैश्विक महाशक्ति है

वैश्विक राजनीति में एक समय भारत को दरकिनार करके देखा जाता था। दुनिया के कथित शक्तिशाली देशों का मानना था कि भारत अपनी स्वतंत्र वैश्विक कूटनीति बनाने में सक्षम नहीं है क्योंकि उसके पास जरूरी संसाधनों की भारी कमी है। वहीं रूस यूक्रेन युद्ध के मामले में भारत ने अपने रुख से दुनिया की सोच ही बदल दी है। इसका नतीजा यह है कि भारत को अब एक मुख्य वैश्विक महाशक्ति के रूप में देखा जा रहा है।

एक तरफ अमेरिका के साथ भी भारत के संबंध अच्छे हैं और दूसरी तरफ रूस तो है ही पुराना मित्र और ऐसे में फैसला लेना बड़ा चुनौतीपूर्ण है। परन्तु भारत ने इस धुव्रीकरण के जाल में न फंसते हुए अपने बीच के मार्ग वाली नीति अपनाई है और उसी पर निरंतर चल भी रहा है।

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साल 2022 में अकेले इस खिलाड़ी को मिलेगा खेल रत्न, रोहित शर्मा के कोच को भी मिलेगा ये अवार्ड; देखें पूरी लिस्ट

खास बात यह है कि साल 2022 के लिए किसी भी क्रिकेटर को खेल रत्न व अर्जुन अवार्ड के लिए नहीं चुना गया है।

Priyam Sinha

Written By: Priyam Sinha @PriyamSinha4
Published on: November 14, 2022 20:55 IST

अचंता शरत कमल (बाएं) और. - India TV Hindi News

Image Source : TWITTER अचंता शरत कमल (बाएं) और रोहित शर्मा के बचपन के कोच दिनेश लाड (दाएं)

National Sports Awards 2022: साल 2022 में भारत के लिए खेल की दुनिया में नए मुकाम छूने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित करने का समय अब आ गया है। इस साल के स्पोर्ट्स अवार्ड की लिस्ट जारी कर दी गई है जिसमें सिर्फ एक खिलाड़ी को मिलेगा खेल रत्न और 25 खिलाड़ियों को अर्जुन अवार्ड दिया किस समय सीमा को चुनना है जाएगा। आपको बता दें कि इस बार टेबल टेनिस की दुनिया में कमाल करने वाले दिग्गज खिलाड़ी खिलाड़ी अचंता शरत कमल को 30 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में किस समय सीमा को चुनना है राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित करेंगी। शरत इस साल खेल रत्न पाने वाले अकेले खिलाड़ी हैं।

आपको बता दें कि इस बार 25 खिलाड़ियों को अर्जुन किस समय सीमा को चुनना है पुरस्कार दिया जाएगा जिसमें बैडमिंटन से लेकर मुक्केबाजी और अन्य खेलों के एथलीट शामिल हैं। आपको बता दें कि इस सूची में शामिल ज्यादातर ऐसे एथलीट हैं जिन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में शानदार प्रदर्शन किया था। इसके अलावा रोहित शर्मा के कोच दिनेश लाड़ को भी लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। साथ ही द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए भी कई दिग्गज प्रशिक्षकों के नाम चुने गए हैं। यह सभी पुरस्कार 30 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में दिए जाएंगे। आइए अब देखते हैं पूरी लिस्ट:-

