डेरिवेटिव मार्केट क्या है?

इसी तरह, अगर बाज़ार गिर रहा हो औ औसत मार्केट वायड पोजिशन लिमिट बढ़ रही हो तो उसका मतलब होगा कि लोग डेरिवेटिव मार्केट क्या है? बाज़ार के और गिरने के अंदेशे में शॉर्ट सौदे किए जा रहे हैं। वहीं बाज़ार के गिरने के दौर में अगर मार्केट वायड पोजिशन लिमिट भी घट रही हो तो उससे संकेत मिलता है कि शॉर्ट पोजिशन अब कवर की जा रही है और बाज़ार बढ़ सकता है। होता यह है कि जब डेरिवेटिव सौदों की एक्सपायरी होती है चाहे वो साप्ताहिक हो या महीने की, तब मार्केट वायड पोजिशन लिमिट अनिवार्य रूप से घटती है और नया चक्र शुरू डेरिवेटिव मार्केट क्या है? होने के पहले दिन यह बढ़ जाया करती है। गुरुवार को गिरना और शुक्रवार को बढ़ जाना। यह इसका अनिवार्य चक्र है।
डेरिवेटिव्स में भी चले डिमांड-सप्लाई
डेरिवेटिव ट्रेडर बहुत उस्ताद किस्म के प्राणी होते हैं। वे सबसे कम समय में कम से कम रिस्क उठाते हुए ज्यादा से ज्यादा संभव रिटर्न कमाने की जुगत में लगे रहते हैं। वे इसका हवाई ख्वाब नहीं देखते, बल्कि ठोस, समझदार, दमदार कोशिश करते हैं। हालांकि बाज़ार में ज़ीरो रिस्क जैसी कोई चीज़ नहीं होती। और, रिस्क ऐसी तितली नहीं जिसे आप मुठ्ठी में बंदकर रख लें। यहां रिस्क कभी भी बैलून की तरह विस्फोटक हद तक बढ़ सकता है। आप जिसे न्यूनतम समझते है, वह अचानक अधिकतम हो सकता है। यह अनिश्चितता ही रिस्क की डेरिवेटिव मार्केट क्या है? रूह है।
ट्रेडर कैसे संभालते या साधते हैं डिरेवेटिव ट्रेडिंग के डेरिवेटिव मार्केट क्या है? रिस्क को? डेरिवेटिव ट्रेडर का बराबर साबका एक शब्द से पड़ता है। वो है डेरिवेटिव मार्केट क्या है? मार्केट वायड पोजिशन लिमिट (Market Wide Position Limits) या एमडब्ल्यूपीएल। आखिर यह क्या बला है? असल में इस बला का ज्ञान ट्रेडर को ज्यादा मुनाफा कमाने में मदद कर सकता है। इसलिए इसे डेरिवेटिव मार्केट क्या है? जान लेने में कोई नुकसान नहीं। वैसे तो यह सीमा केवल स्टॉक्स के डेरिवेटिव सौदों पर लगती है डेरिवेटिव मार्केट क्या है? और इंडेक्स डेरिवेटिव्स पर नहीं। फिर भी इसकी अवधारणा को समझ लेना ठीक रहेगा। हम डेरिवेटिव्स में केवल इंडेक्स ऑप्शंस और उसमें भी निफ्टी व बैंक निफ्टी ऑप्शंस भी फोकस कर रहे हैं। फिर भी बाज़ार से जुड़े जितने ज्यादा पेंच समझ लेंगे, उतना ही ज्यादा दूसरी डेरिवेटिव मार्केट क्या है? गुत्थियों को सुलझाना आसान हो सकता है।
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These things will decide the condition of the stock market this week, investors should know before investing
Mhara Hariyana News:
स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस हफ्ते वैश्विक रुख और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के प्रवाह से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा कि इस हफ्ते घरेलू मोर्चे पर कोई बड़ा आंकड़ा नहीं आना है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि इस हफ्ते फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक का ब्योरा जारी होगा, जिससे बाजार को आगे के लिए संकेतक मिलेंगे.