विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए

विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए
जेपीमॉर्गन इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री जहांगीर अजीज का मानना है कि अल्पावधि में रुपया एक सीमित दायरे में बना रहेगा और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दरों में वृद्घि के एक और चरण की उम्मीद है। बातचीत में जहांगीर अजीज ने जीडीपी विकास और निर्यात समेत कई मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:
रुपये के बारे में आपका क्या नजरिया है?
मेरी नजर में रुपया निकट भविष्य में 44-444.5 के आसपास मंडराएगा।
इसमें तेजी का सेवाओं एवं निर्यात पर कितना असर पड़ेगा?
वर्ष 2002 से निवेश भारत के विकास में अहम रहा है। जीडीपी की हिस्सेदारी के रूप में घरेलू खपत 2002 के बाद से अब तक हरेक वर्ष घटी है। निर्यात जीडीपी के 10 फीसदी से तेजी से बढ़ कर 25 फीसदी पर पहुंच गया है। भारत में निर्यात विदेशी देशों की मांग पर आधारित है। रुपये में बदलाव का बड़ा असर बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) पर पड़ेगा, क्योंकि यह समरूप उत्पाद है और कीमत-संवेदी है। विदेशों में मांग में 1 फीसदी की गिरावट भी हमारे निर्यात की मात्रा 5 फीसदी तक घटा सकती है।
क्या आप मानते हैं कि आरबीआई विदेशी पूंजी प्रवाह पर लगाम लगाएगा?
जब तक यह प्रवाह बहुत ज्यादा न बढ़ जाए, तब तक आरबीआई को ऐसा तो नहीं करना चाहिए। अभी रुपये की तरलता कम है और यह हरेक दिन इसमें लगभग 50,000 करोड़ रुपये तक कम है। आरबीआई 50,000 करोड़ रुपये तक नियंत्रित कर सकता है। अगर इससे ज्यादा राशि बढ़ाता है तो फिर नियंत्रण की दिशा विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए में कदम उठ जाते हैं। हालांकि ऐसा हुआ तो यह बहुत ज्यादा नहीं होगा।
इस दखल पर आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
वर्ष 2006-07 में आरबीआई ने मार्केट स्टैब्लाइजेशन स्कीम (एमएसएस) बॉन्डों के जरिये 1.8 लाख रुपये के लिए हस्तक्षेप किया था। इस पर 10 फीसदी की ब्याज दर के हिसाब से ब्याज खर्च लगभग 18,000 करोड़ रुपये है। यह राजकोषीय घाटे का एक बड़ा हिस्सा है। अगर हम इसी आकार के एमएसएस बॉन्ड अब जारी करते हैं तो हमें ब्याज दरों में कम से कम 50-100 आधार अंक की वृद्घि करनी होगी।
क्या आप मानते हैं कि एफआईआई प्रवाह आगे भी बरकरार रहेगा? इसका भारतीय बाजारों पर क्या असर पड़ेगा?
यह एक सट्टïा आधारित प्रवाह नहीं है और संतुलन प्रक्रिया अभी भी चल रही है। छोटे फंड अमेरिकी कोषों से अलग पोर्टफोलियो के एक बेहद छोटे हिस्से को पुनर्संतुलित कर रहे हैं। दुर्भाग्यवश, हमारे वित्तीय बाजारों के आकार को देखते हुए इस स्थिति से अनिश्चितता पैदा होती है। बाजार पूंजी के महज 10 फीसदी का ही वास्तव में कारोबार हुआ है। इनमें से प्रमुख 25 कंपनियों में एफआईआई का पैसा लगा है। हमें निकट भविष्य में इस पुनर्संतुलन के बरकरार रहने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2011 के लिए ये पूंजी प्रवाह मजबूती के साथ बरकरार रहेंगे।
ब्याज दर परिदृश्य पर आपका क्या नजरिया है?
हमारा मानना है कि भारत, ब्राजील और चिली में एक और दर वृद्घि देखने को मिलेगी जबकि इजरायल में एक से अधिक बार यह बढ़ोतरी हो सकती है। अक्टूबर-नवंबर के बाद हमें दरों में वृद्घि की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। दिसंबर 2010 में अमेरिकी जीडीपी वृद्घि और मार्च 2011 की तिमाही पर नजर रखे जाने की जरूरत होगी, क्योंकि तब ब्याज दरों में सख्ती आनी शुरू हो जाएगी और फिर ब्रिक देश चक्र को फिर से कठोर बनाना शुरू कर देंगे।
वित्त वर्ष 2011 में भारतीय अर्थव्यवस्था कितना विकास करेगी?
