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प्रारंभिक लागत

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बिहार में 8733 करोड़ की 10 सड़क परियोजना इस साल होगी पूरी, गडकरी ने दिया सुशील मोदी को जवाब

बिहार में सड़क परियोजना (Road Project in Bihar) पर काफी तेजी से काम हो रहा है. बक्सर के हिस्से में सड़क निर्माण का बहुत सा काम पूरा कर लिया गया है, यहां सिर्फ पुल-पुलिया का निर्माण कार्य बाकी है, जिसे साल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके अतिरिक्त बिहार के सीतामढ़ी-खगड़िया, सीतामढ़ी-जयनगर-नरहिया, गया-दाउदनगर, किशनगंज फ्लाईओवर, फारबिसगंज-जोगबनी, पिपराकोठी-मोतिहारी-रक्सौल अन्य प्रमुख सड़के हैं, जिन्हें इस वर्ष पूरा कर लिया जाएगा.

पटना: इस साल तक 2022-23 में बिहार में 8733 करोड़ की 10 सड़क परियोजना (Ten road projects worth 8733 crore in Bihar) का काम पूरा हो जाएगा. बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Kumar Modi) के एक सवाल के जवाब में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 में 8733.70 करोड़ की 10 सड़क परियोजनाओं को पूरा कर लिया जाएगा. इन परियोजनाओं की प्रारंभिक लागत 7319.17 करोड़ थी लेकिन देरी के कारण 1414.53 लागत मूल्य में वृद्धि हो गई.

बिहार में सड़क परियोजना पर तेजी से काम: सुशील मोदी ने अपने ट्वीट कर इस बारे में बताया कि इस वर्ष पूरी होने वाली महत्वपूर्ण परियोजनाओं में भोजपुर-बक्सर एनएच-84 जिसकी प्रारंभिक लागत 880.62 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 1722.37 करोड़ हो गई है, उसको दिसंबर 2022 में पूरा कर लिया जाएगा. वहीं, कोईलवर-भोजपुर सेक्शन की लागत भी 1069.59 करोड़ से बढ़कर 1657.20 करोड़ हो गई. इसे सितंबर 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके अतिरिक्त सीतामढ़ी-खगड़िया, सीतामढ़ी-जयनगर- नरहिया, गया-दाउदनगर, किशनगंज फ्लाईओवर, फारबिसगंज-जोगबनी, पिपराकोठी-मोतिहारी-रक्सौल अन्य प्रमुख सड़के हैं जिन्हें इस वर्ष पूरा कर लिया जाएगा.

5,618 कार्यशील पैक्सों का कंप्यूटरीकरण: एक अन्य प्रश्न के उत्तर में प्रारंभिक लागत सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि बिहार की 5,618 कार्यशील पैक्सों का कंप्यूटरीकरण किया जाएगा. जिसमें प्रति पैक्स 3 लाख 91 हजार खर्च होंगे. इस व्यय में 60% भारत सरकार और 40% राज्य सरकार वहन करेगी. शाह ने यह भी बताया कि प्रति 200 पैक्स पर ‘सहयोग केंद्र’ स्थापित किए जाएंगे जो 2027 तक पैक्स को हार्डवेयर सहयोग, अनुरक्षण, प्रशिक्षण और हैंड होल्डिंग प्रदान करेंगे.

Jabalpur High Court News: नल-जल योजना के पाइप बिछाने क्यों तोड़ दी लाखों की लागत से बनी सड़क

Jabalpur High Court News: नल-जल योजना के पाइप बिछाने क्यों तोड़ दी लाखों की लागत से बनी सड़क

Jabalpur High Court News: जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर बताया गया कि प्रारंभिक लागत शासन की नल जल योजना के तहत गांव में पाइप बिछाने के लिए लाखों रुपये में बनी सड़क तोड़ दी गई। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कमार कौरव की युगलपीठ ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग के सचिव, पीएचई रीवा के कार्यपालन यंत्री और लोनिवि के एसडीओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 13 जून वाले सप्ताह में निर्धारित की गई है।

