रणनीति विचार

ग्रोथ या डिविडेंड

ग्रोथ या डिविडेंड
जब आप ऐसे फण्ड मे निवेश करते है तो इसमे रिस्क बोहोत ज्यादा होती है.और आपको मिलनेवाला रिटर्न लम्बे समय मे मिलता है। ऐसे मे अगर आप रिस्क लेकर ज्यादा रिटर्न लेना चाहते है तो आपको ग्रोथ फण्ड लेना होगा। मे कम उम्र वाले निवेशक को इसे रेकमंड करूँगा।

डिविडेंड पर टैक्स लगाने से ग्रोथ या डिविडेंड क्या ग्रोथ फण्ड मे निवेश करना सही होगा जानिए ग्रोथ फंड्स के बारे मे पूरी जानकारी Grwoth Fund

नमस्कार इस साल के बजट मे आपको मिलनेवाली शेयर के डिविडेंड की राशि (Income) पर टैक्स लगेगा। जो नया टैक्स स्लैब है उसमे आपको ५ हजार से ज्यादा डिविडेंड राशि इनकम पर टैक्स (TDS )देना होगा। ऐसे मे बोहोत सारे लोग जिन्होंने म्यूच्यूअल फण्ड डिविडेंड इनकम हेतु लिए था जिन का एक उद्देश्य टैक्स बचाना भी था क्या करना सही होगा इस मुसीबत मे है।

अगर आप इसी को लेकर ग्रोथ या डिविडेंड चिंतित है तो मुबारक हो आप सही जगह आये हो . सबसे पहले मे ग्रोथ फण्ड के बारे मे पूरी जानकारी दूंगा और उसके बाद बात करेंगे क्या असर पड़ा है नए टैक्स स्लैब से ऐसे डिविडेंड देने वाले म्यूच्यूअल फण्ड के ग्रोथ या डिविडेंड ऊपर।

ग्रोथ फंड्स क्या होते है ?

  • ग्रोथ म्यूच्यूअल फण्ड एक ऐसा फण्ड होता है जो नए कंपनी मे निवेश करता है जो की वेल्थ की तरफ बढ़ रहे होते है।
  • ग्रोथ फण्ड मे सिर्फ ऐसी ही कम्पनिया का शेयर चुना जाता है जिनका रेवेनुए ग्रोथ अच्छा होता है जिनसे एकदम से ज्यादा की रिटर्न मिल सकती है।
  • ग्रोथ या डिविडेंड
  • लेकिन इसमे रिस्क भी उतनी ही है।
  • इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड मे निवेश करने के बाद आप ग्रोथ म्यूच्यूअल फण्ड का विकल्प चुन सकते है।
  • जब की इक्विटी मार्किट ग्रोथ या डिविडेंड मे स्माल मिड और लार्ज कैपिटल कम्पनिया होती है ग्रोथ फण्ड मे इसमे से ही नए कंपनी का शेयर लिए जाते है।
  • ऐसी कम्पनिया अपना प्रॉफिट नए प्रोडक्ट के ग्रोथ या डिविडेंड ग्रोथ या डिविडेंड रिसर्च ,बिज़नेस को बढ़ने के लिए लगाती है इसके कारन ऐसी कम्पनिया डिविडेंड नहीं देती है लेकिन एक छोटे समय मे अच्छा बिज़नेस करके निवेशक को बड़ा रिटर्न जरूर दे सकती है।


डिविडेंड फण्ड या फिर ग्रोथ फण्ड कौनसा अच्छा होगा ?

  • बजट २०२० अप्रैल से आपके म्यूच्यूअल फण्ड डिविडेंड की इनकम पर टैक्स DDT (Dividend Distrubition Tax ) आपके टैक्स स्लैब के हिसाब कटा जायेगा।
  • इससे पहले DDT पहले ही निकल कर आपको आपको डिविडेंड इनकम दी जाती थी।

अब नए नियमो के अनुसार DDT नहीं लगेगी लेकिन डिविडेंड की राशि सीधे आपके इनकम मे ऐड हो जाएगी जिससे आपको आपके इनकम पर जो टैक्स देना है वही एक टैक्स होगा। ऐसे मे डिविडेंड पेइंग म्यूच्यूअल फण्ड अच्छे होंगे या फिर ग्रोथ वाले इस बात पर बोहोत सारे लोग परेशां ग्रोथ या डिविडेंड है। चलिए जानते है कब क्या कौनसा म्यूच्यूअल फण्ड सही होगा।