वित्त वर्ष 2011 में वृद्घि दर 8 फीसदी के आसपास देखी जा रही है, क्योंकि निवेश चक्र में अभी बदलाव नहीं आया है। 8 फीसदी की वृद्घि के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारतीय उद्योग जगत को क्षमता विस्तार में 20 फीसदी की वृद्घि करने की
जरूरत है।
Forex Card: कौन ले सकता है फॉरेक्स कार्ड, क्या हैं इसके फायदे और कितना देना होगा चार्ज; जानिए सबकुछ
फॉरेक्स कार्ड लोगों को विदेशी मुद्रा देने में मदद करता है। यह आसानी से कई देशों की मुद्रा प्रोवाइड करा सकता है।
जानिए Forex Card कार्ड के लाभ (फोटो-Freepik)
विदेश में सफर करने के लिए विदेशी मुद्रा की आवश्यकता होती है। अगर आप विदेश में सफर करने वाले हैं, तो विदेशी मुद्रा हासिल करने में आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में फॉरेक्स कार्ड विदेशी मुद्रा प्राप्त करने के काम को आसान बनाता है। यह एक डेबिट कार्ड की तरह है, जो विदेश में आवश्यकता पड़ने पर निकासी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
कौन ले सकता है फॉरेक्स कार्ड
केवल भारतीय नागरिक, जिन्होंने केवाईसी की प्रक्रिया पूरी की है फॉरेक्स कार्ड के लिए अप्लाई कर सकता है। नॉन रेजिडेन्ट भारतीय फॉरेक्स कार्ड के लिए अप्लाई नहीं कर सकते हैं। माता-पिता या पैरेंट की ओर से आवेदन पत्र पर सिग्नेचर करने के बाद 12 वर्ष से अधिक आयु के नाबालिगों को कार्ड जारी किया जा सकता है।
किन दस्तावेजों की होगी जरूरत
फॉरेक्स कार्ड आवेदन फॉर्म ऑनलाइन और ऑफलाइन भरा जा सकता है। इस फॉर्म के साथ कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। फॉरेक्स कार्ड के लिए सेल्फ अटेस्टेड पासपोर्ट की एक कॉपी, वीज़ा और कन्फर्म टिकट की खुद से सत्यापित की गई कॉपी देनी होती है।
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कितना लगेगा चार्ज
फॉरेक्स कार्ड बनवाने से पहले लोगों को इसके चार्जेज के बारे में जान लेना चाहिए। कार्ड जारी करने, मुद्रा लोड करने या टॉप अप करने, एटीएम से निकासी, बैलेंस पूछताछ, सुविधा शुल्क इत्यादि के संबंध में कार्ड पर किए गए लेनदेन पर लगाए गए शुल्क की जांच करनी चाहिए। यह चार्ज बैंक या कंपनी की ओर से अलग-अलग लगाया जाता है।
फॉरेक्स कार्ड के फायदे
इस कार्ड के तहत कंपनी या बैंक यात्री पर बीमा भी प्रदान करती है। एक फॉरेक्स कोर्ड के तहत कई विदेशी मु्द्रा रखी जाती है। फॉरेक्स कार्ड की समय सीमा 5 साल के लिए होती है। इस कार्ड को 60 दिनों के अंदर प्राप्त किया जा सकता है। अगर विदेश यात्रा के दौरान धन का उपयोग नहीं किया गया है, तो इसे भारत आने की तारीख से 180 दिनों के भीतर बैंक को वापस करना होगा।
Multi-Currency Account: 30 से अधिक करेंसीज में कर सकेंगे लेन-देन, स्टूडेंट्स और इंवेस्टर्स के लिए इस तरह बेहतर हैं ये अकाउंट्स
Multi-Currency Account: मल्टी-करेंसी अकाउंट के जरिए एक ही प्लेटफॉर्म के जरिए 30 से अधिक मुद्राओं में 180 से अधिक देशों में लेन-देन संभव होगा.
विनवेस्टा के मल्टी-करेंसी अकाउंट को महज 50 डॉलर में ही अपने पैन और आधार के जरिए मिनटों में खुलवाया जा सकेगा.