अर्जुन अवार्ड के लिए चुने गए 25 खिलाड़ी

  1. सीमा पूनिया (एथलेटिक्स)
  2. एल्डहोस पॉल (एथलेटिक्स)
  3. अविनाश साबले (एथलेटिक्स)
  4. लक्ष्य सेन (बैडमिंटन)
  5. एच एस प्रणय (बैडमिंटन)
  6. अमित (मुक्केबाजी)
  7. निकहत जरीन (मुक्केबाजी)
  8. भक्ति कुलकर्णी (शतरंज)
  9. आर प्रज्ञानानंदा (शतरंज)
  10. दीप ग्रेस इक्का (हॉकी)
  11. सुशीला देवी (जूडो)
  12. साक्षी कुमारी (कबड्डी)
  13. नयन मोनी सैकिया (लॉनबॉल)
  14. सागर ओव्हालकर (मलखम्ब)
  15. इलावेनिल वालारिवान (निशानेबाजी)
  16. ओमप्रकाश मिठारवाल (निशानेबाजी)
  17. श्रीजा अकुला (टेबल टेनिस)
  18. विकास ठाकुर (भारोत्तोलन)
  19. अंशु (कुश्ती)
  20. सरिता (कुश्ती)
  21. परवीन (वुशू)
  22. मानसी जोशी (पैरा बैडमिंटन)
  23. तरूण ढिल्लो (पैरा बैडमिंटन)
  24. स्वप्निल पाटिल (पैरा तैराकी)
  25. जर्लिन अनिका जे (बधिर बैडमिंटन)

द्रोणाचार्य पुरस्कार (नियमित श्रेणी में कोचों के लिए)

  1. जीवनजोत सिंह तेजा (तीरंदाजी)
  2. मोहम्मद अली कमर (मुक्केबाजी)
  3. सुमा शिरूर (पैरा निशानेबाजी)
  4. सुजीत मान (कुश्ती)

लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

  1. दिनेश लाड (क्रिकेट)
  2. बिमल घोष (फुटबॉल)
  3. राज सिंह (कुश्ती)

ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार

  1. अश्विनी अकुंजी (एथलेटिक्स)
  2. धरमवीर सिंह (हॉकी)
  3. बी सी सुरेश (कबड्डी)
  4. नीर बहादुर गुरंग (पैरा एथलेटिक्स)

राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार

  1. ट्रांस स्टेडिया इंटरप्राइजेस प्राइवेट लिमिटेड
  2. कलिंगा सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान
  3. लद्दाख स्की और स्नोबोर्ड संघ

मौलाना अबुल कलाम आजा ट्रॉफी

  • गुरूनानक देव यूनिवर्सिटी , अमृतसर

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राजीव गांधी हत्या: दोषियों की समय-पूर्व रिहाई के आदेश की समीक्षा के लिए केंद्र अदालत पहुंचा

शीर्ष अदालत ने 11 नवंबर को नलिनी श्रीहरन सहित छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आदेश दिया था. न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार द्वारा अपराधियों की सज़ा में छूट की सिफ़ारिश के आधार पर यह आदेश दिया था. उसके बाद नलिनी के अलावा आरपी रविचंद्रन, संथन, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार जेल से बाहर आ गए. The post राजीव गांधी हत्या: दोषियों की समय-पूर्व रिहाई के आदेश की समीक्षा के लिए केंद्र अदालत पहुंचा appeared first on The Wire - Hindi.

शीर्ष अदालत ने 11 नवंबर को नलिनी श्रीहरन सहित छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आदेश दिया था. न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार द्वारा अपराधियों की सज़ा में छूट की सिफ़ारिश के आधार पर यह आदेश दिया था. उसके बाद नलिनी के अलावा आरपी रविचंद्रन, संथन, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार जेल से बाहर आ गए.

राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी बाएं से दाएं रविचंद्रन, नलिनी श्रीहरन, वी. श्रीहरन उर्फ मुरुगन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कांग्रेस की आलोचना का सामना कर रही केंद्र सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड के छह दोषियों की समय-पूर्व रिहाई के आदेश पर पुनर्विचार के लिए बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

केंद्र ने कहा कि वह इस मामले में एक आवश्यक पक्षकार रहा है, लेकिन उसकी दलीलें सुने बिना ही पूर्व प्रधानमंत्री के हत्यारों को रिहा करने का आदेश पारित किया गया.

सरकार ने कथित प्रक्रियात्मक चूक को उजागर करते हुए कहा कि समय-पूर्व रिहाई की मांग करने वाले दोषियों ने औपचारिक रूप से केंद्र को एक पक्षकार के तौर पर शामिल नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप मामले में उसकी गैर-भागीदारी हुई.

एनडीटीवी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने तर्क दिया कि शीर्ष अदालत के फैसले ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का स्पष्ट उल्लंघन किया है, जिसके परिणामस्वरूप न्याय का हनन हुआ.