जनहित याचिकाकर्ता रीवा की ग्राम पंचायत चौड़ियार निवासी प्रकाश कुमार मिश्रा की ओर से अधिवक्ता बृजेंद्र मिश्रा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि जनहित याचिकाकर्ता के गांव में वर्ष 2019 में नल जल योजना का काम शुरू किया गया। इसके तहत गांव तक पाइप लाइन बिछाई गई।पाइप बिछाने का काम भी लगभग 60 प्रतिशत ही पूरा हुआ है। चंद वर्ष पूर्व ही करीब 80 लाख रुपये की लागत से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना प्रारंभिक लागत के तहत सीमेंटेड रोड बनी थी। नल जल योजना का काम करने में यह सड़क पूरी तरह बर्बाद कर दी गई। याचिकाकर्ता की ओर से पीएचई, जनपद पंचायत व पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को अभ्यावेदन दिए, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई।हाई कोर्ट ने प्रारंभिक तर्क सुनने के बाद नोटिस जारी कर दिए।

Jabalpur High Court News: मामला दुर्भावनावश फंसाने से संबंधित है, इसलिए निरस्त करो एफआईआर

जिला बार के बिजली बिल विवाद का हल निकलेगा

जिला बार एसोसिएशन, जबलपुर के बिजली बिल विवाद का हल शीघ्र निकलने की उम्मीद है। अध्यक्ष आरके सिंह सैनी व सचिव राजेश तिवारी ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश, हाई कोर्ट प्रशासन, मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री प्रारंभिक लागत सहित अन्य ने की गई शिकायतों का असर हुआ है। बिजली विभाग ने पत्र के जरिये इस सिलसिले में ऊर्जा मंत्री से मिले निर्देश के बारे में अवगत कराया है। जिसमें कहा गया है कि जांच उपरांत प्रतिवेदन उनके समक्ष प्रस्तुत किया जाए। जिला बार ने अपना बिजली कनेक्शन पृथक किए जाने व बिजली बिल सरकार द्वारा भरे जाने पर बल दिया था। इस सिलसिले में मुख्यमंत्री के पूर्व आश्वासन का हवाला दिया था। अध्यक्ष आरके सिंह सैनी ने भरोसा जताया कि बिजली विभाग की जांच के बाद प्रतिवेदन के आधार पर ऊर्जा मंत्री समुचित निर्णय लेकर राहत प्रदान करेंगे।

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ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत ऊर्जा वे है जिसका उपयोग सतत-विकास संभव नहीं हैं और ये समाप्य संसाधन हैं। जीवाश्म ईंधन (कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस) और परमाणु ऊर्जा, ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों के अंतर्गत आते हैं।

गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत सतत ऊर्जा स्रोत हैं जो आसानी से फिर से भरने योग्य होते हैं और प्रकृति में समाप्त नहीं होते हैं। ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत निम्नलिखित हैं:

  • सौर ऊर्जा
  • पवन ऊर्जा
  • पनबिजली ऊर्जा
  • ज्वारीय और तरंग ऊर्जा
  • भू - तापीय ऊर्जा
  • बायोमास ऊर्जा

ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों की तुलना में ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत अधिक समान रूप से वितरित और पर्यावरण के अनुकूल हैं।

प्रारंभिक लागत का ध्यान रखने के बाद ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत टिकाऊ, पर्यावरण के अनुकूल, और ऊर्जा के सस्ते स्रोत हैं।

भाग-B: प्रारंभिक समष्टि अर्थशास्त्र UNIT-I राष्ट्रीय आय एवं संबंधित सामुच्चय-मूल – अवधारणा एवं मापन

राष्ट्रीय आय एवं संबंधित सामुच्चय-मूल

38. राष्ट्रीय आय मापने की वह विधि जो एक लेखा वर्ष में देश की घरेलू सीमा के अंदर प्रत्येक उत्पादक उद्यम द्वारा उत्पादन में किये गये योगदान की गणना करके राष्ट्रीय आय को मापती है वह कौन विधि कहलाती है ?