Multi-Currency Account: अगर आप दुनिया के कई देशों में निवेश करते हैं तो करेंसी को लेकर एक समस्या खड़ी होती है. सभी देशों की अपनी मुद्राएं होती हैं जिसके चलते अलग-अलग खाते ऑपरेट करने होते हैं जिससे झंझट होती है. ऐसे में मल्टी-करेंसी अकाउंट एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आता है. ब्रिटिश फर्म विनवेस्टा ने भारत का पहला मल्टी-करेंसी अकाउंट लांच किया है जिससे अन्य देशों में निवेश कर रहे भारतीय निवेशकों को बहुत फायदा मिलेगा. इस खाते के जरिए अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउंड और यूरो समेत दुनिया की 30 से अधिक मुद्राओं में लेन-देन किया जा सकेगा. इस खाते को मिनटों में ऑनलाइन खुलवाया जा सकेगा और इससे भारतीय एक ही प्लेटफॉर्म के जरिए दुनिया भर की 30 से अधिक मुद्राओं में पूंजी का लेन-देन कर सकेंगे और निवेश कर सकेंगे. सभी खाताधारकों के हर करेंसी के लिए यूनिक अकाउंट डिटेल्स मिलेगा जैसे कि आईबीएएन, स्विफ्ट कोड इत्यादि. कोई भी शख्स 180 से अधिक देशों को इन खातों के जरिए पैसे भेज सकता है या पा सकता है.
कई कामों में इस्तेमाल हो सकेगा मल्टी-करेंसी अकाउंट का
मल्टी-करेंसी अकाउंट का इस्तेमाल विदेशों में निवेश, विदेशों में विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए पढ़ाई के लिए बचत, विदेशी आय प्राप्त करने या विदेश जाने से पहले कोई खाता खोलने के रूप में किया जा सकता है. स्टूडेंट्स बिना विजा, एसएसन या यूनिवर्सिटी के एडमिशन लेटर के बिना ही यह खाता खोल सकते हैं और जब वे विदेश जाते हैं तो इसका इस्तेमाल जारी रख सकते हैं.
यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि भारतीय नागरिक के लिए विदेशी मुद्रा में खाता खोलने के लिए क्या नियम हैं और इसके लिए विशेष अनुमति या प्रक्रिया का पालन करना होगा या नहीं? इसे लेकर विनवेस्टा के फाउंडर और सीईओ स्वास्तिक निगम का कहना है कि कोई भी भारतीय नागरिक हर साल आरबीआई के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत 2.5 लाख डॉलर (18.7 करोड़ रुपये) का निवेश कर सकता है और जब तक इस सीमा के भीतर तक निवेश रहता है, किसी अतिरिक्त मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी.
Auto Loan: बैंक ऑफ इंडिया ने सस्ता किया ऑटो लोन, 8.30% से ब्याज दर शुरू, चेक करें दूसरे बैंकों का विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए ऑफर
महज 50 डॉलर में मिनटों में खुलवा सकेंगे अकाउंट
लंबे समय तक विदेशी मुद्रा खाता खुलवाना किसी प्रिविलेज से कम नहीं था और कम से कम 50 हजार डॉलर चाहिए होते थे और कई महीनों तक खाता खुलने का इंतजार करना होता था. हालांकि अब विनवेस्टा के मल्टी-करेंसी अकाउंट को महज 50 डॉलर में ही अपने पैन और आधार के जरिए मिनटों में खुलवाया जा सकेगा. भारत से किसी अन्य खाते में पैसे में ट्रांसफर करने पर यह कुछ घंटे से लेकर 2 कारोबार दिवस के बीच यह क्रेडिट हो जाएगा.
विनवेस्टा के को-फाउंडर और प्रेसिडेंट प्रतीक जैन का कहना है कि अमेरिकी स्टॉक्स या ब्रिटिश प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए निवेशकों के पास विदेशी मुद्रा खाता होना जरूरी है. ऐसा नहीं होने पर पैसों को बार-बार एक मुद्रा से दूसरी मुद्रा में कंवर्जन करना होता है जिससे एक्सचेंज कॉस्ट के रूप में बड़ी राशि चुकानी होती है. खाते का पैसा यूके (यूनाइटेड किंगडम) के मनी रेगुलेशंस के जरिए सुरक्षित रहेगा और विनवेस्टा व ई-मनी इंस्टीट्यूशन इस पैसे का इस्तेमाल लेंडिंग के लिए नहीं कर सकेगी. कैश बार्सलेज जैसे बड़े बैंकों के पास सुरक्षित रहेगा.
मल्टी-करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स
- मल्टी-करेंसी अकाउंट खुलवाने के लिए एक बार में 399 रुपये की सेटअप फीस चुकानी होगी.
- किसी भी पेमेंट के लिए 1 डॉलर का फ्लैट फीस चुकाना होगा और मासिक फीस 2.99 डॉलर है.
- करेंसी कंवर्जन की फीस फिक्स्ड नही है लेकिन आने वाले पेमेंट्स पर कोई शुल्क नहीं देना होगा. इस प्रकार कोई शख्स फॉरेक्स से जुड़े खर्चों में 75 फीसदी तक की बचत कर सकता है.विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए
- सभी चार्जेज के बारे में प्राइसिंग प्लान में देख सकते हैं.