इसमें कहा गया है कि जिन छह दोषियों को छूट दी गई है, उनमें से चार श्रीलंकाई हैं.

केंद्र ने अपनी समीक्षा याचिका में कहा, ‘देश के पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के जघन्य अपराध के लिए देश के कानून के अनुसार विधिवत दोषी ठहराए गए विदेशी राष्ट्र के आतंकवादी को छूट देना, एक ऐसा मामला है, जिसका अंतरराष्ट्रीय प्रभाव है और इसलिए यह भारत संघ की संप्रभु शक्तियों के अंतर्गत आता है.’

केंद्र सरकार ने कहा, ‘इस तरह के एक संवेदनशील मामले में, भारत संघ की सहायता सर्वोपरि थी, क्योंकि इस मामले का देश की सार्वजनिक व्यवस्था, शांति और आपराधिक न्याय प्रणाली पर भारी प्रभाव पड़ता है.’

शीर्ष अदालत ने बीते 11 नवंबर को नलिनी श्रीहरन सहित छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आदेश दिया था. न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार द्वारा अपराधियों की सजा में छूट की सिफारिश के आधार पर यह आदेश दिया था.

न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायाधीश बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि मामले के दोषियों में से एक आरोपी एजी पेरारिवलन के मामले में शीर्ष अदालत का पहले दिया गया फैसला, इस मामले में भी लागू होता है.

पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिहा करने का आदेश देने के बाद पैरोल पर बाहर नलिनी ने शीर्ष अदालत का रुख किया था. संविधान के अनुच्छेद-142 के तहत प्रदत्त शक्ति का इस्तेमाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई 2022 को पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था, जिसने 30 साल से अधिक जेल की सजा पूरी कर ली थी.

न्यायालय के आदेश के बाद नलिनी के अलावा आरपी रविचंद्रन, संथन, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार जेल से बाहर आ गए.

मालूम हो कि तमिलनाडु के श्रीपेरुम्बदुर में 21 मई, 1991 को एक चुनावी रैली के दौरान एक महिला आत्मघाती हमलावर ने खुद को विस्फोट से उड़ा लिया था, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मौत हो गई थी. महिला की पहचान धनु के तौर पर हुई थी.

इस हमले में धनु सहित 14 अन्य लोगों की मौत हो गई थी. गांधी की हत्या देश में संभवत: पहली ऐसी घटना थी, जिसमें किसी शीर्षस्थ नेता की हत्या के लिए आत्मघाती बम का इस्तेमाल किया गया था.

राजीव गांधी हत्याकांड के सात दोषी नलिनी श्रीहरन, आरपी रविचंद्रन, एजी पेरारिवलन, संथन, मुरुगन, जयकुमार और रॉबर्ट पायस हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में सात दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. मई 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने उनमें से चार (पेरारिवलन, मुरुगन, संथन और नलिनी) को मौत और अन्य तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. साल 2000 में नलिनी की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया था और 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन सहित अन्य तीन मौत की सजा को कम कर दिया था.

हत्यारों की रिहाई के मामले में केंद्र जान-बूझकर उदासीन बना रहा: कांग्रेस

कांग्रेस ने किस समय सीमा को चुनना है पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषियों की समय-पूर्व रिहाई के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय का रुख किए जाने को लेकर बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार देर से जागी है.

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार इस मामले में जान-बूझकर उदासीन बनी रही.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘राजीव गांधी की हत्या के दोषियों के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का केंद्र सरकार का फैसला देर से जागने का मामला है. भाजपा सरकार इस मामले को लेकर जान-बूझकर उदासीन बनी रही है. जब सभी लोग बाहर आ गए तो फिर अदालत का दरवाजा खटखटाने का क्या मतलब है?’