स्पष्टीकरण

सरल शब्दों में, यदि किसी कंपनी द्वारा अपने शेयरधारक को वितरित किया गया लाभांश पर्याप्त अवधि में बढ़ जाता है, तो यह दर पिछली अवधि की तुलना में आगामी अवधि में लाभांश भुगतान में प्रतिशत वृद्धि को देती है। कंपनी अपने शेयरधारकों को जो लाभांश देती है, वह संबंधित अवधि के लिए उसके मुनाफे की आशंका है। इस प्रकार लाभांश वृद्धि भी कंपनी के प्रदर्शन को निर्धारित करने के लिए विश्लेषक का एक तरीका है।

डिविडेंड ग्रोथ फॉर्मूला

  • D डिविडेंड (D1) = पीरियड P के लिए कंपनी द्वारा भुगतान किया गया डिविडेंड (कोई भी अवधि)
  • लाभांश (D2) = कंपनी द्वारा अवधि P-1 के लिए भुगतान किया गया अवधि (पी से पहले की अवधि)
  • (यह फॉर्मूला उस स्थिति में उपयोग करने के लिए फायदेमंद है जहाँ D1 और D2 लाभांश का भुगतान निकटवर्ती अवधि में किया गया है)

यदि समयावधि की गणना समयावधि के लिए उपलब्ध लाभांश के आधार पर की जानी है, जहां वे आसन्न अवधि नहीं हैं। यानी, अवधि के बीच का अंतर 1 से अधिक है, तो गणना करने के लिए निम्न सूत्र का उपयोग किया जाता है:

डिविडेंड ग्रोथ = (डिविडेंड (डी एन ) / डिविडेंड (डी )) १ / एन - १

  • लाभांश (डीएन) = अवधि के लिए लाभांश एन
  • लाभांश (D0) = शुरुआती अवधि या प्रारंभिक अवधि के लिए लाभांश
  • N = अवधि और Do के बीच का अंतर

कैसे करें गणना? (स्टेप बाइ स्टेप एक्सप्लोरेशन)

  1. उपयोगकर्ता को पहले प्रतिभूतियों के लाभांश भुगतान इतिहास का डेटा एकत्र करने की आवश्यकता है।
  2. दो आसन्न अवधियों के लिए लाभांश का भुगतान उपलब्ध होने की स्थिति में, दो आसन्न अवधियों के विकास की गणना करने के लिए, पिछली अवधि में भुगतान किए गए लाभांश को 'डी 1' और अगली अवधि में 'डी 2' के रूप में श्रेणीबद्ध करता है।
  3. प्रदान किए गए सूत्र में मूल्य डालें, और ग्रोथ या डिविडेंड आप परिणाम के रूप में विकास पा सकते हैं।
  4. दो अवधियों के डेटा के आधार पर चक्रवृद्धि वृद्धि दर की गणना करने के लिए, जो आसन्न नहीं हैं, डेटा एकत्र करें और 'लाभांश' के रूप में भुगतान किए गए प्रारंभिक लाभांश को वर्गीकृत करें और 'लाभांश' के रूप में अगला लाभांश दें। दो अवधियों के बीच के अंतर की गणना करें जो इसे 'एन' कहते हैं।
  5. दर के मूल्यांकन के लिए कंपाउंडेड ग्रोथ रेट फॉर्मूला में समान मान रखें।

Mutual Fund में पैसा लगाने वालों को ग्रोथ ऑप्शन चुनना चाहिए या डिविडेंड, जानिए नफा-नुकसान

 Mutual Funds में निवेश के लिए एसआईपी एक बेहतर विकल्प माना जाता है.

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म्यूचुअल फंड के निवेशक ग्रोथ और डिविडेंड के विकल्प को लेकर अक्सर उलझन में रहते हैं. हम यहां आपको ग्रोथ और डिविडेंड के व . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 10, 2021, 07:36 IST

Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोग हमेशा उन तरीकों को अपनाना चाहते हैं जिस पर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिल सके. इसी तरह म्यूचुअल फंड के निवेशक ग्रोथ और डिविडेंड के विकल्प को लेकर अक्सर उलझन में रहते हैं. हम यहां आपको ग्रोथ और डिविडेंड के विकल्प के बारे में बता रहै हैं. इससे आपको स्कीम में निवेश करते वक्त सही फैसला लेने में मदद मिलेगी.