(A) उत्पाद विधि
(B) मूल्य वृद्धि विधि
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें सभी

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39. प्राथमिक क्षेत्र (Primary Sector) में किसे शामिल किया जाता है ?

(A)भूमि
(B) जल
(C) वन
(D) इनमें सभी

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40. गौण क्षेत्र अथवा द्वितीयक क्षेत्र में कौन शामिल किया जाता है ?

(A) गन्ने से चीनी
(B) कपास से कपड़ा
(C) (A) एवं (B) दोनों
(D) इनमें सभी

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41. तृतीयक क्षेत्र में किसे शामिल किया जाता है –

(A) बैंक
(B) बीमा
(C) संचार
(D) इनमें सभी

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42. प्राथमिक क्षेत्र को जाना जाता है –

(A) कृषि तथा संबंधित क्षेत्र
(B) निर्मित क्षेत्र
(C) सेवा क्षेत्र
(D) इनमें सभी

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43. द्वितीयक क्षेत्र को जाना जाता है –

(A) सेवा क्षेत्र
(B) निर्मित क्षेत्र
(C) कृषि क्षेत्र
(D) इनमें सभी

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44. राष्ट्रीय आय का मापन निम्नलिखित में किस-किस विधि से किया जाता है ?

(A) उत्पादन विधि या मूल्य वृद्धि विधि
(B) आय विधि
(C) व्यय विधि
(D) इनमें सभी

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45. एक अर्थव्यवस्था में कौन-सा क्षेत्र शामिल रहता है ?

(A) प्राथमिक
(B) द्वितीयक
(C) तृतीयक
(D) इनमें सभी

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46. राष्ट्रीय आय के आकलन में किसी वस्तु या सेवा का मूल्य एक से अधिक बार शामिल करना कहलाता है –

(A) एकल गणना
(B) दोहरी गणना
(C) बहुल गणना
(D) इनमें से कोई नहीं

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47. मौद्रिक लागत में निम्नलिखित में किसे सम्मिलित किया जाता है ?

(A) सामान्य लाभ
(B) व्यक्त लागत
(C) अव्यक्त लागत
(D) उपर्युक्त सभी

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48. राष्ट्रीय आय में निम्नलिखित में से किसे सम्मिलित किया जाता है ?

(A) हस्तान्तरण भुगतान
(B) शेयर और बाण्ड की बिक्री से प्राप्त राशि
(C) काले धंधे से प्राप्त आय
(D) इनमें से कोई नहीं

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49. साख गुणक क्या है ?

(A) 1/नकद कोष अनुपात
(B) नकद x 1/नकद कोष अनुपात
(C) नकद x प्रारंभिक लागत नकद कोष अनुपात
(D) इनमें से कोई नहीं

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50. स्थिर कीमत पर राष्ट्रीय प्रारंभिक लागत आय को क्या कहते हैं ?

(A) नकद राष्ट्रीय आय
(B) वास्तविक राष्ट्रीय आय
(C) GNP अवस्फीतिक
(D) इनमें से कोई नहीं

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51. एक लेखा वर्ष में किसी देश में जितनी भी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन होता है, उसके बाजार मूल्य को क्या कहते हैं ?

(A) सकल राष्ट्रीय उत्पाद प्रारंभिक लागत
(B) राष्ट्रीय आय
(C) सकल घरेलू उत्पाद
(D) शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद

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52. राष्ट्रीय प्रयोज्य आय की गणना निम्न में किस पर होती है ?

(A) बाजार कीमत
(B) साधन लागत
(C) बाजार कीमत और साधन लागत दोनों पर
(D) इनमें से कोई नही

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53. पूंजी स्टॉक की वृद्धि क्या कहलाती प्रारंभिक लागत है ?

(A) पूंजी हास
(B) पूंजी लाभ
(C) पूंजी निर्माण
(D) इनमें से कोई नहीं

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54. निम्न में से किस उद्देश्य से खरीदी गई वस्तुएँ अन्तिम वस्तुएँ कहलाती है ?

(A) आवश्यकता की संतुष्टि हेतु
(B) फर्म में निवेश हेतु
(C) दोनों A और B
(D) इनमें से कोई नही

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