GK GS VVI Question Answer For Bihar Police Exam 2022-23:- बिहार पुलिस नयी बहली 12873 पदों के लिए शानदार प्रैक्टिस सेट

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GK GS VVI Question Answer For Bihar Police Exam 2022-23

GK GS VVI Question Answer For Bihar Police Exam 2022-23:- दोस्तों बिहार पुलिस नई बहाली 2022- 23 लगभग 12873 पदों पर आने वाली है इसका नोटिफिकेशन 16 नवंबर को उम्मीद थी जारी कर दी जाएगी पर जारी नहीं किया गया। अभी किस दिन नोटिफिकेशन जारी किया जायेगा कन्फर्म जानकारी अभी नहीं मिल पा रही है। जैसे vacancy से संबंधित कुछ ऑथेंटिक जानकारी मिलती है मैं आप लोग के बीच जरूर शेयर करूंगा।

ऐसे पूरी उम्मीद जताई जा रही है कि लास्ट नवंबर तक वैकेंसी का नोटिफिकेशन आ जाएगा देखिए यह तो समय ही बताएगा। पर इतना तो तय है सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और बहाली 12873 पदों पर ही आएगी बहाली आने के बाद आपके पास तैयारी के लिए ज्यादा वक्त नहीं मिल पाएगा इसलिए अभी से आप लोग प्रैक्टिस सेट करते रहें।

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डिग्गी निर्माण के लिए सरकार दे रही है 85 प्रतिशत तक की सब्सिडी, किसान इस तरह करें आवेदन

diggi banane ke liye anudan

डिग्गी निर्माण के लिए अनुदान एवं आवेदन

किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा सिंचाई के विभिन्न साधनों पर अनुदान देती है ताकि फ़सलों का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाई जा सके। इस कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा राज्य में मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना चला रही है, योजना के तहत किसानों को खेत तालाब, पाइप लाइन, डिग्गी आदि संरचनाओं के निर्माण पर अनुदान दे रही है। राजस्थान सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के तहत प्रदेश में 9 हजार से ज्यादा किसानों को डिग्गी निर्माण के लिए आर्थिक उपलब्ध करवायी गयी है।

योजना के तहत किसान डिग्गी निर्माण कर नहरी क्षेत्र में नहर चालू होने के समय उपलब्ध अतिरिक्त पानी को एकत्रित कर सिंचाई के काम में ले सकते हैं। इससे न केवल उनकी सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता पूरी होती है, बल्कि खेती का रकबा भी बढ़ता है और उपज ज्यादा होने से आर्थिक लाभ में भी बढ़ोतरी होती है।

डिग्गी बनाने के लिए सरकार दे रही है 85 प्रतिशत अनुदान Subsidy

मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के अन्तर्गत लघु और सीमान्त किसानों को डिग्गी निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त 10 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। अन्य किसानों के लिए अनुदान राशि लागत की 75 प्रतिशत या अधिकतम 3 लाख रुपए जो भी राशि कम हो दी जाती है, जबकि लघु एवं सीमान्त किसानों को लागत की 85 प्रतिशत राशि, अधिकतम सीमा 3 लाख 40 हजार रुपये दिये जा रहे हैं।

लघु एवं सीमान्त कृषकों को अधिकाधिक योजना का लाभ मिल सके इसके लिए सरकार ने योजना के तहत न्यूनतम 40 प्रतिशत लघु एवं सीमान्त कृषकों को लाभान्वित करने का प्रावधान किया है।

9 हजार से अधिक किस समय सीमा को चुनना है किसानों को दिया गया योजना का लाभ

राजस्थान कृषि विभाग के आयुक्त श्री कानाराम ने बताया कि मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के तहत गत 4 वर्षों में डिग्गी निर्माण के लिए 9 हजार 596 किसानों को 387 करोड़ 03 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। उन्होंने बताया कि कृषि बजट घोषणा वर्ष 2022-23 में राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन के तहत आगामी तीन वर्षों में 15 हजार किसानों को 450 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है।

अनुदान पर डिग्गी निर्माण के लिए आवेदन कैसे करें?

योजना का लाभ लेने के लिए किसान के पास न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर सिंचित कृषि योग्य भूमि होना आवश्यक है। किसानों को डिग्गी बनाने के बाद उसमें सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर, ड्रिप, माइक्रो स्प्रिंकलर सयंत्र स्थापित करना होगा। जिसके पश्चात् राज्य सरकार की ओर से निर्धारित अनुदान दिया जाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए किसान कृषि विभाग के राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

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