ग्रोथ ऑप्शन
आइए समझते हैं कि ग्रोथ ऑप्शन में क्या होता है. मान लीजिए किसी ने 10 रुपये की एनएवी प्राइस पर 100 यूनिट खरीदी. उसने कुल 1 हजार रुपये इन्वेस्ट किए. 5 साल बाद उस एनएवी की वैल्यू 30 रुपये हो गई तो उसे एक एनएवी पर 20 रुपये का फायदा हुए. यानी अब उसे कुल फायदा 2 हजार रुपये का हुआ.

Mutual Fund में करना है निवेश, जानें कौन सा ऑप्‍शन बेहतर, ग्रोथ या डिविडेंट

News18 हिंदी लोगो

News18 हिंदी 08-02-2022 News18 Hindi

© News18 हिंदी द्वारा प्रदत्त "Mutual Fund में करना है निवेश, जानें कौन सा ऑप्‍शन बेहतर, ग्रोथ या डिविडेंट"

नई दिल्‍ली. म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) आजकल निवेशकों के लिए सबसे तेजी से बढ़ता विकल्‍प बनता जा रहा है. इसमें ऑप्‍शन की भरमार होने से निवेशक मनचाहे लक्ष्‍य के लिए म्‍यूचुअल फंड चुन सकते हैं. हालांकि, ये दुविधा रहती है कि म्‍यूचुअल फंड के दो विकल्‍पों डिविडेंड और ग्रोथ में से उनके लिए कौन सा बेहतर होगा.

दरअसल, डिविडेंड म्‍यूचुअल फंड में फंड मैनेजर इस पर मिलने वाले रिटर्न को निश्चित अंतराल पर निवेशकों के बीच बांटता जाता है. यह अंतराल रोजाना, मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना हो सकता है. इसके उलट ग्रोथ ऑप्‍शन में म्‍यूचुअल फंड पर मिलने वाला रिटर्न ग्रोथ या डिविडेंड दोबारा निवेश कर दिया जाता है और यह प्रक्रिया योजना से निकासी करने तक चलती रहती है. निवेशक अपनी सुविधा और जरूरत के हिसाब से दोनों ऑप्‍शन में से खुद के लिए चुनाव कर सकते हैं.

एक जैसे नामों से दिग्भ्रमित न हों

म्यूचुअल फंड निवेश के मामले में कुछ ऐसे नाम एवं शब्दावलियां होती हैं जिनमें भिन्नता होते हुए भी कई वजहों से एकरूपता दिखती है। इसकी वजह से निवेशकों के लिए काफी भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। उदाहरण के तौर पर आप ग्रोथ फंड एवं ग्रोथ ऑप्शन को ही देखिए, इसमें नामकरण के स्तर पर कितनी समानता दिखती है। उसी तरह ज्यादातर निवेशक डिविडेंड एवं डिविडेंड यील्ड फंड के आधारभूत अंतर को समझ नहीं पाते एवं दोनों को एक ही जैसा मानते हैं। निवेशकों को इस शब्द के वास्तविक अर्थ एवं नामों के बीच के अंतर को ठीक से समझना होगा। आइए इस पहलू पर विस्तार से चर्चा करते हैं-

इक्विटी फंड्स में डिविडेंड एवं ग्रोथ ऑप्शन

म्यूचुअल फंड बाजार में इस समय कई प्रकार के फंड मौजूद हैं जिनमें काफी समानता दिखती है परंतु उनके बीच के अंतर को पता करने के लिए उनके एसेट क्लास (जहां निवेश किया जा रहा है) पर नजर रखी जा सकती है। मतलब ये कि इक्विटी ओरियेंटेड फंड, इक्विटीज में एवं डेट ओरिएंटेड फंड, डेट ग्रोथ या डिविडेंड में ही अपने पैसै लगाते हैं। एक बार जब फंड विशेष का चुनाव कर लिया जाता है फिर उसके बाद इस बात की रूप-रेखा भी तैयार हो जाती है कि वह किस तरह से प्रदर्शन करेगा। फंड के अंतर्गत इस तरह के कई सब-ऑप्शन हैं जो ग्रोथ एवं डिविडेंड ऑप्शन के रूप में कमाई का प्रबंधन करते हैं।

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