- ग्राहक अगर अपने किसी मित्र को इस प्लेटफॉर्म पर इनवाइट करते हैं तो उन्हें एक साल का फ्री मेंबरशिप मिलेगा.
- बेस प्लान के तहत कंपनी ने 5 हजार डॉलर प्रति ट्रांजैक्शन का लिमिट सेट किया है लेकिन हर दिन ट्रांजैक्शन की संख्या को लेकर कोई सीमा नहीं है.
- विनवेस्टा के मल्टी-करेंसी अकाउंट को महज 50 डॉलर में ही अपने पैन और आधार के जरिए मिनटों में खुलवाया जा सकेगा.
- भारत से किसी अन्य खाते में पैसे में ट्रांसफर करने पर यह कुछ घंटे से लेकर 2 कारोबार दिवस के बीच यह क्रेडिट हो जाएगा.
- स्टूडेंट्स बिना विजा, एसएसन या यूनिवर्सिटी के एडमिशन लेटर के बिना ही यह खाता खोल सकते हैं और जब वे विदेश जाते हैं तो इसका इस्तेमाल जारी रख सकते हैं.
- मल्टी-करेंसी अकाउंट के जरिए एक ही प्लेटफॉर्म के जरिए 30 से अधिक मुद्राओं में 180 से अधिक देशों में लेन-देन संभव होगा.
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सिर्फ 7 रुपये जमा करने पर मिलेगी 60 हजार की पेंशन, जानिए क्या है इसकी कैलकुलेशन
Atal Pension Yojana : अगर आप भी अपने रिटायर्मेंट के बाद का जीवन सिक्योर रखने के लिए सुरक्षित निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो सरकार की अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana- APY) बिल्कुल सही उपाय है। अटल पेंशन योजना की शुरुआत साल 2015 में हुई थी। हालांकि, उस समय ये योजना असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के लिए शुरू की गई थी, लेकिन अब 18 से 40 वर्ष का कोई भी भारतीय नागरिक इस योजना में निवेश कर पेंशन का लाभ उठा सकता है।
ये है अटल पेंशन योजना
अटल पेंशन स्कीम (Atal Pension Scheme) एक ऐसी सरकारी योजना है जिसमें आपके द्वारा किए गए निवेश आपकी उम्र पर निर्भर करती है। इस योजना के तहत आपको कम से कम 1,000 रुपये, 2000 रुपये, 3000 रुपये, 4000 रुपये और अधिकतम 5,000 रुपये मासिक पेंशन मिल सकती है। ये एक सुरक्षित निवेश है जिसमें अगर आप रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं तो आपके पास सेविंग्स अकाउंट, आधार नंबर और एक मोबाइल नंबर होना चाहिए।
ये मिलते हैं लाभ
इस योजना के तहत 18 से 40 साल के लोग अटल पेंशन योजना में अपना नॉमिनेशन करा सकते हैं। इस योजना के तहत आप जितनी जल्दी निवेश करेंगे आपको उतना अधिक फायदा मिलेगा। अगर कोई व्यक्ति 18 साल की उम्र में अटल पेंशन योजना से जुड़ता है तो उसे 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 5000 रुपये मासिक पेंशन के लिए बस प्रति माह 210 रुपये जमा करने होंगे। इस तरह से ये योजना अच्छी प्रॉफिट वाली योजना है।
कैसे मिलेगी 5000 रु मासिक पेंशन
इस योजना में अगर आप हर दिन 7 रुपये जमा करते हैं तो आप प्रति माह 5000 रुपये पेंशन पा सकते हैं। वहीं, हर महीने 1000 रुपये की मासिक पेंशन के लिए प्रति माह केवल 42 रुरये जमा करने होंगे। और हर माह 2000 रुपये पेंशन के लिए 84 रुपये, 3000 रुपये के लिए 126 रुपये और 4000 रुपये मासिक पेंशन के लिए हर महीने 168 रुपये जमा करने होंगे।
ये भी है लाभ
इस योजना में ऐसा प्रावधान है कि अगर 60 साल से पहले ही योजना से जुड़े व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो फिर उसकी पत्नी/पति इस योजना में पैसे जमा करना जारी रख सकते हैं और 60 साल के बाद हर महीने पेंशन पा सकते हैं। एक विकल्प यह भी है कि उस व्यक्ति की पत्नी अपने पति की मौत के बाद एकमुश्त रकम का दावा कर सकती है। अगर पत्नी की भी मौत हो जाती है तो एक एकमुश्त रकम उनके नॉमिनी को दे दी जाती है।